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ट्रेडिंग फॉरेक्स महाराष्ट्र

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Top Trading Apps: ये है भारत के कुछ बेहतरीन ट्रेडिंग ऐप्स

Top Trading Apps: ये है भारत के कुछ बेहतरीन ट्रेडिंग ऐप्स

आजकल, Trading Apps काफी चर्चा में है. ट्रेडिंग का सीधा मतलब है, किसी भी समान या सर्विस को प्रॉफिट कमाने की इच्छा से बेचना या खरीदना है.

भारत में बहुत सारे लोग आनलाइन ट्रेडिंग से जुड़ते जा रहे है. जिससे Trading Apps की मांग में बढ़ोतरी हुई है. अगर आप ट्रेडिंग करना चाहते है, तो Trading Apps के बारे में जानना बहुत जरूरी है. जिससे अच्छा लाभ कमाया जा सके.

यह है भारत में मौजूद कुछ बेहतरीन Trading Apps

ये ऐप, निवेश के लिए एक बेहतरीन विकल्प है. इसमें बायोमेट्रिक की सुविधा उपलब्ध है. कुछ मुख्य चीजें भी इसके साथ मिलती है. जिसमें डार्क मोड, आर्डर अपडेट, सर्च और फिल्टर विकल्प शामिल है. इसका इस्तेमाल बहुत ही आसान है. इस वजह से, यह काफी लोकप्रिय भी है.

इस ऐप का इस्तेमाल करके, सीधा म्यूचुअल फंड, बीमा और डिजिटल गोल्ड में निवेश किया जा सकता है. इस ऐप में सलाहकार की सुविधा उपलब्ध है. जो रोबोटिक है, पर नए लोगों के लिए मददगार साबित हो सकता है. इसके साथ ही, इसपर BSE, NSE और MCX का लेटेस्ट अपडेट देखा जा सकता है.

इस ऐप का विज्ञापन, आजकल टेलीविजन पर भी देखा जा सकता है. यह एक सिक्योरिटी के लिए लिए काफी अच्छा माना जा रहा है. पर इसका उपयोग करने के लिए, आपके पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी है. इस ऐप को एक समय पर, मोबाइल और कंप्यूटर दोनों जगह इस्तेमाल कर सकते है.

यह ऐप लोकप्रियता के लिहाज से काफी चर्चा में है. इसके माध्यम से स्टाक और म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते है. इसमें जीरो कमीशन की सुविधा भी है. जो ऐप से सीधे एस आइ पी में निवेश करने पर मिल रहा है. इस एप में सुरक्षा प्रदान करने के लिए, केवाईसी की सुविधा भी जोड़ी गई है.

इस ऐप का नाम ट्रेडिंग से जुड़े बहुत से लोगों के लिए जाना – माना है. जिसकी वजह, इसकी बढ़ती लोकप्रियता है. इस ऐप में, वन क्लिक ट्रेडिंग की सुविधा दी जाती है. इसके जरिये, इक्विटी, फॉरेक्स ट्रेडिंग और कमोडिटी ट्रेडिंग में निवेश कर सकते है. यह ट्रेडिंग के लिए एक बेहतरीन रणनीति बनाने में भी मदद करता है.

आजकल आनलाइन बिजनेस, बहुत आम हो गया है. जिसमें ट्रेडिंग भी शामिल है. देखा जा रहा है, कि ट्रेडिंग फॉरेक्स महाराष्ट्र Trading Apps के माध्यम से प्रक्रिया अब और सरल हो गई है. इन ऐप्स के माध्यम से, ट्रेडिंग के अलावा शेयर बाजार से जुड़ी सभी खबर भी मिलती है.

विदेशी मुद्रा व्यापार में करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

सरगना मध्यप्रदेश के देवास से गिरफ्तार, 500 लोगों से कर चुका है धोखाधड़ी

विदेशी मुद्रा व्यापार में करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। साइबर थाना पुलिस ने फॉरेक्स ट्रेडिंग (विदेशी मुद्रा के व्यापार) में निवेश कर मोटी कमाई का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का मंगलवार को पर्दाफाश किया है। गिरोह के सरगना को मध्यप्रदेश के देवास से गिरफ्तार किया गया। गिरोह देश के कई राज्यों में करीब 500 लोगों के साथ धोखाधड़ी कर चुका है। पुलिस को अबतक 15 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का रिकॉर्ड मिल चुका है। गाजियाबाद के जीएसटी विभाग से सेवानिवृत्त कमिश्नर से भी इस गिरोह ने 15 लाख रुपये ठगे थे।

सेवानिवृत्त कमिश्नर ने फॉरेक्स ट्रेडिंग में पैसा निवेश करने का झांसा देकर रुपये ठगने का मुकदमा दर्ज कराया था। साइबर क्राइम थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि इसकी जांच शुरू की गई तो इस गिरोह का पता चला। सरगना शोएब मंसूरी को देवास की शिमला कॉलोनी से गिरफ्तार किया गया। शोएब ने गिरोह के अन्य साथियों के साथ मिलकर पीड़ित से 15 लाख रुपये ठगे थे। आरोपी के बैंक खाते में जमा करीब सात लाख रुपये फ्रीज कर दिया गया है। पुलिस ने उससे दो मोबाइल फोन जब्त किया है।

डीमैट खाता खुलवाकर करते थे फर्जीवाड़ा

गिरोह ने मध्यप्रदेश के इंदौर और देवास में वर्ष 2020 में दफ्तर खोला था। उसने फर्जी कॉल सेंटर बनाया और इसमें काम करने के लिए कुछ युवक-युवतियों को वेतन के आधार पर रखा। गिरोह अलग-अलग ब्रोकिंग कंपनी से ट्रेडिंग करने वाले लोगों का डाटा लेता था। युवक-युवतियां लोगों को कॉल कर फर्जी कंपनी के माध्यम से ट्रेडिंग के लिए राजी करते थे। वह ग्राहकों को फॉरेक्स ट्रेडिंग में मोटा पैसा कमाने का लालच देते थे। इसके लिए 10 से 20 हजार रुपये में उनका डीमैट खाता खुलवाते थे। जालसाज ग्राहक की आईडी और पासवर्ड अपने पास रखते थे, ताकि वह उनके खाते को संचालित कर सकें।

प्ले स्टोर पर डाली थी फर्जी ऐप

गिरोह ने ट्रेडिंग के लिए फर्जी ऐप मेटा ट्रेडर्स-05 नाम से बनाकर प्ले स्टोर पर अपलोड कर दिया था। इसी ऐप के माध्यम से ग्राहकों को उनके खाते में धनराशि की बढ़ती संख्या नजर आती थी।

खातों में सिर्फ संख्या में बढ़ती थी धनराशि

आरोपी अलग-अलग ग्राहकों से डीमैट खातों में पैसा मंगवाते थे। फर्जी ऐप के जरिए डीमैट खातों में दिखाई देने वाली धनराशि डिजिटल रूप में केवल संख्या के रूप में ग्राहक को बढ़ती हुई दिखाई देती थी, जबकि असल में वह धनराशि बढ़ती नहीं थी। इस रकम को देखकर ग्राहक और ज्यादा पैसे का निवेश करता था।

जीएसटी सहित कई चार्ज के नाम पर भी ठगी

ग्राहक को मुनाफा देने की आड़ में गिरोह उनसे जीएसटी सहित विभिन्न चार्ज के रूप में भी लाखों रुपये ठगता था। जब ग्राहक खातों में दिख रही धनराशि का मुनाफा लेना चाहता था तो उससे जीएसटी, कन्वर्जन चार्ज और सेटलमेंट चार्ज के नाम पर विभिन्न बैंकों खातों में और पैसे ट्रांसफर करवा लिए जाते थे। पीड़ितों के खातों का एक्सेस गिरोह के पास होने के चलते वह निवेश की रकम नहीं निकाल पाते थे।

12वीं पास सरगना ने बड़े-बड़ों को ठगा

गिरोह में 16 लोग ट्रेडिंग फॉरेक्स महाराष्ट्र शामिल हैं। इनमें तीन सरगना है, जो अपनी टीम के सदस्यों के साथ ठगी को अंजाम देता है। इस गिरोह के ठगों की तलाश महाराष्ट्र सहित विभिन्न प्रदेशों की पुलिस को है। पुलिस की गिरफ्त में आया आरोपी शोएब 12 वीं पास है। वह अभी तक सरकारी अधिकारियों से लेकर इंजीनियर और अन्य बड़े पदों पर कार्यरत लोगों को ठगी का शिकार बना चुका है। कुछ दिन बाद ही आरोपी की शादी भी होने वाली है।

क्या है फॉरेक्स ट्रेडिंग

सामान्य शब्दों में फॉरेक्स ट्रेडिंग का अर्थ एक दूसरे के बीच विभिन्न विदेशी मुद्राओं का व्यापार करना है। यानि इस प्रक्रिया के तहत विभिन्न देशों की मुद्राओं में उनके मूल्य के घटते बढ़ते रहने के कारण व्यापार होता है। इसमें एक करेंसी को दूसरी करेंसी से बदला जाता है। ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा जरूरी बात होती है एक्सचेंज रेट। मतलब एक करेंसी को दूसरी करेंसी से एक्सचेंज करने की दर क्या होगी।

शेयर मार्केट में कौन से फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट (वित्तीय साधनों) का कारोबार होता है?

जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप वास्तव में उस कंपनी में आंशिक हिस्सेदारी ले रहे होते हैं और कंपनी के शेयरधारक (शेयर होल्डर) बन जाते हैं. शेयर की कीमतों में हर पल उतार-चढ़ाव होता है.

शेयर मार्केट में कौन से फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट (वित्तीय साधनों) का कारोबार होता है?

TV9 Bharatvarsh | Edited By: मनीष रंजन

Updated on: Oct 20, 2022 | 11:39 AM

स्टॉक मार्केट केवल शेयरों तक ही सीमित नहीं है इसमें कई और फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट भी शामिल हैं . ये इंस्ट्रूमेंट एक बड़ा रिटर्न भी देते हैं . निवेशक अपना पैसा शेयर मार्केट में पूंजी बनाने के लिए लगाते हैं . कुछ निवेशक लंबी अवधि ( लॉन्ग टर्म ) के लिए और कुछ छोटी अवधि ( शॉर्ट टर्म ) के लिए पैसा लगाते हैं . आमतौर पर लोगों को लगता हैं कि शेयर मार्केट में सिर्फ शेयरों का ही कारोबार होता है लेकिन ऐसा नहीं है . शेयरों के अलावा और भी कई फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट ( वित्तीय साधन ) हैं , जिनका शेयर मार्केट में कारोबार होता है . इस आर्टिकल ( लेख ) में हम उनके बारे में बात करेंगे .

शेयर शेयर , स्टॉक एक्सचेंज का सबसे पॉपुलर ( लोकप्रिय ) फाइनेंशियल प्रोडक्ट ( वित्तीय उत्पाद ) है . जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप वास्तव में उस कंपनी में आंशिक हिस्सेदारी ले रहे होते हैं और कंपनी के शेयरधारक ( शेयर होल्डर ) बन जाते हैं . शेयर की कीमतों में हर पल उतार – चढ़ाव होता है . इस उतार – चढ़ाव से फायदा और नुकसान निर्धारित होता है .

डेरिवेटिव्स एक डेरिवेटिव दो पार्टियों के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट है . डेरिवेटिव्स में निवेशक एक खास दिन और एक खास दर पर एसेट खरीदने या बेचने का कॉन्ट्रैक्ट ( अनुबंध ) करता है . इस एसेट में शेयर , करेंसी , कमोडिटी आदि शामिल हो सकते हैं . डेरिवेटिव्स को सोने ( गोल्ड ) और तेल ( ऑयल ) में निवेश के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है . मूल रूप से चार तरह के डेरिवेटिव्स होते हैं – फ्यूचर्स ( वायदा कारोबार ), ऑप्शंस , फॉरवर्ड्स और स्वैप . डेरिवेटिव ट्रेड के बारे में ज्यादा जानने के लिए 5paisa.com https://bit.ly/3RreGqO पर जाएं , जहां आपको डेरिवेटिव ट्रेडिंग के लिए कई प्रोडक्ट मिलेंगे .

म्यूचुअल फंड (Mutual fund ) म्यूचुअल फंड कई निवेशकों से पैसा जुटाकर विभिन्न एसेट में जैसे इक्विटी , मनी मार्केट , बॉन्ड और दूसरे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स ( वित्तीय साधनों ) में पैसा लगाते हैं . इसमें आपके पोर्टफोलियो को फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है , जिनका काम निवेशकों को हाई रिटर्न दिलाना होता है . नए ट्रेडिंग फॉरेक्स महाराष्ट्र निवेशकों और शेयर मार्केट की कम जानकारी रखने वालों के लिए म्यूचुअल फंड एक अच्छा विकल्प ( ऑप्शन ) हो सकता है .

बॉन्ड (Bonds) सरकार या कंपनियां पैसा जुटाने के लिए बॉन्ड जारी करती हैं . वास्तव में बांड खरीदकर आप एक तरह से इसे जारी करने वाले को उधार दे रहे होते हैं . जारीकर्ता आपको इस ऋण ( लोन ) के लिए ब्याज ( इंटरेस्ट ) का भुगतान करता है . बॉन्ड को निवेश का एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है क्योंकि वे निवेशकों को एक निश्चित ब्याज दर देते हैं . बॉन्ड को उनकी निश्चित आय ( फिक्स्ड इनकम ) की वजह से फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज ( निश्चित आय प्रतिभूतियां ) भी कहा जाता है .

मुद्रा (Currency) करेंसी को करेंसी मार्केट में खरीदा और बेचा जाता है जैसे फॉरेक्स मार्केट . करेंसी ट्रेडिंग में बैंक , कंपनियां , केंद्रीय बैंक ( जैसे भारत में आरबीआई बैंक ), इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट फर्म , ब्रोकर और सामान्य निवेशक शामिल होते हैं . करेंसी ट्रेडिंग में लेनदेन हमेशा जोड़ों में होता है . उदाहरण के लिए , USD/INR रेट का मतलब है कि एक अमेरिकी डॉलर को खरीदने में कितने रुपये लगेंगे . आप BSE, NSE, या MCX-SX जैसे एक्सचेंजों के जरिए करेंसी ट्रेड कर सकते हैं .

करोड़ों की धोखाधड़ी में पुलिस बोली: 80 निवेशकों से संपर्क, पर कोई भी केस करने को राजी नहीं

डमी सर्वर पर फाॅरेन करंसी की ट्रेडिंग कराने वाले बदमाशों ने दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र के अलावा ग्वालियर और जबलपुर के 80 से ज्यादा निवेशकों से करोड़ों की धोखाधड़ी की है। - Dainik Bhaskar

डमी सर्वर पर फाॅरेन करंसी की ट्रेडिंग कराने वाले बदमाशों ने दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र के अलावा ग्वालियर और जबलपुर के 80 से ज्यादा निवेशकों से करोड़ों की धोखाधड़ी की है। पुलिस ने जब इन निवेशकों से संपर्क किया तो एक को भी कंपनी के अवैध होने की खबर नहीं थी। न ही यह पता था कि वे डमी सर्वर पर ट्रेडिंग कर रहे थे। कुछ लोग इतने भोले निकले कि 4 लाख से 80 हजार तक गंवाने के बाद वे ट्रेडिंग का ही नुकसान मान रहे थे। अभी कोई भी निवेशक केस दर्ज कराने के लिए राजी नहीं हुआ है।

एडिशनल डीसीपी जोन 2 राजेश व्यास ने बताया कि गिरोह का सरगना अतुल नेतनराव दुबई में एक माह के टूरिस्ट वीजा पर गया हुआ है। वहीं गिरफ्तार आरोपी अनिल बिष्ट और हरदीप सलूने के 7 बैंक खातों को फ्रीज करा दिया गया है। कुछ बैंक खातों में यूपीआई ट्रांजेक्शन से हमने इंदौर से बाहर के पीड़ितों से संपर्क किया तो वे ट्रेडिंग में नुकसान को सही मानकर ही निवेश बंद करना बता रहे थे। किसी को यह नहीं पता था कि वे ठगी का शिकार हुए हैं।

सोशल मीडिया पर एक साल पहले खुलासा
एडिशनल डीसीपी ने बताया कि करीब एक साल पहले आरोपी अतुल नेतनराव को लेकर सोशल मीडिया पर इंदौर में बने एक पेज पर खबरें प्रसारित हुई थीं। इसमें फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए लोगों को उकसाकर चेन सिस्टम के जरिए करोड़ों रुपए कमाने के सपने दिखाने वाले वीडियो भी वायरल हुए थे। वहीं जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी अनिल बिष्ट और हरदीप पर केस दर्ज होते ही अनिल की पत्नी मोनिका लाखों रुपए, कम्प्यूटर सिस्टम, पेन ड्राइव सहित सारे सबूत लेकर फरार है। पुलिस ने उसके कई ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला है।

एसआईटी करेगी जांच
20 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की जानकारी उजागर होने के बाद पुलिस कमिश्नर हरि नारायणाचारी मिश्र ने स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) बनाई है। इसकी कमान एसीपी जोन-4 परदेशीपुरा निहित उपाध्याय को दी है। टीम ने जांच शुरू कर दी है।

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