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बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज इंडिया

बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज इंडिया
बुधवार को क्रिप्‍टोकरेंसी मार्केट में रिकवरी देखने को मिल रही है। आज बिटक्‍वाइन की कीमत में 16 फीसदी का उछाल देखने बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज इंडिया को मिला है। ( Photo by REUTERS/Dado Ruvic/Illustration/File Photo )

इन देशों ने लगा रखी है बिटकॉइन यूजर्स पर पाबंदी

इन देशों ने लगा रखी है बिटकॉइन यूजर्स पर पाबंदी

दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (bitcoin) का चलन पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ गया है. Allied Market Research की एक रिपोर्ट के मुताबक, ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट साइज (hlobal cryptocurrency market size) 2020 में 1.49 बिलियन डॉलर था. 2030 तक इसके 4.94 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. यह 2021 से 2030 तक 12.8% की CAGR (Compound Annual Growth Rate) से बढ़ रहा है.

दुनियाभर के अलग-अलग देशों में क्रिप्टोकरेंसी सरकार या मौद्रिक अधिकारियों से लेनदेन के माध्यम के रूप में अपना अधिकार प्राप्त करने की कोशिश कर रही है. लेकिन, अलग-अलग वित्तीय क्षेत्राधिकारों में इसकी कानूनी रुपरेखा तैयार करना मुश्किल है, क्योंकि इस पर किसी भी बैंक, या सरकार का कंट्रोल नहीं है.

इसलिए कई देशों ने कई बार क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया है. कुछ देशों ने बिटकॉइन अकाउंट होल्डर्स को इसके एक्सचेंज को लेकर चेतावनी दी हुई है.

ऐसे में, आइये एक नज़र डालते हैं उन देशों पर जिन्होंने बिटकॉइन यूजर्स को बैन कर रखा है.

बोलीविया: देश के केंद्रीय बैंक ने बिटकॉइन सहित क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है.

चीन: चीन ने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर प्रतिबंध लगा दिया है और बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट्स को बिटकॉइन में ट्रेड करने से भी प्रतिबंधित कर दिया है.

कोलंबिया: इस देश में बिटकॉइन में इन्वेस्ट करने और इसे इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है.

इक्वाडोर: 2014 में इक्वाडोर की नेशनल असेंबली ने बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया, लेकिन अपने "इलेक्ट्रॉनिक मनी" के लिए दिशानिर्देश जारी किए.

रूस: हालांकि क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ कोई मौजूदा कानून नहीं बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज इंडिया है, रूसी सरकार ने चेतावनी दी है कि "वर्चुअल करेंसी" का इस्तेमाल टेरर फंडिंग (terror funding) और मनी लॉन्ड्रिंग (money laundring) के लिए किया जा सकता है.

वियतनाम: इस देश की सरकार और स्टेट बैंक बिटकॉइन को इन्वेस्टमेंट के तौर पर रेग्यूलेट नहीं करते हैं, लेकिन वे बिटकॉइन को एक वैध पेमेंट मैथड के रूप में भी स्वीकार नहीं करते हैं.

अब अगर हम बात करें अपने देश की तो, क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत का रुख हमेशा से ही अधिक उदार नहीं रहा है. भारत में सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल, 2018 में अपने एक फैसले में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाया था. फिर, 2 साल बाद, मार्च 2020 में एक निर्णायक फैसले में तीन-न्यायाधीशों वाली बेंच, जिसमें जस्टिस रोहिंटन नरीमन, अनिरुद्ध बोस और वी रामासुब्रमण्यन शामिल थे, ने RBI के आदेश को "असंवैधानिक" करार देते हुए पहले के आदेश को खारिज कर दिया, और साथ ही बैन भी हटा दिया.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास बार-बार इसके लेकर आगाह करते रहे हैं. RBI गवर्नर ने मई के आखरी हफ्ते में कहा था, "यह कुछ ऐसा है जिसकी कोई वैल्यू नहीं है. आप इसे कैसे रेग्यूलेट करते हैं, इस पर बड़े सवाल हैं. हमारा रुख बिल्कुल साफ है, यह भारत की मौद्रिक, वित्तीय और वृहद आर्थिक स्थिरता को गंभीर रूप से कमजोर करेगा."

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर इससे पहले बीते साल नवंबर में भी चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी ने RBI के लिए 'गंभीर चिंता' पैदा की है. शक्तिकांत दास ने तब ये भी कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की संख्या को बढ़ा-चढ़ा कर बताया जा रहा है.

Budget 2022 में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि वर्चुअल असेट्स (क्रिप्टोकरेंसी आदि) पर 30 फीसदी टैक्स लगाया गया है. इसके अलावा वर्चुअल असेट्स के ट्रांसफर पर 1 फीसदी TDS भी लगेगा.

रिजर्व बैंक की चिंता के बावजूद देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों में क्रेज बढ़ता जा रहा है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश बढ़ने से बीते साल के अगस्त महीने में CoinDCX यूनिकॉर्न बन गया था. और इसके बाद अक्टूबर में CoinSwitch Kuber ने यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री मारी थी.

क्‍या आपने भी खरीदा था 2010 में बिटकॉइन? जानिए कितना दे चुकी है रिटर्न

2017 से अब तक बिटकॉइन दुनिया की दूसरी क्रिप्‍टोकरेंसी मुकाबले काफी ज्‍यादा उतार-चढाव देखने को मिल चुका है। बीते चार महीने की बात करें तो 53 फीसदी टूटने के बाद एक हफ्ते में 32 फीसदी का उछाल किसी से छिपा नहीं है।

क्‍या आपने भी खरीदा था 2010 में बिटकॉइन? जानिए कितना दे चुकी है रिटर्न

बुधवार को क्रिप्‍टोकरेंसी मार्केट में रिकवरी देखने को मिल रही है। आज बिटक्‍वाइन की कीमत में 16 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। ( Photo by REUTERS/Dado Ruvic/Illustration/File Photo )

बीते कुछ समय से बिटकॉइन फिर से फोकस में है। 16 अप्रैल से 21 जुलाई के बीच अपने चरम से करीब 53 फीसदी गिरने के बाद महज एक हफ्ते में इसकी कीमतों में 32 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। दुनिया की सबसे बडी क्रिप्‍टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमतें अत्यधिक अस्थिर रही हैं। 2009 में पहली बार लॉन्च होने के बाद से इसमें कई उतार-चढ़ाव आए हैं। बिट्कॉइन की लांचिंग से बने रहने वाले निवेशकों ने अब तक अविश्वसनीय लाभ प्राप्त किया है। उदाहरण के लिए, यदि आपने 2010 के मध्य में बिटकॉइन में निवेश किया था, तो आपका रिटर्न अरबों में हो सकता है, क्योंकि बिटकॉइन का शुरुआती मूल्‍य 0 डॉलर के करीब था।

देर से निवेश करने वालों को भी मिला बडा रिटर्न : यदि आपने बिटकॉइन में थोड़ी देर बाद निवेश करने का फैसला किया है, उदाहरण के लिए तीन या पांच साल बाद, और कीमतों में उतार-चढ़ाव इसी तरह से जारी रहा तो आपको क्रमशः 174 प्रतिशत और 224 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न अर्जित होगा। वहीं आपने अगर और देर बाद बिटकॉइन में निवेश किया है, यानी पिछले ही आपने इसमें कदम रखा है तो भी आपको एक साल में 411 फीसदी का जबरदस्‍त रिटर्न हासिल किया है।

पिछले साल बिटकॉइन की कीमतें क्यों बढ़ीं? : बिटकॉइन के उछाल के पीछे एक मुख्य कारण पिछले साल आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला था। दूसरा कारण यह था कि कुछ बड़े संस्थानों ने बिटकॉइन का समर्थन करना शुरू कर दिया था। उदाहरण के लिए, पेपाल अब अपने उपयोगकर्ताओं को बिटकॉइन खरीदने और बेचने की अनुमति देता है। यह अपने ग्राहकों को बिटकॉइन में भुगतान करके 26 मिलियन विक्रेताओं के अपने नेटवर्क से आइटम खरीदने की अनुमति देता है।

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2010 से अब तक बिटकॉइन का हाल : – अगस्‍त 2010 में बिटकॉइइन के दाम 0.3 डॉलर पर थे।
– नवंबर 2013 में पहली बार बिटकॉइन ने 1000 डॉलर के स्‍तर को पार किया था।
– दिसंबर 2017 को बिटकॉइन के दाम 19800 डॉलर पर आ गए थे।
– उसके बाद बिटकॉइन में लगातार उतार चढाव आता रहा और मार्च 2020 में बिटकॉइन के दाम क्रैश होकर 3870 डॉलर पर आए थे।
– यहां से फिर बिटकॉइन की शुरुआत हुई और एक साल में बिटकॉइन की कीमत यानी अप्रैल 2021 में 65000 डॉलर के आसपास पहुंच गई।
– उसके बाद बिटकॉइन करीब तीन महीने में 53 फीसदी तक टूट गया।
– करीब एक हफ्ते में बिटकॉइन के दाम में 32 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है।

क्या बिटकॉइन में निवेश करने में बहुत देर हो चुकी है? : क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंज बिटबन्स के संस्थापक और सीईओ गौरव दहाके के अनुसार हालिया तेजी में, बिटकॉइन में विकसित निवेशकों से धन की अधिक आमद देख रहे हैं। यदि यह जारी रहता है, तो हम जल्द ही साल के अंत तक रिकॉर्ड उच्च स्तर को पार कर सकते हैं। लेकिन इस बात को बता पाना संभव नहीं है कि इसमें निवेश करने अभी सही समय है या नहीं। बिटकॉइन, अन्य सभी क्रिप्टोकरेंसी की तरह, सबसे अधिक अस्थिर निवेश है।

समय-समय पर कीमत के गिरने के दौरान एकमुश्त राशि का निवेश करें, क्योंकि वे लंबे समय में आकर्षक रिटर्न दे सकते हैं। जब कीमतों में 5 फीसदी, 10 फीसदी और इसी तरह की गिरावट आती है तो क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे वॉल्ड आपको एक सूचना भेजते हैं। मोबाइल ऐप पर अपडेट के लिए आपको कीमत में गिरावट की सूचना को प्रतिशत के साथ सेट करना होगा। यदि आप अपना नुकसान कम करना चाहते हैं और बाहर निकलना चाहते हैं तो यह आपको सचेत करता है।

बिटकॉइन में कर सकते हैं एसआईपी : वैकल्पिक रूप से, आप बिटकॉइन में निवेश करने के लिए एक व्यवस्थित निवेश योजना यानी एसआईपी का ऑप्‍शन चुन सकते हैं। जोखिम को कम करने के लिए कई क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में विविधता लानी होगी। कुल मिलाकर, आपको अपने पोर्टफोलियो का 5 फीसदी से अधिक क्रिप्टोकरेंसी में निवेश नहीं करना चाहिए।

नए साल में तबाह हो जाएगा बिटकॉइन! इस बड़े बैंक ने दी चेतावनी

नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) के लिए नया साल और भी ज्यादा बुरा हो सकता है. दुनिया के बड़े बैंकों में से एक स्टैंडर्ड चार्टर्ड (Standard Chartered) ने अनुमान लगाया है कि नए साल में बिटकॉइन निवेशकों (Bitcoin Investors) के आंसू और ज्यादा बहा सकता है और इसकी कीमत में 70 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है. बैंक ने कहा कि साल 2023 में बिटकॉइन की कीमत (Bitcoin Price) 5 हजार डॉलर के पास आ सकते हैं जो कि मौजूदा समय 17,500 डॉलर के करीब कारोबार कर रहा है.

कितने हो सकते हैं बिटकॉइन के दाम
बैंक के ग्लोबल हेड ऑफ रिसर्च एरिक रॉबर्टसन ने रविवार को एक नोट में लिखा है कि अगले साल लगभग 70 फीसदी यानी कीमत 5 हजार डॉलर तक देखने को मिल सकती है. रॉबर्टसन ने यह भी कहा कि मांग गोल्ड के डिजिटल वर्जन में निवेशकों के शिफ्टी ​होने के कारण बिटकॉइन की कीमतों में भारी गिरावट आने की संभावना है. जबकि सोने के दाम में 30 फीसदी का इजाफा देखने को मिल सकता है. रॉबर्टसन ने कहा कि बिटकॉइन की कीमत में गिरावट की असल वजह इकोनॉमी में उथल—पुथल डिजिटल असेट्स में निवेशकों के विश्वास में कमी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि वह भविष्यवाणियां नहीं कर रहे है, बल्कि उन सिनेरियो पर विचार कर रहे हैं जो भौतिक रूप से मौजूदा बाजार सहमति से बाहर हैं.

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क्रिप्टो मार्केट में अब जबरदस्ती की सेल खत्म
सैम बैंकमैन-फ्राइड के एफटीएक्स एक्सचेंज और सिस्टर ट्रेडिंग हाउस अल्मेडा रिसर्च के पतन के बाद डिजिटल असेट्स के लिए आगे क्या है, इस सवाल का जवाब देना यकीनन कभी कठिन नहीं रहा. इस धमाके की वजह से क्रिप्टो कंपनियों और बुफे टोकन की कीमतों में गिरावट का खतरा है. फंडस्ट्रैट में डिजिटल एसेट स्ट्रैटेजी के प्रमुख सीन फैरेल ने शुक्रवार को एक नोट में लिखा कि क्रिप्टो मार्केट में अब जबरदस्ती की सेल खत्म हो चुकी है. फैरेल ने डिजिटल करेंसी ग्रुप, संकट में घिरी हुई क्रिप्टो ब्रोकरेज जेनेसिस की मूल कंपनी के आसपास चल रही अनिश्चितता की ओर इशारा किया. ब्रोकरेज को दिवालिया होने से बचाने के लिए जेनेसिस के लेनदार विकल्प तलाश रहे हैं.

गोल्ड को मिल सकता है फायदा
स्टैंडर्ड चार्टर्ड के रॉबर्टसन ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी मार्केट में गिरावट का फायदा गोल्ड की कीमत को मिल सकता है. उन्होंने कहा कि अगले सालद सोने की कीमत 2,250 डॉलर प्रति औंस देखने को मिल सकती है, जोकि मौजूदा समय में 1850 डॉलर प्रति ओंस से कम है. बीते कुछ दिनों में सोने की कीमत में अच्छी तेजी देखने को मिल रही है.

क्रिप्टो सेक्टर छंटनी जारी
क्रिप्टो सेक्टर में छंटनी जारी है. डिजिटल-एसेट एक्सचेंज बायबिट अपने कर्मचारियों की संख्या में 30 फीसदी की कटौती करने की योजना बना रहा है. वहीं दूसरी ओर ब्लूमबर्ग के एमएलआईवी पल्स सर्वे के लगभग 94 फीसदी लोगों का मानना है कि एफटीएक्स के दिवालिया होने के बाद और अधिक धमाके देखने को मिल सकते हैं. मौजूदा समय में बिटकॉइन स्टेबल दिखाई दे रहा है. कॉइन मार्केट कैप डॉट के अनुसार 1.76 फीसदी की तेजी के साथ 17,317.79 डॉलर पर कारोबार कर रहा है.

ब्रेकिंग : सुप्रीम कोर्ट ने RBI द्वारा क्रिप्टोकरेंसी पर लगाया प्रतिबंध हटाया

ब्रेकिंग : सुप्रीम कोर्ट ने RBI द्वारा क्रिप्टोकरेंसी पर लगाया प्रतिबंध हटाया

एक महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को RBI द्वारा जुलाई 2018 से बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में सेवाएं प्रदान करने या क्रिप्टोकरेंसी व्यापार से निपटने के संबंध में लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया।

जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की तीन जजों की बेंच ने फैसला ये फैसला सुनाते हुए 2018 के परिपत्र / अधिसूचना को रद्द कर दिया है। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IMAI) की याचिका पर ये फैसला आया है।

दरअसल इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) ने 2018 के RBI सर्कुलर पर आपत्ति जताते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था जिसने बिटकॉइन सहित क्रिप्टोकरेंसी से निपटने के लिए बैंकों व वित्तीय संस्थाओं को निर्देश जारी किए थे।

IAMAI के सदस्य एक-दूसरे के बीच क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज करते हैं। IAMAI ने अपनी दलीलों में दावा किया कि RBI के इस कदम ने आभासी मुद्राओं (VCs) के माध्यम से वैध व्यावसायिक बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज इंडिया गतिविधि पर प्रभावी रूप से प्रतिबंध लगा दिया है।

विनियामक निकाय ने 6 अप्रैल, 2018 को एक परिपत्र निर्देश जारी किया था कि इसके द्वारा विनियमित सभी इकाइयां आभासी मुद्राओं ( वर्चुअल करेंसी) में सौदा नहीं करेंगी या किसी व्यक्ति या इकाई को इससे निपटने में सुविधा बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज इंडिया प्रदान करने के लिए सेवाएं प्रदान नहीं करेंगी।

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सुनवाई के दौरान, IMAI ने तर्क दिया था कि क्रिप्टोकरेंसी कोई मुद्रा नहीं है और RBI के पास कानून के अभाव में इस तरह के प्रतिबंध को लागू करने की शक्तियां नहीं हैं, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया गया है।

RBI ने हालांकि कहा था कि उसका प्रतिबंध सही है। 2013 से वो क्रिप्टोकरेंसी के उपयोगकर्ताओं को सावधान कर रहा है और इसे भुगतान का एक डिजिटल साधन नहीं मानता है। इस पर कड़ाई से रोक होनी चाहिए ताकि देश में भुगतान प्रणाली खतरे में न पड़े। अंत में, उसका कहना था कि RBI को क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के फैसले लेने का अधिकार है।

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