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ट्रेडिंग एफएक्यू

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उपभोक्ता सहायता पोर्टल (संस्करण 2.3)

Secondary account #2 - Cuenta secundaria #2

इस सिस्टम को अपने खाते ट्रेडिंग एफएक्यू में एक महीने के सदस्यता शुल्क के साथ कॉपी करने के लिए ट्रेडर को आमंत्रण भेजें ताकि यह उपलब्ध हो जाए www.signalstart.com. एक बार सिस्टम उपलब्ध हो जाए, हम आपको ईमेल द्वारा सूचित करेंगे.

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जैसे कि, एक आंकड़ा 'का इस महीने $100.00 (-$52.00)' का मतलब है कि खाते को लाभ हुआ है $100 का, जो $52 कम है पिछले महीने से.'> लाभ (अंतर) लाभ (अंतर) पीप्स (अंतर) जीत प्रतिशत(अंतर) ट्रेडों (अंतर) बहुत सारे (अंतर)
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  • बढ़ोतरी
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  • लंबे बनाम छोटे
  • लंबे लाभ बनाम छोटे लाभ
  • विजेताओं के लाभ बनाम हारनेवालों के नुकसान
  • MAE Vs. ट्रेड के परिणाम
  • MFE Vs. ट्रेड के परिणाम
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दूसरे सिस्टमों द्वारा marcegutierrezjm

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नाम लाभ गिरावट पीप्स ट्रैडिंग लीवरेज प्रकार
Principal account #1 - Cuenta principal #1 363.02% 1.55% 24,031.0 स्वचालित 1:30 असली
Tertiary account #3 - Cuenta terciaria #3 -7.72% 7.72% -3,117.7 - 1:33 प्रदर्शन

Account USV

उच्च जोखिम चेतावनी: फॉरन एक्सचेंज ट्रेडिंग में उच्च स्तर का खतरा होता है जो हर निवेशकों के लिए सही नहीं हो सकता. लीवरेज अधिकतम खातर और हानि के अनावरण को उत्पन्न करता है. इससे पहले कि आप निर्णय लें फॉरन एक्सचेंज में ट्रेड करने का, ध्यान अपने निवेश के उद्देश्यों, अनुभव स्तर, और खतरा उठाने की सहिष्णुता पर विचार करें. आप कुछ या अपनी प्रारंभिक निवेश को खो सकते हैं. बिल्कुल भी उस पैसे को निवेश ना करें जो आप खोने को बर्दाश्त नहीं कर सकते. अपने आप को शिक्षित करें उन खतरों से जो फॉरन एक्सचेंज ट्रेडिंग से संबंधित हैं, और सलाह लें किसी स्वतंत्र आर्थिक या कर सलाहकार से अगर आपके पास कोई भी प्रश्न हैं तो. कोई भी डाटा या जानकारों जो दी जाती है वे केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है, और यब ट्रेडिंग आशय या सलाह पर नियत नहीं है. पिछले निष्पादन भविष्य के परिणामों के लिए परियाचक नहीं हैं.

नॉन एफएक्यू धान की खरीदी होने लगी कृषि उपज मंडियों में

Non-FAQ paddy started being procured in agricultural produce markets

दमोह. समर्थन मूल्य धान खरीदी केेंद्रों पर जिन किसानों धान एफएक्यू श्रेणी की नहीं है वह वापस भेजी जा रही है, ऐसे किसानों के लिए अच्छी दर पर जिले की मंडियों में ही खरीदी की विशेष व्यवस्था कराई गई है। शुक्रवार को दमोह कृषि उपज मंडी में एक किसान की धान खरीदी गई है।
दमोह कृषि उपज मंडी में ग्राम भूरी से आए किसान देवी रजक ट्रेडिंग एफएक्यू की धान को व्यापारियों द्वारा बोली लगाकर खरीदी गई है। किसान देवी रजक द्वारा 130 बोरी धान लेकर आया था। जिसकी धान 13७० रुपए से 1400 रुपए के बीच व्यापारियों द्वारा खरीदी गई है। किसान देवी रजक ने बताया कि उसे पता चला कि मंडी व्यपारियों द्वारा धान खरीदी जा रही है, तो वह यहां आया और मंडी के सचिव द्वारा बताया कि व्यापारी द्वारा यहां खरीद की जा रही है। जिससे धान लेकर पहुंचा था, धान के हिसाब से उसे अच्छे रेट व तत्काल भुगतान की व्यवस्था हो गई है।
मंडी सचिव महेंद्र कुमार ने धान खरीदी के संबंध में बताया कि शुक्रवार से धान खरीदी शुरू हो गई है। करीब 100 क्विंटल धान की खरीदी हुई है। जिसमें पहली खरीदी के भाव 1370 से 1400 रुपए क्विंटल रहे हैं। दमोह मंडी में पारस राइस मिल, आज्ञा ट्रेडिग कंपनी, मनोज ट्रेडिंग कंपनी, जय श्रीविद्यासागर राइस मिल और किसान राइस मिल के व्यापारी धान खरीदी के लिए मौजूद रहे। इन सभी का कहना है कि वे धान खरीदी के लिए तत्पर हैं, साथ ही यह भी कहते है कि यहां-वहां व्यापारी धान खरीदी कर रहे हैं, वह बंद होना चाहिए और अपेक्षा व्यक्त की है, उनके विरुद्ध कार्रवाई प्रशासन द्वारा की जाए। इसके साथ जबेरा व तेंदूखेड़ा कृषि उपज मंडी में धान खरीदी की व्यवस्था है।
समिति प्रबंधक होंगे जिम्मेदार
कलेक्टर तरुण राठी ने धान खरीदी की समीक्षा करते हुए कहा कि गुणवत्तायुक्त धान की खरीदी जाए, किसी भी कीमत पर नॉन एफएक्यू धान की खरीदी न हो। उन्होंने कहा इस कार्य में लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। यदि कहीं लापरवाही पाई जाएगी तो संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा। कलेक्टर ग्राम पटेरिया खरीदी केंद्र में खरीदी गई, पूरी धान की जांच कराने के निर्देश दिए। तेंदूखेड़ा क्रमांक एक समिति को नोटिस जारी करने कहा है। यहां पर नॉन एफएक्यू धान खरीदी गई है।

चेकबुक और एटीएम निकासी पर नहीं लगेगा जीएसटी लेकिन इस कार्ड पर देना होगा

बैंकों की एटीएम निकासी और चेकबुक जैसी ग्राहकों के लिए नि:शुल्क सेवाओं को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे से बाहर रखा गया है.

Published: June 3, 2018 9:19 PM IST

चेकबुक और एटीएम निकासी पर नहीं लगेगा जीएसटी लेकिन इस कार्ड पर देना होगा

नई दिल्ली: बैंकों की एटीएम निकासी और चेकबुक जैसी ग्राहकों के लिए नि:शुल्क सेवाओं को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे से बाहर रखा गया है. हालांकि क्रेडिट कार्ड बिल के बकाया भुगतान पर लगा विलंब शुल्क और अनिवासी भारतीयों द्वारा बीमा की खरीद पर जीएसटी लगेगा. राजस्व विभाग ने बैंकिंग, बीमा और शेयर ब्रोकर सेवाओं पर जीएसटी लागू होने के संबंध में ‘ बार-बार उठने वाले प्रश्नों का निवारण (एफएक्यू)’ जारी कर इस संबंध में स्पष्टीकरण दिया है. विभाग ने कहा कि प्रतिभूतिकरण, डेरिवेटिव्स और वायदा सौदों से जुड़े लेन-देन को भी जीएसटी दायरे से बाहर रखा गया है. वित्तीय सेवा विभाग ने पिछले महीने इस संबंध में राजस्व विभाग से संपर्क किया था. पीडब्ल्यूसी में पार्टनर एवं ट्रेडिंग एफएक्यू लीडर (अप्रत्यक्ष कर) प्रतीक जैन ने कहा कि एफएक्यू काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि जीएसटी के दृष्टिकोण से वित्तीय सेवाओं ट्रेडिंग एफएक्यू को सबसे जटिल माना जाता है.

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यहां भी नहीं देनी होगी जीएसटी
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के यात्रियों को देश के हवाईअड्डों की ‘ शुल्क मुक्त ’ दुकानों से सामान खरीदारने पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) नहीं देना होगा और राजस्व विभाग जल्दी ही इस छूट के बारे में स्पष्टीकरण जारी करेगा. एक अधिकारी ने यह बात कही. इससे पहले अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (एएआर) की नई दिल्ली पीठ ने मार्च में दी गयी एक व्यवस्था में कहा था हवाईअड्डों पर ‘ शुल्क मुक्त ’ दुकानों से वस्तुओं की बिक्री पर जीएसटी लगेगा.

लेनी होगी पासपोर्ट की प्रति
एएआर के निर्णय के बाद राजस्व विभाग को कई पक्षों की तरफ से पत्र मिले जिसमें स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया गया था. अधिकारी ने कहा कि राजस्व विभाग का रुख हमेशा साफ रहा है कि हम अपने करों का निर्यात नहीं कर सकते. हम स्पष्टीकरण जारी करेंगे जिसमें साफ होगा कि शुल्क मुक्त दुकानें जीएसटी नहीं लगाएंगी. राजस्व विभाग स्पष्ट करेगा कि शुल्क मुक्त दुकानों को उन यात्रियों से केवल पासपोर्ट की प्रति लेनी होगी जिन्हें वे सामान बेचती हैं और बाद में ये दुकाने अपने माल की खरीद पर चुकाए गए जीएसटी के रिफंड का दावा सरकार से कर सकेंगी.

इसे ही माना जाएगा सबूत
पासपोर्ट की ट्रेडिंग एफएक्यू प्रति को वस्तुओं की बिक्री का सबूत माना जाएगा. विशेषज्ञों के अनुसार एडवांस रूलिंग प्राधिकरण (एएआर) के आदेश से भ्रम की स्थिति पैदा हुई है. उन्हें जीएसटी व्यवस्था लागू होने से पहले केंद्रीय बिक्री कर और मूल्य वर्द्धित कर (वैट) से छूट प्राप्त थी. पूर्व अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में इन दुकानों से उत्पादों की बिक्री को निर्यात माना जाता था.

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  • यदि आप वेबसाइट पर पहली बार शॉपिंग कर रहें है तो हमेशा कैश ऑन डिलीवरी भुगतान विकल्प का चयन करें।
  • सदैव वेबसाईट के लैंडलाईन फोन और डाकपता की जांच करे।
विक्रेता वारंटी और विनिर्माता वारंटी क्या है?

जब कभी आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो उत्पाद पर सामान्यतः विक्रेता की वारंटी अथवा विनिर्माता की वारंटी होती है। इसका तात्पर्य ट्रेडिंग एफएक्यू है कि या तो ऑनलाइन कंपनी जो बेच रही है इसकी सेवाओं की जिम्मेदारी लेगी अथवा निर्माता जिसने उत्पाद बनाया है।

क्या ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए धन वापिसी अथवा वस्तु वापसी की नीति अनिवार्य है?

यह वांछनीय है कि सभी ई-कॉमर्स कंपनियों में धन वापिसी अथवा वस्तु लौटाने की नीति होनी चाहिए, किंतु ऐसा कोई कानून नहीं है जो इसे लागू करे। तथापि, यदि कोई कमी हो तो उपभोक्ता को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित किया जाता और उसके लिए प्रतितोष प्राप्त कर सकते हैं।

क्या उत्पाद को पहुंचाने की कोई समय-सीमा होती है?

आर्डर को पहुंचाने का समय भिन्न और कंपनी के पास उपलब्धता के आधार पर होता है और इसे सामान्यतः कंपनी द्वारा बिक्री के समय वेबसाइट पर घोषित किया जाता है।

क्या कोई व्यक्ति उत्पाद देरी से पहुंचने पर मुआवजे की मांग कर सकता है ?

यदि किसी को उत्पाद के देरी से पहुंचने के कारण तात्कालिक अथवा वास्तविक घाटा होता है तो वह उपभोक्ता मंच में मामला दर्ज करके उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत मुआवजा प्राप्त कर सकता है, क्योंकि भारत में कोई विनियामक निकाय नहीं है जो ई-कॉमर्स संबंधी उपभोक्ता शिकायतों का निपटान कर सके।

क्या ऑनलाइन और ऑफलाइन उत्पादों पर एम.आर.पी. एक समान होना चाहिए ?

जी हां, ऑनलाइन उत्पाद खरीदते समय सदैव एम.आर.पी. की जांच करनी चाहिए तथा ऑफलाइन कीमतों से तुलना करनी चाहिए।

फिशिंग क्या है ?

ऑनलाइन बैंकिंग, ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग और ई-कॉमर्स के प्रयोग में अत्यधिक वृद्धि होने के साथ वित्तीय ट्रेडिंग एफएक्यू धोखाधड़ी करने के लिए फिशिंग की घटनाओं में तदनुरूपी वृद्धि हुई है। फिशिंग में कपटपूर्ण संवेदनशील सूचना (उदाहरण के लिए खाते के ब्यौरे, पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड ब्यौरे शामिल होते हैं) विश्वास प्राप्त संस्था द्वारा छिपा दिए जाते हैं।

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