शुरुआती के लिए रणनीतियाँ

इंट्रा डे ट्रेडिंग

इंट्रा डे ट्रेडिंग
Trading बाजार अस्थिर हैं और अनुभवी पेशेवरों के लिए भी Trends की भविष्यवाणी करना आसान नहीं है. ऐसी स्थितियों में, शुरुआती आसानी से अपना सारा निवेश खो सकते हैं. यही कारण है कि एक महत्वपूर्ण इंट्राडे टिप छोटी रकम का निवेश करना है जिसे उपयोगकर्ता खोने का जोखिम उठा सकता है.

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इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स? रोज़ पैसे कमाए [2022] | Intraday Trading Tips in Hindi

दोस्तों क्या आप इंट्राडे ट्रेडिंग के बहुत सारे टिप्स को जानकर शेयर मार्किट से करोड़ों रुपए कमाना चाहते हैं अगर हाँ तो यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए ही है क्यूंकि इस पोस्ट में मैंने इंट्राडे ट्रेडिंग के कई सारे टिप्स को बताया है – Intraday Trading Tips in Hindi.

Table of Contents

इंट्राडे इंट्रा डे ट्रेडिंग ट्रेडिंग टिप्स – Intraday Trading Tips in Hindi

रेगुलर शेयर बाजार में निवेश करने की तुलना में इंट्राडे ट्रेडिंग जोखिम भरा है. घाटे से बचने के लिए, विशेष रूप से शुरुआती लोगों के लिए, इस तरह के ट्रेडिंग की मूल बातें समझना महत्वपूर्ण है. इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको केवल उतनी ही इंट्रा डे ट्रेडिंग राशि का निवेश करें जो की अगर डूब जाए तो आप उसे सह सके.

जब कोई निवेशक किसी एक शेयर को खरीदकर वह उस शेयर को उसी दिन मार्किट बंद होने से पहले बेच देता है तो इसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है. इसमें आप एक ही दिन में लाखों रूपए भी कमा सकते हो और गवां भी सकते हो इसलिए आपको इसके बारे में अच्छी जानकारी होना काफी जरुरी है

नीचे दी गयी इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स से निवेशकों को सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी.

दो या तीन लिक्विड शेयर चुनें

इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडिंग समय के अंत से होने से पहले सभी शेयर्स को बेचना होता है. यही कारण है कि दो या तीन लार्ज-कैप शेयरों को चुनने की सिफारिश की जाती है जो अत्यधिक तरल अर्थात जिसमे ज्यादा पैसा लगा होता हैं. मिड-साइज़ या स्मॉल-कैप में निवेश करने से निवेशक को कम ट्रेडिंग वॉल्यूम के कारण इन शेयरों को रखना पड़ सकता है.

प्रवेश स्तर का मतलब है आप किसी शेयर को कितने price में खरीदना चाहते हैं और लक्ष्य मूल्य (Target Price) का अर्थ है आप उसी शेयर को कितने price पर बेचना चाहते हैं.

कोई भी शेयर खरीदने से पहले, आपको अपना प्रवेश स्तर (Entry Level) और लक्ष्य इंट्रा डे ट्रेडिंग मूल्य (Target Price) निर्धारित करना होगा. शेयर खरीदने के बाद किसी व्यक्ति के मनोविज्ञान में बदलाव आना आम बात है. नतीजतन, आप कीमत में मामूली वृद्धि देखने पर भी बेच सकते हैं. इसके कारण, आप मूल्य वृद्धि के कारण उच्च लाभ का लाभ उठाने का अवसर खो सकते हैं.

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aajtak.in

  • 10 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 2:37 PM IST

आजकल कई ट्रेडर्स इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाह रहे हैं, क्योंकि इंट्राडे ट्रेडिंग उन्हें कम समय में ज़्यादा पैसा कमाने का मौका प्रदान करती है. लेकिन ज़्यादातर ट्रेडर्स शुरुआत में हे असफल हो जाते है, जिसका सबसे बड़ा कारण ज्ञान और समझ की कमी. गेमर से मार्केटर बने श्रेयस बांदी से समझें कैसे उन्होंने तीस लाख के सही रिस्क मैनेजमेंट से पांच करोड़ तक की कमाई की.

Margin Money Kya Hai

मार्जिन मनी आपको आपके ट्रेडिंग अकाउंट पर मिलने वाले loan के सामान है जिस पर आपको कोई ब्याज नहीं देना पड़ता . लेकिन फिर भी आप जितनी margin money का उपयोग करते है उतनी margin money आपको बापिस भी देनी पड़ती है .

उदाहरण के लिए मान लेते है कि आपने ट्रेडिंग के लिए अपने खाते में 5000 रूपए डाले और आपके खाते पर आपको 5 गुना मार्जिन मिला है . तो अब आपके ट्रेडिंग अकाउंट में 25000 रूपए हो गए है .

यानि आप 25000 रूपए कि कीमत तक शेयर खरीद सकते है . लेकिन हम आपको ऐसा करने कि सलाह नहीं देंगे . आप मार्जिन मनी का उपयोग करे लेकिन आधे से भी कम,

क्योंकि अगर आपके ट्रेडिंग में आपको घटा होता है तो आपको ज्यादा नुकसान न उठाना पड़े .

बस अब आपको शेयर मार्किट के खुलते ही खरीदने है और अपने शेयर पर Target एवं इंट्रा डे ट्रेडिंग Stop Loss लगा कर शेयर कि कीमत बढ़ने का इन्तेजार करना है .

Target Kya Hai

जब आप कम दाम में शेयर खरीदते है तो आप एक अनुमान लगाते है कि यह शेयर मैंने 100 रूपए प्रति शेयर कि कीमत पर ख़रीदा है और इसको में 105 रूपए प्रति शेयर कि कीमत पर बेच दुगा .

इसी को हम Sell Out Target कहते है . ट्रेडिंग के लिए आप जैसे ही इंट्रा डे ट्रेडिंग शेयर खरीदते है ठीक वैसे ही शेयर पर बेचने का टारगेट लगा देना चाहिए.

इससे जैसे ही उस शेयर कि कीमत आपके तय किये गए टारगेट तक पहुंचेगी, आपके शेयर अपने आप बिक जायेंगे और आपके खाते में मुनाफे के पैसे जामा हो जायेंगे .

शेयर पर टारगेट लगाना क्यों जरुरी है

शेयर मार्किट में शेयर कि कीमत मिनट के अन्दर बढती और घटती है. इस कारण से कई इंट्रा डे ट्रेडिंग बार हमारे ज्यादा लालच के चलते हम Target नहीं लगते और सोचते है कि जब शेयर कि कीमत और ज्यादा हो जायगी तब बेच देंगे .

लेकिन देखते ही देखते शेयर कि कीमत घटना शुरू हो जाती है और बाद में हमे पछतावा होता है .

Stop Loss Kya Hai

जब हम शेयर मार्किट से शेयर खरीदते है तो हमे शेयर कि कीमत का कोई सटीक आंकड़ा पता नहीं होता, इंट्रा डे ट्रेडिंग हम सिर्फ अनुमान पर ही ट्रेडिंग करते है .

उदाहरण के लिए आपने एक कंपनी के शेयर को 150 रूपए प्रति शेयर कि कीमत से ख़रीदा और उस पर Stop Loss नहीं लगाया.

इसके बाद उस शेयर कि कीमत अचानक से एकदम घटना शुरू हो गई, जितने में आप शेयर को इंट्रा डे ट्रेडिंग बेच पाते, इतने में उसके शेयर कि कीमत 150 रूपये प्रति शेयर से 100 रूपए प्रति शेयर हो गई .

इससे आपको कुछ ही मिनट में 50 रूपए प्रति शेयर का नुकसान हो गया . वही आपने अगर अपने शेयर पर 140 रूपए प्रति शेयर का stop loss लगाया होता तो आपके शेयर अपने आप 140 रूपए प्रति शेयर कि कीमत पर बिक जाते .

तब आपको सिर्फ 10 रूपए प्रति शेयर का नुकसान होता .

अब आप सोच रहे होंगे कि 10 रूपए प्रति शेयर का नुकसान उठाना ही क्यों हम 150 रूपए या 149 रूपए प्रति शेयर कि कीमत का भी stop loss लगा सकते है.

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉप लॉस कैसे सेट करें? | Stop Loss Kaise Lagaye | How to set stop loss?

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉप लॉस कैसे सेट करें? | Stop Loss Kaise Lagaye | How to set stop loss?

How to set stop Loss: स्टॉप लॉस एक ऐसा मेथड है जो किसी भी स्टॉक से होने वाले नुकसान को कम करता है। इसका उपयोग इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए किया जाता है। लेकिन डे ट्रेडिंग के लिए स्टॉप लॉस कैसे सेट करें? (How इंट्रा डे ट्रेडिंग to set stop loss?) आइये इस लेख में समझें।

How to set stop Loss For Intraday Trading: जब Day Trading होता है, तो किसी के फैसले के खिलाफ रुझान का एक महत्वपूर्ण मौका होता है, जिसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण नुकसान होता है। घाटे के एक विशेष स्तर पर, एक डे ट्रेडर स्टॉप लॉस ऑर्डर का उपयोग कर सकता है। स्टॉप लॉस मेथड में नीचे का ट्रेंड जब लिमिट से टकराता है तो किसी भी अधिक नुकसान को रोकने के लिए ट्रांजैक्शन ऑटोमैटिक रूप से रद्द कर इंट्रा डे ट्रेडिंग दिया जाता है। stop-Loss ट्रेडिंग की आवश्यकता नहीं है और यह एक व्यक्तिगत विकल्प है, लेकिन यह एक बड़े नुकसान के खतरे को कम करता है।

क्या होती है इंट्रा डे ट्रेडिंग

इंट्रा डे ट्रेडिंग का मतलब एक सत्र के अंदर ही कारोबार को पूरा करना होता है। आमतौर पर शेयर बाजार सुबह सवा 9 बजे से दोपहर बाद साढ़े तीन बजे तक खुला रहता है। अगर कोई कारोबारी सुबह कोई खरीद या बिक्री का सौदा करता है और शाम को इसी सौदे का उल्टा, यानी सुबह की खरीद पर शाम को बिक्री या फिर सुबह की बिक्री पर शाम को खरीद करता है तो इससे उसकी पोजीशन खत्म हो जाती है और एक ही दिन में वो वास्तविकता में बिना पैसे लगाए मुनाफा कमा लेता है। इसे ऐसे समझिए कि अगर कोई शख्स सुबह किसी शेयर को 100 रुपये में खरीदता है और शाम को वो 102 रुपये में इसी शेयर को बेच देता है तो अकाउंट में सुबह एक शेयर जुड़कर शाम को एक शेयर घट जाता है यानी बैंलेंस शून्य रहता है। वहीं खाते से 100 रुपये कटते हैं लेकिन 102 रुपये मिलते हैं यानी खाते में 2 रुपये बढ़ जाते हैं। इसका मतलब यह है कि आपके पोर्टफोलियो में बिना कोई शेयर बढ़े या घटे आपके बैंक खाते में 2 रुपये बढ़ जाते हैं।

क्यों ट्रेडर्स करते हैं इंट्रा-डे ट्रेडिंग

इंट्रा डे ट्रेडिंग काफी जोखिम भरा काम है लेकिन इसमें माहिर ट्रेडर्स के लिए ये छोटी रकम से मोटा मुनाफा कमाने का तरीका भी है। दरअसल इंट्रा डे की मदद से इंट्रा डे ट्रेडिंग आप एक ही रकम को बार बार इस्तेमाल कर हर ट्रेड से मुनाफा कमा सकते है। इसमें हर शाम पोजीशन खत्म करने से आपकी रकम अगले दिन नए सौदे के लिए फ्री हो जाती है। हालांकि इसमें जोखिम काफी ज्यादा होता है, ऐसे में इंट्रा डे सौदे करने के लिए या तो आपके पास बाजार की अच्छी समझ होनी चाहिए या फिर आपके पास बाजार को समझने वाला एक सलाहकार होना चाहिए। 5paisa आपको इसी तरह बाजार से जुड़ी अपनी टिप्स देता है जिसके जरिए आप इंट्रा डे में यानी एक दिन में ही बाजार में कमाई कर सकते हैं।

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एफएंडओ स्टॉक्स में इंट्रा-डे ट्रेडिंग

इंट्रा-डे ट्रेडिंग एक स्ट्रैटजी होती है जो किसी भी एसेट में एक सत्र के दौरान मूल्यों में आए तेज बदलाव का फायदा उठाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसमें निवेशक इंट्रा डे ट्रेडिंग का पैसा काफी कम समय के लिए बाजार में रहता है और तेजी से ट्रेड की वजह से कुल रकम पर रिटर्न बेहद ऊंचे हो जाते हैं। इस रणनीति का फायदा एफएंडओ में भी उठाया जाता है जहां डेरिवेटिव्स में एक सत्र के दौरान आए तेज उतार-चढ़ाव से ऊंचे रिटर्न बनाए जाते हैं। वहीं एफएंडओ स्टॉक्स में इंट्रा-डे ट्रेडिंग का एक और फायदा मिलता है। दरअसल, मार्जिन की वजह से एफएंडओ स्टॉक्स में ट्रेड कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू के काफी कम अमाउंट पर किया जा सकता है यानी आप जितनी रकम सामान्य स्टॉक्स की ट्रेडिंग में लगाते हैं उतनी ही रकम से एफएंडओ में इससे कहीं ज्यादा बड़े सौदे कर सकते हैं। अगर आपकी गणित सही रहा तो एफएंडओ स्टॉक में इंट्रा डे रणनीति से आप अपना फायदा उतनी ही रकम पर कई गुना बढ़ा सकते हैं।

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