वायदा बाजार

वायदा कारोबार के नफा-नुकसान
वायदा कारोबार का भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रवेश एक बिलकुल नए तरह का आर्थिक उपक्रम है जिसने कृषि जिंसों के मूल्यों पर गहरा असर डाला और किसानों को बेहाल करने में अनोखी भूमिका निभाई है. भारतीय किसान वायदा कारोबार से होने वाले लाभ से वंचित रहा और सारा फायदा सटोरिए ले गए.
वायदा कारोबार का सबसे बुरा प्रभाव कीमतों के तेजी से उतार-चढ़ाव में देखने को मिला. अब कृषिगत उपज की कीमतें बाजार के आधार पर तय होने लगीं और बिचौलिए इसका गलत फायदा उठा रहे हैं. अतः आवश्यकता है एक सही और संतुलित दृष्टिकोण की ताकि कृषिगत उपजों के मूल्य अनावश्यक रूप से ऊंचाई पर ना पहुंचें और देश की खाद्य सुरक्षा ना प्रभावित हो.
क्या है वायदा कारोबार
किसी आगामी तारीख के लिए किया जाने वाला कारोबारी सौदा, जिसमें शेष भुगतान और डिलीवरी उसी आगामी तारीख को ही होती है वायदा कारोबार के नाम से जाना जाता है. उत्पादक भविष्य में कीमतों की गिरावट की संभावना को देखते हुए वायदा कारोबार को सुरक्षा कवच के रूप में अपनाते हैं. दूसरी ओर खरीदार सौदे की तारीख तक कीमतों के बढ़ने से मिलने वाले मुनाफे को ध्यान में रखता है. इस प्रकार वायदा कारोबार उत्पादक और निवेशक दोनों की ही जरूरत पूरी करता है, लेकिन 2003 में कृषि उपजों के वायदा कारोबार को अनुमति मिलने से जिस ढंग से महंगाई की रफ्तार में तेजी आई है उससे वायदा कारोबार को संदेह की नजर से देखा जाने लगा है. इसे देखते हुए प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी. समिति ने प्रधानमंत्री को सौंपी अपनी रिपोर्ट में वायदा कारोबार और महंगाई के बीच सकारात्मीक संबंध पाया है. समिति ने महंगाई रोकने के लिए जो 20 सिफारिशें की हैं उनमें सबसे प्रमुख है कुछ समय के लिए सभी आवश्यक खाद्य वस्तुओं के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगाना.
वायदा कारोबार की प्रकृति
वास्तव में वायदा कारोबार की प्रकृति आम किसान के हितों से कहीं मेल नहीं खाती. इसमें मसालों को छोड़कर अधिकांश सौदों की एक इकाई का आकार दस टन निर्धारित किया गया. देश के 84 फीसदी किसान दो एकड़ से कम जमीन वाले हैं, जिनका कुल उत्पादन मुश्किल से एक टन होता है. फिर बड़े किसानों में भी गिने-चुने लोग हैं जो दस टन के सौदे करते हैं. ये सौदे ज्यादातर ऑनलाइन होते हैं और 95 फीसदी सौदे मुंबई स्थित दो बड़े कमोडिटी एक्सचेंजों में लिखे जाते हैं. सारा कामकाज अंग्रेजी में होता है.
विशेषज्ञों के मुताबिक पांच लाख लोगों के अलावा बाकी देश इन सौदों को हाथ नहीं लगाता. इसके बावजूद 2010-11 में एक लाख करोड़ से अधिक के सौदे हुए. इसमें वस्तुओं की उपलब्धता की तुलना में 20 से 300 गुना तक सौदे किए जाते हैं. वायदा कारोबार मुख्य रूप से अनुमान का खेल है और व्यापार में कोई भी घाटे का अनुमान नहीं लगाता. भारत समेत पूरी दुनिया में खाद्य पदार्थो में सट्टेबाजी ने तहलका मचाया हुआ है. संयुक्त वायदा बाजार राष्ट्र के भोजन के अधिकार संबंधी रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतराष्ट्रीय अनाज बाजार में दामों में करीब 30 फीसदी वृद्धि सट्टे के कारण हुई हैं. जब वैश्विक स्तर पर ऐसा हो रहा है तो यह कैसे वायदा बाजार संभव है कि भारत में वायदा बाजार महंगाई को हवा न दे.
सटोरियों का मजा
अंतरराष्ट्रीय खाद्य एवं कृषि संगठन ने भी स्वीकार किया है कि वायदा बाजार में सट्टेबाज कमोडिटी के दाम बढ़ाते जा रहे हैं. भारत में भी यही स्थिति है. यहां बड़े-बड़े सटोरिए बिना मेहनत के रोज लाखों-करोड़ों का वारा-न्यारा कर रहे हैं. इन्हीं के वायदा बाजार कारण कीमतें एकाएक बढ़ जाती हैं. कृषि से संबंधित संसद की स्थाई समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा कि देश में कृषि उत्पादकों की कीमतों में कृत्रिम बढ़ोतरी के लिए वायदा कारोबार जिम्मेदार है. रिपोर्ट में कृषि जिंसों में वायदा सौदों को हतोत्साहित करने की सिफारिश की गई है.
दूसरी ओर कृषि जिंस और वायदा कारोबार विषय पर गठित अभिजीत सेन समिति का कहना है कि कृषि जिंसों के वायदा कारोबार से महंगाई का कोई संबंध नहीं है. उदाहरण के लिए चीनी के वायदा पर मई 2009 में रोक लगाई गई थी इसके बावजूद चीनी की कीमतें पचास रुपये प्रति किलो तक पहुंच गईं. भारत में समस्याएं इसलिए पैदा हुई हैं कि जिस तेजी से वायदा कारोबार का विकास हुआ उस तेजी से न तो जोखिम प्रबंधन किया गया और न ही नियामक ढांचे का विकास. वायदा बाजार में सट्टेबाज और निवेशक महत्वपूर्ण जरूर होते हैं, लेकिन सिर्फ उन्हें ही ध्यान में रखकर सौदे नहीं होने चाहिए.
वायदा बाजार क्या है
वायदा बाजार 2 तरह से होता है - फ्यूचर और ऑप्शन। डेरिवेटिव क्या है. वायदा बाजार में डेरिवेटिव्स में कारोबार होता है। डेरिवेटिव्स में स्टॉक्स, इंडेक्स, मेटल, गोल्ड, क्रूड, करेंसी वायदा बाजार शामिल है। वायदा कारोबार में ट्रेडिंग के लिए कोई एक डेरिवेटिव होना जरूरी है। फ्यूचर क्या है. कम पैसे में बाजार में ट्रेडिंग फ्यूचर के जरिए मुमकिन है। मार्जिन मनी जमा करने पर ही ट्रेडिंग की जा सकती है। मार्जिन एक्सचेंज तय करता है। फ्यूचर ट्रेडिंग महीने भर के लिए होती है।
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अब पैसा बचने के लिए क्या कर सकते है
वायदा बाजार (vayada bajara) - Meaning in English
भूमिका वायदा बाजार अब बाड़ लगाने (हेजिगं) के माध्यम से भविष्य के मूल्य में उतार-चढ़ाव से किसानों की रक्षा करने के लिए एक आशाजनक मंच के रूप में उभर रहा है। यह मूल्य की खोज के लिए भी एक प्रभावी साधन है। यह मुद्दा छोटे और सीमांत किसानों को विपणन प्रणाली में भाग लेने के लिए सक्षम करने का है। इसलिए विस्तार कार्यकर्ताओं को इस बाजार में भाग लेने में सक्षम करने के लिए जमीनी स्तर पर किसानों को एकत्र करने की जरूरत है।
In finance, a forward contract or simply a forward is a non-standardized contract between two parties to buy or sell an asset at a specified future time at a price agreed on at the time of conclusion of the contract, making it a type of derivative instrument. The party agreeing to buy the underlying asset in the future assumes a long position, and the party agreeing to sell the asset in the future assumes a short position. The price agreed upon is called the delivery price, which is equal to the वायदा बाजार forward price at the time the contract is entered into.
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Information about वायदा बाजार in English
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वायदा बाजार में चांदी 247 रुपये फिसली
नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) कमजोर हाजिर मांग के कारण कारोबारियों के अपने सौदे घटाये जाने से वायदा कारोबार में शुक्रवार को चांदी की कीमत 247 रुपये फिसलकर 57,780 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में चांदी का दिसंबर डिलिवरी का भाव 247 रुपये यानी 0.43 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,780 रुपये प्रति किलोग्राम रही। इसमें 15,871 लॉट का कारोबार हुआ। वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में चांदी 0.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19.53 डॉलर प्रति औंस के भाव पर रही।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में चांदी का दिसंबर डिलिवरी का भाव 247 रुपये यानी 0.43 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,780 रुपये प्रति किलोग्राम रही। इसमें 15,वायदा बाजार 871 लॉट का कारोबार हुआ।
वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में चांदी 0.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19.53 डॉलर प्रति औंस के भाव पर रही।
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वायदा बाजार
विदेशी वायदा बाजार अपडेट क्या घटा क्या बढ़ा ताजा रिपोर्ट
US वायदा बाजार व्यापार सुबह अपडेट
सोयाबीन वायदा
जनवरी भाव ¢1419 मंदी 9.2
मार्च भाव ¢1423.4 मंदी 9.6
मई भाव ¢1429 मंदी 10.6
सोया तेल वायदा
दिसंबर भाव ¢72.37 मंदी 0.37
जनवरी भाव ¢70.17 मंदी 0.44
मार्च भाव ¢68.36 मंदी 0.57
सोया मील वायदा
दिसंबर भाव $409.6 मंदी 0.8
जनवरी भाव $405.2 मंदी 0.9
मार्च भाव $400.6 मंदी 1.1
मक्का वायदा
दिसंबर भाव ¢664.6 मंदी 3
मार्च भाव ¢667 मंदी 3
मई भाव ¢665 मंदी 3
गेहूँ वायदा
दिसंबर भाव ¢802.4 मंदी 0.6
मार्च भाव ¢821.2 मंदी 0.6
मई भाव ¢832.2 तेजी 0.6
कॉटन वायदा
दिसंबर भाव ¢84.07 मंदी 1.08
मार्च भाव ¢82.3 मंदी 1.46
मई भाव ¢81.75 मंदी 1.3
चीन वायदा बाजार व्यापार अपडेट
सोयाबीन वायदा
मार्च भाव ¥5506 मंदी 66
मई भाव ¥5499 मंदी 65
जुलाई भाव ¥5482 मंदी 50
सितंबर भाव ¥5463 मंदी 50
सोया तेल वायदा
जनवरी भाव ¥9032 मंदी 158
मार्च भाव ¥8724 मंदी 126
मई भाव ¥8496 मंदी 88
जुलाई भाव ¥8428 मंदी 80
सोया मील वायदा
दिसंबर भाव ¥4509 मंदी 14
जनवरी भाव ¥4137 तेजी 15
मार्च भाव ¥3958 तेजी 8
मई भाव ¥3655 तेजी 14
पाम तेल वायदा
जनवरी भाव ¥7742 मंदी 154
फरवरी भाव ¥7874 मंदी 144
मार्च भाव ¥7912 मंदी 158
अप्रैल भाव ¥7872 मंदी 158
कॉटन वायदा
जनवरी भाव ¥13155 मंदी 375
मार्च भाव ¥13020 मंदी 325
मई भाव ¥12945 मंदी 340
जुलाई भाव ¥12975 मंदी 330
मुद्रा एक्सचेंज
¥1 = INR 11.44
$1 = INR 81.73
वजन
1 MT = 36.74 बुशेल सोयाबीन
1 MT = 36.74 बुशेल गेहू
1 MT = 39.36 बुशेल मक्का
1 पौंड = 0.453 Kg
बुर्सा मलेशिया CPO 08:22 AM अपडेट (रिंगिट/MT)
दिसंबर: 3766 (-25)
जनवरी: 3777 (-51)
फ़रवरी: 3797 (-53)
नोट: 1 MYR (रिंगित) = INR 17.9
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