पाठ्यचर्या

क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं

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निवेश करना सीखें

अपनी मेहनत की कमाई को सही जगह क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं निवेश करने के लिये सोच-समझकर योजना बनाने की आवश्‍यकता है। निवेश के संदर्भ में लिया गया गलत निर्णय आपकी पूंजी का सफाया कर सकता है। अत:, निवेशक को निवेश करने से पूर्व निवेश के विभिन्‍न विकल्‍पों का गहनता से विश्‍लेषण करना चाहिये। निवेश का एक लोकप्रिय विकल्‍प शेयर बाजार भी है। शेयर बाजार में लाभ कमाने की अपरिमित क्षमता है, इसलिये बहुत से लोग अपनी पूंजी का निवेश यहां करते हैं। इस आलेख में, हम शेयर बाजार में निवेश करने के विभिन्‍न पहलुओं पर गौर करेंगे।

जब आप कोई शेयर (स्‍टॉक) खरीदते हैं, तो आप कंपनी के एक अंश का स्‍वामित्‍व हासिल कर लेते हैं। इसके बदले में, कंपनी जब मुनाफा कमाती है तो लाभांश के रुप में आपको लाभ देती है। लाभांश की राशि इस बात पर निर्भर करती है कि आपके पास कितने शेयर हैं। इसके अतिरिक्‍त, दीर्घ अवधि में शेयर के मूल्‍य में होने वाली वृद्धि से आपकी पूंजी में भी अभिवृद्धि होगी। अतएव, शेयर खरीदने से लाभांश के रुप में नियमित आय प्राप्‍त होगी और दीर्घ अवधि में शेयर के मूल्‍य में होने वाली वृद्धि से संपत्ति में भी अभिवृद्धि होगी।

शेयर बाजार में निवेश की कुछ युक्तियां

दीर्घ अवधि के लिये लक्ष्‍य निर्धारित करें

शेयर बाजारमें निवेश करने से पूर्व आपके वित्तिय लक्ष्‍य स्‍पष्‍ट होने चाहिये। शेयर बाजार में दीर्घ अवधि के लिये ही निवेश करके संपत्ति अर्जित की जा सकती है। आपको इस समझ के साथ निवेश करना होगा कि निवेश पर आपको कितना प्रतिफल चाहिये और आप दीर्घ अवधि के लिये कितनी पूंजी निवेशित करने के लिये तैयार हैं।

अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें

शेयर बाजार में निवेश करते वक्‍त, नये निवेशकों के लिये अपनी भावनाओं को नियंत्रित रख पाना बहुत मुश्किल होता है। जब शेयर बाजार में निवेश की बात आती है, यह सबसे बड़ी बाधा होती है। भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाने की वजह से निर्णय में गलती हो जाती है और परिणामस्‍वरुप भारी नुकसान हो जाता है। शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव का माहौल होता है जिसकी वजह से आरंभिक निवेशकों में तनाव और असुरक्षा की भावना व्याप्‍त होती है। इस परिदृश्‍य में,आरंभिक निवेशकों को यह सलाह दी जाती है कि वे भावनाओं के भंवर जाल में न उलझें और जल्‍दबाजी में निर्णय लेने से बचें।

Cryptocurrency : क्रिप्टो में निवेश करें या स्टॉक, बॉन्ड, गोल्ड जैसे विकल्प ही बेहतर होंगे?

Cryptocurrency : क्रिप्टो में निवेश करें या स्टॉक, बॉन्ड, गोल्ड जैसे विकल्प ही बेहतर होंगे?

Cryptocurrency और निवेश के ट्रेडिशनल टूल्स में हैं कई फर्क और नफे-नुकसान. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

भारत में जब निवेश की बात आती है तो निवेशक ऐसे विकल्प चुनना चाहते हैं, जहां उन्हें एक निश्चित अवधि में कम रिस्क के साथ ज्यादा रिटर्न मिल जाए. स्टॉक, बॉन्ड, गोल्ड जैसे कई पारंपरिक विकल्प मौजूद हैं, लेकिन अब क्रिप्टोकरेंसी भारत (Cryptocurrency in India) में भी निवेशकों को अपनी ओर खींच रही है. भविष्य में क्रिप्टोकरेंसी की अहमियत को बढ़ता देखकर यहां इसकी स्टोर वैल्यू के लिए निवेश बढ़ रहा है. रिजर्व बैंक (RBI) ने 2018 में डिजिटल करेंसी फ्रॉड के डर से सभी बैंकों पर क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन करने पर बैन लगा दिया था. हालांकि, 2020 के मार्च महीने में सुप्रीम कोर्ट ने इस बैन को निरस्त कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट के इस रुख के बाद से भारत में क्रिप्टोकरेंसी का बड़ा बाजार तैयार किया है. लेकिन हम एक बार नजर डालते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी, पहले से मौजूद ट्रेडिशनल ऑप्शन्स से कितनी अलग है.

क्रिप्टोकरेंसी vs स्टॉक

क्रिप्टोकरेंसी और स्टॉक मार्केट में क्या फर्क है, इससे शुरू करते हैं. दोनों ही बाजार में अच्छे-बुरे दिन देखने को मिलते हैं. हालांकि, स्टॉक मार्केट का इतिहास लंबा है, इससे निवेशकों को आगे का रुख तय करने में मदद मिलती है, वो ट्रेंड्स और प्रिडिक्शन के लिए इन आंकड़ों की मदद लेते हैं, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी का बाजार अभी काफी नया है. यहां उतने आंकड़ों का सहारा नहीं होता. स्टॉक मार्केट में कई तरह के रिस्क होते हैं, बिजनेस, क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं फाइनेंशियल, बाजार में वॉलेटिलिटी यानी अस्थिरता, सरकार का नियंत्रण और नियमन वगैरह जैसी चीजें हैं, जो इस बाजार को प्रभावित करती हैं. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी का इकोसिस्टम डिसेंट्रलाइज्ड है, यानी अधिकतर करेंसी को कोई सरकार या कोई समूह या संस्था कंट्रोल नहीं करती है.

बॉन्ड्स भी निवेश का एक माध्यम होते हैं. ये एक तरह से किसी कंपनी या सरकार की ओर से किसी निवेशक से लिए जाने वाले लोन की तरह होते हैं. यानी कि जब कोई निवेशक किसी कंपनी से या सरकार से कोई बॉन्ड खरीदता है तो वो कंपनी या सरकार उसके कर्ज में आ जाती है. जब तक वो कंपनी या सरकार उस निवेशक का लोन नहीं चुकाती है, तब तक उसे इसपर ब्याज मिलता रहता है. बॉन्ड के साथ रिस्क वाली बात यह है कि अगर कंपनी दिवालिया हो जाती है तो एक तो उसे ब्याज मिलना बंद हो जाएगा, दूसरा उसका मूलधन भी डूब जाएगा.

क्रिप्टोकरेंसी vs फॉरेक्स

फॉरेक्स या फॉरेन एक्सचेंज, में निवेशक विदेशी करेंसीज़ में निवेश करते हैं. क्रिप्टोकरेंसी दुनिया भर में कई जगहों पर पेमेंट के तौर पर स्वीकार की जाने वाली करेंसी है और फॉरेक्स में निवेशक भी ग्लोबल बाजार से डील करते हैं. लेकिन जो बड़ा फैक्टर है वो अलग-अलग देशों की आर्थिक स्थिति. निवेशकों को किसी भी फॉरेन करेंसी से अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना तभी होती है, जब उस देश की अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही हो, इसी आधार पर यह देखा जा सकता है कि उन्हें कितना लाभ हो रहा है. ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी के मुकाबले यह माध्यम थोड़ा रिस्की है.

सोना-चांदी खरीदना हमारे देश की पसंद के अलावा एक परंपरा भी रही है. आज के वक्त में लोग इन बहुमूल्य धातुओं में विशेषतौर पर आभूषण वगैरह खरीदने के लिए लिहाज से निवेश करते हैं. ऐसे में इनकी कीमत तय करने में मार्केट सेंटिमेंट यानी बाजार की धारणा सबसे बड़ी भूमिका निभाता है. अगर रिस्क की बात करें तो इनमें जो निगेटिव पॉइंट है वो है- पोर्टेबिलिटी, इंपोर्ट टैक्स और इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना. वहीं, क्रिप्टोकरेंसी के साथ ऐसा कुछ नहीं है. ये डिजिटल करेंसी है, न इसे कहीं से लाना-ले जाना है, न ही आपको इसपर कोई इंपोर्ट टैक्स देना है. इसकी सिक्योरिटी भी डिजिलाइज्ड है, ऐसे में इन कारणों से क्रिप्टो, मेटल्स के मुकाबले ज्यादा आसान निवेश माध्यम है.

क्रिप्टोकरेंसी vs फिक्स्ड डिपॉजिट

फिक्स्ड डिपॉजिट तब सही होते हैं, जब आपको कोई लॉन्ट टर्म इन्वेस्टमेंट करना हो. इसमें आपको रिटर्न के लिए मैच्योरिटी तक इंतजार करना पड़ता है. अगर क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं आप रिटर्न के लिए लंबा इंतजार नहीं करना चाहते या एफडी का विकल्प छोड़ रहे हैं तो आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर सकते हैं. यहां बाजार में तेजी-से उतार-चढ़ाव आता है और आप तेजी से फैसले ले सकते हैं. यहां बाजार के गिरने पर आप अपना पैसा निकाल सकते हैं. लेकिन एक बात जो जाननी चाहिए वो ये कि एफडी को माइन करने या जेनरेट करने के लिए किसी को अलग से कुछ नहीं करना पड़ता. बस एफडी बनवाई और मैच्योरिटी तक भूल गए. लेकिन क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं क्रिप्टोकरेंसी को सर्कुलेशन में लाने के लिए माइनिंग की जाती है. निवेशकों को इनपर अपना वक्त देना होता है क्योंकि बाजार में काफी अनिश्चितता होती है.

निवेश के ट्रेडिशनल टूल्स में लोग सहज महसूस कर सकते हैं क्योंकि इनकी आदत हैं. वहीं क्रिप्टोकरेंसी का बाजार नया है और इसके अपने अलग फायदे और नुकसान हैं, ऐसे में आपको समझदारी से अपना चुनाव करना चाहिए.

शेयर बाजार से आप भी कर सकते हैं मोटी कमाई, अपनाएं एक्‍सपर्ट के ये टिप्‍स

How to earn huge profit from share market or by investing in stocks, Know expert

स्टॉक के जरिए पैसा बनाने के लिए यह कुछ आसान सरल कदम है और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप निवेश शुरू करने से पहले रिसर्च करें। जब आप बाजार में काम करना जानते हैं तो शेयरों में निवेश करने से आपको भारी मुनाफा मिल सकता है।

नई दिल्‍ली, हर्ष जैन। यदि आपके मन में कभी यह सवाल उठता है कि 'क्या शेयरों में निवेश करने से पैसा बनता है?' तो इसका जवाब जोरदार हां है! शेयर बाजार में किए गए निवेश पर मिलने वाला रिटर्न बैंक खातों या बॉन्ड पर मिलने वाले रिटर्न से कहीं अधिक है। लेकिन स्टॉक या शेयर के माध्यम से कैसै पैसा कमाया जाए, इसे समझने की जरूरत है। क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं आपको आश्चर्य हो सकता है कि कई लोग स्टॉक में निवेश करते हुए भी पैसा क्यों नहीं कमा पाते हैं। इसके तीन मुख्य कारण हैं और उसके बाद इस पर विचार करेंगे कि कैसे आप शेयरों से बेहतर रिटर्न कमा सकते हैं।

किसी निवेशक को स्टॉक से पैसा कमाने कौन-सी चीज रोकती है?

क्या आप जानते हैं कि शेयर बाजार ही एक ऐसी जगह है जहां भारी बिक्री होती है और लोग खरीदारी से डरते हैं। तो आइए उन बिंदुओं की जांच करें, जो एक निवेशक क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं को शेयरों से अच्छा पैसा बनाने की राह में बाधा हैं।

'मैं निवेश शुरू करने के लिए स्टॉक के पूरी तरह से सुरक्षित होने तक इंतजार करूंगा।'

अगर आपने खुद से यह कहा है, तो क्या वाकई यह सही बात है? यह बहाना हमेशा निवेशकों के बीच तब आता है जब वे देखते हैं कि शेयरों में गिरावट आई है। यूं कहें कि क्या विकल्प स्टॉक से बेहतर हैं शेयरों में कुछ दिनों से गिरावट आ रही है, या शायद यह लंबी गिरावट रही है। कुछ निवेशकों का कहना है कि वे इसके सुरक्षित होने का इंतजार करेंगे, यानी कीमतों के फिर से बढ़ने का इंतजार करेंगे। इसका मतलब है कि आप अल्पकालिक नुकसान से बचने के साथ-साथ दीर्घकालिक लाभ के मौके को भी गंवा रहे हैं। तो बस इसके बारे में सोचें। कीमतों के बढ़ने की प्रतीक्षा करने का अर्थ यह भी है कि आप अधिक भुगतान करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

स्टॉक से पैसे कैसे कमाएं ?

1.परिभाषित करें कि आप किस प्रकार के ट्रेडर हैं

बाजार में मुख्य रूप से दो तरह के ट्रेडर होते हैं। एक ट्रेडर बुनियादी निवेश का अनुसरण करता है, और दूसरा स्‍पेकुलेटर है। ये दोनों का स्टॉक की कीमत देखने का तरीका अलग-अलग होता है। स्‍पेकुलेटर्स की तुलना में पहले प्रकार के निवेशक आम तौर पर कीमतों को कम महत्व देते हैं।

2. क्या आप भीड़ का अनुसरण करने की योजना बना रहे हैं?

जब स्टॉक की बात आती है तो बहुत से लोग झुंड का अनुसरण करने की गलती करते हैं। वे उन शेयरों को खरीदते हैं, जो हर किसी के द्वारा खरीदे जाते हैं, और ज्यादातर उन शेयरों को खरीदते हैं, जिसे दूसरे लोग अच्छा बताते हैं। लेकिन नहीं, उस तरह से काम नहीं करना चाहिए, इसे अपने तरीके से करें। देखें कि कौन सा स्‍टॉक आपके लिए सबसे उपयुक्‍त है, उसके बाद स्‍टॉक खरीदें। सब जो कर रहे हैं, उसका अनुसरण करने के बजाय खुद की जरूरत के अनुसार स्‍टॉक खरीदने पर विचार करना बेहतर विकल्‍प है। जब आप ऐसा करेंगे तो यह आपके वित्तीय उद्देश्य से मेल खाएगा।

कार्ड से भुगतान में मिलेगा अतिरिक्त छूट

यदि आप इस लैपटॉप को खरीदने के लिए कोटक महिंद्रा क्रेडिट कार्ड या एसबीआई क्रेडिट कार्ड से भुगतान करेंगे तो फिर आपको 1,750 रूपये का अतिरिक्त छूट भी दी जाएगी। इस प्रकार आप इस लैपटॉप को दीवाली सेल में केवल 20040 रुपए में भी खरीद सकते हैं। यदि आप इसको ईएमआई में खरीदना चाहते हैं तो फिर केवल 1,364 रूपये महीने के शुरुआत ईएमआई में भी उपलब्ध हैं। ऐसे में किसी ऑलराउंडर लैपटॉप खरीदने के लिए फ्लिपकार्ट की यह जो डील हैं बेहद ही अच्छी हैं।

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