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डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?
cryptocurrency में bitcoin सबसे ज्यादा लोकप्रिय और महंगी Virtual money है. Image: (freepik.com)

Digital Currency kya hai – virtual currency meaning in hindi

समय के साथ हम डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? आधुनिक होते जा रहे है. तथा ये आधुनिकता प्रत्येक क्षेत्र में दिखती है. हमारे आस पास प्रत्येक वस्तुए इलेक्ट्रॉनिक होती जा रही है. इसी कड़ी में हमारी मुद्रा भी इलेक्ट्रॉनिक हो रही है. पहले समय में सिर्फ सोने और चाँदी की ही मुद्रा होती थी. लेकिन समय के मांग पर इन मुद्राओ की जगह नोटों ने ले ली. कागज के टुकडो को आज के समय में मुद्रा घोषित किया गया है. इस आर्टिकल (Digital Currency kya hai / virtual currency meaning in hindi) में हम डिजिटल मुद्रा के बारे में जानेगे.

इसी कड़ी में हम आगे बढ़ रहे है. और एक बिल्कुल नए तरीके की मुद्रा हम आज कल उपयोग करने लगे है. जिसका भौतिक रूप से तो कोई अस्तित्व नहीं होता है. लेकिन इनका मूल्य वर्चुअल उतना ही होता है. जितना की किसी भौतिक मुद्रा का होता है. इन वर्चुअल मुद्रा को ही डिजिटल मुद्रा कहा जाता है. जिसका उपयोग ऑनलाइन विभिन्न वस्तुओ और सेवाए खरीदने के लिए होता है. डिजिटल मुद्रा को आप सिर्फ अपने कंप्यूटर के द्वारा ही उपयोग कर सकते है.

Digital Currency kya hai

digital currency को हिंदी में डिजिटल मुद्रा भी कहते है. ये एक प्रकार की मुद्रा है. जैसे भौतिक मुद्रा होती है. लेकिन इसका भौतिक रूप से कोई अस्तित्व नहीं होता है. तथा ये इलेक्ट्रॉनिक रूप में होती है. इसी कारन इसे इलेक्ट्रॉनिक मनी (electronic money) और इलेक्ट्रॉनिक करेंसी (electronic currency) भी कहा जाता है.

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डिजिटल करेंसी के बारे में कुछ तथ्य

  • डिजिटल करेंसी को आप स्पर्श नहीं कर सकते है. इसको सिर्फ आप कंप्यूटर के मदद से ही उपयोग कर सकते है.
  • किसी अन्य भौतिक मुद्रा की तरह ही आप डिजिटल मुद्रा को कोई वस्तु खरीदने के लिए खर्च कर सकते है.
  • डिजिटल करेंसी से आप एक देश से दुसरे देश में भी पेमेंट कर सकते है.
  • आप डिजिटल करेंसी के माध्यम से ऑनलाइन कोई भी सेवा ले सकते है. जैसे आप इसे सोशल मीडिया में विभिन्न सुविधा या कंप्यूटर गेम के लिए खर्च कर सकते है.

डिजिटल, वर्चुअल और क्रिप्टो करेंसी में अंतर

डिजिटल, वर्चुअल और क्रिप्टो करेंसी में अंतर को निचे समझाया गया है.

Central Bank Digital Currency (CBDC)

अगर किसी डिजिटल करेंसी को किसी देश की केन्द्रीय बैंक ने प्रकाशित किया है. तो ऐसी करेंसी को Central Bank Digital Currency (CBDC) कहते है. लेकिन बहुत कम ऐसे देश है. जहा के केन्द्रीय बैंक ने डिजिटल करेंसी को प्रकाशित किया है. ये देश इंग्लैंड और Sweden है.

virtual currency meaning in hindi

इसके साथ ही डिजिटल करेंसी को कोई सरकारी दायरे के बहार निजी स्तर डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? पर प्रकाशित करता है. तो वह व्यक्ति या संस्थान ऐसी डिजिटल करेंसी का मालिक होता है. तथा ऐसी मुद्रा को वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) कहते है. वर्चुअल मुद्रा के कुछ उदाहरण cryptocurrencies और coupon इत्यादि है.

cryptocurrency meaning in simple words

डिजिटल करेंसी के दुसरे प्रकार जिसमे मुद्रा के लेन-देन को सुरक्षित किया जाता है. तथा डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? इसके निर्माण पर पूरी तरह से नियंत्रण होता है. ऐसी मुद्रा को cryptocurrency कहा जाता है. Bitcoin इसका एक सफल उदाहरण है.

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BitCoin

इस आर्टिकल (Digital Currency kya hai / virtual currency meaning in hindi) को लिखने का हमारा उद्देश्य आपको डिजिटल मुद्रा के बारे में जानकारी देना है. आपने bitcoin का नाम हो बहुत सुना होगा. लेकिन आपको ये पता नहीं होता है. की bitcoin एक डिजिटल मुद्रा है. जिसके उपयोग से आप ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते है. तथा ये भौतिक मुद्रा की तरह ही कार्य करता है.

इस आर्टिकल में आपने डिजिटल, वर्चुअल और cryptocurrency के बारे में जाना है. तथा इनके बिच में अंतर को भी डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? जाना है. हमने Central Bank Digital Currency (CBDC) के बारे में भी जाना की किसी भी देश की केन्द्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा को प्रकाशित कर सकती है.

केंद्रीय बैंक जल्द लाए डिजिटल मुद्रा: गर्ग

बिजनेस डेस्कः पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग की राय है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) लाने की प्रक्रिया तेज करनी चाहिए या फिर उसे अन्य देशों के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय डिजिटल करेंसी लाने का प्रयास करना चाहिए। गर्ग मानते हैं कि डिजिटल डॉलर को दुनिया की प्रभावी डिजिटल मुद्रा नहीं बनने देना चाहिए।

एक कार्यक्रम में गर्ग ने अपनी राय रखते हुए कहा कि क्या क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार करने का वक्त आ चुका है? उन्होंने माना कि भविष्य डिजिटल मुद्रा का है और वे तकनीकी रूप से मजबूत हैं लेकिन उन्होंने निजी क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य में प्रासांगिक रहने पर आशंका भी जताई।

उन्होंने कहा, 'आज नहीं तो कल सरकारें भी डिजिटल मुद्रा शुरू करेंगी। एक बार आधिकारिक डिजिटल मुद्रा शुरू होने के बाद स्टेबल कॉइंस समेत अधिकांश निजी डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? करेंसी नदारद हो जाएंगी।' स्टेबल कॉइंस ऐसी क्रिप्टोकरेंसी है जिसकी कीमत डॉलर जैसी वास्तविक मुद्रा से संबद्ध रहती है। ऐसे में बिटकॉइन के उलट उनमें अटकलबाजी की गुंजाइश कम रहती है लेकिन वे निजी मुद्रा हैं जो व्यवस्थागत चुनौती प्रस्तुत करती है।

भारत समेत कई देश अपनी सीबीडीसी विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं और गर्ग के मुताबिक इसे मौजूदा मॉडल के अलावा अलग तरह से भी तैयार किया जा सकता है। गर्ग ने कहा, 'हमें सीबीडीसी, थोक, खुदरा आदि के साथ प्रयोग करने के बजाय बहुत आसान एवं सीधी डिजाइन बनानी चाहिए। इसके दो बड़े विकल्प उपलब्ध हैं- आप वही चीज इस्तेमाल कर सकते हैं, जो आपने अब तक की है। अपनी मुद्रा या नकदी को डीमटीरियलाइज करें। इससे रुपया डीमटीरियलाइज हो जाएगा और डिजिटल रूप में सभी लेनदेन की मंजूरी दी जाए।' उन्होंने कहा कि थोक के लिए सरकार और आरबीआई अन्य क्रिप्टोकरेंसी चाह सकते हैं, लेकिन दो मुद्राएं रखना शायद अच्छा विचार साबित नहीं हो।

पूर्व वित्त सचिव ने कहा कि भौतिक मुद्रा या नोट बने रहेंगे क्योंकि भारत जैसे देश में एक साथ बदलावों को लागू करना मुश्किल है। गर्ग ने कहा कि क्रिप्टो प्लेटफॉर्म असल में भविष्य हैं। गर्ग ने एक बार क्रिप्टोकरेंसी पर अंतर-मंत्रालय समिति की अगुआई की थी। उन्होंने कहा, 'यह तकनीक सबसे ज्यादा बहु-उद्देश्यीय है। यह ज्यादा प्रतिस्पद्र्घी और ज्यादा कुशल है। इन प्लेटफॉर्मों का वजूद बना रहेगा और हमें उस तकनीक को स्वीकार करना चाहिए। हमें इसे अपनाना चाहिए और इसे आगे बढ़ाना चाहिए।'

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Cryptocurrency in Hindi: क्रिप्टो करेंसी क्या है? जानिए Digital Currency के बारे में

क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा नाम आपने बिटक्वॉइन का सुना होगा. Bitcoin दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी है. इसे डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? आप एक डिजिटल मनी कह सकते हैं. लेकिन (digital currency and cryptocurrency difference) डिजिटल और क्रिप्टोकरंसी में भी अंतर होता है.

By विभूू गोयल Last updated Nov 24, 2021 2,447 0

cryptocurrency में bitcoin सबसे ज्यादा लोकप्रिय और महंगी Virtual money है. Image: (freepik.com)

cryptocurrency में bitcoin सबसे ज्यादा लोकप्रिय और महंगी Virtual money है. Image: (freepik.com)

भारत सरकार संसद के मॉनसून-सत्र में क्रिप्टोकरंसी पर एक बिल लाने जा रही है. Cryptocurrency को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि वह भारत में सभी तरह की Cryptocurrency पर प्रतिबंध लगाएगी और वह भारत सरकार की खुदकी एक आधिकारिक (India cryptocurrency) लेकर आएगी. जाहिर है सरकार की ओर से Cryptocurrency bill को लेकर आए बयान के बाद पूरे देश में इस समय Cryptocurrency चर्चा में है.

बिटकॉइन पूरी दुनिया में सर्वाधिक लोकप्रिय क्रिप्टोकरंसी है. इसके अतिरिक्त अलग-अलग क्रिप्टोकरंसी एथेरियम और टीथर जैसी क्रिप्टोकरंसी है. आइए विस्तार से डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? जानते हैं क्या है क्रिप्टोकरंसी?

Crypto का अर्थ और Currency का मतलब?

Crypto एक लैटिन भाषा का शब्द है जो cryptography से मिलकर बना है. यदि आप cryptography का अर्थ जानें तो इसका मतलब हुआ “छिपा हुआ” यानी ऐसी करंसी जो छिपी हुई हो और प्रत्यक्ष रूप से सामने नहीं हो तो वह क्रिप्टोकरंसी कहलाती है.

ऐसे ही Currency शब्द भी लैटिन भाषा के शब्द Currentia से निकला है. यह शब्द भी रुपये-पैसे के लिए इस्तेमाल में स्थानीय परिवेश में आम चलन में है. इस तरह क्रिप्टोकरंसी की परिभाषा जानें तो क्रिप्टोकरंसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है, यानी की पैसा आपकी जेब में कागजी नोट, रुपये, सिक्के या किसी ठोस आकार में नहीं होता बल्कि यह डिजिटली होता है और एक खाते से दूसरे एकाउंट में ट्रांसफर होता रहता है.

क्रिप्टोकरंसी ऑनलाइन करंसी है. (cryptocurrency kya hai bataiye) और बिजनेस के सभी तरीकों में इसका प्रयोग बिना किसी नियम के तहत होता है. यानी की क्रिप्टोकरंसी में होने वाला व्यापार बिना किसी नियम के होता है. इस पर किसी देश अथवा सरकार का नियंत्रण नहीं होता. कहने का अर्थ यह है कि क्रिप्टोकरंसी को, बैंक, सरकार अथवा अथॉरिटी जारी नहीं करती है.

क्या है क्रिप्टोकरंसी? कैसे होता है प्रयोग?

क्रिप्टोकरंसी को सरल भाषा में समझें तो, जैसे भारत रुपये में, अमेरिका डॉलर में, सउदी अरब रियाल में, इंग्लैंड यूरो में और रशिया रुबल में डील करता है, यानी की लेन-देन के लिए वहां रहने वाले नागरिक पैसे के इस रूप का प्रयोग करते हैं जिसे हम करंसी कहते हैं, सो ऐसे ही डिजिटल दुनिया के बढ़ते चलन के साथ डिजिटल दुनिया में जो एक्सचेंज के लिए जिस करंसी का प्रयोग किया जाता है वह क्रिप्टोकरंसी कहा जाता है.

क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा नाम आपने Bitcoin का सुना होगा. Bitcoin दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टोकरेंसी है. इसे आप एक डिजिटल मनी कह सकते हैं. Crypto currency का प्रचलन बीते कुछ सालों में सबसे ज्यादा सामने आया है. भारत में साल 2017 के शुरुआती दौर में क्रिप्टोकरंसी Bitcoin शब्द के तौर पर दुनिया के प्रमुख शेयर बाजारों से होती हुई हर मार्केट निवेशक की जबान पर थी.

किसने शुरू की Crypto currency

Crypto currency की शुरुआत साल 2009 से मानी जाती है. Crypto currency को जन्म देने वाले थे (cryptocurrency ke janak) सतोशी नाकामोतो. हालांकि सतोशी नाकामोतो (satoshi nakamoto, bitcoin) पहले व्यक्ति नहीं थे जिन्होंने किसी डिजिटल मुद्रा को शुरू किया था बल्कि कई और भी निवेशक और देश थे जिन्होंने डिजिटल मुद्रा की कल्पना की थी और बाकायदा उस पर काम भी हो रहा था्. बीबीसी की एक खबर के मुताबिक एक ऑस्ट्रेलियाई शख्स क्रेग राइट ने साल 2016 में खुदको बिटकॉइन के जनक कहा था.

Bitcoin क्या है? क्यों है यह सबसे महंगी Virtual Currency

क्रिप्टोकरेंसी में आपसे सबसे ज्यादा नाम Bitcoin का सुना होगा. दरअसल, Bitcoin एक डिजिटल कैश प्रणाली है जिसका सीधा चलन उसके कम्प्यूटर एल्गोरिदम से कनेक्ट करता है.

Bitcoin सिर्फ डिजिट के रूप में ऑनलाइन अस्तित्व में रहती है और सबसे खास बात यह है कि यह एक स्वतंत्र सत्ता के रूप में है, यानी की इस समय दुनिया के किसी देश या सरकार Bitcoin को कंट्रोल नहीं कर सकती है.

आपको जानकार आश्चर्य होगा कि शुरुआत में Bitcoin अवैध घोषित की गई, लेकिन Bitcoin ने लोकप्रियता के शिखर छू लिए और यही वजह थी कि कई देशों ने इसे वैध कर दिया. मीडिया में आई रिपोर्ट्स बताती हैं कि अब कुछ देश खुद की क्रिप्टोकरेंसी पर काम कर रहे हैं. बताते चलें कि Bitcoin विश्व की सबसे महंगी वर्चुअल करेंसी कही जाती है.

Bitcoin के अलावा कितने प्रकार की Crypto currency

क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर आपने सबसे ज्यादा Bitcoin का नाम सुना होगा, (cryptocurrency list) लेकिन आपको जानकार आश्चर्य होगा कि पूरी दुनिया डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? में (Crypto currency types) इस समय तकरीबन 1800 से ज्यादा Crypto currency चलन में हैं. इसमें एथेरियम जिसे शॉर्ट में ETH कहा जाता है यह एक प्रमुख डिजिटल मनी है, ऐसे ही लिटकोइन (LTC), डॉगकॉइन (Dogecoin) फेयरकॉइन (FAIR), डैश (DASH), पीरकॉइन (PPC), रिपल (XRP) जैसी Crypto currency को आप Bitcoin के अलावा प्रयोग कर सकते हैं.

Digital Currency और Crypto currency में होता है अंतर

Crypto currency को समझते हुए आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि Crypto currency और Digital Currency में अंतर होता है. अक्सर यह गलतफहमी हो जाती है कि Crypto currency और Digital Currency दोनों एक ही हैं, लेकिन दोनों मूलभूत अंतर यह होता है कि डिजिटल करंसी को सरकार मान्यता देती है जबकि Cryptocurrency गुप्त करंसी होती है और इस पर किसी भी सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता. Cryptocurrency control से बाहर डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? होने के चलते ही प्रतिबंध के दायरे में आई है.

क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल आपराधिक और आतंकी गतिविधियों सहित नशे के कारोबार में होने का खतरा होता है, लिहाजा इसे कई देशों ने प्रतिबंध के दायरे में लाया है. (digital currency and cryptocurrency differencein hindi) दुनिया के कई देशों में Digital Currency को मान्यता है. जिन देशा में Digital Currency चलती है उनमें, चीन जापान और स्वीडन जैसे देश हैं जबकि इक्वाडोर, बाहमास, ट्यूूूशिनिया, सेनेगल जैसे देश शामिल हैं. चर्चा है कि जल्द ही अमेरिका और ब्रिटेन भी Digital Currency लाने की योजना में है.

जानें डिजिटल रुपी क्या है, कैसे करता है काम?

RBI की तरफ रिटेल सेक्शन के लिए डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट 1 दिसंबर 2022 से शुरू हो रहा है। बता दें, इससे पहले 1 नवंबर 2022 को होलसेल सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी का ट्रायल शुरू किया गया था।

digital rupees

Digital Rupee: नई दिल्‍ली. RBI की तरफ से मंगलवार को दी गई जानकारी में कहा गया है कि रिटेल सेक्शन के लिए डिजिटल रुपये (retail digital rupee) का पायलट प्रोजेक्ट 1 दिसंबर 2022 से शुरू हो रहा है। बता दें, इससे पहले 1 नवंबर 2022 को होलसेल सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) का ट्रायल शुरू किया गया था।

आरबीआई की रिटेल सेगमेंट के लिए डिजिटल रुपी का पहला पायलट प्रोजेक्‍ट चुनिंदा जगहों में एक महीने के भीतर लॉन्च करने की योजना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने फरवरी में अपने बजट भाषण में डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा की थी.

आरबीआई का कहना है कि होलसेल सेगमेंट पायलट प्रोजेक्ट में भागीदारी के लिए नौ बैंकों की पहचान की गई है. इनमें भारतीय स्‍टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक,एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक HSBC बैंक शामिल हैं. डिजिटल करेंसी में कई देशों की रुचि है. हालांकि,केवल कुछ ही देश अपनी डिजिटल करेंसी को विकसित करने के पायलट चरण से आगे बढ़ने में कामयाब रहे हैं.

क्या है डिजिटल रुपी?

भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि सीबीडीसी डिजिटल रूप में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक वैध मुद्रा है. आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार “यह कागजी मुद्रा के समान है और कागजी मुद्रा के साथ इसका विनिमय किया जा सकेगा. केवल इसका रूप अलग है. ” साधारण शब्‍दों में कहें तो, डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपी आरबीआई द्वारा डिजिटल फॉर्म में जारी करेंसी नोट्स हैं.

इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में मौजूद रुपये को कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन (contactless transactions) में इस्तेमाल किया जा सकता है. भारत में डिजिटल करेंसी दो तरह की होगी. रिटेल सीबीडीसी (CBDC-R) और होलसेल सीबीडीसी (CBDC-W). रिटेल सीबीडीसी संभवतः सभी के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी, वहीं होलसेल सीबीडीसी का उपयोग चुनिंदा वित्‍तीय संस्‍थानों के लिए होगा.

डिजिटल रुपी के फायदे

CBDC का उपयोग करने के कई लाभ होंगे. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पिछले साल लोकसभा को बताया, “डिजिटल रुपी के बहुत से फायदे होंगे. इससे न केवल नकदी पर निर्भरता कम होगी, बल्कि सीबीडीसी संभवत: अधिक मजबूत, कुशल, विश्वसनीय, विनियमित और एक वैध भुगतान विकल्प की ओर ले जाएगी.”

देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत कम हो जाएगी, या रखने की जरूरत ही नहीं होगी. डिजिटल करेंसी को लोग अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे. इसे बैंक मनी और कैश में आसानी से बदला भी जा सकेगा.

लेनदेन की ज्‍यादा निगरानी

ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा, इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले लेनदेन तक पहुंच हो जाएगी. इस प्रकार देश में आने और बाहर जाने वाले पैसे पर ज्यादा कंट्रोल होगा. इसके अलावा इससे नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा. कागज के नोट की प्रिटिंग का खर्च बचेगा. डिजिटल करेंसी जारी होने के बाद हमेशा बनी रहेगी और यह कभी खराब नहीं होगी.

ज्‍यादा सुरक्षित

पारंपरिक डिजिटल लेनदेन के मुकाबले सीबीडीसी ज्‍यादा सुरक्षित है, क्‍योंकि यह ब्लॉकचेन पर आधारित है जिसमें सेंध लगाना काफी मुश्किल है. ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी में भुगतान तेजी से होता है. CBDC के उपयोग से कैशलेस अर्थव्यवस्था में और बदलाव आ सकता है. सीबीडीसी के उपयोग से कैशलेस भुगतान को बढ़ावा मिलेगा और बैंकिंग परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव आएगा.

क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर

क्रिप्टोकरेंसी और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी में मुख्‍य अंतर यह है कि क्रिप्‍टो पूरी तरह से निजी करेंसी है. यह लीगर टेंडर (वैध मुद्रा) नहीं है और इसे कोई सरकार मॉनिटर नहीं करती. न ही किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का इस पर कोई कंट्रोल होता है. डिजिटल करेंसी पूरी तरह से रेगुलेटेड है. इसे सरकार की मंजूरी प्राप्‍त है और यह पूरी तरह से सरकार समर्थित वैध मुद्रा है.

जहां क्रिप्‍टोकरेंसी के रेट में उतार-चढाव आता रहता है, वहीं डिजिटल रुपी में ऐसा कुछ नहीं होगा. इसका वही प्रभाव होगा जो नकद मुद्रा का होता है. आप डिजिटल रुपी को नकदी में बदल सकेंगे.

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