क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे खरीदी जाती है और क्या वे कर हैं?

ऐसे खरीद सकते हैं Bitcoin, केवल 100 रुपए से भी शुरू हो सकता है निवेश
Bitcoin समेत किसी भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना अब काफी आसान हो गया है. रिटेल निवेशक इसमें 100 रुपए भी निवेश कर सकते हैं.
TV9 Hindi | Edited By: शशांक शेखर
Updated on: Feb 12, 2021, 2:16 PM IST
16 फरवरी को यह पहली बार 50 हजार डॉलर के पार पहुंचा. 17 फरवरी को यह 52 हजार डॉलर, 19 फरवरी को 56 हजार डॉलर, 20 फरवरी को 57 हजार डॉलर, 21 फरवरी को 58 हजार डॉलर तक पहुंचा. उसके बाद उसकी कीमत में कुछ दिनों के लिए गिरावट आई. 13 मार्च को एकबार फिर इसने 61 हजार का स्तर छुआ. टेस्ला के अलावा बैंक ऑफ न्यूयॉर्क मेलन, ब्लैकरॉक, क्रेडिट कार्ड जायंट मास्टरकार्ड ने भी इस क्रिप्टोकरेंसी को सपोर्ट किया है, जिसके कारण इसकी कीमत में उछाल आया है.
एनर्जी कंजप्शन को लेकर चाइनीज सरकार भी काफी गंभीर है. पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने पिछले महीने क्रिप्टो सर्विसेज पर बैन की घोषणा की. उसके बाद बिटक्वॉइन, इथेरियम जैसी डिजिटल करेंसी में भारी गिरावट दर्ज की गई थी. भारत सरकार भी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ है. RBI मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने फिर कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रिजर्व बैंक अपने रुख पर कायम है और वह इसके खिलाफ है.
रिपोर्ट के मुताबिक इस समय देश में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की संख्या करीब 1 करोड़ है और इन लोगों के पास करीब 10 हजार करोड़ रुपए की क्रिप्टोकरेंसी है. बैंकिंग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रॉयटर्स से नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि RBI का कहना है कि इस रास्ते से मनी लॉन्ड्रिंग की भारी संभावना है. इसलिए बैंकों को बैंकिंग सुविधाएं नहीं उपलब्ध करानी चाहिए.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में जितनी भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, उनका टोटल मार्केट कैप 2 ट्रिलियन डॉलर पार कर चुका है. यह मार्केट कैप 7 जनवरी 2021 को महज 1 ट्रिलियन डॉलर था. केवल तीन महीने में मार्केट कैप दोगुना हो गया है. इसमें आधे से ज्यादा योगदान तो केवल बिटक्वॉइन का है. बिटक्वॉइन का मार्केट कैप 1.13 ट्रिलियन डॉलर को भी पार कर गया है.
IEA डेटा के मुताबिक, 2018 में भारत का टोटल एनर्जी कंजप्शन 1277 TWH रहा था जबकि दुनियाभर में एनर्जी कंजप्शन 23398 TWH रहा था. अमेरिका का कंजप्शन 4033 TWH, रसिया का 929 TWH, जापाना का 940 TWH, फ्रांस का 450 TWH और चीन का 6453 TWH रहा. साल 2019-20 में भारत का ग्रॉस कंजप्शन 1383 TWH रहा. इस तरह भारत जितना एक साल में एनर्जी कंज्यूम करता है उसका आठवां भाग बिटक्वॉइन माइनिंग में खर्च हो जाती है.
वैसे क्रिप्टो एक्सचेंज का चयन क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे खरीदी जाती है और क्या वे कर हैं? एक जटिल प्रक्रिया है. यहां की बातें भी टेक्निकल एक्सपर्ट लोगों को ही समझ में आती है. हालांकि CoinSwitch Kuber जैसे कुछ एक्सचेंज हैं, जहां रिटेल निवेशक आसानी से निवेश कर सकते हैं. इतना सबकुछ होने के बाद भी रिटेल निवेशकों से कहा जाता है कि वे इसमें संभल कर निवेश करें. अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं तो पहले इसके बारे में गहराई से अध्ययन करें. बारीकियों को समझने के बाद ही इसमें निवेश का फैसला लें.
क्या होता है क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट? कैसे करते हैं इस्तेमाल, जानिए हर जरूरी बात
Cryptocurrency News: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के फैसले के बाद क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट पर बैन हटाने के बाद, भारत में क्रिप्टोकरेंसी का काफी क्रेज क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे खरीदी जाती है और क्या वे कर हैं? बड़ गया है. इसी के साथ आज हमको बता रहे हैं क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट (Cryptocurrency Wallet ) के बारें में
जैसा कि नाम से पता चलता है, ये वॉलेट आपको क्रिप्टो एसेट्स और टोकन स्टोर करने में मदद करते हैं
Cryptocurrency News: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के फैसले के बाद क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट पर बैन हटाने के बाद, भारत में क्रिप्टोकरेंसी का काफी क्रेज बड़ गया है. इसी के साथ आज हमको बता रहे हैं क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे खरीदी जाती है और क्या वे कर हैं? क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट (Cryptocurrency Wallet ) के बारें में
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?
बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है. इस करेंसी में कोडिंग तकनीक का इस्तेमाल होता है. इस तकनीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है, जिससे इसे हैक करना बहुत मुश्किल है. यही वजह है कि क्रिप्टोकरेंसी में धोखाधड़ी की संभावना बहुत कम होती है. क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल केंद्रीय बैंक पर निर्भर नहीं होता है, जो कि इसकी सबसे बड़ी खामी है.
क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट क्या हैं?
जैसा कि नाम से पता चलता है, ये वॉलेट आपको क्रिप्टो एसेट्स और टोकन स्टोर करने में मदद करते हैं. एक वॉलेट आपके फोन पर एक अलग डिवाइस या एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम हो सकता है. वे ब्लॉकचैन तकनी का इस्तेमाल सेफ्टी और सिक्योरिटी के साथ आपकी क्रिप्टो एसेट्स को सुरक्षित रखने के लिए मदद करता है, साथ ही क्रिप्टोकरेंसी को भेजने और रिसीव करने की सुविधा भी देता है.
वॉलेट कितने तरह के होते हैं
इन्हें खास तौर पर हॉट एंड कोल्ड वॉलेट (Hot and Cold Wallets) में कैटेगरीज किया जा सकता है. हॉट वॉलेट इंटरनेट से जुड़े होते हैं और इन्हें कभी भी एक्सेस किया जा सकता है. इनमें ऑनलाइन क्लाउड वॉलेट, most मोबाइल वॉलेट, सॉफ्टवेयर वॉलेट और क्रिप्टो एक्सचेंज शामिल हैं.
कोल्ड वॉलेट इंटरनेट से कनेक्ट नहीं होते हैं और आपको अपने क्रिप्टो ऑफ़लाइन को स्टोर करने देते हैं. कोल्ड वॉलेट में हार्डवेयर और पेपर वॉलेट शामिल हैं.
Hardware Wallets : एक हार्डवेयर वॉलेट क्रिप्टो स्टोर करते समय सुरक्षा और सुविधा के बीच बैलेंस बनाने में मदद करता है. हार्डवेयर वॉलेट क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे खरीदी जाती है और क्या वे कर हैं? को आपकी प्राइवेट की (Private Key) को स्टोर करने के ऑनलाइन तरीकों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जैसे कि कंप्यूटर और फोन पर, जिसे हैकर से एक्सेस किया जा सकता है. चूंकि आपकी प्राइवेट की डिवाइस को कभी नहीं छोड़ती है, इसलिए इसे हैक नहीं किया जा सकता है. अगर आपका हार्डवेयर वॉलेट खो जाता है या टूट जाता है, तो आप अपने बिटकॉइन को एक नए डिवाइस से एक्सेस कर सकते हैं जब तक कि आप अपने रिकवरी सीड वर्ड्स को नहीं जानते हैं.
Paper Wallets: पेपर वॉलेट्स को पेपर की प्रिंटेड शीट पर स्टोर किया जाता है और यह सबसे सुरक्षित ऑप्शन में से एक है. क्रिप्टो को प्राइवेट की दर्ज करके या कागज पर क्यूआर कोड को स्कैन करके मूव किया जा सकता है. कंप्यूटर या मोबाइल पर सेव नहीं होने के वजह से उन्हें डिजिटल रूप से हैक या चोरी नहीं किया जा सकता है. आपको किसी थर्ड पार्टी सर्वर पर निर्भर होने की भी जरूरत नहीं है. यूजर अपने फोन का इस्तेमाल करके अपने पेपर वॉलेट या सीड वर्ड्स की तस्वीर कभी नहीं लेनी चाहिए.
आपको एक वॉलेट में क्रिप्टो को कब होल्ड करना चाहिए?
कोल्ड वॉलेट निस्संदेह आपकी क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर करने का सबसे सुरक्षित तरीका है. वे ऑनलाइन वायरस और हैकर्स से बचाने में मदद करता हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि आप अपने डेटा को स्टोर करने के लिए किसी थर्ड पार्टी पर निर्भर नहीं हैं.
ऑनलाइन अटैक या स्कैम के लिए ऑनलाइन या वेब वॉलेट सबसे ज्यादा रिस्क होते हैं. अगर आप क्रिप्टो एक्सचेंज का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आप अपनी एसेट्स के साथ उन पर भरोसा कर सकते हैं.
क्या होता है क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट? कैसे करते हैं इस्तेमाल, जानिए हर जरूरी बात
Cryptocurrency News: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के फैसले के बाद क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट पर बैन हटाने के बाद, भारत में क्रिप्टोकरेंसी का काफी क्रेज बड़ गया है. इसी के साथ आज हमको बता रहे हैं क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट (Cryptocurrency Wallet ) के बारें में
जैसा कि नाम से पता चलता है, ये वॉलेट आपको क्रिप्टो एसेट्स और टोकन स्टोर करने में मदद करते हैं
Cryptocurrency News: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के फैसले के बाद क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट पर बैन हटाने के बाद, भारत में क्रिप्टोकरेंसी का क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे खरीदी जाती है और क्या वे कर हैं? काफी क्रेज बड़ गया है. इसी के साथ आज हमको बता रहे हैं क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट (Cryptocurrency Wallet ) के बारें में
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?
बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है. इस करेंसी में कोडिंग तकनीक का इस्तेमाल होता है. इस तकनीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है, जिससे इसे हैक करना बहुत मुश्किल है. यही वजह है कि क्रिप्टोकरेंसी में धोखाधड़ी की संभावना बहुत कम होती है. क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल केंद्रीय बैंक पर निर्भर नहीं होता है, जो कि इसकी सबसे बड़ी क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे खरीदी जाती है और क्या वे कर हैं? खामी है.
क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट क्या हैं?
जैसा कि नाम से पता चलता है, ये वॉलेट आपको क्रिप्टो एसेट्स और टोकन स्टोर करने में मदद करते हैं. एक वॉलेट आपके फोन पर एक अलग डिवाइस या एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम हो सकता है. वे ब्लॉकचैन तकनी का इस्तेमाल सेफ्टी और सिक्योरिटी के साथ आपकी क्रिप्टो एसेट्स को सुरक्षित रखने के लिए मदद करता है, साथ ही क्रिप्टोकरेंसी को भेजने और रिसीव करने क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे खरीदी जाती है और क्या वे कर हैं? की सुविधा भी देता है.
वॉलेट कितने तरह के होते हैं
इन्हें खास तौर पर हॉट एंड कोल्ड वॉलेट (Hot and Cold Wallets) में कैटेगरीज किया जा सकता है. हॉट वॉलेट इंटरनेट से जुड़े होते हैं और इन्हें कभी भी एक्सेस किया जा सकता है. इनमें ऑनलाइन क्लाउड वॉलेट, most मोबाइल वॉलेट, सॉफ्टवेयर वॉलेट और क्रिप्टो एक्सचेंज शामिल हैं.
कोल्ड वॉलेट इंटरनेट से कनेक्ट नहीं होते हैं और आपको अपने क्रिप्टो ऑफ़लाइन को स्टोर करने देते हैं. कोल्ड वॉलेट में हार्डवेयर और पेपर वॉलेट शामिल हैं.
Hardware Wallets : एक हार्डवेयर वॉलेट क्रिप्टो स्टोर करते समय सुरक्षा और सुविधा के बीच बैलेंस बनाने में मदद करता है. हार्डवेयर वॉलेट को आपकी प्राइवेट की (Private Key) को स्टोर करने के ऑनलाइन तरीकों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जैसे कि कंप्यूटर और फोन पर, जिसे हैकर से एक्सेस किया जा सकता है. चूंकि आपकी प्राइवेट की डिवाइस को कभी नहीं छोड़ती है, इसलिए इसे हैक नहीं किया जा सकता है. अगर आपका हार्डवेयर वॉलेट खो जाता है या टूट जाता है, तो आप अपने बिटकॉइन को एक नए डिवाइस से एक्सेस कर सकते हैं जब तक कि आप अपने रिकवरी सीड वर्ड्स को नहीं जानते हैं.
Paper Wallets: पेपर वॉलेट्स को पेपर की प्रिंटेड शीट पर स्टोर किया जाता है और यह सबसे सुरक्षित ऑप्शन में से एक है. क्रिप्टो को प्राइवेट की दर्ज करके या कागज पर क्यूआर कोड को स्कैन करके मूव किया जा सकता है. कंप्यूटर या मोबाइल पर सेव नहीं होने के वजह से उन्हें डिजिटल रूप से हैक या चोरी नहीं किया जा सकता है. आपको किसी थर्ड पार्टी सर्वर पर निर्भर होने की भी जरूरत नहीं है. यूजर अपने फोन का इस्तेमाल करके अपने पेपर वॉलेट या सीड वर्ड्स की तस्वीर कभी नहीं लेनी चाहिए.
आपको एक वॉलेट में क्रिप्टो को कब होल्ड करना चाहिए?
कोल्ड वॉलेट निस्संदेह आपकी क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर करने का सबसे सुरक्षित तरीका है. वे ऑनलाइन वायरस और हैकर्स से बचाने में मदद करता हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि आप अपने डेटा को स्टोर करने के लिए किसी थर्ड पार्टी पर निर्भर नहीं हैं.
ऑनलाइन अटैक या स्कैम के लिए क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे खरीदी जाती है और क्या वे कर हैं? ऑनलाइन या वेब वॉलेट सबसे ज्यादा रिस्क होते हैं. अगर आप क्रिप्टो एक्सचेंज का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आप अपनी एसेट्स के साथ उन पर भरोसा कर सकते हैं.
ऐसे खरीद सकते हैं Bitcoin, केवल 100 रुपए से भी शुरू हो सकता है निवेश
Bitcoin समेत किसी भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना अब काफी आसान हो गया है. रिटेल निवेशक इसमें 100 रुपए भी निवेश कर सकते हैं.
TV9 Hindi | Edited By: शशांक शेखर
Updated on: Feb 12, 2021, 2:16 PM IST
16 फरवरी को यह पहली बार 50 हजार डॉलर के पार पहुंचा. 17 फरवरी को यह 52 हजार डॉलर, 19 फरवरी को 56 हजार डॉलर, 20 फरवरी को 57 हजार डॉलर, 21 फरवरी को 58 हजार डॉलर तक पहुंचा. उसके बाद उसकी कीमत में कुछ दिनों के लिए गिरावट आई. 13 मार्च को एकबार फिर इसने 61 हजार का स्तर छुआ. टेस्ला के अलावा बैंक ऑफ न्यूयॉर्क मेलन, ब्लैकरॉक, क्रेडिट कार्ड जायंट मास्टरकार्ड ने भी इस क्रिप्टोकरेंसी को सपोर्ट किया है, जिसके कारण इसकी कीमत में उछाल आया है.
एनर्जी कंजप्शन को लेकर चाइनीज सरकार भी काफी गंभीर है. पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने पिछले महीने क्रिप्टो सर्विसेज पर बैन की घोषणा की. उसके बाद बिटक्वॉइन, इथेरियम जैसी डिजिटल करेंसी में भारी गिरावट दर्ज की गई थी. भारत सरकार भी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ है. RBI मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने फिर कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रिजर्व बैंक अपने रुख पर कायम है और वह इसके खिलाफ है.
रिपोर्ट के मुताबिक इस समय देश में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की संख्या करीब 1 करोड़ है और इन लोगों के पास करीब 10 हजार करोड़ रुपए की क्रिप्टोकरेंसी है. बैंकिंग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रॉयटर्स से नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि RBI का कहना है कि इस रास्ते से मनी लॉन्ड्रिंग की भारी संभावना है. इसलिए बैंकों को बैंकिंग सुविधाएं नहीं उपलब्ध करानी चाहिए.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में जितनी भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, उनका टोटल मार्केट कैप 2 ट्रिलियन डॉलर पार कर चुका क्रिप्टोक्यूरेंसी कैसे खरीदी जाती है और क्या वे कर हैं? है. यह मार्केट कैप 7 जनवरी 2021 को महज 1 ट्रिलियन डॉलर था. केवल तीन महीने में मार्केट कैप दोगुना हो गया है. इसमें आधे से ज्यादा योगदान तो केवल बिटक्वॉइन का है. बिटक्वॉइन का मार्केट कैप 1.13 ट्रिलियन डॉलर को भी पार कर गया है.
IEA डेटा के मुताबिक, 2018 में भारत का टोटल एनर्जी कंजप्शन 1277 TWH रहा था जबकि दुनियाभर में एनर्जी कंजप्शन 23398 TWH रहा था. अमेरिका का कंजप्शन 4033 TWH, रसिया का 929 TWH, जापाना का 940 TWH, फ्रांस का 450 TWH और चीन का 6453 TWH रहा. साल 2019-20 में भारत का ग्रॉस कंजप्शन 1383 TWH रहा. इस तरह भारत जितना एक साल में एनर्जी कंज्यूम करता है उसका आठवां भाग बिटक्वॉइन माइनिंग में खर्च हो जाती है.
वैसे क्रिप्टो एक्सचेंज का चयन एक जटिल प्रक्रिया है. यहां की बातें भी टेक्निकल एक्सपर्ट लोगों को ही समझ में आती है. हालांकि CoinSwitch Kuber जैसे कुछ एक्सचेंज हैं, जहां रिटेल निवेशक आसानी से निवेश कर सकते हैं. इतना सबकुछ होने के बाद भी रिटेल निवेशकों से कहा जाता है कि वे इसमें संभल कर निवेश करें. अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं तो पहले इसके बारे में गहराई से अध्ययन करें. बारीकियों को समझने के बाद ही इसमें निवेश का फैसला लें.