विदेशी स्टॉक

दिसंबर को समाप्त तिमाही में भारतीय कंपनियों की अब तक की कमाई ने भारी दबाव का संकेत दिया है। नामी कंपनियों का मुनाफा प्रभावित रहा है, जबकि हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी कंपनियों की प्रारंभिक टिप्पणी ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर दबाव का संकेत दिया। बजाज फाइनेंस ने इस महीने की शुरुआत में कहा कि शहरी क्षेत्रों में कम आय वाले उपभोक्ता भी महामारी से प्रभावित हुए हैं।
Share Market Update: 4 दिन में निवेशकों के 8 लाख करोड़ डूबे, जानें क्यों लगातार गिर रहा है शेयर मार्केट
Share Market Update । शेयर बाजार के लिए बीता सप्ताह काफी नुकसानदायक साबित हुआ है। बीते 4 दिनों में शेयर मार्केट में काफी तेज गिरावट देखने को मिली है। इस दौरान सेंसेक्स 2500 अंक की गिरावट झेल चुका है। साथ निफ्टी 700 अंक नीचे चला गया। शेयर मार्केट से जुड़े जानकारों का मानना है कि कमजोर रुपया और भारतीय बाजारों से पैसा निकालने वाले एफआईआई ट्रेंड रिवर्सल के चलते बाजार में गिरावट आई है। साथ कई कंपनियों का प्रदर्शन भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है।
4 दिन में निवेशकों को 8 लाख करोड़ का घाटा
चंडीगढ़ में विदेशी शराब की कीमतें 3000 रुपये तक घटीं, मार्च तक ठेकेदारों को खत्म करना है स्टॉक
विदेशी शराब के शौकीनों को अब एयरपोर्ट या महंगे मॉल्स के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इतना ही नहीं, इस शौक के लिए पैसे भी कम खर्च करने होंगे। सिटी ब्यूटीफुल में विदेशी ब्रांड के शराब की कीमतों में 300 से 3000 रुपये तक की गिरावट आई है। दाम में इस गिरावट के पीछे खपत में कमी के चलते स्टॉक क्लीयरेंस बताया जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि विदेश ब्रांड की शराब की डिमांड कम रहती है। हालांकि चंडीगढ़ में अन्य राज्यों के मुकाबले विदेशी ब्रांड की शराब के शौकीन ज्यादा हैं। इसके चलते शहर की अधिकांश दुकानों पर आपको महंगे विदेशी ब्रांड की शराब मिल जाएगी।
मार्च से पहले स्टॉक खत्म करना जरूरी
शराब के दामों में इस गिरावट के पीछे का कारण कुछ शराब व्यापारियों ने बताया कि उन्हें मार्च 2020 से पहले सभी ब्रांड्स का स्टॉक खत्म करना है। शहर में इंटरनेशनल शराब की डिमांड है लेकिन जितनी डिमांड है उन्हें उससे ज्यादा का स्टॉक उठाना पड़ता है। ऐसे में मजबूरी में सभी ठेकेदारों ने एक राय होकर यह रेट कम किए हैं।
ग्लेनलिवेट और ग्लेनफिच की है डिमांड
सिंगल माल्ट शराब की चंडीगढ़ में भी खासी डिमांड है। हालांकि महंगी होने के कारण कुछ खास लोग ही इसका प्रयोग कर पाते हैं। चंडीगढ़ में ग्लेनलेविट 4000 रुपये में इन दिनों बिक रही है, जबकि विदेशी स्टॉक 5200 रुपये इसका एमआरपी है। वहीं, 21 वर्ष पुरानी ग्लेनफिच 16 हजार रुपये की है। इन दिनों 3000 रुपये की इसके दामों में कमी की गई है। 15 वर्ष पुरानी ग्लेनफिच 5200 की विदेशी स्टॉक है और वह 4000 रुपये में बेची जा रही है।
महंगे ब्रांडों की सूची
ब्रांड पहले अब
ब्लैक लेवल 2400 2000
ब्लू लेवल 1600 1300
टालिसकर 4200 3500
जैक डेनियल 2500 2200
लैफ्रो 4500 3500
इंटरनेशनल ब्रांड की शराब के रेट कम करने में एक्साइज डिपार्टमेंट का कोई रोल नहीं है। शराब के ठेकेदार महंगे ठेके उठाने के बाद हुए घाटे से उबरने या स्टॉक को खत्म करने के लिए ऐसा करते हैं।
- आरके चौधरी, असिस्टेंट एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर, चंडीगढ़
विदेशी स्टॉक
Please Enter a Question First
विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वार .
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश पोर्टफोलियो निवेश अनिवासी भारतीय निवेश विदेशी अप्रत्यक्ष विदेशी स्टॉक निवेश
Solution : भारत ने सितंबर, 1992 से अपने स्टॉक मार्केट को विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिए खोल दिया था तथा वर्ष 1993 से विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा भारतीय कंपनियों के शेयरों और बॉण्डों की खरीद शुरू हो गई, जिसे पोर्टफोलियो निवेश कहा जाता है।
महंगे ब्रांडों की सूची
ब्रांड पहले अब
ब्लैक लेवल 2400 2000
ब्लू लेवल 1600 1300
टालिसकर 4200 3500
जैक डेनियल 2500 2200
लैफ्रो 4500 3500
इंटरनेशनल ब्रांड की शराब के रेट कम करने में एक्साइज डिपार्टमेंट का कोई रोल नहीं है। शराब के ठेकेदार महंगे ठेके उठाने के बाद हुए घाटे से उबरने या स्टॉक को खत्म करने के लिए ऐसा करते हैं।
- आरके चौधरी, असिस्टेंट एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर, चंडीगढ़