ETF का इतिहास

Gold Bond Aur Gold ETF Me Antar- निवेश के दृष्टिकोण से सोने को हमेशा से निवेश का एक अच्छा साधन माना जाता है| लेकिन अधिकांश लोग भौतिक रूप से सोना खरीदना ही पसंद करते हैं, जैसे ज्वैलरी, कॉइन्स, बिस्किट आदि| यदि हम गोल्ड में निवेश को लेकर बात करे तो गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड इटीएफ भी माध्यम हैं| ऐसे में सोने में निवेश के लिए कौन सा जरिया फायदेमंद है, इसके लिए हम आपको गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड इटीएफ में अंतर बता रहे है, जो इस प्रकार है-
Cryptocurrency Investment: US में बिटक्वाइन ETF शुरू होते ही क्रिप्टोकरेंसी फंड्स में निवेशकों का तांता, एक ही हफ्ते में झोंके डेढ़ अरब डॉलर
बिटक्वाइन में ईटीएफ को मंजूरी मिलते ही बेतहाशा बढ़ा है इसमें निवेश
अमेरिका में क्रिप्टोकरेंसी फ्यूचर में ईटीएफ शुरू होने के बाद नंबर वन क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन में निवेश जम कर बढ़ा है. क्रिप्टो फंड्स और दूसरे एसेट्स में पिछले सप्ताह 1.47 अरब डॉलर का जोरदार निवेश हुआ. इस वजह से क्रिप्टो एसेट्स का एयूएम 79.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया. हालांकि सप्ताह के अंत में इसमें थोड़ी कमी आई और यह 76.7 अरब डॉलर पर आकर टिक गया.
बिटक्वाइन में ETF को मंजूरी मिलते ही क्रिप्टोकरेंसी में निवेश तेज
डिजिटल एसेट मैनेजमेंट फर्म CoinShares’ weekly के मुताबिक अमेरिकी मार्केट रेगुलेटर यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन यानी SEC की ओर से बिटक्वाइन ईटीएफ को मंजूरी देने के बाद इसके दाम तेजी से बढ़े . इसी वजह से क्रिप्टोकरेंसी के एयूएम में बढ़ोतरी हुई है.
पिछले सप्ताह क्रिप्टोकरेंसी में जितना निवेश हुआ उसमें 99 फीसदी हिस्सेदारी अकेले बिटक्वाइन (Bitcoin) की थी. बिटक्वाइन में निवेश 1.45 अरब डॉलर का हुआ. इसके अलावा Solano,Cardano और Binance में भी निवेशकों ने जम कर निवेश किया. इनमें क्रमश: 8.1, 5.3 और 1.8 मिलियन डॉलर का निवेश हुआ. Litecoin, Polkadot,Ripple और Bitcoin Cash में निवेश बढ़ा, जबकि Etherium में निवेशकों ने निवेश घटाया. इससे लगातार तीसरे सप्ताह निवेशकों ने फंड निकाला.
फरवरी में बना था बिटक्वाइन में साप्ताहिक निवेश का रिकार्ड
इससे पहले बिटक्वाइन में साप्ताहिक निवेश का सबसे बड़ा रिकार्ड इस साल फरवरी में बनाया था, जब इसमें 640 मिलियन डॉलर का रिकार्ड निवेश हुआ था. इस साल अब तक इसमें 8 अरब डॉलर का निवेश हो चुका है. पिछले साल यह निवेश 7.6 अरब डॉलर का था.
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Nifty 50 ETF: निवेश के लिए एक बेहतर तरीका
कई निवेशक जिन्हें इक्विटी के बारे में पूरी समझ नहीं हैं, वे अक्सर आश्चर्य करते हैं कि सही निवेश के मौके आने पर शुरुआत कैसे करें। लोग इक्विटी की ओर आमतौर पर इसलिए आकर्षित होते हैं, क्योंकि इसमें लंबी अवधि में मुद्रास्फीति को पछाड़ने की संभावना होती है।
कई निवेशक जिन्हें इक्विटी के बारे में पूरी समझ नहीं हैं, वे अक्सर आश्चर्य करते हैं कि सही निवेश के मौके आने पर शुरुआत कैसे करें। लोग इक्विटी की ओर आमतौर ETF का इतिहास पर इसलिए आकर्षित होते हैं, क्योंकि इसमें लंबी अवधि में मुद्रास्फीति को पछाड़ने की संभावना होती है। इसके अलावा, हमारे सभी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए इक्विटी एक्सपोजर के तत्व की आवश्यकता होती है, चाहे वह म्यूचुअल फंड के माध्यम से हो या सीधे स्टॉक या इन दोनों के मिले जुले माध्यम से हो। लेकिन, अगर आप इक्विटी में नए हैं और सीधे शेयरों के साथ शुरुआत करना चाहते हैं, तो निवेश करने के लिए सही कंपनी पर निर्णय लेना आसान नहीं है और इससे पहले आपको कंपनी की वित्तीय ETF का इतिहास स्थिति, उसकी व्यावसायिक संभावनाओं, वैल्यूएशन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियों आदि को ETF का इतिहास समझने की जरूरत है। यहां पर निफ्टी 50 ईटीएफ सामने आता है। ईटीएफ, जो एक विशिष्ट सूचकांक को ट्रैक करता है, इससे एक्सचेंजों पर स्टॉक की ETF का इतिहास तरह कारोबार किया जाता है, लेकिन इसे एक म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा ऑफर किया जाता है।
Cryptocurrency Investment: US में बिटक्वाइन ETF शुरू होते ही क्रिप्टोकरेंसी फंड्स में निवेशकों का तांता, एक ही हफ्ते में झोंके डेढ़ अरब डॉलर
बिटक्वाइन में ईटीएफ को मंजूरी मिलते ही बेतहाशा बढ़ा है इसमें निवेश
अमेरिका में क्रिप्टोकरेंसी फ्यूचर में ईटीएफ शुरू होने के बाद नंबर वन क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन में निवेश जम कर ETF का इतिहास बढ़ा है. क्रिप्टो फंड्स और दूसरे एसेट्स में पिछले सप्ताह 1.47 अरब डॉलर का जोरदार निवेश हुआ. इस वजह से क्रिप्टो एसेट्स का एयूएम 79.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया. हालांकि सप्ताह के अंत में इसमें थोड़ी कमी आई और यह 76.7 अरब डॉलर पर आकर टिक गया.
बिटक्वाइन में ETF को मंजूरी मिलते ही क्रिप्टोकरेंसी में निवेश तेज
डिजिटल एसेट मैनेजमेंट फर्म CoinShares’ weekly के मुताबिक अमेरिकी मार्केट रेगुलेटर यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन यानी SEC की ओर से बिटक्वाइन ईटीएफ को मंजूरी देने के बाद इसके दाम तेजी से बढ़े . इसी वजह से क्रिप्टोकरेंसी के एयूएम में बढ़ोतरी हुई है.
पिछले सप्ताह क्रिप्टोकरेंसी में जितना निवेश हुआ उसमें 99 फीसदी हिस्सेदारी अकेले बिटक्वाइन (Bitcoin) की थी. बिटक्वाइन में निवेश 1.45 अरब डॉलर का हुआ. इसके अलावा Solano,Cardano और Binance में भी निवेशकों ने जम कर निवेश किया. इनमें क्रमश: 8.1, 5.3 और 1.8 मिलियन डॉलर का निवेश ETF का इतिहास हुआ. Litecoin, Polkadot,Ripple और Bitcoin Cash में निवेश बढ़ा, जबकि Etherium में निवेशकों ने निवेश घटाया. इससे लगातार तीसरे सप्ताह निवेशकों ने फंड निकाला.
फरवरी ETF का इतिहास में बना था बिटक्वाइन में साप्ताहिक निवेश का रिकार्ड
इससे पहले बिटक्वाइन में साप्ताहिक निवेश का सबसे बड़ा रिकार्ड इस साल फरवरी में बनाया था, जब इसमें 640 मिलियन डॉलर का रिकार्ड निवेश हुआ था. इस साल अब तक इसमें 8 अरब डॉलर का निवेश हो चुका है. पिछले साल यह निवेश 7.6 अरब डॉलर का था.
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गोल्ड बॉन्ड (Gold Bond)
1. कोई भी व्यक्ति गोल्ड बॉन्ड के रूप में 1 ग्राम से लेकर 4 किलो तक ही सोना खरीद सकते है
2. गोल्ड बॉन्ड में पांच वर्षों का लॉक-इन पीरियड है, इसके बाद ही इसे भुनाया जा सकता है
3. गोल्ड बॉन्ड खरीदने के 3 साल बाद बेचने पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी LTCG टैक्स लगता है| यदि तीन वर्ष से पहले विक्रय करते है, तो एप्लीकेबल स्लैब रेट के अनुसार टैक्स लगेगा
4. गोल्ड बॉन्ड पर कैपिटल गेन और ब्याज दोनों का लाभ लिया जा सकता है, साथ ही इस पर सॉवरेन गारंटी भी रहती है
5. गोल्ड बॉन्ड की सबसे बड़ी कमी यह है कि इसे सेकंडरी मार्केट में बेचने पर लिक्विडिटी का इश्यू आता है
गोल्ड इटीएफ (Gold ETF)
1. गोल्ड इटीएफ के रूप में कोई भी व्यक्ति न्यूनतम 1 ग्राम सोने से लेकर कितना भी निवेश कर सकता है, क्योंकि इसमें ETF का इतिहास कोई अपर लिमिट नहीं है|
2. Gold ETF में कोई लॉक इन पीरियड नहीं है
3. गोल्ड इटीएफ पर भी 3 साल का होल्डिंग पीरियड पूरा करने के बाद बेचने पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी LTCG टैक्स लगता है, वहीं 3 साल से पहले बेचने पर एप्लीकेबल स्लैब रेट से टैक्स लगता है
4. Gold ETF में खरीद और बिक्री कभी भी की जा सकती है
5. गोल्ड इटीएफ की सबसे बड़ा माईनस पॉइंट यह है कि डीमैट चार्ज देना अनिवार्य है और कभी-कभी इसका वॉल्यूम बहुत लो रहता है
भारत बॉन्ड ईटीएफ कौन खरीद सकता है कौन नहीं
(1) एक्सचेंज- एक्सचेंज पर बॉन्ड ETF की लिस्टिंग होगी। यहां से निवेशक खरीद सकते हैं। प्रत्येक बॉन्ड ETF की कीमत 1,000 रुपये होगी।
(2) मार्केट मेकर- जब कोई खरीदार नहीं होगा तो मार्केट मेकर बॉन्ड की खरीद-बिक्री करेंगे। एक समय में 1 करोड़ रुपये यूनिट की ETF का इतिहास खरीद-बिक्री कर सकते हैं।
(3) AMC- बड़े निवेशक एएमसी के जरिए खरीदारी कर सकते हैं। ऐसे निवेशक 25 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा की खरीदारी कर सकते हैं।