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Jio Coin Kya Hai?

सिक्का अधिनियम 2011 क्या है – Coinage Act के बारे में पूर्ण विवरण यहाँ जानें!

भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अधिनियम 1934 के अनुसार मुद्रा का प्रिंट करती है। भारत में सिक्के, सिक्का अधिनियम 2011 के अनुसार बनाए जाते हैं जो कि जम्मू कश्मीर सहित पूरे भारत में लागू होते हैं। सिक्का अधिनियम 2011 यह बताता है कि कोई भी व्यक्ति सिक्का लेने से मना नहीं कर सकता और सिक्का लेने से जिस व्यक्ति ने मना किया उस पर भारतीय रिजर्व बैंक या कानून कानूनी सजा भी हो सकता है। सिक्का अधिनियम 2011 (Coinage Act in Hindi) के अनुसार सिक्के को कौन जारी करता है, सिक्के का क्या नहीं कर सकते, सिक्का कौन सी धातु से बनता है, हमारे कौन कौन से सिक्के उपयोग में हैं, कौन कौन से सिक्के उपयोग में नहीं है और विभिन्न प्रकार की जानकारी हम इस आर्टिकल में देखेंगे।

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सिक्का अधिनियम 2011 | Coinage Act in Hindi

भारतीय का सिक्का भारत का आरबीआई का बजाज वित्त मंत्रालय जारी करता है। ₹2 से लेकर ₹10000 तक भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया प्रिंट करता है।

इस लेख के माध्यम से अपको सिक्का अधिनियम 2011 के अनुसार भारत में सिक्के का संचालन और सिक्के को किस तरह भारत में इस्तेमाल किया जाना चाहिए उसके बारे में कुछ बिंदुओं के माध्यम से बताने का प्रयास किया गया है। सिक्का अधिनियम 2011 के अनुसार सिक्का जम्मू कश्मीर सहित पूरे भारत देश में लागू है। भारत सरकार या भारत सरकार द्वारा संगठित कोई संस्था द्वारा जारी की गई धातु द्वारा बने सिक्के कहलाते है।

सिक्के के लिए धातु कोई धातु हो सकती है वह धातु या मिश्रा भारत सरकार द्वारा या भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था द्वारा प्रतिपादित हो। भारतीय सिक्का लेने से मना करे तो उसके खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई जा सकती है और आरबीआई को भी शिकायत कर सकते हैं। बशर्ते की सिक्का चलन में हो उसके साथ आईपीसी अथवा भारतीय मुद्रा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी

(सामान्यतः देखा गया है कि भारतीय लोग भारतीय दुकानदारों के खिलाफ ₹10 के सिक्के को ना लेने के लिए आईपीसी अथवा भारतीय मुद्रा अधिनियम के तहत उनके खिलाफ शिकायत करते हैं)

यहाँ भारतीय मुद्रा प्रणाली के बारे में जानें।

सिक्का अधिनियम 2011 से जुड़ी आवश्यक बातें | Important Facts Related to Coinage Act in Hindi

सिक्का अधिनियम 2011 की धारा 4 के अनुसार सिक्के का भार तय किया जाता है सिक्के का भार सिक्के के मूल्य से कम होना चाहिए क्योंकि सिक्के का भार सिक्के के मूल्य से अधिक होगा तो व्यक्ति सिक्के को पिघलाकर उसको बाजार में सिक्के के मूल्य से ज्यादा में भेज देगा इसलिए हमेशा सिक्के दाम हर सिक्के के मूल्य से कम रखा जाता है

यही कारण है कि भारतीय सिक्कों के बजन को अब पहले से काफी कम रखा जाने लगा है जिससे कि इनको सुरक्षित किया जा सकती।

  • सिक्का अधिनियम 2011 की धारा 6 के तहत जारी सिक्के को भुगतान के लिए काम में लाया जा सकता है बशर्ते कि सिक्के को निरूपित ना किया गया हो सिक्के का बजन नियत हो।
  • सिक्कों से कितनी बड़ी राशि तक भुगतान की जा सकती है इसके बारे में सिक्का अधिनियम 2011 की धारा 4 के तहत यदि कोई सिक्का एक रुपए से अधिक का है तो इस से 1000 तक की राशि का भुगतान किया जा सकता है इससे अधिक भुगतान करना कानूनी अपराध है और यदि व्यक्ति 50 पैसे के सिक्कों से अपना भुगतान करना चाहता है या अपनी राशि को चुकाना चाहता है तो ₹10 से अधिक की राशि नहीं चुका सकता ₹10 तक सीमित है।
  • 30 जून 2011 से एक पैसा दो पैसा पांच पैसे 25 पैसे या 50 पैसे से कम की राशि के सिक्के चलन में नहीं है 50 पैसे से कम के सिक्के अब चलन में नहीं है अवैध घोषित कर दिए गए और वापस ले लिए गए हैं।
  • सिक्का अधिनियम 2011, 5A के तहत कोई भी व्यक्ति सिक्के को काटा या फिर कितने सिक्के में कितना भी पर्सेंट धातु को हटाता है क्षरण करता है तो उस व्यक्ति पर उसे सिक्के के समान जुर्माना लगाया जाएग।
  • सिक्का अधिनियम 2011 9के तहत ऐसा प्रावधान है की एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से जैसे पहले व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति को पैसे दिए दूसरे व्यक्ति को लगता है कि पहले व्यक्ति ने मुझे भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सिक्के की वजह कोई नकली सिक्का दे दिया है तो दूसरा व्यक्ति उस सिक्के को नष्ट कर सकता है और यह नुकसान पहले व्यक्ति को ही भरना होगा।
  • किसी भी व्यक्ति को सिक्के को पिघलाकर नष्ट करने का अधिकार नहीं है।
  • कोई भी व्यक्ति सिक्के के स्थान पर धातु के टुकड़े का उपयोग नहीं कर सकता है।
  • कोई भी व्यक्ति सिक्के का उपयोग विनिमय के अलावा और भी किसी स्थान पर उपयोग नहीं कर सकता।
  • जरूरत से ज्यादा कोई भी इंसान सिक्कों को एकत्रित नहीं रख सकता है और सिक्के की फेस वैल्यू से अधिक में नहीं दे सकता है।
  • भारतीय सिक्के को पिलाकर या अवस्था परिवर्तित कर और किसी भी अन्य काम में उपयोग नहीं किया जा सकता है।
  • सिक्का अधिनियम 2011 के बाद निम्नलिखित को बंद कर दिया गया है

(1) द मेटल टोकन्स एक्ट (1889)

(2) सिक्का अधिनियम (1906)

(3) कांस्य सिक्का अधिनियम (1918)

(4) मुद्रा अध्यादेश (1940)

(5) छोटे सिक्के अधिनियम (1971)

उम्मीद करते हैं कि सिक्का अधिनियम 2011 ( Coinage Act in Hindi) विषय पर आधारित यह टॉपिक आपके लिए काफी जानकारीपूर्ण साबित होगा। भारत की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अपने आप को सबसे ऊपर रखने के लिए टेस्टबुक से जुड़े रहें। आप हमारा टेस्टबुक ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं। यहां पर आपको प्रतियोगी परीक्षा से संबंधित मॉक-टेस्ट, टेस्ट सीरीज तथा लाइव टेस्ट, वीडियो सभी कुछ उपलब्ध कराया जाएगा।

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Cardano Case Study in Hindi | निवेश करने से पहले Ada के बारे मे सबकुछ जाने।

Cardano दुनिया की 9 वी सबसे बड़ी डिसेंट्रलाइज क्रिप्टोकरेंसी है । इस कॉइन की कीमत में काफी उतार – चढ़ाव देखने को मिला है। यह कॉइन Proof of Stake पर काम करता है। अब ये PoS क्या होता है , इस कॉइन का इतिहास कैसा रहा है , यह पॉपुलर कैसे हुआ , इस कॉइन में अगर शुरुआत में 10,000 रुपये लगाए होते तो कितना होता , इस कॉइन का भविष्य कैसा होने वाला है। आज के इस पोस्ट ( Cardano Case Study in Hindi ) आपको इन सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे । चलिए पढ़ना शुरू करते हैं:-

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Cardano क्या है?

Cardano एक डिसेंट्रलाइज open source क्रिप्टोकरेंसी है । इसका दूसरा नाम Ada है । यह प्रूफ ऑफ स्टेक ( PoS ) पर काम करता है। इस समय इसकी कीमत 74 रुपये के आस पास है और इसकी टोटल सप्लाई 45 बिलियन है ।

कठिन शब्द का मतलब

  • डिसेंट्रलाइज :-मतलब इसपर किसी भी सरकार , बैंक या किसी भी संस्था का कंट्रोल नही है । इसका owership इससे जुड़े सभी लोगो के पास होता है।
  • Open Source :- मतलब इसका कोड दुनिया के सभी लोगो के लिए खुला है।
  • Proof of Stake ( PoS ) :- इसमे माइनर को अपना क्रिप्टोकरेंसी नेटवर्क में स्टेक करना होता है और इसमे से किसी भी एक माइनर को randomly चुना जाता है ताकि वो ब्लॉकचैन में जुड़ने वाले transaction को varify कर सके। जो माइनर इसे verify करता है उस miner को बदले में रिवॉर्ड दिया जाता है।

Cardano की बनाने की कहानी

Cardano कॉइन के फाउंडर का नाम चार्ल्स हॉकिंसन है जो पहले Ethereum के Co-Founder भी रह चुके हैं । जब ये Ethereum के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे तो विटालिक वुटेरिन ( Ethereum के फाउंडर ) से इनकी किसी बात को लेकर मतभेद हो गयी । फिर उसके बाद ये दोनों अलग हो गए।

फिर बाद में इन्होंने अपने पुराने दोस्त जेरेमी वुड के साथ मिलकर 2015 में एक नया प्रोजेक्ट शुरू किया । इस प्रोजेक्ट का नाम इनपुट आउटपुट हांगकांग रखा गया।

और इनके इन्ही प्रोजेक्ट में से एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट Cardano है , जिसे 27 सितम्बर 2017 को इसका खुलासा किया गया फिर 1 october 2017 को इसे लोगो के सामने पेश किया गया। आज यह कॉइन किस मुकाम तक पहुँच गया है यह किसी से छुपा नही है ।

Price History of Cardano ( हिंदी में )

चलिए जानते हैं की इस कॉइन की कीमत कब कितनी थी ।

Cardano को 1 october 2017 को लांच किया गया , उस समय इस कॉइन की कीमत मात्र 1.38 रुपये थी । उसके बाद मात्र तीन महीने में ही इस कॉइन की कीमत 75 रुपये तक चली गयी । लेकिन फिर समय के साथ धीरे धीरे इस कॉइन की कीमत गिरती चली गयी और गिरकर यह 10 रुपये पर आ गया। बाद में इस कॉइन की कीमत और गिर गयी और यह 3 रुपये पर आ गया । लगभग 15 बिटकॉइन कोर्स पर पैसा कैसे बनाएँ महीनों तक इस कॉइन की कीमत इसी के आस पास घूमती रही ।

लेकिन 2021 में तो इस कॉइन ने धमाल मचा रखा था , मार्च 2021 में इसकी कीमत 80 रुपये तक चली गयी थी और सितंबर 2021 में इस कॉइन ने अपना सबसे ज्यादा कीमत हो छुआ जो कि 225 रुपये के आस पास थी । लेकिन आज यह 72 रुपये के आस पास घूम रहा है।

महत्वपूर्ण सारणी

  • नाम – Cardano
  • वेबसाइट – CARDANO
  • नीक नाम – ADA
  • मार्केट रैंकिंग – 9th
  • मार्केट कैप – 2 लाख 31 हजार रुपये
  • All time high – 225 रुपये
  • All time low – 1.38 रुपये
  • रिस्क – कम है।
  • भविष्य – काफी सुनहरा माना जा रहा है।
  • Avalaible Supply – 32 बिलियन है जो अभी मार्केट में आ चुकी है।
  • Total supply – 45 बिलियन
  • मार्केट डोमिनांस – 1.68 %

ये सभी जानकारी 2 मार्च 2022 तक कि है ।

Cardano इतने कम समय में चर्चित कैसे हुआ?

Cardano कॉइन के चर्चित होने के दो महत्वपूर्ण कारण है :-

  1. यह कॉइन Proof of stake पर काम करता है और बिटकॉइन के मुकाबले 99% कम बिजली का उपयोग करता है । यह फीचर इसे काफी लोकप्रिय बनाती है ।
  2. दूसरा सबसे बड़ा कारण है – यह बिटकॉइन और Ethereum के मुकाबले बहुत ही तेज है । जहाँ बिटकॉइन 1 सेकंड में 7 transaction ही करता है , Ethereum 1 सेकंड में मात्र 29 trnasaction ही validate करता है लेकिन वही Cardano मात्र 1 सेकंड में 266 transaction करने में सक्षम है ।
  3. लांच होने के कुछ महीनों बाद ही इसकी कीमत में काफी ज्यादा तेजी देखने को मिली जिससे बाद में ढेर सारे लोग इस कॉइन से जुड़ते चले गए।

Cardano में 10,000 रुपये लगाए होते तो अभी कितना होता ?

दोस्तो जब यह कॉइन लांच हुआ था तो इस कॉइन की कीमत मात्र 1.38 रुपये थी जो आज यह 72 रुपये पर पहुँच गया है । अगर आप इस कॉइन में 10,000 रुपये लगाए होते तो आज वो 5,13,000 रुपये हो गए होते। लेकिन दोस्तो ये पूरा सच नही है , कुछ महीने पहले इस कॉइन की कीमत 225 रुपये थी , जो अभी तक इस कॉइन की सबसे ज्यादा कीमत है । तो इसके अनुसार से तो उस समय 16 लाख रुपये होते।

Cardano का भविष्य कैसा माना जा रहा है?

एक्सपर्ट का कहना है की इस कॉइन का भविष्य काफी अच्छा है क्योंकि cardano आने वाले नई नई समस्याओं को हल कर रहा है और इस कॉइन के फाउंडर और सीईओ बहुत ही अनुभवी है । जो इस कॉइन में चार चांद लगती है ।

अभी इस कॉइन का इन 5 phase में काम हो रहा है जो कुछ सालों में पूरा हो जाएगी । जिनमे से तीन phase अभी पूरा हो चुका है । चलिए इन पांचों फेज को बारी बारी से जान लेते हैं :-

  1. Byron :- इस फीचर को कॉइन के लांच होने के साथ ही जोड़ दिया गया था , जिससे लोग Cardano में अपने पैसे का आदान प्रदान कर पाए।
  2. Shelly :- इस फीचर को 2020 में भी जोड़ दिया था जिसके द्वारा यह Proof of Stake को सपोर्ट करने लगा। इसकी सहायता से यह कॉइन बिटकॉइन से 99 % कम बिजली का उपयोग करता है।
  3. Goguen :- अपने तीसरे फेज में यह कॉइन स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट को भी सपोर्ट करने लगा । जिसकी सहायता से इस पर NFT और app बनाए जा सकते हैं।
  4. Rasho :- यह फीचर cardano कॉइन में Scaliblity प्रदान करेगा। लेकिन अभी ये फीचर नही आया है।
  5. Voltaire :- इस फीचर के आने के बाद लोग इस कॉइन में होने वाले बदलाव के लिए अपना वोट रख पाएंगे।

निष्कर्ष

उम्मीद है दोस्तो की आपको यह पोस्ट बहुत ही पसंद आया होगा । आपने इस पोस्ट ( Cardano Case Study in Hindi ) मे cardano कॉइन से जुड़े अधिकतर सवालों का जवाब मिल गया होगा। अगर फिर भी कुछ छूट गया तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं । हम उसे जल्दी ही इस पोस्ट में जोड़ने की कोशिश करेंगे । अपने दोस्तों को इस पोस्ट का लिंक भेजने के लिए धन्यवाद

जीयो कॉन (Jiocoin) क्या है और कैसे खरीदें?

Jio Coin in Hindi क्या है: Jio Coin आजकल बहुत चर्चा में है क्योंकि Reliance Jio अपना खुद का CryptoCurrency लॉन्च करने वाला है। Bitcoin मैंने आपको पहले बताया था और उसके बाद आभासी मुद्रा और पारंपरिक मुद्रा से पैसे कमाने का चलन बहुत है।

नई क्रिप्टो-मुद्रा जिओकोइन के बारे में सवाल, इसकी कीमत क्या है जब इसे लॉन्च किया जाएगा और इसे कैसे खरीदना है।

JioCoin Kya Hai?

Jio Coin Kya Hai?

Reliance Jio बिटकॉइन कोर्स पर पैसा कैसे बनाएँ 2018 में अपना खुद का CryptoCurrency लॉन्च करेगा, जैसे ही Reliance ने Jio SIM लॉन्च किया, सभी टेलीकॉम कंपनियों में खलबली मच गई, यहाँ आपको Jiocoin के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में मिलेगी।

ताकि Jio-Coin को खरीदना, ट्रेंड करना या बेचना अच्छा ज्ञान कर के बारे में रिलायंस क्रिप्टोकरेंसी जियो लॉन्च कब होगा।

जियो कॉइन क्या है (Jio Coin in Hindi)

बिटकॉइन एक CryptoCurrency है। Jio एक ऐसी ही मुद्रा लॉन्च करने की योजना बना रहा है जिसे Jiocoin कहा जाता है। यह Virtual Currency मुकेश अंबानी के बेटे आकाश अंबानी द्वारा शुरू की गई है, बिटकॉइन एक सफल क्रिप्टोकरेंसी है जो दुनिया में Virtual Currency की ओर बढ़ गया है। बहुत सारे ट्रस्ट बनाए गए हैं, और अब रिलायंस की टीम जियोकिन को सफल बनाने के लिए काम कर रही है।

इसका नाम अभी तक क्रिप्टोक्यूरेंसी सिक्का सूची में दर्ज नहीं किया गया है। क्योंकि रिलायंस भविष्य की योजना के साथ सब कुछ करता है। आकाश अंबानी ने जियोकिन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी लेने को कहा है। और उन्होंने 50 युवा पेशेवर सदस्यों की एक टीम बनाई है जो JioCoin ब्लॉकचैन पर काम करेंगे, JioCoin को सर्वश्रेष्ठ आभासी मुद्रा बनाएंगे।

Blockchain Technology Kya Hai? What Is BlockChain

ब्लॉकचेन एक ऐसी तकनीक है जो सभी लेनदेन रिकॉर्ड डेटा को सुरक्षित रखने के लिए ऑनलाइन क्रिप्टोकरेंसी को सुरक्षा प्रदान करने का काम करती है। सबसे पहले बिटकॉइन लॉन्च किया गया था जिसके साथ ब्लॉकचेन भी लॉन्च किया गया था।

उदाहरण के लिए एक बैंक खातों की सुरक्षा के लिए सेवर खाता उच्च सुरक्षा उन्हें बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी सुरक्षा रखने के लिए ब्लॉकचैन देता है मुख्य प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है और Jio Coin भी ब्लॉकचेन समर्थित होगा।

JioCoin Ka Price Kya Hai? Jio Coin Rate Today

JioCoin अभी लॉन्च नहीं हुआ है लेकिन JioCoin मुद्रा की अनुमानित कीमत रु। 64 / – यह बताया गया है कि इसकी कीमत अब $ 1 यूएसए डॉलर के समान है, इस मुद्रा की दर खरीदें, बेचने और प्रवृत्ति और शेयर बाजार मूल्य के संदर्भ में अधिक होगी। Jio Coin कब लॉन्च होगा?

जिओकॉन लॉन्च तारिक, फ्रेंड्स Jio Coin की आधिकारिक लॉन्च तारीख अभी तक आधिकारिक तौर पर घोषित नहीं की गई है, लेकिन आप जानते हैं कि Jio लैपटॉप अभी तक नहीं आया है, यह भी काफी चर्चाओं में आया था, इसलिए JioCoin को लेकर कई भ्रम पैदा हो गए होंगे। Jio Coin को 15 मार्च तक लॉन्च किया जाएगा।

Official News Website Livemint Ne Aapne Article Me Iske Bare Me Announced Kiya Hai Jisse Yeh Official Announcement Hai, Abhi Tak Iske Bare Me Confirm Date Nahi Aaya Par Agar Iske Bare Me Koi News Updates Milta Ha To Me Aapko Yaha Par Bata Duga.

Jio Coin Ko Kaise Kharide? How to Buy JioCoin

Jio Coin Buy Kaise Kare – Bahut Sare Fake Sellers Website Aapko Internet Par Mil Jayege Jo Dawa Kar Rahe Hai Ki Aap Jio CryptoCurrency Buy Kar Sakte Hai Par Waha Par Aapke Sath Fraud Hoga, Agar Aapko Jio Coin Buy Sell Or Trending Karni Hai To Jio.com Official Website Se Hi Kare Fake Websites Ke Chakkar Se Dur Rahe.

Bitcoin Vs Jiocoin : Kon Best Hai?

Jio Crypto-Currency And Currency Me Difference, Bitcoin Aaj Ke Time Me 100+ Country Me Laagu Ho Chuka Hai Or Aapne Goal Success Ho Chuma Hai, Businessmans, Digital Marketer Or Other Logo Ka Vishwash Bitcoin Par Hai, Or Aaj 1 Bitcoin Equals 10356.00 US Dollar Price Hai Jiska Indian Currency Ke Hisab Se 6-7 Lacs Rupees Hote Hai.

जब Jio Coin शेयर मार्केट में लॉन्च होगा, तो लोगो पर भरोसा किया जाएगा और जैसे Jio सिम की उम्मीद है, JioCin Future उज्ज्वल होने वाला है, हालाँकि बिटकॉइन को टक्कर देना थोड़ा मुश्किल है, अब देखते हैं Reliance Jiocoin Indian CryptoCurrency।

In Conclusion

Finally Friends, Jio Coin Kya Hai Jio Coin Launch Date Or Iski Value Ke Bare Me Aaj Humne Charcha Ki Jisme Maine Blockchain Technology Ke Bare Me Bhi Aapko Bataya, Aapke Vichar Janna Chahta Hu Aap Comments Karke Aapna Opinion Jarur De

Jiocoin Kya Hai What Is Jio Coin In Hindi, Agar Aapko Yeh Jankari Pasand Aayi Hai To Hume Comments Me Jarur Bataye Or Aapne Dosto Ke Sath Share Karna Mat Bhule.

Inquisitive and passionate Front-end Developer and Web Designer and Co-Founder of Sahu4you.

सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने

है लो दोस्तों एक बार फिर आप सभी का स्वागत है मेरे इस ब्लॉग मूल बिंदु पर..

जैसा की आप सभी जानते है की टेक्नोलॉजी दिन प्रतिदन बढ़ती जा रही है और देखते देखते मोबाइल लेपटॉप का उपयोग बढ़ता जा रहा है और ये सभी डिवाइस बिना इंटरनेट के बेकार सी लगती है और बिना इंटरनेट के सिवा काम करने में काफी दिन लग जाया करते है

और आज भी सारे काम इंटरनेट के साथ बहुत कम समय में किए जा सकते हैं और वैसे आज के समय में हर किसी के पास स्मार्टफोन लैपटॉप मिल ही जाते हैं जिनमें सबसे ज्यादा सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है और अगर आपके मोबाइल फोन या लैपटॉप में सॉफ्टवेयर नहीं होंगे तो शायद आप कुछ भी ना कर पाए क्योंकि लैपटॉप मोबाइल फोन को आप सॉफ्टवेयर के साथ ही चला सकते हैं जैसे आप फोटो एडिटिंग ऐप वीडियो ऐप म्यूजिक ऐप और बहुत सारी सॉफ्टवेयर का इस्त्माल मोबाइल में किया जाता है और आज के समय में लैपटॉप कंप्यूटर का ज्यादा यूज बच्चे भी किया करते हैं और उनमें से कुछ बच्चों का सपना होता है सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना

तो आज हम इसी के ही बारे में बात करेंगे💻💻💻💻💻💻💻💻💻💻💻

सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना कोई आसान कार्य नहीं है हालांकि है नामुमकिन भी नहीं है परंतु आपको इसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है इसके लिए आपको कॉमर्स और कंप्यूटर जैसे सब्जेक्ट को पढ़ना पड़ता है और MCA यानी Master Computer Application का कोर्स भी करना होता है और अगर आप भी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं तो इस ब्लॉग में आपको अंत पढ़ना होगा इसमें हम आपको बताएंगे कंप्यूटर सॉफ्टवेयर क्या है सॉफ्टवेयर कैसे बनाते हैं सॉफ्टवेयर के प्रकार सॉफ्टवेयर किसे कहते हैं और उसकी पूरी जानकारी हम आपको बताते हैं

तो आइए सबसे पहले जानते हैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्या होता है

सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम होता है जब भी किसी कंप्यूटर में कोई भी प्रॉब्लम आती है तो उसे सॉफ्टवेयर इंजीनियर ठीक करता है जो भी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर बनाए जाते हैं उसके बारे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर को पूरी जानकारी होती है जिसे हम सरल भाषा सॉफ्टवेयर डेवलपर भी कहते हैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने तो किसी भी फिल्म में इंजीनियर बनने के लिए आपको उसकी से रिलेटेड आपको पढ़ाई करनी होती है और प्रैक्टिस भी करनी होती है तब ही आप उस फील्ड के इंजीनियर बन सकते हैं इसी तरह आपको सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए आपको पढ़ाई करनी होगी और प्रैक्टिस तो बहुत ज्यादा करनी होती है

1. सबसे पहले कंप्यूटर में आप बैचलर डिग्री करें और सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए आपको अलग-अलग तरह के कोर्स करने होते हैं जैसे कि कंप्यूटर बैचलर का कोर्स और इसके साथ ही कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग BCA Bachelor Of Computer Application और आपने यह कोर्स किये हैं तो आप एक अच्छे सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हैं और आने वाले टाइम में बहुत अच्छे पैसे कमा सकते हैं और आप अपने खुद का भी सॉफ्टवेयर बना सकते हैं

2. आप कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सीखे क्योंकि सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए सबसे पहले आपको कंप्यूटर की भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए जैसे कि C Language, C++ Java Python Language, Ruby Or Perl Ocaml, Haskell, Scala, Smalltalk Sql, Prolog इत्यादि का ज्ञान होना चाहिए क्योंकि बिना कंप्यूटर की भाषा को जाने बिना आप कोई भी सॉफ्टवेयर नहीं बना सकते जब आप कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग BCA Bachelor बिटकॉइन कोर्स पर पैसा कैसे बनाएँ Of Computer Application जैसे कोर्स करते हैं तो आपको इन सभी भाषाओं के बारे में पढ़ाया जाता है इसलिए आपको इन सभी भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए क्योंकि अगर आपको कंप्यूटर की भाषाओं का ज्ञान नहीं है तो आप उस सॉफ्टवेयर का इस्तमाल नहीं कर सकते उसके साथ आपको कंप्यूटर के बाकी सारे चीजों के बारे में भी ज्ञान होना चाहिए और आप जो भी सॉफ्टवेयर बना रह हैं उसके बारे में आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए इसके बाद ही आप ऐप बिटकॉइन कोर्स पर पैसा कैसे बनाएँ को बना पाएंगे आपको उस सॉफ्टवेयर की जानकारी नहीं होगी तो आपको दूसरे लोगों को उसके बारे में जानकारी कैसे देंगे तो इसके लिए आपको कुछ भाषाओं को सीखना बहुत जरूरी है

3. इंटर्नशिप के लिए कैसे अप्लाई करें

जब आप कंप्यूटर साइंस के लिए BCA डिग्री का कोर्स पूरा कर लेते हैं उसके बाद जैसे ही आप धीरे-धीरे सॉफ्टवेयर बनाने की कोशिश करते हैं उसके बाद आपको इंटर्नशिप के लिए जाना चाहिए जिससे आपको कंप्यूटर की प्रोग्रामिंग और कोडिंग के बारे में और भी ज्यादा नॉलेज मिलेगी इससे आपको पता चलेगा कि कैसे एक सॉफ्टवेयर तैयार किया जाता है और ऐसा करने से धीरे-धीरे आपका सॉफ्टवेयर को डेवलप करने में एक्सपीरियंस बढ़ता जाएगा और ऐसे आप धीरे-धीरे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हैं

4 - इसी के साथ आप मास्टर डिग्री भी कर सकते है एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ अगर आप अच्छे पैसे कमाना चाहते हैं तो आप कंप्यूटर में मास्टर की डिग्री कर सकते हैं इसके लिए आप MCA Master Computer Application कोर्स करने के बाद आपको किसी अच्छी कंपनी में जॉब मिल सकती है और जैसा कि आपको पता है कि दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी Microsoft है जिसमें लगभग 34% भारतीय इंजीनियर काम करते हैं इसके बाद Intel Ibm Nasa Google मे भारत के बहुत से इंजीनियर काम करते हैं तो अगर आप एक अच्छे इंजीनियर बन जाते हैं तो आप एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन के लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं जानकारी के अनुसार पता चला है कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर किसी कंपनी या किसी गवर्नमेंट डिपार्टमेंट में काम ना करते हुए खुद के उद्योग करते हैं यानी बिजनेस करते हैं शुरुआत में तो वह भी कंपनी सरकारी डिपार्टमेंट में जॉब करते हैं लेकिन कुछ टाइम बाद वह जॉब से फ्री होकर अपना बिजनेस करते हैं खुद के According करते हैं खुद के Term And Condition पर करते है

5 - प्रोग्रामिंग लॉजिक को अच्छा बनाएं

अगर आप एक अच्छे सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं तो आपका लॉजिक स्ट्रांग होना बहुत जरूरी है जितने भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर होते हैं उनके अंदर लॉजिक होता है जब भी आप कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग BCA करते हैं तो बहा आपको लॉजिक के बारे में सिखाया जाता है

6 - हर रोज प्रैक्टिस करें

जब आप सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग कोर्स करते हैं तो आपको कंप्यूटर की भाषा और उसकी कोडिंग के बारे में पढ़ाया जाता है आप इन कोशिश को पूरा करते हैं तो आपको धीरे-धीरे कोडिंग के बारे में भी नॉलेज हो जाती है क्योंकि इन सभी में आपको सॉफ्टवेयर बनाने बिटकॉइन कोर्स पर पैसा कैसे बनाएँ के बारे में बताया जाता है तो जब आपको उनकी नॉलेज हो जाती है तो आप धीरे-धीरे सॉफ्टवेयर बनाने की कोशिश करते हैं इसी के बाद हम बात करें कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरीकितनी होती है कितना पैसा मिलता है सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की जॉब आज के समय में काफी अच्छी मानी जाती है और इसकी और इसकी सैलरी भी काफी ज्यादा अच्छी होती है जिस भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 10 साल से कम का एक्सपीरियंस है तो उनकी सालाना कमाई लगभग 500000 तक होती है ज्यादा भी होती है और यह अलग-अलग कंपनी पर डिपेंड करता है कि वह अपने सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कितनी सैलरी देते हैं तो अगर हम सॉफ्टवेयर इंजीनियर की बात करें कंपनी पर निर्भर करेगा कितनी सैलरी देगी और अगर आप एक फ्रेसर सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं तो आपकी सेलरी 30 से 40000 महीने की होगी

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