Unlisted Shares क्या होते है

If you have the same query, check and update the existing ticket here. In case of a new query, click on Continue.
चेन्नई सुपर Unlisted Shares क्या होते है किंग्स के अनलिस्टेड शेयर्स की भारी मांग
मुंबई- अगले महीने से शुरू होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2022 से पहले, चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के अनलिस्टेड शेयरों की भारी डिमांड है। CSK एकमात्र IPL टीम है जिसके शेयर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हैं।
2018 में CSK के शेयरों की कीमत 12-15 रुपए थी। बीते दिनों IPL ऑक्शन के दौरान कोटक महिंद्रा AMC ने CSK के 1 लाख शेयरों को बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की थी। ये बोली 14 फरवरी से 30 दिनों के लिए है। पिछले साल शेयर की कीमत 70-80 रुपए थी, जो अब 205-210 रुपए पर ट्रेड कर रहे हैं। यानी एक साल में 150% से ज्यादा का रिटर्न चेन्नई सुपर किंग्स ने दिया है।
CSK IPL इतिहास की सबसे सफल टीम में से एक है। 2008 में स्थापित, एमएस धोनी की कप्तानी वाली टीम ने चार बार IPL खिताब जीता है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) इस साल 26 मार्च से शुरू होगी। फाइनल 29 मई को खेला जाएगा।
Unlisted Shares क्या होते है
✖
Featured
The holding buy average for some of our clients might be showing up as NA on Kite. The correct buy average will be updated in 24 hrs. You can sell the shares by referring to the Unlisted Shares क्या होते है buy average from the tradebook on Console.
ट्रेडिंग और मार्केट्स
- ट्रेडिंग FAQs
- Kite
- मार्जिन्स
- प्रोडक्ट और आर्डर
- कॉर्पोरेट एक्शन्स
- दूसरे प्लेटफॉर्म्स
- Kite फीचर्स
क्या हम अपने Zerodha डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करके अनलिस्टेड शेयर खरीद सकते है?
डीमैट अकाउंट में आप सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होल्ड कर सकते है। सिक्योरिटीज जिन्हें आप होल्ड करते है, यह ज़रूरी नहीं है की वह स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड हो।
जब तक की जो शेयर्स, डिबेंचर्स या कोई दूसरा सिक्योरिटीज जिसे आप होल्ड करते है, वह CDSL डिपॉज़िटरी पर उपलब्ध होते हैं, तब तक आप उन्हें होल्ड करने के लिए अपने Zerodha डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल कर सकते है। CDSL पर सिक्योरिटीज उपलब्ध है या नहीं उन्हें आप कंपनी के नाम से खोज सकते है, जैसा की नीचे दिखाया गया है।
आप CDSL के Easiest सुविधा का इस्तेमाल करके अनलिस्टेड डिबेंचर या अनलिस्टेड कंपनियों के शेयर्स (प्री-IPO) को ट्रांसफर कर सकते हैं। चूंकि अनलिस्टेड सिक्योरिटीज के लिए मार्केट इल्लिक्विड हो सकता है यानी खरीदने वाले और बेचने वाले को ढूंढना मुश्किल हो सकता है, इसलिए जब भी आप ऐसे इन्वेस्टमेंट अवसरों को खोजते हैं, तब आपको ज़्यादा मेहनत करने की ज़रूरत होती है।
गैर-सूचीबद्ध शेयर बेचेने से पहले जानें टैक्स का गणित
आमतौर पर निवेशक शेयर बाजार के जरिये सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश करते हैं। वहीं, कई ऐसे निवेशक हैं जो बाजार में कंपनी का आईपीओ आने और सूचीबद्ध होने से पहले ही निवेश करते हैं। इसे गैर-सूचीबद्ध शेयरों में निवेश कहा Unlisted Shares क्या होते है जाता है। बाजार के जानकारों का कहना है कि इसमें जोखिम अधिक होता है लेकिन निवेश पर बंपर रिटर्न भी मिलता है। ऐसे में अगर आप गैर-सूचीबद्ध कंपनी के शेयर में निवेश करने की तैयारी में है या निवेश कर चुके हैं तो लगने वाले टैक्स को जरूर जान लें। यह बाद की परेशानी से आपको बचाएगा।
लाभ पर कैसे लगता है टैक्स
डीमैट फार्म में बदले जाएंगे अनलिस्टेड कंपनियों के शेयर
नई दिल्लीः काले धन के खिलाफ मुहिम के तहत सरकार अब अनलिस्टेड कंपनियों (जो कंपनियां शेयर बाजार में नहीं हैं) के शेयर भी डीमैट फार्म में रखना अनिवार्य बनाने जा रही है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह बड़ा काम है। पहले सरकारी लिमिटेड कंपनियों के लिए इसे लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी अनलिस्टेड कंपनियों के लिए डीमैट फार्म में शेयर रखना अनिवार्य नहीं, ऑप्शनल है। इस सिलसिले में कंपनी मामलों का मंत्रालय सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) और डिपॉजिटरीज से बात कर रहा है।
देश में 70,000 पब्लिक लिमिटेड कंपनियां अनलिस्टेड
एक अन्य सूत्र ने बताया कि मंत्रालय ने अनौपचारिक तौर पर इस बारे डिपॉजिटरीज से बात की है। इसकी समय सीमा तय करने और दूसरे मामलों पर अगले हफ्ते पहली औपचारिक बैठक होगी। सेबी के नियमों के मुताबिक सभी लिस्टेड कंपनियों के लिए शेयरों को डीमैट फार्म में करना जरूरी है। देश में 70,000 पब्लिक लिमिटेड कंपनियां अनलिस्टेड हैं और 10 लाख से अधिक प्राइवेट कंपनियों ने कंपनी मामलों के मंत्रालय के पास रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ है। इस बारे सुवन लॉ एडवाइजर्स के पार्टनर सुमित अग्रवाल ने बताया कि बंद पड़ी कंपनियों, टैक्स प्रोविजन के दुरुपयोग पर सख्ती और काले धन के खिलाफ एक्शन के बाद कंपल्सरी डीमैट पॉलिसी से शेयर कहां से कहां गए, इसका पता लगाना आसान हो जाएगा। इससे अनलिस्टेड कंपनियों में इंस्टीच्यूशनल इन्वैस्टमैंट की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। अग्रवाल ने बताया, ‘‘कई ऐसे मामले देखे गए जिनमें अनलिस्टेड कंपनियों के शेयरों की कीमत काफी बढ़ाई गई और उस आधार पर शेयर गिरवी रखकर फंड जुटाया गया। काले धन को सफेद में बदलने के लिए ऐसा किया जाता है। कंपनियों के लिए भी उनका पता लगाना आसान नहीं होता। इन मामलों में कई एफ.आई.आर. भी दर्ज करवाई जा चुकी हैं।’’
Expert Ki Raay
अनलिस्टेड शेयर्स क्या होते हैं ? unlisted share kya hote hai? भारत विश्व का तीसरा सबसे बढ़ा स्टार्टअप जरनेट करने वाला देश है। 2019 के अंत तक भारत में 80,000 से ज्यादा स्टार्टअप रजिस्टर हो चुके थे। वर्तमान में भारत में रोज 2-3 स्टार्टअप रजिस्टर हो र…