व्यापारिक विदेशी मुद्रा

शेयर मार्केट के प्रकार

शेयर मार्केट के प्रकार
डिमांड -सप्लाई एक्विलिब्रियम: एनालिसिस का सबसे महत्वपूर्ण पहलू डिमांड -सप्लाई सिचुएशन का पता लगाना है। दोनों के बीच बड़ा अंतर संतुलन को बिगाड़ देगा और कीमतों को प्रभावित करेगा। क्षमता वृद्धि, संयंत्र बंद (रखरखाव शेयर मार्केट के प्रकार के लिए या अन्यथा), कारखाने में श्रमिक हड़ताल, आदि कुछ ऐसे फैक्टर्स हैं, जो स्थानीय या वैश्विक स्तर शेयर मार्केट के प्रकार पर मौजूदा डिमांड -सप्लाई संतुलन को बिगाड़ने की क्षमता रखते हैं।

शेयर ब्रोकर क्या है?

शेयर मार्केट के प्रकार

इंडियन केमिकल काउंसिल

नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (एनएआरईडीसीओ)

मेंबर्स की ओर से रेप्रेसेंटेशन करने के अलावा, इन एसोसिएशन के पास अपने इंडस्ट्री के बारे में उत्पादन, स्थापित क्षमता आदि के बारे में डेटा भी होता है और इस सेक्टर को प्रभावित करने वाले गरम मुद्दों को उजागर करता है। वे अक्सर व्यापक रीसोर्सेस के साथ अपने इंडस्ट्री से संबंधित डिटेल्ड रिपोर्ट तैयार करते हैं और बोहोत जानकारी प्रदान करते हैं।

समाचार पत्र: समाचार पत्र, विशेष रूप से व्यावसायिक प्रकाशन, विभिन्न उद्योगों पर सूचना के नियमित स्रोत हैं। इंडस्ट्रीज और कंपनियों के बारे में विशेष जानकारी प्रदान करने वाले पोर्टलों तक पहुँचने के लिए इंटरनेट एक बेहतरीन जगह है। वास्तव में, वे समाचार पत्रों से पहले समाचार प्रदान करते हैं। यदि आप सेक्टर एक्सपर्ट बनना चाहते हैं, तो अपनी रुचि के सेक्टर में शेयर मार्केट के प्रकार गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए वेबसाइट और समाचार पत्रों के माध्यम से जाएं।

शेयर मार्केट में कितने सेक्टर होते है – How many Sectors in Stock Market in India in Hindi

How many Sectors in Stock Market in India

शेयर बाज़ार में विभिन्न प्रकार के सेक्टर होते हैं जिनमें होने वाले उतार-चढ़ाव का एनालिसिस करके निवेशक निवेश करता हैं। भारतीय शेयर मार्केट में सेक्टर मुख्य रूप से 11 प्रकार के होते हैं। जो निम्नलिखित है

  1. फाइनेंसियल सेक्टर (Financial Sector)
  2. हेल्थ केयर सेक्टर (Health Care Sector)
  3. रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector)
  4. एनर्जी सेक्टर (Energy Sector)
  5. संचार सेवाएँ सेक्टर (Communication Sector)
  6. उद्योग सेक्टर (Industrials Sector)
  7. सूचना प्रौद्योगिक (Information and Technology Sector)
  8. कंज्यूमर स्टेपल्स सेक्टर (Consumer Staples Sector)
  9. उपयोगिता सेक्टर (Utilities Sector)
  10. मटेरियल सेक्टर (Materials sector)
  11. ऑटोमोबाइल सेक्टर (शेयर मार्केट के प्रकार Automobile Sector)

फाइनेंसियल सेक्टर – What is Financial Sector in Hindi

इस सेक्टर में वित्तीय कंपनियाँ शामिल हैं, जैसे बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विस, इंश्योरेंस कंपनियाँ, परिसंपत्ति प्रबंधन, कंज्यूमर फाइनेंस जैसी कंपनियाँ शामिल है।

शेयर बाज़ार के इस क्षेत्र में स्वास्थ्य उपकरण तैयार करने वाली कंपनियाँ, बायोटेक्नोलॉजी कंपनियाँ, इसके अलावा इस सेक्टर में हेल्थ केयर के सभी वस्तुएँ शेयर मार्केट के प्रकार सप्लाई से लेकर डिसटीब्यूशन तक का कार्य करने वाली कंपनियाँ शामिल है।

रियल एस्टेट सेक्टर – What is Real Estate Sector in Hindi

आज के समय में सबसे ज्यादा लोग रियल एस्टेट सेक्टर में इन्वेस्ट करके अच्छा रिटर्न पा रहे हो। इस सेक्टर में शामिल कंपनियाँ प्रॉपर्टी डेवलपर का काम करती हैं। इसके अलावा इस सेक्टर में जमीन, फ्लैट, ऑफिस, व्यवसाय घर आदि खरीदने या बेचने का बिजनेस होता है।

एनर्जी सेक्टर की कंपनियाँ आम जनता को गैस, तेल, कोयला, नेचुरल आयल और इथेनॉल जैसे विभिन्न संसाधनों का निर्माण करती है। इस सेक्टर के सबसे बड़ी कंपनिया अडानी ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड और जेएसडब्ल्यू एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड है।

संचार सेवाएँ सेक्टर – What is Communication Sector in Hindi

इस सेक्टर में कई कंपनियाँ शामिल है, जो दूरसंचार सेवाएँ, मीडिया मनोरंजन की सेवाऐ, के अलावा इंटरनेट सेवा, स्ट्रीमिंग सेवा, सोशल मीडिया सेवा प्रदान करती है। इस सेक्टर में सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस जिओ और एयरटेल है।

शेयर मार्केट के इस सेक्टर में विद्युत उपकरण, एयरोस्पेस उपकरण, डिफेंस के लिए हथियार तैयार करने वाली कंपनियाँ और मशीनरी, वाणिज्य आपूर्ति, परिवहन ढांचा तैयार करने वाली कंपनियाँ शामिल हैं। मटेरियल सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी ईएलजीआई उपकरण लिमिटेड और महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड है।

कनाडाई स्टॉक्स पर CFD ट्रेडिंग

कनाडा के शेयर टोरंटो स्टॉक एक्सचेंज (TSX) पर कारोबार कर रहे हैं । अपने मौजूदा रूप में यह स्टॉक एक्सचेंज 1934 में टोरंटो स्टॉक एक्सचेंज के विलय (1852 में स्थापित) और मानक स्टॉक और खनन विनिमय के परिणामस्वरूप के रूप में स्थापित किया गया था । 1977 में, स्टॉक एक्सचेंज ने दुनिया का पहला कंप्यूटर असिस्टेड ट्रेडिंग सिस्टम (CATS) लॉन्च किया, जो वर्तमान में कई बाजारों में इस्तेमाल किया जाता है । स्टॉक एक्सचेंज मॉंट्रियल में एक अलग बाजार के साथ टोरंटो में स्थित है । अब एक से अधिक और लगभग $ 2.5 ट्रिलियन के कुल पूंजीकरण के साथ एक आधा हजार प्रतिभूतियों स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार कर रहे हैं । IFC मार्केट्स 48 सबसे लोकप्रिय शेयर व्यापार करने के लिए प्रदान करता है .

Canadian Stock Market

सर्च इंस्ट्रूमेंट, नाम या प्रकार

  • MetaTrader4 & MetaTrader5 -1:20 लिवरेज (मार्जिन 5%)
  • NetTradeX पर स्टॉक CFDs के लिए लिवरेज ट्रेडिंग अकाउंट लीवरेज (अधिकतम 1:20) के बराबर है
  • हम निम्नलिखित एक्सचेंजों के शेयरों पर 400 से अधिक CFDs प्रदान करते हैं: NYSE | Nasdaq (USA), Xetra (जर्मनी), LSE (UK), ASX (ऑस्ट्रेलिया), TSX ((कनाडा), HKEx (हांगकांग), TSE (जापान).
  • आर्डर वॉल्यूम 0.1% से शुरू, US शेयरों के लिए - 1 प्रति शेयर $ 0.शेयर मार्केट के प्रकार शेयर मार्केट के प्रकार 02. और कनाडा के शेयरों के लिए- 0.03 CAD प्रति 1 शेयर । कमीशन चार्ज किया जाता है जब स्थिति को खोला और बंद कर दिया है
  • NetTradeX और MT4 के लिए, एक सौदे के लिए ंयूनतम कमीशन बोली मुद्रा के 1 के बराबर है, 8 HKD और जापानी शेयरों की ंयूनतम 100 JPY, और कनाडा के स्टॉक्स- 1.5 CAD। एमटीएस के लिए, न्यूनतम कमीशन खाता शेष मुद्रा द्वारा निर्धारित होता है-1 USD/1EUR/100 JPY (यूएस स्टॉक्स के लिए केवल 1USD)

Trading क्या है Trading कितने प्रकार कि होती है?

Trading क्या है? यह प्रश्न ज्यादातर स्टॉक मार्केट में नए लोगों को परेशान करता है। आज कई small retailers स्टॉक मार्केट में है जो trading और investment में अंतर नहीं समझ पाते है। अगर आपको शेयर मार्केट के प्रकार भी ट्रेडिंग शब्द का मतलब नहीं पता है। तो आज कि लेख में हम आपको trading meaning in hindi के बारे में बारीकी से समझाएंगे। इसलिए आज का पोस्ट आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए इस शेयर मार्केट के प्रकार अंत तक पढ़े। तो फिर आइए जानते हैं।

trading-kya-hai

Trading को आसान शब्दों में व्याख्या करें तो हिंदी में इसे " व्यापार " कहा जाता है। यानी कि किसी वस्तु या सेवा का आदान प्रदान करके मुनाफा कमाना।

Stock Market Trading कितने प्रकार के होते हैं?

  1. Scalping Trading
  2. Intraday Trading
  3. Swing Trading
  4. Positional Trading

Scalping Trading क्या है?

Scalping Trading वह trade जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो केवल कुछ सेकंड या मिनट के लिए शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं। ऐसे ट्रेडर्स को scalpers कहा जाता है। बता दू कि scalping trading को सबसे जायदा रिस्की होता है।

Intraday Trading क्या है?

Intraday Trading वह trade जो 1 दिन के लिए trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह traders जो Market (9:15 am) के खुलने के बाद शेयर खरीद लेते हैं। और मार्केट बंद(3:30 pm) होने से पहले शेयर को बेच देते है। ऐसे ट्रेडर्स को Intraday ट्रेडर्स कहा जाता है। बता दू कि Intraday ट्रेडिंग scalping trading से थोड़ा कम रिस्की होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए पोस्ट को पढ़े।

Trading और Investment में क्या अंतर है?

  1. Trading में शेयर को short term के लिए खरीदा जाता है। वहीं Investment में शेयर को लंबे समय के लिए खरीद लिया जाता है।
  2. Trading में टेक्निकल एनालिसिस की जानकारी होना जरूरी होता है। वहीं Investment में fundamental analysis की जानकारी प्राप्त होनी चाहिए।
  3. Trading कि अवधि 1 साल तक की होती है। वहीं निवेश कि अवधि 1 साल से ज्यादा कि होती है।
  4. Trading करने वाले लोगों को traders कहा जाता है। वहीं निवेश (Investment) करने वाले लोगों को निवेशक (Invester) कहां जाता है।
  5. Trading short term मुनाफे को कमाने के लिए किया जाता है वहीं निवेश लंबी अवधि के मुनाफे को कमाने के लिए किया जाता है।

जैसे कि आपने हमारी आज के लेख में trading kya hai के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है। आज आपने ट्रेडिंग के साथ साथ ट्रेडिंग के प्रकार और निवेश से ट्रेडिंग किस तरह अलग होता है यह भी जाना है। अगर आपको भी share market में trade करना है तो सबसे पहले इसके बारे में विस्तार से जानकारी अवश्य ले। नहीं तो आपको अच्छा खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है।

ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं?

वे शुल्क जो ब्रोकर द्वारा अपनी सुविधाओं के एवज में लिया जाता है उसे ब्रोकिंग चार्जेस कहते हैं सभी ब्रोकरो के चार्ज एक से नहीं होते हैं यह इस पर भी निर्भर करते हैं कि किस प्रकार के ट्रांजैक्शन हमारे द्वारा किए जाते हैं यह शुल्क ब्रोकर द्वारा समय समय पर घटाया या बढ़ाया भी जा सकता है।

भारत में ब्रोकर द्वारा बता दो प्रकार के प्लान प्रदान किए जाते हैं

  1. Monthly Unlimited trading plan इसके अंतर्गत निवेशकों अथवा शेयरधारकों को एक निश्चित मासिक राशि शुल्क के रूप में ब्रोकर(Broker) को प्रदान की जाती है इसके तहत वे एक माह में असीमित stocks तथा securities की खरीद बेच कर सकते हैं।
  2. Flat per trade brokerage इसके अंतर्गत निवेशकों अथवा शेयरधारकों को प्रति सौदा के हिसाब शेयर मार्केट के प्रकार से ब्रोकर को शुल्क चुकाना पड़ता है।

ट्रेडिंग हेतु ब्रोकरेज चार्ज की गणना किस प्रकार की जाती है?

ब्रोकर(Broker) शुल्क या ब्रोकरेज की गणना शेयर की खरीद बेच पर कुल कीमत के आधार पर एक निश्चित प्रतिशत के रूप में तय की जाती है यह मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है

  • Intraday Trading जब किसी व्यक्ति द्वारा शेयर की खरीद तथा बेच एक ही दिन में की जाती है उस स्थिति में व्यक्ति द्वारा किए गए सौदे पर Intraday Trading शुल्क चुकाया जाता है।

जैसे किसी व्यक्ति द्वारा शेयर को शेयर मार्केट के प्रकार खरीद कर उसी दिन ट्रेडिंग सेशन की समाप्ति के पूर्व शेयर को बेच दिया जाता है एसएसबी में ब्रोकर(Broker) शुल्क की गणना इंट्राडे ट्रेडिंग के अंतर्गत की जाती है इस स्थिति के लिए बेचे गाए और खरीदे गाए शेयर की संख्या समान होना आवश्यक है। इस प्रकार के सौदे पर ब्रोकर द्वारा लगाया गया intraday Trading शुल्क 0.01% से 0.05% के मध्य खरीद बेच किए गए शेयर की संख्या पर आधारित होता है। Intraday ब्रोकिंग शुल्क की गणना के लिए शेयर की बाजार कीमत को शेयर की शेयर मार्केट के प्रकार संख्या तथा इंट्राडे शुल्क प्रतिशत के साथ गुणा कर की जाती है

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शुल्क के अलावा अन्य कौन-कौन से शुल्क होते हैं?

ब्रोकर के सभी चार्ज

  • Transaction Charges शेयर मार्केट(Share Market) में शेयर की खरीद बेच के दौरान स्टॉक एक्सचेंज द्वारा शुल्क लिया जाता है जिसे ट्रांजैक्शन चार्जेस कहा जाता है यह ट्रांजैक्शन चार्ज मुख्य रूप से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एनएसई तथा मुंबई स्टॉक एक्सचेंज बीएसई द्वारा लिए जाते हैं।
  • Security Transaction charges यह शुल्क सौदे (trade) में उपयुक्त securities की कीमत के आधार पर लगाया जाता है।
  • Commodity transaction charges यह शुल्क स्टॉक एक्सचेंज में commodity derivative के सौदे (trade) पर लगाया जाता है।
  • Stamp duty (स्टांप शुल्क) यह शुल्क राज्य सरकार द्वारा securities इसकी trading पर लगाया जाता है।
  • GST (goods and service tax)वस्तु एवम सेवा कर यह शुल्क केंद्र सरकार द्वारा ट्रांजैक्शन चार्जेस तथा ब्रोकिंग शुल्क पर लगाया जाता है। वर्तमान में यह 18% है।
  • SEBI turnover charges यह शुल्क बाजार नियामक संस्था सेबी द्वारा सभी प्रकार के वित्तीय लेन देन जैसे stocks तथा सभी securities (debt को छोड़कर आदि पर लगाया जाता है।
  • DP( Depository Participants)
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