शेयर बाजार क्या है

Share Bazar Kya Hai | शेयर बाजार क्या है हिंदी में बताये
अगर आप शेयर बाजार के बारे में इंटरेस्ट रखते हैं और आप शेयर बाजार के बारे में जानना चाहते हैं तो मैंने कुछ शेयर बाजार के महत्वपूर्ण पॉइंट को स्टेप बाय स्टेप बताया है जिससे कि आपको आसानी से समझ में आ जाएगा कि शेयर बाजार क्या है और हम शेयर बाजार में कैसे निवेश कर सकते हैं और हम किस तरह से शेयर बाजार से अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं.
मैं आपको पहले ही बता देना चाहता हूं कि शेयर बाजार बहुत ही बड़ा (सब्जेक्ट) टॉपिक है जिसे एक आर्टिकल में पूरी तरह से नहीं समझा जा सकता है, क्योंकि शेयर बाजार के साथ-साथ आपको बहुत सारी चीजें भी सीखनी होती हैं जैसे – SENSEX और NIFTY यह दो ऐसी स्टॉक मार्केट कंपनी है जो इंडिया के पूरे शेयर बाजार को निर्देशांक करती हैं.
हम इस आर्टिकल में आपको पूरी जानकारी देने की कोशिश करेंगे और आपको इस लेवल तक समझा देंगे की nifty, sensex , शेयर बाजार क्या है, Stock market कैसे कम करता हैं और किस तरीके से शेयर बाजार में पैसा लगाया जाता है और हमें कब शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहिए.
शेयर बाजार के बारे में जाने से पहले मैं आपको अपने बारे में कुछ बातें बता देना चाहता हूं जिससे कि आपको मुझ पर विश्वास हो जाए कि जो मैं आपको शेयर बाजार के बारे में बता रहा हूं वह कितने प्रतिशत सही हैं.
मेरा नाम c.p गोंड है और मैं एक वेब डेवलपर के साथ इन्वेस्टर तथा लेखक भी हूं और मैं अलग अलग फील्ड में अपने पैसे इन्वेस्ट करता रहता हूं जैसे- क्रिप्टो करेंसी, स्टॉक मार्केट , म्यूच्यूअल फंड, ब्लॉगिंग, NFT जैसे प्लेटफार्म पर अपनी टीम के साथ अच्छे से रिसर्च करके इन्वेस्टमेंट करता हूं.
जिससे कि मुझे काफी ज्यादा मुनाफा हुआ है और मुझे बहुत कुछ नया सीखने शेयर बाजार क्या है को मिला है शेयर बाजार के बारे में मेरा खास इंटरेस्ट इंडिया के टॉप कंपनी के शेयर स्टॉक पर रहता है, और ज्यादातर पैसा में इंडिया के टॉप कंपनी पर ही इन्वेस्टमेंट करता हूं मुझे काफी साल हो गए हैं अपने फील्ड में इन्वेस्टमेंट करते हुए इसीलिए आप मुझ पर विश्वास कर सकते हैं कि जो मैं आपको बता रहा हूं वह ऐसे ही नहीं बता रहा हूं मैंने खुद अपने ऊपर इस काम को किया है जिससे कि मुझे अच्छा खासा रिजल्ट मिला है.
Share Bazar Kya Hai | शेयर बाजार क्या है
जगह पर कंपनियां अपने शेयर को बेचती व खरीदती हैं उस जगह को शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट कहते हैं. इंडिया की टॉप कंपनी के शेयर को sensex, nifty खरीदेने व बेचने के काम को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज तथा इस खरीदने की जगह को स्टॉक मार्केट या शेयर बाजार कहते हैं, शेयर का मतलब हैं किसी कंपनी के कुल स्वामित्व को लाखों करोड़ों लोगों में शेयर के रूप में बांट दिया जाता है जिसके पास जीतने ज्यादा शेयर होते हैं उसकी हिस्सेदारी भी कंपनी में उतनी ही ज्यादा होती हैं.
इंडिया की जितनी भी कंपनी अपने शेयर को जहां पर बेचने व खरीदने का काम करती हैं उस जगह को शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट कहते हैं, इंडिया की sensex (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) nifty (नैशनल स्टॉक एक्सचेंज) में listed इंडिया की टॉप कंपनियां ही अपने शेयर को खरीदने व बेचने का काम कर सकती हैं.
स्टॉक मार्केट क्या है | What Is Stock Market
स्टॉक मार्केट एक ऐसी जगह है जहां पर बहुत सारी कंपनियां अपने शेयर स्टॉक को खरीदती व बेचती है इंडिया में दो प्रमुख स्टॉक मार्केट या शेयर बाजार हैं जिन्हें बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज कहते हैं, जब कोई कंपनी इन दोनों स्टॉक मार्केट (BSE) बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज और (NSE) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध (listed) हो जाती हैं तो व कंपनी अपने शेयर को stock market या शेयर बाजार में बेच सकती हैं.
इंडिया की टॉप 50 कंपनी के share stock बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के द्वारा ही बेचे व खरीदे जाते हैं.
अगर कुछ शब्दों में कहे तो, स्टॉक मार्केट मतलब ऐसी जगह जहां पर सूचीबद्ध कंपनी के कुल स्वामित्व में हिस्सेदारी लिया जाता हैं और बेचा जाता हैं तो ऐसी जगह को स्टॉक मार्केट या शेयर बाजार कहते हैं.
शेयर मार्केट कैसे सीखे
अगर आप शेयर मार्केट को सीखना चाहते हैं तो आपको updated रहना होगा हर एक फील्ड में जिससे कि आपको दुनिया और देश में क्या हो रहा है यह पता चल सके और किस कंपनी के प्राइस कम या ज्यादा हो रहे हैं इस पर आप की नजर पड़ सके.
वैसे तो शेयर मार्केट सीखने के बहुत सारे तरीके हैं लेकिन एक सरल तरीका यही है कि आपको हमेशा धैर्य के साथ सही समय पर ही stock market में पैसा लगाने चाहिए, जिससे आपको कम समय में ही बहुत सारा पैसा शेयर मार्केट से मिल सके, और यह तभी संभव हो पाएगा जब आपको शेयर मार्केट का बाजार में धीरे-धीरे समझ आने लगेगा.
चलिए मैं आपको कुछ शेयर मार्केट के महत्वपूर्ण पॉइंट बताता हूं जिन्हें अगर आप फॉलो करते हैं तो आप अच्छा खासा पैसा शेयर मार्केट से कमा सकते हैं, अगर आप शुरुआत कर रहे हैं शेयर मार्केट सीखने की तो यह कुछ बातें आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकती हैं क्योंकि जो बातें मैं आपको बताने जा रहा हूं वह मैंने खुद कई सालों तक अपनी टीम के साथ रिसर्च किया है जिससे मुझे काफी ज्यादा फायदा हुआ है. शेयर मार्केट से पैसा बनाने में तो इसीलिए जिन बातों का मैं ध्यान में रखता हूं शेयर मार्केट में पैसा लगाने से पहले अगर आप भी उन बातों को ध्यान में रखकर पैसा लगाते हैं तो आप जरूर शेयर मार्केट से अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं.
PE प्राइस अर्निंग रेशों : अगर आप स्टॉक मार्केट के पिछले कुछ सालों का डाटा देखेंगे तो आपको पता चलेगा की PE का कितना महत्वपूर्ण रोल रहा है स्टॉक मार्केट से पैसा कमाने में, स्टॉक मार्केट के कुछ सालों का डाटा देखने के बाद यह पता चलता है कि भारत में PE 10 से कम नहीं गया है और 30 से ऊपर भी नहीं गया है, मतलब इसी के बीच में हमें पैसा लगाना होता है.
तो चलिए समझते हैं कि कब हमें पैसा लगाना चाहिए और कब नहीं
अगर PE 10 से 15 के बीच में है तो ₹10 लगाने पर आपको ₹1 मिलेगा और वही अगर PE 15 से 20 के बीच में है तो आपको ₹20 लगाने पर ₹1 मिलेंगे, और अगर PE 20 से 30 के बीच में है तो आपको ₹30 लगाने के बाद ₹1 मिलेगा.
Price Earnings Ratio (PE) | Investment (पैसा लगाना) | Profit (लाभ) |
10 – 15 | ₹10 | ₹1 |
15 – 20 | ₹20 | ₹1 |
15 -20 | ₹30 | ₹1 |
अगर देखा जाए तो यह साफ नजर आता है कि जब PE कम होता है तो हमें अधिक रुपया मिलता है और जब PE अधिक होता है तो हमें कम रुपया मिलता है.
उदाहरण:
अगर आप ₹10 लगाकर ₹1 कमा रहे हैं और वही ₹20 लगाकर ₹1 कमा रहे हैं तो आपको ₹10 लगाकर ₹1 फायदा मिल रहा है जिससे आपको ज्यादा फायदा होगा, क्योंकि आप ₹10 लगाकर ₹1 कमा रहे हैं, और वही एक दूसरा लड़का है जो ₹20 देकर ₹1 कमाता है इसका मतलब यह है कि वह लड़का ज्यादा रुपया लगा रहा है और आप के बराबर ही 1 रुपया कमा रहा है इसका मतलब कि वह ज्यादा पैसा लगाकर आपके बराबर ही ₹1 कमा रहा है इससे उस लड़के का घाटा हुआ है जिसने ₹20 लगाए थे.
- PE 10 – 15 के बीच में हैं तो ₹1000 लगाकर आपको ₹100 मिलेंगे.
- PE 15 -20 के बीच में हैं तो ₹2000 लगाकर आपको ₹100 मिलेंगे.
इससे यह पता चलता है कि जब PE कम होता है तो पैसे stock market में लगाते हैं तो आपको काफी ज्यादा पैसा मिलता हैं. और अगर PE ज्यादा होता है तो पैसे stock market में लगाते हैं तो काफी कम पैसा मिलता है.
US Stock Market Today: अमेरिकी शेयर बाजार से मिल रहे अच्छे संकेत, बुधवार को तेजी के साथ खुल सकते हैं भारतीय बाजार
US Stock Market Update: Dow Jones 1.65 फीसदी यानि 514 अंकों की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है. तो S&P 500 1.47 फीसदी और Nasdaq 1.35 फीसदी के बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है.
By: ABP Live | Updated at : 19 Jul 2022 09:12 PM (IST)
US Stock Market Today: बुधवार को भारतीय शेयर बाजार के जबरदस्त तेजी के साथ खुलने की उम्मीद है. क्योंकि अमेरिकी शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी के साथ कारोबार की शुरुआत हुई है. Dow Jones 1.65 फीसदी यानि 514 अंकों की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है. तो S&P 500 1.47 फीसदी और Nasdaq 1.35 फीसदी के बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है.
सोमवार को भी अमेरिकी शेयर बाजार शानदार बढ़त के साथ खुले थे लेकिन कारोबार के अंत में बाजार ने अपनी बढ़त गंवा दी थी. लेकिन बाजार के लिए अच्छी खबर ये है कि अमेरिका में औसत गैस की कीमतें 4.50 डॉलर गैलन के नीचे ट्रेड कर रहा है. दरअसल अमेरिका में गैस कीमतें लगातार बढ़ती जा रही थीं. गैस की कीमतों में कमी के बाद माना जा रहा है कि अमेरिका का सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व को तेजी के साथ ब्याज दर बढ़ाने की आवश्यकता नहीं होगी. महंगाई में कमी आई तो ब्याज दरों में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी. जानकारों का मानना है है अर्थव्यवस्था को लेकर बुरी खबरों का फ्लो घटेगा तो ब्याज दरें बढ़ने की संभावना भी कम होती जाएगी.
इस सबस के बीच अमेरिका में कंपनियों के बेहतर नतीजों की उम्मीद की जा रही है. बेहतर नतीजों की उम्मीद मेंजॉनशन जॉनशन के शेयर में 0.7 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. Apple के शेयर में भी 0.4 फीसदी का उछाल देखने को मिल रहा है.
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Published at : 19 Jul 2022 09:12 PM (IST) Tags: indian stock market nasdaq dow jones US Stock Market Today हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
तेजी और मंदी शेयर बाजार का चरित्र है, क्या ये फिर गिरेगा
शेयर बाजार का इतिहास गवाह है कि जब यह बुरी तरह गिरता है तो उस समय ही बाद में आने वाली तेजी की नींव भी रखी जाती है.
बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज | फाइल फोटो
पिछले दिनों भारतीय शेयर बाजार ने चमक बिखेर दी और सेंसेक्स 60,000 के पार तो हो गया लेकिन उसने यह सवाल भी खड़ा किया कि क्या इन बुलंदियों पर जाने के बाद यह अब धराशायी हो जाएगा? उसके इस रिकॉर्ड ऊंचाई पर जाने के बाद तरह-तरह की आशंकाएं खड़ी हो गईं हैं. हालांकि पिछले हफ्ते इसमें पांच हफ्तों के बाद गिरावट आई और यह 1282 अंक गिरकर 58,766 पर चला गया. निफ्टी में भी 321 अंकों की गिरावट आई और 17,532 अंकों पर था.
इससे पहले कि यह बहस तेज हो कि क्या यह गिरावट स्थायी है, सोमवार को सेंसेक्स में 625 अंकों की बढ़ोत्तरी हो गई.
लेकिन विशेषज्ञ यहां मानते हैं कि शेयर बाज़ार के इन ऊंचाइयों पर जाने की कोई ठोस वजह नहीं है. यह या तो अति उत्साह में की गई खरीदारी है या सटोरियों का खेल. अगर हम ध्यान से देखें तो इस समय निवेश के सारे रास्ते बंद हो गये हैं. रियल एस्टेट मंदी के भीषण दौर से गुजर रहा है, सोना नई ऊंचाइयों पर जाने के बाद नीचे तो आया है लेकिन इतना भी नहीं कि खरीदारी हो सके, सरकारी बांडों और ऋण बाजारों में भी खास रिटर्न नहीं है. फिक्स्ड डिपॉजिट में ब्याज दरें इतनी कम हो गईं हैं कि यह निरर्थक हो गया है. सच तो है कि महंगाई की दर इतनी ज्यादा हो गई है कि उसके कारण डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज निगेटिव में चला गया है. इसका मतलब हुआ कि अब फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसे डालने का कोई फायदा नहीं है. तो फिर सेविंग के जरिये कमाने का क्या जरिया बचता है? शेयर बाजार और उस पर आधारित म्यूचुअल फंड. यही कारण है कि निवेशक इनमें बड़े पैमाने पर धन लगा रहे हैं. इन दोनों ने निवेशकों को निराश नहीं किया और अच्छा रिटर्न भी दिया है. सिर्फ इस साल ही सेंसेक्स 13,000 अंकों से भी ज्यादा बढ़ गया है. उधर म्यूचुअल फंडों में कई तो ऐसे हैं जिन्होंने 50 प्रतिशत से भी ज्यादा रिटर्न दे दिया है.
उभरती अर्थव्यवस्था, भारत और एफडीआई
लेकिन लाख टके का सवाल है कि क्या सिर्फ इस कारण से ही शेयर बाजार इतना ऊपर चला गया? इसके कई उत्तर हैं. सबसे बड़ा फैक्टर है, सारी दुनिया में ब्याज दरों का गिरना. इस समय अमेरिका और पश्चिमी देशों और जापान वगैरह में ब्याज दरें शून्य पर हैं. भारत में भी यह अपने न्यूनतम पर हैं. ऐसे में निवेशक बैंकों से पैसा लेकर या वहां जमा न कर भारतीय शेयर बाजारों में लगा रहे हैं. विदेशी वित्तीय संस्थान और एनआरआई ने भी निवेश किया. इस बात का अंदाजा इसी से मिलता है कि 2021-22 (जून) में यहां के वित्तीय बाजारों में उन्होंने 4433 करोड़ रुपए का निवेश किया है. यह राशि बाजार में आग लगाने का काम कर रही है.
दरअसल, इस शेयर बाजार क्या है समय उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में निवेश के लिए उपयुक्त स्थानों में भारत ऊंचे स्थान पर है. इस समय यहां निवेश करना विदेशी निवेशकों के लिए फायदे का सौदा है. यहां की तमाम परिस्थितियां उनके अनुकूल हैं. ऐसे में निवेशक आश्वस्त भाव से निवेश कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि लगातार तीसरे साल भी विदेशी निवेशकों ने भारत में कुल कुल 9 अरब डॉलर निवेश कर दिया है.
लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ विदेशी निवेशकों ने ही यहां पैसा लगाया है. देसी निवेशक भी शेयर बाजार की बहती गंगा में हाथ धोने के लिए बड़ी तादात में उतर गये हैं. आज म्यूचुअल फंडों और सिप के माध्यम से निवेशक बड़े पैमाने पर इसमें पैसे लगा रहे हैं और उनमें लगभग 70 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जिन्होंने शेयर बाजार में कभी पैसा नहीं लगाया था.
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उधर, डीमैट अकाउंट खोलना आसान बनाकर सेबी ने भी लोगों को इस ओर आकर्षित किया है. इस साल ही नहीं पिछले साल भी लाखों नए डीमैट अकाउंट खुले हैं. सेबी के ही आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल अप्रैल से इस साल जनवरी तक एक करोड़ से भी ज्यादा डीमैट अकाउंट खुले हैं. इस समय देश में सात करोड़ से भी ज्यादा डीमैट अकांउट खोले जा चुके हैं. नई टेक्नोलॉजी और ऐप ने पैसे लगाना एकदम आसान कर दिया है. अब नए निवेशक लगातार पैसे लगा रहे हैं सीधे भी और म्यूचुअल फंडों के जरिये भी.
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री अपने स्लोगन ‘म्यूचुअल फंड सही है’ से लोगों को इस ओर आकर्षित करने में सफल हो रही है. आंकड़े बताते हैं कि शेयर बाजारों में बड़े पैमाने पर निवेश इनके जरिये ही हो रहा है. नए लोग जो बाजार के उतार-चढाव से घबराते हैं, शेयर बाजारों में ही निवेश कर रहे हैं. एक तरह से तो यह अच्छी बात है क्योंकि बाजार के धराशायी होने पर उन्हें जोर का झटका धीरे से लगेगा. इसके अलवा सेबी और सरकार ने म्यूचुअल फंडों पर भी लगाम कस दी है और वे अब उतनी मनमानी नहीं कर सकते हैं.
बाजार की इस जबर्दस्त तेजी ने बहुत सी धारणाओं को झुठलाया है कि शेयर बाजार अर्थव्यवस्था का आइना होता है. आज स्थिति दूसरी है. जीडीपी में जितनी तेजी आई है उससे कहीं ज्यादा शेयर बाजारों में तेजी आई है. दरअसल, इन दोनों के बीच एक स्वस्थ संतुलन होना चाहिए. कंपनियों के तिमाही या सालाना परिणाम कहीं से देश की अर्थव्यवस्था की हालत को बयान नहीं कर रहे हैं, अतिशयोक्ति से काम ले रहे हैं.
दूसरी बात है जो और भी खतरनाक है, वह है कि चूंकि शेयर बाजार का सीधा संबंध कंपनियों से हैं, उनके परिणाम चाहे वे सालाना हों या तिमाही इस मानदंड पर खरे नहीं उतर रहे हैं. इन दिनों कंपनियों के परिणाम बेशक अब अच्छे आ रहे हैं लेकिन उनके शेयर बहुत गर्म हो गए हैं. इनमें से कई तो अपने पीई रेशियो से कई गुना ज्यादा हो गए हैं. इस समय मार्केट कैप और जीडीपी का अनुपात 130 प्रतिशत को पार कर गया है. बाजार इकोनॉमी से कहीं आगे निकल गया है और यह चिंता का विषय है क्योंकि यह बता रहा है कि सेंसेक्स और निफ्टी अब ठोस जमीन पर नहीं खड़े हैं. ये कंपनियों के तीन साल आगे होने वाली कमाई को मानकर अभी से चल रहे हैं. ऊंचे वैल्यूएशन के अपने खतरे हैं और ऐसे में बाजार के धारशायी होने की संभावना बढ़ जाती है. अब हमारा शेयर बाजार उस ओर इशारा कर रहा है.
राजनीतिक अर्थव्यवस्था और अर्थव्यवस्था
मतलब साफ है कि तेजी से भागते बाजार को कभी भी ब्रेक लग सकता है और यह कभी भी औंधे मुंह गिर सकता है. कुछ एनालिस्ट मानते हैं कि अब बाजार के 10 से 25 प्रतिशत तक गिरने की संभावना बनती जा रही है क्योंकि यह ठोस जमीन पर खड़ा नहीं है.
एक बात और जो याद रखनी चाहिए कि शेयर बाजार अवधारणाओं या सेंटिमेंट पर चलते हैं. ये काफी आगे तक के फैक्टर को डिस्काउंट कर लेते हैं. इस बार भी ऐसा हो रहा है. देश में राजनीतिक स्थिरता है और अर्थव्यवस्था ‘वी’ शेप में ऊपर की ओर जा रही है. इसलिये भी निवेशक यहां पैसे लगा रहे हैं.
एक बात जो देखने की है और वह यह कि इस समय बीएसई या निफ्टी में बड़े पैमाने पर शेयर ऐसे हैं जो बढ़े ही नहीं, बढ़े तो नाम भर के ही जबकि उनकी कंपनियां काम अच्छा ही कर रही हैं. दूसरी ओर कुछ शेयर ऐसे हैं जो अपने अधिकतम पर हैं या फिर दोगुनी कीमत के हो गये हैं. यानी यह एक बड़ा विरोधाभास है.
बाजार अगर धराशायी होता है तो निवेशकों को भारी चोट पहुंचेगी और खलबली मच जाएगी, लेकिन समझदार निवेशकों के लिए एक सलाह है कि उस समय बाजार का दामन छोड़कर आप घाटा ही उठाएंगे. शेयर बाजार का इतिहास गवाह है कि जब यह बुरी तरह गिरता है तो उस समय ही बाद में आने वाली तेजी की नींव भी रखी जाती है. तब शायद थोड़ा यानी एकाध साल तक प्रतीक्षा करनी हो सकती हो सकती है. तेजी और उसके बाद मंदी, यह शेयर बाजार की नियति है.
पहली बार शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं तो इन बातों का ध्यान रखें
अगर आप स्टॉक मार्केट में पहली बार इंवेस्ट करने जा रहे हैं तो आपके लिए ये जानकारी काफी मुफीद साबित हो सकती है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज। (Source Express Photo/Amit Chakravarty)
शेयर बाजार क्या होता है ? शेयर्स की खरीद-फरोख्त कैसे होती है ? शेयर्स क्या होते हैं ? ऐसे ही कई सारी बातें आपके दिमाग में धूमती होंगे और आप सोचते होंगे कि इस बाजार में व्यापार कैसे किया जाए! आइए जानते हैं इस सभी बातों के बारे में कि शेयर बाजार क्या होता है और अगर आप पहली बार इसमें कदम रखने जा रहे हैं तो आपकों किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
क्या होता है शेयर बाजार
शेयर बाजार एक ऐसा बाजार है जहां पर कंपनियों के शेयर को खरीदा-बेचा जाता है। इसे आसान भाषा में समझने के लिए आप यह माने की आप किसी कंपनी में पैसा लगा रहे हैं और उस पैसा लगाने के बदले आपको जो चीज मिलती है उसे शेयर कहते हैं। शेयर एक कंपनी में आपके पैसा लगाने का एक हिस्सा है। भारत में शेयर बाजार को नियंत्रित करने का काम सेबी यानी की सिक्योरिटीस एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ शेयर बाजार क्या है शेयर बाजार क्या है इंडिया (एसईबीआई) का होता है।
पहली बार कैसे करें शेयर बाजार में निवेश
अगर आप शेयर बाजार में पहली बार कदम रखने जा रहे हैं तो कई सावधानियां बरतना जरूरी है। क्योंकि पहली बार निवेश कर रहे हैं तो आपको शुरुआत कम पूंजी से करें निवेश करें और थोड़ा अनुभव लें। पहली बार निवेश करने वालों के लिए अनुभव लेना जरूरी है। बाजार में कई तरह के रिस्क होते हैं और उन्हें आप बेहतर ढंग से अपने अनुभवों से ही समझ सकते हैं। एकदम से बड़ी रकम दांव पर न लागाएं।
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पढ़िए और जानकारी लें
शेयर बाजार में अगर पहली बार निवेश कर रहे हैं तो जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है। खुद को बाजार के बारे में शिक्षित करें, शेयर बाजार में निवेश से जुड़ी अच्छी पुस्तकें पढ़ें। एक्सपर्ट्स की राय जानिए और खुद को तैयार करें। जानकारी के लिए कंपनी की बैलेंस शीट और नतीजों को पढ़ना और समझना सीखें। बिजनेस अखबारों और बिजनेस न्यूज चैनलों पर अपनी नजर रखिए।
कई तरह के निवेश के बारे में जानकारी लें
शेयर बाजार में सिर्फ शेयर ही नहीं बल्कि म्यूचुअल फंड्स, बॉन्ड्स जैसी टर्म्स की भी खरीद-फरोख्त होती है। ऐसे में उनके बारे में भी जानकारी जुटाएं और फिर उनमें इंवेस्ट करें। अलग-अलग तरह के निवेश में अपना अनुभव लें और बेहतर कमाई करें।
रिस्क लीजिए
हम सभी जानते हैं कि हर तरह के कारोबार में कई तरह के रिस्क होते हैं। शेयर बाजार भी कई तरह के रिस्क्स से भरा है। ऐसे में आप समय के साथ रिस्क लेना भी शुरु करें और अपने निवेश को बढ़ाएं। वहीं कई बार लोग भेड़ चाल में शामिल हो जाते हैं। इससे बचें और खुद दिमाग लगा कर बेहतर ऑप्शन्स खोजें। रिस्क लीजिए लेकिन संभलकर लें।
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शेयर बाजार में कोहराम! निवेशकों के डूबे करोड़ों रुपये
Share Market News Today (आज का शेयर बाजार), 01 September 2022: गुरुवार को दोनों मानक सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए। BSE पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 2,78,82,073.02 करोड़ रुपये हो गया।
Share Market News Today, 01 Sept 2022: वैश्विक शेयर बाजारों में कमजोरी के चलते सितंबर महीने के पहले दिन भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट आई। गुरुवार को शुरुआती कारोबार के दौरान भी स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट आई थी। दिनभर के उतार- चढ़ाव के बाद आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 770.48 अंक (1.29 फीसदी) फिसलकर 58,766.59 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 216.50 अंक यानी 1.22 फीसदी गिरकर 17,542.80 के स्तर पर बंद हुआ।
शुरुआती कारोबार में 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स ने 707.39 अंक नीचे 58829.68 के स्तर पर खुला था। आज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 200.80 अंक यानी 1.13 फीसदी फिसलकर 17558.50 के स्तर पर खुला था। गणेश चतुर्थी के त्योहार के चलते बुधवार को भारतीय बाजार में कारोबार नहीं हुआ।
बीएसई पर ऐसा रहा दिग्गज शेयरों का हाल -
कैसी रही सेक्टोरल इंडेक्स की परफॉर्मेंस?
- बैंक - 0.60 फीसदी की गिरावट
- ऑटो - 0.37 फीसदी की बढ़त
- फाइनेंस सर्विस - 0.98 फीसदी की गिरावट
- एफएमसीजी - 0.74 फीसदी की गिरावट
- आईटी - 1.98 फीसदी की गिरावट
- मीडिया - 0.12 फीसदी की बढ़त
- मेटल - 0.94 फीसदी की गिरावट
- फार्मा - 1.14 फीसदी की गिरावट
- पीएसयू बैंक - 0.71 फीसदी की बढ़त
- प्राइवेट बैंक - 0.66 फीसदी की गिरावट
- रियल्टी - 1.08 फीसदी की बढ़त
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने यानी अगस्त 2022 में अमेरिका के शेयर बाजार में करीब 4 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई थी। पिछले सत्र में Dow Jones 280 अंक गिरकर दिन के निचले स्तरों पर बंद हुआ था। नैस्डैक और S&P में 0.50 फीसदी से अधिक की गिरावट आई।
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