बिटकॉइन किसने बनाया था?

बिटकॉइन क्या है ?
बिटकॉइन आधुनिक युग की एक वर्चुअल करेंसी है, ये लेन देंन करने का जरिया है, हालांकि बिटकॉइन को अभी तक किसी बड़े देश ने मान्यता नहीं दी है, किन्तु बहुत से लोग बिटकॉइन में पेमेंट करते हैं । बिटकॉइन एक क्रिप्टो कॉइन है और ये दुनिया की पहली क्रिप्टो कॉइन है। बिटकॉइन को किसने लांच किआ अभी तक कोई प्रामाणिक जानकारी नहीं है किन्तु Satoshi Nakamoto नामक जापानी ने पहली बार क्रिप्टोकोर्रेंसी का कांसेप्ट दिए। Satoshi Nakamoto को ब्लॉकचैन सॉफ्टवेयर का जन्मदाता भी कहा जाता है. ब्लॉकचैन सॉफ्टवेयर के बारे में सबसे पहले इन्होंने ही कांसेप्ट बताया था। बिटकॉइन decentralized टाइप की करेंसी हैं।
अभी तक कोई भी सॉफ्टवेयर बनता था तो वो सेंट्रलाइज्ड सिस्टम पर होता था , जैसे की कोई वेबसाइट है उसका डेटाबेस एक सर्वर पर होता है और ववहीँ से वैल्यू या इनफार्मेशन मिलती है कित्नु decentralized सिस्टम ये ब्लॉक बनते है। ब्लॉक सिस्टम से ही डाटा रखना ही ब्लॉक चैन कहलाता है।
बिटकॉइन क्रिप्टोकोर्रेंसी इसी ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का यूज़ करके बनाया गया जो की सॉफ्टवेयर की दुनिया में सेफ और सिक्योर माना गया है और अब तो बड़ी -बड़ी आईटी कंपनी ब्लॉकचैन सिस्टम सॉफ्टवेयर का यूज़ भी करने लगी है।
बिटकॉइन ने सॉफ्टवेयर की दुनिया एक नई टेक्नोलॉजी लाया और कॉन्ट्रैक्ट के फॉर्म में परिचय कराया। इसमें कॉन्ट्रैक्ट बनता है और इसे बनाने में सोलिडीटी टेक्नोलॉजी का यूज़ किआ जाता है. ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी ने ही स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट और सोलिडीटी टेक्नोलॉजी के बारे में बताया।
बिटकॉइन 2008 में लांच किआ गया उस समय 1 बिटकॉइन की कीमत बहुत ही कम थी , 1 रूपये से भी कम कीमत थी बिटकॉइन किसने बनाया था? और आज 1 बिटकॉइन की कीमत 16 लाख का करीब है। 2021 बिटकॉइन की कीमत 52 लाख तक पहुंच गयी थी।
बिटकॉइन का रेट इतना ज्यादा क्युं है ?
ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी में यदि कोई कॉइन बनता है तो उसे दुबारा बदला नहीं जा सकता। मतलब की एक बार सॉफ्टवेयर में डाटा डाल दिए तो उसे सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी चाह कर भी नहीं बदल सकता। और शुरू में मजाक २ में इसकी टोटल सप्लाई सिर्फ 21 मिलियन गयी, और अब उस सप्लाई को बदला बिटकॉइन किसने बनाया था? नहीं जा सकता। क्योकि ये ही ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी है और इसे ही decentralized सिस्टम कहते हैं.
सप्लाई बहुत ही कम है और खरीदने वालों की संख्या अरबों में है। तो बिटकॉइन खरीदने की जो होड़ मची तो रेट बढ़ेंगे ही. इसे एक उदहारण से भी समझा जा सकता है की यदि किसी सामान की कमी है और उसे खरीदने वालों की संख्या ज्यादा हो तो क्या होगा , उस सामान के भाव आसमान छूने लगेंगे जैसे की सब्जी के भाव कभी 2 आसमान छूने लगते है। इसी तरह बिटकॉइन है।
हलाकि की मार्किट में 2000 से ज्यादा क्रिप्टो कॉइन आ गए है लेकिन औरों के भाव इतना उछाल नहीं आया जितना की बिटकॉइन का है. उदहारण के लिए एथेरियम , शीबा इनु इत्यादि। शीबा इनु कॉइन की टोटल सप्लाई Total Supply: 589,735,030,408,323 SHIBहैं। तो इस कॉइन की सप्लाई बिटकॉइन किसने बनाया था? इतना ज्यादा है की इसे कम रेट में खरीदा जा सकता है और शीबा इनु कॉइन कभी भी इतना रेट नहीं जायेगा जितनी की बिटकॉइन या एथेरियम का है।
किसी भी कॉइन में पैसा लगाना रिस्क है और बिना किसी एक्सपर्ट की मदद से पैसे और कभी भी किसी के बहकावे में न आये। और कभी लोकल वेबसाइट या ऍप से कॉइन कभी भी ना खरीदे। सिर्फ कुछ विश्वशनिय ऍप से ही खरीदें , किसी के बहकावे में ना आये।
13 साल का हुआ बिटकॉइन किसने बनाया था? बिटकॉइन, निवेशकों के 1000 रुपये को बना दिया 76.4 करोड़
Bitcoin Price- दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) किशोर अवस्था में प्रवेश करने वाली पहली क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) बन गई है। बिटकॉइन ने 13 साल पुरे कर लिए.
Bitcoin Price- दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) किशोर अवस्था में प्रवेश करने वाली पहली क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) बन गई है। बिटकॉइन ने 13 साल पुरे कर लिए हैं। हालांकि, बिटकॉइन का श्वेतपत्र सातोशी नाकामोतो द्वारा 28 अक्टूबर, 2008 को जारी किया गया था, लेकिन मिंट डेट 3 जनवरी, 2009 है, इसीलिए लोग 3 जनवरी को ही इसका बर्थडे मानते हैं। Mudrex के सीईओ और सह-संस्थापक एडुल पटेल (Edul Patel) ने कहा कि दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन (blockchain) के उदय के पीछे बिटकॉइन की अहम भूमिका रही है।
पहला ट्रांजैक्शन मई 2009 में हुआ था
बता दें कि बिटकॉइन के क्रिएटर नाकामोतो ने 3 जनवरी को बिटकॉइन का ऑरिजिनल ब्लॉक रिलीज किया था, जिसे वर्तमान में जेनेसिस ब्लॉक (Genesis Block) के नाम से जाना जाता है। इसमें पहली 50 बिटकॉइन थीं। इंडिया ब्लॉकचैन एलायंस के संस्थापक राज ए कपूर के मुताबिक, इसका पहला ट्रांजैक्शन मई 2009 में हुआ था।
रोमांचक रहा 13 साल का सफर
बिटकॉइन की 13 साल की यात्रा बेहद उतार-चढ़ाव वाला रहा। बिटकॉइन को लेकर कुछ मजबूत कट्टर आलोचक रहे तो कुछ सपोर्टर। कुल मिलकर बिटकॉइन के लिए यहां तक का सफर बेहद रोमांचक रहा। यह करेंसी आज भी यह अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रही है। हालांकि, बिटकॉइन के प्रति निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है।
निवेशकों को 76.43 करोड़ रुपये का फायदा
शुरुआत से लेकर अब तक बिटकॉइन ने कितना रिटर्न दिया इसे कैलकुलेट करना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि उस समय जब इसे पेश किया गया था तब इसकी कीमत शून्य थी। जुलाई 2010 में, इसकी कीमत $0.09 हो गई और नवंबर 2021 में यह 68,790 डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई थी। बिटकॉइन ने पिछले 13 साल में अपने निवेशकों को भारी भरकम रिटर्न दिया है। इसने अपने रजिस्टर लो से ऑल टाइम हाई तक 7,64,33,233 का अविश्वसनीय रिटर्न दिया है। यानी शुरुआत में किसी निवेशक ने इसमें 1000 रुपये का निवेश किया होता तो नवंबर 2021 में यह रकम 76.43 करोड़ रुपये बन जाती।
Bitcoin का मालिक कौन है और बिटकॉइन किस देश की करेंसी है
चलिए जानते है Bitcoin का मालिक कौन है और बिटकॉइन किस देश की करेंसी है. इसका नाम तो आपने काफी बार सुना होगा जिसमे से बहुत से लोग इसके बारे में भलीभांति जानते भी है परन्तु कुछ लोग इस करेंसी को लेकर काफी कंफ्यूज है उनकों इसके बारे में यह समझ में नहीं आ रहा है की ये असल में है क्या तो आज आपको इससे रिलेटेड सारी जानकारी देंगे.
हर देश की एक अलग जिसे उस देश में खरीददारी के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन कुछ ऐसी भी मुद्रा है जिसके जरिये किसी भी देश में लेनदेन कर सकते है ठीक उसी प्रकार बिटकॉइन है लेकिन यह एक ऐसी मुद्रा है जिसे ना तो हम देख सकते है और ना ही उसे छू सकते है क्योंकि यह एक डिजिटल करेंसी है. जो Peer to Peer सिक्योर नेटवर्क के जरिये लेनदेन किया जाता है.
इस मुद्रा को ऑनलाइन वॉलेट के माध्यम से ख़रीदा जा जाता है जिस तरह पेटीएम में मनी लोड करते है ठीक उसी तरह उसे भी डिजिटल वॉलेट के माध्यम से लोड किया जा सकता है यानि ख़रीदा जा सकता उसके बाद इसका यूज़ ऑनलाइन लेनदेन के लिए कर सकते है.
काफी लोग Bitcoin में बिटकॉइन किसने बनाया था? बिटकॉइन किसने बनाया था? इन्वेस्ट भी करते है क्योंकि इसका रेट हर दिन घटता बढ़ता रहते है इसलिए जब इसका रेट कम होता है तो बिटकॉइन को खरीद लेते है और जब इसका रेट बढ़ता है तो इसे सेल कर देते है ये सारा काम ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिये किया जाता है. इसके लिए काफी सारे प्लेटफार्म है जिसमे सबसे पॉपुलर Zebpay है जिसके जरिये बिटकॉइन को ऑनलाइन ख़रीदा या बेचा जा सकता है.
Bitcoin का मालिक कौन है
बिटकॉइन का ऑथर Satoshi Nakamoto है. वैसे इसका कोई एक व्यक्ति मालिक नहीं है क्योंकि यह एक ओपन सोर्से डीसेण्ट्रलाइज डिजिटल करेंसी है इसे सातोशी का नाम दिया गया है. और यह एक इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर रहने वाली मुद्रा है जिसे किसी डिजिटल वॉलेट के माध्यम से स्टोर करके रखा जा सकता है. लोग Bitcoin एक व्यवसाय के रूप में भी इस्तेमाल करते है शुरुआती दिनों में इसका रेट काफी कम था उस समय बहुत से लोगों ने इसमें इन्वेस्ट किया और जब बिटकॉइन के मूल्य में बढ़ोतरी हुई तो लोगों ने इसे सेल करके काफी अच्छा मुनाफा कमाया था.
अब बिटकॉइन का रेट काफी बढ़ चूका है यदि इस समय Bitcoin के मूल्य की बात करे तो भारतीय रुपए में 1 बिटकॉइन का रेट 25,45,947 है. कुछ ऐसी वेबसाइट भी है जिसके जरिये माइनिंग करके बिटकॉइन बनाये जा सकते है ये साइटें कम्प्यूटर पॉवर के जरिये एक ट्रांजैक्शन प्रोसेस करती है जिससे Bitcoin का निर्माण होता है. Bitcoin Mining करने के बाद वॉलेट में भी ले सकते है.
बिटकॉइन किस देश की करेंसी है
इसे बनाने वाले व्यक्ति जापान के नागरिक है परन्तु बिटकॉइन को आमतौर पर किसी एक देश की करेंसी नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यह एक डिजिटल करेंसी है और इसे हर कोई व्यक्ति ऑनलाइन खरीद या बेच सकता है या ऑनलाइन इस्तेमाल कर सकता है. Bitcoin की शुरुआत 3 जनवरी 2009 में सातोशी नकामोतो नामक व्यक्ति द्वारा की गई थी. इनका जन्म 5 अप्रैल 1975 को जापान में हुआ था.
आशा करती हूँ की आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी और अब आपको पता चल गया होगा की Bitcoin का मालिक कौन है और बिटकॉइन किस देश की करेंसी है. इसका मुख्य Symbol – ₿ ये है और इसे BTC के नाम से भी जाना जाता है.
नोट: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बिटकॉइन को अधिकारिक अनुमति नहीं दी है एक प्रेस के जरिये चेतावनी देते हुए कहा है की इसका लेनदेन जोखिम हो सकता है.
चाईबासा : हो दिसुम में हो आदिवासियों का राजनीतिक, सामाजिक अस्तित्व खतरे में – सिंकु
पश्चिम सिंहभूम के हो बहुल जिला में सभी प्रमुख राजनीतिक दल के जिला अध्यक्ष गैर हो को बनाया गया - सिंकु.
झारखंड प्रदेश तृणमूल युवा कांग्रेस अध्यक्ष सन्नी सिंकु की फोटो.
Chaibasa (Sukesh kumar) : कोल्हान पोड़ाहाट के हो दिसुम में हो आदिवासियों का राजनीतिक, सामाजिक अस्तित्व खतरे में है. यह प्रतिक्रिया झारखंड प्रदेश तृणमूल युवा कांग्रेस अध्यक्ष सन्नी सिंकु ने दी है. यही वजह है पश्चिम सिंहभूम के हो बहुल जिला में सभी प्रमुख राजनीतिक दल के जिला अध्यक्ष गैर हो को बनाया गया है. चाहे झामुमो, भाजपा, कांग्रेस, जदयू, आजसू,राजद ही क्यों न हो. इसका उदाहरण झारखंड सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में भी दिखाई दिया. कोल्हान पोड़ाहाट के किसी हो विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया. ऐसे उपेक्षा, भेदभाव कमजोर सामाजिक पृष्ठभूमि वाले जाति समाज के साथ होता है. हो जाति समाज को सभी राजनीतिक दल कमजोर आंक रहे है. जिसका राजनीतिक जवाब देने के लिए कोल्हान पोड़ाहाट के हो आदिवासी तैयार हो जाएं.
आदिवासियों की उपेक्षा और अपमान सहन करने लायक नहीं है
कोल्हान पोड़ाहाट यानी पश्चिम सिंहभूम जिले में आदिवासियों की संख्या 68 प्रतिशत से अधिक है. उसमे से हो आदिवासियों की संख्या 58 प्रतिशत से अधिक है. इसके बाद भी प. सिंहभूम जिला में हो आदिवासियों की उपेक्षा और अपमान सहन करने जैसे नहीं है. निष्पक्ष राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं. लोकतंत्र में संख्या बल का महत्व होता है. संख्या के आधार पर ही किसी जाति को किसी भी राजनीतिक दल में अहमियत दी जाती है. लेकिन कोल्हान पोड़ाहाट में हो आदिवासियों की बहुलता होने के बाबजूद सभी प्रमुख राजनीतिक दल में हो आदिवासी को अध्यक्ष नहीं बनाया जाना घोर उपेक्षा नहीं तो क्या है.
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हो जाति जनजागृति अभियान चलाया जाएगा – सिंकु
सन्नी सिंकु ने कहा कि कोल्हान प्रमंडल के आठ विधानसभा और सिंहभूम संसदीय क्षेत्र में हो आदिवासियों की बहुल संख्या है. हो आदिवासियों के वोट से एमएलए, एमपी बनते है. लेकिन एमएलए, एमपी हो जाति, समाज के गौरव को बचाने में विफल है. सामाज्यवादी ब्रिटिश हुकूमत ने तो कोल्हान पोड़ाहाट के हो बहुल क्षेत्र को हो दिसुम के रूप में प्रतिष्ठित किया था. कोल्हान पोड़ाहाट के सामाजिक पारंपरिक व्यवस्था को मान्यता प्रदान करने के लिए विलग विनियम विलकिंसन रूल्स और हुकुकनामा के तहत अधिकार और जिम्मेदारी दी थी. अलग बात है स्वतंत्र देश की केंद्र और राज्य सरकार प्रवृत्त मान्य परंपरागत व्यवस्था को शिथिल करने का लगातार प्रयास कर रही है. जिसका प्रतिवाद कोई एमएलए, एमपी नहीं कर रहे है।हो जाति समाज की गौरवशाली इतिहास और मान्य प्रवृत्त परंपरागत व्यवस्था को अक्षुण,जीवित रखने के लिए कोल्हान पोड़ाहाट में जनजागृति अभियान चलाया जाएगा. ताकि हो जाति समाज को सामाजिक और राजनीतिक तौर पर उपेक्षा का दंश न झेलना पड़े.