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स्टॉक टिप्स से बचें

स्टॉक टिप्स से बचें
संगीता रेड्डी, अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज लिमिटेड की संयुक्त प्रबंध निर्देशक (एक प्रमुख अस्पताल श्रृंखला), और व्यापार मंडल फिक्की (FICCI) की अध्यक्ष, कहती हैं– “यदि कोरोना (Covid-19) संकट का रिकवरी साईकल 3-6 महीने है, तो यदि अभी कुछ महत्वपूर्ण कदम नहीं लिया, तो इसे 3-6 वर्ष भी लग सकते हैं । राजकोषीय घाटे की चिंता न करना बहुत जरूरी है। चाहे वह पूरे क्षेत्र में 3-5 लाख करोड़ रुपये का प्रोत्साहन हो, खेती से लेकर विनिर्माण से लेकर निर्यात तक हर क्षेत्र के लिए इसे लागू करना होगा। मुझे लगता है कि हमें संकट को बर्बाद नहीं करना है, जैसे विंस्टन चर्चिल ने कहा है कि कभी भी अच्छे संकट को बेकार न जाने दें। इस समय को हमें अपने लक्ष्यों को रीसेट करने में तथा व्यापार और अर्थव्यवस्था के प्रति हमारे दृष्टिकोण को बदलने में लगाना चाहिए।”

भारत में स्टॉक मार्केट में करियर्स, कोर्सेज और सैलरी के बारे में जानिये यहां

अगर आप एक प्रोफेशनल के तौर पर भारत की स्टॉक मार्केटिंग में अपना करियर शुरू करना चाहते हैं, तो भारत में स्टॉक मार्केट के प्रोफेशनल्स को ऑफर किये जाने वाले विभिन्न कोर्सेज, करियर और सैलरी के बारे में सटीक जानकारी पाने के लिए इस आर्टिकल को गौर से पढ़ें.

 Courses, Career and Salary for Stock Market Professionals in India

भारत में स्टॉक मार्केट में करियर: हरेक प्रोफेशनल के लिए किसी ऐसे करियर के बारे में निर्णय लेना, जो विकास का वादा करता है और स्थिरता प्रदान करता है, विशेष रूप से ऐसे समय में एक कठिन निर्णय होता है जब, देश-दुनिया में जॉब मार्केट पर भी वित्तीय क्षेत्र की मंदी का साफ़ असर दिख रहा है. हालांकि, भारत में अगर कोई स्टॉक मार्केट/ शेयर बाजार में अपना करियर बनाने पर विचार करता है, तो निस्संदेह उसके लिए कई फायदेमंद जॉब प्रोफाइल्स हैं.

इस आर्टिकल में, प्रोफेशनल्स स्टॉक मार्केट में करियर, जॉब और सैलरी की संभावनाएं और स्टॉक मार्केट में करियर से जुड़े कई मिथकों के बारे में व्यापक विवरण पढ़ सकते हैं.

इस आर्टिकल को पढ़कर आप यह भी जानें कि, वित्तीय क्षेत्र से संबंधित स्टूडेंट्स को भारत की स्टॉक मार्केट में अपना करियर क्यों शुरु करना चाहिए. हमारे देश में स्टॉक मार्केट जॉब्स में उपलब्ध कोर्सेज, जॉब्स, एलिजिबिलिटी और सैलरी के बारे में इस आर्टिकल में पढ़ें महत्त्वपूर्ण जानकारी.

भारत में स्टॉक मार्केट में करियर: स्टॉकब्रोकर का परिचय

स्टॉक मार्केट की दुनिया में एक स्टॉक ब्रोकर (शेयर दलाल) ऐसा प्रमुख एजेंट होता है जिसे कई फर्मों और दलाल एजेंसियों में जॉब ऑफर्स मिलते रहते हैं. किसी भी स्टॉक ब्रोकर का प्रमुख काम अपने ग्राहकों की ओर से शेयरों/ स्टॉक्स का लेन-देन या सौदेबाजी करना होता है. ये प्रोफेशनल्स वित्तीय परामर्श देने में भी शामिल होते हैं ताकि उनके ग्राहक लाभ प्राप्त करने के लिए वित्तीय साधनों के माध्यम से अपने पोर्टफोलियो का निर्माण कर सकें.

हमारे लिए किसी स्टॉक ब्रोकर के कार्यों के बारे में जानना महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह प्राथमिक स्तर की ऐसी जॉब है जोकि, स्टॉक मार्केटिंग में करियर चुनने पर सबसे पहले ऑफर की जाती है. यह फ्रेशर्स को ग्राहक आधार और उनकी आवश्यकताओं, स्टॉक की प्रकृति, वित्तीय साधनों से निपटने के साथ ही, स्टॉक मार्केटिंग की भावनाओं और कई अन्य कारकों को समझने में मदद करता है.

भारत में स्टॉक मार्केट में करियर: ऑफर किये जाने वाले प्रमुख जॉब रोल्स

जब कोई व्यक्ति स्टॉक मार्केटिंग में अपना करियर चुनता है, तो इस फील्ड में ऑफर किये जाने वाले लोकप्रिय जॉब प्रोफाइल्स और उनसे जुड़ी जिम्मेदारियों के बारे में जानना उस व्यक्ति के लिए बहुत जरुरी होता है. इसलिए, यहां कुछ कॉमन जॉब प्रोफाइल्स की लिस्ट दी गई है जो स्टॉक मार्केट इंडस्ट्री में ट्रेंड प्रोफेशनल्स को ऑफर की जाती हैं:

  1. एंट्री-लेवल जॉब प्रोफाइल: इक्विटी एडवाइजर, रिलेशनशिप मैनेजर, स्टॉक ब्रोकर, सेल्स एजेंट.
  2. मीडियम लेवल जॉब प्रोफाइल: तकनीकी विश्लेषक, मौलिक विश्लेषक, प्रबंधक, इक्विटी अनुसंधान विश्लेषक.
  3. सीनियर लेवल जॉब प्रोफाइल: सलाहकार, पोर्टफोलियो प्रबंधक, व्यक्तिगत वित्तीय सलाहकार, वित्तीय सलाहकार.

भारत में स्टॉक मार्केट में विभिन्न प्रोफेशनल्स का सैलरी पैकेज

किसी ऐसे विशेष करियर से जुड़े वित्तीय विकास से अवगत होना हरेक प्रोफेशनल के लिए काफी मह्त्त्वपूर्ण है जिसे संबद्ध प्रोफेशनल चुनता है. व्यक्तिगत विकास भी तो अक्सर हरेक व्यक्ति के आर्थिक विकास पर निर्भर करता है. उद्योग में स्टॉक मार्केटिंग प्रोफेशनल्स को ऑफर किये जाने वाले एवरेज सैलरी पैकेज के आंकड़ों को ध्यान से पढ़ने की आपको सलाह दी जाती है:

स्टॉकब्रोकर - 20,000 स्टॉक टिप्स से बचें - 25,000 रुपये प्रति माह (02 से 03 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच) और इन कर्मचारियों को एक अतिरिक्त प्रदर्शन/ परफॉरमेंस बोनस प्रदान किया जाता है.

रिलेशनशिप मैनेजर: 60,000-70,000 रुपये प्रति माह

वित्तीय सलाहकार: 01 लाख - 1.5 लाख रुपये प्रति माह

वित्तीय विश्लेषक - 03 लाख रुपये - 04 लाख रुपये प्रति माह

भारत में स्टॉक मार्केट में करियर: इन मिथ्या भ्रमों से जरुर बचें

हमारे देश में स्टॉक मार्केट हमेशा उन लोगों के लिए विवाद का विषय रहा है जो वित्तीय विकास के लिए किसी भी जोखिम को उठाये बिना ही वित्तीय स्थिरता चाहते हैं. वे अक्सर जुए, सट्टे, अटकलबाजी और अन्य क्या कुछ नहीं कह कर स्टॉक मार्केट को बदनाम करते ही रहते हैं. इसके विपरीत, अगर कोई निवेशक समझदारी से फंड की योजना बनाता है और शेयरों और उनके रुझानों के बारे में पूरी जानकारी के साथ निवेश करता है तो, मुनाफे की संभावना जोखिम की तुलना में कहीं अधिक रहती है.

इस आर्टिकल में ऐसे ही कुछ मिथकों का भंडाफोड़ करना काफी महत्त्वपूर्ण है जोकि लोगों को पैसा कमाने के कानूनी मंच में निवेश करने से रोकते हैं. यह जानने के लिए पढ़ें कि स्टॉक मार्केट ठीक ऐसी नहीं है जैसी अक्सर लोगों को दिखती है:

स्टॉक मार्केट नहीं है जुआ

जुए, सट्टे और अटकलों के बहाने स्टॉक मार्केट की प्रतिष्ठा को धूमिल करने से अर्थव्यवस्था की वित्तीय प्रगति धीमी हो जाएगी. इसलिए, लोगों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए कि, वे अपनी बचत को अच्छी कंपनियों में बुद्धिमानी से लगाएं और गर्वित शेयरधारक बनें. स्टॉक मार्केट ऐसे लोगों के लिए केवल एक जुआ है जो रातों-रात पैसा कमाना चाहते हैं और जल्दी पैसा कमाने के लिए दांव लगाते हैं.

स्टॉक मार्केट स्थिर आय की करता है पेशकश

स्टॉक मार्केट में कमाई का पूरा खेल इक्विटी होल्डिंग में शामिल जोखिम और रिटर्न पर निर्भर करता है. शेयरों की कीमतों में हर दिन और कभी-कभी हर घंटे उतार-चढ़ाव आता है, हालांकि, अगर हम कुछ वर्षों का रिटर्न देखें तो, कुल मिलाकर रिटर्न एक महीने या एक साल की अवधि में प्रदर्शित आंकड़ों से कहीं अधिक होगा. आपके लिए धैर्य यहां सफलता की कुंजी है.

*अस्वीकरण - यह जानकारी स्टॉक टिप्स से बचें केवल आपके वित्तीय ज्ञान और समझ को बढ़ाने के लिए ही इस आर्टिकल में प्रस्तुत की गई है. इसे किसी भी व्यक्ति के द्वारा वित्तीय सलाह के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए.

बाइनरी ऑप्शंस ट्रेडिंग में धोखाधड़ी से कैसे बचें

बाइनरी ऑप्शन

लेकिन, जब वे पहली बार जनता के लिए उपलब्ध हुए वे विनियमित नहीं थे और निगरानी नहीं राखी जा रही थी, परिणामस्वरूप बहुत से धोखेबाज़ ब्रोकर भी आ गए।

अब भी, जब बाइनरी ऑप्शन ट्रेडिंग अधिक से अधिक विनियमित होती जा रही है और स्कैम वेबसाइट्स को बंद किया जा रहा है, फिर भी सब कुछ परफेक्ट नहीं है। बहुत से विश्वसनीय और भरोसेमंद ब्रोकर उपलब्ध हैं लेकिन उनके बीच कुछ ऐसे भी हैं जो स्कैम हैं।

इस गाइड में, हम आपको बताएँगे कि स्कैम ब्रोकरों का कैसे पता लगाना है और विश्वसनीय और स्टॉक टिप्स से बचें भरोसेमंद ब्रोकर का चुनाव कैसे करना है।

    • 3. असपष्ट नियम और शर्तें
    • 4. बोनस नीति
    • 5. धन निकासी अनुरोध पर कार्यवाही न करना
    अनपेक्षित

    आगर आपके पास किसी ब्रोकर से कॉल या ईमेल आती है जिसमें वे अविश्वासनीय रूप से अच्छी सेवाएँ देने का दावा करते हैं तो बहुधा हो सकता है, वे आपको किसी स्कैम में फंसाना चाहते हैं।

    ऐसा अक्सर नहीं होता कि कोई प्रतिष्ठित ब्रोकर लोगों को कॉल करके ऊंचे रिटर्न और तेज़ मुनाफ़े के दावे करे – ऐसा इसलिए कि ये चीज़ें इस तरह काम नहीं करतीं।

    अगर आपके पास ऐसा कोई कॉल या ईमेल आए जिसमें ऐसा ऑफर हो “जिसे आप छोड़ ही नहीं सकते”, तो वास्तव में आपको उसे ज़रूर छोड़ देना चाहिए।

    दूसरी बात ये कि भरोसेमंद ब्रोकर कभी भी आपकी अनुमति के बिना आपको कॉल करके आपको निजता संबंधी नियम नहीं तोड़ेंगे। एक प्रतिष्ठित ब्रोकर आपको तभी कॉल करेगा जब आपने उसे ऐसा करने की अनुमति दी हो।

    2. स्वचालित ट्रेडिंग

    यह सुनने में अच्छा लगता है कि रोबोट या कंपनी में काम करने वाले प्रोफेशनल्स आपके ट्रेडिंग प्रयासों में आपकी मदद करें। लेकिन, यह साफ तौर पर हितों का टकराव है – आप वहाँ पैसे कमाने गए हैं; लेकिन आप जब भी पैसे कमाएंगे ब्रोकर को घाटा होगा।

    अगर ब्रोकर “प्रोफेशनल की टीम” का प्रयोग करने पर अधिक दबाव दाल रहा है तो वह आपको अपने फ़ायदे के लिए घाटे में डालना चाह रहा है। फिर भी, निष्पक्ष रूप से कुछ ऐसे ब्रोकर भी है जो आपकी सहायता के लिए अपने प्रोफेशल कर्मियों से आमने सामने कंसल्टिंग सत्र कराते हैं।

    3. असपष्ट नियम और शर्तें

    एक ब्रोकर चुनने से पहले आपको उनकी वेबसाइट देखनी चाहिए और उनके नियमों और शर्तों को जानना चाहिए।

    अगर वे वैध प्रतीत नहीं हो या वे बहुत अनैतिक हैं, तो आपको वह वेबसाइट बंद कर देनी चाहिए और दूसरा ब्रोकर ढूँढना चाहिए जो भरोसे मंद हो।

    चूंकि नियम और शर्तें ब्रोकर को सुरक्षित करने के लिए बने है, यह जाँचना सुनिश्चित कर ले कि वे अपने आप को किस चीज से सुरक्षित करना चाहते है।

    4. बोनस नीति

    सभी ब्रोकर निवेशकों को अलग-अलग बोनस ऑफर करते है। और ईमानदारी से कहे तो , बोनस काफी अच्छे होते है क्योंके वे उपयोगकर्ताओ को अतिरिक्त लाभ देते है जिसका वे फायदा उठा सकते हैं।

    हालांकि, जब बोनस वास्तव में अच्छा लगता है, तो आपको यह जांचने की आवश्यकता है कि क्या चल रहा है। निष्पक्ष होना है, वहाँ हैं वैध दलाल जो 100% बोनस प्रदान करते हैं, और वे पूरी तरह से वास्तविक हैं।

    लेकिन बाइनरी ऑप्शन ट्रेडिंग की दुनिया मे किसी ब्रोकर के साथ कदम रखने का निर्णय लेने से पहले उनकी बोनस नीति जरूर पढ़ ले। ऐसी चीजें उनकी वैबसाइट पर मिल जानी चाहिए। अगर ऐसा नही है तो हो सकता है कुछ गड़बड़ हो।

    5. धन निकासी अनुरोध पर कार्यवाही न करना

    मान लीजिये कि आपने कुछ निवेश किया है और अब आप अपने पैसे निकालना चाहते है। एक प्रतिष्ठित ब्रोकर आपसे आपके पहचान संबंधी दस्तावेज़ मांगेगा ताकि वह यह सुनिश्चित कर सके कि आप ही पैसे निकालना चाहते है।

    द्विआधारी विकल्प ट्रेडिंग घोटाला

    binary options tradingलेकिन अगर ब्रोकर धोखेबाज़ है तो कहानी कुछ और ही होगी । अगर वे आप से सत्यापन के दस्तावेक्स मांग भी लेते है तो इसका मतलब यह नही है कि वे काम कर रहे है और आपके धन निकासी अनुरोध पर कार्यवाही कर रहे है

    जल्द ही आप पाएंगे कि आप अनगिनत ईमेल लिख चुके है और सैकड़ो बार फोन मिला चुके है फिर भी आपको कोई जवाब नही मिलेगा। कुछ धोखेबाज़ ब्रोकर पैसे निकालना इतना जटिल बना देते है कि उपयोगकर्ता अंत मे हार मान लेता है ।

    6. ऑनलाइन ब्लैकलिस्ट चेक करे

    बाइनरी ऑप्शन ट्रेडिंग अब काफी समय से है मतलब ये कि काफी सारी धोखेबाज़ वैबसाइट को पहले ही बेनकाब किया जा चुका है और उन्हे ब्लैकलिस्ट मे जोड़ा जा चुका है।

    आपको ऑनलाइन ब्लैकलिस्ट ब्रोकरो को कई भरोसेमंद सूचियाँ मिल जाएगी जिनसे आपको बचके रहना है और हम पर विश्वास करे जब हम कहते है कि आपको उन सूचियों पर भरोसा करना चाहिए। AML (धन शोधन निवारण ) धोखेबाज़ ब्रोकरो को बेनकाब करने के लिए काम कर रहा है और ट्रेडरों को ऐसे ब्रोकरो पर भरोसा न करने की चेतावनी देता है।

    वास्तव मे धोखाधड़ी होती है और ये बाइनरी ऑप्शन ट्रेडिंग ब्रोकरो के बारे मे आपकी पूरी सोच ही बिगाड़ सकता है जबकि वे अच्छी और भरोसेमंद सेवाएँ दे रहे है।

    फिर भी बाइनरी ऑप्शन ट्रेडिंग एक अद्भुत चीज़ है अगर आप कुछ अतिरिक्त पैसे कमाना चाहते है। भरोसेमंद ब्रोकर चुनना सबसे ज़रूरी है क्योंके आप अपने पैसे बर्बाद करना और धोखा खाना नहीं चाहेंगे।

    ऑनलाइन ब्लैकलिस्ट सुनिश्चित कर लें और किसी ब्रोकर के साथ जुडने से पहले कुछ उपयोगकर्ताओं के विचार जान लें। आप हमारे समीक्षा पृष्ठ पढ़ सकते हैं और देख सकते हैं कि हम उन ब्रोकरों के बारे में क्या सोचते हैं। सुरक्षित रहें और धोखाधड़ी से दूर रहें!

    क्रेडिट कार्ड यूज करते वक्त इन गलतियों से बचें, काम आएंगी ये 9 टिप्स

    भले ही क्रेडिट कार्ड पर आपको लोन पर खरीदारी की सुविधा मिलती है, किंतु कभी भी सीमा से अधिक खर्च नहीं करना चाहिए.

    • Vijay Parmar
    • Publish Date - October 26, 2021 / 11:47 AM IST

    क्रेडिट कार्ड यूज करते वक्त इन गलतियों से बचें, काम आएंगी ये 9 टिप्स

    Smart Tips to Use Credit Card in Diwali Shopping: दिवाली में शॉपिंग करना किसे पसंद नहीं. तरह-तरह के लुभावने ऑफर्स ग्राहकों को प्रभावित कर रहे हैं और कंपनियां क्रेडिट कार्ड पर भारी छूट दे रही हैं. ऐसे में आपको सही प्लानिंग और सावधानी से क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना चाहिए क्योंकि पर्सनल लोन, कंज्यूमर लोन या दूसरे किसी भी तरह के कर्ज पर उतना ब्याज नहीं देना पड़ता है, जितना क्रेडिट कार्ड में देना पड़ता है. क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने से व्यक्ति जरूरत से ज्यादा खर्च कर सकता है क्योंकि उसमें खरीदारी का भुगतान बाद में करने की व्यवस्था होती है इसलिए ज्यादा खर्च करने से दूर रहें, क्योंकि दिवाली के बाद आपका मासिक बजट बिगड़ सकता है और क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करने में मुश्किल पड़ सकती है.

    बिल पेमेंट की तारीख याद रखें

    क्रेडिट कार्ड से शोपिंग करने के बाद आपको भुगतान की तारीख याद रखनी होगी. यदि ऑटो-डेबिट की सुविधा का इस्तेमाल नहीं करते, तो भुगतान की तारीख को भूलने कि गलती महंगी पडे़गी.

    लेट फीस, जुर्माना और ब्याज से बचें

    बकाया रकम को एक बार में चुकाने की कोशिश करें. यदि आपने ऐसा नहीं किया तो आपको लेट फीस के अलावा जुर्माना भी देना पड़ सकता है और ब्याज मिलाकर यह 36 से 48 फीसदी अमाउंट चुकाने की नौबत आ सकती है. फिर भी भुगतान नहीं करने पर पूरी राशि अगले महीने के बिल में जुड़ जाएगी. जिससे आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ेगा और आप कर्ज के जाल में भी फंस जाएंगे. अगर आप सिर्फ मिनिमम ड्यू पे करते हैं तो आपको बकाया रकम पर 2 से 4% ब्याज देना पड़ता है. यह ब्याज दर सालाना आधार पर 24 से 48 प्रतिशत तक हो जाती है.

    इंट्रेस्ट-फ्री पीरियड को खत्म होने से बचाएं

    जब आपके कार्ड पर आउस्टैंडिंग बैलेंस रहता है तो अगली खरीद पर इंट्रेस्ट-फ्री पीरियड की सुविधा खत्म हो जाती है. आगे की खरीदारी पर पहले दिन से ब्याज जुड़ने लगता है और मोटा ब्याज चुकाना पड़ता है. पेमेंट करने की स्थिति नहीं हो तो EMI करवा लें. EMI पर आपको सालाना 15 से 18 प्रतिशत ब्याज ही देना पड़ेगा.

    क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो को बिगडने से बचाएं

    दो कार्ड होने पर एक कार्ड बंद करवाने से क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो बिगड़ता है. एक कार्ड क्लोज कराने से आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो बढ़ जाएगा. क्योंकि, जो रेश्यो पहले दो कार्ड में बंटा था, अब वो एक ही में होगा और दोगुना होगा. ऊंचा क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो से आपका क्रेडिट स्कोर बिगड़ता है. कार्ड का इस्तेमाल भले ही न करें, लेकिन उसे ऐक्टिव रखें.

    क्रेडिट लिमिट से आगे न बढ़ें

    भले ही क्रेडिट कार्ड पर आपको लोन पर खरीदारी की सुविधा मिलती है, किंतु कभी भी सीमा से अधिक खर्च नहीं करना चाहिए. यदि आप क्रेडिट लिमिट तक खर्च कर रहे हैं और समय पर उसका भुगतान कर रहे हैं तो भी इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ता है. क्रेडिट लिमिट बढ़ने के साथ-साथ आपकी खर्च करने की आदत भी बढ़ती जाती है.

    स्मार्ट बनें

    क्रेडिट कार्ड कंपनियां कई तरह के ऑफर से ग्राहकों को प्रोत्साहित करती हैं. इनमें कैशबैक, अतिरिक्त छूट, वाउचर्स, एयर माइल, फूड वाउचर्स, रिवॉर्ड प्वॉइंट आदि शामिल होते हैं. अब चाहें तो आप जरूरत से ज्यादा खर्च करें, या फिर इन सुविधाओं का इस्तेमाल बचत करने में करें. इसलिए हमेशा इन ऑफरों का उपयोग चतुराई से करें.

    क्रेडिट कार्ड से लोन न लें

    कई बार हम आर्थिक मजबूरी के चलते गलत फैसले कर बैठते हैं. इस दौरान हम क्रेडिट कार्ड पर लोन ले लेते हैं. भले ही इससे तात्कालिक जरूरत पूरी हो जाती है, किंतु इससे कर्ज का बोझ बढ़ जाता है. इसमें लोन पर बहुत अधिक ब्याज लगता है. और आपको नियमित रूप से मंहगी किस्त भरनी पड़ती है.

    हैकर से बचें

    नई-नई तकनीकों की वजह से क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जानकारियों का हैक होना भी आजकल आम बात हो चुकी है. इसलिए हमेशा याद रखें कि जहां भी आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह स्थान सही और भरोसेमंद हो, अन्यथा आपके कार्ड को हैक किया जा सकता है.

    कैश विद्ड्रॉल से रहें दूर

    क्रेडिट कार्ड से कैश निकालना बहुत महंगा है. निकाली गई रकम पर 2.5 प्रतिशत चार्ज लगता है. इसके अलावा, 2 से 4 प्रतिशत हर महीने के हिसाब से ब्याज भी चुकाना पड़ता है. ब्याज उसी दिन से जुड़ता है. इमर्जेंसी में पैसे निकालने पड़ें तो बार-बार नहीं निकालें, क्योंकि आपको हर बार विद्ड्रॉल स्टॉक टिप्स से बचें चार्ज देना पड़ेगा.

    इन 5 टिप्स को करें फॉलो, आप भी बन सकते हैं अंबानी की तरह अरबपति

    दुनिया में शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जिसे पैसे की चाह न हो कोई अपने शौक पूरे करने के लिए, कोई घूमने या कोई अपनी लाइफ स्कियोर करने के लिए ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना और सेव करना चाहता है।

    Follow these 5 tips you can become billionaire like Ambani | इन 5 टिप्स को करें फॉलो, आप भी बन सकते हैं अंबानी की तरह अरबपति

    इन 5 टिप्स को करें फॉलो, आप भी बन सकते हैं अंबानी की तरह अरबपति

    नई दिल्ली, 13 जुलाई। दुनिया में शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा जिसे पैसे की चाह न हो कोई अपने शौक पूरे करने के लिए, कोई घूमने या कोई अपनी लाइफ स्कियोर करने के लिए ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना और सेव करना चाहता है। हांलाकि दुनिया में सिर्फ गिनती के ही कुछ लोग हैं जो कम समय में ज्यादा से ज्याजा पैसे कमाकर अमीर बन जाते हैं।

    दरअसल अमीर बनना भाग्य, कौशल और धैर्य का एक मिला-जुला रूप है। इसके लिए आपको बस थोड़ी सूझबूझ के साथ प्लानिंग कर के उस पर लगातार काम करने की जरूरत है। आप नौकरी के दौरान भी बिना ज्यादा मेहनत और बिना ज्यादा समय खर्च किए बगैर एक साथ कई जगहों से पैसा कमा सकते हैं। इसके लिए हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर लोग रातों रात अमीर बन जाते हैं।

    शेयर मार्केट में करें निवेश
    कम समय में ज्यादा पैसा कमाने का सबसे आसान तरीका शेयर बाजार में पैसा इन्वेस्ट करना है। हांलाकि इसके लिए आपको थोड़ी सूझबूझ के साथ पैसा लगाना होगा। आप शेयर बाजार, बॉन्ड और दूसरे तरह के इवनेस्टमेंट में भी पैसा निवेश करें, जो आपको काफी बेहतर सालाना रिटर्न देगा।

    तो मिलेगा बेहतर परिणाम
    रोज दर्जनों शेयर खरीदें और बेचें। अच्छी कंपनियों के शेयर पर नजर रखें। आप डे ट्रेडर्स के बहकावे में न आएं जो आपको जल्दी पैसा बनाने का तरीका बताते हैं। इसके बजाय, लंबे समय तक निवेश करना सीखें। भविष्य में विकास के स्टॉक टिप्स से बचें लिये बेस्ट कंपनियों का स्टॉक चुने और उन पर ही निवेश करें। अगर आप सूझबूझ और सोच समझकर निवेश करते हैं, तो आपको समय के साथ काफी बेहतर परिणाम मिल सकता है।

    रिटायरमेंट और सेविंग प्लान
    आप अपनी रिटायरमेंट को बेहतर ढंग से प्लान करें। दुनिया में कम ही लोग हैं जो अपना रिटायरमेंट ढंग से प्लान करते हैं और पर्याप्त रूप से बचत कर पाते हैं। इसके लिए आपको IRAs और 401Ks रिटायरमेंट प्लान का लाभ उठाना सीखना होगा। टैक्स ट्रीटमेंट आपको रिटायरमेंट के लिए सेविंग करने में मदद करेगा। इसके अलावा सामाजिक सुरक्षा में पूरी तरह विश्वास न करें। हालांकि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कहा जा सकता है कि सामाजिक सुरक्षा बेहतर काम कर रही है।

    प्रॉपर्टी में निवेश
    इन सबके अलावा प्रॉपर्टी में निवेश करना भी एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। अगर आप किराए के मकान में रह रहे हैं तो स्थाई प्रॉपर्टी में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद होगा। इस निवेश से आप अपनी संपत्ति में कई गुना तक वृद्धि कर सकते हैं। कई लोगों ने रियल एस्टेट में काफी निवेश किया है और उनको इसका मूल्य भी अच्छा मिला है।

    फालतू खर्चों से बचें
    अमीर बनने का सबसे अच्छा तरीका है अमीरों की तरह सोच रखना। वो कभी भी ऐसी चीजों में पैसा इन्वेस्ट नहीं करते जो उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो। सबसे अच्छा उपाय है फिजूल के खर्चों से बचें और पैसा सोच समझ कर इन्वेस्ट करें। उदाहरण के लिए आप पांच लाख रुपये की एक कार खरीदते हैं लेकिन महज तीन साल के बाद ही उसकी कीमत आधी हो जाती है, जबकि नई कार चलाते समय ही उसका मूल्य 20 से 25 फीसदी तक कम हो जाता है। ये सोचे बिना ही आप अपना शौक पूरा करने के लिए कार खरीद लेते हैं। इन पैसों को अगर आप गोल्ड या प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करें पांच साल के बाद उसकी कीमत 10 से 20 लाख रुपये तक होगी।

    छोटे व्यवसाय अमल करें इन 5 बातों पर और बचें कोरोना के प्रभाव से

    2019 नॉवेल कोरोना वायरस उर्फ़ COVID-19 नामक गंभीर श्वसन वायरस दुनिया भर में महामारी फैलाने के लिए सुर्खियां बना रहा है। कुछ समय पहले वूहान, चीन में शुरू हुई ये महामारी अब दुनिया भर में फैल चुकी है। भारत में ही, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार (20 मार्च, 2020) को पुष्टि की गई है कि कोरोनोवायरस के मामले बढ़कर 206 हो गए हैं।

    इस गंभीर स्थिति को मद्दे नज़र रखते हुए, मजबूत स्वास्थ्य देखभाल उपायों की तत्काल व्यवस्था करना और इस महामारी से लड़ने के लिए दीर्घकालिक रणनीति बनाना अत्यंत आवश्यक हो गया है। भारत में लगभग हर उद्योग पर कोविद -१९ का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ हफ्तों में शेयर बाजारों में जबर्दस्त गिरावट आई है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत की जीडीपी वृद्धि इस वित्त वर्ष में घटकर 4.5% हो जाएगी। ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, एफ एंड बी और एविएशन जैसे उद्योग वर्तमान में सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। जहाँ छोटे व्यवसाय पहले से ही प्रचलित विमुद्रीकरण चुनौतियों, GST अनुपालन और नकदी के संकट से जूझ रहे थे, वैश्विक आर्थिक मंदी के साथ कोरोना प्रकोप का यह दौर चीजों को बदतर बना रहा है।

    19 मार्च, 2020 को कोरोना के प्रकोप के मद्देनजर, पी एम नरेंद्र मोदी ने लोगों से २२ मार्च, 2020 को जनता कर्फ्यू लगाने की अपील की है। जनता कर्फ्यू एक ऐसी स्थिति है जिसमें लोग अपने घरों तक सीमित रहते हैं और बहुत ही जरूरी काम होने पर ही बाहर निकलते हैं। यह वायरस के प्रसार पर नियंत्रण सुनिश्चित करने की कोशिश है। लोगों को कुछ हफ्तों के लिए बाहर जाना बंद करना होगा और घर से किए जाने वाले सभी गैर-महत्वपूर्ण कार्यों की योजना बनाकर ‘सामाजिक दूरी रखनी होगी। ट्रेडर्स बॉडी – कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने घोषणा की है कि देश भर के सभी व्यापारी 22 मार्च (रविवार) को सुबह 7 से रात 9 बजे तक अपनी दुकानें, कारोबार बंद रखेंगे।

    वर्तमान हालातों को देखते हुए, व्यापार को आर्थिक रूप से जीवित रखने के लिए, व्यवसाय मालिकों को आज संचालित होने वाले तरीकों को बदलने की आवश्यकता है।हमने 5 सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं की एक सूची तैयार की है जिन्हें आप आसानी से अपना सकते हैं और कोरोना स्तिथि का सामना मज़बूती से कर सकते हैं:

    1. नकद से ज्यादा डिजिटल पेमेंट स्वीकार करें

    हाथ से नकदी लेन-देन से बचें और डिजिटल भुगतान का विकल्प चुनें। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोगों से गैर-नकद डिजिटल भुगतान विकल्पों (जैसे NEFT, IMPS, UPI और BBPS) का विकल्प चुनने को कहा है, जो कि मनी ट्रांसफर, सामानों / सेवाओं की खरीदी, भुगतान की सुविधा इत्यादि के लिए चौबीस घंटे उपलब्ध रहेंगे।

    2. व्यक्तिगत बैठक कम करें और हाथ न मिलाएं

    हम सभी जानते हैं कि अपने व्यावसायिक भागीदारों (ग्राहकों, आपूर्तिकर्ताओं, आदि) के संपर्क में लगातार बने रहना कितना महत्वपूर्ण और सहायक है।यह आत्मविश्वास को मजबूत करता है और मजबूत संबंधों का निर्माण करता है जो किसी भी स्वस्थ व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण तत्व हैं। वर्तमान कोरोना प्रकोप और आत्म नियंत्रण स्थितियों के साथ, आप अपनी व्यावसायिक बैठकों को ऑनलाइन कर सकते हैं और कॉल / संदेश पर जितना संभव हो उतना सहयोग करने का प्रयास कर सकते हैं।इसके लिए मुफ्त कॉलिंग/ मैसेजिंग प्लेटफॉर्म जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक आदि का उपयोग किया जा सकता है।

    3.व्यवसाय को डिजिटल रूप से चलाएं

    किफायती स्मार्टफोन और सस्ते डेटा के संयुक्त वरदान के साथ, अपने मोबाइल फोन के माध्यम से अपने व्यवसाय के संचालन की निगरानी करना ab पहले से कहीं ज्यादा आसान है।आप बस साधारण मोबाइल बिलिंग और अकाउंटिंग ऐप जैसे – FloBooks का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसके साथ आप सभी प्रकार के व्यवसायिक लेनदेन रिकॉर्ड कर सकते हैं, स्टॉक इन्वेंट्री का प्रबंधन कर सकते हैं और तुरंत बिल / कोटेशन बना सकते हैं।आप आसानी से बिलों को प्रिंट और शेयर कर सकते हैं और तेजी से पेमेंट पाने के लिए पेमेंट रिमाइंडर भी भेज सकते हैं।

    4. हाथ धोते वक़्त 20 सेकंड नियम का पालन करें

    WHO ने कोरोना प्रकोप को उसके तेज़ी से फैलने वाले संक्रामक प्रकृति के कारण महामारी घोषित किया।इसका मुकाबला करने के लिए, लोगों को एक सरल नियम का पालन करने की आवश्यकता है – बाहर से घर आने के तुरंत बाद या कुछ भी खाने / पकाने से पहले 20 सेकंड तक हाथ धोएं। सामान प्राप्त करने / एकत्र करने के लिए दस्ताने का उपयोग करें और कोविद -19 संक्रमण से बचने के लिए अपने हाथों के साथ-साथ चीजों को भी सुरक्षित रखें।अपनी दुकानों / कार्यालयों में सैनिटाइज़र रखना सबसे अच्छा विकल्प है और सभी को उनका उपयोग करने के लिए प्रेरित करना भी ज़रूरी है।

    5. काम करने वाले लोगों के साथ सहानुभूति दिखाएं

    इतिहास गवाह है कि इस तरह की महामारियों ने राष्ट्रों को कड़ी टक्कर दी है, लेकिन कोई भी लंबे समय तक कायम नहीं रहीं हैं।हमें इस प्रकोप से निपटने के लिए भी मजबूत और सकारात्मक रहने की आवश्यकता है।जहाँ लोगों को घर के अंदर रहने के लिए कहा जा रहा है और व्यवसाय ऑनलाइन संचालित हो रहे हैं, तो ऐसे में हो सकता है कि आपकी टीम के कुछ सदस्यों को बाहर कदम रखने की आवश्यकता हो रही हो।ऐसे में आपको आभारी होना चाहिए और उन लोगों का आभार प्रकट करना चाहिए जो अभी भी ऐसे आपातकालीन स्थिति में आपके लिए काम कर रहे हैं।

    संगीता रेड्डी, अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज लिमिटेड की संयुक्त प्रबंध निर्देशक (एक प्रमुख अस्पताल श्रृंखला), और व्यापार मंडल फिक्की (FICCI) की अध्यक्ष, कहती हैं– “यदि कोरोना (Covid-19) संकट का रिकवरी साईकल 3-6 महीने है, तो यदि अभी कुछ महत्वपूर्ण कदम नहीं लिया, तो इसे 3-6 वर्ष भी लग सकते हैं । राजकोषीय घाटे की चिंता न करना बहुत जरूरी है। चाहे वह पूरे क्षेत्र में 3-5 लाख करोड़ रुपये का प्रोत्साहन हो, खेती से लेकर विनिर्माण से लेकर निर्यात तक हर क्षेत्र के लिए इसे लागू करना होगा। मुझे लगता है कि हमें संकट को बर्बाद नहीं करना है, जैसे विंस्टन चर्चिल ने कहा है कि कभी भी अच्छे संकट को बेकार न जाने दें। इस समय को हमें अपने लक्ष्यों को रीसेट करने में तथा व्यापार और अर्थव्यवस्था के प्रति हमारे दृष्टिकोण को बदलने में लगाना चाहिए।”

    कोरोना के प्रकोप को रोकने और अपने व्यवसाय पर लॉकडाउन के प्रभाव को कम करने के लिए उपरोक्त सभी आवश्यक चरणों का पालन करें। अगर आपको यह ब्लॉग पसंद आया है, तो कृपया अपने व्यवसाय नेटवर्क में शेयर करें और सुरक्षित और स्मार्ट तरीके से व्यवसाय करते रहें।

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