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Trading की परिभाषाएं और अर्थ

Trading की परिभाषाएं और अर्थ
loktantra kise kahate hain

राजभाषा अधिनियम

उन भाषाओं का, जो संघ के राजकीय प्रयोजनों, संसद में कार्य के संव्यवहार, केन्द्रीय और राज्य अधिनियमों और उच्च न्यायालयों में कतिपय प्रयोजनों के लिए प्रयोग में लाई जा सकेंगी,उपबन्ध करने के लिए अधिनियम । भारत गणराज्य के चौदहवें वर्ष में संसद द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित होः-

श्रमिक संघ : परिभाषा, प्रकार, कार्य, भारत में श्रमिक के क़ानून एवं विभिन्न श्रमिक संघ

मजदूर संघ

श्रमिक संघ जिसे लेबर यूनियन (labor union) या ट्रेड यूनियन (trade union) भी कहा जाता है ये ऐसे संघ होते हैं जो श्रमिकों के हितों के लिए कंपनियों एवं नियोक्ताओं से लड़ते हैं। अर्थात यदि किसी श्रमिक का कंपनी द्वारा शोषण किया जाता है तो ये संघ आगे आते हैं एवं उस कंपनी के खिलाफ कार्यवाही करते हैं।

श्रमिक संघ की परिभाषा (definition of trade union in hindi)

श्रमिक संघ ऐसा संगठन होता है जो सभी श्रमिकों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है। मज़दूर संघ मज़दूरों को मज़दूरी, घंटे, फ़ायदों और अन्य कामकाजी परिस्थितियों से निपटने के लिए एकजुट करने में मदद करता है।

श्रमिक संघों के मुख्य कार्य (function of trade union in hindi)

मजदूर संघ के कार्य

एक श्रमिक संघ के मुख्य कार्य निम्न है :

  1. अपने सदस्यों के वेतन में सुधार करना।
  2. काम करने की स्थिति और इसके सदस्यों के काम करने के तरीकों में सुधार करना।
  3. इसके सदस्यों के प्रशिक्षण और पेशेवर विकास का समर्थन करना।
  4. यह सुनिश्चित करना कि नियोक्ता द्वारा लिया गया हर निर्णय श्रमिकों के हित में हो एवं उनका शोषण न किया जाये।

श्रमिक संघ के प्रकार (types of trade union in hindi)

श्रमिक संघों के मुख्यतः चार प्रकार होते हैं :

  1. सामान्य संघ
  2. औद्योगिक संघ
  3. शिल्प संघ
  4. सफेदपोश श्रमिक संघ

1. सामान्य संघ :

ये संघ कुशल और अकुशल श्रमिकों के लिए होते हैं जो विभिन्न उद्योगों (जैसे सफाई कर्मचारी, लिपिक कर्मचारी, परिवहन कर्मचारी) में विभिन्न कार्य करते हैं।

2. औद्योगिक संघ :

ये संघ एक ही उद्योग के विभिन्न श्रमिकों के लिए हैं (उदाहरण के लिए, नेशनल यूनियन ऑफ माइनर्स (N.U.M), जो पदानुक्रम में सभी स्तरों पर श्रमिकों के हितों की रक्षा करता है)।

3. शिल्प संघ

ये संघ ऐसे कुशल श्रमिकों के लिए होते हैं, जो अलग-अलग उद्योगों में समान कार्य करते हैं (जैसे संगीतकार)।

4. सफेदपोश श्रमिक संघ :

ये ‘व्हाइट-कॉलर’ (या पेशेवर) श्रमिकों के लिए हैं जो विभिन्न उद्योगों (जैसे शिक्षक, वैज्ञानिक) में समान कार्य करते हैं।

भारत में कुछ श्रमिक संघों के उदाहरण (trade unions in india in hindi)

  1. AICCTU – ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन)
  2. AITUC – अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी)
  3. AIUTUC – ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट))
  4. BMS – भारतीय मजदूर संघ (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ)
  5. CITU – भारतीय व्यापार संघ का केंद्र (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी))
  6. HMS – हिंद मजदूर सभा (असम्बद्ध)
  7. INTUC – इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
  8. LPF – लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम)
  9. NFITU – भारतीय व्यापार संघों का राष्ट्रीय मोर्चा (अप्रभावित )
  10. SEWA – स्व रोजगार महिला संघ (असम्बद्ध)
  11. TUCC – ट्रेड यूनियन समन्वय केंद्र [स्वतंत्र]
  12. UTUC – यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (क्रांतिकारी सोशलिस्ट पार्टी)

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By विकास सिंह

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

प्रतिफल की परिभाषा, लक्षण एवं विशेषताएं

प्रतिफल की परिभाषा, लक्षण एवं विशेषताएं

प्रतिफल की परिभाषा, लक्षण एवं विशेषताएं

प्रतिफल की परिभाषा दीजिए। प्रतिफल के नियम एवं विशेषताएं क्या है?

प्रतिफल (Consideration) का आशय एवं परिभाषा – प्रत्येक अनुबन्ध के दो – भाग होते हैं- एक ओर वचन और दूसरे वचन के लिए प्रतिफल। प्रत्येक व्यक्ति किसी काम को करने या न करने के लिए तभी वचन देता है, जबकि उसकों ऐसा करने के बदले में कुछ प्राप्त होता है। वह जो कुछ प्राप्त होता है वही Trading की परिभाषाएं और अर्थ प्रतिफल है।

विभिन्न विद्वानों द्वारा प्रतिफल की विभिन्न परिभाषाएँ दी गयी हैं जो निम्नलिखित हैं-

1. पोलॉक के अनुसार, “प्रतिफल वह मूल्य है जिसके बदले दूसरे का वचन खरीदा जाता है। “

2. ब्लेकस्टोन के अनुसार, “प्रतिफल वह क्षतिपूर्ति या पुरस्कार है जो अनुबन्ध करने वाले पक्षकार द्वारा दूसरे पक्षकार को दिया जाता है।”

3. न्यायाधीश पैटर्शन के अनुसार, “प्रतिफल किसी ऐसे कार्य को कहते हैं जिसका कानून की दृष्टि में कुछ महत्व हो। यह वादी कुछ लाभ अथवा प्रतिवादी को कुछ हानि पहुँचाने वाला हो सकता है। “

4. अंग्रेजी राजनियम के अनुसार, “कानून की दृष्टि से मूल्यवान प्रतिफल वह है, जिसमें एक पक्षकार को किसी प्रकार का अधिकार, हित या लाभ मिले तथा दूसरे पक्षकार को कोई विरति धैर्य हानि दायित्व अथवा क्षति होती है।”

5. भारतीय अनुबन्ध अधिनियम 1872 की धारा 2(D) के अनुसार जब वचनदाता की इच्छा पर वचनग्रहीता या अन्य व्यक्ति ने कुछ कार्य किया है या कुछ कार्य करता है अथवा कुछ कार्य करने का वचन देता है तो ऐसा कार्य या वचन दूसरे वचन का प्रतिफल होता है।

प्रतिफल से सम्बन्धित वैधानिक नियम एवं विशेषताएँ

प्रतिफल की निम्नलिखित विशेषताएँ अथवा वैधानिक नियम है-

(1) कुछ प्रतिफल अवश्य होना चाहिए- धारा 25 के अनुसार “प्रतिफल होना आवश्यक नहीं। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि प्रतिफल कुछ न कुछ होना चाहिए, लेकिन यह आवश्यक नहीं है कि प्रतिफल अवश्य हो लेकिन शर्त यह है कि प्रतिफल स्वतन्त्र सहमति पर आधारित होना चाहिए। इतना जरूर आवश्यक है कि प्रतिफल का अस्तित्व होना चाहिए काल्पनिक नहीं। उदाहरण के लिए ‘क’ 1000 रुपये की घड़ी को 100 रु० में बेचने के लिए सहमत होता है। ठहराव के लिए ‘क’ की सहमति स्वतन्त्र रूप से ली गयी थी। अपर्याप्त प्रतिफल के होते हुए भी वह ठहराव अनुबन्ध है।

(2) प्रतिफल वचनग्रहीता अथवा किसी अन्य व्यक्ति की ओर से हो सकता है- प्रतिफल के मामले में यह आवश्यक नहीं है कि वचनग्रहीता की ओर से दिया जाय। वचनग्रहीता या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा भी दिया जा सकता है। उदाहरण के लिए x और y दो भाई थे। y की मृत्यु होने पर उसके पुत्र Z को कोई सम्पत्ति नहीं मिलती। कुछ समय बाद x अपनी सम्पत्ति अपने पुत्री को इस शर्त पर देता है कि वह Z को 2500 रुपये महीने दिया करेगा h स्वीकार कर लेता है। कुछ समय रुपया देने के बाद यह कहकर Z को रुपया देना बन्द कर देता है कि Z ने कोई प्रतिफल नहीं दिया।

(3) प्रतिफल भूत, वर्तमान अथवा भावी हो सकता है- प्रतिफल भूत, वर्तमान अथवा भावी हो सकता है, जब किसी कार्य को करने अथवा न करने के सम्बन्ध में कोई कार्य भूतकाल में हो चुका है, चूंकि उसने उत्तरदायित्व पूरा नहीं किया है। अत: यह भूतकालीन प्रतिफल कहलायेगा। उदाहरण के लिए मोहन ने सोहन को 2 वर्ष पूर्व उसकी शादी पर 15,000 रु० बिना वापस पाने की इच्छा से दे दिये थे। अब सोहन वह धन वापस करने का वचन मोहन को देता है। यह भूतकालीन प्रतिफल कहलायेगा।

जब कार्य पूरा होने पर प्रतिफल दिया जाता है तो वर्तमान प्रतिफल कहलाता है जैसे x, sy के सम्मुख अपनी अंगूठी 500 रु० में बेचने का प्रस्ताव रखता है। y उसे स्वीकार कर लेता है। x का 500 रु० प्राप्त करना तथा y को अंगूठी लेना वर्तमान प्रतिफल है। जब किसी अनुबन्ध का एक भाग वर्तमान से एक भाग भविष्य से सम्बन्धित होता है तो वह भविष्य कालीन प्रतिफल कहलाता है।

(4) प्रतिफल वचनदाता की इच्छानुसार दिया जाना चाहिए- प्रतिफल वचनदाता की इच्छानुसार ही दिया जाना चाहिए। बिना वचनदाता की इच्छा पर दिया गया प्रतिफल अवैध होगा। अतः कोई भी कार्य वचन के लिए तब तक उचित प्रतिफल नहीं माना जा सकता जब तक कि उसे वचनदाता की इच्छा पर न किया गया हो।

Durga Prasad Vs. Baldeo (1881) इस मामले में वादी ने बाजार की स्थिति सुधारने के लिए कुछ धन व्यय किया। दुकानदारों ने उसे बिक्री का कुछ प्रतिशत कमीशन पर देने का वचन दिया। इस वाद में प्रतिवादीगण ऐसा कमीशन न देने के लिए पूरी तरह ठीक थे। क्योंकि वादी ने बाजार का सुधार उनकी इच्छा पर नहीं किया था। उसने तो केवल जिलाधीश के चाहने पर ऐसा किया था।

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बट्टा (Discount) - परिभाषा, सूत्र | बट्टा ( छूट ) पर आधारित प्रश्न उत्तर/ उदाहरण

पढ़े: गणित के महत्वपूर्ण अध्यय बट्टा (Discount), छूट / बट्टा ( डिस्काउंट) की परिभाषा, डिस्काउंट / बट्टा के सभी सूत्र, डिस्काउंट से सम्बंधित परीक्षा उपयोगी उदाहरण और प्रश्न - उत्तर । डिस्काउंट / बट्टा किसे कहते हैं? सीखें बट्टा निकलना / बट्टा (डिस्काउंट) निकलने की शार्ट ट्रिक्स, बट्टा के सवाल, Discount Meaning & Discount Formula in Hindi.

गणित अध्याय के बट्टा (डिस्काउंट) / Discount in Hindi को पढ़ने से पहले गणित के टॉपिक्स प्रतिशत तथा लाभ और हानि को अवश्य पढ़लें। बट्टा (डिस्काउंट) को समझने तथा बट्टा के प्रश्नो को हल करने के लिए इनके कॉन्सेप्ट्स का भी प्रयोग होगा।

गणित के महत्वपूर्ण अध्यय बट्टा/ छूट (discount) की परिभाषा, डिस्काउंट / बट्टे के सूत्र, बट्टा के उदाहरण और प्रश्न उत्तर विस्तार से पढ़े और सीखें बट्टा निकलना-

साधारण भाषा में बट्टा का अर्थ छूट से है। अंग्रेजी में बट्टे को Discount या डिस्काउंट कहते हैं। डिस्काउंट का हमारे दैनिक जीवन में बहुत महत्त्व है। आजकल जब हम कोई शॉपिंग करते है या कोई ऑनलाइन सामान खरीदते हैं, तो लगभग हर सामान पर हमें डिस्काउंट मिलता है। अगर हमको डिस्काउंट निकालना आता है तो हम आसानी से उस वस्तु पर बाटता पता कर सकते हैं।

डिस्काउंट का हमारे दैनिक जीवन में अधिक अधिक महत्त्व होने से प्रतियोगी परीक्षाओं में डिस्काउंट/ छूट से अक्सर सवाल पूंछे जाते हैं। ये सवाल बहुत ही आसान होते हैं। परन्तु कई बार बट्टा के सवाल थोड़े tricky आ जाते है। यहाँ पर दिए गए बट्टे के प्रश्न और उदाहरण आप अच्छे से सीख लेते हैं तो आप को गणित के टॉपिक्स का बट्टा के हर प्रकार के सवाल आसानी से हल कर सकेंगे।

बट्टा किसे कहते हैं? / बट्टा (Discount) क्या है? /
जब हम कोई वस्तु खरीदते हैं या कोई सेवा लेते हैं तो वस्तु या सेवा पर हमें एक डिस्काउंट या छूट मिलती है जिसे बट्टा कहते हैं गणित में बट्टे का अर्थ केवल छूट से होता है जो किसी वस्तु / सेवा पर मिलता है । बता सदैव अंकित मूल्य पर ही दिया जाता है या मिलता है ।

बट्टा - पर आधारित प्रश्न-Question on Discount in hindi-1

  1. नकद बट्टा (Cash Discount)
  2. खुदरा या फुटकर बट्टा (Retail Discount)
  3. व्यापारिक बट्टा (Trading की परिभाषाएं और अर्थ Trade Discount)

खुदरा या फुटकर बट्टा (Retail Discount in Hindi): जब कोई दुकानदार या फुटकर विक्रेता अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए ग्रहकों को अंकित मूल्य से कम दाम पर बेचता है तो इसे खुदरा या फुटकर बट्टा (Retai Discount) कहते हैं।


व्यापारिक बट्टा (Trade Discount in Hindi): यह बट्टा उत्पादकर्ता या निर्माता द्वारा अपने माल की बिक्री बढ़ाने के लिए अपने थोक Trading की परिभाषाएं और अर्थ मॉल पर किसी दुकानदार या फुटकर विक्रेता को दिया जाता है इसे व्यापारिक बट्टा (Trade Discount) कहते हैं।

  • बट्टा राशि= अंकित मूल्य × बट्टा दर /100
  • अंकित मूल्य = बट्टा राशि × 100 / बट्टा दर
  • विक्रय मूल्य = अंकित मूल्य – बट्टा
  • प्रतिशत बट्टा = बट्टा राशि ×100 /अंकित मूल्य

बट्टा - ( छूट ) के महत्त्वपूर्ण सूत्र Formula of Discount in hindi

Discount Formula in Hindi



बट्टा (Discount)/छूट पर आधारित गणित के परीक्षा उपयोगी महत्त्वपूर्ण उदाहरण:

उदाहरण 1: एक वस्तु पर मूल्य 1600 रूपये अंकित है। यदि उसे 10% बट्टे पर बेच दिया जाए, तो बट्टे की राशि और उस वस्तु का विक्रय मूल्य ज्ञात कीजिये।

सूत्र :- बट्टा = अंकित मूल्य Trading की परिभाषाएं और अर्थ × बट्टा दर /100 से
अंकित मूल्य - 1600 रूपये
बट्टा दर -10%
तब सूत्र से - 1600×10/100
= 160 रूपये
सूत्र :- विक्रय मूल्य = अंकित मूल्य – बट्टा से
= 1600– 160= 1440 रूपये

उदाहरण 2: एक मेज का अंकित मूल्य 900 रूपये है। यदि उसे 810 रूपये में बेच दिया जाए, तो बट्टा और बट्टा प्रतिशत ज्ञात कीजिये।

उदाहरण 2: एक मेज का अंकित मूल्य 900 रूपये है। यदि उसे 810 रूपये में बेच दिया जाए, तो बट्टा और बट्टा प्रतिशत ज्ञात कीजिये।












उदाहरण 3: एक दुकानदार किसी वस्तु का मूल्य 8000 रुपए अंकित करता है तथा वह उस पर 20% का बट्टा देता है वस्तु का विक्रय मूल्य ज्ञात करें ।

उदाहरण 4: एक दुकानदार किसी वस्तु का मूल्य 30000 रुपए अंकित करता है तथा उस पर 10% , 15% एवं 20% का क्रमिक बट्टा देता है तो उसका विक्रय मूल्य मूल्य ज्ञात करें

लोकतंत्र किसे कहते हैं? लोकतंत्र की परिभाषा, प्रकार – loktantra kise kahate hain

लोकतंत्र क्या है लोकतंत्र किसे कहते हैं? इस तरह के प्रश्न अधिकतर परीक्षाओं में पूछे जाते हैं । आज हम आपके लिए लोकतंत्र पर पूरी जानकारी लेकर आया है। तो चलिए जान लेते हैं लोकतंत्र किसे कहते हैं लोकतंत्र कितने प्रकार के होते हैं?

लोकतंत्र किसे कहते हैं? लोकतंत्र की परिभाषा, प्रकार - loktantra kise kahate hain

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लोकतंत्र किसे कहते हैं? – Loktantra kise kahate hain

लोकतंत्र उस सरकार को कहते हैं जिसमें प्रत्येक व्यक्ति भाग लेता है इसमें जनता प्रत्यक्ष रूप से अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से शासन करती है।

लोकतंत्र क्या है? – Loktantra kya hai

लोकतंत्र दो शब्दों से Trading की परिभाषाएं और अर्थ मिलकर बना है लोक + तंत्र । लोक का मतलब है लोग तथा तंत्र का मतलब होता है शासन अर्थात लोगों का शासन, लोगों के लिए, लोगों के द्वारा, लोगों का शासन लोकतंत्र कहलाता है।

लोकतंत्र की परिभाषा – Loktantra ki paribhasha

ब्राइस के अनुसार – “लोकतंत्र का तात्पर्य सरकार के ऐसे स्वरूप से हैं जिसमें शासन का मतलब आम जनता का शासन”

सीले के अनुसार – “लोकतंत्र से अभिप्राय ऐसी शासन से है जिसपर प्रत्येक व्यक्ति या मनुष्य भाग ले सकें”

हॉल के अनुसार – “लोकतंत्र का तात्पर्य एक ऐसी शासन व्यवस्था से है जिससे लोगों पर नियंत्रण किया जा सके।”

लोकतंत्र का क्या अर्थ है? – Loktantra ka kya arth hai

(लोकतंत्र से आप क्या समझते हैं?)

लोकतंत्र को अंग्रेजी में डेमोक्रेसी (democracy) कहते हैं। डेमोक्रेसी दो ग्रीक शब्द ‘डेमो’ (demo) यानी जनता तथा ‘क्रेटिया’ यानी शक्ति अथवा शासन से मिलकर बना है।

इस प्रकार लोकतंत्र का अर्थ होता है जनता का शासन अथवा एक प्रकार की ऐसी शासन प्रणाली जिसमें Trading की परिभाषाएं और अर्थ सर्वोच्च सत्ता जनता के पास हो।

लोगों की सरकार से अभिप्राय प्रत्यक्ष प्रजातंत्र है, सरकार लोगों पर शासन करती है, सरकार लोगों की होती है और यह लोगों द्वारा निर्देशित और निर्वाचित की जाती है। सरकार आम जनता से बनती है तथा सरकार लोगों के प्रति जिम्मेदार हैं और लोगों के हितों की रक्षा के लिए बनाई गई है।

इसे भी पढ़े

लोकतंत्र के प्रकार – Types of democracy

साधारण रूप से लोकतंत्र के दो भेद माने जाते हैं –

1.प्रत्यक्ष लोकतंत्र
2.अप्रत्यक्ष लोकतंत्र

प्रत्यक्ष लोकतंत्र किसे कहते हैं?

जब सामान्य जनता प्रत्यक्ष रूप से शासन कार्यों में भाग लेती है अर्थात नीति निर्माण का कार्य, उनका क्रियान्वयन एवं प्रशासन के अधिकारी नियुक्त कर उन पर नियंत्रण रखती है तो उसे प्रत्यक्ष लोकतंत्र कहते हैं।

पुराने समय में ग्रीक नगर राज्यों में लोकतंत्रात्मक शासन ही प्रचलित था। प्रत्यक्ष लोकतांत्रिक प्रणाली केवल कम जनसंख्या वाले छोटे राज्यों में ही संभव हो सकती है। बड़ी जनसंख्या वाले विहार राज्यों के लिए इसे अपनाना संभव नहीं है। उदाहरण के लिए स्वीटजरलैंड जहां की जनसंख्या बहुत ही कम है।

अप्रत्यक्ष लोकतंत्र किसे कहते हैं?

अप्रत्यक्ष लोकतंत्र को प्रतिनिध्यापक लोकतंत्र भी कहते हैं। जब प्रभुसत्तावान जनता स्वयं प्रत्यक्ष रूप से इस प्रकार की प्रभुसत्ता का प्रयोग ना करके अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से कार्य करती है तो उसे अप्रत्यक्ष लोकतंत्र कहते हैं।

इस शासन प्रणाली में जनता संविधान द्वारा निर्धारित निश्चित अवधि के लिए अपने प्रतिनिधियों का चयन करती है, जिससे कानून निर्माण करने वाली व्यवस्थापिका का गठन होता है। उदाहरण – भारत

लोकतंत्र की विशेषताएं – loktantra ki visheshta

  • लोकतंत्र में निश्चित समय पर निश्चित रूप से चुनाव होते हैं हर Trading की परिभाषाएं और अर्थ जनता अपने प्रतिनिधियों को दोबारा चुनती है यदि जनता पुराने प्रतिनिधियों के कार्यों से असंतुष्ट है तो उनके स्थान पर नए प्रतिनिधि चुन सकती है।
  • लोकतंत्र में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की व्यवस्था होती है जिसकी जिम्मेदारी चुनाव आयोग को दी जाती है।
  • प्रजातंत्र का सामान्य अर्थ उस राज्य सरकार से हैं जिसमें शासन की अंतिम सत्ता लोगों के हाथों में होती है जिसमें चुनाव का आधार सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार होता है।
  • प्रत्येक नवयुवक तथा नव युवती को एक निश्चित आयु के बाद मत देने का अधिकार होता है परंतु सरकार का यह महत्वपूर्ण सिद्धांत है कि सभी निर्णय बहुमत द्वारा किए जाते हैं।
  • लोकतंत्र के अंतर्गत जनता को सत्ता का अंतिम स्रोत माना जाता है क्योंकि जनता ही अपने वोटों के द्वारा निर्णय लेती है कि कौन सा दल सरकार बनाएगी।
  • लोकतंत्र नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान करता है लोकतांत्रिक सरकार के अंतर्गत प्रत्येक नागरिक को अपने विचार प्रकट करने भाषण देने लेख लिखने आदि की स्वतंत्रता प्राप्त होती है।
  • समाचार पत्रों को सरकार की नीतियों के बारे में अपनी राय प्रकट करने की छूट होती है इस प्रकार यह जनता तथा सरकार के बीच कड़ी का काम करती है।
  • लोकतंत्र शासन पद्धति होने के साथ-साथ एक जीवन शैली भी है जिसमें सभी समूहों को अपने धर्म का पालन करने, अपनी भाषा तथा संस्कृति का विकास करने की पूर्ण स्वतंत्रता होती है।
  • लोकतंत्र व्यवस्था अत्यंत उपयोगी तथा समय अनुकूल है इसके अंतर्गत व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा होती है तथा राज्य की निरंकुशता को रोकने के लिए स्वतंत्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका की व्यवस्था होती है।

लोकतंत्र से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (FAQs)

लोकतांत्रिक शिक्षा लोकतंत्र के सिद्धांतों का पालन करती है।
लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा होती है तथा प्रत्येक व्यक्ति का समान महत्व होता है।
लोकतंत्र में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार मौलिक अधिकार का रूप ग्रहण करता जा रहा है।

देश में शांति और एकता बनाए रखने के लिए लोकतंत्र बहुत ही जरूरी है। लोकतंत्र के द्वारा ही सरकार का निर्माण होता है। और सरकार लोगों की भलाई के लिए काम करता है।

भारत में प्रत्यक्ष लोकतंत्र नहीं हैं। क्योंकि भारत में शासक को चुनने के लिए जनता सीधे रूप से भाग नहीं लेती है। पहले जनता द्वारा प्रतिनिधि चुना जाता है उसके बाद प्रतिनिधियों द्वारा शासक।

लोकतंत्र को दो भागों में बांटा गया है प्रत्यक्ष लोकतंत्र और अप्रत्यक्ष लोकतंत्र।

अप्रत्यक्ष लोकतंत्र दो प्रकार के होते हैं संसदीय और अध्यक्षीय लोकत

अंतिम शब्द ,

उम्मीद करते हैं आप सभी को हमारे द्वारा ऊपर दी गई जानकारी लोकतंत्र किसे कहते हैं ? – loktantra kise kahate hain पसंद आई होगी। आज हमने जाना है लोकतंत्र किसे कहते हैं?, लोकतंत्र की परिभाषा, अर्थ, प्रकार, विशेषताएं क्या है?

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