एमए क्या है?

इलाहाबाद विश्वविद्यालय हॉस्टल अपडेट, एमए एमएससी एमकॉम के साथ एलएलएम के लिए हॉस्टल आवेदन शुरू, जानें क्या है पूरी ख़बर
इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने हॉस्टल में प्रवेश लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है जिसके लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा कुछ दिन पहले आवेदन माँगे जा चुके हैं। अभी तक हॉस्टल में प्रवेश लेने के लिए 780 आवेदन विश्वविद्यालय को प्राप्त हो चुके हैं। फिलहाल हॉस्टल के लिए केवल परास्नातक कोर्सेज में अध्ययनरत एमए, एमएससी, एमकॉम के विद्यार्थियों के ही आवेदन माँगे गए थे।
ताज़ा जानकारी के अनुसार एमए, एमएससी, एमकॉम के साथ एक कोर्स और बढ़ा दिया गया है जिसमें अध्ययनरत विद्यार्थी हॉस्टल के लिए अब आवेदन कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक एलएलएम में अध्ययनरत छात्र/छात्राएं भी अब हॉस्टल के लिए आवेदन कर सकते हैं।
हॉस्टल के लिए आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया क्या है और कौन कौन से डाक्यूमेंट्स की आवश्यकता होगी इन सब पर हमनें इसी वेबसाइट पर कुछ पोस्ट डाल रखी है जिनका लिंक आपको नीचे मिल जाएगा।
आपको बताते चलें कि एलएलएम कोर्स भी पीजीएटी कोर्सेज के अंतर्गत ही आता है और लगातार छात्र/छात्राएं एलएलएम के लिए हॉस्टल आवंटन की माँग कर रहे थे। इसके अलावा यूजीएटी के तथा अन्य कोर्सेज के लिए भी हॉस्टल आवंटन की माँग चल रही है।
पीजीएटी के इन कोर्सेज के लिए हॉस्टल आवंटन का मुख्य कारण है पीजीएटी कक्षाओं के ऑफलाइन चलना जो अभी अन्य कोर्सेज के लिए नही चल रही है। शोध कर रहे विद्यार्थियों को हॉस्टल आवंटन सबसे पहले किया जा चुका है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 22 अक्टूबर 2021 है।
एक साथ दो कोर्स करने का भंडाफोड़
केस 1: बरेली कॉलेज से प्रियंका तिवारी इस साल समाजशास्त्र विषय से जहां एमए प्रथम वर्ष की परीक्षा में बैठीं वहीं खुसरो डिग्री कॉलेज से भी ड्राइंग एवं पेंटिंग में एमए की परीक्षा दे दी। यानी एक ही सत्र में डबल डिग्री जुगाड़ की कोशिश।
केस 2: जगदीश सरन ¨हदू कॉलेज मुरादाबाद से इब्ने हसन ने जहां इस साल एमएससी केमिस्ट्री प्रथम वर्ष की परीक्षा दी वहीं केजीके कॉलेज मुरादाबाद से राजनीतिशास्त्र से एमए प्रथम वर्ष की परीक्षा में भी बैठे।
एमएससी के एमए क्या है? साथ क्या रेगुलर एमए की भी पढ़ाई संभव है। हकीकत में ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि नियमावली के मुताबिक एक सत्र में दो पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया ही नहीं जा सकता। रुहेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। प्रियंका तिवारी और इब्ने हसन जैसे एक हजार परीक्षार्थी इस साल दो-दो पाठ्यक्रमों की परीक्षा में बैठ गए। कई तो ऐसे रहे जो एमएससी के साथ एमए की परीक्षा देने में कामयाब रहे। कॅालेज और विश्वविद्यालय की आंखों में धूल झोंककर परीक्षा तो दे दी मगर रिजल्ट जारी होने की बारी आई तो नामांकन संख्या की जांच में फंस गए। विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में एक साथ डबल डिग्री जुगाड़ के बड़े फर्जीवाड़े पर से पर्दा हटा दिया है। जिस पर अब दोनों परीक्षाएं निरस्त करने की तैयारी चल रही। विश्वविद्यालय के मुताबिक बरेली, शाहजहांपुर और मुरादाबाद के लगभग सभी कालेजों में यह खेल हुआ है।
दो कॉलेजों से डिग्री जुटाने का खेल
छात्रों ने दो डिग्री जुटाने के लिए चालाकी दिखाई। एक कालेज से एमएससी में प्रवेश लिया तो दूसरे से एमए या बीए में। ताकि आसानी से परीक्षा में बैठने में सफल हो सकें। क्योंकि एक कालेज से दूसरे कालेज के डेटा के बीच जांच एमए क्या है? का कोई तंत्र नहीं बना है। एक हजार छात्रों के दो-दो पाठ्यक्रमों की वर्ष 2015 की मुख्य परीक्षा में भाग लेने से पता चल रहा कि कैसे विद्यार्थी विश्वविद्यालय की आंखों में धूल झोंक रहे हैं।
बरेली कॉलेज के सौ परीक्षार्थी धरे
यूं तो विश्वविद्यालय से संबद्ध लगभग सभी कॉलेजों में यह फ्राड सामने आया है। बरेली कॉलेज इसमें अव्वल है। यहां सबसे ज्यादा सौ छात्रों ले डबल एग्जाम दिए हैं। कई छात्रों ने यहां पर एमएससी में दाखिला लिया तो दूसरे विश्वविद्यालय से बीए या एमए में भी दाखिला ले लिया।
एक साथ दो कोर्स प्रतिबंधित
विश्वविद्यालय प्रवेश नियमावली के तहत कोई विद्यार्थी एक ही सत्र में दो पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं ले सकता। अगर ऐसा करता है तो फर्जीवाड़ा है। संबंधित अभ्यर्थी की दोनों परीक्षाएं निरस्त करने के साथ कॉलेजों पर भी कार्रवाई के प्रावधान हैं।
परीक्षा समिति करेगी कार्रवाई
इस बड़े फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन कार्रवाई में जुट गया है। फर्जीवाड़े में शामिल सभी परीक्षार्थियों के नाम व कॉलेजों की रिपोर्ट तैयार की जा रही। ताकि कार्रवाई संबंधी निर्णय के लिए इस रिपोर्ट को परीक्षा समिति के सामने पेश किया जा सके।
छात्रों ने झूठ बोलकर एक ही सत्र में दो-दो पाठ्यक्रमों में दाखिले ले लिए। चूंकि कोई जांच-पड़ताल नहीं हुई तो परीक्षा फार्म भरने के बाद वे परीक्षा में भी बैठने में सफल रहे। जब परीक्षा परिणाम तैयार होने लगा तो विश्वविद्यालय स्तर से नामांकन संख्या की जांच में डबल एग्जाम का पूरा खेल उजागर हो गया। एक ही छात्र के दो-दो कोर्सो की परीक्षा में बैठने का सनसनीखेज मामला सामने एमए क्या है? आया तो हड़कंप मच गया।
एक साथ एमएससी और एमए की पढ़ाई नियम विपरीत है। कई छात्र गुमराह कर दो कॉलेजों से अलग-अलग कोर्स में दाखिला लेकर परीक्षा में बैठ गए। दोनों परीक्षा रद होगी। इस मसले पर परीक्षा समिति ही फैसला देगी।
Ambedkar University: दिल्ली की अंबेडकर यूनिवर्सिटी में CUET PG एडमिशन के लिए शुरू हुआ रजिस्ट्रेशन, इस तारीख के पहले करें अप्लाई
Ambedkar University Delhi Admission 2022: दिल्ली की अंबेडकर यूनिवर्सिटी में सीयूईटी के माध्यम से होने वाले पीजी एडमिशन के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं. इस तारीख के पहले कर दें अप्लाई.
By: ABP Live | Updated at : 10 Oct 2022 11:05 AM (IST)
दिल्ली की अंबेडकर यूनिवर्सिटी में सीयूईटी पीजी एडमिशन के लिए शुरू हुआ रजिस्ट्रेशन
Ambedkar University Delhi PG Admission 2022: अंबेडकर यूनिवर्सिटी दिल्ली में कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट 2022 के माध्यम से होने वाले पोस्ट ग्रेजुएट एडमिशन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है. वे कैंडिडेट्स जो अंबेडकर यूनिवर्सिटी के पीजी कोर्सेस में एडमिशन लेने के इच्छुक हों और जिन्होंने सीयूईटी पीजी परीक्षा दी है, वे यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं. अंबडेकर यूनिवर्सिटी दिल्ली 20 पोस्टग्रेजुएट कोर्सेस ऑफर करती है जिसमें एडमिशन के लिए आवेदन किया जा सकता है. इन कोर्सेस के लिए रजिस्ट्रेशन करने की लास्ट डेट 27 अक्टूबर 2022 है.
क्या लिखा है नोटिस में –
इन कोर्सेस में अप्लाई करने के लिए कैंडिडेट्स को सीयूईटी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा जिसका पता है – aud.ac.in/admissions इस बाबत जारी नोटिस में यूनिवर्सिटी ने कहा है - "डॉ बी आर अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली का प्रवेश पोर्टल आज यानी 07.10.2022 से पीजी प्रवेश के लिए लाइव है और 27.10.2022 तक खुला रहेगा।"
इन कोर्सेस के लिए कर सकते हैं अप्लाई –
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अंबेडकर यूनिवर्सिटी के जिन 20 पीजी कोर्सेस के लिए कैंडिडेट्स अप्लाई कर सकते हैं, उनके नाम हैं - एमबीए इनोवेशन एंटरप्रेन्योरशिप एंड वेंचर डेवलपमेंट; एमए विकास अध्ययन; एमए सामाजिक डिजाइन; एमए शिक्षा; एमए शिक्षा (प्रारंभिक बचपन की देखभाल एक शिक्षा); एमए ग्लोबल स्टडीज; एमए शहरी अध्ययन; एमए पब्लिक हेल्थ; एमए पर्यावरण और विकास; एमए मनोविज्ञान; एमए लिंग अध्ययन; एमए कानून, राजनीति और समाज; एमए अंग्रेजी; एमए हिंदी; एमए अर्थशास्त्र; एमए समाजशास्त्र; एमए इतिहास; पुरातत्व और विरासत प्रबंधन में मास्टर; संरक्षण, संरक्षण और विरासत प्रबंधन में मास्टर; एम. वोक (टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट).
ऐसे करें अप्लाई –
- आवेदन करने के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं यानी aud.ac.in पर.
- यहां एप्लीकेशन प्रॉसेस लिंक दिया होगा, इस पर क्लिक करें.
- यहां एप्लीकेशन नंबर और डेट ऑफ बर्थ डालें.
- इसके बाद कैप्चा कोड एंटर करें.
- इतना करने के बाद जो पेज खुले उस पर रजिस्ट्रेशन करें.
- इसके बाद एप्लीकेशन फीस भरें.
- अंत में एप्लीकेशन डाउनलोड कर लें और इसका एक प्रिंट निकाल लें. ये भविष्य में काम आ सकता है.
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Published at : 10 Oct 2022 11:05 एमए क्या है? AM (IST) Tags: Delhi Ambedkar University Admissions 2022 हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
बड़ी खबरः 5 साल के गैप के बाद भी कर सकेंगे ग्रेजुएट
यह पहला मौका है, जब पांच साल के लंबे अंतर (गैप) पर रेग्युलर पढ़ाई का विकल्प दिया गया। अभी तक एक साल के गैप पर ही एडमिशन मिलता था, वो भी भूतपूर्व स्टूडेंट के रूप में। नई व्यवस्था शैक्षिक सत्र 2015-16 से लागू कर दी गई है।
एडमिशन का अधिकार प्रिंसिपल को दिया गया है।यूनिवर्सिटी की एडमिशन कमेटी की मीटिंग शुक्रवार को कैंपस के एकेडमिक भवन सभागार में हुई। इसमें राजकीय, अनुदानित और निजी डिग्री कॉलेजों में एडमिशन की समस्याओं पर चर्चा की गई।
कुलपति प्रो. जेवी वैशंपायन की अध्यक्षता वाली कमेटी ने सबसे पहले एडमिशन का नया नियम बनाया। इसके मुताबिक इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद पांच साल का अंतर हुआ तो भी बीए, बीएससी और बीकॉम के रेग्युलर कोर्स में पढ़ाई का मौका मिल जाएगा।
जरूरी औपचारिकता पूरी करने पर एडमिशन मिलेगा। बीबीए, बीसीए, हेल्थ साइंसेज, बी. फार्मेसी, बीएससी बायोटेक सहित ग्रेजुएशन के अन्य कोर्सों में भी एडमिशन मिलेगा। इसी तरह बीए, बीएससी और बीकॉम की पढ़ाई के पांच साल बाद भी एमए, एमएससी और एमकॉम फर्स्ट ईयर में एडमिशन लिए जा सकेंगे। नई व्यवस्था से स्टूडेंटों का राहत मिलेगी।
गैप के बाद पढ़ाई की यह सुविधा ग्रेजुवेशन के बाद पोस्ट ग्रेजुवेशन में भी उपलब्ध रहेगी। गैप के बाद जो स्टूडेंट एडमिशन लेगें उनका मार्क्स फीसदी कम हो जाएगा। यानी एक साल का गैप है तो एक फीसदी मार्क्स कम जोड़े जाएंगे। दो साल का गैप है, तो दो प्रतिशत नंबर कम जोड़े जाएंगे।
यह सिलसिला पांच साल तक चलेगा। इसका मकसद नए स्टूडेंटों को नुकसान से बचाना है, क्योंकि एडमिशन की जो मेरिट लिस्ट एमए क्या है? बनेगी, उसमें नए स्टूडेंटों को वरीयता दी जाएगी।
यूनिवर्सिटी से संबद्ध अनुदानित लॉ कॉलेजों (वीएसएसडी, बीएनडी और डीसी लॉ कॉलेज) के पास शैक्षिक सत्र 2015-16 में एडमिशन की अनुमति नहीं है। संबंधित कॉलेज बार कौंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) से मान्यता का पत्र नहीं दे सके हैं।
यही वजह है कि एडमिशन कमेटी ने एलएलबी तीन वर्षीय पाठ्यक्रम में एडमिशन के लिए हुई संयुक्त प्रवेश परीक्षा के रिजल्ट 17 अगस्त को घोषित करने के आदेश दिए हैं। कमेटी ने कहा है कि एलएलबी में एडमिशन का सीधा विकल्प नहीं दिया जाएगा। अनुदानित और निजी लॉ कॉलेजों की सीटें संयुक्त प्रवेश परीक्षा से भरी जाएंगी, लेकिन यह तभी संभव है, जब बीसीआई से एडमिशन की अनुमति मिले।
एडमिशन कमेटी ने इंटर यूनिवर्सिटी और इंटर डिग्री कॉलेजों में स्टूडेंटों के ट्रांसफर का नियम सख्त कर दिया है। कमेटी के मुताबिक सामान्य परिस्थितियों में स्टूडेंटों का कॉलेज नहीं एमए क्या है? बदला जाएगा। इसके लिए स्टूडेंटों को तमाम प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा।
नई प्रक्रिया का निर्धारण जल्द ही कर दिया जाएगा। अभी तक कॉलेज स्थानांतरण की आसान व्यवस्था थी। एमए क्या है? कॉलेज और यूनिवर्सिटी प्रशासन की अनुमति से ही स्टूडेंटों का ट्रांसफर हो जाता था।
इंटरमीडिएट और ग्रेजुएशन के बाद पांच साल तक गैप होने पर भी अब रेग्युलर पढ़ाई की जा सकेगी। इस पर छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी की एडमिशन कमेटी ने शुक्रवार को मुहर लगा दी है।
यह पहला मौका है, जब पांच साल के लंबे अंतर (गैप) पर रेग्युलर पढ़ाई का विकल्प दिया गया। अभी तक एक साल के गैप पर ही एडमिशन मिलता था, वो भी भूतपूर्व स्टूडेंट के रूप में। नई व्यवस्था एमए क्या है? शैक्षिक सत्र 2015-16 से लागू कर दी गई है।
एडमिशन का अधिकार प्रिंसिपल को दिया गया है।यूनिवर्सिटी की एडमिशन कमेटी की मीटिंग शुक्रवार को कैंपस के एकेडमिक भवन सभागार में हुई। इसमें राजकीय, अनुदानित और निजी डिग्री कॉलेजों में एडमिशन की समस्याओं पर चर्चा की गई।
कुलपति प्रो. जेवी वैशंपायन की अध्यक्षता वाली कमेटी ने सबसे पहले एडमिशन का नया नियम बनाया। इसके मुताबिक इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद पांच साल का अंतर हुआ तो भी बीए, बीएससी और बीकॉम के रेग्युलर कोर्स में पढ़ाई का मौका मिल जाएगा।
जरूरी औपचारिकता पूरी करने पर एडमिशन मिलेगा। बीबीए, बीसीए, हेल्थ साइंसेज, बी. फार्मेसी, बीएससी बायोटेक सहित ग्रेजुएशन के अन्य कोर्सों में भी एडमिशन मिलेगा। इसी तरह बीए, बीएससी और बीकॉम की पढ़ाई के पांच साल बाद भी एमए, एमएससी और एमकॉम फर्स्ट ईयर में एडमिशन लिए जा सकेंगे। नई व्यवस्था से स्टूडेंटों का राहत मिलेगी।
पोस्ट ग्रेजुएशन में भी ले सकेंगे रेग्युलर एडमिशन
गैप के बाद पढ़ाई की यह सुविधा ग्रेजुवेशन के बाद पोस्ट ग्रेजुवेशन में भी उपलब्ध रहेगी। गैप के बाद जो एमए क्या है? स्टूडेंट एडमिशन लेगें उनका मार्क्स फीसदी कम हो जाएगा। यानी एक साल का गैप है तो एक फीसदी मार्क्स कम जोड़े जाएंगे। दो साल का गैप है, तो दो प्रतिशत नंबर कम जोड़े जाएंगे।
यह सिलसिला पांच साल तक चलेगा। इसका मकसद नए स्टूडेंटों को नुकसान से बचाना है, क्योंकि एडमिशन की जो मेरिट लिस्ट बनेगी, उसमें नए स्टूडेंटों को वरीयता दी जाएगी।
यूनिवर्सिटी से संबद्ध अनुदानित लॉ कॉलेजों (वीएसएसडी, बीएनडी और डीसी लॉ कॉलेज) के पास शैक्षिक सत्र 2015-16 में एडमिशन की अनुमति नहीं है। संबंधित कॉलेज बार कौंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) से मान्यता का पत्र नहीं दे सके हैं।
यही वजह है कि एडमिशन कमेटी ने एलएलबी तीन वर्षीय पाठ्यक्रम में एडमिशन के लिए हुई संयुक्त प्रवेश परीक्षा के रिजल्ट 17 अगस्त को घोषित करने के आदेश दिए हैं। कमेटी ने कहा है कि एलएलबी में एडमिशन का सीधा विकल्प नहीं दिया जाएगा। अनुदानित और निजी लॉ कॉलेजों की सीटें संयुक्त प्रवेश परीक्षा से भरी जाएंगी, लेकिन यह तभी संभव है, जब बीसीआई से एडमिशन की अनुमति मिले।
एडमिशन कमेटी ने इंटर यूनिवर्सिटी और इंटर डिग्री कॉलेजों में स्टूडेंटों के ट्रांसफर का नियम सख्त कर दिया है। कमेटी के मुताबिक सामान्य परिस्थितियों में स्टूडेंटों का कॉलेज नहीं बदला जाएगा। इसके लिए स्टूडेंटों को तमाम प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा।
नई प्रक्रिया का निर्धारण जल्द ही कर दिया जाएगा। अभी तक कॉलेज स्थानांतरण की आसान व्यवस्था थी। कॉलेज और यूनिवर्सिटी प्रशासन की अनुमति से ही स्टूडेंटों का ट्रांसफर हो जाता था।
क्या है दिल्ली विश्वविद्यालय का NCWEB बोर्ड, यहां वुमन कैसे लेती हैं दाखिला
Delhi University Non-Collegiate Women Education Board: गैर कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड दिल्ली विश्वविद्यालय का ही एक हिस्सा है. डीयू ने इसकी स्थापना महिला शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए की थी. इसमें एमए क्या है? सिर्फ दिल्ली में रहने वाली वुमन स्टूडेंट्स ही दाखिला ले सकती हैं. इसके जरिए दाखिला लेने वाली स्टूडेंट्स को सिर्फ शनिवार रविवार या सिर्फ संडे और दिल्ली विश्वविद्यालय के अकादमिक ब्रेक्स (academic breaks) पर ही क्लास अटेंड करनी होती है. बाकी दिन स्टूडेंट्स अपने वे काम आसानी से कर सकते हैं, जिन्हें करने के चलते वे रेगुलर कॉलेज नें दाखिला नहीं ले सकी. इसके जरिए (Non-Collegiate Women’s Education Board, NCWEB DU) महिला छात्र इसके साथ लेकिन रेगुलर कॉलेज में भाग लिए बिना विश्वविद्यालय की परीक्षाएं दे सकती हैं. दिल्ली में रहने वाली छात्राएंयहां से UG, PG कोर्स कर सकती हैं. यहां से किसी और फुल टाइम कोर्स को करने का मौका नहीं मिलता.
इन कोर्स में मिलता है दाखिला
सिर्फ महिला उम्मीदवारों के लिए बनाए गए एनसीडब्ल्यूईबी के तहत ग्रेजुशन में केवल बीए, बीकॉम और पोस्ट ग्रेजुएशन में MA, MSC कोर्स ऑफर किए जाते हैं. यहां से डिग्री के साथ-साथ विदेशी भाषा सीखने, पत्रकारिता, विज्ञापन, प्रोग्रामिंग, फाइन आर्ट्स जैसे प्रोफेशनल कोर्स भी कर सकते हैं.
3 स्टूडेंट्स के साथ शुरू हुआ था बोर्ड
NCWEB की स्थापना 1943 में की गई थी. बोर्ड 1944 में सितंबर से 3 स्टूडेंट्स के साथ शुरू किया था. www.du.ac.in पर दी जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में 24,000 से अधिक महिला स्टूडेंट्स नॉन कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड के जरिए पढ़ती हैं.
कट-ऑफ के आधार पर दिया जाता दाखिला
बोर्ड केवल 20% आवेदकों को ही दाखिला दे पाता है. इसमें दाखिले के लिए अब तक कट-ऑफ के आधार पर दिया जाता था. छात्रों से बिना छुट्टी किए हफ्ते के आखिर में होने वाली क्लास अटेंड करने की अपेक्षा की जाती है. परीक्षाओं में उपस्थित होने के लिए न्यूनतम 66% उपस्थिति अनिवार्य है. इस बोर्ड से दाखिला लेने वालों के एग्जाम्स नियमित कॉलेजों के छात्रों के साथ आयोजित होते हैं.
ये सुविधाएं भी मिलती हैं
एनसीडब्ल्यूईबी छात्रों के लिए डीटीसी पास सुविधा प्रदान करता है. जरूरतमंद और योग्य छात्रों को शैक्षणिक वर्ष के लिए वित्तीय सहायता और बुक लोन सुविधा देता है. इस बोर्ड से दाखिला लेने वालों के लिए साल में 50 दिन क्लास होती है. अंडरग्रेजुएट केंद्रों पर सुबह 9.00 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक क्लास चलती चलती हैं. एक दिन में 6 पीरियड होते हैं. गैर-कॉलेजिएट छात्रों का पास प्रतिशत भी रेगुलर स्टूडेंट्स की तरह रहता है.
NCWEB UG Teaching Centres
कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज
दीन दयाल उपाध्याय महाविद्यालय
डॉ. बी.आर. अम्बेडकर कॉलेज
जीसस एंड मैरी कॉलेज
लक्ष्मी बाई महाविद्यालय
महाराजा अग्रसेन महाविद्यालय
माता सुंदरी महाविद्यालय
मोती लाल नेहरू कॉलेज
एसजीजीएससी ऑफ कॉमर्स
अंडरग्रेजुएट कोर्स की कक्षाएं ट्यूटोरियल बिल्डिंग, आर्ट्स फैकल्टी, दिल्ली विश्वविद्यालय, नॉर्थ कैंपस में आयोजित की जाती हैं.
पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए उपलब्ध पाठ्यक्रम
अंग्रेजी में एम.ए
बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट ncweb.du.ac.in है.
2022-2023 के लिए दाखिले से जुड़े अपडेट्स
दिल्ली विश्वविद्यालय ने डीयू गैर-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड, एनसीडब्ल्यूईबी की चौथी कट बीए और बीकॉम के लिए आधिकारिक वेबसाइट, entry.uod.ac.in पर जारी कर दी है. ऑनलाइन प्रवेश 23 नवंबर, 2022 से शुरू हो रहा है. कॉलेज 25 नवंबर 2022 शाम 5 बजे तक आवेदनों स्वीकार करेंगे. फीस जमा करने की लास्ट डेट 26 नवंबर 2022 को शाम 5 बजे तक है.