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बाजार का राज्य और विकास

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राजस्थान की राज्य स्तरीय स्टीयरिंग समिति की बैठक आयोजित

18 नवम्बर 2022, जयपुरराजस्थान की राज्य स्तरीय स्टीयरिंग समिति की बैठक आयोजित – मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा की अध्यक्षता में शासन सचिवालय में पुनरुत्थान राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान की राज्य स्तरीय स्टीयरिंग समिति की बैठक आयोजित हुई। उन्होंने राज्य में अभियान के तहत आधारभूत ढ़ाचे के निर्माण कार्यों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों तथा विभिन्न पोर्टलों पर प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अभियान के तहत स्वीकृत कार्यों को जल्दी से जल्दी पूरा करने के निर्देश दिये।

मुख्य सचिव ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों को स्थानीय स्तर पर प्राप्त करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं के शासकीय क्षमता संवर्धन के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने प्रशिक्षण मॉड्यूल और सामग्री सहित क्षमता निर्माण के सभी क्रियाकलापों को समयबद्धता के साथ पूरा करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि पंचायतों को मजबूत करने से सामाजिक न्याय और समुदाय के आर्थिक विकास के साथ-साथ समानता और समावेशन को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा पंचायती राज संस्थाओं द्वारा ई-गवर्नेंस के अधिक उपयोग से बेहतर सेवा वितरण और पारदर्शिता हासिल करने में भी मदद मिलेगी।

बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अभय कुमार, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा के अतिरिक्त संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।

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Assam Governor

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-ऋणदाताओं से कृषि और कृषक समुदाय के विकास के लिए अपना समर्थन प्रदान करने का किया आह्वान

गुवाहाटी, 21 नवंबर (हि.स.)। असम के राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था को 05 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में हमें कृषि और इसके संबद्ध क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। यह बातें राज्यपाल प्रो. मुखी ने सोमवार को यहां शहर के एक होटल में नाबार्ड, असम क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा आयोजित राज्य ऋण संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कही।

इस अवसर पर राज्यपाल प्रो. मुखी ने कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था जिसमें सेवा क्षेत्र प्रमुख क्षेत्रों में से एक है, अब भी कृषि और संबद्ध क्षेत्रों पर निर्भर है, जो अर्थव्यवस्था को स्थिरता और विकास की गति प्रदान करते हैं। कृषि ऋण और सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण कृषि आदानों की समय पर उपलब्धता कृषि क्षेत्र के कुशल प्रदर्शन की कुंजी है। चूंकि, देश की आबादी का बड़ा हिस्सा अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है, इसलिए उन्हें एक मजबूत ग्रामीण बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र प्रदान करना उनके कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) इस संबंध में एक अनिवार्य भूमिका निभाता है।

प्रो. मुखी ने कहा कि खाद्य फसलों की खेती और मिश्रित फसल की खेती और बहुमौसम फसल को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित योजनाओं जैसे- असम बाजरा मिशन, असम चारा मिशन, प्राकृतिक खेती और टिश्यू कल्चर आदि जैसी आधुनिक तकनीक की शुरुआत से फसल विविधीकरण से कृषि क्षेत्र को बदलने में मदद मिलेगी। कृषि भूमि के सभी भूखंडों के लिए आधार की तरह मृदा परीक्षण और मृदा कार्ड अनिवार्य होना चाहिए। फसल बीमा का संतृप्ति कवरेज प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए। किसान को गुणवत्तापूर्ण कृषि आदानों (बीज, उर्वरक, कीटनाशक) की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति सरकार द्वारा किए गए मिशनों की सफलता को परिभाषित करेगी।

राज्यपाल ने कहा कि अष्टलक्ष्मी की वास्तविक क्षमता का एहसास करने के लिए प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण तभी साकार होगा जब नाबार्ड और सभी बैंकिंग बिरादरी पूर्वोत्तर क्षेत्र की संभावनाओं और भारत सरकार और सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों द्वारा उजागर की गई प्राथमिकताओं पर ध्यान दें। असम के ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में भारत सरकार की प्रमुख योजनाएं, अर्थात् ग्रामीण भंडारन योजना (यानी ग्रामीण गोदाम योजना), पीएम कृषि सिंचाई योजना (यानी कृषि सिंचाई मिशन), पीएम फसल बीमा योजना (यानी फसल बीमा पर), पीएम किसान सम्मान निधि, पशुधन बीमा योजना और जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना इस संबंध में सबसे उल्लेखनीय हैं।

प्रो. मुखी ने हितधारकों से अनुरोध किया कि वे जमीनी स्तर पर ऋण प्रवाह को बढ़ाने के लक्ष्य का लगातार पीछा करें और असम में बैंकों और वित्तीय संस्थानों से आग्रह करें कि वे न केवल असम, बल्कि उत्तर-पूर्वी क्षेत्र को देश भर में भी सबसे आगे रखने के सपने को साकार करने में अत्यधिक समर्थन और सहयोग दें।

इस मौके पर राज्य की वित्त मंत्री अजंता नेउग ने अपने संबोधन में राज्य ऋण संगोष्ठी के आयोजन के लिए नाबार्ड की सराहना की।

कार्यक्रम में मुख्य महाप्रबंधक नवीन ढींगरा, आयुक्त एवं सचिव वित्त मनीष ठाकुर, क्षेत्रीय निदेशक आरबीआई संजीव सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

Stock Market This Week: बाजार में बढ़त का सिलसिला थमा, लेकिन इन स्टॉक्स में हुई कमाई

हफ्ते के दौरान बीएसई 500 में शामिल 180 स्टॉक बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं. वहीं बाकी में गिरावट देखने को मिली है. 10 से ज्यादा स्टॉक ऐसे रहे हैं जहां निवेशकों को हफ्ते के दौरान 10 प्रतिशत से ज्यादा कमाई हुई है.

Stock Market This Week: बाजार में बढ़त का सिलसिला थमा, लेकिन इन स्टॉक्स में हुई कमाई

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा

Updated on: Nov 19, 2022 | 1:48 PM

शेयर बाजार में पिछले 4 हफ्तों से जारी बढ़त का सिलसिला इस हफ्ते थम गया है. हफ्ते के दौरान स्टॉक में सीमित दायरे में कारोबार देखने को मिला और हफ्ते के अंत में इंडेक्स नुकसान के साथ बंद हुए हैं. स्टॉक मार्केट में हफ्ते की गिरावट के लिए विदेशी बाजारों के संकेत अहम रहे. विदेशी बाजारों में अनिश्चितता बनी रहने से निवेशकों ने हफ्ते के दौरान सतर्क रुख रखा वहीं. रूस यूक्रेन संकट के पोलैंड की सीमा तक पहुंचने की आशंका से भी हफ्ते के दौरान बाजार पर नकारात्मक असर देखने को मिला. इस दौरान घरेलू बाजार स्टॉक स्पेस्फिक कारोबार दिखा और गिरावट के बीच भी कई स्मॉलकैप स्टॉक्स ऐसे रहे जहां निवेशकों को 10 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न मिला है.

कैसे रहे हफ्ते में घरेलू बाजार

18 नवंबर को खत्म हुए हफ्ते के दौरान बीएसई सेंसेक्स 0.21 प्रतिशत की गिरावट दर्ज कर बंद हुए हैं. इंडेक्स फिलहाल 61600 के स्तर से ऊपर कारोबार कर रहा है. दूसरी तरफ निफ्टी 0.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ है, हालांकि निफ्टी गिरावट के बाद बी 18300 के स्तर को बचाने में सफल रहा. सेक्टर के प्रदर्शन की बात करें तो हफ्ते के दौरान सरकारी बैंकों के स्टॉक्स में सबसे ज्यादा तेजी दर्ज हुई. इंडेक्स हफ्ते के दौरान 2.3 प्रतिशत बढ़कर बंद हुआ है. सरकारी बैंकों में टॉप मैनेजमेंट की सेवा अवधि 5 साल से 10 साल बढ़ाने से जुड़े फैसले का स्टॉक्स का फायदा मिला. वहीं निफ्टी बैंक इंडेक्स में 0.7 प्रतिशत की बढ़त रही.

दूसरी तरफ मीडिया सेक्टर के इंडेक्स में 5.3 प्रतिशत, ऑटो सेक्टर इंडेक्स में 2 प्रतिशत एफएमसीजी और पावर सेक्टर इंडेक्स में 1.7 प्रतिशत की गिरावट रही है. हफ्ते के दौरान बीएसई मिडकैप इंडेक्स 1.3 प्रतिशत, बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 0.8 प्रतिशत और बीएसई लार्ज कैप इंडेक्स 0.5 गिरकर बंद हुआ है. हफ्ते के दौरान एफआईआई ने 349 करोड़ रुपये मूल्य के बराबर इक्विटी खरीदी. वही हफ्ते के दौरान घरेलू निवेशक ज्यादा बढ़े खरीदार निकले. उन्होने इस दौरान 2274 करोड़ रुपये मूल्य के बराबर इक्विटी खरीदी है.

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कहां हुई निवेशकों की कमाई

हफ्ते के दौरान बीएसई 500 में शामिल 180 स्टॉक बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं. वहीं बाकी में गिरावट देखने को मिली है. 10 से ज्यादा स्टॉक ऐसे रहे हैं जहां निवेशकों को हफ्ते के दौरान 10 प्रतिशत से ज्यादा कमाई हुई है. स्मॉलकैप स्टॉक्स में ये आंकड़ा 43 स्टॉक्स का था. मुनाफा कमाने वाले स्टॉक्स में रेल विकास निगम 24 प्रतिशत, इरकॉन इंटरनेशनल 17 प्रतिशत और आईआरएफसी हफ्ते के दौरान 13 प्रतिशत बढ़ा है. टिमकेन इंडिया में 21 प्रतिशत की बढ़त दर्ज हुई. रेडिंगटन इंडिया में 13 प्रतिशत की बढ़त रही. इंडिया बुल्स रियल एस्टेट और यूनियन बैंक में भी हफ्ते के दौरान 10 प्रतिशत से ज्यादा की कमाई देखने को मिली है.

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नयी दिल्ली, 22 नवंबर (वार्ता)। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को देश के विकास का ग्रोथ इंजन बताते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश एक प्रगतिशील परिवर्तनकारी यात्रा के शिखर पर है। राष्ट्रीय राजधानी के सुषमा स्वराज प्रवासी भारतीय भवन में आयोजित उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit) की कर्टेन रेज़र सेरेमनी में श्री योगी ने दुनिया भर के औद्योगिक निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। जीआईएस 2023 के लोगो का अनावरण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश आज एक प्रगतिशील परिवर्तनकारी यात्रा के शिखर पर है। उन्होंने कहा कि भारत को पांच हजार अरब (five trillion) डॉलर की अर्थव्यवस्था का देश बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के विजन का अनुकरण करते हुए उत्तर प्रदेश ने अपने लिए दस खरब डालर का लक्ष्य रखा है। इस क्रम में राज्य सरकार 10 से 12 फरवरी, 2023 तक लखनऊ में एक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कर रही है, ताकि राज्य में उपलब्ध असीम व्यावसायिक अवसरों से देश और दुनिया लाभान्वित हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह इन्वेस्टर्स समिट वैश्विक औद्योगिक जगत को आर्थिक विकास में सहयोग करने के लिए एक एकीकृत मंच प्रदान करने में उपयोगी सिद्ध होगा। तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन में विश्व स्तर के नीति निर्धारकों, कॉर्पोरेट जगत के शीर्ष नेतृत्व, व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों, एकेडेमिया, विचार मंच एवं प्रबुद्धजनों द्वारा प्रतिभाग किया जाएगा तथा सामूहिक रूप से व्यावसायिक संभावनाओं एवं सहभागिता के अवसरों पर मंथन किया जाएगा। बड़े उद्देश्य वाले इस विशिष्ट आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश दुनिया भर के निवेशकों को आमंत्रित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि इस बार इस समिट के माध्यम से प्रदेश ने 10 लाख करोड़ रूपये के वैश्विक निवेश का लक्ष्य रखा है। समिट की अब तक की तैयारियों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समिट के भव्य आयोजन में हमारे साथ भागीदारी करने के लिए अब तक लगभग 21 देशों ने उत्साह जताया है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में नीदरलैंड, डेनमार्क, सिंगापुर, यूनाइटेड किंगडम बाजार का राज्य और विकास और मॉरीशस ने हमारे साथ पार्टनर कंट्री के रूप में सहभागिता करेंगे। इसके अलावा, दुनिया भर के औद्योगिक निवेशकों को समिट में आमंत्रित करने के लिए प्रदेश सरकार भी 18 देशों एवं देश के सात प्रमुख नगरों में रोड-शो भी आयोजित कर रही है।
विभिन्न देशों के राजदूतों/उच्चायुक्तों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा “ आप सभी आएं, भागीदारी करें तथा ग्लोबल समिट को सफल बनाएं। ” उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र की प्रतिष्ठित इकाइयों के शीर्ष प्रबंधन एवं केन्द्र सरकार के अधिकारियों के सहयोग के लिए भी आभार जताया।
श्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने पिछले कुछ वर्षों में सक्षम नीतिगत समर्थन एवं विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा प्रदान करके अपने कारोबारी माहौल में बड़े पैमाने पर सुधार किया है। प्रोएक्टिव इनवेस्टर कनेक्ट तथा हैंडहोल्डिंग के लिए सरकार ने समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने एवं उनके कार्यान्वयन की निगरानी के लिए ‘निवेश सारथी’ के नाम एक नई ऑनलाइन प्रणाली विकसित की है, साथ ही एक ऑनलाइन प्रोत्साहन प्रबंधन प्रणाली भी विकसित किया गया है।
प्रदेश की नवीनतम औद्योगिक नीति एवं क्षेत्रीय नीति से परिचय कराते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आईटी/आईटीईएस, डेटा सेंटर, ईएसडीएम, डिफेंस एवं एयरोस्पेस, इलेक्ट्रिक वाहन, वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, टेक्सटाइल, एमएसएमई, आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए लगभग 25 नीतियों को तैयार करके नीति संचालित शासन के माध्यम से औद्योगिक विकास के लिए एक समय पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में अनेक सुधारात्मक कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि इस प्रमुख निवेश शिखर सम्मेलन के माध्यम से राज्य सरकार का ध्येय निवेशक समुदाय के बीच उत्तर प्रदेश के निवेश आकर्षण को सुदृढ़ करने एवं राज्य के सर्वसमावेशी विकास हेतु अवसरों के सृजन करने की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रणनीतिक रूप से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के निकट स्थित उत्तर प्रदेश आकार में भारत बाजार का राज्य और विकास का चौथा सबसे बड़ा राज्य है हमारे राज्य में 24 करोड़ नागरिक निवास करते हैं, जो इसे भारत का सबसे बड़ा श्रम एवं उपभोक्ता बाजार बनाते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार वायु, जल, बाजार का राज्य और विकास सड़क एवं रेल नेटवर्क के माध्यम से निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए त्वरित गति से बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है, जिससे उद्योगों को वैश्विक एवं घरेलू बाजार तक पहुंच बनाने में लॉजिस्टिक्स की सुलभता में वृद्धि होगी।
भारत की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में से एक होने के नाते, उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में लगभग आठ प्रतिशत का योगदान करता है। हमने अपनी नीतियों में संरचनात्मक परिवर्तन करके एक प्रतिस्पर्धी, आकर्षक एवं सहायक प्रोत्साहन ढांचा प्रदान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की नई औद्योगिक नीति एक विकल्प आधारित मॉडल प्रदान करती हैं, जो उत्पादन, रोजगार एवं निर्यात को प्रोत्साहित करती है। यही नहीं हम सर्कुलर इकॉनमी और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे नए क्षेत्रों को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में अनेक औद्योगिक परियोजनाओं पर काम कर रही है। रक्षा औद्योगिक गलियार का उतर प्रदेश में विकसित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश में आगरा, अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, झासी एवं चित्रकूट में से अलीगढ़ नोड का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहले ही किया जा चुका है, जबकि अन्य नोड्स में भूमि आवंटन प्रगति पर है।

Saras Aajeevika Mela 2022: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सरस आजीविका मेला 2022 का किया उद्घाटन, 60000 से ज्यादा स्टार्टअप शामिल!

केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री, गिरिराज सिंह ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में “सरस आजीविका मेला, 2022” का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत में स्टार्टअप बूम ने देश के स्वयं सहायता समूह के लिए भी आंदोलन का रास्ता बनाना शुरू कर दिया है.

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नई दिल्ली के प्रगति मैदान में ' सरस आजीविका मेला , 2022' का उद्घाटन करने के बाद , केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री , गिरिराज सिंह ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय को तीन राज्यों से उत्पादों और शिल्प क्षेत्रों में स्टार्टअप के लिए 60,000 से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं.

गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत में स्टार्टअप बूम ने देश में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के लिए भी आंदोलन का रास्ता बनाना शुरू कर दिया है. पिछले आठ वर्षों में एसएचजी सदस्यों की संख्या 2.35 करोड़ से बढ़कर लगभग 9 करोड़ हो चुकी है और 2024 तक इसे 10 करोड़ बनाने का लक्ष्य है .

गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में लाल किले की प्राचीर से स्टार्टअप इंडिया की शुरूआत की थी और 2014 में देश में 400 स्टार्टअप थे जो आज बढ़कर 80,000 से ज्यादा हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इकोसिस्टम के क्षेत्र में भारत का स्थान विश्व में तीसरा है और देश में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न सक्रिय हैं. मंत्री ने कहा कि जल्द ही दीदियों (महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य) के पास अपने स्टार्टअप होंगे क्योंकि उनका मंत्रालय इन प्रस्तावों पर सक्रियता से विचार कर रहा है.

गिरिराज सिंह ने दीनदयाल अंत्‍योदय योजना - राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई–एनआरएलएम) के प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि 2014 में एसएचजी के 2.35 करोड़ सदस्य थे , लेकिन पिछले आठ वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के सक्रिय समर्थन से एसएचजी के सदस्यों की संख्या बढ़कर लगभग 9 करोड़ हो चुकी है. उन्होंने कहा कि 2024 तक इसे 10 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है. उन्होंने स्मरण किया कि जब वह एमएसएमई मंत्री थे , तब खादी की बिक्री लगभग 8,000 करोड़ रुपये थी जो अब बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये को पार कर चुकी है , सिर्फ इसलिए क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लोगों से खादी का कम से कम एक उत्पाद खरीदने की अपील की गई.

मंत्री ने यह भी कहा कि 2014 से पहले एसएचजी का संचयी ऋण लगभग 80 , 000 करोड़ रुपये था और पिछले आठ वर्षों में बैंक लिंकेज 5.7 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुका है , जिसमें नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) मात्र 2.1 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि एनपीए को एक प्रतिशत से नीचे लाने की कोशिश की जा रही है.

ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि एनआरएलएम ग्रामीण एसएचजी महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे व्यवसायों का समर्थन देने की कोशिश कर रहा है जो खाद्य उत्पादों , हस्तशिल्पों और हैंडलूम आदि का उत्पादन करने में लगे हुए हैं. उत्पादकों और बाजारों को आपस में लिंक करने के प्रयासों के भाग के रूप में , एनआरएलएम और एसआरएलएम ने कई चैनलों जैसे सरस गैलरी , राज्य के विशिष्ट खुदरा आउटलेट , जीईएम और फ्लिपकार्ट , अमेजन जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों के माध्यम से एसएचजी और उसके सदस्य उद्यमियों के सहायक उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाए गए हैं.

इसके अलावा , राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा भी स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों जैसे फ्लिपकार्ट , अमेजन और मीशो आदि पर पंजीकृत करवाने बाजार का राज्य और विकास के प्रयास किए जा रहे हैं. गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रत्येक महिला लाभार्थी को स्थानीय उत्पादों की बिक्री से प्रत्येक वर्ष कम से कम एक लाख रूपये की बचत करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं है जब कुछ लखपति दीदियां करोड़पति दीदियां बन जाएंगी.

Saras Aajeevika Mela 2022: गुरुग्राम का ‘सरस आजीविका मेला’बन रहा है आकर्षण का केंद्र, यहां जानें इसकी पूरी डिटेल

भारत की हस्तशिल्प कला को बढ़ावा देने और दुनियाभर में पॉपुलर करने के लिए हरियाणा के गुरुग्राम में 7 से 23 अक्टूबर के बीच आजीविका मेले का आयोजन किया गया…

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की सोच का उल्लेख करते हुए , सिंह ने कहा कि आज स्वयं सहायता समूहों के सर्वश्रेष्ठ उत्पादों का निर्यात विभिन्न देशों में हो रहा है और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों और अन्य उपायों के माध्यम से उनके बेहतरीन उत्पादों के बारे में स्थानीय और वैश्विक स्तर पर ज्यादा से ज्यादा जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है.

नागेंद्र नाथ सिन्हा, सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा कि लगभग 8 करोड़ 62 लाख महिलाएं स्वयं सहायता समूहों की सदस्य हैं और 97 प्रतिशत ब्लॉकों में उनकी उपस्थिति है, जबकि उनमें से 85 प्रतिशत मंत्रालय के नेटवर्क से सीधे तौर पर जुड़ी हुई हैं.

सिन्हा ने स्वयं सहायता समूहों और शिल्पकारों को सलाह दिया कि वे उपभोक्ताओं की मांग को समझें और उस आधार पर अपने उत्पादों में सुधार करें. उन्होंने कहा कि मंत्रालय विज्ञापन और एसएमएस के माध्यम से सरस मेले का प्रचार करेगा जिससे सभी प्रतिभागियों को बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं के सामने अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने का अवसर प्राप्त हो सके. उन्होंने यह भी कहा कि पिछले वर्ष सरस मेले में 4.32 करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी, जिसका इस वर्ष 6 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है.

शैलेश कुमार सिंह , ओएसडी , ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा कि मंत्रालय पूरे देश में एसएचजी नेटवर्क को मजबूत करने और एसएचजी सदस्यों को लखपति दीदियां बनाने वाले गिरिराज सिंह जी के सपने को साकार करने के लिए राज्य सरकारों के साथ समन्वय में काम कर रहा है. चरणजीत सिंह , अपर सचिव ने कहा कि इस वर्ष 26 राज्यों के 300 शिल्पकार 150 स्टालों के माध्यम से जनजातीय और अद्वितीय उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री कर रहे हैं. उन्होंने देश की राजधानी दिल्ली में 28 अक्टूबर से 10 नवंबर , 2022 तक हस्तशिल्प भवन , कनॉट प्लेस , नई दिल्ली में आयोजित किए गए सरस फूड फेस्टिवल- 2022 का भी उल्लेख किया.

प्रगति मैदान में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में सु लीना जौहरी , अपर सचिव , आर.पी. सिंह , निदेशक और ग्रामीण विकास मंत्रालय के कई अन्य अधिकारी भी शामिल हुए.

English Summary: Saras Aajeevika Mela 2022: Union Minister Giriraj Singh inaugurated Saras Aajeevika Mela 2022, more than 60000 startups included! Published on: 21 November 2022, 12:58 IST

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