शुरुआती के लिए रणनीतियाँ

बाजार को समझें

बाजार को समझें
बूस्टर एसटीपी म्यूचुअल फंड का ऐसा उपाय है जिसके तहत निवेशक किसी स्कीम के तहत एकमुश्त पैसे रखते हैं और फिर किसी एक स्कीम को चुनते हैं जिसमें तय किए गए अंतराल पर किश्तों में इस पैसे को निवेश किया जाता है.

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16500 की स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा कॉल अनवाइंडिंग देखने को मिली। इसके बाद 16900और फिर 16700 की स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा कॉल अनवाइंडिंग रही

16000 की स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा पुट अनवाइंडिंग देखने को मिली। इसके बाद 16100 और फिर 16300 की स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा पुट अनवाइंडिंग रही

बाजार इस समय मजबूती के साथ खड़ा दिख रहा है। पिछले कारोबारी दिन यानी 29 जुलाई को बाजार में लगातार तीसरे दिन तेजी देखने को मिली। पिछले कारोबारी दिन निफ्टी 17100 को मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर बंद हुआ था। यूएस फेड की की तरफ से दरों में बहुत आक्रामक बढ़ोतरी न करने के संकेत से बाजार में एफआईआई की खरीदारी भी लौटी है। बाजार का सेंटीमेंट सुधरने से बाजार में चौतरफा खरीदारी दिखी है। जिसके चलते 29 जुलाई के BSE Sensex 712 अंक यानी 1.25 फीसदी की बढ़त के साथ 57570 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 229 अंक यानी 1.35 फीसदी की बढ़त के साथ 17158 के स्तर पर बंद हुआ।

Chartviewindia के मजहर मोहम्मद का कहना है कि बुल्स के बढ़े आत्मविश्वास के बीच अगर निफ्टी 17018 के स्तर (29 जुलाई का इंट्राडे लो) के ऊपर बंद होता है तो फिर ये 17550 की ओर जाता दिख सकता है। हालांकि सिर्फ तीन में 16438 को लो से 17170 तक की जोरदार तेजी के बाद थोड़े कंसोलीडेशन ये प्रॉफिट बुकिंग से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।

ऐसे में किसी गिरावट पर ही नई पोजीशन लेने को सलाह होगी। बाजार को समझें इसके लिए क्लोजिंग बेसिस पर 17020 का स्टॉप-लॉस जरूर लगाएं। 200 डे एसएमए के ऊपर कुछ करोबारी सत्रों में कंसोलीडेशन के बाद निफ्टी में 17500 का हायर टारगेट देखने को मिल सकता है।

शेयर बाजार के तकनीकी विश्लेषण को समझना

शेयर में ट्रेडिंग करते समयमंडी, हमेशा एक बड़ी रकम दांव पर लगी रहती है। इसके कारण, कई तनावपूर्ण स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं, जो दिन-ब-दिन अनावश्यक चिंता पैदा करती हैं। ऐसी स्थिति में,तकनीकी विश्लेषण एड्रेनालाईन की भीड़ को शांत करने में मदद करता है।

इसे सरल शब्दों में कहें, तो यह एक तकनीक आपको पिछले प्रदर्शन, मात्रा और कीमत का अध्ययन करके सुरक्षा मूल्य की दिशा का अनुमान लगाने में मदद कर सकती है। सब कुछ समझने योग्य शब्दों में समझाते हुए, यह पोस्ट आपको इसके अलग-अलग पहलुओं का पता लगाने में मदद करती है।

स्टॉक का तकनीकी विश्लेषण क्या है?

स्टॉक और रुझानों का तकनीकी विश्लेषण कालानुक्रमिक बाजार डेटा का एक अध्ययन है, जिसमें मात्रा और मूल्य शामिल हैं। मात्रात्मक विश्लेषण और दोनों की सहायता सेव्यवहार अर्थशास्त्र, एक तकनीकी विश्लेषक भविष्य के व्यवहार की भविष्यवाणी करने के लिए पिछले प्रदर्शन का उपयोग करने का विरोध करता है।

तकनीकी विश्लेषण कितना उपयोगी है?

रणनीतियों की एक श्रृंखला के लिए एक व्यापक शब्द, वित्तीय बाजारों का तकनीकी विश्लेषण बाजार को समझें बाजार को समझें प्रमुख रूप से एक विशिष्ट स्टॉक में मूल्य कार्रवाई की व्याख्या पर निर्भर करता है। अधिकांश तकनीकी विश्लेषण यह समझने पर केंद्रित है कि क्या वर्तमान प्रवृत्ति जारी रहने वाली है।

और अगर नहीं तो कब उलट होगा। अधिकांश विश्लेषक ट्रेडिंग के लिए संभावित निकास और प्रवेश बिंदुओं का पता लगाने के लिए उपकरणों के संयोजन का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए, एक चार्ट निर्माण अल्पावधि के लिए एक प्रवेश बिंदु की ओर संकेत कर सकता है, लेकिन व्यापारियों को अलग-अलग समय अवधि के लिए चलती औसत की झलक मिल सकती है ताकि यह स्वीकार किया जा सके कि ब्रेकडाउन आ रहा है या नहीं।

आप स्टॉक रुझानों के तकनीकी विश्लेषण का उपयोग कैसे कर सकते हैं?

शेयर बाजार तकनीकी विश्लेषण का मूल सिद्धांत यह है कि बाजार को समझें बाजार को समझें कीमतें उपलब्ध जानकारी को दर्शाती हैं जो बाजार पर एक बड़ा प्रभाव छोड़ सकती हैं। इससे महत्वपूर्ण, आर्थिक या नवीनतम विकासों को देखने की कोई आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि उनकी कीमत पहले से ही सुरक्षा में होगी।

आम तौर पर, तकनीकी विश्लेषकों का मानना है कि कीमतों में प्रवृत्तियों में बढ़ोतरी होती है और जहां तक बाजार के मनोविज्ञान का संबंध है, इतिहास में खुद को दोहराने की अधिक संभावना है। तकनीकी विश्लेषण के दो प्राथमिक और सामान्य प्रकार हैं:

चार्ट पैटर्न

ये तकनीकी विश्लेषण का एक व्यक्तिपरक रूप है जहां विश्लेषक विशिष्ट पैटर्न का अध्ययन करके एक चार्ट पर प्रतिरोध और समर्थन के क्षेत्रों को पहचानने का प्रयास करते हैं। मनोवैज्ञानिक कारकों द्वारा प्रबलित, इन पैटर्नों को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि वे यह अनुमान लगाने में मदद करते हैं कि किसी विशेष समय और बिंदु से ब्रेकआउट या ब्रेकआउट के बाद कीमतें कहां बढ़ रही हैं।

तकनीकी संकेतक

ये तकनीकी विश्लेषण का एक सांख्यिकीय रूप है जहां विश्लेषक वॉल्यूम और कीमतों के लिए कई गणितीय सूत्र लागू करते हैं। मूविंग एवरेज को एक मानक तकनीकी संकेतक माना जाता है, जो कीमतों के डेटा को सुगम बनाता है ताकि स्पॉटिंग ट्रेंड की पूरी प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके।

इसके अलावा, चलती बाजार को समझें बाजार को समझें औसत अभिसरण-विचलन (एमएसीडी) को एक जटिल संकेतक माना जाता है जो विभिन्न चलती औसत के बीच बातचीत को देखता है।

तकनीकी विश्लेषण की सीमाएं

जितना अधिक वे सहायक होते हैं, तकनीकी विश्लेषण में एक विशिष्ट व्यापार ट्रिगर के आधार पर कुछ सीमाएं हो सकती हैं, जैसे:

  • चार्ट पैटर्न का आसानी से गलत अर्थ निकाला जा सकता है
  • गठन कम मात्रा पर स्थापित किया जा सकता है
  • चलती औसत का अध्ययन करने के लिए उपयोग की जाने वाली अवधि बहुत कम या बहुत लंबी हो सकती है

तकनीकी विश्लेषण की प्रक्रिया

किसी भी अन्य डोमेन की तरह, तकनीकी विश्लेषण भी विशिष्ट सिद्धांतों के बारे में है। इस दायर में शामिल अवधारणाएं वित्तीय बाजार में बेहतर निर्णय लेने के लिए तकनीकी विश्लेषक के दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करती हैं। कुछ सामान्य अवधारणाएँ हैं:

चार्ट पैटर्न: विभिन्न पैटर्न का स्टॉक चार्ट विश्लेषण एक तकनीकी चार्ट पर सुरक्षा की गति के साथ होता है।

फैलना: यहां, कीमतें पूर्व प्रतिरोध या समर्थन के क्षेत्र में मजबूती से प्रवेश करती हैं। यदि आप केवल सूचकांकों में व्यापार करना चाहते हैं, तो आप निफ्टी तकनीकी चार्ट में ब्रेकआउट की तलाश कर सकते हैं।

सहायता: यह कीमत का एक स्तर है जो खरीदारी गतिविधि को बढ़ा सकता है

प्रतिरोध: यह कीमत का एक स्तर है जो बिक्री गतिविधि को बढ़ा सकता है

गति: यह मूल्य दर में बदलाव को दर्शाता है

फाइबोनैचि अनुपात: इसका उपयोग एक सुरक्षा के प्रतिरोध और समर्थन को समझने के लिए एक गाइड के रूप में किया जाता है

इलियट वेव सिद्धांत और स्वर्ण अनुपात: इन दोनों का उपयोग आम तौर पर क्रमिक मूल्य रिट्रेसमेंट और आंदोलनों की गणना करने के लिए किया जाता है

साइकिल: यह एक मूल्य की कार्रवाई में संभावित परिवर्तन के लिए समय लक्ष्य की ओर संकेत करता है

तकनीकी विश्लेषण का महत्व

तकनीकी विश्लेषण एक ऐसा संकेतक है जो निवेशकों को कीमत से संबंधित जानकारी के साथ यह जानने में मदद करता है कि किसी ट्रेड में कब प्रवेश करना या बाहर निकलना है। ऐसी जानकारी आम तौर पर आपके व्यापार के अच्छे और बुरे पहलुओं को तय करने में मदद करती है।

बहुत सारे व्यापारी और निवेशक मानते हैं कि मूल्य डेटा एक आवश्यक हैफ़ैक्टर शेयर बाजार में सफलता के लिए। यह देखते हुए कि स्टॉक की मांग और आपूर्ति काफी हद तक तकनीकी विश्लेषण पर निर्भर करती है, बाजार के खुले होने पर अधिकांश जानकारी गतिशील रूप से अपडेट हो बाजार को समझें जाती है। कुछ चार्ट दिन के अंत में भी अपडेट हो जाते हैं।

Booster STP: एकमुश्त निवेश पर स्टॉक मार्केट से पाएं शानदार रिटर्न, समझें कैसे काम करता है बूस्टर एसटीपी

Booster STP: एकमुश्त पैसों को स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए म्यूचुअल फंड का बूस्टर एसटीपी बेहतरीन विकल्प है. इसमें बाजार की चाल के मुताबिक पैसे निवेश होते हैं.

Booster STP: एकमुश्त निवेश पर स्टॉक मार्केट से पाएं शानदार रिटर्न, समझें कैसे काम करता है बूस्टर एसटीपी

बूस्टर एसटीपी म्यूचुअल फंड का ऐसा उपाय है जिसके तहत निवेशक किसी स्कीम के तहत एकमुश्त पैसे रखते हैं और फिर किसी एक स्कीम को चुनते हैं जिसमें तय किए गए अंतराल पर किश्तों में इस पैसे को निवेश किया जाता है.

Booster STP: स्टॉक मार्केट का एक बेसिक सिद्धांत है कि महंगा बेचो, सस्ता खरीदो. ऐसे में अगर आपके पास एकमुश्त पैसे हैं और मार्केट बहुत ऊंचाई पर है यानी इसमें गिरावट की भी संभावना है तो इसे स्टॉक मार्केट में लगाना समझदारी नहीं कही जाएगी. ऐसे में बूस्टर एसटीपी का रास्ता अपना सकते हैं जिसमें आपके पैसों को किश्तों में शेयर बाजार में लगाया जाता है. जब बाजार में तेजी रहती है शेयर बाजार में कम पैसे लगाए जाएंगे और जब बाजार में गिरावट होती है तो शेयरों में अधिक पैसा निवेश होगा.

कैसे काम करता है बूस्टर एसटीपी

बूस्टर एसटीपी म्यूचुअल फंड का ऐसा उपाय है जिसके तहत निवेशक किसी स्कीम के तहत एकमुश्त पैसे रखते हैं और फिर किसी एक स्कीम को चुनते हैं जिसमें तय किए गए अंतराल पर किश्तों में इस पैसे को निवेश किया जाता है. इसमें बाजार की स्थितियों के हिसाब से निवेश होता है. जैसे कि आपने 10 लाख रुपये लगाए हैं तो बाजार की चाल के मुताबिक इसमें किसी समय 10 हजार रुपये ही निवेश होगा तो किसी समय 1 लाख रुपये निवेश होगा.

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कितना पैसा होता है निवेश

इसमें एक सोर्स स्कीम होती है जिसके तहत आप एकमुश्त पैसे को रखते हैं और दूसरा टारगेट स्कीम जिसमें नियमित अंतराल पर किश्तों में पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं. कितना पैसा ट्रांसफर होगा, यह इक्विटी वैल्यूएशन इंडेक्स से तय होता है. इक्विटी वैल्यूएशन इंडेक्स प्राइस टू अर्निंग्स (PE), प्राइस टू बुक (PB),(G-Sec x PE) और जीडीपी की तुलना में मार्केट कैप इत्यादि के बराबर वेटेज के हिसाब से तैयार की जाती है. इसमें निवेशक एक बेस इंस्टॉलमेंट अमाउंट तय करते हैं जिसके एक निश्चित गुने तक की राशि ही एक बार में ट्रांसफर होती है.बाजार को समझें

जैसे कि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल बूस्टर एसटीपी में बेस इंस्टॉलमेंट का अधिकतम 5/10 गुना ही टारगेट स्कीम में ट्रांसफर हो सकता है. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल बूस्टर एसटीपी में न्यूनतम बेस इंस्टॉलमेंट एक हजार रुपये है.

आपभी शेयर बाजार के बन सकते हैं माहिर खिलाड़ी; ट्रेडिंग के अपनाएं ये 5 नियम, होगी मोटी कमाई

शेयर बाजार के कुछ नियम हैं, जिसे अपनाकर आप भी निवेश के बड़े खिलाड़ी बन सकते हैं.

आपभी शेयर बाजार के बन सकते हैं माहिर खिलाड़ी; ट्रेडिंग के अपनाएं ये 5 नियम, होगी मोटी कमाई

How To Become A Successful Traders Of Stock Market: शेयर बाजार में अगर ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसमें एंट्री का रास्ता आसान है. वहीं अगर सोच-समझकर और समझदारी से योजना बनाई जाए तो शेयर बाजार में बिना किसी बाधा के एक सुसंगत और स्वतंत्र बिजनेस किया जा सकता है. हालांकि बाजार में ट्रेड वाले सभी के लिए बाजार को समझें जरूरी है कि उन्हें ट्रेडर और प्रोफेशनल ट्रेडर के बीच के गैप को कम करना चाहिए. अगर आप भी बाजार में प्रभावी रूप से कारोबार करना चाहते हैं तो तीन मुख्य बिंदुओं मसलन एंट्री, एग्जिट और स्टॉप लॉस का बेहद महत्व है. इसके साथ ही आपकी पोजिशन का साइज क्या है, यह भी बेहद अहम है. आपने जो ट्रेड की योजना बनाई है, उसका पालन करने में आप कितने सक्षम हैं और आपके अंतर-संचालन की क्षमता आपको बाजार में प्रभावी तरीके से ट्रेड करने में मदद कर सकती है. जिससे आप अपने पोर्टफोलियो का मैनेजमेंट सफलता से कर सकते हैं. जानते हैं शेयर बाजार के सफल ट्रेडर बनने के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

शेयर बाजार में ट्रेडिंग एक तरह से बिजनेस है, और बिना सटीक प्लान के कोई भी बिजनेस सफल नहीं हो सकता है. सिर्फ कुछ किताबें पढ़कर ट्रेडिंग में आ जाना, सिर्फ ब्रोकरेज अकाउंट खोलकर और चार्टिंग प्रोग्राम खरीदकर शेयर बाजार में पैसा लगा देने से ही सफलता नहीं मिल सकती. इससे नुकसान का डर ज्यादा होता है.

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सटीक ट्रेड प्लान के लिए आपका सही स्ट्रैटेजी पर काम करना जरूरी है. इसके लिए आपको यह तय करना होगा कि आप कितना रिस्क लेने का क्षमता रखते हैं, आपके निवेश का लक्ष्य क्या है, आपका कैपिटल अलोकेशन क्या है, आप शॉर्ट टर्म या लांग टर्म के लिए निवेश करना चाहते हैं. कब किसी निवेश में एंट्री करना है, कब निकलना है और स्टॉप लॉस क्या हो, इन बातों की समझ जरूरी है. इन बातों की समझ नहीं होगी तो आप मुसीबत में आ बाजार को समझें सकते हैं.

2. ट्रेड को लेकर न रहें कनफ्यूज

जब भी आप ट्रेडिंग का प्लान कर रहे हों, आपका माइंड क्लीयर होना जरूरी है. बाजार में कई बार अफवाहें तेज उड़ती हैं, अगर आपका ध्यान उन पर गया तो प्लान बिगड़ सकता है. इसलिए निगेटिव खबरों को लेकर खुद पर दबाव न बनाएं. अपने निवेश को लेकर इमोशनल न हों. सही निवेश को चुनें और उसमें बिना डर के पैसे लगाएं. दूसरों को डरा हुआ देखकर आप अपने द्वारा बनाए गए निवेश के प्लान से दूर न जाएं. ऐसा करके आप अपना बहुत सा मुनाफा गंवा सकते हैं.

आपके निवेश का आकार क्या है, यह बहुत महत्वपूर्ण है. इससे तय होता है कि आप कितनी क्वांटिटी का शेयर खरीद या बेच सकते हैं. आप कितने कैपिटल के साथ बाजार में सहज हैं, कितना रिस्क ले सकते हैं या उतार चढ़ाव झेल सकते हैं, इससे आपका ट्रेड प्लान सही से बाजार में लागू होता है. एक बार जब आप बाजार में निवेश करते हें, समय समय पर अपने निवेश का आंकलन, अपने पोजिशन साइज का रिव्यू और बैलेंस को बनाए रखना समान रूप से जरूरी है.

जब आपका ट्रेड सही दिशा में बढ़ रहा हो, तो कुछ बेहतर स्ट्रैटेजी के साथ काम करना जरूरी हो जाता है. मसलन कब निवेश में कौन सा शेयर बढ़ाना है या कौन सा घटाना है. कहां स्टॉप लॉस लगाकर ट्रेड करना है. इस बाजार को समझें तरह से आप बाजार के जोखिम को कम कर सकते हैं.

4. सीमित कर सकते हैं अपना नुकसान

शब्द “स्टॉप लॉस” का हाल के दिनों में बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है. यह सही भी है क्योंकि स्टॉप लॉस एक जोखिम की पूर्व-निर्धारित राशि है जो एक ट्रेडर हर ट्रेड के साथ सहने को तैयार होता है. यह आपके नुकसान के आकार को सीमित कर देता है. भले ही आपका ट्रेड लीडिंग पोजिशन में हो, स्टॉप लॉस को अनदेखा न करें, नहीं तो आपको ज्यादा नुकसान भी उठना पड़ सकता है.

5. अति-आत्मविश्वास दे सकता है नुकसान

ट्रेडिंग में सफलता आपके आत्मविश्वास को बढ़ाता है, लेकिन आत्मविश्वास और अति-आत्मविश्वास के बीच एक अंतर है, जिसे जरूर समझें. अपने ट्रेड प्लान पर टिकें रहें और पहले से बनाई गई योजना के हिसाब से ही शेयर बाजार में चलें. भावनाओं में आकर ट्रेडिंग न करें. मसलन बहुत ज्यादा फायदे की स्थिति में भी बिना सोचे अपना अलोकेशन बढ़ाते जाएं.

बेहद आसान भाषा में समझें कमोडिटी वायदा बाजार (Commodity Futures Market) में ट्रेडिंग का तरीका

Commodity Future Market

कमोडिटी वायदा बाजार (Commodity Future Market) में ट्रेडिंग (Trading) के लिए निवेशकों को बाजार की सही जानकारी का होना जरूरी है. हालांकि अभी भी बहुत से लोगों में कमोडिटी वायदा बाजार को लेकर जानकारी का अभाव है. यही वजह है कि कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग के लिए उतरे नए निवेशकों में निरंतर डर बना रहता है.

इस रिपोर्ट में हम ऐसे ही निवेशकों के लिए जो कमोडिटी फ्यूचर मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं, उनको बेहद आसान भाषा में बाजार की बारीकियों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं. तो आइए जानते हैं कि कमोडिटी वायदा बाजार में ट्रेडिंग के वे बेहद आसान तरीके क्या हैं.

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