क्रिप्टोबो फैसले

सात्विक के मुताबिक कुछ लोग इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन मान रहे थे, तो कुछ इसे दूसरे सोर्स से इनकम की श्रेणी समझ रहे थे और कुछ इसे बिजनेस इनकम मान कर टैक्स भर रहे थे. अब हमारे पास वर्गीकरण को लेकर चीजें स्पष्ट हैं,. सात्विक ने कहा, इसमें अब कहीं अस्पष्टता नहीं है. आपको डिजिटल करेंसी श्रेणी के तहत सीधे 30 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना होगा. इसके अलावा आपको 1 प्रतिशत टीडीएस भी देना होगा.
क्रिप्टो संपत्तियों पर कर का फैसला टालेगी परिषद!
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद द्वारा आगामी बैठक में वर्चुअल डिजिटल एसेट (वीडीए) या क्रिप्टो पर कर लगाने पर फैसला किए जाने की संभावना कम है। क्रिप्टोबो फैसले परिषद हरियाणा और कर्नाटक सरकार से क्रिप्टो के क्षेत्र में हो रही विभिन्न गतिविधियों की प्रकृति और कर की संभावनाओं पर रिपोर्ट तैयार करने को कह सकती है। परिषद की बैठक 28 और 29 जून को चंडीगढ़ में होने की संभावना है।
जीएसटी फिटमेंट कमेटी में केंद्र व राज्य के अधिकारी शामिल होते हैं। इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा कि कमेटी उन मसलों की समीक्षा कर रही है, जिसे टाल दिया गया है और उसमें और गहन अध्ययन की जरूरत महसूस की जा रही है।
यह कदम क्रिप्टो उद्योग में काम करने वालों की मांग के अनुरूप होगा, जो उन मसलों पर स्पष्टता चाहते हैं, जिसमें जीएसटी के हिसाब से वीडीए को लेकर अटकलबाजियां चल रही हैं। इस समय जीएसटी नियमों में वर्चुअल संपत्ति को लेकर कोई विशेष प्रावधान नहीं है। इस समय क्रिप्टो एक्सचेंजों द्वारा मुहैया कराई जाने वाली सेवाओं पर 18 प्रतिशत कर लगता है, जिन्हें वित्तीय सेवाओं में रखा गया है।
क्रिप्टो करेंसी से आय पर टैक्स लगाना बड़ा मुद्दा नहीं
वहीं यशोधन वालिम्बे एक सोशल मीडिया मैनेजर हैं और कई साल से क्रिप्टो करेंसी से जुड़े हैं. वो भारतीय और विदेशी ग्राहकों को अपनी सेवा देते हैं. उन्हें लगता है कि भविष्य डिसेंट्रलाइजेशन का है. उनकी राय में क्रिप्टो करेंसी से आय पर टैक्स लगाना बड़ा मुद्दा नहीं होगा. वालिम्बे ने आगे कहा, टैक्स की उचित राशि का भुगतान करने में कोई समस्या नहीं है. हालांकि 30 प्रतिशत का टैक्स दर, जो लगभग एक तिहाई है, निश्चित रूप से वीपीएन, टीओआर और दूसरे नेटवर्क के माध्यम से अज्ञात स्रोत से लेनदेन को बढ़ावा देगा. इन स्रोत को ट्रैक करने का कोई तरीका नहीं है.
सुमित पंडित एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट और तकनीक क्षेत्र के जानकार हैं. उन्होंने टैक्स लगाए जाने के फैसले का आंशिक रूप से स्वागत किया. उन्होंने क्रिप्टो में एक अतिरिक्त निवेश विकल्प के रूप में निवेश करना शुरू किया था जो कि पहले कर मुक्त था. लेकिन, 1 फरवरी की घोषणा के बाद उन्होंने कहा, अब से निवेश की राशि के साथ जोखिम का भी ध्यान रखना होगा. उन्होंने यह भी कहा, क्रिप्टो पर टैक्स एक महत्वपूर्ण और सही फैसला है. लेकिन एक छोटे निवेशक की हैसियत 30 फीसदी टैक्स देने की नहीं है. इसे जीएसटी की तरह करीब 10 से 15 प्रतिशत ही होना चाहिए था.
सरकार इसे कानूनी बनाकर मान्यता दे रही: चार्टर्ड अकाउंटेंट
वहीं विशेषज्ञ अब भी इसकी बारीकियों का अध्ययन कर रहे हैं. कुछ निवेशक क्रिप्टो को सिर्फ एक नए एसेट की तरह देख रहे हैं. आईटी कर्मचारी और पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट अभिमन्यु पंडित का कहना है कि, इस नए तरह की संपत्ति में निवेश में दिलचस्पी थी. इसने निवेश पोर्टफोलियो को बढ़ाने का विकल्प दिया है. क्रिप्टो या डिजिटल संपत्ति पर कर लगाने के फैसले पर उन्होंने कहा कि, सरकार इसे कानूनी बना कर मान्यता दे रही है. उन्हें लगता है कि ये डिजिटल संपत्तियां अप्रत्याशित फायदा देती हैं. कौन होगा जो क्रिप्टोबो फैसले अतिरिक्त पैसा नहीं चाहता हो. दरअसल ज्यादातर लोगों ने इस फैसला का स्वागत इसलिए किया क्योंकि उन्हें लगता है कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को वैध करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है.
उधर, सीपीसी एनालिटिक्स के पार्टनर साहिल देव को लगता है कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है. उन्होंने कहा, इस क्षेत्र को कानून बनाकर रेगुलेट करने की जरूरत है. इससे धीरे-धीरे एक अच्छा स्वरूप सामने आएगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम से इस क्षेत्र को मुख्यधारा में लाने में मदद मिलेगी और अनिश्चितता का दौर खत्म होगा. जिस डर से कई निवेशक क्रिप्टो या डिजिटल करेंसी में निवेश करने से बचते हैं.
भारत में क्रिप्टो करेंसी
भारत में क्रिप्टो करेंसी का बाजार पहले ही अरबों डॉलर के आंकड़े को पार कर चुका है. वर्तमान क्रिप्टोबो फैसले में, लगभग 5-6 प्रमुख ऐप हैं जो क्रिप्टो में ट्रेडिंग सर्विस देते हैं. इनमें से दो महामारी के दौरान यूनिकॉर्न बन गईं. CoinDCX अगस्त 2021 में यूनिकॉर्न बना जबकि CoinSwitch Kuber ने अक्टूबर 2021 में इस स्तर को छुआ. 1 बिलियन डॉलर या उससे ज्यादा का मूल्यांकन होने पर कंपनियां “यूनिकॉर्न” बन जाती हैं. इन ऐप के यूजर बेस और ट्रेडिंग वॉल्यूम का अध्ययन करने पर देश में क्रिप्टो करेंसी की तस्वीर साफ हो जाएगी.
कुल मिलाकर इन ऐप के लगभग 3 करोड़ सक्रिय यूजर्स हैं जो हर महीने क्रिप्टो में ट्रेडिंग करते हैं. सात्विक ने टीवी9 को बताया कि उनके ऐप Unocoin के 17 लाख से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं और वहां हर साल लाखों डॉलर का लेनदेन होता है. ये सभी निवेशक अब नए टैक्स के दायरे में आएंगे.
FTX Exchange Crash: रातोंरात धराशायी होने वाले क्रिप्टो एक्सचेंज के पीछे का चेहरा हैं निषाद सिंह, जानें उनके बारे में
By: ABP Live | Updated at : 13 Nov 2022 07:54 PM (IST)
Nishad Singh Crypto Exchange FTX Crash: भारतीय लोगों ने टेक्नोलॉजी (Technology) के मामले में दुनियाभर में अपना डंका मनवाया हैं. ऐसा ही एक नाम है निषाद सिंह (Nishad Singh), जो कि मूलतः भारतीय है. हालांकि अब ये ही निषाद सिंह जांच के दायरे में हैं. बताया जा रहा है कि वो सैम बैंकमैन-फ्रायड (Sam Bankman-Fried) जो एफटीएक्स एक्सचेंज के सीईओ हैं, उन्हें क्रिप्टो को लेकर फैसले लेने में कुछ मदद किया करते थे.
जांच के दायरे में निषाद
दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों में से एक FTX का अचानक दिवालिया होना, अब सबके लिए परेशानी खड़ी कर रहा है. FTX के संस्थापक सैम बैंकमैन-फ्रायड के साथ निषाद सिंह सहित 9 अन्य लोग शामिल है. इससे पहले निषाद फेसबुक को भी अपनी सेवाएं दे चुके है.
Binance-WazirX Rift: भारत के 1.5 करोड़ क्रिप्टो इंवेस्टर्स हैं परेशान, इन वजहों से हो रही है सबसे ज्यादा परेशानी
झाओ ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि WazirX के यूजर्स को अपने फंड्स बाइनेंस में ट्रांसफर कर लेने चाहिए. इस वजह से बहुत अधिक पैनिक की स्थिति पैदा हो गई थी.
CZ ने शनिवार को ट्वीट किया, "हम WazirX को बंद कर सकते थे. लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते हैं क्योंकि. इससे यूजर्स को परेशानी होगी."
यूजर्स हो रहे हैं परेशान
Binance द्वारा WazirX को किए जाने वाले ऑफ चेन ट्रांसफर को डिसेबल किए जाने के बाद एक यूजर ने एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है. इस स्कीनशॉट से पता चलता है कि यूजर्स को किस प्रकार दोनों एक्सचेंज के बीच आंतरिक तौर पर फंड ट्रांसफ करने में परेशानी हो रही है. ऑफ-चेन ट्रांजैक्शन ब्लॉकचेन से इतर होते हैं.
क्रिप्टो पर 15% टैक्स लगाने के फैसले को वापस ले रहा है थाईलैंड
बुधवार यानी कि 30 नवंबर को टेक्नोपैक पॉलीमर्स के शेयर में 16 फीसद की तेजी देखने को मिली है। यह स्टॉक आज 115 रुपये के अपने उच्च स्तर पर पहुंच गया है। इस SME कंपनी के शेयर इसी महीने 16 नवंबर को बीएसई पर लिस्ट हुए हैं और तब से अबतक इसमें इश्यू प्राइस से करीब 107% की उछाल आ चुकी है। इस कंपनी का IPO 16 नवंबर को 77.50 रुपये के प्राइज पर लिस्ट हुआ था।
एक करोड़ के पार होगा डिजिटल अर्थव्यवस्था में रोजगार का आंकड़ा
सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि सरकार ने डिजिटल अर्थव्यवस्था के तीन क्षेत्रों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टार्टअप और IT तथा IT संबद्ध सेवाओं में अगले दो साल में रोजगार का आंकड़ा एक करोड़ के पार ले जाने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इनक्यूबेशन सेंटर योजना के तहत सरकार ने लगभग 65 स्टार्टअप को लाभ दिया है। 2025 तक 300 स्टार्टअप को कोष देने का लक्ष्य है।
सरकार की मदद से शुरु करें यह बिजनेस, होगी लाखों की क्रिप्टोबो फैसले कमाई
अगर आप नौकरी से तंग आ गए हैं और कोई बिजनेस करना चाहते हैं तो सरकार आपको अच्छा अवसर दे रही है। आप हैंडमेड साबुन का बिजनेस कर सकते हैं। आपको बतादें कि आज के समय में साबुन की मांग छोटे से लेकर बड़े शहरों में है। ऐसे में साबुन का बिजनेस आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। अच्छी बात यह है कि इसके लिए केंद्र सरकार मुद्रास्कीम के तहत 80 फीसदी लोन भी देती है।
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