व्यापारिक मुद्रा जोड़े

ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है

ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है
परन्तु जब हम काफी लम्बे समय के लिए कोई स्टॉक खरीदते है तो वहाँ तकनीकी विश्लेषण के साथ – साथ फंडामेंटल ( Fundamental) की भी जांच की जाती है,

USD/INR - अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया

USD INR (अमरीकी डॉलर बनाम भारतीय रुपया) के बारे में जानकारी यहां उपलब्ध है। आपको ऐतिहासिक डेटा, चार्ट्स, कनवर्टर, तकनीकी विश्लेषण, समाचार आदि सहित इस पृष्ठ के अनुभागों में से किसी एक पर जाकर अधिक जानकारी मिल जाएगी।

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USD/INR - अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया समाचार

मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com - मिले-जुले वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार की सोमवार को नरम शुरुआत हुई। बेंचमार्क सूचकांकों निफ्टी50 में 0.3% और सेंसेक्स में 0.29% या.

मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com - घरेलू बाजार ने मंगलवार को मिले-जुले बाजार संकेतों के बीच नरम शुरुआत की, क्योंकि निवेशक चीन द्वारा कोविड-19 महामारी के सबसे गंभीर परीक्षण को.

अंबर वारिक द्वारा Investing.com-- अधिकांश एशियाई मुद्राएं मंगलवार को थोड़ी बढ़ीं क्योंकि वे हाल के सत्रों में तेज गिरावट से उबर गईं, हालांकि फेडरल रिजर्व के कुछ अधिकारियों की.

USD/INR - अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया विश्लेषण

# USDINR दिन के लिए ट्रेडिंग रेंज 81.5-81.94 है।# रुपया चार सत्रों में टूट गया, जबकि व्यापारियों ने भारतीय रिजर्व बैंक के डॉलर बेचने की ओर इशारा किया।# आरबीआई ने भारत की दूसरी.

# USDINR दिन के लिए ट्रेडिंग रेंज 81.57-82.05 है।# रुपए में गिरावट डॉलर इंडेक्स के उछाल और चीनी युआन की कमजोरी से प्रभावित हुई।# गोल्डमैन सैश (एनवाईएसई:जीएस) अगले साल भारत की विकास.

भारत का बेंचमार्क स्टॉक इंडेक्स निफ्टी सोमवार को शुरुआती कारोबार में 18209.80 के आसपास फिसल गया, जो उच्च फेड टर्मिनल दर की चिंता के बीच नकारात्मक वैश्विक संकेतों पर लगभग -140 अंक.

तकनीकी सारांश

कैंडलस्टिक पैटर्न

Three Outside Up1W Morning Star1D Engulfing Bullish1W Three Black Crows1D Abandoned Baby Bullish5H

आर्थिक कैलेंडर

केंद्रीय बैंक

करेंसी एक्स्प्लोरर

USD/INR आलोचनाए

जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
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स्टॉक चार्ट कैसे पढ़ें: आइए बुनियादी बातों पर गौर करते हैं

स्टॉक चार्ट पढ़ें — Olymp Trade आधिकारिक ब्लॉग

ट्रेडिंग चार्ट ट्रेडर को असेट की कीमत में बदलाव पर नज़र बनाए रखने, नुकसान से ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है बचने और सही ट्रेडिंग निर्णय लेने में मदद करते हैं। प्रत्येक ग्राफ महत्वपूर्ण जानकारी की एक श्रृंखला है। इस जानकारी को सही ढंग से पढ़ना और विश्लेषण करना लाभदायक ट्रेड का एक अनिवार्य अंग है।

विषय-वस्तु:

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स्टॉक चार्ट को कैसे पढ़ना है इसके सम्बन्ध में निवेशकों को जानकारी क्यों होनी चाहिए

भाव चार्ट किसी असेट की वर्तमान कीमत और समय के साथ परिवर्तन को दिखाते हैं। यह आपको किसी निश्चित समय पर किसी असेट की कीमत का पता लगाने और उनकी दिशा का पूर्वानुमान लगाते हुए भाव में उतार-चढ़ाव के सामान्य पैटर्न का अध्ययन करने में सक्षम बनाता है।

अपडेट दर प्लेटफ़ॉर्म की तकनीकी क्षमताओं और निश्चित असेट में ट्रेडिंग की तीव्रता पर निर्भर करती है। Olymp Trade प्लेटफॉर्म पर, नियमत:, प्रति सेकंड 4 भाव तक को प्रदर्शित किए जाते हैं। समय सीमा एक निश्चित समय का अंतराल है जिसके दौरान भाव की गतिविधि की निगरानी की जाती है।

उदाहरण के लिए, Olymp Trade प्लेटफॉर्म 15 सेकंड, 1, 5, 15, 30 मिनट, 1 से 4 घंटे, 1 से 7 दिन और एक महीने तक की समय-सीमा का उपयोग करता है।

एक समय-सीमा का चयन कर, आप यह निर्धारित करते हैं कि आप किस भाव उतार-चढ़ाव के ट्रेंड में ट्रेड करते हैं - अल्पावधि, मध्यम-अवधि, या लम्बी-अवधि। कम समय सीमा के लिए, अल्पावधि ट्रेडिंग - स्काल्पिंग करना उपयुक्त होता है। धीमी वृद्धि में निवेश करने के लिए लंबी समय सीमा - दिन, सप्ताह या महीने अधिक उपयुक्त होती हैं। दिवसीय ट्रेडिंग - इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए मिनटों और घंटों के अंतराल में समय सीमा अधिक उपयुक्त हैं।

चार्ट के कितने प्रकार मौजूद हैं?

भाव को ट्रैक करने के लिए कई प्रकार के चार्ट हैं। यहां चार सबसे लोकप्रिय प्रकार दिए गए हैं और ये सभी Olymp Trade प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं।

लाइन चार्ट (एरिया चार्ट)

यह सबसे आसान तरीका है। यह किसी असेट की कीमत में उतार-चढ़ाव दिखाने वाला सबसे विस्तृत चार्ट है। यह लाइन चार्ट ट्रेडिंग के अंत में स्टॉक की कीमत को प्रदर्शित करता है।

एरिया चार्ट – Olymp Trade – 5.07.2022

कैंडलस्टिक चार्ट या जापानी कैंडलस्टिक्स

यह ग्राफ़ असेट की कीमत के बारे में अतिरिक्त जानकारी प्रदर्शित करता है। ट्रेडर बंद करने, खोलने की लागत और असेट के अधिकतम और न्यूनतम कीमत को देख सकता है। बढ़ते कैंडल हरे रंग के होते हैं जबकि गिरते हुए कैंडल लाल रंग के होते हैं।

जब खरीदार कीमत को ऊपर पहुँचते हैं तो हरे कैंडल एक अपट्रेंड को इंगित करता है। शरीर की निचली अंश प्रारंभिक कीमत को दर्शाती है, और ऊपरी - समापन कीमत को। कैंडलस्टिक (विक्स) की ऊपरी और निचली छाया एक निश्चित अवधि के भीतर असेट की उच्चतम और निम्नतम कीमत को दिखाती है। इसके विपरीत लाल कैंडल में, शरीर की ऊपरी सीमा प्रारंभिक कीमत और निचली समापन कीमत को दर्शाती है।

कैंडलस्टिक चार्ट – Olymp Trade – 5.07.2022

हाइकेन आशी

यह एक औसत जापानी कैंडलस्टिक चार्ट की तरह दिखता है, लेकिन यह एक इंडिकेटर है। यह ट्रेंड विश्लेषण को सरल बनाता है, इस प्रकार असेट की कीमत के उतार-चढ़ाव की दिशा और वर्तमान ट्रेंड की ताकत को बेहतर ढंग से निर्धारित करने में मदद करता है। यह प्रारंभिक और समापन कीमतों और अधिकतम और न्यूनतम भावों के औसत से प्राप्त किया जाता है। इस प्रकार के चार्ट आपको बाज़ार के ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है शोर-गुल को दूर करते हुए ट्रेंड को अधिक स्पष्ट रूप से ट्रैक करने में सक्षम बनाता है।

हाइकेन आशी – Olymp Trade – 5.07.2022

बार चार्ट।

हालांकि यह चार्ट जापानी कैंडलस्टिक्स की तुलना में अधिक जटिल नज़र आता है, लेकिन यह केवल दिखने में भिन्न है। किसी असेट की कीमत में परिवर्तन निर्धारित करने के लिए, आपको बगल पर हॉरिजॉन्टल रेखाओं को देखना होगा, जिन्हें "ईयर" कहा जाता है।

बार चार्ट – Olymp Trade – 5.07.2022

तकनीकी विश्लेषण कैसे एक ट्रेडर की मदद करता है

तकनीकी विश्लेषण का काम यहीं पर आता है। यह तीन अभिधारणाओं पर आधारित है:

  • कीमत पर सभी चीज़ों का प्रभाव पड़ता है। यह उन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए बनती है जो इसे प्रभावित कर सकते हैं (आर्थिक, राजनीतिक, मनोवैज्ञानिक, आदि)।
  • भावों में उतार-चढ़ाव एक विशिष्ट ट्रेंड के ढांचे के अंतर्गत होता है।
  • इतिहास की पुनरावृत्ति होती है। भावों के पिछले उतार-चढ़ाव के आधार पर, आप भविष्य की भविष्यवाणी कर सकते हैं।

आप ग्राफिकल या गणितीय टूल्स का उपयोग करके दो मुख्य तरीकों से स्टॉक चार्ट का विश्लेषण और पढ़ सकते हैं।

ग्राफिकल (चित्रात्मक) विश्लेषण

इस प्रकार के विश्लेषण में ड्राइंग टूल शामिल होते हैं, जैसे कि Olymp Trade प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध साधन। उनकी मदद से आप कुछ महत्वपूर्ण ग्राफिक्स खुद बना सकते हैं।

ड्राइंग टूल्स – Olymp Trade – 5.07.2022

आप यहां ड्राइंग इंस्ट्रूमेंट्स पा सकते हैं।

आपको यहां इंडिकेटर टैब खोलने की आवश्यकता है।

ट्रेंडलाइन।

ट्रेंड लाइन पर ध्यान केंद्रित कर निवेशक यह निर्धारित कर पाता है कि असेट बढ़ रहा है या नहीं। यदि ट्रेंड लाइन में अपवर्ड ट्रेंड विद्यमान है, तो ट्रेंड सकारात्मक है। यदि रेखा नीचे चली जाती है, तो ट्रेंड नकारात्मक होती है। यदा-कदा, ट्रेंड रेखा एक हॉरिजॉन्टल सीधी रेखा की तरह दिख सकती है।

सपोर्ट और रेज़िस्टेंस।

ये असेट के अधिकतम और न्यूनतम कीमत के स्तरों की प्रतिबंधात्मक सीमाएं हैं। सपोर्ट स्तर वर्तमान मूल्य सीमा के नीचे होता है, और रेज़िस्टेंस स्तर शीर्ष पर अवस्थित होता है। इस अंतराल के भीतर कुछ समय के लिए भाव चल सकते हैं, और इस स्थिति को कभी-कभी फ्लैट (सपाट) कहा जाता है।

हालांकि, समय के साथ, कीमतें एक स्तर तक पहुंच जाती हैं (परीक्षण करती है) और फिर या तो पीछे हट जाती हैं (रिफ्लेक्ट होती हैं) या इस स्तर को पार कर जाती हैं। स्तर के टूटने से अक्सर अपट्रेंड या डाउनट्रेंड घटित होता है।

कैंडलस्टिक पैटर्न और ग्राफिकल (चित्रात्मक) बनावट।

ये तकनीकी विश्लेषण के आंकड़े होते हैं जिन्हें भाव चार्ट पर प्लॉट (चित्रित) किया जा सकता है। प्रत्येक पैटर्न की अपनी विशेषताएं होती हैं और यह ट्रेंड की निरंतरता और इसके उलट होने का संकेत दे सकता है। डोजी, थ्री ब्लैक क्रोज़ और क्लाउड पैटर्न इसके अच्छे उदाहरण हैं।

हेड एंड शोल्डर, फ्लैग और डबल टॉप जैसे ग्राफिकल बनावट के पैटर्न आपको लंबी-अवधि के ट्रेंड की गणना करने में सक्षम बनाते हैं।

आप इस लेख में स्टॉक चार्ट पैटर्न को पढ़ने के तरीके के बारे में Olymp Trade ब्लॉग या सहायता केंद्र पर अधिक पढ़ सकते हैं।

गणितीय विश्लेषण में, हमारे पास फाइबोनाची साधन, इंडिकेटर और ऑसिलेटर उपलब्ध हैं।

गणितीय विश्लेषण

जटिल गणितीय गणनाओं के आधार पर भावों का विश्लेषण करते समय अधिक जटिल साधनों का भी उपयोग किया जाता है। तकनीकी विश्लेषण के साधन के कुछ उदाहरण फाइबोनाची स्तर और फाइबोनाची फैन हैं। उनकी सहायता से, आप उन संभावित स्तरों की गणना कर सकते हैं जिन पर मौजूदा ट्रेंड तेज होगा या उलट जाएगा। आप हमारे ब्लॉग पर एक विशेष लेख में इसके बारे में अधिक पढ़ सकते हैं।

इंडिकेटर गणितीय विश्लेषण साधन का एक और उदाहरण हैं। Olymp ट्रेड प्लेटफॉर्म के पास इंडिकेटर का एक विस्तृत संकलन है और उन्हें सेट-अप करने और उनका उपयोग करने के बारे में मूल्यवान सुझाव वहाँ उपलब्ध कराया गया है।

इंट्राडे के लिये बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम | Best Trading Chart Time Frame In Hindi

बहुत से ट्रेडर्स को ये नही समझ मे आता है कि इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाईम फ्रेम कौन सा है ?

बहुत से नए ट्रेडर्स अक्सर इस उलझन में रहते हैं कि ट्रेडिंग के समय ऐसा कौन सा Best Trading Chart Time Frame प्रयोग किया जाए,

जिससे ट्रेडिंग में ज्यादा शुद्धता आ सके तथा नुकसान की संभावना को भी कम किया जा सके।

इस लेख में हमलोग इसी बात पर चर्चा करेंगे कि किस बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम का प्रयोग किया जाए जिससे ट्रेडिंग में ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।

जैसा कि हम जानते हैं कि ट्रेडिंग तीन प्रकार से होती है –

पहली इंट्राडे ट्रेडिंग जिसमें हमे उसी दिन शेयर की खरीद – बिक्री करनी होती है, तथा उसी दिन मार्केट बंद होने से पहले अपनी पोजिशन बन्द करनी होती है।

दूसरी स्विंग ट्रेडिंग जिसमे एक दिन से लेकर दस दिन तक की पोजिशन हो सकती है।

तीसरी पोर्टफोलियो बनाना जिसमे लंबे समय तक कभी – कभी कई वर्षों तक पोजीशन बरकरार रह सकती है।

आइए, अब देखते हैं कि इन सब प्रकार की ट्रेडिंग के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम कौन सा है, और इसे कैसे इस्तेमाल करते हैं ?

बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम ( Best Trading Chart Time Frame In Hindi )

जैसा कि ऊपर बताया गया है कि शेयर बाजार में भिन्न – भिन्न प्रकार से ट्रेडिंग की जाती है। और हर प्रकार की ट्रेडिंग में चार्ट भी अलग – अलग समयानुसार ही देखा जाता है।

वैसे तो चार्ट को अपनी सुविधा और अनुभव के आधार पर अलग – अलग समय चक्र के अनुसार देखा और समझ जाता है।

किन्तु नए Traders को Stock Market का ज्यादा अनुभव नही होता है इसलिए वो चार्ट को लेकर हमेशा दुविधा में रहते हैं।

भिन्न – भिन्न समय ढांचे में चार्ट को देखते रहने पर भी नए ट्रेडर को किसी भी Sock का कोई स्पष्ट रुझान या Trend समझ मे नही आता है।

वो ये समझ ही नही पाते हैं कि आखिर Best Trading Chart Time Frame है क्या ?

इस लेख में नए ट्रेडरों की इसी उलझन को सुलझाने का प्रयत्न किया जा रहा है कि किस प्रकार की ट्रेडिंग के लिए कौन सा बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम अच्छा होता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम ( Best Trading Chart Time Frame For Intraday In Hindi )

किसी भी चार्ट में सबसे पहला एक मिनट का टाइम फ्रेम होता है जिसमे एक इंट्राडे ट्रेडर ब्रेकआउट ( Brakeout ) की स्थिति ढूंढने का प्रयास करता है।

परन्तु इसमे बहुत ज्यादा शुद्धता नही होती है क्योंकि एक मिनट मे बनने वाले चार्ट पैटर्न से केवल किसी स्टॉक की क्षणिक स्थिति ही पता चलती है इसलिए एक मिनट के टाइम फ्रेम पर ट्रेडिंग करना उचित नही होता है।

बेस्ट-ट्रेडिंग-चार्ट-टाइम-फ्रेम

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए पांच से पंद्रह मिनट का टाइम फ्रेम बेस्ट चार्ट ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है टाइम फ्रेम होता है।

बहुत सारे ट्रेडर पांच मिनट का टाइम फ्रेम प्रयोग करते हैं तथा बाजार के क्षणिक उतार – चढ़ाव से ही अपना प्रॉफिट बनाने का प्रयास करते हैं।

जो अनुभवी ट्रेडर होते हैं वो अतिशीघ्र ही विश्लेषण करके अनुमान लगा ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है लेते हैं कि अगले 5 या 10 मिनट मे इस स्टॉक की क्या चाल होगी।

परन्तु नए ट्रेडरों के लिए इतनी जल्दी सटीक अनुमान लगा पाना काफी कठिन होता है, क्योंकि पांच मिनट के टाइम फ्रेम में मार्केट में जितनी शीघ्रता से ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है घुसना होता है उतनी ही शीघ्रता से बाहर भी निकलना होता है।

अनुभवी ट्रेडरों के लिए तो ये सब करना बहुत आसान होता है परन्तु नए ट्रेडरों के लिए इतनी शीघ्रता से निर्णय लेना आसान नही होता है।

अतः नए ट्रेडर को शुरुआत में पांच मिनट के टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करने से बचना चाहिये ये उनके लिए घातक हो सकता है।

हाँ जब ट्रेडिंग का अनुभव आ जाये तब वो आराम से पांच मिनट के टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करके प्रॉफिट बना सकते हैं।

चूंकि यहाँ इंट्राडे ट्रेडिंग की बात हो रही है तो इंट्राडे के लिए दस या पन्द्रह मिनट का टाइम फ्रेम आदर्श टाइम फ्रेम होता है इन टाइम फ्रेम में जो संकेत मिलते हैं वह ज्यादा विश्वशनीय होते हैं ।

क्योंकि दस या पन्द्रह मिनट में स्टॉक के ट्रेंड में स्थिरता होती है जो अगले पन्द्रह या बीस मिनट तक बनी रह सकती है।

नए ट्रेडर के लिए यही बेस्ट चार्ट टाइम फ्रेम होता है और इन्हीं टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करना ज्यादा उचित होता है।

दोस्तों, टाइम फ्रेम इस बात पर भी निर्भर करता है कि हम ट्रेडिंग को कितना समय दे पाते हैं ?

यदि हम सारा दिन अपने कंप्यूटर स्क्रीन को नही देख पाते हैं बल्कि बीच – बीच मे ही कुछ देर के लिए देखते हैं, तो हमारे लिए बड़े टाइम फ्रेम यानी दस से पन्द्रह मिनट के टाइम फ्रेम पर ट्रेडिंग करना ही ज्यादा बेहतर होता है।

लेकिन अगर आप एक फुल टाइम ट्रेडर हैं और पूरा दिन अपने कंप्यूटर स्क्रीन के सामने ही रहते हैं तो आप छोटे टाइम फ्रेम पर भी अच्छी ट्रेडिंग कर सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग ( Swing Trading ) के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम

यदि हम स्विंग ट्रेडिंग करते हैं तो इसके लिए आधे घण्टे या एक घण्टे के टाइम फ्रेम का प्रयोग कर सकते हैं।

बहुत से इंट्राडे ट्रेडर भी आधे घंटे के टाइम फ्रेम को देखते हैं, क्योंकि चार्ट टाइम फ्रेम जितना बड़ा होगा उसके संकेत भी उतने ही सटीक होंगे।

किसी स्टॉक का सही ट्रेंड बड़े टाइम फ्रेम से ही सटीक पता चलता है। जो Trend आपको बड़े टाइम फ्रेम में दिखेगा वही Trend छोटे चार्ट टाइम फ्रेम में भी होगा।

उदाहरण के लिए यदि आधे घण्टे के टाइम फ्रेम में कोई स्टॉक तेजी दर्शा रहा है तो पांच मिनट के टाइम फ्रेम में भी वो तेजी ही दिखाएगा।

पोर्टफोलियो (Portfolio) के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम

जब लॉंग टर्म के लिए ट्रेडिंग की जाती है तो डेली ( Daily) या साप्ताहिक ( Weekly) चार्ट टाइम फ्रेम में विश्लेषण किया जाता है।

यदि लंबे समय तक निवेश के लिए कोई स्टॉक लेना हो तो मासिक और वार्षिक चार्ट टाइम फ्रेम भी देखा जाता है।

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परन्तु जब हम काफी लम्बे समय के लिए कोई स्टॉक खरीदते है तो वहाँ तकनीकी विश्लेषण के साथ – साथ फंडामेंटल ( Fundamental) की भी जांच की जाती है,

इसके अतिरिक्त कम्पनी की बैलेंसशीट ( ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है Balance sheet), Turnover तथा अन्य कई चीजों का भी गहनता से परीक्षण किया जाता है।

निष्कर्ष ( The Conclusion )

उम्मीद है कि अब आपको कुछ Idea हो गया होगा कि किस तरह की Trading के लिए कौन सा चार्ट टाइम फ्रेम Best Trading Chart Time Frame है।

जहाँ तक इंट्राडे ट्रेडिंग की बात है तो सबसे सुरक्षित ये है कि आप आधे घंटे या एक घंटे के टाइम फ्रेम में स्टॉक की चाल को समझें,

और दस या पन्द्रह मिनट के टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करें साथ ही साथ अपने ट्रेडिंग नियम और अनुशासन का पालन अवश्य करें।

शुरुआत में आपको सभी बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम में ट्रेडिंग करने थोड़ी – बहुत समस्या आ सकती है,

लेकिन जब आपको चार्ट देखने और प्राइस एक्शन ( Price Action) को समझने का अनुभव हो जाएगा तो फिर आप किसी भी टाइम फ्रेम पर आसानी से ट्रेडिंग कर सकते हैं और आसानी से पैसा भी बना सकते हैं।

इस लेख Best Trading Chart Time Frame In Hindi से संबंधित अपनी राय अथवा सुझाव ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है कमेंट के माध्यम से हमे जरूर बताएं ।

अगले 14 दिन में 9 दिन बंद रहेंगे बैंक: 22 से 24 अक्टूबर तक लगातार 3 दिन बैंकों में छुट्‌टी, देखें हॉलिडे लिस्ट

अक्टूबर महीना आधे से ज्यादा निकल चुका है। फेस्टिव सीजन के कारण महीने के शुरुआती दो हफ्तों में कई दिन बैंक बंद रहे। अगले 14 दिनों यानी 18 से 31 अक्टूबर के दौरान कुल 9 दिन बैंक बंद रहने वाले हैं। अगर आपको आने वाले दिनों में बैंक से जुड़ा कोई जरूरी काम है तो जल्द निपटा लें।

रिजर्व बैंक के हॉलिडे कैलेंडर के अनुसार 17 अक्टूबर के बाद दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज सहित अन्य कई अवसरों पर बैंक बंद रहेंगे। हालांकि, राज्यों और शहरों में बैंकों की छुट्टियां अलग-अलग होती हैं। कई राज्यों के वहां के स्थानीय प्रमुख त्योहारों पर ही बैंकों में अवकाश होता है। ऐसे में यहां देख लें कि आपके राज्य और शहर में बैंक कब-कब बंद रहेंगे।

नोट: इसके अलावा अलग-अलग राज्यों में विभिन्न कारणों के चलते बैंक बंद रहेंगे। RBI की लिस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें

22 से 24 अक्टूबर तक बैंक बंद
22 से 24 अक्टूबर तक सभी जगह बैंक बंद रहेंगे। 22 को चौथा शनिवार और 23 को रविवार होने के कारण बैंक बंद रहेंगे। वहीं 24 अक्टूबर को दिवाली होने के चलते गंगटोक, हैदराबाद और इम्फाल को छोड़कर सभी जगह बैंकों में कामकाज नहीं होगा। वहीं जयपुर में 25 अक्टूबर को भी बैंक बंद रहेंगे।

दिवाली पर शेयर बाजार भी बंद
भारतीय शेयर बाजार 24 अक्टूबर को दिवाली और 26 अक्टूबर को दिवाली बलिप्रतिपदा के कारण बंद रहेंगे। हालांकि दिवाली के दिन शेयर बाजार एक घंटे (शाम 6.15 से 7.15 बजे तक) के स्पेशल सेशन के लिए खुलेंगे। इस दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग होगी।

वहीं मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (MCX) का कारोबार 24 और 26 अक्टूबर को फर्स्ट हाफ (रात 9 से 5 बजे के बीच) बंद रहेगा। शनिवार और रविवार को भी बाजार बंद रहेंगे।

ट्रेडिंग क्या है?

ट्रेडिंग क्या है

ट्रेडिंग की बहुत सारी किस्में भी होती हैं तो आइए हम आपको बताते हैं कि ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं:

  • स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)
  • इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
  • स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
  • पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)

ऊपर दी हुई 4 किस्मों के बारे में हम संक्षेप में बात करते हैं।

स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)

स्काल्पिंग ट्रेडिंग का मकसद होता है मिनटों में पैसा कमाना इसमें ट्रेडर शेयर को कुछ चंद मिनटों (या उससे ज्यादा समय के लिए) के लिए ही खरीदते हैं और स्टॉक मार्केट में इन्हीं शेयर के दाम बढ़ने (या कम होने पर) पर खरीदे गए शेयर को बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं। जब कोई भी ट्रेडर ऐसी ट्रेडिंग करता है तो उसे स्काल्पिंग ट्रेडिंग कहते हैं।

ऐसी ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर 1 दिन में 1 से ज्यादा कुछ बार 10-20 से ज्यादा भी ट्रेड करते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)

इंट्राडे ट्रेडिंग को हम डे ट्रेडिंग भी कहते हैं। इसका मतलब यह है कि ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीद लेता
है और उसी दिन में अपने शेयर को फायदे या नुकसान में बेच देता है। आसान शब्दों में कहें तो एक ट्रेडर 1 दिन में समान खरीदता है और उसी दिन में अपना सामान बेच देता है।

इसे कहते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग। इंट्राडे ट्रेडिंग का मकसद अचानक आई उछाल या गिरावट का लाभ उठाना होता है जिससे ट्रेडर समय रहते ही मुनाफा कमा सके।

इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर हर बार लाभ ही कमाए ऐसा संभव नहीं है ट्रेडर को इसमें नुकसान भी हो सकता है।

ट्रेडिंग में सबसे मुश्किल इंट्राडे ट्रेडिंग होती है इसलिए इसको अच्छी तरह स्टॉक मार्केट सीखने के बाद ही करना शुरू करना चाहिए।

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)

स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर ट्रेडर शेयर को 1 हफ्ते से लेकर 4 हफ्तों तक अपने पास रखता है और फिर इन शेयर को सेल कर देता है। स्विंग ट्रेडिंग का मुख्य लक्ष्य कुछ सप्ताह में शेयर के दाम में आने वाले Swing का लाभ उठाकर जल्द से जल्द लाभ कमाना होता है। इसी को ही स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी होता है

पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)

पोजीशन ट्रेडिंग से तात्पर्य है कि इसमें ट्रेडर शेयर खरीदता है और इन शेयरों को लंबे समय के लिए अपने पास
रखता है। ऐसा करने के लिए हर एक ट्रेडर को शेयर अपने पास रखने के लिए शेयर की डिलीवरी अपने डीमैट अकाउंट में लेनी पड़ती है।

ट्रेडर ने जितने शेयर जिस दाम में खरीदे हैं इन शेयरों का मूल्य ब्रोकर को देना पड़ता है ऐसा करने से
उसको डीमैट अकाउंट में सभी शेयर मिल जाते हैं। इसके बाद वह कभी भी अपने शेयर को बेचकर पैसे जुटा
सकता है।

लेकिन इसमें रिस्क भी होता है। क्योंकि अक्सर हम देखते हैं कि शेयर बाजार में किसी अच्छी या बुरी खबर के कारण आने वाले दिनों में बाजार कुछ बहुत ज्यादा ऊपर या बहुत ज्यादा नीचे खुलता हैं। उदाहरण के तौर पर 2020 में स्टॉक मार्केट कोरोना वायरस की वजह से बहुत बुरी तरह से गिरा था।

अक्सर लोगों के मन में आता है कि क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाई जा सकती है या नहीं। ऐसा सवाल हर इंसान के मन में आता है तो ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है आइए हम आपको आसान शब्दों में इसकी जानकारी देते हैं।

हर एक इंसान के लिए ट्रेडिंग के जरिए पैसे कमाना संभव है पर यह आसान नहीं होता है क्योंकि जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि अगर कोई व्यक्ति शेयर के मूल्य की हर एक छोटी मूवमेंट से अच्छा पैसा कमाना चाहता है तो उसके लिए ज्यादा से ज्यादा शेयर लेने आवश्यक हैं और इसके लिए पैसों की जरूरत बहुत ज्यादा होगी।

पैसों के साथ-साथ हर एक व्यक्ति को जो कि इसमें पैसे लगाते हैं उनको TECHNICAL ANALYSIS की जानकारी होनी भी जरूरी है। तभी हम प्राइस के पैटर्न को समझ सकेंगे और वक्त आने पर शेयर को बेच और खरीद सकेंगे।

ट्रेडिंग में सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है कि लगातार अपनी गलतियों से सीखना क्योंकि जितना ही हम
सीखेंगे उतना हमारा तजुर्बा बढ़ेगा जिससे कि हम Successful Trader ट्रेडर बन सकेंगे। अपनी गलतियों से सीखना और उससे आगे बढ़ना ही सक्सेसफुल ट्रेडर की पहचान होती है।

ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलते हैं?

ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए सबसे पहले हमें स्टॉक ब्रोकर के पास जाना पड़ेगा। स्टॉक ब्रोकर हमारा ट्रेडिंग अकाउंट आसानी से खोल सकता है। आज के समय में ट्रेडिंग अकाउंट कर बैठे ऑनलाइन खोला जा सकता है।
नीचे हमने मशहूर स्टॉक ब्रोकर के लिंक दिए हैं जिन पर क्लिक करके आप ट्रेडिंग दिन कितने घंटे का होता है अपना डिमैट अकाउंट घर से ही 15 मिनट में खोल सकते हैं।

भारत के मशहूर स्टॉक ब्रोकर:

फिर इसके बाद शेयर को बेचने और खरीदने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे जमा करवाने जरूरी है जिसके लिए हमें ट्रेडिंग अकाउंट के साथ अपना एक बैंक अकाउंट भी लिंक करवाना जरूरी है। क्योंकि अगर हम कभी पैसों की जरूरत हो तो हम ट्रेडिंग अकाउंट में से बैंक अकाउंट में पैसा जमा करवा सकें।

यह जरूरी नहीं है कि हम अपना कोई नया बैंक अकाउंट ही खुलवाएं बैंक में अगर हमारे पास अपना कोई पुराना खाता भी है तो हम उसको भी लिंक करवा सकते हैं। इससे हमारे शेयर का जो Dividend होगा उसके हकदार हम होंगे और उसकी राशि हमारे इसी बैंक अकाउंट में जाएगी।

स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?

ट्रेडर या इन्वेस्टर के साथ स्टॉक एक्सचेंज को जोड़ने का काम स्टॉक ब्रोकर करता है। स्टॉक ब्रोकर हमारे स्टॉक
एक्सचेंज के बीच एक कनेक्शन का काम करता है।

Trading अकाउंट खोलने के लिए जो जरूरी डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं वह नीचे लिखे हैं:

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