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शेयर बाजार में ग्रुप

शेयर बाजार में ग्रुप
कर्ज कम करना चाहती है जेपी लिमिटेड
जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड की सीमेंट ग्राइंडिंग फैसिलिटी की कैपेसिटी 2 mtpa है। इस कंपनी ने मध्य प्रदेश के निग्री में अक्टूबर 2014 से काम करना शुरू किया था। स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी की एक फाइलिंग से मिली जानकारी के अनुसार, जेपी एसोसिएट्स के बोर्ड ने कंपनी के कर्ज को कम करने के लिए उसके अहम सीमेंट कारोबार को बेचने का फैसला किया था।

ताजा शेयर जारी कर 20,000 करोड़ रुपये जुटाएगा अडाणी ग्रुप

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उद्योगपति गौतम अडाणी के समूह ने शुक्रवार को कहा कि वह कारोबारी विस्तार के लिए इक्विटी शेयर के जरिये 20,000 करोड़ रुपये जुटाएगा। अडाणी समूह का शेयर बाजार में ग्रुप कारोबार बंदरगाह, ऊर्जा से लेकर सीमेंट उ्दयोग तक फैला है।

शेयर बाजार शेयर बाजार में ग्रुप को दी जानकारी के मुताबिक अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ताजा इक्विटी शेयर के निर्गम के जरिए धन जुटाएगी। यह सार्वजनिक पेशकश अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) की मदद करेगी, जो समूह की प्रमुख कंपनी है और इस समय नागरिक उड्डयन से लेकर डेटा केंद्रों तक का शेयर बाजार में ग्रुप कारोबार करती है।

प्रवर्तकों के पास वर्तमान में एईएल के 72.63 प्रतिशत शेयर हैं। बाकी 27.37 प्रतिशत में लगभग 20 प्रतिशत बीमा कंपनियों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के पास है। एईएल के शेयर पिछले एक साल में बढ़कर दोगुने से अधिक हो गए हैं, जिससे इसका बाजार पूंजीकरण 4.46 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

टाटा ग्रुप के मल्‍टीबैगर शेयर की जर्नी, 8,495 के स्‍तर पर पहुंचा शेयर; 52 हफ्ते का लो 3,532 रुपये

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Multibagger Stock: शेयर बाजार में प‍िछले कुछ द‍िनों से भारी उठा-पटक का माहौल बना हुआ है. प‍िछले कई कारोबारी सत्र शेयर बाजार में ग्रुप में शेयर बाजार में ग‍िरावट दर्ज की गई है. लेक‍िन इस बीच भी कई शेयर ऐसे हैं, ज‍िन्‍होंने अपने न‍िवेशकों को न‍िराश नहीं क‍िया है. इसील‍िए कहते हैं शेयर बाजार में पैसा लगाने के बाद आपको पेशेंस रखना जरूरी है. अगर आपके अंदर पेशेंस है तो आपके हजारों रुपये हो लाखों में बदलने से कोई नहीं रोक सकता.

साल 2021 और 2022 में ऐसे कई शेयर हैं, ज‍िन्‍होंने अपने न‍िवेशकों को बंपर र‍िटर्न देकर मालदार कर द‍िया है. कई शेयर तो ऐसे हैं ज‍िन्‍हें न‍िवेशकों ने चंद पैसों में खरीदा था और अब वो सैकड़ों के हो गए हैं. हमने पहले भी आपको ऐसे कई शेयर के बारे में बताया है. आज फ‍िर टाटा ग्रुप के ऐसे ही एक और शेयर की शेयर बाजार में ग्रुप जर्नी देखने हैं.

टाटा ग्रुप की इस कंपनी ने निवेशकों को किया मालामाल, 10 महीने में दिया 300 फीसदी से ज्यादा रिटर्न

टाटा ग्रुप की इस कंपनी ने निवेशकों को किया मालामाल, 10 महीने में दिया 300 फीसदी से ज्यादा रिटर्न

TV9 Hindi | Edited By: संजीत कुमार

Updated on: Mar 10, 2021 | 3:36 PM

बैंक या पोस्ट ऑफिस में किए गए निवेश को दोगुना होने में करीब 8 से 10 साल लग जाते हैं. लेकिन स्टॉक मार्केट (Stock Market) निवेश का ऐसा विकल्प है, जहां शेयर बाजार में ग्रुप रिटर्न की कोई सीमा नहीं है. यहां लगाए गए आपके पैसे कुछ महीनों या फिर एक साल के भीतर दोगुना हो सकता है. शेयर बाजार में कई ऐसे शेयर हैं जिसने कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) के बावजूद निवेशकों को बंपर रिटर्न दिया है. टाटा ग्रुप की एक कंपनी के शेयर ने केवल 10 महीने में निवेशकों को 300 गुना रिटर्न दिया है. एक साल में इतना रिटर्न न तो आपको बैंक और न ही पोस्ट ऑफिस की योजनाओं में मिल पाएगा. आइए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ.

52 हफ्ते की नई ऊंचाई पर टाटा पावर का शेयर

कोविड-19 के बाजार पावर डिमांड बढ़ने और आउटलुक बेहतर होने से टाटा पावर के शेयर बाजार में ग्रुप शेयरों में शानदार तेजी आई है. 4 मार्च को बीएसई पर टाटा पावर का शेयर 52 हफ्ते की नई ऊचाई 114 रुपए शेयर बाजार में ग्रुप पर पहुंच गया. पिछले 10 महीने में शेयर 300 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है. 11 मई 2020 को शेयर फिसलकर 52 हफ्ते निचले स्तर 27 रुपए के भाव पर आ गया था. निचले स्तर से शेयर में 322 फीसदी की तेजी आई है.

स्टॉक मार्केट में निवेश एक ऐसा तरीका है जहां आप अपने निवेश को कुछ ही वर्षों में कई गुना तक बढ़ा सकते हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, शेयर बाजार में निवेश जोखिमों से भरा और आपको इसमें किसी एक्सपर्ट या अपने फाइनेंशियल प्लानर की सलाह पर ही निवेश करना चाहिए.

10 महीने में 1 लाख रुपए बन गए 3 लाख से ज्यादा

टाटा पावर का शेयर 10 महीने में तीन गुना बढ़ा है. जिन निवेशकों ने मई में कंपनी के शेयर में 1 लाख रुपए निवेश किए होंगे, उनका निवेश अब बढ़कर 3 लाख रुपए से ज्यादा हो गया होगा. टाटा पावर का मार्केट कैप 34,333.92 करोड़ रुपए है.

(नोट- यहां सिर्फ स्टॉक का परफॉर्मेंस दिया गया है. यह निवेश की सलाह नहीं है. निवेश के किसी भी फैसले से पहले रजिस्टर्ड एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें.)

अडाणी ग्रुप नहीं खरीदेगा जेपी सीमेंट्स: कंपनी ने कहा- वे इस तरह की किसी योजना पर काम नहीं कर रहे; इस खबर से जेपी एसोसिएट के शेयर 7.29% गिरे

अडाणी एंटरप्राइजेज ने शुक्रवार को क्लीयर कर दिया कि वे कर्ज से लदी जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड की सीमेंट यूनिट नहीं खरीदेंगे। पिछले दिनों रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अडाणी ग्रुप जयप्रकाश पावर शेयर बाजार में ग्रुप वेंचर्स लिमिटेड से उसकी सीमेंट यूनिट को खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है।

अडाणी ग्रुप द्वारा क्लीयर करने के बाद जेपी एसोसिएट के शेयर में 7.29% की गिरावट दर्ज की गई। BSE में JP के शेयर 10.56 रुपए पर बंद हुए। वहीं, अडाणी ग्रुप के शेयर भी 0.79% की गिरावट के साथ 3,208 रुपए पर बंद हुए।

अडाणी ग्रुप ने क्या कहा?
अडाणी ग्रुप ने कहा, 'कंपनी अभी इस तरह के किसी भी प्रपोजल को इवेलुएट नहीं कर रही है। इसलिए हम सोर्सेज की रिपोर्ट्स पर शेयर बाजार में ग्रुप कुछ नहीं कहना चाहेंगे। सेबी के नियमों के हिसाब से अगर हमें कुछ सामने रखना हुआ तो हम उसके बारे में जरूर बताएंगे।'

एनडीटीवी शेयर अधिग्रहण के लिए नियामकीय मंजूरी की जरूरत नहीं: अडानी ग्रुप

Adani Group says regulatory nod not needed for NDTV share acquisition | एनडीटीवी शेयर अधिग्रहण के लिए नियामकीय मंजूरी की जरूरत नहीं: अडानी ग्रुप

Highlights अडानी ग्रुप ने कहा कि एनडीटीवी के संस्थापकों पर लगाए गए नियामक प्रतिबंध ब्रॉडकास्टर में बहुमत हिस्सेदारी हासिल करने के उसके शेयर बाजार में ग्रुप प्रयास को प्रभावित नहीं करते हैं। ग्रुप ने तर्क दिया कि आरआरपीआर सेबी के आदेश द्वारा कवर नहीं किया गया था, जिसका अर्थ है कि अधिग्रहण की पेशकश सेबी की मंजूरी के बिना आगे बढ़ सकती है। एनडीटीवी ने कहा कि संस्थापक प्रणय रॉय और राधिका रॉय को 2020 से सेबी ने भारत के प्रतिभूति बाजार में शेयर खरीदने या बेचने से रोक दिया है।

नई दिल्ली: उद्योगपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने शुक्रवार को कहा कि एनडीटीवी के संस्थापकों पर लगाए गए नियामक प्रतिबंध ब्रॉडकास्टर शेयर बाजार में ग्रुप में बहुमत हिस्सेदारी हासिल करने के उसके प्रयास को प्रभावित नहीं करते हैं। ग्रुप ने यह भी तर्क दिया कि आरआरपीआर सेबी के आदेश द्वारा कवर नहीं किया गया था, जिसका अर्थ है कि अधिग्रहण की पेशकश सेबी की मंजूरी के बिना आगे बढ़ सकती है।

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