स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार

इन्हीं सब को ध्यान में रखकर उस व्यक्ति का सिबिल स्कोर बनाया जाता है|
जबकि स्टॉक और बॉन्ड गिर रहे हैं, इन ‘सुरक्षित’ निवेशों की बिक्री फलफूल रही है
कई कारणों में से एक सामान्य निवेशक लंबी अवधि में बाजार से कमतर प्रदर्शन करता है, यह है कि इतने सारे शेयरों में गिरावट के बाद शेयरों से पलायन होता है। वे बाजार के बारे में तब तक उत्साहित नहीं होंगे जब तक कि यह वापस नहीं आ स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार जाता।
कुल मिलाकर वार्षिकी की बिक्री एक साल पहले की तीसरी तिमाही में आश्चर्यजनक रूप से 29% उछल गई, जो 81 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, लिमरा रिपोर्ट। इस साल अब तक बिक्री 17% बढ़कर 224 अरब डॉलर हो गई है।
वार्षिकियां बीमा कंपनियों द्वारा उत्पादित वित्तीय स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार उत्पाद हैं, और वे बीमा और निवेश का एक प्रकार का संकर हैं। वे वास्तव में कई अलग-अलग प्रकारों में आते हैं, जिनमें “निश्चित दर आस्थगित वार्षिकियां,” “निश्चित अनुक्रमित वार्षिकियां,” “पंजीकृत अनुक्रमित जुड़ा हुआ है वार्षिकियां,” और इसी तरह।
जानिए शेयर बाजार कैसे काम करता है
शेयर बाजार काम एक सब्जी मंडी की तरह करता है शेयर बाजार में डिमांड एंड सप्लाई चलती है अगर इसके अंदर किसी चीज की बहुत ज्यादा डिमांड है तो रेट बड़ जायेगा लेकिन कोई ऐसी सब्जी है जिसकी डिमांड कम है लेकिन सप्लाई बहुत ज्यादा आ गई है तो उस सब्जी के रेट घट जाएंगे ।
शेयर बाजार एक ऐसा बाजार है जहां पर कंपनियों के शेयर खरीदे भेजे जाते हैं किसी भी अन्य बाजार की तरह शेयर बाजार में खरीदने और बेचने वाले एक दूसरे से मिलते हैं और मोलभाव करके शादी पक्की करते हैं और हां से कुछ समय पहले शेरों की खरीद बिक्री मौके गोलियों से होती थी और खरीदने बेचने वाले मुंह जवानी ही सौदा किया करते थे लेकिन आज के समय में सहारा लेनदेन स्टॉक एक्सचेंज के नेटवर्क से जुड़े ऑनलाइन कंप्यूटरों के जरिए होता है ऑनलाइन इंटरनेट पर भी यह सुविधा मिलती है और आज के समय में शेयर खरीदने बेचने वाले सामने नहीं आ पाते
शेयर बाजार से जुडी मुख्या जानकारियाँ
एनएससी (NSE) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और दूसरा बीएसई (BSE) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यहीं पर जाकर आप ट्रेडिंग करते हैं यहीं से आपको पता चलता है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और मुंबई स्टॉक एक्सचेंज निफ़्टी फिफ्टी (NIFTY50) मैं आता है जिसमें शेयर बाजार की सारी कंपनियों का समावेश होता है उसी से पता चलता है कि सारी कंपनी अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं या हल्का परफॉर्म कर रही है
Nifty एक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज फिफ्टी (National stock exchange fifty) मार्केट है यह दो शब्दों से मिलकर बनी है उसको nifty50 भी कहा जाता है लेकिन आमतौर पर लोग से Nifty के नाम से ही जानते हैं और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (National stock exchange of India) का एक महत्वपूर्ण बेंचमार्क होता है यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज मैं लिस्टेड 50 प्रमुख शेयर का सूचकांक होता है यह देश की 50 प्रमुख कंपनियों के शेयरों पर नजर रखता है और इसमें सिर्फ वही 50 कंपनी के शेयरों को देखा जा सकता है जोकि लिस्टेड है यह उन कंपनियों के शेयर्स जोकि लिस्टेड है उनके भाव में होने वाली तेज या मदी का भी ध्यान रखता है और उनकी सूचना प्रदान करता है।
जानिए सेंसेक्स (Sensex) क्या है?
आप लोगों ने अक्सर टीवी या न्यूज़पेपर सेंसेक्स के बारे में पढ़ा या देखा हुआ और आपने देखा होगा की सेंसेक्स आज इतने अंक ऊपर चला गया तो कभी आपने सुना हुआ किसान से कितने अंक नीचे गिर गया।
जब भी आप शेयर मार्केट में निवेश करें तो सेंसेक्स के बारे में अच्छे से जानकारी कर ले सेंसेक्स भी एक तरह से निफ्टी की तरह ही काम करता है पर निफ़्टी की तुलना में सन सेक्स में मात्र 30 कंपनियों सूचीबद्ध होती है स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार जहां निफ्टी को Nifty50 भी का जाता है
सेंसेक्स हमारे भारतीय स्टॉक मार्केट का बेंचमार्क इंडेक्स हैं, जोकि BSE (मुंबई स्टॉक एक्सचेंज) मैं सूचीबद्ध शेयर्स के भाव में होने वाली तेजी और मंदी को बताता है और इसी के जरिए हम इसमें सूचीबद्ध 30 सबसे बड़ी कंपनियों के प्रदर्शन की जानकारी हासिल करते हैं सन सेक्स की बात करे तो यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक मार्केट इंडेक्स है जिसकी शुरुआत 1986 में हुई
PE (Price earning ratio) क्या है?
PE का मतलब (price earning ratio) प्राइस अर्निंग रेशों है प्राइस अर्निंग रेशों से आपको कंपनी के शेयर स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार के बारे में पता चलेगा और जिसको कंपनी के प्राइस अर्निंग रेशों नहीं पता होंगे वह शेयर बाजार में तरक्की (Growth) नहीं कर पाएगा अगर आपको प्राइस अर्निंग रेशों के बारे में जितना अच्छे से मालूम होगा आप शेयर बाजार में उतना अच्छा मुनाफा निकाल पाओग। और आपको प्राइस अर्निंग रेशों के बारे में बिल्कुल ज्ञान नहीं है तो वह आप बहुत बड़ा लॉस खा सकते हो इसलिए आपको प्राइस अर्निंग रेशों के बारे में बहुत अच्छी जानकारी होनी चाहिए Nifty नीचे है तो इन्वेस्ट कीजिए और निफ्टी ऊपर है तो डिबेस्ड कीजिए
Year | PE | Return (Per Year) |
1998 | 12 | 100% |
2003 | 11 | 116% |
2006 | 10 | 130% |
निफ्टी और सेंसेक्स क्या है? | What is Nifty and Sensex in Hindi
What is nifty and sensex: इस पोस्ट में हम निफ्टी और सेंसेक्स क्या है? इसके बारे में समझेंगे| साथ ही साथ यह भी समझने की कोशिश करेंगे के लोगों पर सेंसेक्स और निफ्टी का जुनून क्यों सवार रहता है? क्यों लोग सेंसेक्स और निफ्टी के बारे में हमेशा जानने का प्रयत्न करते रहते हैं?
कभी-कभी लोगों का यह प्रश्न रहता है कि “सेंसेक्स में यदि 30 कंपनियों का संकेत देता है तो उन कंपनियों को ही फर्क पड़ना चाहिए| मेरी कंपनी के स्टॉक पर क्यों फर्क पड़ेगा?”
यदि आप शेयर मार्केट में पैसा लगाते हैं तो आपको इसका एनालिसिस करना बहुत जरूरी है| जब सेंसेक्स ऊपर चढ़ता है तो छोटी कंपनियों के शेयर भी चढ़ जाते स्टॉक मार्केट इंडेक्स के प्रकार हैं परंतु जब सेंसेक्स नीचे गिरता है तो कई बार अच्छी कंपनियों के शेयर भी गिर जाते हैं|
ग्रुप सेंटीमेंट का भी इस पर बहुत प्रभाव पड़ता है| इसी सेंटीमेंट को समझने के लिए इसका एनालिसिस करना बहुत जरूरी है!