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मोमबत्ती योजना

मोमबत्ती योजना
हाथ से डूबी मोमबत्तियों पर विशेष डिजाइन बनाने के लिए, एक किताब खरीदने पर विचार करें। अधिकांश आपको प्रत्येक हाथ से डूबी हुई मोमबत्ती बनाने के लिए चरण-दर-चरण निर्देशों के साथ शानदार रंगीन तस्वीरें प्रदान करेंगे। आप अपनी मोमबत्तियों के लिए सर्वोत्तम रंग प्राप्त करने के लिए शानदार रंग चार्ट प्राप्त करने में भी सक्षम होंगे। अपने हाथ से डूबी हुई मोमबत्तियों के रंगों के लिए विचार प्राप्त करने के लिए इंटरनेट भी एक बेहतरीन जगह है।

घर पर मोमबत्ती कैसे बनाते है|How to make candle at home

मोमबत्तियां बनाना एक महान शौक या व्यावसायिक प्रयास है। एक बार जब आप इसे लटका लेते हैं, तो प्रक्रिया काफी सरल होती है। जिन लोगों की मूल बातें ठंडी हैं, उनके लिए हाथ से डूबी हुई मोमबत्तियाँ बनाने की कला के साथ प्रयोग करने पर विचार करें। जबकि इन प्यारी कृतियों में अधिक समय लगता मोमबत्ती योजना है, वे आश्चर्यजनक हैं। आप प्रत्येक मोमबत्ती पर कई रंगों का उपयोग कर सकते हैं और इसे एक अद्वितीय रंग योजना प्रदान कर सकते हैं।

हाथ से डूबी हुई मोमबत्तियां बनाने के लिए आपको बुनियादी उपकरण की आवश्यकता होगी। यदि आपको मोमबत्तियां बनाने का अनुभव है तो उनमें से अधिकांश का आप पहले से ही उपयोग कर रहे हैं। इसे पिघलाने के लिए आपको बड़ी मात्रा में पैराफिन मोम, बाती और एक डबल मोमबत्ती योजना बॉयलर की आवश्यकता होगी। अन्य बर्तनों में लकड़ी के चम्मच, कटोरे और एक अच्छी गुणवत्ता वाला थर्मामीटर शामिल हैं। हाथ से डूबी मोमबत्तियों के लिए उपलब्ध रंग नाम के लिए बहुत अधिक हैं। ये रंग केक, चिप्स, पाउडर या तरल सहित विभिन्न रूपों में आते हैं। यदि आप अपने हाथ से डूबी हुई मोमबत्तियों में सुगंध जोड़ना चुनते हैं तो आपको यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि यह शुद्ध तेल है जिसमें पानी या अल्कोहल का आधार नहीं है।

मुकदमा दर्ज होने पर 60 वर्षीय बुजुर्ग ने उठाया खौफनाक कदम, मासूम के प्राइवेट पार्ट में मोमबत्ती डालने का आरोप

मथुरा। Elderly ate poison after the case was filed: मथुरा जिले में वृन्दावन निवासी 60 वर्षीय एक व्यक्ति के खिलाफ पड़ोस में रहने वाली आठ साल की एक बच्ची के साथ छेड़छाड़ और उसके गुप्‍तांग में मोमबत्ती डालने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। अपने खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बारे में पता चलने पर आरोपी ने कथित रूप से जहर खा लिया जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया है।

मासूम के प्राइवेट पार्ट में डाली मोमबत्ती

Elderly ate poison after the case was filed: पुलिस सूत्रों ने बताया कि बांकेबिहारी पुलिस चौकी क्षेत्र के मोमबत्ती योजना एक मुहल्ले का निवासी 60 वर्षीय प्यारेलाल पड़ोस में रहने वाली आठ साल की एक बच्ची को बहला-फुसला कर अपने घर ले गया था। सूत्रों के अनुसार उसने पहले तो बच्‍ची से छेड़छाड़ की और फिर उसके गुप्‍तांग में मोमबत्ती डाल दी जिससे आहत बच्ची चीखती-चिल्लाती हुई अपने घर भाग गई और परिजनों को बात बतायी। सूत्रों के मुताबिक इस पर परिजन ने प्‍यारेलाल के खिलाफ भारतीय दण्‍ड विधान और पॉक्‍सो एक्‍ट की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया।

Elderly ate poison after the case was filed: उन्‍होंने बताया कि अपने खिलाफ पुलिस में शिकायत होने के बारे में पता लगने पर प्यारेलाल ने जहर लिया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। सूत्रों का कहना है कि पुलिस उसे गिरफ्तार करने पहुंची, तो उसका हाल देख उसे जिला संयुक्त अस्पताल ले गई जहां अब उसकी हालत खतरे से बाहर बतायी जाती है। पुलिस ने बच्ची का चिकित्सकीय मुआयना कराया है। सूत्रों ने बताया कि मामला दो अलग-अलग समुदायों का होने के कारण पुलिस के आला अधिकारी भी हालात पर नजर बनाए हुए हैं तथा स्थानीय पुलिस को सतर्कता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।

एक उत्तम दर्जे का, बरबाद नहीं, क्रिसमस

जैसे ही उत्साह गिनती में बढ़ता है बड़े दिन के लिए नीचे, नीचे जाने के लिए itâs बहुत लुभावना है âmore is more सजाते हुए मंत्र एक पेड़ पर सब कुछ ढेर कर दें, मैन्टलपीस, आप इसे नाम दें और बस सबसे अच्छे की उम्मीद है।

लेकिन जब आप सब कुछ रटना शुरू करते हैं में, आप मुख्य टुकड़ों को रद्द करना शुरू कर सकते हैं।

क़ीमती बाउबल्स और सजावट मिलती हैं कागज की जंजीरों के बीच खो जाता है और चमकती परी रोशनी माला से अलग हो जाती है या मोमबत्ती की टिमटिमाती लौ।

यहां तक कि स्वादिष्ट ढंग से रखा गया टिनसेल भी इसे पा सकता है आवाज उठाना मुश्किल है और परिणाम सुंदर की तुलना में अधिक गन्दा लग सकता है।

यहां, विशेषज्ञ अपने टॉप टिप्स साझा करते हैं अपने उत्सव की सजावट को सही तरीके से प्राप्त करना

ट्रेड लाइसेंस जारी करना

एक व्यक्ति को किसी भी क्षेत्र में किसी भी प्रकार के व्यापर या कारोबार को चलाने के लिए उस क्षेत्र के नगर निगम से अनुमति स्वरुप ट्रेड लाइसेंस जारी करवाना पड़ता है। इसलिए नगर निगम द्वारा जारी किया हुआ ट्रेड लाइसेंस एक व्यक्ति को किसी भी प्रकार का व्यापर या कारोबार करने की अनुमति प्रदान करता है। हालांकि, यह संपत्ति जहां व्यापार आयोजित किया जाता है वहां की स्वामित्व नहीं प्रदान करता है। यह लाइसेंस केवल व्यापार से संबंधित गतिविधियों को पूरा करने की अनुमति देता है। जारी किए जाने वाले ट्रेड लाइसेंस के प्रकार:

टाइप ए

यह लाइसेंस सिर्फ खाद्य प्रदार्थों से सम्बंधित व्यापारों को जारी किया जाता है जैसे कि होटल, भोजनालय, चाय एवं कॉफी की दुकान, सराए, बेकरी, जनरल स्टोर इत्यादि।

यह लाइसेंस सिर्फ उन व्यापारों के लिए जारी किया जाता है जो अपने व्यापार में मोटर द्वारा चलित प्रणाली का उपयोग करते है जैसे कि उद्योग, कारखानों, कार्यशालाओं, आटा मिलों, साइबर कैफे आदि।

चित्रकूट : सौभाग्य योजना के बावजूद ग्रामीणों के घरों में है अंधेरा

सरकार द्वारा देश के विकास के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं, जिनमें से एक ‘सौभाग्य योजना’ है। इस योजना को सरकार ने 2017 में लागू करवाया था। इस योजना के अंतर्गत शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब घरों में बिजली प्रदान करवाना है। योजना का उद्देश्य था कि कोई भी घर अंधेरे में न रहे। लेकिन यह बात सिर्फ कागज़ों पर ही दिखाई देती है। आज भी ऐसे क्षेत्र है जहां बिजली का नमोनिशान नहीं है।

Chitrakoot news, Despite Saubhagya scheme, no electricity in rural villages

जिला चित्रकूट के ब्लॉक मऊ, गांव खोहर, मजरा कलोनी, पुरवा मैदाना, गेरूहा पुरवा में बिजली का बहुत ही बुरा हाल है। यहाँ के लोगो का आरोप है कि घरों में रात को अँधेरा ही रहता है। बिजली रहती ही नहीं है।

इस पुरवा पर किसी का ध्यान नहीं

गांव मोमबत्ती योजना की निवासी सुमन का कहना है कि आस-पास के गांव में बिजली तो है लेकिन यहाँ कोई ध्यान नहीं देता। यह इलाका जंगल की तरफ़ पड़ता है, इसलिए यहाँ रात को बाहर निकलने में डर लगता है। जंगली इलाका होने की वजह से यहाँ सांप, बिच्छू रहते हैं। गर्मी की वजह से भी यहाँ के लोग काफ़ी परेशान हैं। इनके पास इतने पैसे भी नहीं है कि यह रोज़-रोज़ मोमबत्ती खरीद सकें। अब तो लोगों को मिट्टी का तेल मिलने में भी बहुत मुश्किल होती है। यहां पर कई रातें अँधेरे में ही गुज़र जाती है।

यहाँ के लोगों ने खबर लहरिया से बातचीत में बताया कि यहाँ जब चुनाव का महीना आता है तो सारे प्रधान उसी समय यहाँ पर दिखाई देते हैं। जब सबको वोट मांगना होता है तभी वह यहाँ आते हैं और काफ़ी बड़े-बड़े वादे करके जाते हैं। बाद में मोमबत्ती योजना कोई इस जगह का ध्यान नहीं देता।

लोगों का कहना है कि यह गांव जैसे 10 साल पहले था, वैसा आज भी है। विकास तो यहाँ हो ही नहीं रहा। आज देश कितनी प्रगति कर रहा है। आस-पास के शहरों और गांव में फ़ोन की सुविधा है। बिजली की सुविधा है, लेकिन यहाँ पर कुछ भी नहीं है। हमारे कुछ रिश्तेदार जो बाहर रहते हैं उनसे बात करने के लिए भी काफ़ी परेशानी होती है। अगर यहाँ पर बिजली की आपूर्ति होगी तभी तो यहाँ का विकास होगा तभी तो यहाँ के बच्चे भी पढ़ सकेंगे और आगे बढ़ सकेंगे।

बिजली विभाग के कर्मचारी ने दिया आश्वासन

मऊ बिजली विभाग के जे.ई अर्जुन सिंह ने खबर लहरिया से बातचीत में कहा कि इस क्षेत्र में अगर बिजली की आपूर्ति नहीं हुई है तो वह इस जगह पर सर्वे करवाएंगे। जहाँ-जहाँ कनेक्शन नहीं है वहां पर बिजली का पोल लगवाएंगे। वह लाइट की सुविधा दिलवाने की पूरी कोशिश करेंगे।

वैसे तो सरकार ने जुलाई के महीने में दोबारा सौभाग्य योजना 2022 की शुरुआत की है। इस योजना में भी वही बातें हैं कि देश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के गरीब घरों को बिजली की सुविधा फ्री में दी जाएगी। अब देश की आर्थिक स्थिति तो वैसे भी बेहाल है, देखना यह है कि इस योजना के अंतर्गत देश के कितने घरों को बिजली की राहत मिलती है।

इस खबर की रिपोर्टिंग सुनीता देवी और आमरा आमिर द्वारा लिखा गया है।

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