क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है?

Swing Trading कैसे करे | Swing Trading Strategies in Hindi
आज के इस लेख में हम आपको Swing trading in Hindi, Swing trading strategy in Hindi आदि के बारे में पूरी जानकारी दी है। जिस किसी को नहीं पता है की स्विंग ट्रेडिंग क्या है ? उसे इस लेख को पूरा पढ़ना चाहिए। लंबे समय के निवेश के लिए अधिक रिटर्न मिलता है लेकिन इंतजार भी अधिक करना होता है । कई बार तो 4–5 वर्ष का इंतजार भी करना होता है। इसमें रिस्क रेश्यो भी कम होता है लेकिन निवेश के लिए अधिक पैसों की जरूरत होती है।
स्विंग ट्रैडिंग क्या है [What is Swing Trading in Hindi]
स्विंग ट्रेडिंग के केवल एक ही उद्देश है की शेयर की कीमत को गिराबट या बढ़ोतरी को देखकर अपनी पोजीशन को होल्ड करना होता है। इसका समय 24 घंटे से लेकर कुछ हफ्तों और तक का होता है। लेकिन लंबे समय के निवेशों में अधिक
मुनाफा कमाने के लिए अधिक समय तक इंतजार करना होता है। Swing trading के माध्यम से निवेशक छोटे–छोटे मुनाफा प्राप्त करते है क्योंकि कम अवधि में अच्छा मुनाफा कमा सकते है। मार्किट में शेयर की कीमत का अनुमान लगाने के लिए ज्यादातर सभी ट्रेडर टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करते है जिससे हमे शेयर की सही स्थिति का अनुमान लग जाता है।
स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे [Swing trading strategy in Hindi ]
Swing trading करने के लिए आपको सबसे पहले अकाउंट खोलना होगा। कुछ कंपनियां डेमो अकाउंट भी देती है जिसके उपयोग से ट्रेडिंग को समझने में आसानी होती है और लाइव ट्रेडिंग करने से पहले कुछ अनुभव भी हो जाता है।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के बाद एनालिसिस की जरूरत होती है, इसमें मदद के लिए financial tools उपलब्ध होते है जिससे हमे उचित रास्ता मिलता है।
स्विंग ट्रैडिंग के लिए शेयर कैसे चुने ?
जब आप समझ चुके है की Swing trading in Hindi क्या है। अब आप अपनी जरूरत के हिसाब से जोखिम उठाने के लिए तैयार हो जाएं , क्योंकि अब आपको एक ऐसे शेयर की खोज करनी होगी जो आपके रिस्क सहने के हिसाब से हो।
रिस्क मैनेज कैसे करे?
ऐसा जरूरी नहीं हैं कि आपके द्वारा लिया गया निर्णय सही साबित हो और आपको हमेशा मुनाफा हो, कई बार आपका अनुमान और स्ट्रेटजी अचानक उलट जाती है। आपको अपनी financial risk के अनुसार मुनाफा और हानि दोनों के लिए तैयार रहना चाहिए। Swing trading in Hindi
अपनी ऐसेट को मॉनिटर कैसे करे?
आपको अपने शेयर की कीमत को समय–समय पर देखते रहना है कि का वह अच्छा प्रदर्शन कर रहा है या नही। फायदा दिखते ही मार्केट से शेयर को बेचकर बाहर निकलना ठीक रहता है क्योंकि ज्यादा कीमत बढ़ने के लालच में नुकसान भी हो जाता है। मार्केट में लाभ के अलावा नुकसान भी होता है कभी–कभी नुकसान होने के बाद भी मार्केट से शेयर को बेचकर बाहर निकलना होता है।
Buy Now – Swing Trading
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें?
मार्केट ट्रेडिंग के लिए बेहतरी स्टॉक को कैसे चुने। ज्यादातर ट्रेडर्स मार्केट की स्थिति के अनुसार ही शेयर को खरीदते हैं। स्विंग ट्रेडिंग के लिए एक अच्छे स्टॉक को चुनने के लिए, आपको उससे जुड़ी हुई सभी खबरों पर ध्यान देना होगा। आपकी पूरी कोशिश हो कि शेयर अच्छा प्रदर्शन करता हो।
मार्केट ट्रेंड : बहुत से ऐसे ट्रेडर होते है जो मार्केट के ट्रेंड के अनुसार ही शेयर को चुनते है। कंपनी की स्थति जानने के लिए, उससे जुड़ी हुई सभी खबरों को समझना होगा। स्टॉक को किसी भी तरह से चुने लेकिन वह प्रदर्शन क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है? अच्छा कर रहा होना चाहिए।
लिक्विडिटी स्टॉक : इस लिक्विडिटी स्टॉक का मतलब होता है कि वह शेयर जो ट्रेडिंग मार्केट में अधिक मात्रा में खरीदे या बेचे जाते है। इनका प्रदर्शन कुछ इस क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है? तरह का होता है कि मार्केट में उस शेयर की जरूरत काफी अधिक है। बेहतर लिक्विडिटी वाले शेयर में कम मात्रा में रिस्क होता है।
दूसरे स्टॉक के साथ तुलना:
बेहतर स्टॉक को चुनने के लिए, आपको उसी सेक्टर से संबंधित अन्य स्टॉक के साथ तुलना करनी होती है इससे हमे ये पता लगता है कि किस शेयर का प्रदर्शन अच्छा है और किसका खराब है।
स्टॉक का ट्रैडिंग पैटर्न जरूर देखे : आपको जिस स्टॉक का प्रदर्शन अच्छा लग रहा हो, उसके बाद आप स्टॉक के पुराने ट्रेंडिंग पैटर्न को देखना काफी जरूरी होता है इससे हमे stock के भविष्य में कीमत के उतार-चढ़ाव के बारे में अनुमान लग जाता है। एक चीज और देखनी है शेयर की कीमत में थोड़ा ज्यादा उतार-चढ़ाव होगा तो समझो शेयर उतना ही अच्छा होता है।
कम बदलाव वाले स्टॉक: कुछ ट्रेडर अधिक उतार-चढ़ाव वाले शेयर को पसंद नही करते है क्योंकि उसमे पैटर्न को समझने में समस्या होती है। वह उन शेयर में निवेश करते जिसमे सामान्य रूप से कम उछाल या गिरावट दिखती है क्योंकि इससे उनको पैटर्न को समझने में आसानी होती है।
स्विंग ट्रेडिंग क्या है और कैसे काम करती है?
स्विंग ट्रेडिंग भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में लोकप्रिय है इसलिए आज हम Swing Trading Meaning in Hindi लेख में समझेंगे कि स्विंग ट्रेडिंग क्या है और स्विंग ट्रेडिंग कैसे काम करती है?क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है?
स्विंग ट्रेडर जब किसी स्टॉक में एक अच्छे ट्रेंड को बनते हुए देखते हैं, तो वह ट्रेड करना शुरू कर देते हैं और जब तक ट्रेड में बने रहते है जब तक क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है? कि वह ट्रेंड ख़त्म न हो जाए।
स्विंग ट्रेडिंग मूल रूप से तेजी से पैसा बनाने के लिए बढ़ते स्टॉक या अन्य प्रकार के निवेश की तलाश के वारे में हैं। ये सुनने में मजेदार लगता है, लेकिन सवाल यह आता है कि क्या स्विंग ट्रेडिंग वास्तव में एक प्रॉफिट वाली निवेश रणनीति है? आइए इस पर गहराई से विचार करते है।
शेयर बाजार में स्विंग ट्रेडिंग क्या है?
स्विंग ट्रेडिंग एक प्रकार की ट्रेडिंग शैली है जहां ट्रेडर किसी भी स्टॉक में अपनी पोजीशन ले कर उसको कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह तक होल्ड रखता है। स्विंग ट्रेडिंग का लक्ष्य उस समय सीमा के दौरान स्टॉक की कीमत में बदलाव से लाभ कमाना है।
सबसे अच्छाएंट्री और एग्जिट पॉइंट चुनने के लिए अधिकांश स्विंग ट्रेडर डेली चार्ट, 60 मिनट, 24 घंटे, 48 घंटे, आदि का उपयोग करते हैं। हालांकि, आप कम समय सीमा चार्ट का उपयोग भी कर सकते हैं, जैसे कि 4-घंटे या 1 घंटा चार्ट।
स्विंग ट्रेडर किसी भी स्टॉक में पोजीशन लेने से पहले उस स्टॉक का टेक्निकल एनालिसिस करता है और ये पता लगाने की कोशिश करता है कि किस स्टॉक में ट्रेंड की शुरुआत हो रही है जिससे कि वह शुरुआती ट्रेंड में ट्रेड ले और जब तक बना रहे जब तक की उस स्टॉक में ट्रेंड बदल न जाए, जिससे कि वह अच्छा प्रॉफिट कर सके।
स्टॉक मार्केट में अवसरों का लाभ उठाने के लिए, एक स्विंग ट्रेडर को अल्पावधि में लाभ कमाने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए शीघ्रता और बुध्दिमानी से कार्य करना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग कैसे काम करती है?
सबसे पहले, स्विंग ट्रेडिंग करते समय एक ट्रेडर को आमतौर पर मार्केट ट्रेंड और पैटर्नों को देखना होता है ताकि स्विंग ट्रेडर्स को डाउन ट्रेंड या अपट्रेंड वाले स्टॉक खोजने में मदद मिल सके।
स्विंग ट्रेडिंग में अगर ट्रेडर को लगता है कि कोई स्टॉक अगले कुछ दिनों या हफ्तों में अच्छी मूवमेंट करने वाला है, तो वे स्टॉक खरीद लेंगे और कीमत फिर से गिरने से पहले उसे बेच देंगे। वही दूसरी तरफ अगर उन्हें लगता है कि कोई स्टॉक अगले कुछ दिनों या हफ्तों में नीचे जाने वाला है, तो वे उस स्टॉक को “शॉर्ट” करेंगे।
ज्यादातर समय, स्विंग ट्रेडर्स यह तय करने में लगाते हैं कि संभावित ट्रेड में जोखिम और अधिकतम लाभ को देखते हुए ट्रेड करना है या नहीं।
उदाहरण के लिए, यदि एक स्विंग ट्रेडर का मानना है कि अगले सप्ताह में किसी स्टॉक की कीमत बहुत तेजी से बढ़ सकती है, तो वह ट्रेडर उस जोखिम को लेने और कुछ शेयर खरीदने के लिए इच्छुक हो सकता हैं। क्योंकि वहां उसको कम जोखिम के साथ अच्छा प्रॉफिट करने का मौका मिल रहा है।
लेकिन अगर उस स्टॉक कीमत नीचे गिर जाती है तो उस स्थिति में ट्रेडर को अपनी पोजीशन साइज के अनुसार नुकसान उठाना होगा। इसलिए कहा जाता है कि हमेशा अपनी पोजीशन साइज कम रखे जिससे कि ज्यादा नुकसान का सामना न करना पड़े।
स्विंग ट्रेडिंग कैसे करते हैं?
स्विंग ट्रेडिंग करने ट्रेडर को रूप में आपको टेक्निकल एनालिसिस की चाहिए, जिससे कि ऐसे स्टॉक्स को खोजने में सक्षम हो सके छोटी अवधि में अच्छा रिटर्न दे सके। इसलिए अगर आप स्विंग ट्रेडिंग के लिए सही स्टॉक की तलाश करना चाहते है तो पहले टेक्निकल एनालिसिस सीखे, उसके उपरान्त डेली एंव साप्ताहिक चार्ट पर ऐसे स्टॉक को ढूढ़े जो किसी सपोर्ट को तोड़ कर ऊपर निकल रहे हो। ऐसे स्टॉक छोटी अवधि में अच्छा पैसा कमा कर देते है।
स्विंग ट्रेडिंग का उद्देश्य क्या है?
स्विंग ट्रेडिंग एक ट्रेडिंग शैली है जिसका मुख्य उद्देश्य एक छोटी अवधि के भीतर स्टॉक खरीदना या बेचना शामिल है, जिससे की वह स्टॉक में होने वाले मूवमेंट से प्रॉफिट कर सके। एक स्विंग ट्रेडर आमतौर पर कुछ मूवमेंट दिखाने वाले शेयरों को खोजने की कोशिश करता है और ट्रेंड की शुरुआत में ट्रेड में प्रवेश करता है। ज्यादातर मामलों में, एक स्विंग ट्रेडर ट्रेंड खत्म होने से पहले ट्रेड से बाहर निकलने का प्रयास करता है।
स्विंग ट्रेडर्स अपनी पोजीशन को 2 दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक बनाए रखना चाहते हैं, जिससे स्विंग ट्रेडिंग ट्रेड का अच्छे से फायदा लिया जा सके, स्विंग ट्रेड दो प्रकार के होते हैं:
1) काउंटर ट्रेंड स्विंग ट्रेड – स्टॉक के ट्रेंड की दिशा में रेजिस्टेंस या सपोर्ट एरिया में बेचना या खरीदना (उदाहरण के लिए, अपट्रेंड के दौरान रेजिस्टेंस में बेचना या डाउनट्रेंड के सपोर्ट पर खरीदना)।
2) स्विंग ट्रेड के बाद की प्रवृत्ति – माइनर ट्रेंड की दिशा में सपोर्ट पर खरीदना या रेजिस्टेंस पर बेचना (उदाहरण के लिए, अपट्रेंड के दौरान सपोर्ट में खरीदना)।
अभी तक आप Swing Trading Meaning in Hindi को अच्छे से समझ गए होंगे अभी हम ये देखते है कि स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग कुछ हद तक समान हैं। क्योंकि दोनों में लाभ कमाने के प्रयास में स्टॉक खरीदना और बेचना शामिल होता है, लेकिन इनके बीच सबसे बड़ा अंतर समय का होता है।
स्विंग ट्रेडर्स अपनी पोजीशन को कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह तक होल्ड रखते है, जबकि इंट्राडे ट्रेडर अपनी पोजीशन को सेम डे पर क्लोज है।
डे ट्रेडर्स के पास स्विंग ट्रेडर की तरह “धैर्य” नहीं है, इसलिए वह प्राइस में होने वाले छोटे – छोटे बदलावों से पैसा बनाने की कोशिश करते है और अपनी पोजीशन को ओवरनाइट होल्ड करने का रिस्क नहीं लेते है।
स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में एक भी मुख्य अन्तर है कि अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते है तो आपको ब्रोकर की तरफ से मार्जिन दिया जाता है जिस कारण से आप कम पैसो के साथ भी इंट्राडे ट्रेडिंग की शुरुआत कर सकते है।
जबकि अगर आप स्विंग ट्रेडिंग करते है तो आपको ब्रोकर की तरफ से कोइ मार्जिन नहीं दिया जाता है जिस कारण से आपको ट्रेड करने के लिए ज्यादा पैसो आवश्यकता होती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडिंग के मुकाबले ज्यादा जोखिम है क्योंकि आपको मार्जिन मिलता है जिस कारण से आप पोजीशन साइज बड़ा रख लेते है और मार्केट आपके खिलाफ जाने पर ज्यादा नुकसान करते है।
निष्कर्ष
स्विंग ट्रेडिंग सक्रिय ट्रेडिंग का सबसे लोकप्रिय रूप माना जाता है, क्योंकि इसमें कम जोखिम के साथ ज्यादा प्रॉफिट अर्जित करने की क्षमता है। यह भारतीय शेयर बाजार में ट्रेड करने का एक शानदार तरीका है।
स्विंग ट्रेडिंग से एक ट्रेडर को काफी लाभ और रिटर्न मिल सकता है। हालांकि, एक ट्रेडर के रूप में आपको इसमें शामिल जोखिम से अवगत होना महत्वपूर्ण है।
हमें उम्मीद है कि आपको Swing Trading Meaning क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है? in Hindi लेख अच्छे से समझ में आ गया होग, कि स्विंग ट्रेडिंग क्या है….
Swing Trading क्या है – शेयर मार्किट में स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है पूरी जानकारी हिंदी में
शेयर मार्केट में कई प्रकार की ट्रेडिंग होती है जिसमे Swing Trading निवेशकों को ज्यादा पसंद आती है. एक निवेशक हमेशा शेयर मार्केट में धैर्य के साथ ट्रेडिंग करता है.
शेयर मार्केट में लोग ज्यादा तर Intraday Trading और Scalping Trading करते है. लेकिन सही राणनीति और धैर्य के साथ लोग Swing Trading में इंट्राडे और सकैलपिंग ट्रेडिंग से ज्यादा पैसे कमा लेते है.
तो चलिए सबसे पहले Swing Trading शब्द के बारे में जानते है, ताकि स्विंग ट्रेडिंग को समझने में आसानी हो.
प्रिश्न पर पर क्लिक करे और उत्तर पर जाए !
Swing Trading Meaning In क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है? Hindi ?
Swing Trading का मतलब = “झुलाना व्यापार” होता है. इसे आसान भाषा मे समझने तो ऐसा व्यापार करना जिसे झूले की तरह आगे पीछे झुलाते रहें.
Swing Trading Kya Hai ?
स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमे शेयर को शेयर मार्केट के खुलने पर खरीद लिया जाता है और शेयर की कीमत टारगेट तक पहुँच जाने पर उसे बेच कर मुनाफा कमाया जाता है.
स्विंग ट्रेडिंग में दरअसल खरीदे गए शेयर की Delivery ले ली जाती है. इसी कारण इसे Delivery Trading भी कहते है.
चलिए अब स्विंग ट्रेडिंग को एक उदाहरण से क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है? समझते है.
Swing Trading In Hindi ?
स्विंग ट्रेडिंग करने से पहले हम एक Strategy बनाते है जिसके हिसाब से हम Share चुनते है और फिर उसपर ट्रेडिंग करते है.
सबसे पहले तो एक ऐसी कंपनी के शेयर को चुनेंगे जिसमे स्विंग होता हो. यानी कि उतार-चढाब ज्यादा होता हो.
अब उस शेयर का हम ग्राफ देखेगे की इसके शेयर की कीमत में 3 दिन , 7 दिन, 2 हफ्ते या 1 महीने के अंदर कितनी बढ़ी या घटी है .
मान लेते है कि एक कंपनी Reliance के शेयर में 7 दिन के अंदर 50 रुपये प्रति शेयर का उतार-चढाब होता है.
अब अपने देखा कि अभी शेयर की कीमत घाट रही है और अब यहां से बढ़ना शुरू होगी . तो अब आप उस कंपनी के शेयर मार्किट के खुलने क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है? से बंद होने के बीच खरीद लेंगे.
अब यहाँ एक बात ध्यान देने वाली है कि आपको स्विंग ट्रेडिंग में मार्जिन मनी का उपयोग नही करना है.
क्योंकि आप जो शेयर खरीद रहे है उनकी डिलेवरी लेंगे तो उसके लिए आपको शेयर के पूरे पैसे चुकाने होंगे.
मान लेते है अपने 123 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर 10,000 रुपये के शेयर खरीदे और 10,000 रुपये पूरे खर्च करके शेयर को रख लिया.
अब आपको अपने शेयर पर stop loss और target लगाना है. Stop loss अपने खरीदे हुए शेयर की कीमत से जितना ज्यादा कम हो सके उतना कम लगाए.
ताकि अगर शेयर की कीमत ज्यादा कम होकर बढ़े तो आपको नुकसान न हो.
Stop Loss क्या है और कैसे लगाए यह जानने के लिए नीचे दी गई पोस्ट पढ़े.
और अब आप अपने analysis के अनुसार sell का टारगेट लगाए. मान लेते है कि आपके शेयर की कीमत 7 दिन के अंदर 40 रुपये बढ़ेगी. तो आपका sell target होगा. 163 रुपये प्रति शेयर.
अब जैसे ही आपके शेयर की कीमत टारगेट तक पहुचेगी आपके शेयर अपने आप बिक जाएंगे और मुनाफा आपके खाते में होगा.
Swing Trading से ज्यादा मुनाफा कमाने की Strategy और Swing Trading कैसे करे जानने के लिए नीचे दी गई पोस्ट पढ़े.
आपको हमारी स्विंग ट्रेडिंग क्या है पोस्ट अगर अच्छी लगी तो हमारी पोस्ट अपने दोस्तों और परिवार के लोगो के साथ शेयर करे ताकि हमे और भी पोस्ट लिखने के लिए प्रोत्साहन मिले.
अगर आपके मन मे Swing Trading Kya Hai से जुड़े सवाल है तो आप ” सवाल पूछे” बटन को दवा कर पूछ सकते है.
कम समय में चाहते हैं मोटा मुनाफा, तो आप ट्रेडिंग ऑप्शन पर लगा सकते हैं दांव
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है? स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव है.
शेयर मार्केट के संबंध में अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. हालांकि, दोनों माध्यमों में निवेशकों का मकस . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 11, 2022, 14:52 IST
नई दिल्ली . शेयर मार्केट संबंधित चर्चा होते ही अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. कई लोग ट्रेडिंग और निवेश में फर्क नहीं कर पाते हैं. तो आपको बता दें कि ट्रेडिंग और निवेश के बीच सबसे अहम अंतर समय अवधि का है. निवेश की तुलना में ट्रेडिंग में समय अवधि काफी कम होती है. ट्रेडिंग कई प्रकार की होतीं हैं और ट्रेडर्स स्टॉक में अपनी पॉजिशन बहुत कम समय तक रखते हैं, जबकि निवेश वे लोग करते हैं, जो स्टॉक को वर्षों तक अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं. अगर आप कम समय में मोटा मुनाफा चाहते हैं, तो ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है.
सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं. फाइनेंसियल मार्केट की स्थिति और जोखिम के आधार पर ट्रेडिंग की विभिन्न स्ट्रेटेजी हैं. ट्रेडर्स अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से इनका चयन करते हैं. साथ ही विभिन्न प्रकार की ट्रेडिंग से जुड़े रिस्क और लागत को भी ध्यान में रखते हैं. आइए, यहां हम उन लोकप्रिय ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी की चर्चा करते हैं, जो अधिकतर ट्रेडर अपनाते हैं.
ये भी पढ़ें- LIC के शेयर में गिरावट से सरकार चिंतित, DIPAM सचिव बोले- अस्थायी है गिरावट
इंट्राडे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में महज 1 दिन के कारोबार में भी मोटा प्रॉफिट कमाया जा सकता है. दरअसल, बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading) कहते हैं. इस स्ट्रेटेजी के तहत शेयर खरीदा तो जाता है, लेकिन उसका मकसद निवेश नहीं, बल्कि 1 दिन में ही उसमें होने वाली बढ़त से प्रॉफिट कमाना होता है. इसमें चंद मिनटों से ले कर कुछ घंटे तक में ट्रेडिंग हो जाती है. हालांकि, यह जरूरी नहीं कि इंट्रोडे ट्रेडर्स को हमेशा प्रॉफिट ही होता हो. ट्रेडर्स अपना ट्रेड शेयर मार्केट बंद होने से पहले बंद करते हैं और प्रॉफिट या लॉस उठाते हैं. इसमें तेजी से निर्णय लेना होता है.
पॉजिशनल ट्रेडिंग
पॉजिशनल ट्रेडिंग (Positional trading) स्टॉक मार्केट की एक ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है, जिसमें स्टॉक को लंबे समय तक होल्ड किया जाता है. इस स्ट्रेटेजी के तहत ट्रेडर्स किसी स्टॉक को कुछ महीने से लेकर कुछ साल तक के लिए खरीदते हैं. उसके बाद उस स्टॉक को बेच कर प्रॉफिट या लॉस लेते हैं. उनका मानना होता है कि इतनी अवधि में शेयर के दाम में अच्छी बढ़ोतरी होगी. निवेशक आमतौर पर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल ग्राउंड को ध्यान में रखकर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल को ध्यान में रखकर यह स्ट्रेटेजी अपनाते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading) में टाइम पीरियड इंट्राडे से अधिक होता है. कोई स्विंग ट्रेडर अपनी पॉजिशन 1 दिन से अधिक से लेकर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. बड़े टाइम फ्रेम क्या आपके लिए स्विंग ट्रेडिंग सही है? में वोलैटिलिटी कम होने के साथ प्रॉफिट बनाने की संभावना काफी अधिक होती है. यही कारण है कि अधिकतर लोग इंट्राडे की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.
टेक्निकल ट्रेडिंग
टेक्निकल ट्रेडिंग (technical trading) में निवेशक मार्केट में मूल्य परिवर्तन की भविष्यवाणी करने के लिए अपने टेक्निकल एनालिसिस ज्ञान का उपयोग करते हैं. हालांकि, इस ट्रेडिंग के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है. इसमें पॉजिशन 1 दिन से लेकर कई महीने तक रखा जा सकता है. शेयर मार्केट में कीमतों में उतार-चढ़ाव को निर्धारित करने के लिए अधिकतर ट्रेडर्स अपने टेक्निकल एनालिसिस स्किल का उपयोग करते हैं. टेक्निकल एनालिसिस के तहत देखा जाता है कि किसी खास समय अवधि में किसी शेयर की कीमत में कितना उतार-चढ़ाव आया. इस अवधि में इसकी ट्रेड की गई संख्या में क्या कभी कोई बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|