मौजूदा लोगों के अलावा कई ऑर्डर खोलने

अगर पत्नी बेहतर कमाती हो तो ऐसा ही आदेश उसे भी दिया जा सकता है.
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IPL 2022, CSK vs LSG: चेन्नई और लखनऊ की हार का कारण, किसका खुलेगा खाता?
IPL 2022, CSK & LSG: डिफेंडिंग चैंपियन सीएसके और लीग में पहली बार हिस्सा ले रही लखनऊ की टीम को अपने पहले मैच में हार का सामना करना पड़ा. वजह रही दोनों टीम का फ्लॉप टॉप ऑर्डर. यहीं से टीम मैच में बैकफुट पर आ गई और विरोधी टीम ने बाजी मार ली. टॉप ऑर्डर की नाकामी के कारण अपने शुरुआती मैच गंवाने वाली मौजूदा चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स और नई टीम लखनऊ सुपर जायंट्स गुरुवार को एक दूसरे के खिलाफ अपनी कमजोरियों को दूर करके आईपीएल के मौजूदा सत्र में अपना खाता खोलने का प्रयास करेंगी.
खबर में खास
CSK और LSG की हार का कारण
इन दोनों टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी और उनकी हार का कारण शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों का नहीं चल पाना था. ब्रेबोर्न स्टेडियम में होने वाले मैच में वे इसमें सुधार करने की कोशिश करेंगी. आईपीएल का मौजूदा सत्र अभी शुरू हुआ लेकिन टॉस अहम भूमिका निभा रहा है, ऐसे में कोई भी टीम टॉस जीतने पर क्षेत्ररक्षण करना ही पसंद कर रही है.
Lucknow Super Giants Won/ @LucknowIPL
टॉस फैक्टर
चेन्नई और लखनऊ दोनों को वानखेड़े स्टेडियम में पहले बल्लेबाजी करने के बाद मैच गंवाना पड़ा था और ब्रेबोर्न स्टेडियम में भी परिस्थितियां भिन्न नहीं है जहां दूसरी पारी के दौरान ओस काफी प्रभाव डाल सकती है. लखनऊ के कप्तान केएल राहुल और स्टार सलामी बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक पहले मैच में नहीं चल पाये थे और वे इसकी भरपाई इस मैच में करना चाहेंगे.
दिल्ली पुलिस में अब दो की जगह तीन स्पेशल कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर होंगे
दिल्ली पुलिस में अब दो की जगह तीन स्पेशल कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर होंगे। जी हां दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने अपने मौजूदा दो लॉ एंड ऑर्डर जोन (साउथ और नॉर्थ) को अब तीन ऐसे जोन में बांट दिया है। नई व्यवस्था के तहत तीन स्पेशल कमिशनर लॉ एंड ऑर्डर को दक्षिण, मध्य और पश्चिमी जोन से जाना जाएगा। इसमें प्रत्येक जोन में दो-दो पुलिस रेंज हैं, जिसकी कमान ज्वाइंट कमिश्नर स्तर के अधिकारी संभालते हैं। नई व्यवस्था मौजूदा लोगों के अलावा कई ऑर्डर खोलने मौजूदा लोगों के अलावा कई ऑर्डर खोलने का यह आदेश मंगलवार देर रात जारी किया गया।
इस बदलाव के साथ ही स्पेशल कमिश्नर स्तर के छह वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया है। 1989 बैच के एक आईपीएस अधिकारी रणवीर सिंह कृष्णिया, जो स्पेशल कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर-दक्षिण के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहे थे, उनके कार्यक्षेत्र में नए आदेश के साथ एकमात्र बदलाव यह है कि वह केवल दक्षिणी और नई दिल्ली रेंज की कमान सभांलेंगे। पहले दक्षिण क्षेत्र दक्षिणी रेंज, नई दिल्ली रेंज, और पश्चिमी रेंज शामिल थे।
क्यों की जा रही है इसे हटाने की मांग?
साल 2018 में 'फ़ैमिली लॉ में सुधार' पर प्रकाशित कनसल्टेशन पेपर में लॉ कमीशन ने वैवाहिक संबंध बहाली के इन प्रावधानों को हटाने की सिफ़ारिश की थी.
'हाई लेवल कमेटी ऑन द स्टेटस ऑफ़ वुमेन' की रिपोर्ट से सहमति जताते हुए कमीशन ने कहा था, "आज़ाद भारत में ऐसे प्रावधानों की कोई ज़रूरत नहीं. क़ानून में पहले ही शारीरिक संबंध ना बनने पर तलाक़ लेने का प्रावधान है. मर्द और औरत दोनों अब आर्थिक रूप से सक्षम होने लगे हैं. मुश्किल से मिली इस आज़ादी पर ऐसी बंदिशें लगाना जायज़ नहीं है."
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में छात्रों ने इन दोनों रिपोर्ट का हवाला दिया है और प्रावधान हटाए जाने की मांग करते हुए कहा है कि इनका दुष्प्रभाव ये है कि, "ये दिखने में बराबरी वाला क़ानून है पर औरत को उसकी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ ससुराल में रहने पर विवश करता है, उसे पति की जायदाद की नज़र से देखता है, पति और पत्नी की निजता का उल्लंघन है और शादी के ढांचे को व्यक्तिगत खुशहाली के ऊपर रखता है.
दो दिनों में तैयार होगा 22 हजार बेड का अस्पताल, हर जिले में दी जाएगी ट्रू नेट मशीन
यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह से तैयार है। अगले दो दिनों में ही 22 हजार बेड के नए अस्पताल बनकर तैयार हो जाएंगे। अब तक प्रदेश में 78 हजार बेड कोविड-19 एल-वन और एल-टू के तैयार हो चुके हैं। अब यह संख्या एक लाख बेड की हो जाएगी।
प्रदेश में एक सप्ताह के अंदर प्रतिदिन 10 हजार से अधिक जांचें भी होने लगेंगी। इसके लिए कोबास मशीन के ऑर्डर दिए गए हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने शनिवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के सभी जिलों की कोरोना जांच का गोरखपुर में हो रही है। इस वजह से कुछ जांचों में देरी होती है।
विस्तार
यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह से तैयार है। अगले दो दिनों में ही 22 हजार बेड के नए अस्पताल बनकर तैयार हो जाएंगे। अब तक प्रदेश में 78 हजार बेड कोविड-19 एल-वन और एल-टू के तैयार हो चुके हैं। अब यह संख्या एक लाख बेड की हो जाएगी।
प्रदेश में एक सप्ताह के अंदर प्रतिदिन 10 हजार से अधिक जांचें भी होने मौजूदा लोगों के अलावा कई ऑर्डर खोलने लगेंगी। इसके लिए कोबास मशीन के ऑर्डर दिए गए हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने शनिवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के सभी जिलों की कोरोना जांच का गोरखपुर में हो रही है। इस वजह से कुछ जांचों में देरी होती है।
जल्द ही कोबास मशीन लग जाएगी, फिर प्रतिदिन एक हजार से अधिक की जांच गोरखपुर में भी हो सकेगी। यूपी में मौजूदा समय में छह से सात हजार जांच प्रतिदिन हो रही हैं। 28 प्रयोगशालाओं में जांच की सुविधा है। जब कोरोना की शुरुआत हुई थी तो महज तीन जगहों पर ही जांच हो रही थी। इस मौके पर उनके साथ सांसद रवि किशन शुक्ल, नगर विधायक डॉ राधा मोहन अग्रवाल, सीमएओ डॉ श्रीकांत तिवारी आदि मौजूद रहे।
तब्लीगी जमात ने बढ़ाया कोरोना केस
स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि आठ मार्च को प्रदेश में पहला केस मिला था। इसके बाद धीरे-धीरे केस मिल रहे थे लेकिन तब्लीगी जमात ने मुश्किलें बढ़ा दी। इसके बाद से अचानक कोरोना के केस बढ़ने लगे। इसके बावजूद प्रदेश सरकार ने जरूरी कदम उठाए। इसी का नतीजा है कि देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य में कोरोना काबू में हैं।
हर जिले में दी जाएगी ट्रू नेट मशीन
स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि हर जिले को शासन की ओर से ट्रू नेट मशीन दी जाएगी। इसके लिए संबंधित कंपनी को ऑर्डर भी दिया जा चुका है। ट्रूनेट मशीन आने से पॉजिटिव और निगेटिव का पता चल जाएगा, फिर कोरोना की इमरजेंसी जांच में आसानी होगी। 55 ट्रू नेट मशीन के ऑर्डर दिए गए हैं। इनमें 11 मिल चुकी हैं। केवल एक कंपनी इंडिया में ट्रनेट मशीन बना रही है। इस वजह से मशीन मिलने में थोड़ी देरी हो रही है।
2900 केस एक्टिव हैं अभी प्रदेश में
स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश में शनिवार तक 7766 केस कोरोना के मिल चुके हैं। इनमें 204 मौतें हुई हैं, जबकि 4462 ठीक होकर घर जा चुके हैं। ठीक होने का दर अन्य प्रदेशों से बेहतर है। 2900 एक्टिव केस हैं। प्रदेश में 1255 ट्रेनों सहित कोटा, दिल्ली से बस से आए छात्रों, प्रवासी मजदूरों की संख्या जोड़ दी जाए तो करीब 28 लाख लोग अब तक आ चुके हैं। इनमें सबको क्वारंटीन करते हुए जरूरत के अनुुसार लोगों की जांच भी कराई गई है।
आरोग्य सेतु ने पकड़े हैं आठ कोरोना पॉजिटिव केस
स्वास्थ्य मंत्री ने ने केंद्र सरकार का आरोग्य सेतु एप भी कोरोना रोकने की मुहिम में कारगर साबित हुआ है। प्रदेश भर से 33 हजार कॉल आरोग्य सेतु एप के जरिए आए हैं। इनमें आठ कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। उन्होंने लोगों से एप को इंस्टाल करने की अपील की है।