व्यापारियों को जीएसटी से लाभ

व्यापारियों को जीएसटी से लाभ
- व्यापार बन्धु की बैठक संपन्न, जिलाधिकारी ने दिए आवश्यक निर्देश
देवरिया, 30 जुलाई (हि .स. ) । जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में आज विकास भवन स्थित गांधी सभागार में व्यापार बंधु की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने समस्त व्यापार बंधुओं से जीएसटी पंजीयन विशेष जागरूकता अभियान 2022 के तहत पंजीकरण करा विभिन्न प्रकार के लाभ उठाने का अनुरोध किया। जिलाधिकारी ने बताया कि जीएसटी पंजीयन के साथ ही पंजीकृत व्यापारी को बिना प्रीमियम के दस लाख रुपए की व्यापारी दुर्घटना बीमा का लाभ उपलब्ध हो जाएगा। अंतर राज्यीय माल व सेवा आपूर्ति हेतु जीएसटी पंजीयन की अनिवार्यता है। वित्तीय संस्थानों, बैंकों से लोन प्राप्त करने में सहायता मिलती है। शासकीय, अर्धशासकीय विभागों में सप्लाई वर्क आर्डर के लिए भी जीएसटी पंजीयन आवश्यक है।
जिलाधिकारी ने बताया कि जीएसटी प्रणाली अत्यंत सरल है और इससे जुड़े समस्त कार्य घर बैठे ऑनलाइन किए जा सकते हैं। इसके लिए किसी सरकारी कार्यालय में आने की आवश्यकता नहीं है। शून्य खरीद-बिक्री के संबंधित रिटर्न एसएमएस के माध्यम से भी दाखिल करने की सुविधा है।
उन्होंने बताया कि जीएसटी पंजीयन ऑनलाइन www.gst.gov.in पर किया जा सकता है। इसके लिए पैन नंबर, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, आधार अथवा डिजिटल सिगनेचर, बैंक खाते का प्रमाण, आवास एवं व्यापार स्थल के पते का प्रमाण और एक पहचान पत्र की आवश्यकता हो होती हैं। जिलाधिकारी ने बैठक में व्यापारियों की विभिन्न समस्याओं पर व्यापक विमर्श भी किया। पूर्व विधायक व उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रांतीय उपाध्यक्ष रविंद्र प्रताप मल्ल ने व्यापारियों की प्रमुख समस्याओं को उठाया।
जनपद व्यापार मंडल के अध्यक्ष अखिलेश जायसवाल ने परमार्थी पोखरा तथा न्यू कॉलोनी में यूरिनल सुविधायुक्त शौचालय बनाने की मांग किया । विष्णु अग्रवाल द्वारा कसया ढाले के पास लगने वाले जाम की समस्या उठायी गई, जिस पर जिलाधिकारी ने रेलवे रैक पॉइंट को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए रेलवे से पत्राचार करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त प्रमुख बाजारों में प्रकाश व सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए व्यापार बंधु को आश्वस्त किया।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार, उपायुक्त वाणिज्य कर पंकज लाल, एलडीएम अरुणेश कुमार, व्यापारी नेता पुरषोत्तम मरोदिया, सुबोध जयसवाल, प्रेम कुमार अग्रवाल ,अमित कुमार सिंह संदीप कुमार बरनवाल सहित विभिन्न लोग उपस्थित रहें ।
जीएसटी पंजीयन के साथ मिला इंश्योरेंस बना सहारा
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जीएसटी पंजीयन के साथ मिलने वाला इंश्योरेंस अत्यंत उपयोगी हैं।
मेसर्स तिवारी ब्रदर्स, सुविखर देवरिया के फर्म स्वामी प्रमोद शंकर तिवारी की मृत्यु के उपरांत उनकी पत्नी मंजू देवी को दस लाख रुपए का इंश्योरेंस लाभ मिला। इसी प्रकार मेसर्स प्रताप ट्रेडर्स, गरुण पार, देवरिया के फर्म स्वामी अजीत सिंह की मृत्यु के पश्चात उनके आश्रित विनोद कुमार सिंह को दस लाख रुपए जीएसटी पंजीयन के साथ बिना किसी प्रीमियम के मिलने वाले दुर्घटना बीमा योजना के तहत मिला। इस धनराशि से दिवंगत व्यापारियों के परिजनों को व्यापारियों को जीएसटी से लाभ आर्थिक संबल मिला है।
कपड़ों पर 12% GST के विरोध में व्यापारी, दिल्ली में 1 लाख दुकानें बंद, अलीगढ़, काशी, लुधियाना में भी प्रदर्शन
एक तरफ सरकार और प्रशासन के सामने ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को टालने का दबाव है तो दूसरी तरफ और कोई बड़े मुद्दे खड़े हुए हैं. डॉक्टरों के आंदोलन से पहले ही परेशानी बढ़ी हुई है. वहीं अब दिल्ली में कपड़ा व्यापारी भी सड़कों पर आंदोलन के लिए उतर आये हैं. आज दिल्ली में एक लाख दुकानें बंद रहेंगी.
प्रदर्शन करते व्यापारी
gnttv.com
- नई दिल्ली ,
- 30 दिसंबर 2021,
- (Updated 30 दिसंबर 2021, 8:57 AM IST)
दिल्ली में बंद रहेंगी एक लाख दुकानें
कपड़ों पर GST बढ़ाए जाने का विरोध
एक तरफ सरकार और प्रशासन के सामने ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को टालने का दबाव है तो दूसरी तरफ और कोई बड़े मुद्दे खड़े हुए हैं. डॉक्टरों के आंदोलन से पहले ही परेशानी बढ़ी हुई है. वहीं अब दिल्ली में कपड़ा व्यापारी भी सड़कों पर आंदोलन के लिए उतर आये हैं.
बुधवार को चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के नेतृत्व में कनॉट प्लेस में दिल्ली के बड़े बाज़ारों के कपड़ा, रेडीमेड गारमेंट्स, साड़ी सूट से जुड़े व्यापारी संगठनों ने जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया. दरअसल, जीएसटी काउंसिल द्वारा प्रस्ताव दिया गया है कि 1 जनवरी से कपड़े पर जीएसटी को 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया जाए, अब इसका चारों तरफ व्यापारी विरोध कर रहे हैं.
दिल्ली में बंद रहेंगी एक लाख दुकानें:
प्रदर्शन कर रहे सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि 30 दिसंबर को दिल्ली में कपड़ों पर जीएसटी के विरोध में दिल्ली की 1 लाख दुकानें बंद रहेंगी. जिसमें प्रमुख बाजार चांदनी चौक, गांधी नगर, करोल बाग, ओखला, लाजपत नगर, रोहिणी, पीतमपुरा के बाज़ार शामिल हैं.
चांदनी चौक मार्केटिंग एसोसिएशन के भगवान बंसल ने बताया कि GST बढ़ने से व्यापार का भारी नुकसान होगा. महंगाई बढ़ने के साथ साथ छोटे व्यापारियों की रोजी रोटी छिन जाएगी.
प्रदर्शन करने पहुंची CTI की महिला काउंसिल की अध्यक्ष मालविका साहनी ने कहा कि कपड़े पर GST 12% करने से रेडीमेड महिला व्यापारी को मजबूरन बिजनेस बन्द करना पड़ सकता है. मालविका ने कहा कि विदेश से आने वाले माल की खपत बढ़ जाएगी और देश के कपड़ा बाज़ार को नुकसान होगा.
रेडीमेड कपड़ों की फैक्ट्री चलाने वालीं फाहिमा ने बताया कि मास्क बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला कपड़ा भी महंगा हो जाएगा. फाहिमा ने केंद्र सरकार से GST घटाने की मांग की है.
व्यापारियों की हड़ताल से बिगड़ सकते हैं हालात:
बृजेश गोयल ने कहा कि आजादी के बाद से जीएसटी आने तक कपड़ा टैक्स फ्री था. लेकिन जब जीएसटी लागू किया गया तो कपड़े पर 5% जीएसटी लगा दिया गया था और अब केन्द्र सरकार जले पर नमक छिड़कते हुए इस पर जीएसटी बढ़ाकर 12% करने जा रही है. इससे कपड़े काफी महंगे हो जाएंगे और आम जनता को भी इसका बोझ उठाना पड़ेगा, सरकार ने कफन पर भी टैक्स लगा दिया.
व्यापारियों का कहना है कि अगर 12% जीएसटी लगा दिया गया तो व्यापारी के पास पूंजी नहीं बचेगी और ना केवल हजारों छोटे छोटे कारखाने बंद हो जायेंगे बल्कि टैक्स चोरी भी बढ़ेगी. दिल्ली के व्यापारियों का मानना है कि GST बढ़ने से चीन और बांग्लादेश से प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जाएगा.
व्यापारियों की इस हड़ताल से न सिर्फ बाजार बल्कि आम जनजीवन पर भी काफी प्रभाव पड़ेगा. दिल्ली में मुख्य बाजारों की एक लाख दुकानों के बंद होने से ग्राहकों को परेशानी होगी. साथ ही, व्यापारियों के सड़कों पर प्रदर्शन से राजधानी में हालात और बिगड़ सकते हैं.
ऐसे में देखना यह है कि क्या सरकार व्यापारियों की मांग मानती हैं या फिर कपड़ों पर GST बढ़ेगा? सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि दूसरे शहरों में भी इस फैसले की निंदा हो रही है. अलीगढ़, लुधियाना और काशी के व्यापारियों ने भी अपना रोष प्रकट किया है.
'समाधान है नाम, डाल रहे बिजनेस में व्यवधान
जीएसटी के तहत समाधान योजना का लाभ लेने वाले कई व्यापारी अपनी बिक्री को छिपाकर सरकार ही नहीं उन व्यापारियों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं जिनसे उन्हें सप्लाई मिलती है. समाधान योजना में ज्यादातर छोटे व्यापारी हैं. बड़े व्यापारी उन्हें माल की सप्लाई भेजने हैं. खुदरा व्यापारी पक्की बिल नहीं बनाते. इससे इंड यूजर का पता ही नहीं चलता. इससे थोक कारोबारी को सेल दिखाने में दिक्कत आती है.
प्रयागराज ( ब्यूरो ) । जीएसटी के अंतर्गत समाधान योजना में छोटे और खुदरा व्यापारियों को शामिल किया गया है।
पिछले दिनों विभागीय जांच में सामने आया कि जिन व्यापारियों का सालाना टर्न ओवर 1.5 करोड़ से अधिक है वह भी इस योजना का लाभ ले रहे हैं।
कुछ व्यापारियों की बिक्री तो 4 से 5 करोड़ रुपए तक पहुंच गई थी।
उन सबकी जांच कर वसूली की कार्रवाई की गई थी।
बिल देने के नाम पर अलग से मांगते हैं टैक्स
तमाम ऐसे भी व्यापारी हैं जो माल बेचने के नाम पर कच्चा बिल थमा देते हैं।
जब उनसे सामने वाला व्यापारी पक्का बिल मांगता है तो अलग से 18 फीसदी टैक्स मांगते हैं।
ऐसे में सामने वाला व्यापारी उनसे बिल की मांग नही करता है।
सच्चाई यह है कि किसी भी माल की एमआरपी में पहले से 18 फीसदी जीएसटी टैक्स जोड़ा जाता है।
क्या है समाधान योजना
समाधान योजना के व्यापारियों को तिमाही आधार पर रिटर्न मिलता है।
खरीदे गए माल पर उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलता है
उन्हें अपनी कुल बिक्री पर एक फीसदी जीएसटी जमा करनी होती है।
इसमें प्रमुख एवं कर योग्य दोनों की गणना की जाती है।
व्यापारियों का कहना है कि सरकार को समाधान योजना के अंतर्गत टैक्स की दर एक फीसदी से घटाकर 0.5 फीसदी की जानी चाहिए।
यह भी मांग है कि समाधान योजना के वार्षिक रिटर्न जीएसटीआर 4 दाखिल करने की तिधि 30 अप्रैल होती है उसे 30 जून किया जाना चाहिए।
इस नियम में बदलाव होना जरूरी
जीएसटी को लेकर एक नियम है जो व्यापारियों को बहुत परेशान करता है। अगर कोई व्यापारी समाधान योजना में है तो वह उसे इससे बाहर निकलने या इसमें शामिल होने के लिए मार्च में आवेदन करना होता है। इसके बाद सालभर इस प्रक्रिया को दोहराया नही जा सकता है। ऐसा नही होने से कई बार छोटे व्यापारियों को दिक्कत होती है। पूरा प्रॉसेस ऑनलाइन होने की वजह से इस नियम में सरकार को छूट देनी चाहिए। छोटे व्यापारी के लिए समस्या यह है कि यदि उसका टर्नओवर पिछले वर्ष एक करोड़ रहा हो तो उसे लगभग एक लाख कर के रूप में जमा करना पड़ेगा और उसके रिफंड के लिए आवेदन करना होगा जिससे उसकी पूंजी सरकार के पास काफी समय के लिए फंस जाएगी।
व्यापारियों को ऐसा नहीं करना चाहिए। अगर कोई समाधान योजना में है तो उसकी सालाना बिक्री 1.5 करोड़ से कम ही होनी चाहिए। अन्यथा वह रेगुलर स्कीम को फालो कर सकता है।
सरदार दलजीत सिंह, व्यापारी
सरकार के लगातार जीएसटी के नियमों में बदलाव का कारण भी यही है कि व्यापारी टैक्स की चोरी करने लगता है। जिसका खामियाजा इमानदार व्यापारियों को भी भुगतना पड़ जाता है।
प्रवीण अग्रवाल, व्यापारी
सरकार को समाधान योजना का टैक्स एक फीसदी से घटाकर 0.5 फीसदी करना चाहिए। साथ ही जीएसटी आर 4 दाखिल करने के लिए तीस जूून तक समय दिया जाना चाहिए।
अनिल गोयल, व्यापारी
समाधान योजना से बाहर आने या शामिल होने के नियमों में थोड़ा बदलाव होना चाहिए। एक साल का लंबा गैप हेाने की वजह से कई बार दिक्कत होती है। योजना के नाम पर टैक्स चोरी उचित नही है।
विपिन बहल, व्यापारी
Gorakhpur News: जीएसटी पंजीकरण को लेकर गोरखपुर में मेगा सेमिनार, अधिकारियों से लेकर विधायकों ने बताया कैसे होगा लाभ
Gorakhpur News: राज्य कर उत्तर प्रदेश द्वारा पंजीयन जागरुकता अभियान 2022 के तहत शुक्रवार को सिविल लाइंस स्थित एक व्यापारियों को जीएसटी से लाभ मैरेज हाउस में मेगा सेमिनार का आयोजन किया गया।
गोरखपुर: जीएसटी पंजीकरण को लेकर गोरखपुर में मेगा सेमिनार
Gorakhpur News: राज्य कर उत्तर प्रदेश द्वारा पंजीयन जागरुकता अभियान 2022 (Registration Awareness Campaign 2022) के तहत शुक्रवार को सिविल लाइंस स्थित एक मैरेज हाउस में मेगा सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों से लेकर भाजपा विधायक (BJP MLA) ने यह बताया कि जीएसटी पंजीकरण (GST Registration) व्यापारियों से टैक्स वसूलने का जरिया मात्र नहीं है। इससे योजनाएं बनाने और व्यापारियों को मदद में भी इस्तेमाल किया जाता है।
सेमिनार में व्यापारियों को जीएसटी पंजीयन के लिए जागरूक करते हुए मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष पुष्पदन्त (Pushpdant, Vice President, Uttar Pradesh Traders Welfare Board) ने कहा कि अधिकारी और व्यापारी के बेहतर सामंजस्य से सरकार विकास के लक्ष्य को प्राप्त करना चाहती है। पंजीयन से केवल विभाग का लाभ नहीं है, इससे व्यापारियों के कल्याण के लिए कई योजनाएं बनाने में मदद मिलती है।
पहल गोरखपुर
श्री जैन ने कहा कि पंजीयन सिर्फ टैक्स के लिए नहीं है, बल्कि इससे व्यापारी कल्याण की कई सुविधाएं मिलती हैं। जिसे व्यापारी पाने का वाजिब हकदार होता है। एडीएम राजेश सिंह वित्त ने पंजीकरण की आवश्यकता को बताते हुए 'पहल गोरखपुर' के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि व्यापारियों की कोई दिक्कत हो तो वह मोबाइल नंबर 9454417615 पर लीगल सलाह ले सकते हैं।
आभार ज्ञापन संयुक्त आयुक्त राज्यकर पीसी गुप्ता ने तथा संचालन राज्यकर अधिकारी अंकित त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम का संयोजन अनूप कुमार पांडेय का था। इस दौरान व्यापारी नेता जवाहर कसौधन, मनोनीत पार्षद और व्यापारी नेता मदन अग्रहरि, अनूप किशोर अग्रवाल, मनोज, पद्म अग्रवाल, नरेश बजाज, मनीष चांदवासिया, जगत जायसवाल, अशोक जालान, संतोष अग्रवाल, सत्यप्रकाश मुन्ना, सुभाष चंद्र, रमेश चंद्र गुप्ता, सूरज भारती, रश्मि राजपूत आदि मौजूद रहे।
कुछ से टैक्स लेकर सभी का विकास करती है सरकार
विशिष्ट अतिथि चिल्लूपार विधायक राजेश त्रिपाठी ने कहा कि व्यापारियों और अधिकारियों की मौजूदगी में हो रहा मेगा सेमिनार यह तय करता है कि व्यापारी और अधिकारी पुरानी सोच से बाहर निकलें। अधिक से अधिक पंजीयन इस लिए भी जरूरी है कि सरकार व्यापारियों के हित में और बेहतर काम कर सके। सीएम योगी आदित्यनाथ सबका साथ सबका विकास के मंत्र को व्यापारियों को जीएसटी से लाभ केन्द्र में रखकर प्रदेश का समग्र विकास कर रहे हैं।
इसीलिए व्यापारियों के कल्याण के लिए पंजीयन जरूरी है। जीएसटी पंजीयन व्यापारियों के लिए ही है। इसलिए अधिक से अधिक संख्या में पंजीयन होगा तो यह कल्याणकारी योजनाओं में मददगार साबित होगा। श्री त्रिपाठी ने कहा कि सरकार लेती कुछ लोगों से है, लेकिन देती सभी को है। गांव की सड़कों से लेकर शहर की गलियां इसी टैक्स से बेहतर बनती हैं।
कपड़ों पर 12% GST के विरोध में व्यापारी, दिल्ली में 1 लाख व्यापारियों को जीएसटी से लाभ दुकानें बंद, अलीगढ़, काशी, लुधियाना में भी प्रदर्शन
एक तरफ सरकार और प्रशासन के सामने ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को टालने का दबाव है तो दूसरी तरफ और कोई बड़े मुद्दे खड़े हुए हैं. डॉक्टरों के आंदोलन से पहले ही परेशानी बढ़ी हुई है. वहीं अब दिल्ली में कपड़ा व्यापारी भी सड़कों पर आंदोलन के लिए उतर आये हैं. आज दिल्ली में एक लाख दुकानें बंद रहेंगी.
प्रदर्शन करते व्यापारी
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- नई दिल्ली ,
- 30 दिसंबर 2021,
- (Updated 30 दिसंबर 2021, 8:57 AM IST)
दिल्ली में बंद रहेंगी एक लाख दुकानें
कपड़ों पर GST बढ़ाए जाने का विरोध
एक तरफ सरकार और प्रशासन के सामने ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को टालने का दबाव है तो दूसरी तरफ और कोई बड़े मुद्दे खड़े हुए हैं. डॉक्टरों के आंदोलन से पहले ही परेशानी बढ़ी हुई है. वहीं अब दिल्ली में कपड़ा व्यापारी भी सड़कों पर आंदोलन के लिए उतर आये हैं.
बुधवार को चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के नेतृत्व में कनॉट प्लेस में दिल्ली के बड़े बाज़ारों के कपड़ा, रेडीमेड गारमेंट्स, साड़ी सूट से जुड़े व्यापारी संगठनों ने जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया. दरअसल, जीएसटी काउंसिल द्वारा प्रस्ताव दिया गया है कि 1 जनवरी से कपड़े पर जीएसटी को 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया जाए, अब इसका चारों तरफ व्यापारी विरोध कर रहे हैं.
दिल्ली में बंद रहेंगी एक लाख दुकानें:
प्रदर्शन कर रहे सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि 30 दिसंबर को दिल्ली में कपड़ों पर जीएसटी के विरोध में दिल्ली की 1 लाख दुकानें बंद रहेंगी. जिसमें प्रमुख बाजार चांदनी चौक, गांधी नगर, करोल बाग, ओखला, लाजपत नगर, रोहिणी, पीतमपुरा के बाज़ार शामिल हैं.
चांदनी चौक मार्केटिंग एसोसिएशन के भगवान बंसल ने बताया कि GST बढ़ने से व्यापार का भारी नुकसान होगा. महंगाई बढ़ने के साथ साथ छोटे व्यापारियों की रोजी रोटी छिन जाएगी.
प्रदर्शन करने पहुंची CTI की महिला काउंसिल की अध्यक्ष मालविका साहनी ने कहा कि कपड़े पर GST 12% करने से रेडीमेड महिला व्यापारी को मजबूरन बिजनेस बन्द करना पड़ सकता है. मालविका ने कहा कि विदेश से आने वाले माल की खपत बढ़ जाएगी और देश के कपड़ा बाज़ार को नुकसान होगा.
रेडीमेड कपड़ों की फैक्ट्री चलाने वालीं फाहिमा ने बताया कि मास्क बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला कपड़ा भी महंगा हो जाएगा. फाहिमा ने केंद्र सरकार से GST घटाने की मांग की है.
व्यापारियों की हड़ताल से बिगड़ सकते हैं हालात:
बृजेश गोयल ने कहा कि आजादी के बाद से जीएसटी आने तक कपड़ा टैक्स फ्री था. लेकिन जब जीएसटी लागू किया गया तो कपड़े पर 5% जीएसटी लगा दिया गया था और अब केन्द्र सरकार जले पर नमक छिड़कते हुए इस पर जीएसटी बढ़ाकर 12% करने जा रही है. इससे कपड़े काफी महंगे हो जाएंगे और आम जनता को भी इसका बोझ उठाना पड़ेगा, सरकार ने कफन पर भी टैक्स लगा दिया.
व्यापारियों का कहना है कि अगर 12% जीएसटी लगा दिया गया तो व्यापारी के पास पूंजी नहीं बचेगी और ना केवल हजारों छोटे छोटे कारखाने बंद हो जायेंगे बल्कि टैक्स चोरी भी बढ़ेगी. दिल्ली के व्यापारियों का मानना है कि GST बढ़ने से चीन और बांग्लादेश से प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जाएगा.
व्यापारियों की इस हड़ताल से न सिर्फ बाजार बल्कि आम जनजीवन पर भी काफी प्रभाव पड़ेगा. दिल्ली में मुख्य बाजारों की एक लाख दुकानों के बंद होने से ग्राहकों को परेशानी होगी. साथ ही, व्यापारियों के सड़कों पर प्रदर्शन से राजधानी में हालात और बिगड़ सकते हैं.
ऐसे में देखना यह है कि क्या सरकार व्यापारियों की मांग मानती हैं या फिर कपड़ों पर GST बढ़ेगा? सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि दूसरे शहरों में भी इस फैसले की निंदा हो रही है. अलीगढ़, लुधियाना और काशी के व्यापारियों ने भी अपना रोष प्रकट किया है.