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बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें

बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें
शेयर मार्केट में निवेश करते समय कुछ बुनियादी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

निवेश करना सीखें

अपनी मेहनत की कमाई को सही जगह निवेश करने के लिये सोच-समझकर योजना बनाने की आवश्‍यकता है। निवेश के संदर्भ में लिया गया गलत निर्णय आपकी पूंजी का सफाया कर सकता है। अत:, निवेशक को निवेश करने से पूर्व निवेश के विभिन्‍न विकल्‍पों का गहनता से विश्‍लेषण करना चाहिये। निवेश का एक लोकप्रिय विकल्‍प शेयर बाजार भी है। शेयर बाजार में लाभ कमाने की अपरिमित क्षमता है, इसलिये बहुत से लोग अपनी पूंजी का निवेश यहां करते हैं। इस आलेख में, हम शेयर बाजार में निवेश करने के विभिन्‍न पहलुओं पर गौर करेंगे।

जब आप कोई शेयर (स्‍टॉक) खरीदते हैं, तो आप कंपनी के एक अंश का स्‍वामित्‍व हासिल कर लेते हैं। इसके बदले में, कंपनी जब मुनाफा कमाती है तो लाभांश के रुप में आपको लाभ देती है। लाभांश की राशि इस बात पर निर्भर करती है कि आपके पास कितने शेयर हैं। इसके अतिरिक्‍त, दीर्घ अवधि में शेयर के मूल्‍य में होने वाली वृद्धि से आपकी पूंजी में भी अभिवृद्धि होगी। अतएव, शेयर खरीदने से लाभांश के रुप में नियमित आय प्राप्‍त होगी और दीर्घ अवधि में शेयर के मूल्‍य में होने वाली वृद्धि से संपत्ति में भी अभिवृद्धि होगी।

हालांकि, शेयर बाजार में निवेश करते हुये आपको शेयर का चयन करते हुये काफी सतर्क रहना होगा। अत:, शेयर बाजार में निवेश करने से पूर्व, आपको कुछ बातें सीखने और समझने की आवश्‍यकता है। ये बातें निम्‍न हैं;

शेयर बाजार में निवेश करने से पूर्व जानने योग्‍य बातें

किसी भी शेयर को आंखें मूंद कर न खरीदें

आंख मूंद कर खरीद गया शेयर आपके लिये भारी नुकसानदायक हो सकता है। हमेशा यह सलाह दी जाती है कि शेयर बाजार में निवेश करने से पूर्व शोध एवं विश्‍लेषण करना आवश्‍यक है। एक गलत निर्णय आपकी पूंजी का सफाया कर सकती है। अतएव, शेयर बाजार में निवेश करने से पूर्व आपको अपना वित्तिय लक्ष्‍य निर्धारित करना होगा और कुछ जानकारी प्राप्‍त करती होगी।

शेयर बाजार में पैसे पेड़ पर नहीं फलते

आम तौर पर निवेशक शेयर बाजार में यह सोच कर निवेश करते हैं कि वे असानी से लाभ कमायेंगे। वे शेयर बाजार में कुछ लोगों की कहानी-जिन्‍होंने शेयर बाजार से काफी संपत्ति अर्जित की है, सुनकर निवेश का निर्णय लेते हैं। लेकिन उन्‍हें यह बात भली-भांति समझ लेनी चाहिये कि शेयर बाजार में पैसे पेड़ पर नहीं फलते हैं। बाजार में संपत्ति अर्जित करने के लिये सही शेयर का चयन और दीर्घ अवधि तक निवेश का धैर्य होना आवश्‍यक है।

बुद्धिमानी से आवंटन करें

शेयर बाजार में निवेश करते समय आपको काफी सावधान रहने को आवश्‍यकता है। आपको अपने पैसे के उस भाग को निवेश करने से बचना चाहिये, जिसका नुकसान आप गवारा नहीं कर सकते हैं। निवेश के अन्‍य विकल्‍पों की ही तरह, शेयर बाजार में भी निवेश के साथ कुछ जोखिम अंतर्निहित है, और यदि आप में जोखिम सहने की क्षमता है तो आप दीर्घ अवधि में अच्‍छा प्रतिफल प्राप्‍त कर सकते हैं। संक्षेप में यह बात बेहतर तरीके से समझ लेनी चाहिये कि आकस्मिक निधि का निवेश शेयर बाजार में नहीं करना चाहिये।

ऋण लेकर निवेश करने से बचें

शेयर बाजार में ऋण लेकर निवेश नहीं करना चाहिये। ब्रोकर और बैंक आपको मार्जिन मनी लेकर सौदे करने की इजाजत देते हैं। जब बाजार में तेजी रहती है, तब तक तो ठीक है, मंदी की स्थिति में आपकी पूंजी का भी सफाया हो सकता है। अतएव आपको किसी भी प्रकार का ऋण लेकर निवेश नहीं करना चाहिये और सावधान रहना चाहिये।

दूसरों की नकल न करें और न दूसरों की सुनें

शेयर बाजार में निवेश का निर्णय इस बात से प्रभावित नहीं होना चाहिये कि दूसरे क्‍या कर रहे है अथवा कह रहे हैं। दूसरों की नकल करना उल्‍टा पड़ सकता है और नुकसान हो सकता है। शेयर बाजार में निवेश की सर्वश्रेष्‍ठ रणनीति यह है कि आप अपना शोध स्‍वयं करें और उस पर विश्‍वास करें। यदि आपने अभी-अभी निवेश करना प्रारंभ किया है तो आपको ऐसे व्‍यवसाय में निवेश करना चाहिये जो समझने और विश्‍लेषण करने में आसान हो।

बाजार के उतार – चढ़ाव का आकलन करने से बचें

बहुत से निवेशक बाजार के उतार – चढ़ाव का आकलन करने में अपना नुकसान कर बैठते हैं। बाजार बहुत से चरण से गुजरता है। यदि आप अच्‍छे शेयर में निवेशित रहेंगे तो आप किसी भी चरण में मुनाफा कमायेंगे। बाजार में होने वाली प्रत्‍येक गिरावट, अपने पोर्टफोलियो में अच्‍छे शेयर जोड़ने का अवसर प्रदान करती है। शेयर बाजार में निवेश करते समय सदैव अनुशासित दृष्टिकोण अपनाना चाहिये।

अधिक उम्‍मीद मत करें

शेयर बाजार में निवेश करने वाले, शेयर बाजार से अवास्‍तविक प्रतिफल की उम्‍मीद पाल बैठते हैं। ऐसी उम्‍मीदें तेजी के समय बंधती हैं जब बाजार में 100 प्रतिशत अथवा उससे भी अधिक का मुनाफा होता है। अधिक उम्‍मीद के साथ निवेश करने पर अधिमूल्‍यांकित शेयर के साथ खराब पोर्टफोलियो बनने का डर बना रहता है।

उपरोक्‍त तथ्‍यों से आरंभिक निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने में मदद मिलेगी। आइये अब हम शेयर बाजार में निवेश की कुछ युक्तियां सीखते हैं।

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शेयर बाजार में निवेश की कुछ युक्तियां

दीर्घ अवधि के लिये लक्ष्‍य निर्धारित करें

शेयर बाजारमें निवेश करने से पूर्व आपके वित्तिय लक्ष्‍य स्‍पष्‍ट होने चाहिये। शेयर बाजार में दीर्घ अवधि के लिये ही निवेश करके संपत्ति अर्जित की जा सकती है। आपको इस समझ के साथ निवेश करना होगा कि निवेश पर आपको कितना प्रतिफल चाहिये और आप दीर्घ अवधि के लिये कितनी पूंजी निवेशित करने के लिये तैयार हैं।

अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें

शेयर बाजार में निवेश करते वक्‍त, नये निवेशकों के लिये अपनी भावनाओं को नियंत्रित रख पाना बहुत मुश्किल होता है। जब शेयर बाजार में निवेश की बात आती है, यह सबसे बड़ी बाधा होती है। भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाने की वजह से निर्णय में गलती हो जाती है और परिणामस्‍वरुप भारी नुकसान हो जाता है। शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव का माहौल होता है जिसकी वजह से आरंभिक निवेशकों में तनाव और असुरक्षा की भावना व्याप्‍त होती है। इस परिदृश्‍य में,आरंभिक निवेशकों को यह सलाह दी जाती है कि वे भावनाओं के भंवर जाल में न उलझें और जल्‍दबाजी में निर्णय लेने से बचें।

मूलभूत सिद्धान्‍तोंको समझ

आरंभिक निवेशकों को शयर बाजार में निवेश करने से पूर्व उन मूलभूत सिद्धान्‍तों को समझ लेना चाहिये जिनसे शेयर के मूल्‍य संचालित होते हैं। सबसे पहले, निवेशकों को यह समझ लेना चाहिये कि शेयर का मूल्‍यांकन कैसे होता है, और किस मूल्‍य पर शेयर खरीदना उचित है। दूसरी बात, दीर्घ अवधि का निवेश कंपनी और उस क्षेत्र के बुनियादी मजबूती पर निर्भर करता है। सही शेयर के चयन के लिये मूलभूत सिद्धान्‍तों की समझ काफी महत्‍वपूर्ण है। शेयर के चयन में होने वाली गलती की वजह से दीर्घ कालीन नुकसान हो सकता है। निवेशक सही शेयर के चयन की कला में माहिर होने के लिये शेयर का तकनिकि विश्‍लेषण भी सीख सकते हैं।

विविधता

यह हमेशा सलाह दी जाती है कि, विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो का गठन करना चाहिये। शेयर बाजार में निवेश करते समय, निवेशकों को विभिन्‍न क्षेत्रों के शेयर में निवेश करना चाहिये। जिस प्रकार आपको अपने सभी अंडे एक ही टोकरी में नहीं रखना चाहिये, उसी प्रकार आपको अपनी सारी पूंजी एक ही शेयर में निवेशित नहीं करना चाहिये।

किसी एक शेयर के मूल्‍य में होने वाली गिरावट से आपकी पूरी बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें पुंजी का सफाया हो सकता है। अतएव, जब आप अपने पैसों का निवेश विभि‍न्‍न क्षेत्रों के बहुत से शेयरों में करते हैं तो, आप अपने जोखि‍म को कम करते हैं। य‍ह हो सकता है कि किसी एक क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर नहीं हो तो वहीं दूसरा क्षेत्र बेहतरीन प्रदर्शन करे। विविधतापूर्ण फोर्टफोलियो से कम जोखि‍म के साथ दीर्घ कालीन संपत्‍त‍ि के संग्रहण में सहायता मिलती है।

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शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब

Share Market Guide: शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा, किस कंपनी का शेयर खरीदे?

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब

महंगाई (Inflation) बढ़ रही है और रुपये (Rupee) का मूल्य घट रहा है. यानी सिर्फ पैसा बचाने से काम नहीं चलेगा, पैसा बढ़ाना भी पड़ेगा. ऐसे में शेयर बाजार (Share Market) में निवेश अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन शेयर मार्केट (Stock Market) में पहली बार निवेश करने वालों के लिए क्या जानना जरूरी है? शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है?

कब कर सकते हैं? किस शेयर में पैसा लगाएं? ये सारी बातें यहां हम आपको बता रहे हैं.

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब

1. शेयर क्या है?

किसी कंपनी को चलाने के लिए पूंजी यानी कैपिटल की जरूरत पड़ती है. अब कंपनी को चलाने के लिए मालिक बाजार से पैसा उठाना चाहता है तो वह कैपिटल को हिस्सों में बांट देता है यही हिस्से कहलाते हैं शेयर. जैसे किसी कंपनी की कैपिटल 100 रुपये है. अब कंपनी इसे 100 हिस्सों में बांट दें तो वे 100 हिस्से शेयर्स कहलाएंगे और एक शेयर एक रुपये का होगा. अब इसी कैपिटल को दो या 5 हिस्सों में भी बांटा जा सकता है. यानी कंपनी की एक यूनिट एक शेयर के बराबर होती है.

अब आप किसी कंपनी का हिस्सा बनना चाहते हैं तो उसके शेयर खरीद सकते हैं. इन्हीं शेयर्स की जब आप खरीदी बिक्री करने जिस बाजार में जाएंगे उसे कहते हैं शेयर बाजार.

2. शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा?

शेयर बाजार में पांव रखने से पहले आपको चाहिए डिमैट अकाउंट. जैसे बैंक में बचत, एफडी में निवेश के लिए बैंक अकाउंट चाहिए वैसे ही शेयर मार्केट में निवेश के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट के जरिए ही शेयर्स को खरीदा-बेचा जाता है, होल्ड किया जाता है. यह एक तरह से शेयर्स का डिजिटल अकाउंट है.

3. डीमैट अकाउंट क्या है

डीमैट अकाउंट मतलब- डीमटेरियलाइज्ड यानी किसी भी फिजिकल चीज का डिजिटलाइज होना. डिमैट अकाउंट आप चंद सैकेंड में खोल सकते हैं. आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसी केवाईसी डॉक्यूमेंट लगती हैं. इसके लिए ब्रोकर की जरूरत होती है. अब ब्रोकर कोई व्यक्ति भी हो सकता है और कंपनी भी. ब्रोकर की वेबसाइट या एप पर जाकर डिमैट अकाउंट आसानी से खोला जा सकता है. अगर आप नेटबैंकिंग करते हैं तो आपके बैंक की वेबसाइट या एप पर भी डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं. आमतौर पर इसकी लिए कोई फीस नहीं देनी होती लेकिन यह कंपनी पर निर्भर करता है कि वे डिमैट के लिए कितना वसूलना चाहते हैं.

4. किस कंपनी का शेयर खरीदें?

जवाब है किसी अच्छी कंपनी है, क्योंकि अच्छी कंपनी के शेयर्स अच्छा रिटर्न देते हैं. अच्छी कंपनी मतलब जिसका प्रॉफिट, प्रोडक्ट, भविष्य अच्छा हो. शेयर मार्केट की भाषा में इसे कंपनी के फंडामेंटल्स यानी बुनियादी बातें कहते हैं, कंपनी के फंडामेंटल्स अच्छे हैं तो कंपनी का भविष्य अच्छा माना जाता है. इसके लिए आपको कंपनी की सालाना बैलेंस शीट पर नजर रखनी होती है. यानी कंपनी कितना कमा रही है, कितना कर्ज है, कितना मुनाफा हो रहा है? कंपनी के शेयर्स ने पहले कैसा प्रदर्शन किया है. ये सब देखना होता है. कई बार खबरें भी कंपनी के शेयर्स को प्रभावित करती हैं. जैसे कि जब दुनिया के सबसे अमीर आदमी ईलॉन मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऐलान किया तो निवेशकों में ट्विटर के शेयर्स को खरीदने की होड़ लग गई. लेकिन निवेशक केवल कंपनी के फंडामेंटल्स पर ध्यान दें तो भी काम बन सकता है. सबसे पहले ऐसे शेयर में निवेश करें जो सुरक्षित हैं. यानी उन बड़ी कंपनियों के शेयर्स खरीदें जो दशकों पुरानी हैं, प्रॉफिट में रहती है और आगे भी रहेंगी. इससे आप नुकसान में नहीं रहेंगे. जब इसमें निवेश कर लें तो शेयर्स को स्टडी करना सीखें, कंपनी की बैलेंस शीट पढ़ना सीखें.

5. प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट क्या है?

जब आप कोई शेयर सीधे कंपनी से खरीदते हैं जैसे की आईपीओ के जरिए.. यह प्राइमरी मार्केट है. यानी कंपनियां जो शेयर्स बाजार में इश्यू करती है. लेकिन जब सीधे कंपनी से खरीदे हुए शेयर्स को आप अन्य खरीदारों में बेचने जाते हैं तो वो सेकेंड्री मार्केट है. यानी इश्यू किए हुए शेयर्स की जब खरीद बिक्री होती है.

6. ट्रेडिंग या निवेश?

एक्सपर्ट कहते हैं कि 5 साल, 10 साल या उससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करने वाले फायदे में रहते हैं. यानी लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट. अब शेयर बाजार को गहनता से समझने वाले और रिस्क उठा सकने वाले ही शॉर्ट टर्म या हर रोज शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. कितना और कितने समय के लिए निवेश? अब सबसे पहले आप ये तय करें कि निवेश कितना करना है और कितने समय के लिए. फिर तय करें कि आप निवेश करना क्यों चाहते हैं यानी कि आपका उद्देश्य क्या है. जैसे, शिक्षा, शादी या घर खरीदने जैसे गोल्स. इसी अनुसार आप आगे बढ़ते हैं और तभी आप फैसला ले पाएंगे कि आपको किस शेयर में निवेश करना है. शेयर मार्केट में शुरुआत धीमी रखें.

7. शेयर बाजार नहीं समझते हैं तो कैसे निवेश करें?

अगर आपके पास इन सब के लिए समय नहीं है या समझ नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से ही सलाह लें, एक्सपर्ट को बताएं कि आप कितना खर्च करना चाहते हैं और कितने समय के लिए. आपका निवेश का उद्दश्य क्या है और आप निवेश से कितने रिटर्न की अपेक्षा रखते हैं. एक उपाय म्यूचुअल फंड भी हैं. जिसमें कुछ एक्सपर्ट आपके जैसे कई निवशकों के पैसे को कहां लगाना है ये तय करते हैं.

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निवेश की बात: इक्विटी में निवेश से हुई तगड़ी कमाई, इसकी सुरक्षा पक्की करने के लिए डेट में लगाएं पैसा

2021 आखिरी पड़ाव पर है। यह साल काफी हद तक कोविड महामारी से प्रभावित रहा। महंगाई चरम पर पहुंची और आम लोगों की बचत में बड़ी सेंध लगी। इस बीच शेयर बाजार नई ऊंचाई छूकर लौटा, हालांकि सोना 2020 के रिकॉर्ड लेवल से नीचे ही रहा। माना जा रहा है कि 2022 ज्यादा स्थिर और सहूलियतों वाला साल होगा।

सर्विसेज और पर्यटन जैसे जो क्षेत्र इस साल रिकवरी में पीछे रह गए, नए साल में उनका बिजनेस भी चल पड़ेगा। कुल मिलाकर हालात बदलेंगे। ऐसे में निवेश पोर्टफोलियो में भी बदलाव जरूरी है। इस बार पोर्टफोलियो समीक्षा में डेट की बड़ी भूमिका रहेगी।

सेंट्रल बैंकों के बाजार में झोकने से महंगे हुए शेयर
दरअसल, 2008 से अब तक दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने लगभग 25,000 अरब डॉलर (करीब 1,890 लाख करोड़ रुपए) बाजार में झोके हैं और अब भी मनी प्रिटिंग जारी है। इसके चलते शेयरों के दाम काफी बढ़ गए हैं और डेट समेत अन्य एसेट क्लास फीके नजर आ रहे हैं। लेकिन अब भी उनकी अहमियत कम नहीं हुई है।

इक्विटी बाजार में जो रिस्क बढ़ा है, उससे सुरक्षा के लिए डेट इंस्ट्रूमेंट्स काम आएंगे। ICICI प्रूडेंशियल एएमसी के ईडी और सीआईओ एस. नरेन आपको बजा रहे हैं कि आने वाले एक साल में आपको निवेश को लेकर किस तरह की रणनीति रखनी चाहिए।

एसेट एलोकेशन
पोर्टफोलियो में आम तौर पर इक्विटी, डेट और गोल्ड जैसे एसेट होते हैं। इनमें से किसमें कितना पैसा लगाना है (एसेट एलोकेशन), यह निवेश के लक्ष्य और निवेशक की जोखिम उठाने की क्षमता पर निर्भर करता है। आम तौर पर देखा गया है कि शेयर बाजार में तेजी के दौरान निवेशक एसेट एलोकेशन की बुनियादी बातें नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यदि आप अगले 5 साल में निवेश से शानदार रिटर्न चाहते हैं तो एसेट एलोकेशन का ध्यान रखें। 1994, 1999 और 2007 में जिन निवेशकों ने ऐसा किया था, वे काफी फायदे में रहे थे।

बैलेंस्ड अप्रोच से फैसले करें, भावनाओं में न बहें
बैलेंस्ड अप्रोच का मतलब है बीते कुछ वर्षों के रुझान को ध्यान में रखते हुए फैसले करना। बीते साल मिड और स्मॉल कैप शेयरों में निवेश अच्छी रणनीति थी, क्योंकि भारी गिरावट के चलते वे अच्छे भाव पर उपलब्ध थे। हो सकता है 2022 में अलग तरह के हालात हों। ऐसे में बूस्टर एसटीपी जैसे टूल मददगार साबित हो सकते हैं। इस सिस्टमेटिक ट्रांसफर प्लान में मार्केट वैल्यूएशंस के आधार पर तय समय में एक स्कीम से दूसरे स्कीम में रकम ट्रांसफर की जाती है। यह हर परिस्थिति का फायदा उठाने का उम्दा तरीका है।

कंजरवेटिव बनना बेहतर
बाजार में जब तेजी का रुझान हो तो निवेश के मामले में कंजरवेटिव अप्रोच यानी पोर्टफोलियो में बदलाव न करने की रणनीति अच्छा काम करती है। इसका मतलब बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें है, लालच में न पड़ते हुए एसेट एलोकेशन बनाए रखना। एक बात हमेशा याद रखें जल्द अमीर बनने का कोई फॉर्मूला नहीं होता है। इसलिए डेरिवेटिव ट्रेडिंग में सावधानी बरतें। बाजार जब ऐतिहासिक ऊंचाई पर हो तब निवेश के मामले में कंजरवेटिव बने रहें, लेकिन जैसे ही बाजार गिरकर निचले स्तर पर आ जाए तब आक्रामक खरीदारी शुरू कर दें। कभी भी इस रणनीति के उलट व्यवहार न करें।

डेट में निवेश करने का सही वक्त
डेट मुनाफा कमाने का जरिया नहीं, बल्कि पूंजी सुरक्षित रखने का तरीका है। डेट में निवेश से रिटर्न कम मिल सकता है, लेकिन पूंजी की सुरक्षा बनी रहेगी। जिन निवेशकों ने डेट में पैसा लगाया था और 2020 में बाजार गिरने पर इक्विटी में स्विच किया, उन्हें काफी मुनाफा हुआ। मार्च 2020 में जिन्होंने कमाई के लिए इक्विटी का रुख किया था, अब उन्हें अपना पैसा सुरक्षित रखने के लिए डेट में निवेश करना चाहिए।

एंजॉयमेंट का ध्यान रखें, तनाव न लें
निवेश यदि आपको तनाव दे रहा हो तो समझ लीजिए कि कुछ गलत हो रहा है। पैसा कमाने का उद्देश्य ही तनाव मुक्त रहना होता है। इसलिए यह बात काफी अहमियत रखती है कि निवेश और अन्य स्रोतों से जो कमाई आप कर रहे हैं, उस पैसे का इस्तेमाल मौज-मस्ती (एंजॉयमेंट) के लिए भी करें। इससे आपके भीतर एनर्जी बनी रहेगी। ऐसे में सही फैसलों की संभावना बढ़ेगी।

फंड ऑफ फंड्स आजमाएं और निश्चिंत रहें
यदि आप कंफ्यूज हो रहे हों तो फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ) आजमाएं और सारे फैसले फंड मैनेजर पर छोड़ दें। एफओएफ दुनिया में जहां कहीं भी मौके मौजूद हों, वहां निवेश करने की सुविधा देता है। एफओएफ के मैनेजर न केवल इक्विटी, बल्कि ईटीएफ और अन्य एसेट मैनेजमेंट कंपनियों की स्कीम्स में भी निवेश करते हैं।

निवेश के लिए कैसे करें सही शेयर का चुनाव, ताकि कम जोखिम में मिल सके बेहतर रिटर्न

शेयर मार्केट में सही निवेश की पहली सीढ़ी है ऐसे शेयर्स का चुनाव जो लंबे समय के दौरान अच्छा मुनाफा देने की संभावना रखते हों.

निवेश के लिए कैसे करें सही शेयर का चुनाव, ताकि कम जोखिम में मिल सके बेहतर रिटर्न

शेयर मार्केट में निवेश करते समय कुछ बुनियादी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

How To Invest For Better Returns: शेयर मार्केट में सही निवेश की पहली सीढ़ी है ऐसे शेयर्स का चुनाव जो लंबे समय के दौरान अच्छा मुनाफा देने की संभावना रखते हैं हों. ऐसे शेयरों की पहचान यूं ही सिर्फ सुनी-सुनाई बातों या यहां-वहां से मिलने वाले टिप्स के आधार पर करना ठीक नहीं होता. अगर आप चाहते हैं कि कम से कम जोखिम में आप बाजार से बेहतर रिटर्न हासिल करें, तो आपको कुछ खास फिल्टर्स या कसौटियों पर नजर रखनी होगी. आइए जानते हैं, क्या हैं वो महत्वपूर्ण कसौटियां जिन पर ध्यान देकर आप सही शेयर का चुनाव कर सकते हैं.

बेहतर रिटर्न के लिए शेयर का चुनाव करते समय आपको उन शेयरों पर ध्यान देना चाहिए, जिनमें ये चार खूबियां मौजूद हों.

1. अच्छी क्वॉलिटी के शेयर जिनकी कीमत अभी कम है

अच्छी क्वॉलिटी वाले शेयर की पहली कसौटी है निवेश की सुरक्षा. यानी बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें ऐसी कंपनी जिसकी वित्तीय स्थिति और हाल के वर्षों का परफॉर्मेंस अच्छा हो. निवेश की सुरक्षा के लिहाज से कम से कम 500 करोड़ रुपये के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनी पर ध्यान देना एक अच्छी रणनीति साबित हो सकती है. इसके अलावा शेयर बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें का PEG यानी Price-earnings to Growth रेशियो एक से कम होना चाहिए. इससे कंपनी के शेयर की सही वैल्यूएशन का पता चलता है.

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2. अच्छा डिविडेंड देने वाले शेयर

निवेश के लिए बेहतर शेयर के चुनाव की एक और कसौटी अच्छा डिविडेंड भी हो सकता है. डिविडेंड यानी लाभांश का अर्थ है वो मुनाफे का वो हिस्सा जो कंपनी अपने शेयरधारकों में बांटती है. लगातार डिविडेंड से न सिर्फ शेयरधारक को सीधे-सीधे निवेश पर रिटर्न मिलता है, बल्कि इससे कंपनी की अच्छी वित्तीय सेहत का भी पता चलता है. निवेश से पहले कंपनी के पिछले 5 साल का डिविडेंड देने का रिकॉर्ड देखना चाहिए. साथ ही कंपनी का डिविडेंड-पे-आउट रेशियो 40 फीसदी से कम हो तो बेहतर. क्योंकि इससे पता चलता है कि कंपनी अपने लाभ का एक हिस्सा बांटने के बाद बाकी रकम बिजनेस के विस्तार में भी लगाती है.

3. ऐसे शेयर जो बुक वैल्यू के मुकाबले अच्छे डिस्काउंट पर मिल रहे हों

अगर कोई शेयर ऊपर की दोनों कसौटियों पर खरा उतर रहा हो तो तीसरी बात उसके ‘डिस्काउंट-टू-बुक वैल्यू’ पर नजर डालनी चाहिए. अगर कंपनी बाकी हर लिहाज से मजबूत और बेहतर भविष्य वाली नजर आ रही है, फिर भी उसके शेयर अपनी बुक वैल्यू के मुकाबले कम कीमत पर मिल रहे हैं, तो उसमें आगे चलकर अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं. ऐसे शेयर में यह भी जरूर देखना चाहिए कि उसका डेट-इक्विटी रेशियो 1.5 से कम हो और हाल के वर्षों में रिटर्न ऑन नेट वर्थ 10 फीसदी से अधिक रहा हो.

4. ग्रोथ की अच्छी संभावना और वाजिब कीमत वाले शेयर

बेहतरीन शेयर के चुनाव के लिए यह भी एक अहम कसौटी हो सकती है. सवाल यह है कि ग्रोथ की अच्छी संभावना और वाजिब कीमत का अंदाजा कैसे लगाएं. फंडामेंटल रूप से मजबूत शेयर का P/E यानी प्राइस-टू-अर्निंग्स रेशियो अगर 15 से कम है, तो आमतौर पर कीमत को वाजिब मान सकते हैं. पिछले 5 साल में कंपनी की अर्निंग्स ग्रोथ कम से कम 20 फीसदी होनी चाहिए. YoY आधार पर पिछली तिमाही की अर्निंग्स ग्रोथ और पिछले 12 महीनों की ट्रेलिंग अर्निंग्स ग्रोथ भी कम से कम इतनी ही यानी 20 फीसदी होनी चाहिए.

इन तमाम कसौटियों पर खरा उतरने वाला शेयर आने वाले दिनों में कम जोखिम में अच्छा रिटर्न देने वाला साबित हो सकता है. हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि यहां कही गई बातें इनवेस्टमेंट टिप्स नहीं हैं. ये कसौटियां बेहतर निवेश के लिए अपनाई जाने वाली कुछ बुनियादी बातों में शामिल हैं. इनके अलावा शेयर से जुड़ी खबरों, संबंधित इंडस्ट्री की दशा-दिशा और पूरी इकॉनमी को प्रभावित करने वाले राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय हालात जैसी बातों पर नजर रखना भी जरूरी है.

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अपनी संपत्तियों (आमदनियों) और जिम्मेदारियों का लेखा-जोखा करें. आर्थिक मामलों की समीक्षा करें. यह जानने की कोशिश करें कि पैसा कैसे काम करता है.

बजट के हिसाब से चलेंगे तो आपको सभी खर्चे को बचत एवं निवेश की बुनियादी बातें पूरा करने का भरोसा रहेगा.

नया साल दस्तक देने लगा है और इस वर्ष के समाप्त होने के साथ हम नए वर्ष की तैयारी में लग गए हैं. हम खुद से कई वादे करेंगे, मसलन लाइफ स्टाइल में सेहत पर ज्यादा ध्यान देना, आर्थिक मामलों में अनुशासन और आर्थिक रूप से सेहतमंद रहने के लिए सही निवेश करना. दरअसल, हम हर वर्ष खुद से कई वादे करते हैं, पर अधिकांश लोग इन्हें निभाने में नाकाम रहते हैं. आज हमें यह समझना होगा कि सेहतमंद और सुखी रहना है तो निजी अर्थव्यवस्था का सही नियोजन अनिवार्य है. इसके लिए आपको आर्थिक मामलों में कुछ ठोस निर्णय लेने होंगे जो आपको अपने आर्थिक लक्ष्यों के पास ले जाएंगे.

यह रिटायरमेंट के बाद सुखी जीवन के लिए या घर खरीदने के लिए डाउनपेमेंट देने के लिए बचत या फिर आर्थिक रूप से सुरक्षित भविष्य के लिए बचत करना हो सकता है. अवीवा लाइफ इंश्योरेंस की मुख्य ग्राहक, विपणन और डिजिटल अधिकारी अंजलि मल्होत्रा ने 6 सुझाव दिए हैं, जिस पर अमल कर आप आर्थिक रूप से खुशहाल हो सकते हैं.

आर्थिक मामलों पर पुनर्विचार करें और निजी लक्ष्य तय करें
अपनी संपत्तियों (आमदनियों) और जिम्मेदारियों का लेखा-जोखा करें. आर्थिक मामलों की समीक्षा करें. यह जानने की कोशिश करें कि पैसा कैसे काम करता है. उदाहरण के लिए यदि आप क्रेडिट कार्ड का खर्च कम कर देते हैं तो आपकी देनदारी कम हो जाएगी. इसलिए कि कई लोग इससे आवेग में आकर अनावश्यक खरीदारी कर लेते हैं. ऐसी खरीदारी नहीं करने का अर्थ ज्यादा बचत होना है. यह सोचना जरूरी है कि आप किन उद्देश्यों से बचत करना चाहेंगे (बच्चों की शिक्षा, नया घर, कार, ड्रीम हॉलिडे, आदि) और यह भी विचार करें कि कितने समय तक बचत करने से आपके ऐसे लक्ष्य पूरे हो जाएंगे.

बजट बनाने की आदत डालें
अगले वर्ष के लिए बजट बनाने का इससे बेहतर समय नहीं मिलेगा. पर आम तौर पर होता यह है कि आपका बजट तो बिल्कुल तैयार होता है, पर आप इसके हिसाब से चलने में चूक कर देते हैं. बजट के हिसाब से चलेंगे तो न केवल आपके सभी खर्चे को पूरा करने का भरोसा रहेगा, बल्कि आपके आर्थिक लक्ष्य भी पूरे हो जाएंगे. ध्यान रखें, यदि किसी चीज की इच्छा से आपका मन मचल जाता है तो आप कर्ज में पड़ सकते हैं और आमद में भी रुकावट आ सकती है.

परिवार से सलाह-मशवरे के बाद करें निर्णय
बच्चों को भी बचत के लाभ बताएं और फिजूलखर्ची से बचने की सलाह दें. उन्हें आर्थिक मामलों की बुनियादी बातें बता कर आप परिवार के आर्थिक लक्ष्यों को आसानी से पूरा कर पाएंगे. घर का बजट आपस में मिल कर बनाएं ताकि सभी बचत और खर्च करने में भागीदारी करें और जिम्मेदारी बराबर बंट जाए.

सेहत के नाम पर बचत की शुरुआत करें
अच्छी सेहत के लिए स्वास्थ्य योजना बनाने में तत्परता दिखाएं. संपूर्ण स्वास्थ्य बीमा लेना बेहतर है, क्योंकि आप जानते हैं कि इलाज कितना महंगा हो रहा है और कैसे चिकित्सा बीमा, खास कर मेडिकल इमरजेंसी में आपकी मदद करता है. इलाज के भारी खर्च से परिवार को आर्थिक संकट में जाने से बचाने के लिए बीमा में निवेश एक शानदार बचत है.

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बच्चों के भविष्य की योजना बनाएं
अवीवा के एक सर्वे में पाया गया कि अधिकांश भारतीय माता-पिता के लिए उनके बच्चे की शिक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है. हालांकि इसके लिए अधिकांश लोगों में सही योजना का अभाव देखा गया है. इसलिए बच्चों की उच्च शिक्षा पर खर्च करते हुए वे कर्ज में डूब जाते हैं.

अपनों का भविष्य सुरक्षित कर दें
जीवन बीमा का आपके आर्थिक नियोजन में बुनियादी महत्व है. इसलिए यह ध्यान रखना होगा कि आपके पास पर्याप्त बीमा हो और आपके परिवार का आर्थिक भविष्य सुरक्षित हो. यह सोच कर योजना बनाएं कि जिसकी आमदनी से परिवार चलता है उसके गुजरने के बावजूद परिवार का वही जीवन स्तर बरकरार रखने के लिए कितनी रकम चाहिए. बाजार में पर्याप्त बीमा योजनाओं के कई विकल्प मौजूद हैं. आप सही सलाह लेकर सही चुनाव कर सकते हैं.

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