ब्रोकरेज फर्म

ब्रोकर के कॉर्नर: ये हैंडी टिप्स आपकी ग्रोवर ग्रोव हो जाएंगे
आप कड़ी मेहनत और समर्पण के वर्षों के बाद संपत्ति ब्रोकरेज व्यवसाय में अपना निशान बना चुके हैं, आपके ग्राहक आपको विश्वास करते हैं, आप गेंद रोलिंग रखने के लिए पर्याप्त संख्या में बढ़ रहे हैं, आगे क्या? एक व्यक्ति के रूप में, आप महान सफलता प्राप्त कर सकते हैं हालांकि, अपने व्यवसाय को अगले स्तर तक ले जाने के लिए, आपको अपने लिए काम कर रहे पेशेवरों की एक टीम का विकास करना होगा। ब्रोकरेज फर्म सेवा क्षेत्र में व्यवसाय को बढ़ाने के लिए सही प्रतिभा प्राप्त करना महत्वपूर्ण है यदि आप इस विचार के साथ बोर्ड पर ब्रोकरेज फर्म हैं, तो यहां तीन तरीके हैं जिनके माध्यम से आप अपनी संपत्ति ब्रोकरेज फर्म के लिए शीर्ष प्रतिभा को आकर्षित कर सकते हैं। अपने व्यवसाय की क्षमता को व्यक्त करें अच्छे कर्मचारी उच्च-संभावित व्यापार का हिस्सा बनते हैं जब आप भावी कर्मचारियों से मुलाकात करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप उनके साथ अपने उद्यमी यात्रा को संक्षेप में साझा करें। समग्र आर्थिक और कारोबारी माहौल के बारे में बात करें, अचल संपत्ति क्षेत्र को संपूर्ण और आपके व्यवसाय के रूप में प्रभावित करते हैं। इस तरह, आपको यह भी पता चल जाएगा कि एक उम्मीदवार कितनी अच्छी तरह रीयल एस्टेट जैसे गतिशील क्षेत्र में काम करने की बारीकियों को समझता है। किसी भी अन्य क्षेत्र की तरह, अचल संपत्ति में भी चुनौतियों और अवसरों के अपने सेट हैं। आपके कर्मचारियों को इन दोनों पहलुओं की समझ होनी चाहिए। उन्हें अवसरों को पकड़ने और सभी संभावित मुद्दों को संभालने के लिए आपकी रणनीति से अवगत होना चाहिए। तीन से पांच वर्ष का रोडमैप विकसित करना यहां काम कर सकता है व्यवसाय प्रबंधन और विकास की दिशा में आपके दृष्टिकोण में विश्वास करने के बाद आपके कर्मचारियों को आप में शामिल होने में अधिक विश्वास होगा। इसके अलावा पढ़ें: 4 सफल संपत्ति ब्रोकरेज बिजनेस मैप के लिए कालातीत कौशल और उनके कैरियर पथ को पेश करना आपके व्यापार में शीर्ष प्रतिभा को आकर्षित करने के लिए, विभिन्न पदों के लिए कैरियर पथ तैयार करना। मान लीजिए, यदि आप एक एजेंट को रियल एस्टेट सेक्टर में एक से तीन साल के अनुभव के साथ किराया करने की तलाश में हैं, तो आपको कुछ विचार करना चाहिए ब्रोकरेज फर्म कि एक आदर्श उम्मीदवार आपकी दलाली फर्म के साथ काम करने के दो साल बाद क्या उम्मीद कर सकता है। आप अन्य सभी पदों के लिए कैरियर पथ विकसित कर सकते हैं। इस तरीके से, आप एक कर्मचारी से मिलने की उम्मीद के बारे में भी स्पष्टता प्राप्त कर सकते हैं प्रोत्साहन योजना सरल रखें जैसा कि आप जानते हैं, रियल एस्टेट ब्रोकरेज व्यवसाय मुख्य रूप से ग्राहकों से फीस पर चलता है और डेवलपर्स से कमीशन करता है, और दोनों राजस्व धाराओं के पास अपना नियम और शर्तें हैं। एक ग्राहक उन्हें भुगतान करने के बाद डेवलपर कुछ निश्चित अवधि के बाद कमीशन जारी कर सकते हैं और कई अन्य बिंदुएं हो सकती हैं वास्तव में यहां कुछ जटिलताएं शामिल हैं और इससे आपके कर्मचारियों को प्रोत्साहनों का वितरण मुश्किल हो सकता है। प्रोत्साहनों के कारण आपके कर्मचारी के वेतन का एक बड़ा हिस्सा होता है, इससे उनके मनोबल को प्रभावित हो सकता है। सरलीकरण, कर्मचारी प्रोत्साहन योजना का कुछ हिस्सा अगर पूरा नहीं होता है, तो आपसी विश्वास और वफादारी की भावना पैदा कर सकते हैं। शायद यही वजह है कि महान कारोबारी टाइकून वॉरेन बफेट कहते हैं, "कर्मचारी प्रोत्साहन को सरल रखें "आपकी संपत्ति ब्रोकरेज व्यवसाय बढ़ने के लिए महान प्रतिभा को आकर्षित करना अनिवार्य है। वर्तमान में, कई ब्रोकरेज फर्म इंश्योरेंस कैपिटल विकास और प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह आपके लिए बाजार में अपनी फर्म को अलग करने का एक अवसर प्रस्तुत करता है। इसके अलावा पढ़ें: ब्रोकर कॉर्नर संपत्ति फास्ट कैसे बेचें?
इस डील के चलते अडानी ग्रुप पर बढ़ सकता है भारी कर्ज, ब्रोकरेज फर्म का दावा
नई दिल्ली: दुनिया के अमीरों की लिस्ट में टॉप-3 में एंट्री करने वाले भारतीय कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) की संपत्ति लगातार बढ़ रही है. ब्लूमबर्ग बिलियनयर्स इंडेक्स (Bloomberg Billionaires Index) के आंकड़ों के अनुसार, गौतम अडानी की कुल संपत्ति (Gautam Adani Total Net Worth) 143 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई है. हाल ही में अडानी ग्रुप ने सीमेंट निर्माता कंपनी होल्सिम ब्रोकरेज फर्म के भारतीय कारोबार का अधिग्रहण किया है. इस डील के बाद ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुईस (Credit Suisse) ने एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर बढ़ते कर्ज को लेकर विश्लेषण किया है.
कर्ज में कितना हो सकता है इजाफा?
क्रेडिट सुइस के एक विश्लेषण के अनुसार, होल्सिम के भारतीय कारोबार के अधिग्रहण के बाद अडानी ग्रुप के कर्ज में 40,000 करोड़ रुपये का इजाफा हो सकता है. इस वजह से अडानी ग्रुप का कुल 2.6 ट्रिलियन रुपये तक बढ़ सकता है. गौतम अडानी के नेतृत्व वाले ग्रुप का कर्ज लेवल पिछले पांच वर्षों में एक ट्रिलियन रुपये से बढ़कर 2.2 ट्रिलियन रुपये हो गया है. बंदरगाहों के कारोबार के विस्तार, ग्रीन एनर्जी में निवेश, ट्रांसमिशन व्यवसाय के अधिग्रहण और नए में बिजनेस में एंट्री की वजह से अडानी ग्रुप पर कर्ज बढ़ा है.
कर्ज मैच्योर होने की अवधि
क्रेडिट सुइस के विश्लेषकों ने कहा कि ग्रॉस कर्ज का स्तर भले ही बढ़ गया हो, लेकिन अडानी समूह लंबी मैच्योरिटी अवधि वाले बॉन्ड और वित्तीय संस्थान (FI) जैसे कर्जदाताओं के पक्ष में अपने कर्ज में विविधता लाने में कामयाब रहा है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2016 के अंत में पांच साल के भीतर मैच्योर होने वाले लगभग 86 प्रतिशत कर्ज (1 ट्रिलियन रुपये का कर्ज स्तर) की तुलना में, केवल 26 प्रतिशत कर्ज अब पांच साल से कम समय में मैच्योर हो रहे हैं.
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विदेशी मुद्रा में कितना कर्ज?
करेंसी के संदर्भ में कुल कर्ज का लगभग 30 प्रतिशत विदेशी मुद्रा में दर्ज है. चूंकि अडानी ग्रुप का भारतीय बैंकों से लिए लोन का एब्सोल्यूट लेवल पिछले पांच वर्षों में स्थिर रहा है. इस वजह से समूह के कुल कर्ज में उसाका हिस्सा कम होकर लगभग 18 प्रतिशत रह गया है.
कंपनियों के कर्ज में बढ़ोतरी
कुल मिलाकर अडानी ग्रुप की ज्यादातर कंपनियों में वित्त वर्ष 2022 में कर्ज के स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है. क्योंकि उन्होंने निवेश करना जारी रखा है. हालांकि, अडानी ट्रांसमिशन को छोड़कर, ऑपरेशन में सुधार के साथ इन संस्थाओं के लिए ब्याज कवर स्थिर बना हुआ है. अडानी ग्रीन के एसेट के ऑपरेशन में अच्छा सुधार देखने को मिला है.
कैपिटल की तुलना में कर्ज
नोमुरा होल्डिंग्स में क्रेडिट डेस्क के एक विश्लेषक के अनुसार, अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (IHC) ने अडानी ग्रीन एनर्जी में 500 मिलियन डॉलर के निवेश का ऐलान किया है. इसकी मदद से फर्म का कर्ज, कैपिटल के अनुपात में कम जाएगा. इस निवेश से मार्च के अंत में कंपनी का कर्ज, कैपिटल के अनुपात में 95.3 फीसदी से कम होकर 60 फीसदी तक आ सकता है. IHC ने गौतम अडानी के स्वामित्व वाली तीन कंपनियों में लगभग दो बिलियन डॉलर का निवेश किया है.
ब्रोकरेज फर्म ने दी इन 2 Stocks को खरीदने की सलाह, जानिए इनका नाम
अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं और सोच रहे हैं कि किस कंपनी में दांव लगाना सही होगा तो अपोलो टायर्स और आयशर मोटर्स मैं आप निवेश कर सकते हैं जिसकी सलाह आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने भी दी है.
आयशर मोटर्स : मोटरसाइकिल के बाजार की बात की जाए तो आयशर मोटर्स ब्रोकरेज फर्म के 250cc वाले वाहनों की पकड़ बाजार में ज्यादा है जिनमें लेजेंड्री ब्रैंड रॉयल एन्फील्ड, मीटियोर और हालिया लॉन्च्ड हंटर 350 जैसे कमाल के मोटर साइकिल शामिल हैं. इस सेक्टर में 85% से अधिक का मार्केट शेयर आयशर मोटर्स के पास है.
दुनिया भर के बाजार में मिड-वेट कैटेगरी में कंपनी का मार्केट शेयर 650cc ट्विन्स के रिलीज होने के बाद बढ़कर 8-10% हो गया, और अब कमर्शियल व्हीकल सेग्मेंट में वॉल्वो के साथ हिस्सेदारी के कारण आयशर मोटर्स की हिस्सेदारी 54 फ़ीसदी के आसपास हो गई है. जिसके कारण मनीकंट्रोल ने आईसीआईसीआई डायरेक्ट के हवाले से कहा कि कंपनी की शुद्ध नकदी की स्थिति काफी ठोस है।
Buying Zone : आईसीआईसीआई डायरेक्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 22-24 में कंपनी की मजबूत वॉल्यूम ग्रोथ के चलते उन्होंने इसे बाय रेटिंग दी है, साथ ही एसओटीपी के आधार पर ब्रोकरेज ने ईएमएल के लिए 4,170 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है। इसके अलावा कंपनी के शेयर 1.38 फीसदी की तेजी के साथ शुक्रवार को 3,472 रुपये पर बंद हुए थे और यह अपने 52 सप्ताह के ऑल टाइम हाई 3512 रुपये के काफी करीब है और साथ ही यह 52 हफ्ते के ऑल टाइम लो 2,159 रुपये पर बंद हुआ. वहीं आयशा मोटर्स के मार्केट कैप की बात की जाए तो यह 95,045 करोड़ रुपये के आसपास है.
अपोलो टायर्स : इसके बारे में तो आपने काफी कुछ सुना ही होगा कि यह कंपनी टायर्स बनाती है ब्रोकरेज फर्म जिसने भारत के अलावा यूरोप में भी अपने कारोबार को बढ़ाया है. अपोलो टायर्स की अपनी कंपनी के अलावा ट्रक, बस, रेडियल जैसे सेग्मेंट में भी करीब 31 फीसदी हिस्सेदारी है और साथ ही साथ पैसेंजर, कार और रेडियल सेग्मेंट में 21 फीसदी की हिस्सेदारी है और साथ ही इसके 65 फीसदी रेवेन्यू का स्त्रोत भारतीय और यूरोपियन बाजार में है.
Buying Zone : एटीएल (अपोलो टायर्स लिमिटेड) को आईसीआईसीआई डायरेक्टर से निवेशकों को बाय रेटिंग मिली है क्योंकि कंपनी की प्राथमिकताएं ठोस मार्जिन रिकवरी, लागत में कटौती और मार्जिन रिकवरी हैं, जहां इसका मार्केट कैप 17,643 करोड़ रुपये के आस पास है. इसके साथ ही आईसीआईसीआई डायरेक्टर ने कंपनी के टारगेट रेट को 290 रुपये से बढ़ाकर 335 रुपये के आज पास कर दिया है. वहीं 1.50 फीसदी की ब्रोकरेज फर्म गिरावट के साथ शुक्रवार को कंपनी के शेयर 272 रुपये के आस पास बंद हुए और साथ यह 52 हफ्तों के ऑल टाइम हाई स्तर 279 रुपये पर पहुंचा.
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Disclaimer: इस आर्टिकल को कुछ अनुमानों और जानकारी के आधार पर बनाया है हम फाइनेंसियल एडवाइजर नही है आप इस आर्टिकल को पढ़कर शेयर बाज़ार (Stock Market), म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund), क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेश करते है तो आपके प्रॉफिट और लोस के हम जिम्मेदार नही है इसलिए अपनी समझ से निवेश करे और निवेश करने से पहले फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह जरुर ले
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दिसंबर तिमाही के नतीजे के बाद इंडिगो का शेयर 10.5% बढ़ा, ब्रोकरेज फर्म ने बढ़ाया टारगेट प्राइस
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी ने 129 मुनाफा कमाया है. कोविड-19 महामारी के बीच प्रॉफिट कमाने वाली देश की पहली एयरलाइन है.
बाजार में कमजोरी के बीच लो कॉस्ट एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) के शेयर में 10 फीसदी का ज्यादा का उछाल आया है. कारोबार के दौरान बीएसई पर इंडिगो को ऑपरेट करने वाली देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड (InterGlobe Aviation) का शेयर 10.53 फीसदी चढ़कर 2182.15 रुपये पर पहुंच गया. कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) के बीच ब्रोकरेज फर्म कंपनी ने दिसंबर तिमाही में मुनाफा कमाया है. अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी ने 129 मुनाफा कमाया है. इससे पहले एयरलाइन को लगातार 7 तिमाही से घाटा उठाना पड़ रहा था. कोविड-19 महामारी के बीच प्रॉफिट कमाने वाली देश की पहली एयरलाइन है. पिछले साल समान तिमाही में कंपनी को 650 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.
दिसंबर 2021 को समाप्त तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 89 फीसदी बढ़कर 9294.80 करोड़ रुपये रहा. एक साल पहले की समान अवधि में रेवेन्यू 4,910 करोड़ रुपये था. टिकट बिक्री से एयरलाइन की आय पिछले साल के मुकाबले करीब दोगुना होकर 8073 करोड़ रुपये रही है. वहीं सहायक सेवाओं से एयरलाइन की आय पिछले साल के मुकाबले 41.3 फीसदी की बढ़त के साथ 1141.70 करोड़ रुपये पर पहुंच गई.
दिसंबर के अंत तक एयरलाइन के बेड़े में 283 एयरक्रॉफ्ट हैं. तिमाही के दौरान फ्लीट में 4 और जहाज जुड़े हैं. तिमाही के दौरान नॉन शेड्यूल फ्लाइट्स के साथ एक दिन में अधिकतम 1574 उड़ानें पूरी की हैं. एयरलाइन फिलहाल देश में 71 जगहों के लिये घरेलू उडा़नों साथ कई अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों का भी संचालन कर रही है.
10 फीसदी से ज्यादा चढ़ा शेयर
दिसंबर तिमाही के बेहतर नजीते से सोमवार को बाजार में कमजोरी के बावजूद इंडिगो के शेयर में बढ़त के साथ कारोबार हो रहा है. बीएसई पर शेयर 8.98 फीसदी चढ़कर 2,151.60 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा है. शुक्रवार को शेयर 1974.30 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था. आज शेयर 1.85 फीसदी उछलकर 2,010.95 रुपये पर पहुंच गया.
ब्रोकरेज फर्म ने बढ़ाया टारगेट प्राइस
ब्रोकिंग फर्म एडलवाइस ने इंडिगो शेयर को अपग्रेड किया है, ब्रोकरेज फर्म ने शेयर को ‘होल्ड’ से अपग्रेड ‘बाय’ रेटिंग कर दी है. वहीं कंपनी का टारगेट प्राइस 1896 रुपये से बढ़ाकर 2,380 रुपये प्रति शेयर किया है. निकट भविष्य में इंडिगो बेहतर यील्ड्स और पैक्स की रुकी हुई मांग के कारण फिर से शुरू होने वाले व्यापार के लिए एक प्रॉक्सी है. लंबी अवधि के लिए XLRR बेड़े को जोड़ने और बेहतर कार्गो व्यवसाय से प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी.
दूसरी ओर, Ambit कैपिटल ने इंडिगो शेयर में खरीदारी की सलाह दी है और इसका टारगेट प्राइस 2,300 रुपये से बढ़ाकर 2,350 रुपये कर दिया. आपको बता दें कि नतीजों के साथ ही इंटरग्लोब एविएशन ने ऐलान किया कि कंपनी के को-फाउंडर राहुल भाटिया को तुरंत प्रभाव से एमडी नियुक्त किया था.