बुल अवशोषण

इस तरह की घटना पहले भी हो चुकी है. अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र के मुताबिक प्रतिमा में छोटे-छोटे छिद्र होते है, जिसके कारण वह पानी अवशोषण करता है. लोगों को लगता है कि बुल अवशोषण मूर्ति पानी या अन्य द्रव्य पदार्थ ग्रहण बुल अवशोषण कर रहे. इस तरह की घटना प्राकृतिक है. लोगों बुल अवशोषण को अंधविश्वास पर नहीं पड़ना चाहिए.
Water Absorbency Non Woven Geotextile Fabric , Non Woven Cleaning Cloths
1) Super power of water absorbency ( absorb 17 times weight of liquid) and decontamination, high strength, soft touch, fast bright color, machine washable, easy to clean and soft drying, washing durable and long lasting, anti-bacterial, repetitive use, cost-effective.
2) Hygienic, no harmful chemicals and dross.
3) Lint-free after cleaning, soft and smooth, बुल अवशोषण damage not the surface of articles.
4) Environment-friendly, easy to use and degradable.
Applications( Instructions for use)
Household: Spills-Wet the wipe, ring out, and place on spill ( no need to dab at the spill; most of the liquid will be picked up by the cloth). For wet spills, use the wipe damp, ring out, fold several times, press down firmly with fingers. For stubborn spills, dilute the stain with soapy water and your favorite detergent. Loosen with a stiff brush, wait a few minutes and then absorb the liquid with the wipe. In most cases the stain will be gone.
नंदी देव भक्तों के हाथ से पी रहे पानी!: मंदिर में जुटे श्रद्धालु; 27 साल पहले देशभर में गणेश जी ने पीया था दूध
बालोद जिले के ग्राम साकरा जगन्नाथपुर बुल अवशोषण स्थित हनुमान मंदिर परिसर में स्थित नंदी की प्रतिमा के जल पीने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसके बाद से मंदिर में भगवान नंदी को जल पिलाने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु आ रहे बुल अवशोषण हैं। सोमवार शाम को यहां नंदी ने जल पीना शुरू किया, जिससे वहां मौजूद भक्त भी हैरान रह गए। हालांकि कई लोगों ने इसे सिर्फ अफवाह बताया।
ग्राम साकरा में हनुमान मंदिर है, जिसके परिसर में भगवान शिव और नंदी भी हैं। पत्थर की नंदी की मूर्ति भक्तों के हाथों से जल ग्रहण कर रही है, ये बात जैसे ही लोगों को पता चली, वे भी मंदिर पहुंच गए और चम्मच से भगवान को जल पिलाया। हालांकि आज भगवान ने जल ग्रहण नहीं किया, फिर भी श्रद्धालुओं की भीड़ उनके दर्शनों के लिए उमड़ रही है। अफवाह फैल गई है कि कुछ ही देर के लिए सही, लेकिन प्रतिमा में स्वयं भगवान नंदी प्रकट हुए थे।
CG में नंदी देव भक्तों के हाथ से पी रहे पानी! मंदिर में जुटे श्रद्धालु, देखें वीडियो…
बालोद. जिले के ग्राम साकरा जगन्नाथपुर के हनुमान मंदिर परिसर में स्थित नंदी की प्रतिमा के जल पीने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. मंदिर में भगवान नंदी को जल पिलाने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं. सोमवार शाम को बुल अवशोषण यहां नंदी ने जल पीना शुरू किया, जिससे वहां मौजूद भक्त भी हैरान रह गए. हालांकि कई लोगों ने इसे सिर्फ अफवाह बताया.
ग्राम साकरा में हनुमान मंदिर है, जिसके परिसर में भगवान शिव और नंदी भी हैं. पत्थर की नंदी की मूर्ति भक्तों के हाथों से जल ग्रहण कर रही है, ये बात जैसे ही लोगों को पता चली, वे भी मंदिर पहुंच गए और चम्मच से भगवान को जल पिलाया. हालांकि आज भगवान ने जल ग्रहण नहीं किया, फिर भी श्रद्धालुओं की भीड़ उनके दर्शनों के लिए उमड़ रही है. अफवाह फैल गई है कि कुछ ही बुल अवशोषण देर के लिए सही, लेकिन प्रतिमा में स्वयं भगवान नंदी प्रकट हुए थे.
विकसित की गेहूं की नई किस्म, 12 घंटे तक खराब नहीं होंगी इसके आटे की रोटियां
TV9 Bharatvarsh | Edited By: अम्बर बाजपेयी
Updated on: Nov 16, 2022 | 1:16 PM
छत्तीसगढ़ के कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की एक ऐसी किस्म विकसित की है जिसका औसत उत्पादकता 39.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. वैज्ञानिकों ने इस नए किस्म का नाम विद्या सीजी 1036 रखा है. इस किस्म को विकसित करने वाले कृषि वैज्ञानिक एपी अग्रवाल का कहना है कि फेनोलिक तत्व कम होने से इस गेहूं का आटा नर्म और काला नहीं होता है. यह आधे पानी में भी अच्छी उपज देती है. गेहूं की फसल में सामान्यत: छह बार सिंचाई की आवश्यकता होती है लेकिन यह किस्म तीन सिंचाई में भी अच्छी उपज देती है.
भूतल जल अवशोषण निर्धारण के लिए 10 किग्रा मेटल रोलर कोब टेस्टर
पेपर COBB अवशोषण परीक्षक मुख्य रूप से नालीदार कार्डबोर्ड की सतह के पानी के असंतुलन सहित आकार के कागज और कार्डबोर्ड के निर्धारण के लिए उपयोग किया जाता है।साधन शोषक कागज और कार्डबोर्ड सतह बुल अवशोषण का निर्धारण है, लेकिन कागज या पेपरबोर्ड लेखन प्रदर्शन के सटीक मूल्यांकन के लिए उपयुक्त नहीं है