क्रिप्टो बैन

अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी का नकारात्मक प्रभाव
वित्त मंत्री ने संसद को बताया कि आरबीआई ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी के नकारात्मक प्रभाव को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी नहीं मानता क्योंकि किसी भी करेंसी को जारी करने का अधिकार देश के सेंट्रल बैंक या सरकार को है. और उस की सेंट्रल बैंक उस करेंसी को मान्या देती है. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी का वैल्यू पूरी तरह अटकलों पर निर्भर है
Cryptocurrency News: आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के पक्ष में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद को दी जानकारी
By: ABP Live | Updated at : 18 Jul 2022 06:06 PM (IST)
Edited By: manishkumar
Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency) को देश में मान्यता नहीं मिली है. नवंबर 2021 में घोषणा के बावजूद सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर नकेल कसने के लिए संसद ( Parliament) में बिल ( Legislation) लेकर नहीं आ पाई है जबकि इस बीच संसद का दो, शीतकालीन ( Winter Session) और बजट सत्र ( Budget Session) पूरा हो चुका है और तीसरे मानसून सत्र ( Monsoon Sesssion) की शुरुआत हो चुकी है. हालांकि इस सत्र में भी बिल लाने की कोई चर्चा नहीं है. ये जरुर है कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स और ट्रेडिंग पर 1 फीसदी टीडीएस लगा चुकी है. इस बीच क्रिप्टोकरेंसी पर कानून बनाने को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने संसद में बयान दिया है. वित्त मंत्री ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेशन ( Regulation) या प्रतिबंध ( Ban) लगाने के लिए कोई भी कानून अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के बाद ही प्रभावी हो सकेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को किसी देश की क्रिप्टो बैन सीमा के भीतर बांधा नहीं जा सकता है. इसलिए इसके रेग्युलेटरी मध्यस्थता को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता होगी.
क्या डूबने लगा है क्रिप्टो का सूरज? जानिए अब क्यों लोग ऐसा कह रहे है
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का दौर क्या अपने आखिरी दिन गिन रहा है? आप सोचेंगे कि हम ये सवाल क्यों उठा रहे हैं. बात वाजिब है…लेकिन, ऐसी कई वजहें हैं जिनसे ये आशंका पैदा हो रही है कि शायद क्रिप्टो का सितारा चमक कर टूटने की कगार पर आ गया है. दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी पिछले एक साल में बुरी तरह से पिटी हैं. अपने यहां की बात करें तो सरकार (Government of India) भले इन्हें अवैध न माने. लेकिन, वो नियम-कायदे इतने कड़े कर रही है कि लोगों के लिए इन सो कॉल्ड डिजिटल एसेट्स में पैसा लगाना बेमानी होने लगा है. खैर, भारत की बात बाद में करेंगे, पहले ये देख लेते हैं कि इंटरनेशनल लेवल पर क्रिप्टो में आखिर चल क्या रहा है. अब सबसे मशहूर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) को ही देख लीजिए. गुजरे तीन महीने में इसके दाम 15% से ज्यादा गिरे हैं. ऐसा तब है जब हाल में इसके दाम रिकवर हुए हैं…गुरुवार को बिटकॉइन 43,000 डॉलर के करीब था. 3 महीने में इसने 51,987 का हाई छुआ था और ये 33000 के लो लेवल तक चला गया था.
आखिर क्रिप्टो की चमक फीकी क्रिप्टो बैन क्यों होती जा रही है?
इसकी एक नहीं कई वजहें हैं. एक तो दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी सरकारों के हलक में अटकी हुई है. क्रिप्टो को बैन करना किसी सरकार के लिए आसान नहीं है. लेकिन, कोई सरकार इसे फलने-फूलने भी नहीं देना चाहती.ये बात इन्वेस्टर्स को भी धीरे-धीरे समझ आने लगी है. हां, रूस यूक्रेन की लड़ाई से दुनियाभर में हाहाकार मचा तो क्रिप्टो को थोड़ा चमकने का मौका जरूर मिल गया. 24 फरवरी से 24 मार्च के बीच बिटकॉइन का दाम 23 फीसदी चढ़ा है.भले ही दाम में रिकवरी हुई हो, लेकिन ये पिछले साल नवंबर के 68-69,000 डॉलर के लेवल से अभी भी काफी नीचे है.
जिस बिल का नाम सुनते ही क्रिप्टो धड़ाम,उसमें क्या है?बैन के पक्ष-विपक्ष में तर्क
Cryptocurrency Bill In India: क्रिप्टो करेंसी पर लंबे समय से भारत सरकार और आरबीआई (RBI) की चिंताओं के बीच आखिरकार सरकार ने इस पर बिल लाने की घोषणा कर दी है. केंद्र सरकार 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कई बिल पेश करने वाली है जिसमें से एक क्रिप्टोकरेंसी पर भी विधेयक पेश हो सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टो पर समीक्षा बैठक भी बुलाई थी. पीटीआई के मुताबिक बैठक में क्रिप्टो के फायदे-नुकसान और रेगुलेशन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई है.
रूस ने कहा अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है क्रिप्टोकरेंसी, बैन की मांग
रूस ने उठाई क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की क्रिप्टो बैन मांग
gnttv.com
- नई दिल्ली ,
- 21 जनवरी 2022,
- (Updated 21 जनवरी 2022, 2:36 PM IST)
रूस के केंद्रीय बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल पर बैन लगाने का प्रस्ताव दिया.
दुनियाभर में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की काफी चर्चा है. कई देश जहां इस वर्चुअल करेंसी के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रहे हैं, वहीं कुछ देशों ने इसपर बैन भी लगा दिया है. कई जगहों पर क्रिप्टोकरेंसी के फ्यूचर को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. एक के बाद एक देश इस वर्चुअल मुद्रा को किसी न किसी तरह से प्रतिबंधित कर रहे हैं. इस कड़ी में नया नाम जुड़ा है रूस का. रूस के केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को रूसी क्षेत्र में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल और माइनिंग पर बैन लगाने का प्रस्ताव दिया है. इसके पीछे उन्होंने वित्तीय स्थिरता, नागरिकों की भलाई और इसकी मौद्रिक नीति संप्रभुता के लिए खतरों का हवाला दिया है.
सेंट्रल बैंक ने इसके वॉलेटाइल और इलीगल एक्टिविटीज में इस्तेमाल होने का आरोप लगाया. "क्रिप्टोकरेंसीज: ट्रेंड्स, रिस्क्स, मीजर्स" नाम की इस रिपोर्ट में, सेंट्रल बैंक ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के जरिए लोगों को अपना पैसा देश की इकोनॉमी से बाहर ले जाने का मौका मिलता है, जिससे इकोनॉमी कमजोर हो रही है. इसके साथ ही देश के लिए अपनी मॉनिटरी पॉलिसीज को बेहतर बनाए रखना मुश्किल हो रहा है. कुछ समय पहले ही सेंट्रल बैंक ऑफ रशिया ने देश और विदेश में क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करने वाले क्लाइंट्स की डिटेल सहित कुछ प्राइवेट मनी ट्रांसफर के संबंध में कमर्शियल बैंकों से जानकारी जुटाने की योजना का ऐलान किया था.
क्रिप्टोकरेंसी: कहीं बैन तो कहीं बनी लीगल टेंडर…क्या चीन की राह पर है भारत!
बिजनेस डेस्कः क्रिप्टो करेंसी को लेकर मोदी सरकार एक्शन के मूड में है। संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में इसे लेकर सरकार बिल लेकर आ रही है। जिसमें प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने से लेकर इसके लिए नियम भी बनाए जा सकते हैं। इस विधेयक का नाम ‘द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ है। देश में बड़ी संख्या में लोगों ने बिटकॉइन जैसी कई क्रिप्टो करंसी में बड़ी मात्रा में निवेश किया हुआ है। मोदी सरकार के ताजा फैसले का असर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले लाखों लोगों पर पड़ सकता है। हालांकि यह मांग भी है कि अंतर्निहित तकनीक और इसके उपयोगों को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवादों को अनुमति दी जाए।