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रणनीति मूल्य लड़ाई

रणनीति मूल्य लड़ाई

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एनडीए और विपक्ष ने बनाई रणनीति, सत्ता पक्ष का ये है दावा

रांची. एनडीए ने दावा किया है कि झारखंड में राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को राज्यसभा चुनाव से ज्यादा वोट मिलेंगे। रविवार को मुख्यमंत्री आवास में सोमवार को होनेवाले राष्ट्रपति चुनाव के मतदान को लेकर एनडीए सांसद व विधायकों की बैठक हुई। तय हुआ कि एनडीए के विधायक विधानसभा में बनाए गए राष्ट्रपति चुनाव के मतदान केंद्र पर एक साथ पहुंचेंगे और एक ही साथ बारी-बारी मतदान करेंगे। इसके पहले सभी विधायक मुख्यमंत्री रघुवर दास के एचईसी स्थित पुराने आवास पर जमा होंगे।

सभी विधायक दोपहर के पहले ही 11.30 बजे मतदान करने के लिए विधानसभा पहुंच जाएंगे। सभी अपना पेन और मोबाइल विधानसभा में मुख्यमंत्री के कक्ष में जमा कर देंगे। बैठक के बाद भाजपा के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने ये जानकारी दी। उनके साथ निर्दलीय विधायक भानु प्रताप शाही और गीता कोड़ा भी थीं। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री राम माधव व आजसू के विधायक चंद्रप्रकाश चौधरी और विकास मुंडा भी थे।

सीपी सिंह और अनंत ओझा पोलिंग एजेंट
राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि एनडीए की ओर से नगर विकास मंत्री सीपी सिंह और विधायक अनंत ओझा को पोलिंग एजेंट बनाया गया है। सभी विधायकों को रविवार को मौके पर ट्रेनिंग भी दी गई और बताया गया कि कैसे उन्हें वोटिंग करनी है। इसका डेमो भी किया गया।

बालू को फ्री करने का मुद्दा भी उठा
विधायक भानु प्रताप शाही ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि विधायकों रणनीति मूल्य लड़ाई ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि बालू को फ्री कर दिया जाए। राज्य सरकार के 1000 दिन की उपलब्धियों पर भी चर्चा की गई।


झारखंड में विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव को मूल्यों की लड़ाई मानकर मतदान करेगा। विपक्षी दलों की प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन के आवास पर हुई बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भक्तचरण दास ने कहा कि जिन मूल्यों को लेकर इस देश का निर्माण हुआ, विपक्ष उन मूल्यों को बचाने की लड़ाई लड़ेगा। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हुई इस बैठक में झामुमो, कांग्रेस, झाविमो और माले के नेता उपस्थित हुए।


इसमें तय किया गया कि कल विपक्षी दलों के विधायक सुबह 10.30 से 11 बजे बजे विधानसभा स्थित विपक्ष के नेता कार्यालय में जमा होंगे। वहां से निकल कर प्रथम पाली में ही एक साथ कांग्रेस की प्रत्याशी मीरा कुमार के पक्ष में मतदान करेंगे। इस बैठक में झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत, माले विधायक राजकुमार यादव के अलावा अन्य विधायक उपस्थित हुए। फॉरवर्ड ब्लॉक के अरुप चटर्जी उपस्थित नहीं थे लेकिन विपक्ष ने उनका साथ मिलने का दावा किया।

हर हार, हार नहीं होती : हेमंत सोरेन
झामुमो विधायक दल के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि हर जीत, जीत नहीं होती और हर हार हार नहीं होती। विचारधारा की लड़ाई राज्य में झामुमो, कांग्रेस, जेवीएम और फॉरवर्ड ब्लॉक मिल कर लड़ेंगे।

यह विचारधारा की लड़ाई : बाबूलाल
झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि विपक्ष मिल कर मीरा कुमार को मत करेगा। यह विचारधारा की लड़ाई है। विपक्ष देश और लोकतंत्र बचाने के साथ साथ अमन चैन कायम करने की लड़ाई लड़ेगा।

अंतरात्मा की आवाज सुनें : सुखदेव
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा कि विपक्ष ने सभी विधायकों से आग्रह किया है कि वो अंतरात्मा की आवाज पर मतदान करें। निर्दलीय विधायकों के समर्थन पर कहा कि वो भी हमसे जुड़े हैं।

सुबह 10 बजे से शाम बजे तक होगा मतदान
राष्ट्रपति चुनाव के लिए झारखंड विधानसभा में सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक मतदान होगा। विधानसभा परिसर में कैंटीन के बगल में मतदान केंद्र बनाया गया है। भाजपा की ओर से एनडीए के प्रतिनिधि के तौर पर सीपी सिंह और यूपीए की ओर से आलमगीर आलम को मतदान केंद्र में मौजूद रहेंगे। वोटिंग रूप में बैलेट पेपर को छोड़ कर अन्य सभी स्थानों पर वीडियो रिकार्डिंग की व्यवस्था की गयी है। राज्य के सांसद संसद भवन में मतदान करेंगे।

सांसद के एक मत का मूल्य 708 है। राज्य में कुल 20 सांसदों के मतों का मूल्य 14160 होता है। इनमें रणनीति मूल्य लड़ाई भाजपा के लोकसभा से 12 और राज्यसभा से दो सांसद है। जबकि झामुमो के दो लोकसभा, एक राज्यसभा सदस्य हैं। राजद का एक राज्यसभा सदस्य है। परिमल नाथवाणी को लेकर स्पष्ट नहीं है कि वह यूपीए या एनडीए फोल्डर में हैं। राज्य में 81 विधायक है जिनके मतों का कुल मूल्य 14256 है।

4 विधायक आएंगे जेल से
राज्य में चार ऐसे विधायक हैं जो जेल में हैं। उन्हें जेल से ही वोटिंग के लिए विधानसभा आना होगा। इन विधायकों में संजीव सिंह, एनोस एक्का, प्रदीप यादव और निर्मला देवी शामिल हैं।

वोटिंग के लिए लिखना है एक या दो
मताधिकार के लिए मुहर नहीं लगाना है, न ही टिक करना है। बल्कि एक या दो नंबर लिखना होगा। वह भी आयोग की ओर से उपलब्ध कराए गए पेन से। 17 जुलाई को मतदान समाप्त होने के बाद स्ट्रांग रूम में ही मतपेटी को सील करके रखा जाएगा। 18 जुलाई को वीडियोग्राफी के बाद मतपेटी को निकाला जाएगा और उसे एयर इंडिया के विमान से दिल्ली भेजा जाएगा।

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लड़ाई दिल्ली जाती देख पायलट ने बनाई 'वेट एवं वाॅच' की रणनीति, अब लड़ाई सोनिया-गहलोत के बीच

राजस्थान में कांग्रेस की लड़ाई दिल्ली जाती देख सचिन पायलट ने खुद को लड़ाई से अलग कर लिया है। अब सचिन पायलट और गहलोत के बीच न होकर गहलोत और सोनिया के बीच हो गई। पायलट ने वेट एवं वाॅच की रणनीति बना ली।

लड़ाई दिल्ली जाती देख पायलट ने बनाई 'वेट एवं वाॅच' की रणनीति, अब लड़ाई सोनिया-गहलोत के बीच

Sachin Pilot News:राजस्थान में कांग्रेस की लड़ाई दिल्ली जाती देख सचिन पायलट ने खुद को लड़ाई से अलग कर लिया है। अब सचिन पायलट और गहलोत के बीच न होकर गहलोत और सोनिया के बीच हो गई है। पायलट ने चुप रहते हुए पूरे हालात को देखने की रणनीति बनाई है। हालांकि, दिल्ली से मिले इशारे के बाद ही पायलट ने चुप रहने की रणनीति बनाई है। पायलट कैंप चुपी साधे हुए है। पायलट कैंप की तरफ से कोई बयानबाजी नहीं हो रही है। रविवार रात कांग्रेस विधायक दल की बैठक रद्द होने के बाद सचिन पायलट माकन से मिलने उनके होटल गए थे। दोनों नेताओं के बीच लंबी मंत्रणा हुई थी। चर्चा है कि सचिन पायलट रात के साढे़ तीन बजे होटल से निकले। पायलट बहुत ज्यादा लोगों से नहीं मिल रहे हैं। उनके आवास पर समर्थकों का जमावड़ा भी नहीं है। जानकार इसे पायलट की रणनीति का हिस्सा मानकर चल रहे हैं। इस बार कांग्रेस आलाकमान पायलट के पक्ष में बताया जा रहा है। ऐसे ऊंट किस करवट बैठेगा यह देखना होगा। राजस्थान की राजनीति में अगले 24 घंटे बेहद निर्णायक होने जा रहे हैं।

कांग्रेस पर्यवेक्षक आज 12 बजे सौपेंगे रिपोर्ट

राजस्थान के सियासी संकट पर कांग्रेस पर्यवेक्षक आज सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौपेंगे। कांग्रेस आलाकमान ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से लिखित में रिपोर्ट मांगी थी। रविवार को कांग्रेस के दोनों पर्यवेक्षक जयपुर आए थे। लेकिन गहलोत गुट ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया था। इसलिए बैठक स्थगित कर दी गई। कांग्रेस के दोनों पर्यवेक्षक सोमवार को दिल्ली चले गए थे और सोनिया से मिले थे। सोनिया गांधी ने दोनों नेताओं को लिखित में रिपोर्ट रणनीति मूल्य लड़ाई देने के लिए कहा था। कांग्रेस के पर्यवेक्षक राजस्थान संकट पर आज दोपहर 12 बजे सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौंपेंगे। राजस्थान की राजनीति में अगले 24 घंटे बहुत ही निर्णायक होंगे। सियासी घटनाक्र के बीच सीएम गहलोत की चुप्पी बेहद मायने रखती है।

गहलोत गुट जिद पर अड़ा

गहलोत गुट अपनी जिद पर अड़ा हुआ है। सचिन पायलट मंजूर नहीं है। ऐसे में चर्चा है कि कोई बीच का रास्ता निकाला जा सकता है। गहलोत कैंप ने पार्टी पर्यवेक्षकों को नाम सुझाए है। गहलोत गुट का कहना है कि कांग्रेस के किसी भी विधायक को मुख्यमंत्री बना दीजिए। लेकिन बीजेपी के इशारे पर बगावत करने वाले को सीएम नहीं बनने देंगे। सोमवार को गहलोत के मंत्री शांति धारीवाल ने एक बार फिर सचिन पायलट पर हमला बोला था। धारीवाल ने कहा कि सचिन पायलट षड्यंत्र कर गहलोत को हटान चाहते हैं। यह हमें मंजूर नहीं है। चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान पर गहलोत पर सख्ती दिखा सकत है। गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष और सीएम के दोनों पद खतरे में पड़ सकते हैं। राजस्थान की सियासत के लिए आज दिन काफी मायने रखता है। कांग्रेस के रणनीतिकार कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव से पहले सियासी संकट का समधान चाहते हैं। माना जा रहा है कि गहलोत पर सख्ती हो सकती है। राज्य के सियासी संकट पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थकों की पैनी नजर है। आपको बता दें साल 2020 में पायलट कैंप ने बगावत कर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को मुश्किल में डाल दिया था। इस बार गहलोत ने बगावत कर पार्टी आलाकमान को मुश्किल में डाल दिया है।

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राजस्थान में कांग्रेस की लड़ाई दिल्ली जाती देख सचिन पायलट ने खुद को लड़ाई से अलग कर लिया है। अब सचिन पायलट और गहलोत के बीच न होकर गहलोत और सोनिया के बीच हो गई। पायलट ने वेट एवं वाॅच की रणनीति बना ली।

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Sachin Pilot News:राजस्थान में कांग्रेस की लड़ाई दिल्ली जाती देख सचिन पायलट ने खुद को लड़ाई से अलग कर लिया है। अब सचिन पायलट और गहलोत के बीच न होकर गहलोत और सोनिया के बीच हो गई है। पायलट ने चुप रहते हुए पूरे हालात को देखने की रणनीति बनाई है। हालांकि, दिल्ली से मिले इशारे के बाद ही पायलट ने चुप रहने की रणनीति बनाई है। पायलट कैंप चुपी साधे हुए है। पायलट कैंप की तरफ से कोई बयानबाजी नहीं हो रही है। रविवार रात कांग्रेस विधायक दल की बैठक रद्द होने के बाद सचिन पायलट माकन से मिलने उनके होटल गए थे। दोनों नेताओं के बीच लंबी मंत्रणा हुई थी। चर्चा है कि सचिन पायलट रात के साढे़ तीन बजे होटल से निकले। पायलट बहुत ज्यादा लोगों से नहीं मिल रहे हैं। उनके आवास पर समर्थकों का जमावड़ा भी नहीं है। जानकार इसे पायलट की रणनीति का हिस्सा मानकर चल रहे हैं। इस बार कांग्रेस आलाकमान पायलट के पक्ष में बताया जा रहा है। ऐसे ऊंट किस करवट बैठेगा यह देखना होगा। राजस्थान की राजनीति में अगले 24 घंटे बेहद निर्णायक होने जा रहे हैं।

कांग्रेस पर्यवेक्षक आज 12 बजे सौपेंगे रिपोर्ट

राजस्थान के सियासी संकट पर कांग्रेस पर्यवेक्षक आज सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौपेंगे। कांग्रेस आलाकमान ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से लिखित में रिपोर्ट मांगी थी। रविवार को कांग्रेस के दोनों पर्यवेक्षक जयपुर आए थे। लेकिन गहलोत गुट ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया था। इसलिए बैठक स्थगित कर दी गई। कांग्रेस के दोनों पर्यवेक्षक सोमवार को दिल्ली चले गए थे और सोनिया से मिले थे। सोनिया गांधी ने दोनों नेताओं को लिखित में रिपोर्ट देने के लिए कहा था। कांग्रेस के पर्यवेक्षक राजस्थान संकट पर आज दोपहर 12 बजे सोनिया गांधी को रिपोर्ट सौंपेंगे। राजस्थान की राजनीति में अगले 24 घंटे बहुत ही निर्णायक होंगे। सियासी घटनाक्र के बीच सीएम गहलोत की चुप्पी बेहद मायने रखती है।

गहलोत गुट जिद पर अड़ा

गहलोत गुट अपनी जिद पर अड़ा हुआ है। सचिन पायलट मंजूर नहीं है। ऐसे में चर्चा है कि कोई बीच का रास्ता निकाला जा सकता है। गहलोत कैंप ने पार्टी पर्यवेक्षकों को नाम सुझाए है। गहलोत गुट का कहना है कि कांग्रेस के किसी भी विधायक को मुख्यमंत्री बना दीजिए। लेकिन बीजेपी के इशारे पर बगावत करने वाले को सीएम नहीं बनने देंगे। सोमवार को गहलोत के मंत्री शांति धारीवाल ने एक बार फिर सचिन पायलट पर हमला बोला था। धारीवाल ने कहा कि सचिन पायलट षड्यंत्र कर गहलोत को हटान चाहते हैं। यह हमें मंजूर नहीं है। चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान पर गहलोत पर सख्ती दिखा सकत है। गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष और सीएम के दोनों पद खतरे में पड़ सकते हैं। राजस्थान की सियासत के लिए आज दिन काफी मायने रखता है। कांग्रेस के रणनीतिकार कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव से पहले सियासी संकट का समधान चाहते हैं। माना जा रहा है कि गहलोत पर सख्ती हो सकती है। राज्य के सियासी संकट पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थकों की पैनी नजर है। आपको बता दें साल 2020 में पायलट कैंप ने बगावत कर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को मुश्किल में डाल दिया था। इस बार गहलोत ने बगावत कर पार्टी आलाकमान को मुश्किल में डाल दिया है।

भाकिसं ने बनाई आरपार लड़ाई की रणनीति

हरदा (ब्यूरो)। किसानों की लड़ाई लड़ रहा भारतीय किसान संघ शासन-प्रशासन से आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है। गुरुवार को रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। जिसके तहत्‌ कल शुक्रवार को जिले में एक बड़ा आंदोलन किया जा सकता है। उधर, किसान संघ के नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि किसानों के यहां जैसी फसल का उत्पादन हुआ है, वह मंडी में व

भाकिसं ने बनाई आरपार लड़ाई की रणनीति

हरदा (ब्यूरो)। किसानों की लड़ाई लड़ रहा भारतीय किसान संघ शासन-प्रशासन से आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है। गुरुवार को रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। जिसके तहत्‌ कल शुक्रवार को जिले में एक बड़ा आंदोलन किया जा सकता है। उधर, किसान संघ के नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि किसानों के यहां जैसी फसल का उत्पादन हुआ है, वह मंडी में वैसी ही तो बेचेगा। किसान गेहूं बेचने के लिए यहां-वहां भटक रहा है। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि एक-एक दाना खरीदेंगे तो शासन और प्रशासन इसकी गारंटी दे।

भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने वीर तेजाजी चौक पर धरने के तीसरे दिन कहा कि समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी केन्द्रों पर नान एफएक्यू बताकर गेहूं खरीदी नहीं की जा रही है, जिसके कारण किसान परेशान हो रहा है। धरने को संबोधित करते हुए प्रांतीय उपाध्यक्ष योगेन्द्र भाम्बू ने कहा कि जब तक शासन और प्रशासन गारंटी नहीं देता है कि किसान का गेहूं जैसा है वैसा खरीदेंगे, तब तक संगठन किसानों के लिए संघर्ष करता रहेगा। भिण्ड कलेक्टर द्वारा दिए गए बयान की भाकिसं ने कडे शब्दों में निंदा की है। संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रामकृष्ण चौधरी ने कहा कि ऐसे तानाशाह अफसर को सरकार को तत्काल हटा देना चाहिए ।

संगठन के जिला संयोजक भगवानदास गौर ने बताया कि गुरूवार को आगे की रणनीति बनाई जाएगी और जरूरत पड़ी तो संगठन कोई ठोस निर्णय लेगा। धरने में संघ के विभिन्ना पदाधिकारियों सहित किसान उपस्थित थे।

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