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मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड

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फंसे कर्ज अलग कर सकेंगे म्युचुअल फंड

आईएलऐंडएफएस दिवालिया संकट ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को एक अलग पोर्टफोलियो की अवधारणा पेश करने के लिए बाध्य किया है। इस अवधारणा के तहत बाजार नियामक ने दबाव से जूझ रही परिसंपत्तियों को म्युचुअल फंड योजना के लिक्विड हिस्से से अलग किया है। यह प्रावधान अपने विभिन्न डेट निवेश में क्रेडिट जोखिम से जुड़ी योजनाओं के लिए वैकल्पि होगा।

सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा, 'यह व्यवस्था गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) में नकदी संकट की वजह से की गई है। इसलिए, यह उन रिटेल निवेशकों के हित में है जिनकी फंसी परिसंपत्तियां उन परिसंपत्तियों से अलग की गई हैं जो अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। हमारा मानना है कि इस प्रावधान को लागू करने के लिए यह अच्छा समय है।'

सेबी ने बुधवार को अपनी बोर्ड बैठक में कॉरपोरेट बॉन्डों की मूल्यांकन प्रक्रिया में समानता लाने के लिए एक परामर्श पत्र जारी करने का भी निर्णय लिया। नियामक दबाव से जूझ रही परिसंपत्तियों और म्युचुअल फंड योजनाओं के अन्य डेट निवेश के मूल्यांकन के मुद्दे पर भी विचार करेगा।

नियामक ने कहा कि वह कॉरपोरेट बॉन्डों के मूल्य निर्धारण के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित करेगा जिन पर सभी म्युचुअल फंडों के संदर्भ में समान रूप से अमल किया जाएगा। बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को म्युचुअल फंडों को कर्ज अदायगी में चूक या दिवालिया जैसी घटनाओं के समय अपनी बांड या मुद्रा बाजार प्रतिभूतियों में निवेश वाली योजनाओं के मूल्यांकन में पोर्टफोलियों की संकटग्रस्त संपत्तियों (प्रतिभूतियो) को अलग करने की व्यवस्था करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस कदम का मकसद सभी निवेशकों के हितों की सुरक्षा करना है।

पोर्टफोलियो को अलग रखने से तात्पर्य ऐसी व्यवस्था से जिसमें दबाव, नुकसान वाली प्रतिभूतियों को बेहतर प्रतिफल देने वाली संपत्ति से अलग कर के योजना का मूल्यांकन किया जाता है। इससे दबाव वाली संपत्ति को बेहतर प्रदर्शन करने वाली प्रतिभूतियों पर पडऩे वाले प्रभाव को कम किया जाता है या रोका जाता है।

निदेशक मंडल की बैठक के बाद जारी बयान में सेबी ने कहा कि पोर्टफोलियो को अलग करने के साथ जो निवेशक चूक या दिवालिया की स्थिति से प्रभावित होते हैं, उन्हें भविष्य में सुधार का बेहतर लाभ मिलेगा। सेबी के निदेशक मंडल ने बांड और मुद्रा बाजार के संदर्भ में म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश प्रतिफल के बेहतर मूल्यांकन के लिए संकटग्रस्त संपत्तियों को अलग करने की व्यवस्था करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

यह विभिन्न सुरक्षा उपायों पर निर्भर करेगा। नियामक के अनुसार नई सुविधा निर्गम जारी करने वालों के स्तर पर कर्ज लौटाने में चूक या दिवालिया मामलों में कर्ज लेने वालों की भुगतान क्षमता पर पर पडऩे वाले नकारात्मक प्रभाव की स्थिति में उपलब्ध होगी। यह म्यूचुअल फंड के लिए वैकल्पिक होगा। सेबी के अनुसार निदेशक मंडल ने बांड और मुद्रा बाजार उत्पादों में निवेश से संबद्ध म्यूचुअल फंड योजनाओं के लिए मूल्यांकन नियमों की समीक्षा के प्रस्ताव पर भी गौर किया। स्टार्टअप सूचीबद्घता को बढ़ावा देने के लिए सेबी ने विशेषज्ञ समिति के सुझाव पर इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में कई सकारात्मक बदलाव किए हैं।

म्यूचुअल फंड से मिनटों मे निकाल सकेंगे पैसा, सेबी ने नया आदेश जारी किया

Mutual Funds

नई दिल्ली। सेबी (SEBI) ने निवेशकों को राहत देते हुए इंस्टेंट एक्सेस की सुविधा प्रदान की है। इसके तहत रिडेम्पशन रिक्वेस्ट से कुछ ही घंटों या मिनटों के भीतर अपने फंड से पैसा निकाल सकते हैं। निवेशक अपनी यूनिट के मूल्य का 90 प्रतिशत तक निकाल सकते हैं, जो तत्काल एक्सेस सुविधा के लिए 50 हजार रुपए की सीमा के अधीन है।

पर्सनल फाइनेंस: एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश आपको दिला सकता है ज्यादा फायदा, यहां जानें इससे जुड़ी खास बातें

ईटीएफ हर रोज निवेश की जानकारी देते हैं, जिससे इसमें निवेश ज्यादा पारदर्शी होता है - Dainik Bhaskar

आज कल निवेशकों के पास अपना पैसा निवेश करने के कई ऑप्शन हैं। इनमें से एक ऑप्शन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) भी है। एक्सचेंज ट्रेडेड फंड शेयरों के एक सेट में निवेश करते हैं। ये आमतौर पर एक खास इंडेक्स को ट्रैक करते हैं। आज हम आपको ETF और इसमें निवेश करने के फायदों के बारे में बता रहे हैं।

क्या है ETF?
ETF एक प्रकार का निवेश है जिसे स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदा और बेचा जाता है। ईटीएफ व्यापार शेयरों में व्यापार के समान है। ETF में बांड, या स्टॉक खरीदे बेचे जाते हैं। एक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड एक म्यूचुअल फंड की तरह है, लेकिन म्यूचुअल फंड के विपरीत, ईटीएफ को ट्रेडिंग अवधि के दौरान किसी भी समय बेचा जा सकता है।

ETF मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड के प्रकार

गोल्ड ETF
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के जरिए निवेशक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सोना खरीद/बेच सकते हैं और आर्बिटेज गेन (एक मार्केट से खरीदकर दूसरे मार्केट में बेचने पर लाभ) ले सकते हैं। भारत में गोल्ड ईटीएफ 2007 से चल रहे हैं और एनएसई और बीएसई में रेगुलेटेड इंस्ट्रूमेंट्स हैं। गोल्ड ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज में पर एक ग्राम के यूनिट आकार में ट्रेड किए जाते हैं। इसकी कीमत में होने वाला बदलाव मार्केट में फिजिकल गोल्ड की कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव से जुड़ा होता है।

इंडेक्स ETF
इंडेक्स ETF में निफ्टी या सेंसेक्स जैसे इंडेक्स होते हैं और उनकी कीमत में होने वाला उतार-चढ़ाव उसके अन्तर्निहित इंडेक्स में होने वाले उतार-चढ़ाव के समान होता है। उदाहरण के लिए एक बैंकिंग ETF, एक बैंकिंग इंडेक्स के अनुसार काम करता है और उसकी कीमत उस बैंकिंग इंडेक्स में होने वाले उतार-चढ़ाव के अनुसार घटेगी या बढ़ेगी।

बॉन्ड ETF
एक बॉन्ड ETF के पैसे को उन बॉन्ड्स में इन्वेस्ट किए जाते हैं, जो उसके अन्तर्निहित इंडेक्स के घटकों से जुड़े होते हैं। यह एक ऐसा बॉन्ड ETF हो सकता है, जो किसी खास मैच्योरिटी होराइजन पर आधारित हो जैसे- शॉर्ट टर्म, लॉन्ग टर्म इत्यादि। भारत बॉन्ड ETF एक निर्धारित मेच्योरिटी पीरियड के साथ इस कैटेगरी के अंतर्गत आता है।

करेंसी ETF
करेंसी ETF मुद्रा विनिमय कारोबार वाले फंड निवेशक को एक विशिष्ट मुद्रा खरीदे बिना मुद्रा बाजारों में भाग लेने की अनुमति देते हैं। यह एकल मुद्रा में या मुद्राओं के पूल में निवेश किया जाता है। इस निवेश के पीछे एक मुद्रा या मुद्राओं की एक टोकरी के मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड मूल्य आंदोलनों को ट्रैक करना है।

सेक्टर ETF
सेक्टर ETF केवल एक विशिष्ट क्षेत्र या उद्योग के शेयरों और सिक्युरिटीज में निवेश करता है। कुछ सेक्टर-विशिष्ट ईटीएफ फार्मा फंड्स, टेक्नोलॉजी फंड्स आदि हैं, जो इन विशिष्ट क्षेत्रों में आते हैं।

ETF से जुड़ी खास बातें
ETF के पोर्टफोलियो में कई तरह की सिक्योरिटीज (प्रतिभूतियां) होती हैं। इनका रिटर्न इंडेक्स जैसा होता है। ये शेयर बाजार पर लिस्ट होते हैं। वहां इन्हें खरीदा-बेचा जा सकता है। यानी ETF का रिटर्न और रिस्क बीएसई सेंसेक्स जैसे इंडेक्स या सोने जैसे एसेट में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। ETF के मूल्य वास्तविक समय में पता चल जाते हैं। यानी लेनदेन के समय ही इनके दामों का भी पता लग जाता है। जबकि म्यूचुअल फंडों के एनएवी के साथ यह नहीं होता है। एनएवी का कैलकुलेशन दिन के अंत में होता है। ETF पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने का किफायती और कारगर विकल्प हैं। कारण है कि ये तमाम इंडेक्स, सेक्टर, देश और एसेट क्लास को कवर करते हैं।

ईटीएफ की सबसे बड़ी खूबी है उसका लिक्विड होना। शेयर बाजार में ट्रेडिंग के चलते इसे खरीदना और बेचना अपेक्षाकृत आसान है। इसमें निवेश के लिए आपको म्यूचुअल फंड के डिस्ट्रिब्यूटर के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती। म्यूचुअल फंड की आम स्कीमों में अपनी यूनिट्स बेचने के लिए भी आपको म्यूचुअल फंड कंपनी के पास जाना पड़ता है। शेयर बाजार में खरीद-फरीख्त होने से इसकी कीमत रियल टाइम होती है। ईटीएफ खरीदने के लिए आपको अपने ब्रोकर के माध्यम से डीमैट अकाउंट खोलना होता है। इसके माध्यम से आप खरीद फरोस्त कर सकते हैं। यह बात म्यूचुअल फंड स्कीम में लागू नहीं होती।

फ्रैंकलिन टेम्पलटन मध्य प्रदेश में फ्रैंकलिन इंडिया बैलेंस्ड एडवांटेज फंड कर रहे लॉन्च

फ्रैंकलिन टेम्पलटन मध्य प्रदेश में फ्रैंकलिन इंडिया बैलेंस्ड एडवांटेज फंड कर रहे लॉन्च

फ्रैंकलिन टेम्पलटन (भारत) मध्य प्रदेश में फ्रैंकलिन इंडिया बैलेंस्ड एडवांटेज फंड (FIBAF) नामक एक ओपन-एंडेड डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड लॉन्च कर रहा है। फंड का उद्देश्य इक्विटी और इक्विटी से संबंधित उपकरणों तथा निश्चित आय और मुद्रा बाजार मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड उपकरणों के गतिशील रूप से प्रबंधित पोर्टफोलियो में निवेश करके दीर्घकालिक पूंजी वृद्धि और आय का सृजन करना है।

फ्रैंकलिन टेम्पलटन का मानना है कि मध्य प्रदेश में म्यूचुअल फंड के विकास की प्रबल संभावना है, क्योंकि नए निवेशक ट्रेडिशनल अश्योर्ड रिटर्न प्रोडक्ट्स मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड से घटते रिटर्न के बाद निवेश के वैकल्पिक तरीकों को देखते हैं। फंड हाउस मध्य प्रदेश में अपने डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क को बढ़ाने को लेकर कार्यरत है। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक निवेशकों को म्यूचुअल फंड निवेश के लाभों के बारे में अवगत कराना है। मध्य प्रदेश में म्यूचुअल फंड उद्योग की प्रबंधनाधीन संपत्ति वर्तमान में लगभग ५२,000 करोड़ रूपए है, जो इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर सहित अन्य जैसे प्रमुख शहरों में फैली हुई है; और मध्यम से लंबी अवधि में एक्सपोनेंशियल ग्रोथ के लिए तैयार है।

FIBAF अपनी निवेश जरूरतों के लिए 'वन-स्टॉप' समाधान चाहने वाले निवेशकों के लिए एक विवेकपूर्ण विकल्प है, क्योंकि यह बाजार मूल्यांकन और मौलिक कारकों-संचालित विचारों के आधार पर इक्विटी और ऋण के बीच सामरिक आवंटन प्रदान करता है। यह प्रोडक्ट उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है, जो न केवल इक्विटी में वृद्धि के अवसरों का लाभ उठाने के इच्छुक हैं, बल्कि बाजार की अस्थिरता के प्रभाव को कम करना भी पसंद करते हैं। नया फंड ऑफर 16 अगस्त, 2022 को खुलेगा और 30 अगस्त, 2022 को बंद हो जाएगा, जिसके दौरान इकाई 10/- रुपये प्रति इकाई की दर से उपलब्ध होंगी।

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फंड मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड के लॉन्च पर बोलते हुए, फ्रैंकलिन टेम्पलटन-इंडिया के अध्यक्ष अविनाश सतवालेकर ने कहा, “हम एक और विविध निवेश पेशकश लाने के लिए उत्साहित हैं, जो मध्य प्रदेश में जो निवेशकों को बदलते बाजारों के माध्यम से सरल और कुशल तरीके से नेविगेट करने में मदद करता है। हम भारत में विकास के एक नए अध्याय को शुरू करने के लिए उत्सुक हैं, और FIBAF का शुभारंभ इस दिशा में पहला है।

“यह नया फंड उन निवेशकों के लिए है जो लंबी अवधि में इक्विटी और डेट में संतुलित निवेश करना चाहता हैं, साथ ही समय-समय पर बाजार द्वारा प्रदान किए गए अवसरों का भी फायदा उठाना चाहता हैं। विविधीकरण के लाभों के अतिरिक्त, यह सूत्र-चालित दृष्टिकोण अपने अंतर्निर्मित 'खरीद-बिक्री' अनुशासन के साथ लालच और भय की भावनाओं के कारण होने वाले व्यवहारिक पूर्वाग्रहों को नकारने में मदद करता है।"

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फंड लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए, आनंद राधाकृष्णन, प्रबंध निदेशक और मुख्य निवेश अधिकारी - इमर्जिंग मार्केट्स इक्विटी इंडिया, फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने कहा, “हाल के महीनों में वैश्विक इक्विटी बाजारों में सुधार हुआ है और मुद्रास्फीति, ब्याज दर और चल रहे भू-राजनीतिक तनाव के कई विपरीत परिस्थितियों के बीच अस्थिर बना हुआ है।

भारतीय बाजार भी प्रभावित हुए हैं लेकिन प्रमुख विकसित और ईएम समकक्षों (डॉलर के संदर्भ में) की तुलना में काफी बेहतर रहे हैं। बाजार में उतार-चढ़ाव के ऐसे प्रकरण निवेशकों को गलत दिशा में ले जा सकते हैं, जिससे वे उप-इष्टतम निर्णय लेने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, फ्रैंकलिन इंडिया बैलेंस्ड एडवांटेज फंड इक्विटी आवंटन के लिए फ्लेक्सी-कैप दृष्टिकोण अपनाएगा। यह योजना उच्च गुणवत्ता वाले उपकरणों में निवेश करने का प्रयास करेगी, जिसमें 80% से अधिक निश्चित आय पोर्टफोलियो AAA-रेटेड कागजात में होंगे। यह दोनों दुनिया के सर्वश्रेष्ठ की तलाश करने वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त बनाता है।

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वे आगे कहते हैं, "एसेट एलोकेशन फ्रैंकलिन टेम्पलटन के इन-हाउस प्रोप्राइटरी डायनेमिक एसेट एलोकेशन मॉडल और फ्लेक्सी-कैप पोर्टफोलियो के समान एक सक्रिय स्टॉक चयन प्रक्रिया से लिया गया है। हमें विश्वास है कि इससे निवेशकों को लंबी अवधि में निवेशित रहने में सक्षम बनाकर उनके परिणामों में सुधार करने में मदद मिलेगी।

फंड की रणनीति पर बोलते हुए, के राजासा, वीपी और पोर्टफोलियो मैनेजर- फ्रैंकलिन इंडिया बैलेंस्ड एडवांटेज फंड, ने कहा, “FIBAF एक गतिशील रूप से प्रबंधित फंड और एक संपूर्ण पोर्टफोलियो समाधान है। FIBAF का समर्थन करने वाली एसेट एलोकेशन रणनीति को इनपुट उपयोग और परिसंपत्ति पुनर्संतुलन की आवधिकता के लिए सफलतापूर्वक अनुकूलित किया गया है। सकल इक्विटी एक्सपोजर को 65% से 100% के बीच बनाए रखने का उद्देश्य है। किसी भी समय, मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड यदि इक्विटी आवंटन 65% से कम हो जाता है, तो इक्विटी डेरिवेटिव का उपयोग करके सकल इक्विटी एक्सपोजर को बनाए रखा जाएगा। बाकी के लिए डेट साधन तैयार होंगे। यदि इक्विटी परिसंपत्ति वर्ग के लिए आवंटन, वर्ष के लिए 65% से अधिक है, तो फंड इक्विटी कराधान के लिए योग्य है।

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उन्होंने आगे विस्तार से कहा, "हम इक्विटी अस्सेस्ट एलोकेशन को निर्धारित करने के लिए मात्रात्मक और गुणात्मक कारकों के संयोजन का उपयोग करेंगे। मात्रात्मक पैरामीटर महीने के अंत भारित औसत मूल्य का कमाई (पी/ई) से अनुपात और निफ्टी 500 इंडेक्स के मूल्य का बुक वैल्यू P/BV से अनुपात पर आधारित होगा। अनुपात बैंड के अनुसार, (P/E) और P/BV दोनों के लिए अलग-अलग इक्विटी आवंटन की पहचान की जाएगी। इन मापदंडों में से प्रत्येक को 50% मुद्रा बाजार म्यूचुअल फंड वेटेज दिया जाएगा और अंतिम इक्विटी आवंटन तक पहुंचने के लिए जोड़ा जाएगा। हम विभिन्न कारकों जैसे व्यापक आर्थिक रुझान, नीति पृष्ठभूमि, समग्र कॉर्पोरेट बुनियादी बातों, बाजार तरलता मॉडल आदि के गुणात्मक मूल्यांकन के साथ मात्रात्मक पैरामीटर-आधारित इक्विटी आवंटन को भी ओवरले करेंगे।

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