शुरुआती के लिए रणनीतियाँ

अभी बिटकॉइन का क्या मोल है

अभी बिटकॉइन का क्या मोल है

गठबंधन धर्म निभाने से हर चुनाव में क्यों चूक जाते हैं राजनीतिक दल!

चुनाव के साथ ही गठबंधनों की दरार बताती है कि अभी तक भारतीय राजनीतिक गठबंधन धर्म केवल मजबूरी में ही निभाते हैं. राज्यसभा चुनाव में एक बार फिर जिस तरह टिकट बांटे गए हैं, उससे गठबंधन की राजनीति की वास्तविकता उजागर हो रही है. भारत के राजनैतिक इतिहास में केवल वामपंथी दलों का ही गठबंधन मूल्यों,विचार और अनुशासन को पूरी ईमानदारी के साथ पिछले पचास सालों से चल रहा है. 1967 के बाद के तमाम गठबंधन की राजनीति बिखराव,अविश्वास और राजनीतिक दलों की महत्वकांक्षा की भेंट चढ़ती रही है. झारखंड और बिहार में विपक्षी गठबंधनों के बीच जिस तरह की दरार दिख रही है, वह एक बार फिर साबित कर रही है कि केवल सत्ता के लिए बने गठबंधन अविश्वास की नींव ही मजबूत करते हैं. राजनैतिक परिपक्वता की कमी भी साफ झलकती है. भाजपा गठबंधन भी किसी बराबरी की भागीदारी से गाइड नहीं होता है, बल्कि ताकतवर भाजपा गठबंधनों के छोटे दलों को अपने विचारों और कार्यक्रमों के अनुसार संचालित करती है.

बिहार में भी एनडीए के बीच अंदरखाने भारी तनाव और दरार मौजूद है. चूंकि बिहार में भाजपा के लिए नीतीश कुमार एक बड़ी मजबूरी हैं, इसलिए उनसे नाराजगी मोल लेने से भाजपा बचने का प्रयास करती है. राज्यसभा चुनाव के समय एनडीए एकजुट दिखने के बावजूद आरसीपी सिंह के टिकट के बहाने जो खेल हुआ, उसे सभी ने देखा है. आरसीपी सिंह हैं तो जदयू के, लेकिन भाजपा के भी वे उतने ही करीब हैं. नीतीश कुमार ने उनका टिकट तो काट दिया, लेकिन भाजपा के लिए यह आसान नहीं था कि वह नीतीश कुमार को नाराज कर आरसीपी सिंह का साथ दे. ऊपरी तौर पर तो आरसीपी सिंह ने नीतीश के निर्णय का को सोचा समझा कदम बताया है. लेकिन सभी जानते हैं कि खेल तो अभी शुरू ही हुआ है और बिहार की राजनीति में इस बहाने भविष्य में बहुत कुछ होना बाकी है.

राजद ने राज्यसभा और विधान परिषद की तीन सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया. राजद गठबंधन में शामिल भाकपा माले ने राजद के इस एकतरफा एलान को लेकर असंतोष प्रकट करते हुए निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है. माले की दावेदारी विधान परिषद की एक सीट पर है. माले में 12 विधायक हैं. बावजूद राजद के नेता तेजस्वी यादव ने घटक दलों के साथ साझा उम्मीदवार को लेकर बातचीत करना भी जरूरी नहीं समझा. 2019 के बाद से ही कांग्रेस और राजद के बीच बिहार में एक शीतयुद्ध की स्थिति बनी हुई है. न तो उपचुनावों में राजद कांग्रेस की सुन रहा है और न ही राज्यसभा या विधान परिषद के चुनाव में उसे विश्वास में लेने का प्रयास किया. तो क्या माना जाए कि बिहार में तेजस्वी यादव कांग्रेस को दरकिनाकर करने का फैसला कर चुके हैं.

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2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटें बारगेन कर हासिल किया था. लेकिन जब नतीजे आए तो वह 19 ही जीत सकी. तब से बिहार में अभी बिटकॉइन का क्या मोल है कहा जा रहा है कि कांग्रेस के बारगेनिंग की कीमत राजद गठबंधन को निभाना पड़ा. लेकिन सच का यह एक पहलू है. राजद को भी 2015 की तुलना में कम सीटें ही हासिल हुईं, उसके जीतने वाले अभी बिटकॉइन का क्या मोल है उम्मीदवारों का स्ट्राइक रेट भी कोई चमत्कारिक नहीं रहा. माहौल नीतीश कुमार और भाजपा के सत्ता विरोधी रूझान का था. लेकिन महागठबंधन इसका लाभ पूरी तरह से नहीं उठा सका. इसका एक बड़ा कारण तो टिकट के बंटवारे,सीटों के बंटवारे और चुनाव संचालन में सभी को साथ लेकर चलने में हुई चूक भी रही है.

इसी तरह झारखंड में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जिस तरह महुआ माजी के नाम का एकतरफा एलान किया, उससे कांग्रेस को आहत तो होना ही था. दिल्ली में सोनिया गांधी से हेमंत सोरेन की बातचीत में क्या तय हुआ, इसे लेकर कांग्रेस ने कोई अधिकृत बयान नहीं दिया है. झामुमो गठबंधन के लिए तो मांडर विधानसभा उपचुनाव भी एक कड़ी परीक्षा साबित होने जा रही है. मांडर पर दावा तो कांग्रेस का है, लेकिन झामुमो इस दावे को किस तरह लेती है, यह तो अगले तीन-चार दिनों में ही पता चलेगा.

उदयपुर के कांग्रेस चिंतन के अंतिम दिन राहुल गांधी ने जिस तरह गैर भाजपा विपक्ष के दलों पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि भाजपा आरएसएस की विचारधारा से केवल कांग्रेस ही लड़ सकती है. तब से कहा जा रहा है कि आखिर राहुल गांधी कांग्रेस आरएसएस के बजाय विपक्ष गैर भाजपा दलों से ही क्यों लड़ रहे हैं. बिहार और झारखंड में राजद और कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि इन अभी बिटकॉइन का क्या मोल है राज्यों में भाजपा को केवल वे ही पराजित कर सकते हैं, क्योंकि वे भाजपा के खिलाफ निरंतर संघर्ष कर रहे हैं. एनसीपी और टीएमसी कांग्रेस को लेकर पहले से ही क्रिटिकल है. विपक्षी दलों के बीच के शीतयुद्ध से भाजपा को राहत महसूस होती है. बंगाल और त्रिपुरा में सत्ता से बाहर हो जाने के बावजूद चार वामदलों का गठबंधन एकजुट है. केरल में तो वह केरल के गठन के समय से ही एकजुट है. दरअसल गठबंधन राजनीति में पक्ष-विपक्ष के किसी भी दल को वामपंथियों से सीख हासिल करने की जरूरत है.

Day: January 30, 2022

Pegasus Case: पेगासस का मामला फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के आधार पर नई अर्जी

पेगासस मामले के याचिकाकर्ताओं में से एक वकील एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में नया आवेदन दाखिल किया है। शर्मा ने न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए पूर्व जज की निगरानी में पहले ही एक कमेटी बना रखी है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के बाद सियासी बवाल, केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप दरअसल, अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार ने 2017 में इस्राइल का जासूसी…

दूरसंचार विभाग का निर्देश: टेलिकॉम कंपनियों को दो साल तक रखना होगा आईएसडी, सैटेलाइट फोन और कॉन्फ्रेंस कॉल का रिकॉर्ड

दूरसंचार कंपनियों को अब सामान्य नेटवर्क अथवा इंटरनेट के जरिए किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय कॉल, सैटेलाइट फोन कॉल, कॉन्फ्रेंस कॉल और मैसेज का रिकॉर्ड कम से कम दो साल तक सुरक्षित रखना होगा। दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने देश के सभी यूनिफाइड लाइसेंस (यूएल) धारक दूरसंचार कंपनियों के लिए निर्देश जारी कर दिया है। सामान्य कॉल और मैसेज का रिकॉर्ड दो साल तक सुरक्षित रखने के लिए डीओटी दिसंबर में ही निर्देश जारी कर चुका है। पहले ये सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने के लिए एक साल की अवधि तय थी। यूएल…

टीएमसी सांसद का आरोप: जम्मू-कश्मीर को चीन और पाकिस्तान का हिस्सा दिखा रहा विश्व स्वास्थ्य संगठन, पीएम मोदी से की शिकायत

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद डॉक्टर शांतनु सेन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से भारत का गलत नक्शा पेश किए जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत की है। सेन ने पीएम को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा है कि डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर जो कोरोनावायरस मामलों का विश्व मैप दिखाया जाता है, उसमें जम्मू-कश्मीर को चीन और पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया गया है। चिट्ठी में पूरी बात क्या? अपनी चिट्ठी में शांतनु सेन ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट WHO Covid19.int पर जो…

गुरुयांची में पूर्व सरपंच की गोली मारकर हत्या

-रात में खेत पर बनी मड़ैया में सो रहे पूर्व सरपंच को दो गोली मारी भिण्ड। मौ थाना क्षेत्र के ग्राम गुरियांची में पूर्व सरपंच की गोली मारकर हत्या का मामला प्रकाश में आया है। आरोपी वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए। घटना स्थल पर थाना प्रभारी एवं पुलिस बल ने पहुंचकर हत्यारों की तलाश शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक ग्राम गुरियांची निवासी 72 वर्षीय पूर्व सरपंच कप्तान सिंह यादव पुत्र धनीराम यादव शनिवार की रात अपने खेत पर रखवाली के लिए गए हुए थे। देर रात…

अब सैलून, पिलंबर, कैटरिंग, ब्रोकर, फोटोग्राफी का काम करने वालों को भी देना होगा जीएसटी

मुरैना। प्रदेश में अब सैलून, प्लंबर, कैटङ्क्षरग, ब्रोकर, फोटोग्राफी सहित दर्जनों प्रोफेशनल को भी जीएसटी चुकाना होगा। दरअसल, सेल्स टैक्स विभाग ने अधिकारियों को जिला स्तर पर करदाता ब$ढाने का अलग-अलग लक्ष्य दिया है। प्रदेश का वाणिज्यिक कर विभाग जिलावार 25 जनवरी से 25 फरवरी 2022 तक करदाता ब$ढाने का अभियान चलाएगा। वाणिज्यिक कर आयुक्त लोकेश कुमार ने संभागीय उपायुक्त एवं सहायक आयुक्त सहित विभाग के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में आबादी के मान से नए करदाताओं का पंजीयन कराएं। कमाई के हिसाब से…

– शक्कर कारखाना बचाओ आंदोलन – 31 जनवरी को किसान मजदूर मनाएंगे विश्वासघात दिवस

कैलारस। शक्कर कारखाने के मिल हाउस के सामान (स्क्रैप) की नीलामी की तारीख 4 फरवरी नियत कर दी गई है। 08 फरवरी को नीलामी रखी गई हैं। ऑफसेट प्राइस सरकारी बोली 2 करोड़ 78 लाख रूपए रखी गई है। कुल मिलाकर कौडियों के मोल शक्कर मिल को बेचकर जमीन को हड़पने और मिल का नामोनिशान मिटाने की तैयारी कर ली गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा तीन बार कारखाना चलाने का वायदा किए जाने के बाद भी कारखाना चलाने के बजाय बेचा जा रहा है। इसी तरह का वायदा जौरा…

गोदाम का ताला तोड़कर 5 लाख का सामान समेट ले गए चोर

मुरैना। शनिवार-रविवार की रात कोतवाली थाना क्षेत्र के पालिका बाजार में स्थित गोदाम का ताला तोड़कर अज्ञात चोर लगभग 5 लाख रुपए का सामान ले गए। घटना का पता सुबह दुकानदार को लगा तो वह कोतवाली पहुंचा और रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मौका मुआयना कर मामले की जांच शुरू कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मनोज मित्तल निवासी मयूर टॉकीज के पास नैनागढ़ रोड मुरैना पालिका बाजार में मित्तल जनरल स्टोर के नाम से गोदाम संचालित करता है, प्रतिदिन की तरह शनिवार की रात को भी वह गोदाम…

घटना के लगभग 15 दिन बीतने के बाद नही सुलझ सका देहात थाना , शहर कोतवाली सीमा विवाद

भिण्ड – ब्रेकिंग- अपडेट दीपक शर्मा – स्वतंत्र नगर में आज पुनः औपचारिक निरीक्षण करने पहुंचा पुलिस अमला – भिंड जिले के रौन थाना क्षेत्र के इंदुर्खी गांव में जहरीली शराब पीने से 4 लोगों की मौत के बाद दो थाना प्रभारियों पर आनन फानन में कारवाई कर दी गई , लेकिन सिटी कोतवाली और देहात थाना में सीमा विवाद गहरा गया है। क्योंकि जहां पर शराब फैक्ट्री थी वह एरिया देहात थाना क्षेत्र में बताया जा रहा है, लेकिन उसके पास में जो स्वतंत्र नगर स्थित है वह सिटी…

12 लोगों से भरी नाव नदी में डूबी 10 को बचाया गया दो की खोज जारी नाव डूबने का लाइव वीडियो आया सामने

भिंड से आपका मत न्यूज के लिए दीपक शर्मा की रिपोर्ट – जिले के नयागांव एवं रौन थाना क्षेत्र के अंतर्गत टेहनगुर गांव के पास सिंध नदी में शुक्रवार की शाम को एक नाव पलटने से करीब एक दर्जन लोग नदी में डूब गए। छोटी सी नाव पर 12 लोग सवार थे। नाव में पानी भी भर रहा था। नाव का वीडियो भी वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने बनाया और वीडियो में देखते ही देखते नाव नदी में समा गई। जिससे उसमें बैठे सभी 12 लोग डूब गए। जिसमें से…

Day: January 30, 2022

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गोदाम का ताला तोड़कर 5 लाख का सामान समेट ले गए चोर

मुरैना। शनिवार-रविवार की रात कोतवाली थाना क्षेत्र के पालिका बाजार में स्थित गोदाम का ताला तोड़कर अज्ञात चोर लगभग 5 लाख रुपए का सामान ले गए। घटना का पता सुबह दुकानदार को लगा तो वह कोतवाली पहुंचा और रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मौका मुआयना कर मामले की जांच शुरू कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मनोज मित्तल निवासी मयूर टॉकीज के पास नैनागढ़ रोड मुरैना पालिका बाजार में मित्तल जनरल स्टोर के नाम से गोदाम संचालित करता है, प्रतिदिन की तरह शनिवार की रात को भी वह गोदाम…

घटना के लगभग 15 दिन बीतने के बाद नही सुलझ सका देहात थाना , शहर कोतवाली सीमा विवाद

भिण्ड – ब्रेकिंग- अपडेट दीपक शर्मा – स्वतंत्र नगर में आज पुनः औपचारिक निरीक्षण करने पहुंचा पुलिस अमला – भिंड जिले के रौन थाना क्षेत्र के इंदुर्खी गांव में जहरीली शराब पीने से 4 लोगों की मौत के बाद दो थाना प्रभारियों पर आनन फानन में कारवाई कर दी गई , लेकिन सिटी कोतवाली और देहात थाना में सीमा विवाद गहरा गया है। क्योंकि जहां पर शराब फैक्ट्री थी वह एरिया देहात थाना क्षेत्र में बताया जा रहा है, लेकिन उसके पास में जो स्वतंत्र नगर स्थित है वह सिटी…

12 लोगों से भरी नाव नदी में डूबी 10 को बचाया गया दो की खोज जारी नाव डूबने का लाइव वीडियो आया सामने

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कार्थी की जीवनी : 5000 रुपये महीने में काम करते थे सूर्या के छोटे भाई

कार्थी ने अपने करियर में काफी कम फिल्में की है लेकिन उनकी कम फिल्में ही उनकी पहचान है. उनकी फिल्में उन्हें साउथ फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग पहचान दिलाती हैं. कार्थी का जन्म 25 मई 1977 को मद्रास में हुआ था.

By इंडिया रिव्यूज डेस्क Last updated Feb 5, 2021 5,290 0

साउथ में कई ऐसे एक्टर्स हैं जो एक्शन फिल्मों के लिए जाने जाते हैं लेकिन अभी बिटकॉइन का क्या मोल है उन्हीं सब के बीच एक एक्टर ऐसा भी है जो सस्पेंस फिल्मों के लिए जाना जाता है. इस एक्टर का नाम कार्थी (Karthi) है. ये नाम आपके लिए नया होगा लेकिन आप इनकी कुछ फिल्में जरूर देख चुके होंगे जिसमें ‘काशमोरा’ प्रमुख रूप से शामिल है. कार्थी एक ऐसे एक्टर हैं जिनकी फिल्मों में गज़ब का सस्पेंस होता है. अगर आप कार्थी के फैन है तो आपको उनके बारे में जरूर जानना चाहिए.

कार्थी की जीवनी (Karthi Biography in Hindi)

कार्थी ने अपने करियर में काफी कम फिल्में की है लेकिन उनकी कम फिल्में ही उनकी पहचान है. उनकी फिल्में उन्हें साउथ फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग पहचान दिलाती हैं. कार्थी का जन्म 25 मई 1977 को मद्रास में हुआ था. उनके पिता Sivakumar एक एक्टर रह चुके हैं. कार्थी के बड़े भाई ‘सूर्या’ हैं जिन्हें आपने साउथ फिल्म सिंघम में देखा है.

कार्थी ने अभी बिटकॉइन का क्या मोल है अपने स्कूल की पढ़ाई चेन्नई के Padma Seshadri Bala Bhavan और St. Bede’s Anglo Indian Higher Secondary School से की है. इसके बाद कार्थी ने चेन्नई के ही Crescent Engineering College से Mechanical Engineering की थी.

ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद कार्थी विदेश पढ़ने के लिए जाना चाहते थे. वे एक इंटरव्यू में बताते हैं कि उन्होने 5000 रुपये महीने में नौकरी भी की है और वे उससे आगे बढ़ना चाहते थे इसलिए वे विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहते थे. इसी दौरान कार्थी को स्कॉलरशिप मिली और कार्थी पढ़ने के लिए यूएस चले गए.

– यूएस में कार्थी ने Binghamton University न्यूयॉर्क से Industrial Engineering में Master of Science किया.
– विदेश में पढ़ाई के दौरान ही उन्होने State University of New York से Filmmaking का कोर्स किया.
– कार्थी बताते हैं कि यूएस में रहने के दौरान उन्होंने पार्ट टाइम ग्राफिक डिज़ाइनर का भी काम किया. कार्थी शुरू से ही फिल्मों में काम करना चाहते थे लेकिन उन्हें ये पता नहीं था कि उन्हें फिल्मों में एक्टिंग करनी है या फिर कुछ और करना है. जब कार्थी ने अपने पिता से फिल्मों में काम करने की बात कही तो उनके पिता ने कहा कि वो फिल्मों में आने से पहले अच्छी एजुकेशन लें इसके बाद फिल्म इंडस्ट्री को जॉइन करें.

कार्थी का करियर (Karthi Career in Film industry)

कार्थी फिल्मों में आने से पहले दूसरी फील्ड में कुछ काम कर चुके थे. जब उनकी पढ़ाई पूरी हो गई तो वे यूएस से चेन्नई वापस लौट आए और डाइरेक्टर मनी रत्नम से मिले. उनसे मिलने के बाद कार्थी को फिल्म Ayitha Ezhuthu में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम करने का मौका मिला. कार्थी करियर की शुरुवात में फिल्म डायरेक्टर ही बनना चाहते थे इसलिए शुरू में उन्होंने एक्टिंग को इतना महत्व नहीं दिया. उनके पास कई फिल्मों में एक्टिंग के ऑफर आ रहे थे. तब उनके पिता ने समझाया कि कोई भी व्यक्ति ज़िंदगी के हर पड़ाव में फिल्में डायरेक्ट कर सकता है लेकिन एक्टिंग उम्र निकल जाने के बाद नहीं कर सकता. इस तरह कार्थी के पिता ने कार्थी को एक्टिंग की दुनिया में आने के लिए मना लिया.

कार्थी के एक्टिंग करियर की शुरुवात साल 2005 से होती है जब उन्हें फिल्म Paruthiveeran (Karthi first movie) मिली. ये फिल्म एक छोटे से गाँव की कहानी थी. फिल्म को 2005 में शुरू तो किया गया लेकिन बाद में फिल्म को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ा. बड़ी मुश्किल से फिल्म बनकर साल 2007 में रिलीज हुई और बॉक्स ऑफिस पर सफल रही. इसके बाद कार्थी का एक्टिंग करियर चल पड़ा और उनके पास कई फिल्मों के ऑफर आने लगे.

कार्थी की फिल्में (Karthi all movie list)

2004 : Aayutha Ezhuthu
2007 : Paruthiveeran
2010 : Aayirathil Oruvan, Paiyaa, Naan Mahaan Alla
2011 : Siruthai, KO
2012 : Saguni
2013 : Alex Pandian, All in All Azhagu Raja, Biriyani
2014 : Madras
2015 : Komban
2016 : Oopiri, Thozha, Kaashmora
2017 : Kaatru Veliyidai, Theeran Adhigaaram Ondru
2018 : Kadaikutty Singam
2019 : Dev, Kaithi, Thambi,

कार्थी की बेस्ट फिल्में (Karthi Best Movies)

कार्थी ने अभी तक 20 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है और उनकी अधिकतर फिल्में कमाल की है. जिस तरह की कहानी कार्थी की फिल्मों में होती है वैसी कहानी किसी और फिल्म में दिखना काफी मुश्किल होता है. कार्थी को भले ही फिल्म में मामूली रोल मिले लेकिन वे उसे पूरी ईमानदारी के साथ निभाते हैं. कार्थी की बेस्ट फिल्मों की बात की जाए तो उनमें Thambi, Kaithi, Dev, Theeran, Kaatru Veliyidai, Kaashmora, Siruthai, Alex Pandian आदि हैं.

कार्थी की पत्नी कौन है? (Who is Karthi wife?) अभी बिटकॉइन का क्या मोल है

कार्थी की पत्नी Ranjani Cninnaswamy है. दोनों की शादी 3 जुलाई 2011 को हुई थी. Ranjani English Literature में पोस्ट ग्रेजुएट है. इन दोनों की एक बेटी Umayaal और एक बेटा है.

कार्थी के पिता Sivakumar एक एक्टर थे और कार्थी के बड़े भाई सूर्या भी एक एक्टर है जो साउथ फिल्म इंडस्ट्री में सुपरस्टार है. इन सब के बावजूद कार्थी ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है. कार्थी ने फिल्म इंडस्ट्री में आने के लिए काफी मेहनत की है. जब वे फिल्म इंडस्ट्री में आए तो सूर्या एक सफल एक्टर बन चुके थे. ऐसे में कार्थी ने अपने मेहनत के दम पर साउथ फिल्म इंडस्ट्री में अपना मुकाम बनाया है.

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