निवेश के तरीके

निवेश के तरीके
आज के समय जब महंगाई लगातार बढ़ रही है, ऐसे में यदि हम अपनी कमाई औऱ बचत भी उसके साथ ना बढ़ाएं तो धीरे धीरे हमारी कमाई बहुत कम लगने लगेगी। समय के साथ पैसे की कम होती कीमत को रोकने और बढाने के लिए कुछ पैसे लगाकर ज्यादा पैसे कमाने को ही investment या निवेश कहा जाता है।
Investment क्यों जरूरी है
महंगाई को Silent Killer बोला जाता है जो धीरे धीरे आपके पैसे को खा जाती है। उदाहरण के लिए जनवरी 2004 में एक लीटर डीजल खरीदने के लिए आपको सिर्फ 24 रुपये खर्च करने पडते जबकि जुलाई 2021 में एक लीटर डीजल आपको लगभग 97 रुपये में मिलेगा। पूरी 4 गुणा महंगाई। यही हाल अलग अलग वस्तुओं का है।
भारत मे औसत महंगाई दर 4% के आसपास रही है और भविष्य में भी इसी के आस पास रहने का अनुमान है। इसके अनुसार आपके ₹100 रुपये अगले साल ₹96 रह जाएंगे। इसलिए जरूरी है कि आपको पैसे को ऐसी जगह invest करना है जिसमें कम से कम 4% का return मिलता हो, जिससे आप बढ़ने वाली महंगाई से अपने पैसे को बचा सकें। अतः आपको यह जानना जरूरी है कि निवेश कहाँ करें?
1. Fixed Deposit या FD
भारत मे निवेश का यह सबसे पसंदीदा और आसान तरीका है। भारत की आधे ज्यादा जनसंख्या अब भी निवेश के इसी तरीके पर निर्भर करती है। क्योंकि इसमें आपको वृद्धि की गारंटी मिलती है जो लगभग 7 से 8% तक होती है। FD से मिलने वाला ब्याज इनकम टैक्स के अंतर्गत आता है, इसलिए आपको मिलने वाले ब्याज पर आपकी कमाई के हिसाब से टैक्स लगता है। हर बैंक आपको आजकल इंटरनेट बैंकिंग के द्वारा FD कराने की सुविधा दे रहा है। FD मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं:
Cumulative FD :
इस तरह की FD में आपको चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है और यह एक निर्धारित समय सीमा के लिए होती है। समय अवधि 1 साल से लेकर 10 साल तक आप खुद चयन कर सकते हैं। इसका नुकसान यह है कि यदि आप निर्धारित समय सीमा से पहले अपने पैसे निकलते हैं तो ब्याज में कटौती होती है जो 1 से 2% तक हो सकती है। साथ ही सबसे बड़ा फायदा है कि आपको चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है जो आपके पैसे बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण है।
Non Cumulative FD:
इस तरह की FD में आपको चक्रवृद्धि ब्याज नहीं मिलता। इसमें महीने, 3 महीने या 6 महीने के हिसाब से ब्याज का पैसा निकाल लिया जाता है। निकालने का समय आपको FD कराते समय बताना होता है। इस तरह की FD वो लोग कराते हैं जिनको हर महीने खर्च चलाने के लिए पैसे चाहिए। जैसे यदि आप 10 लाख की FD कराते हैं तो 8% वार्षिक दर से आपको हर महीने 6,666 रुपये (80,000/12) ब्याज के रूप में मिल जाते हैं।
2. PPF और EPF
PPF यानी Public Provident Fund में आप 500 रुपये से लेकर सालाना 1.5 लाख तक जमा कर सकते हैं। इस स्कीम में 15 साल तक पैसा बंद हो जाता है। वितीय वर्ष 2021-22 के लिए भारतीय सरकार के वित्त मंत्रालय ने PPF पर 7.1% ब्याज की घोषणा की है। भारतीय सरकार हर साल औऱ तिमाही के हिसाब से ब्याज निवेश के तरीके की दरों में कटौती या बढ़ोतरी करती है।
PPF के पैसे पर लगने वाला ब्याज टैक्स रहित होता है। EPF यानी Employee Provident Fund में हर कर्मचारी चाहे वह सरकारी हो या प्राईवेट हो पैसे जमा करता है। भारतीय सरकार के नियम के अनुसार आपकी बेसिक सैलरी का 12% EPF खाते में जमा होता है और आपके नियोक्ता का 3.8% कर्मचारी के खाते में जमा होता है। EPF खाते से आप नोकरी छोड़ने, सेवानिवृत्त होने या आपात्काल स्थिति में आंशिक पैसे निकाल सकते हैं।
3. NPS (National Pension Scheme)
जैसा कि नाम से ही लगता है कि इस स्कीम में सिर्फ रिटायरमेंट के लिए पैसे निवेश किये जाते हैं। NPS को 2004 में सरकारी कर्मचारियों तथा 2009 में सबके लिए खोल दिया गया था। आपका NPS में जमा किया हुआ पैसा अलग तरीके से निवेश किया जाता है। इस निवेश के लिए अलग अलग फंड मैनेजर काम करते हैं। NPS में दो तरीके से निवेश होता है:
Tier 1 NPS Scheme:
इस स्किम में मिलने वाला फायदा ब्याज से मुक्त होता है अर्थात आपका स्किम पूरी होने पर मिलने वाले पैसे में से कोई टैक्स नहीं कटेगा। Tier 1 NPS खाते से पैसा सिर्फ रिटायरमेंट के बाद ही निकाला जा सकता है। इसमें लगभग 60% पैसा आपको एक साथ और बाकी का पेन्शन के रूप में मिलता है।इस स्कीम में आपका पैसा शेयर बाजार, कॉरपोरेट बॉन्ड औऱ ऋण के रूप में निवेश किया जाता है। सरकारी NPS को सम्भालने के लिए LIC, SBI औऱ IDBI तीन फंड मैनेजर काम करते हैं तथा प्राइवेट NPS के लिए HDFC, Reliance, ICICI आदि फंड मैनेजर काम करते हैं।
PPF: इस तरीके से निवेश करेंगे पैसा तो ब्याज का लाभ मिलेगा ज्यादा, वरना होगा नुकसान
नई दिल्ली। सरप्लस मनी को निवेश करने के कई तरीके हैं, लेकिन अधिकांश लोग पब्लिक प्रोविडेंट फंड ( Public Provident Fund ) में पैसा जमा करना पसंद करते हैं। ऐसा इसलिए कि इन योजनाओं में पैसा जमा करना बैंकों में जमा राशि से ज्यादा सुरक्षित और गारंटी माना जाता है। साथ ही ज्यादा ब्याज ( Interest ) भी मिलता है। इसके अलावा, पीपीएफ ( PPF ) लोकप्रिय विकल्पों में से एक है। इसमें अच्छा रिटर्न ( Good return ) के साथ टैक्स की भी बचत होती है। इसके बावजूद कई लोग पीपीएफ में निवेश ( PPF investment ) का सही लाभ नहीं उठा पाते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर पैसा कैसे लगाएं कि उसका पूरा लाभ मिले।
OLA CEO Bhavish Aggarwal बोले- भारत में निवेश करें कंपनियां
यहां पर गौर करने वाली बात यह है निवेश के तरीके कि पीपीएफ में पैसा जमा करने का कोई तय डेट नहीं होता। इसलिए लोग हर माह की किसी भी तारीख को पैसा जमा कर देते हैं। यही एक ऐसी चूक है जिसकी वजह से लोग बड़ा नुकसान उठाते हैं। एक ऐसा नुकसान है जो सटीक जानकारी होने और उस अमल करने मात्र से बचा जा सकता है। इसके लिए यह जानना जरूरी है कि PPF पर ब्याज कैसे कैलकुलेट होता है। कैसे आप ज्यादा से ज्यादा ब्याज हासिल कर सकते हैं ताकि निवेश के तरीके आपकी रकम कई गुना बढ़ जाए।
PPF पर हर महीने ब्याज की गणना होती है। ये खाते में वित्त वर्ष के अंत में क्रेडिट किया जाता है। यानी हर महीने जो भी ब्याज आप कमाते हैं वो 31 मार्च को आपके PPF खाते में डाल दिया जाता है। PPF पर ब्याज की गणना हर महीने की 1 तारीख से लेकर 5 तारीख तक खाते में मौजूद रकम पर होती है। कहने का तात्पर्य यह है कि अगर आपने किसी महीने की 5 तारीख तक PPF खाते में पैसा डाल दिया तो उस पैसे पर उसी महीने ब्याज मिल जाएगा। अगर आप 6 तरीख को पैसा डालते हैं तो आपको एक महनी के ब्याज का नुकसान उठाना पड़ता है। अगर आप इस तरह की गलती हर महीने करते हैं तो समझ लीजिए कि आप हर माह ब्याज का नुकसान उठाते हैं। ऐसा इसलिए कि 6 तारीख को पैसा जमा किया तो जमा की गई रकम पर ब्याज अगले महीने से मिलेगा। कुल मिलाकर पेसा जमा करने के तरीके से ब्याज में फर्क आ जाता है।
PPF: केवल 1,000 रुपए निवेश कर पाएं 18 लाख का रिटर्न, जानिए क्या है तरीका?
टैक्स छूट पर ज्यादा लाभ के लिए 1 से 5 अप्रैल के बीच करें निवेश
इसलिए अगर आप PPF में अपने पैसे पर ज्यादा से ज्यादा ब्याज चाहते हैं तो इस ट्रिक को ध्यान में रखें। हर महीने की 5 तारीख तक पैसा जमा कर दें। ताकि आपको उस महीने का ब्याज जरूर मिल जाए। एक्सपर्ट ये भी सलाह देते हैं कि PPF पर 1.5 लाख के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है। इसलिए अगर आप ये टैक्स छूट लेना चाहते हैं तो 1.5 लाख की पूरी रकम नया वित्त वर्ष शुरू होते ही 1 अप्रैल से 5 अप्रैल के बीच ही जमा कर दें। अगर आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो हर महीने की 5 तारीख तक पैसा जमा कर दें। बता दें कि करीब डेढ़ साल पहले 30 मार्च 2020 को सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में भारी कटौती की थी। PPF पर ब्याज दरें भी 7.1 परसेंट पर हैं।
Mutual Fund Investment : अगर करना चाहते हैं Mutual Fund में निवेश, तो यह तरीका अपनाने पर नहीं होगा घाटा
Mutual Fund Investment : शेयर मार्केट (Share Market) में निवेश (Invest) करने वाले निवेशकों (Investers) के लिए म्यूचल फंड (Mutual Fund) पहली पसंद बन चुका है। लेकिन कई बार निवेशक बिना किसी जानकारी के सीधे म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश (Invest) कर देते हैं और घाटे का शिकार हो जाते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि म्यूचल फंड (Mutual Fund) में निवेश (Invest) करने का सही तरीका क्या है, जिससे कि निवेशक (Invester) को कभी घाटे का शिकार ना होना पड़े और म्यूचल फंड (Mutual Fund) में इस तरीके से निवेश (Invest) कर तगड़ा रिटर्न कमाएं.
कई म्यूचल फंड (Mutual Fund कंपनियों द्वारा लगभग हर दिन कई तरह की योजनाएं निकाली जाती हैं और निवेशक (Investerw) बिना कुछ सोचे समझे उन योजनाओं में निवेश (Invest) कर देते हैं। लेकिन क्या सारी योजनाएं आपके लिए निवेश (Invest) के लिए बेहतर हैं या नहीं इस बात का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। म्यूचल फंड (Mutual Fund) की किसी भी योजना में सबसे पहले आपको यह देखना होगा कि उस योजना ने निवेशकों (Investers) को कितना रिटर्न दिया है यानी कि सबसे पहले आपको यह योजना का पिछला रिटर्न देखना होगा उसके बाद आपको उस योजना की अन्य योजनाओं से भी तुलना करनी होगी साथ ही आपको ईआर की भी जांच करनी होगी। इस सब के पश्चात ही आप म्यूचुअल (Mutual Fund) फंड की किसी योजना में निवेश (Invest) करें।
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश (Invest) करने वाले निवेशकों (Investers) को किसी भी योजना में निवेश (Invest) के बाद धैर्य रखना बहुत जरूरी है। क्योंकि निवेशक (Invester) जिस योजना में निवेश (Invest) करेगा वह योजना उसे तुरंत लाभ नहीं देगी। बल्कि अच्छा खासा रिटर्न प्राप्त करने के लिए निवेशक (Invester) को थोड़ा सा इंतजार करना पड़ता है। साथ ही अगर आप अच्छा खासा रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको किसी भी योजना में एकमुश्त निवेश (Invest) करना होगा । वहीं जितनी अधिक मात्रा में आप निवेश (Invest) करेंगे उतना अच्छा और अधिक मात्रा में आपको रिटर्न प्राप्त निवेश के तरीके होगा।
निवेशकों (Investers) को म्यूचुअल फंड (Mutual Fund)में निवेश (Invest) करने के बाद इस बात का विशेष ध्यान रखना होता है कि म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की जिस योजना में उन्होंने निवेश (Invest) किया है उस योजनाओं में उनके निवेश (Invest) का पैसा किस प्रकार का प्रदर्शन कर रहा है। यानी की निवेशकों (Investers) को समय समय पर अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करते रहना चाहिए और उसे बेहतर करने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही निवेशकों (Investers) को निवेश (Invest) करने से पहले विभिन्न प्रकार की म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) योजनाओं में शॉर्ट और लॉन्ग टर्म निवेश (Invest) के फायदे और नुकसानों के बारे में पता होना चाहिए।
अगर आप इस प्रकार से म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की किसी भी योजना ने निवेश (Invest) करते हैं तो आपका पैसा अधिक सुरक्षित रहेगा।
अगर आप चाहते हैं शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना तो यह बेहद ही आसान है और कुछ ऐप (Apps) इसे और भी आसान बना रहे हैं। फिलहाल Groww App शेयर मार्केट (Share Market) में इन्वेस्ट करने के लिए बेहतर ऐप सबित हो रहा है और इसके माध्यम से आप आसानी से शेयर मार्केट (Share Market) में इन्वेस्ट कर सकते हैं यानी कि शेयर खरीद (Buy Share) और बेच (Sell Share) सकते हैं। नीचे हम इस ऐप का लिंक दे रहे हैं आप चाहे तो डाउनलोड कर अपना अकाउंट बनाकर शेयर मार्केट में इन्वेस्ट (Invest In Share Market) कर सकते हैं। इस बात का ध्यान रखना है कि अकाउंट बनाने के साथ ही आपको कुछ डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करना होता है जो बेहद ही आसान है। शेयर मार्केट में इन्वेस्ट (Invest In Share Market) करना है जोखिम भरा हो सकता है और जो भी कदम आप उठाने जा रहे हैं वह आप अपने जोखिम पर ही उठाएंगे। नीचे दिए गए लिंक से Groww App डाउनलोड करने पर आपको ₹100000 तक का फ्री में फायदा मिल जाएगा जिसे आप Share Market में Invest कर सकते हैं।
आपके काम की हर महत्वपूर्ण खबर और अपडेट उपलब्ध है हमारे इस वेबसाइट पर। चाहे हो रोजगार से जुड़ी खबर या हो योजनाओं संबंधी जानकारी हर अपडेट और हर खबर आपको मिलेगी हमारे इस वेबसाइट पर। अगर आप चाहते हैं कि जब भी हम कोई खबर प्रकाशित करें तो आपको उसका नोटिफिकेशन मिले तो आप हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़ सकते हैं जिसका लिंक इस पोस्ट के नीचे हरे रंग की पट्टी में दिया गया है। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़ सकते हैं और हर अपडेट का नोटिफिकेशन सबसे तेज और पहले प्राप्त कर सकते हैं। हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़ने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि आपको हर खबर का नोटिफिकेशन सबसे तेज मिल जाता है और आपसे आपके काम की कोई भी महत्वपूर्ण खबर नहीं छूटती है।
नॉलेज: 4 तरह के होते हैं म्यूचुअल फंड, 500 रुपए से कर सकते हैं निवेश की शुरुआत
अच्छे रिटर्न के लिए म्युचुअल फंड में निवेश करना सही विकल्प हो सकता है। लेकिन अभी भी काफी लोगों को यह नहीं पता है कि म्युचुअल फंड स्कीम क्या हैं? और इनमें निवेश कैसे किया जाता है? म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं। इस पैसे को वे शेयरों में निवेश करती हैं। इसके बदले म्युचुअल फंड निवेशकों से चार्ज भी लेती हैं। जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प है। हम आपको म्यूचुअल फंड के बारे में बता रहे हैं।
इक्विटी म्यूचुअल फंड
ये स्कीम निवेशकों की रकम को सीधे शेयरों में निवेश करती है। छोटी अवधि में ये स्कीम जोखिम भरी हो सकती हैं, लेकिन लंबी अवधि में इसे आपको बेहतरीन रिटर्न देने वाला माना जाता है। इस तरह की स्कीम में निवेश से आपका रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि शेयर का प्रदर्शन कैसा है। जिन निवेशकों का वित्तीय लक्ष्य 10 साल बाद पूरा होना है, वे इस तरह की म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर सकते हैं।
डेट म्यूचुअल फंड
ये म्यूचुअल फंड स्कीम डेट सिक्योरिटीज में निवेश निवेश के तरीके करती हैं. छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए निवेशक इनमें निवेश कर सकते हैं। 5 साल से कम अवधि के लिए इनमें निवेश करना ठीक है। ये म्यूचुअल फंड स्कीम शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं और बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न देती हैं।
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम
ये म्यूचुअल फंड स्कीम इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती हैं। इन स्कीम को चुनते वक्त भी निवेशकों को अपने जोखिम उठाने की क्षमता का ध्यान रखना जरूरी है। हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम को छह कैटेगरी में बांटा गया है।
सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम
सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम किसी खास लक्ष्य या समाधान के हिसाब से बनी होती हैं। इनमें रिटायरमेंट स्कीम या बच्चे की शिक्षा जैसे लक्ष्य हो सकते हैं। इन स्कीम में आपको कम से कम 5 साल के लिए निवेश करना जरूरी होता है। इसमें निवेश करके आप अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।
म्युचुअल फंड में तीन तरह से निवेश किया जा सकता है। इसमें पूरी तरह से ऑनलाइन से लेकर फार्म भरकर निवेश किया जा सकता है। म्युचुअल फंड में लगाया गया पैसा शेयर बाजार में लगाया जाता है। इसलिए कई लोगों को लगता है कि इसके लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है, हालांकि ऐसा नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बिना DEMAT अकाउंट के भी निवेश किया जा सकता है।
पहला तरीका
यह तरीका काफी आम है। इसमें किसी एजेंट के माध्यम से निवेश करना होता है। अगर एजेंट को खोजने में दिक्कत हो तो जिस कंपनी में निवेश करना चाहते हैं उस कंपनी की वेबसाइट से टोल फ्री नम्बर लेकर बात कर सकते हैं। कंपनी आपके इलाके में जो एजेंट हैं उससे संपर्क करा देगी। फिर इस एजेंट की मदद से आप निवेश कर सकते निवेश के तरीके हैं।
दूसरा तरीका
ब्रोकर या किसी म्युचुअल फंड बेचने वाली वेबसाइट के माध्यम से भी निवेश किया जा सकता है। कई लोग शेयर बाजार में निवेश करते हैं वह अपने ब्रोकर अकाउंट के माध्यम से भी म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा देश में एक दर्जन से ज्यादा वेबसाइट हैं जो म्युचुअल फंड बेचती हैं। लोग इन वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने के बाद म्युचुअल फंड खरीद सकते हैं। अगर जरूरत हो तो यह वेबसाइट अपने एजेंट भी निवेशक के पास मदद के लिए भेजती है।
तीसरा तरीका
डायरेक्ट प्लान में निवेश। सेबी के आदेश के बाद सभी म्युचुअल फंड कंपनियां अपनी सभी स्कीम्स में डायरेक्ट प्लान का ऑप्शन देती हैं। इनमें निवेश पूरी तरह से ऑनलाइन होता है। आप म्युचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट पर जाकर सीधे स्कीम चुनते हैं और कुछ स्टेप में निवेश की प्रक्रिया पूरी करते हैं। यहां पर पेमेंट भी ऑनलाइन करना होता है।
चौथा तरीका
अब पेटीएम मनी ऐप (PayTm Money App) की मदद से आप किसी भी म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। पेटीएम मनी ऐप की मदद से आप निवेश करने के साथ-साथ अपने पोर्टफलियो को भी आसानी से चेक कर सकते हैं। इसके लिए आपको अलग से कोई कमीशन या फीस नहीं देनी होगी।
शेयर बाजार से जुड़े रिस्क
म्युचुअल फंड अपनी इक्विटी स्कीम में जुटाए पैसों का निवेश शेयर बाजार में करते हैं। स्टॉक मार्केट के बारे में कुछ भी भविष्यवाणी करना कठिन होता है। इसी कारण इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश रिस्की माना जाता है। हालांकि जानकारों का कहना है कि थोड़ा-थोड़ा पैसा लम्बे समय तक लगाया जाए तो अच्छा रिटर्न पाया जा सकता है।
सवाल: क्या आप किसी म्यूचुअल फंड में अपना सारा पैसा खो सकते हैं?
जवाब: बाज़ार से जुड़े होने के कारण, म्यूचुअल फंड में जोखिम बना रहता है, इसलिए निवेश की गई मूल राशि का नुकसान हो सकता है। हालांकि, म्यूचुअल फण्ड के प्रदर्शन को देखते हुए कहा जा सकता है कि आपके सभी पैसे खोने की संभावना कम है।
सवाल: किसी म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करने के लिए आपको कितना धन चाहिए?
जवाब: आपके द्वारा निवेश किए जाने वाले फंड के आधार पर न्यूनतम निवेश राशि भिन्न हो सकती है। हालाँकि, आप न्यूनतम 500 रु. निवेश कर सकते हैं।
सवाल: क्या मैं म्यूचुअल फंड कभी भी बेच सकता हूं?
जवाब: अधिकांश म्यूचुअल फंड ओपन एंडेड होते हैं, मतलब आप उन्हें कभी भी बेच सकते हैं। आमतौर पर क्लोज एंड स्कीम की 3-4 वर्ष की लॉक-इन अवधि होती है। एक दूसरे तरीके की स्कीम है जिसमें, म्यूचुअल फन कुछ समय के लिए लॉक-इन हो जाते हैं, लेकिन इसके बाद ओपन एंडेड हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, टैक्स सेविंग या ELSS की लॉक-इन अवधि 3 साल है। इस अवधि के बाद, आप ये फंड किसी भी समय बेच सकते हैं।
सवाल: क्या म्यूचुअल फंड में निवेश करना टैक्स-फ्री है?
जवाब: नहीं, म्यूचुअल फंड शोर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) नियम के अधीन हैं। अलग-अलग म्यूचुअल फंड जैसें, इक्विटी और डेट पर कई तरह का टैक्स लगता है। म्यूचुअल फंड लाभांश के मामले में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) लागू हो जाता है और फंड के अनुसार स्रोत पर टैक्स कटौती की जाती है।
सोने में निवेश से पहले पढ़े इन 8 बातों को, नहीं तो प्रॉफिट के बजाय हो सकता है बड़ा नुकसान
अच्छे रिटर्न के लिए आप शेयर मार्केट, MF, SIP, प्रॉपर्टी समेत कई जगह निवेश कर सकते हैं। इन सभी में सोने के निवेश में लोगों का ज़्यादा फायदा दिखता है- पहला, एक तो सोने की कीमत भी बढ़ती रहती है और.
अच्छे रिटर्न के लिए आप शेयर मार्केट, MF, SIP, प्रॉपर्टी समेत कई जगह निवेश कर सकते हैं। इन सभी में सोने के निवेश में लोगों का ज़्यादा फायदा दिखता है- पहला, एक तो सोने की कीमत भी बढ़ती रहती है और दूसरा इसको जरूरत के समय पहन भी सकते हैं। लेकिन बहुत लोग सोने की खरीददारी करते समय कई चीजे नजरअंदाज करते हैं, इससे उन्हें बाद में फायदे के बजाय नुकसान हो जाता है।
जानकारी पूरी रखें
सही जानकारी न होने के कारण जब आप अपने सोने को बेचने के लिए जाते हैं तो आपको उतना मूल्य नहीं मिल पाता जितना मिलना चाहिए। सोने को आप लम्बे समय और मुसीबत के समय काम में आने के हिसाब से खरीदते हैं, इसलिए सोने की खरीदारी के समय आपको इन प्रमुख बातों को ध्यान में रखना चाहिए-
शुद्धता- सोने की कीमत कैरट के आधार पर होती है और कैरेट से गोल्ड की शुद्धता का पता चलता है। सोने की सबसे अच्छी क्वालिटी 24 कैरट सोने की होती है जिसका मूल्य अधिक होता है। लेकिन कम कैरट के सोने की कीमत उससे कम होगी, इसलिए सोने की खरीददारी करते समय बाजार से अलग अलग कैरट का भाव जरूर पता कर लें।
डिजिटल गोल्ड में निवेश- डिजिटल गोल्ड में शुद्धत्ता और मेकिंग चार्ज जैसी कोई समस्या नहीं होती, इस कारण इसमें निवेश आके लिए प्रॉफिटेबल हो सकता है। लेकिन ध्यान रखने वाली बात है आप जिससे पेपर गोल्ड लें रहे हैं उस कंपनी के बारे में अच्छी तरह पड़ताल कर लें, नहीं तो धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।
आभूषण पर लगे स्टोन- सोने के गहनों में कई बार कीमती स्टोन्स के अलावा नकली चमकदार स्टोन भी लगाए होते हैं, इसलिए खरीदारी के समय सोने और स्टोन दोनों के भाव अलग-अलग लें।
वजन की जांच- सोने की ज्यादातर ज्वेलरी वजन के हिसाब से बेचीं जाती है लेकिन कीमती स्टोन इसे भारी बनाते हैं. इसलिए ज्वेलरी के पूरे वजन के साथ गोल्ड के वजन को जरूर चेक कर लें। गोल्ड कीमती है, वजन थोड़ा भी ऊपर-नीचे हुआ तो आपको भरी नुकसान हो सकता है।
Hallmarking- बाजार में दो तरह के सोने के गहने होते हैं एक तो साधारण होते है जिनकी क्वालिटी की कोई गारंटी नहीं होती और दूसरे हॉलमार्किंग के तहत होते हैं जिनकी सोने की क्वालिटी अच्छी होने का सुबूत होता है। यह अधिकृत होते हैं और सोने की शुद्धता को प्रमाणित करता है।
मेकिंग चार्जेज: यह ऐसे चार्जेज होते हैं जो गहनों को बनाने के लिए चार्ज किये जाते हैं। हर ज्वेलर का मेकिंग चार्ज अलग होता है कोई पर ग्राम के हिसाब से लेता है तो कोई गहने के कुल वजन के हिसाब से। आपको इस बारे में पूरी जानकारी हासिल करनी चाहिए। अगर मेकिंग चार्ज ज़्यादा होगा तो आपको बाद में बेचने पर फायदा नहीं होगा। मेकिंग चार्ज जितना कम होगा, बाद में गहने को बेचते समय मुनाफा उतना ही ज़्यादा होगा।
बिल- सोना खरीदते समय इनवॉइस और रसीद लें, आने वाले समय में यही रसीद आपके काम आएगी। सही इनवॉइस और रसीद न होने पर बेचते समय आपको यह मुश्किल में डाल सकती है।
ज्यादा न खरीदें- सोने की कीमत आमतौर पर बढ़ती है लेकिन निवेश के हिसाब से देखा जाए तो आपके पोर्टफोलियो में यह बहुत ज्यादा नहीं होना चाहिए आपको अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट में निवेश कर पोर्टफोलियो को बैलेंस रखना चाहिए।
आपको बताते हैं सोने में आप कैसे निवेश कर सकते हैं-
पेपर गोल्ड- एक निवेशक के पास गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का उपयोग करने का विकल्प होता है।
गोल्ड ETF - गोल्ड के प्रचलित बाज़ार मूल्य पर गोल्ड ETF का स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार होता है। गोल्ड ETF के साथ, निवेशकों को कोई शुल्क या स्टोर चार्ज का भुगतान नहीं करना पड़ता है जो सोने को रखने आदि से जुड़ा होता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड- यह भारत सरकार और RBI द्वारा ऑफर किया जाता है, यह कागज़ के रूप में सोने खरीदने का एक और तरीका है। इन बॉन्ड में सोने मूल्य को ग्राम में दर्शाया जाता है जिसमें व्यापार शुरू करने के लिए न्यूनतम निवेश 1 ग्राम सोना आवश्यक है। ब्याज़ दर और मूल्य को बॉन्ड जारी करते समय RBI द्वारा तय किया जता है।
डिजिटल गोल्ड- सोने में निवेश का एक और तरीका डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) के माध्यम से है, जहां कोई भी 1 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकता है। कई मोबाइल वॉलेट डिजिटल गोल्ड ऑफर करते हैं लेकिन इनकी शुद्धता अलग अलग होती है।
सोने में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड- Gold MF(फंड्स ऑफ फंड) हैं जो अंतरराष्ट्रीय सोने की माइनिंग कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। गोल्ड, जिसे गोल्ड फंड ऑन फंड्स भी कहा जाता है, यह एक ओपन एंडेड फंड हैं जो गोल्ड ETF में निवेश करते हैं। निवेशक किसी भी समय किसी भी विशेष राशि का निवेश कर सकते हैं।
गोल्ड सेविंग स्कीम- कई ज्वैलर्स गोल्ड ज्वेलरी सेविंग स्कीम (Gold Saving Schemes) ऑफर करते रहे हैं जो खरीदारों को चुनी हुई अवधि के लिए व्यवस्थित रूप से बचत करने और टर्म खत्म होने पर सोना खरीदने में मदद करती हैं। खरीदार को अवधि के लिए हर महीने एक निश्चित राशि जमा करने की आवश्यकता होती है।