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FBS क्या है

FBS क्या है
एक स्वस्थ मनुष्य का eGFR 60 मिलि/मिनट से ज्यादा होता है, यदि आपकी रिपोर्ट में eGFR 60 मिलि/मिनट से कम है तो किडनी विफलता के किसी चरण पर हैं, तत्काल किडनी विशेषज्ञ से संपर्क करें।

KFT टेस्ट का सैंपल

ज़ोरील 1 एमजी टैबलेट (Zoryl 1 MG Tablet)

ज़ोरील 1 एमजी टैबलेट (Zoryl 1 MG Tablet) का उपयोग गैर-इंसुलिन-डिपेंडेंट मधुमेह (टाइप 2) के प्रबंधन के लिए किया जाता है, जो रक्त शर्करा को कम करने के लिए आहार और व्यायाम के सहायक के रूप में होता है। उन रोगियों में रक्त शर्करा को कम करने के लिए इंसुलिन के साथ संयोजन में उपयोग किया जाता है जिनके हाइपरग्लाइसीमिया को आहार और व्यायाम से नियंत्रित नहीं किया जा सकता है जो एक मौखिक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट के साथ संयोजन में होता है।

ज़ोरील 1 एमजी टैबलेट (Zoryl 1 MG Tablet) एक ऐसी दवा है जिसका उपयोग टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित रोगियों के इलाज में किया जाता है, जो आहार और व्यायाम के माध्यम से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। इसलिए इस दवा का उपयोग रक्त शर्करा के संबंध में आहार और व्यायाम के सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाने के लिए किया जाता है।

KFT टेस्ट में कौन सी जाँचे होती हैं

KFT, किडनी कार्यक्षमता जाँच के लिए किडनी से संबंधित और भी कई चीजों का होता है परीक्षण। क्या हैं वे परीक्षण और उनसे जुड़ी तमाम जानकारियाँ जानिए-

यह जाँच KFT की सबसे महत्वपूर्ण जाँच होती है, इसके अंतर्गत आने वाली यह जाँच मुख्य रूप से रक्त में क्रिएटिनिन के स्तर के बारे में जानकारी देती है। स्वस्थ कार्यक्षमता वाली किडनी क्रिएटिनिन को रक्त से छानकर पेशाब के माध्यम से शरीर के बाहर निकाल देती है। रक्त में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ जाना किडनी की बीमारी का संकेत देता है।

इस जाँच को करने के लिए डॉक्टर आपके रक्त का सेंपल लेता है। प्रयोगशाला में उस रक्त की जाँच के बाद 24 घंटे के अंदर आपको रिपोर्ट मिल जाती है। रक्त में क्रिएटिनिन का सामान्य स्तर महिलाओं में 1.2 (mg/dL) और पुरुषों में 1.4 mg/dL होता है, लेकिन प्रयोगशालाओं के मुताबिक क्रिएटिनिन के स्तर में 0.1-0.2 mg/dl का अंतर हो सकता है। क्रिएटिनिन का स्तर इस सामान्य स्तर से उच्च होने पर किडनी के रोग का संकेत देता है।

रक्त यूरिया नाइट्रोजन (Blood urea nitrogen, BUN)-

रक्त यूरिया नाइट्रोजन (BUN) टेस्ट रक्त में बेकार पदार्थों की जाँच के लिए कराया जाता है। BUN टेस्ट रक्त में नाइट्रोजन की मात्रा को मापता FBS क्या है है। यूरिया-नाइट्रोजन प्रोटीन से टूटकर अलग हा एक पदार्थ होता है। रक्त में यूरिया-नाइट्रोजन का बड़ा हुआ स्तर किडनी की समस्या की ओर इशारा करता है।

इस टेस्ट को करने के लिए डॉक्टर आपके रक्त का नमूना लेता है। अगर टेस्ट से पहले अपनाई जाने वाली कुछ सावधानियाँ या निर्देश होंगे जैसे खाली पेट रहना आदि मरीज को पहले ही बता दिए जाएँगे। इसकी रिपोर्ट आप 24 घंटे में पा सकते हैं।

रक्त में यूरिया-नाइट्रोजन का सामान्य स्तर 7 से 20 FBS क्या है mg/dL होता है। यूरिया-नाइट्रोजन का इस सामान्य स्तर से ऊपर जाना किडनी सहित अन्य स्वास्थ्य विकारों का संकेत हो सकता है। भारत में अलग-अलग जगहों और प्रयोगशालाओं के अनुसार रक्त यूरिया नाइट्रोजन (BUN) टेस्ट की कीमत 120 रुपए से 200 तक हो सकती है।

रक्त यूरिया परीक्षण (blood urea test)-

इसरक्त यूरिया परीक्षण में रक्त यूरिया की गणना BUN, रक्त यूरिया नाइट्रोजन के स्तर से की जा सकती है। आमतौर पर रक्त यूरिया, रक्त यूरिया नाइट्रोजन, BUN का 2.1 गुना होता है। यानि अगर मरीज के BUN का स्तर 15 है, तो रक्त यूरिया का स्तर 15×2.1 = 31.5 mg / dl होगा।

GFR अर्थात Glomerular Filtration Rate। किडनी में ग्लोमेरुली नामक छन्नी नुमा संरचना होती हैं जो बेकार पदार्थों को छानने का काम करती हैं। GFR ग्लोमेरुली नामक छन्नी की कार्यक्षमता को मापने का एक टेस्ट है, जो बताता है कि ग्लोमेरुली किस गति से बेकार पदार्थों को छान रहीं हैं। किडनी की खराबी के चरणों को इसी टेस्ट के माध्यम से बांटा जाता है।

वास्तव में eGFR कोई अलग रक्त परीक्षण नहीं है, बल्कि इसकी गणना एक सूत्र का उपयोग करके की जाती है (इसीलिए इसे eGFR यानि अनुमानित जीएफआर कहा जाता है)। यह मरीज के क्रिएटिनिन स्तर, आयु और लिंग पर निर्भर करता है, और इन्हीं के आधार पर अंतिम परिणाम एमएल / मिनट में निकलता है।

फॉरेक्स ट्रेडिंग से अमीर बनने का सपना देख रहे हैं तो रुकिए! कहीं हो न जाएं फ्रॉड के शिकार, जानें क्या कहता है RBI का नियम

Illegal Forex Trading: अगर आपको सोशल मीडिया पर फॉरेक्स ट्रेडिंग के जरिए रातों-रात अमीर बनने का सपना दिखाने वाले एडवर्टीज़मेंट्स दिखें तो सावधान हो जाइए. ऐसे विज्ञापनों पर भरोसा करके निवेश करना महंगा पड़ सकता है. ये फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप्स (forex trading Apps) निवेशकों को पहली बार ट्रेड के लिए फ़्री कैश या फ्री ट्रेडिंग कोर्स का लालच भी देते हैं. ये प्लेटफॉर्म्स अक्सर अपने ऐड्स में इसे लीगल बताकर या किसी विदेशी रेगुलेटर से नियमित बताकर या फर्जी ग्लोबल अवॉर्ड पाने वाला बताकर लोगों को गुमराह करते हैं.

OctaFx, OlympTrade, Alpari, Forex.com, Ava Trade, FBS, I-Forex, Binomo.com, IQ Option, TP Global Forex FBS क्या है जैसे प्लेटफॉर्म्स पर फॉरेक्स ट्रेडिंग रिजर्व बैंक नियमों के तहत कानूनन अपराध की श्रेणी में आता FBS क्या है है. ये प्लेटफॉर्म्स रिजर्व बैंक या सेबी (Securities and Exchange Board of India) में से किसी के पास भी रजिस्टर्ड नहीं हैं.

खून की जांच से पहले क्यों रहना होता है खाली पेट? जानें क्या है इसका मुख्य कारण

Vishal Singh

Written by: Vishal Singh Updated at: Jul 02, 2020 04:39 IST

खून की जांच से पहले क्यों रहना होता है खाली पेट? जानें क्या है इसका मुख्य कारण

स्वास्थ्य की सही जानकारी लेने के लिए अक्सर कई ऐसे टेस्ट होते हैं जिनमें मरीज की जांच खाली पेट की जाती है, ऐसे ही कुछ खून की जांच (Blood Test) ऐसी हैं जिनकी जांच भी खाली पेट ही करनी होती है। ऐसे में कई लोगों को कमजोरी के कारण चक्कर आना और थकावट महसूस होने लगती है, हालांकि वो जांच के बाद कुछ खा सकते हैं। लेकिन क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है कि ब्लड टेस्ट यानी खून की जांच से पहले आपको भूखा क्यों रहना पड़ता है या खाली पेट क्यों जांच की सलाह दी जाती है। अगर नहीं जानते तो कोई नहीं आपकी तरह ज्यादातर लोग इसके पीछे का कारण नहीं जानते, तो हम आपको इस लेख में बताते हैं कि आखिरकार क्यों डॉक्टर आपको खाली पेट जांच की सलाह देता है।

खाली पेट खून की जांच के कारण

ब्लड टेस्ट (Blood Test) से पहले खाली पेट रहना इसलिए जरूरी होता है कि क्योंकि खाली पेट आपका FBS क्या है खून बिलकुल साफ होता है और वो सही परिणाम बताता है। आपको बता दें कि विटामिन, खनिज, वसा, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन जो सभी खाद्य और पेय पदार्थ बनाते हैं ये आपके खून और जांच के परिणामों को प्रभावित करते है और आपके ब्लड लेवल रीडिंग पर भी बुरा असर डालते हैं, जिसके कारण आपकी जांच या परिणाम गलत आते हैं।

  • रक्त शर्करा परीक्षण।
  • लिवर की जांच।
  • कोलेस्ट्रॉल का स्तर पता लगाने के लिए।
  • ट्राइग्लिसराइड स्तर परीक्षण।
  • एचडीएल स्तर की जांच।
  • एलडीएल स्तर की जांच।
  • गुर्दे से संबंधित में खाली पेट रहना जरूरी है।
  • लिपोप्रोटीन पैनल।

इसके साथ ही अगर आपका डॉक्टर आपके लिए एक नया ब्लड टेस्ट(Blood Test) करना चाहते हैं तो वो आपको टेस्ट से पहले बताएगा कि आपको कितनी देर पहले खाली पेट रहना होगा या आपको इसकी जरूरत ही नहीं है।

कितनी देर रहना चाहिए खाली पेट

अक्सर लोगों के मन में ये FBS क्या है सवाल होता है कि हमे ब्लड टेस्ट (Blood Test)के लिए कितनी देर या कब तक कुछ नहीं खाना है, इसका जवाब आपको वैसे तो डॉक्टर ही देता है। लेकिन ज्यादातर ब्लड टेस्ट में करीब 8 घंटे तक कुछ भी नहीं खाना चाहिए, इस बीच आप सिर्फ पानी पी सकते हैं जो आपके स्वास्थ्य में किसी तरह की कोई बाधा पैदा नहीं करता। इसके अलावा अगर आपकी कोई गंभीर जांच है तो आपको डॉक्टर 12 घंटे तक कुछ न खाने की सलाह भी दे सकते हैं। जिससे की आपका परिणाम बिलकुल सही सामने आ सके।

आप ही नहीं बल्कि ज्यादातर लोगों को लगता है कि खून की जांच (Blood Test) से पहले कॉफी पीने से किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता ये एक तरल पदार्थ है, जबकि आपको अंदाजा नहीं है ये आपके परिणाम को बदल सकता है। आपको बता दें कि कॉफी रक्त परीक्षण के परिणामों में बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है, क्योंकि कॉफी में मौजूद कैफीन और घुलनशील पदार्थ आपके खून में मिल जाते हैं। इसलिए आपको सिर्फ ब्लड टेस्ट के लिए पानी का सेवन ज्यादा से ज्यादा मात्रा में करना चाहिए, जिससे की आपकी खून की जांच बिलकुल सही आए।

कितनी देर रहना चाहिए खाली पेट

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आप ही नहीं बल्कि ज्यादातर लोगों को लगता है कि खून की जांच (Blood Test) से पहले कॉफी पीने से किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता ये एक तरल पदार्थ है, जबकि आपको अंदाजा नहीं है ये आपके परिणाम को बदल सकता है। आपको बता दें कि कॉफी रक्त परीक्षण के परिणामों में बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है, क्योंकि कॉफी में मौजूद कैफीन और घुलनशील FBS क्या है पदार्थ आपके खून में मिल जाते हैं। इसलिए आपको सिर्फ ब्लड टेस्ट के लिए पानी का सेवन ज्यादा से ज्यादा मात्रा में करना चाहिए, जिससे की आपकी खून की जांच बिलकुल सही आए।

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