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iPhone 15 Pro Leaked: iPhone 15 Pro को लेकर हुआ चौंकाने वाला खुलासा, Android फोन का ये फीचर भी होगा शामिल

iPhone 15 Pro Leaked: Shocking reveal about iPhone 15 Pro, Android phone will also include this feature

iPhone 15 Pro Leaked: आईफोन 15 प्रो के लॉन्च होने में अभी वक्त है, लेकिन इससे जुड़ी जानकारियां सामने आनी शुरू हो गई हैं और अब इसके कुछ अहम फीचर्स और स्पेसिफिकेशन सामने आ रहे हैं। इन फीचर्स ने सभी को चौंका दिया है। आपको बता दें कि आईफोन 15 प्रो में आने वाले कुछ फीचर्स में ऐसे स्पेसिफिकेशन हैं जिनके बारे में जानकर आप चौंक सकते हैं और आज हम आपको उनमें से कुछ के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

iPhone 15 Pro Leaked: आईफोन 15 प्रो में क्या फीचर्स और स्पेसिफिकेशन शामिल होंगे?

इस बार iPhone 15 Pro में A17 बायोनिक चिप देखी जा सकती है और अगर ऐसा होता है तो इस iPhone की स्पीड सबसे तेज होगी और यूजर्स को स्मार्टफोन को ऑपरेट करते हुए नेक्स्ट लेवल का एक्सपीरियंस मिलेगा। इस प्रोसेसर की वजह से न सिर्फ चार्जिंग स्पीड तेज होगी, बल्कि बैटरी की खपत भी पहले से काफी कम होगी और परफॉर्मेंस कई गुना बेहतर होगी।

अन्य सुविधाओं के लिए, ग्राहकों को पावर और वॉल्यूम के लिए एक सॉलिड-स्टेट बटन डिज़ाइन की पेशकश की जा सकती है, इतना ही नहीं, बल्कि iPhone 15 Pro मॉडल में 8-मेगापिक्सल का लेंस कैमरा दिया जा सकता है। अगर ओवरऑल डिजाइन और बिल्ड क्वॉलिटी की बात करें तो इसमें ज्यादा बदलाव नहीं होगा और इसमें iPhone 14 सीरीज वाले ही फीचर्स होंगे। ऐसे में डिजाइन को लेकर काफी उम्मीद लगाए बैठे यूजर्स को थोड़ी निराशा होगी। फिलहाल कैमरा और परफॉर्मेंस के मामले में विदेशी मुद्रा विकल्प इस मॉडल में कोई विकल्प नहीं है। अभी इस बारे में और जानकारी सामने आनी बाकी है, जो जल्द ही सामने आएगी।

विदेश में पढ़ाई के लिए रुपए में लोन लेना बेहतर विकल्प हो सकता है

प्रतिभाशाली भारतीयों का आज विदेशी मुद्रा विकल्प सपना है कि वे भारत या दुनिया के किसी बेहतर इंस्टीट्यूट से उच्च शिक्षा हासिल करें। लेकिन उच्च शिक्ष का बढ़ता खर्च लोगों के बूते से बाहर हो रहा है। ऐसे में एजुकेशन लोन उन योग्य स्टूडेंट्स के विदेशी मुद्रा विकल्प लिए ऐसा विकल्प है जो उन्हें पसंद के इंस्टीट्यूट से उच्च शिक्षा हासिल करने में आर्थिक मदद मुहैया करा सकता है।

बैंक चार लाख रुपए तक के लोन पर कोई मार्जिन मनी लेते हैं। लेकिन इससे अधिक राशि के लोन के लिए भारत में पढ़ाई करने पर बैंक 5% और विदेश में 15% मार्जिन मनी लेते हैं। मार्जिन मनो वह रकम होती है, जो आवेदक को डाउन पेमेंट के तौर पर देनी पड़ती है। जहाँ तक एचडीएफसी क्रेडिला की बात है यह कोइ एजुकेशन लोन पर किसी तरह की मार्जिन मनी नहीं लेती है। यह ट्युशन फीस के अलावा रहने के खर्च, यात्रा आदि के पूरे खर्च के लिए एजुकेशन लोन दैती है। इसके अलावा, धारा 80-ईं के तहत एजुकेशन लोन पर आकर्षक टैक्स बेनिफिट उपलब्ध हैं। इसमें ब्याज राशि पर टैक्स छूट की कोई ऊपरी सीमा नहीं है। आवेदक या सह-कर्जधारक इस आयकर छूट का लाभ उठा सकते हैं।

आज के अनिश्चित वैश्विक आर्थिक माहौल में और शिक्षा के बढ़ते खर्च को देखते हुए 10-12 साल की लंबी अवधि के लिए एजुकेशन लोन लेना समझदारी है। पढ़ाई की अवधि के दौ़रान माता-पिता भी एजुकेशन लोन के ब्याज का पूरा या इसके एक हिस्से का भुगतान करना शुरू कर सकते हैं। स्ट्डेट्स को एजुकेशन लोन की को पूरी सवधानी के साथ खर्च करना चाहिए और उतना ही कर्ज लें जितना आवश्यक लो। वित्तीय रूप से अनुशासित स्टुडेंट्स और माता-पिता खर्च में बचत के लिए नए-नए तरीके अपना सकते हैं।

दुनिया में जारी उथल-पुथल और विभिन्न देशों की ईमिग्रेशन नीति की अनिश्चितता से एक अशाँत रुझान उभरकर सामने आ रहा है। ऐसे में भारत के किसी कर्जदाता से एजुकेशन लोन लेना बेहतर रहेगा क्योंकि वह रुपये मे कर्ज देगा और ईएमआई वी राशि भी रुपए मेँ ही तय होगी। भारतीय मुद्रा के प्रभुत्व वाला एजुकेशन लोन लेने का फायदा यह है कि स्टूडेंट स्वदेश लौटकर भारत में काम करना शुरू करता है तो उसके लोन पर करेंसी में उतार-चढ़ाव का कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि उसकी आमदनी और ईएमआई दोनों भारतीय रुपए में होंगी। वहीँ, ऐसे मामले जिनमें एजुकेशन लोन विदेशी कर्जदाता से लिया गया, ईएमआई भी विदेशी मुद्रा में निर्धारित थी, रुपए के कमजोर होने पर इनकी इश्मआई अचानक इतनी बढ़ गईं कि इसे चुकाना मुश्किल हो गया और उन्हे अपने कर्ज को भारतीय मुद्रा में कन्व्हर्ट कराना पड़ा।

हाल के वर्षों में रुपए में भारी उतार-चढाव देखने को मिला है। 30 सितंबर 2014 को रुपए की कीमत प्रति डॉलर 61.75 थी। पिछले साल 9 अक्टूबर को वह 74.39 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था। जबकी बीते शुक्रवार ( 20 सितंबर ) को यह एक डॉलर के सामने 70.94 पर बंद हुआ है। रिकॉर्ड निचले स्तर की बात करें तो पिछले पांच साल में रुपया 20.47% और शुक्रवार के बंद स्तर की बात करें तो 14.88% कमजोर हुआ है। डॉलर के मजबूत होने और रुपए के कमजोर से उच्च शिक्षा का खर्च अमेरिकी मुद्रा में भले महज 4.81% बढ़ें, लेफिन भारतीय मुद्रा के कमजोर होने से शिक्षा का खर्च इससे अधिक बढ़ता है। बच्चों कौ उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन लेने गले माता-पिता को मुद्रा के उतार-चढाव से अचानक आने वाले आर्थिक भार के लिए भी योजना बनाकर रखनी चाहिए।

नए विकल्प: विदेशी मुद्रा रिजर्व से आय बढ़ाने के लिए RBI की नई रणनीति, निवेश के अलग-अलग विकल्पों पर नजर

कोरोना के कारण वैश्विक ब्याज दरों में भारी गिरावट देखी जा रही है। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा रिजर्व से आय बढ़ाने के लिए निवेश के अलग-अलग विकल्पों पर काम कर रही है। रॉयटर्स के मुताबिक वर्तमान में आरबीआई का विदेशी मुद्रा रिजर्व 560.63 अरब डॉलर है।

महामारी का असर

रॉयटर्स के मुताबिक भारतीय सेंट्रल बैंक अब तक गोल्ड, सॉवरेन डेट और अन्य रिस्क फ्री डिपोजिट में निवेश करता रहा है। लेकिन 2020 में कोरोना महामारी के कारण दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती किए, जिसमें अमेरिकी सेंट्रल बैंक भी शामिल है। इससे आरबीआई को मिलने वाले रिटर्न में कमी आई है। अब आरबीआई ने गोल्ड में निवेश बढ़ाने का फैसला लिया है। रॉयटर्स के मुताबिक आरबीआई गोल्ड के साथ-साथ डॉलर और AAA रेटेड कॉर्पोरेट बांड में पहली बार निवेश बढ़ा रहा है।

नए निवेश से पहले सतर्कता

आधिकारिक बयान के मुताबिक आरबीआई, AAA रेटेड कॉर्पोरेट डॉलर बांड्स में निवेश की संभावनाओं को परख रहा है, जो वर्तमान में सॉवरेन क्रेडिट से बेहतर रिटर्न दे रहे हैं। इससे पहले आरबीआई ने इस तरह के निवेश नहीं किए हैं, इसलिए आरबीआई निवेश से पहले सतर्कता बरत रही है। बयान में कहा गया कि वर्तमान में रुपए का भाव भी अनुरूप है। दूसरी ओर विदेशी निवेशक लगातार भारतीय स्टॉक मार्केट में निवेश कर रहे हैं। क्योंकि उनको बेहतर रिटर्न मिल रहा है। 2020 में देश में एफडीआई से भी डॉलर की आमदनी बढ़ी है। क्योंकि आरआईएल जैसी कंपनियों में विदेशी निवेशकों ने हिस्सेदारी खरीदी है।

भारत में विदेशी निवेश

रॉयटर्स के मुताबिक डॉलर की खरीद लगातार बढ़ेगी। क्योंकि सरकार और आरबीआई दोनों के लिए 73-75 रुपए प्रति डॉलर की रेंज ठीक-ठाक है। चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी में गिरावट का अनुमान है फिर भी विदेशी निवेश में अच्छी बढ़त देखने को मिली रही। रॉयटर्स के मुताबिक अक्टूबर में विदेशी निवेशकों ने 2.52 बिलियन डॉलर के शेयर खरीदें और 2020 में अब तक कुल 6.47 बिलियन डॉलर का निवेश किया जा चुका है। जबकि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 2020 में 13.98 बिलियन डॉलर के बांड बेचे और अक्टूबर में 459.30 मिलियन डॉलर के खरीदें हैं।

रुपए में गिरावट

दूसरी ओर रुपए का भाव अक्टूबर में लगातार तीसरे महीने नीचे फिसला। एशियाई करेंसी में रुपए में यह गिरावट सबसे बुरी रही। रॉयटर्स के मुताबिक 10 साल का यील्ड वैश्विक ब्याज दरों की तुलना में लगभग 6% रही, जो जीरो या निगेटिव हैं। इसलिए आने वाले दिनों में निवेश में बढ़त देखी जा सकती है और आरबीआई आगे भी रुपए की मजबूती के लिए डॉलर को खरीदेगा। सूत्रों के मुताबिक रिजर्व बैंक ने गोल्ड में निवेश करना शुरु भी कर दिया है। रॉयटर्स के मुताबिक भारत का गोल्ड रिजर्व 23 अक्टूबर तक 36.86 बिलियन डॉलर का रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 30.89 बिलियन रहा था।

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा, 413 अरब डॉलर पर पहुंचा

8 जून को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान इसमें 87.95 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी हुर्इ.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा, 413 अरब डॉलर पर पहुंचा

13 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर 426.02 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. बीते साल 8 सितंबर को समाप्त हफ्ते में इसने पहली बार 400 अरब डॉलर का आंकड़ा पार किया था.

समीक्षाधीन अवधि के दौरान विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (एफसीए) 87.54 करोड़ डॉलर बढ़कर 388.39 अरब डॉलर पर पहुंच गर्इं. विदेशी मुद्रा भंडार में एफसीए का सबसे बड़ा हिस्सा होता है.

एफसीए को डॉलर में दर्शाया जाता है. विदेशी मुद्रा भंडार में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं के बढ़ने-घटने का असर एफसीए पर पड़ता है.

इस दौरान स्वर्ण भंडार में कोर्इ बदलाव नहीं हुआ. यह 21.18 अरब डॉलर पर यथावत रहा.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आर्इएमएफ) में विशेष निकासी अधिकार (एडीआर) का मूल्य 18 लाख डॉलर बढ़कर 1.49 अरब डॉलर पर पहुंच गया.

वहीं, आर्इएमएफ में भारत के रिजर्व पोजिशन का मूल्य 23 लाख डॉलर की बढ़त के साथ 2.02 अरब डॉलर हो गया.

ICICI Bank NRIs offer: क्या इन दो नई स्कीम से एनआरआई ग्राहकों को खुश पाएगा बैंक? जानें- क्या है LAD और डॉलर बांड

Money Tips

ICICI Bank NRIs offer: आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने एनआरआई ग्राहकों (NRI customers) के लिए गिफ्ट सिटी (GIFT City) में अपनी शाखा में दो नई स्कीम- लोन अगेंस्ट डिपॉजिट (LAD) और डॉलर बांड (Dollar Bonds) लॉन्च की हैं। इसके साथ, आईसीआईसीआई बैंक गिफ्ट सिटी में इन उत्पादों की पेशकश करने वाला पहला बैंक बन गया है, जो कि गुजरात में स्थित एक उभरता हुआ वैश्विक वित्तीय विदेशी मुद्रा विकल्प और आईटी सेवा केंद्र है।

आईसीआईसीआई बैंक के अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग समूह के प्रमुख श्रीराम एच अय्यर ने कहा, ‘हम गिफ्ट विदेशी मुद्रा विकल्प सिटी में अपनी शाखा के माध्यम से अपने एनआरआई ग्राहकों को डॉलर बांड और जमा पर ऋण की पेशकश कर रहे हैं। एनआरआई ग्राहकों के बीच विदेशी मुद्रा बांड पसंदीदा निवेश विकल्पों में से एक हैं। हम अपने विदेशी मुद्रा विकल्प ग्राहकों को डिजिटल रूप से बैंकिंग की सुविधा प्रदान करना चाहते हैं, एक सहज यात्रा और परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान करना चाहते हैं।’

डिपॉजिट पर लोन क्या है?

डिपॉजिट पर लोन (एलएडी) भारत में डिपॉजिट (एनआरई एफडी सहित) के एवज में विदेशी मुद्रा में दिए गए लोन की तरह है। आईसीआईसीआई बैंक ने कहा कि ग्राहक अपनी सावधि जमा को समय से पहले बंद किए बिना अपनी अल्पकालिक नकदी आवश्यकता के लिए एलएडी का लाभ उठा सकते हैं और इस तरह जमा को तोड़ने के लिए जुर्माना देने से बच सकते हैं।

आईसीआईसीआई बैंक के ग्राहक अपने जमा मूल्य के 95% तक का लाभ उठा सकते हैं। सरल दस्तावेजीकरण प्रक्रिया के साथ, ग्राहक फिक्स्ड या फ्लोटिंग ब्याज दरों के साथ फ्लेक्सिबल कार्यकाल प्राप्त कर सकते हैं।

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डॉलर बॉन्ड क्या है?

डॉलर बांड एनआरआई के लिए एक वैकल्पिक निवेश विकल्प है, जहां वे गिफ्ट सिटी में आईसीआईसीआई बैंक के माध्यम से डॉलर बांड बुक कर सकते हैं। आईसीआईसीआई बैंक ने कहा कि वह इन बांडों के लिए 50 से अधिक प्रमुख जारीकर्ताओं/कंपनियों की पेशकश कर रहा है।

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