ट्रिपल टॉप चार्ट पैटर्न

कम बदलाव वाले स्टॉक
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M15 के चार्ट के अनुसार, GBPCHF से बुलिश आयत बना। पैटर्न एक प्रवृत्ति निरंतरता को इंगित करता है। ऊपरी सीमा 0.0000 है, निचली सीमा 0.0000 है। सिग्नल का मतलब है कि लॉन्ग पोजीशन को बुलिश आयत की ऊपरी सीमा 0.0000 के ऊपर खोला जाना चाहिए।
ट्रिपल टॉप पैटर्न NZDCAD M5 ट्रेडिंग इंस्ट्रूमेंट के चार्ट पर बना है। यह एक रीवर्सल पैटर्न है जिसमें निम्नलिखित विशेषताएं हैं: प्रतिरोध स्तर 3, समर्थन स्तर -1, और पैटर्न की चौड़ाई 10। पूर्वानुमान अगर कीमत समर्थन स्तर 0.8619 से टूटती है, तो इसके और नीचे 0.8611 तक जाने की संभावना है।
M5 के चार्ट के अनुसार, NZDCHF से बुलिश आयत बना जो एक प्रवृत्ति निरंतरता का पैटर्न है। पैटर्न निम्न सीमाओं के भीतर समाहित है: निचली सीमा 0.6007 – 0.0000 और ऊपरी सीमा 0.6000 – 0.0000। यदि ऊपरी सीमा टूट जाती है, तो इंस्ट्रूमेंट के ट्रिपल टॉप चार्ट पैटर्न अपवार्ड ट्रेंड का अनुसरण करने की संभावना है।
what is Japanese charts Candlesticks pattern - कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न क्या है
यदि आप stock market, commodity market अथवा currency market में ट्रेडिंग या इन्वेस्टिंग करते है तो आपको कैंडल स्टिक चार्ट पैटर्न का ज्ञान होना बहुत ही जरूरी है,इनका अविष्कार जापान के चावल के व्यापारियों ने किया था इसलिए इनको Japanese Candlesticks Pattern के नाम से जाना जाता है। यह रियल टाइम प्राइस एक्शन को दर्शाता है, इसके साथ आप lagging indicator टेक्निकल टूल्स का उपयोग करके बहुत अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं जैसे RSI, Stochastic Oscillator आदि, इनका उपयोग केवल सिग्नल को कन्फर्म करने के लिए करना चाहिए, ज्यादातर बड़े निवेशक यही युक्ति अपनाते हैं। आप एक technical indicator यूज़ करके श्योर हो सकते कि Candlestick pattern जो बता रहा है वह सही है या नहीं। इस पोस्ट को पड़ने के बाद आप किसी भी कैंडलस्टिक चार्ट को बहुत ही आसानी से समझ सकते हैं। Price action strategy को समझने के लिए Technical Analysis के साथ -साथ कैडलस्टिक्स पैटर्न को समझना भी बहुत ही जरूरी है तभी आप ट्रिपल टॉप चार्ट पैटर्न stocks में entry तथा exit के सही समय के बारे में जान पाएगें। Japanese Candlestick Chart Pattern Analysis in Hindi.
Basic Candle Stick Pattern:
Candlestick दो प्रकार की होती हैं, पहली bullish candlestick (बुलिश ) तथा दूसरी bearish candlestick (बेयरिश), बुलिश कैंडलस्टिक हरे या सफेद रंग होती हैं तथा बेयरिश लाल या काले रंग की होती है। बुलिश यानि बुल्स (BULLS ) जो मार्केट को ऊपर ले जाना चाहते हैं, बेयर्स ( BEARS) जो मार्केट को गिरना चाहते हैं। स्टॉक मार्केट में एक तरह से बुल्स और बेयर्स के बीच में फाइट होती रहती है जिस दिन मार्केट गिरता है उस दिन बेयर्स की जीत होती है तथा लाल रंग की कैंडल बनती है तथा जिस दिन मार्केट चढ़ता है उस दिन बुल्स की जीत होती है तथा हरे रंग की कैंडल बनती है। कैंडल के रंग से हमे यह पता चल जाता है कि stock market को कंट्रोल कौन कर रहा है ? बुल्स या बेयर्स तथा कौन कंट्रोल खो रहा है ? इनके हिसाब से हम अपनी प्राइस एक्शन स्ट्रेटेजी बना सकते हैं।
यदि शेयर के बंद होने का प्राइस शेयर के खुलने के प्राइस से ऊपर है तो हरे अथवा सफेद रंग की कैंडल बनेगी और यदि शेयर के बंद होने का प्राइस शेयर के खुलने के प्राइस से नीचे है तो लाल अथवा काले रंग की कैंडल बनेगी। आप उपर्युक्त चित्र में देख सकते हैं। Candlestick के बीच का जो हिस्सा होता है उसे Real body कहते हैं। Real body के ऊपर और नीचे जो पतली लाइन होती है उसे शैडो (shadow ) या विक (wick )कहते हैं। Upper shadow का टॉप शेयर के हाई प्राइस को दर्शाता है तथा Lower shadow का निचला सिरा शेयर के low प्राइस को दर्शाता है। यदि कैंडल की रियल बॉडी छोटी होती है तो यह कम मात्रा में buying और selling के रुझान को दर्शाती है।
लम्बी हरी जापानी कैंडलस्टिक स्ट्रांग बाइंग प्रेशर को दर्शाती है, इसमें शेयर के प्राइस अपने खुलने के प्राइस से ऊपर बंद होते हैं। लम्बी लाल कैंडलस्टिक स्ट्रांग सेलिंग प्रेशर को दर्शाती है तथा इसमें प्राइस अपने खुलने के प्राइस से नीचे बंद होते हैं। छोटी शैडो वाली Japanese candlestick ये दर्शाती है कि ज्यादातर ट्रेडिंग सेशन अपने ओपनिंग एवं क्लोजिंग प्राइस के आसपास ही घूमता रहा।
कैंडलस्टिक पैटर्न कई प्रकार हैं उन्हें निम्नलिखित कैटेगरी में बाँटा जा सकता हैं -
एक - बेसिक कैंडलस्टिक पैटर्न
दो - सिंगल कैंडलस्टिक पैटर्न
तीन - डबल कैंडलस्टिक पैटर्न
चार - ट्रिपल कैंडलस्टिक पैटर्न
Opening and closing time of stock market in India
Candlesticks pattern एक बड़ा सब्जेक्ट है इसलिए इसको एक पोस्ट में कवर नहीं किया सकता, इसके ऊपर मैं और भी पोस्ट लिख रही हूँ। कृपया कैंडलस्टिक पैटर्न की सम्पूर्ण जानकारी के लिए उन्हें भी पढ़े।
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Technical Analysis in hindi.
हर और कोई अपने बचत के ट्रिपल टॉप चार्ट पैटर्न पैसों को निवेश करके ज्यादा लाभ कमाना चाहता है। कोई लोग बैंक एफडी में पैसा लगाते हैं तो कोई म्यूचल फंड। कई स्टॉक को स्टॉक मार्केट में पैसा लगाता है स्टॉक मार्केट के लाभ को देखते हुए सभी लोग तो मार्केट में पैसा लगाना पसंद करते हैं।
स्टॉक मार्केट में जितने लोग पैसा लगाते हैं ट्रिपल टॉप चार्ट पैटर्न उसमें से 90% लोग नुकसान करते हैं और 10% लोग ही फायदा ले सकते हैं 90% लोगों को यह पता ही नहीं होता कि शेयर में कब खरीदारी करें किस भाव पर खरीदारी करें कितना शेयर खरीदे किस भाव के बेचे किस भाव पर खरीदे और मैक्सिमम लॉस हो तो कितना लॉस हो।
अगर ऊपर बताई गई बातों को का ज्ञान आपको आ गया तो आप शेयर मार्केट में अच्छा निवेश करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं। ऊपर बताई गई बातों को सीखने के लिए हमें Technical analysis पड़ता है।
Technical analysis के कई प्रकार होते हैं जिनमें चार्ट पेटर्न. कैंडलेस्टिक पेटर्न, और एडवांस टेक्निकल एनालिसिस का समावेश होता है। टेक्निकल एनालिसिस का इस्तेमाल ज्यादातर पोजीशनल ट्रेडिंग के लिए स्विंग ट्रेडिंग के लिए या फिर इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए किया जाता है। चलिए अब हम टेक्निकल एनालिसिस सीखना शुरू कर देते हैं।
Hot Stocks: बाजार में दिख रहे बुलिश ट्रेंड रिवर्सल के संकेत, 2-3 हफ्ते में बंपर कमाई के लिए इन 3 स्टॉक पर लगाएं दांव
एंड्यूरेंस टेक्नोलॉजीज में 1220 रुपए के स्टॉप लॉस के साथ 1450 रुपए के लक्ष्य के लिए खरीदारी ट्रिपल टॉप चार्ट पैटर्न करें। 2-3 हफ्तों में इस स्टॉक में 11 फीसदी की रिटर्न मिल सकता है
Vinay Rajani,HDFC Securities
कल के ट्रिपल टॉप चार्ट पैटर्न कारोबार में निफ्टी 16414 के दिन के हाई से 200 अंकों से ज्यादा की गिरावट के साथ 16214 के स्तर पर बंद हुआ। बैंक निफ्टी कल के कारोबार में अपने इंट्राडे हाई से 700 अंकों ट्रिपल टॉप चार्ट पैटर्न की गिरावट के साथ बंद हुआ था और डेली चार्ट पर इसने एक बियरिश शूटिंग स्टार पैटर्न बनाया था। पिछले कुछ हफ्तों से बाजार काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। पिछले हफ्ते निफ्टी 15671 के मार्च 2022 के बॉटम के ऊपर टिके रहने में कामयाब रहा और 15775 पर हायर बॉटम बनाया। निफ्टी ट्रिपल टॉप चार्ट पैटर्न ने 15740 के आसपास एक बुलिश ट्रिपल बॉटम फॉर्मेशन बनाया। 16414 के स्तर पर हाल में स्विंग हाई बनाता दिखा है। अगर निफ्टी इस लेवल को पार कर लेता है तो इसमें ट्रेंड बदलने की पुष्टि होगी। निफ्टी के डेली लाइन चार्ट और आरएसआई (relative strength index)से निफ्टी को निचले स्तर पर सपोर्ट मिलने की बड़ी संभावना नजर आ रही है।
स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें ?
स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की आवश्यकता होती है।
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के बाद आपको मार्केट को एनालाइज करना होगा तथा अच्छा स्टॉक चुनना होगा।
बाजार को अच्छी तरह समझने के बाद अपने कैपेसिटी के हिसाब से जोखिम लेना होता है क्योंकि कई बार स्टॉक मार्केट में सही रणनीति(Swing Trading Kya Hai) और सही स्ट्रैटेजी के बाद भी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
ट्रेडिंग करने के लिए आपका रिस्क मैनेजमेंट होना बहुत ही जरूरी है।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने?
बाजार की दिशा,
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading Kya Hai) करने के लिए कुछ ट्रेलर मार्केट के Trend को फॉलो करते हैं ।
जो कि एक अच्छी बात है तथा ट्रेंड को फॉलो करने के साथ-साथ हमें कंपनी के परफॉर्मेंस उनकी खबरों को भी अपने नजर में रखना चाहिए ताकि कुछ गलत न्यूज़ आने से अपना प्रॉफिट बुक कर सकें और अपना पोजीशन काट सकें।
तरलता ट्रिपल टॉप चार्ट पैटर्न या Liquidity
liquidity एक ट्रेडर के लिए एक अच्छा पैमाना हो सकता है क्योंकि जिस शेयर में अधिक खरीदी बिक्री होती है वहां positions के फसने या नुकसान का chance बहुत ही कम होता है तथा हम अपने Share को आसानी से खरीद व बेच कर मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं ।
अन्य स्टॉक के साथ तुलना,
स्टॉक की तुलना हम जिस शेयर को खरीद रहे हैं उसके सेक्टर के अन्य स्टाक के साथ शेयर की तुलना करते हैं जिससे हमें सेक्टर के बेस्ट स्टॉक प्रात हो जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी
अगर आप एक अच्छा ट्रेडर (Swing trading kya hai)बनना चाहते हैं तो आप अपनी ट्रेडिंग जर्नी में एक स्ट्रैटेजी को अच्छी तरह से फॉलो करें ।
ताकि आप अपने निवेशित राशि पर अच्छा अच्छा खासा रिटर्न प्राप्त कर सकें ।
एक सही स्विंग ट्रेडिंग रणनीति से एक ट्रेडर 5 से 10 परसेंट रिटर्न एक स्टॉक से कुछ ही दिनों में प्राप्त कर सकता है।
देखने में यह बहुत छोटा मुनाफा हो सकता है लेकिन कुछ दिनों कुछ हफ्तों में इतना मुनाफा सही है।
इसी तरह बढ़ता हुआ लाभ लेने के लिये ट्रेडिंग के अन्य रूपों में 7-8 % की तुलना में स्टॉपलॉस 2-3% होना चाहिए इसका मतलब यह है कि risk riward resio 1:2 या 1:3 होना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी निम्नलिखित है:-
चार्ट पेटर्न स्ट्रैटेजी
सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस
हेड एंड सोल्डर पैटर्न
डबल टॉप व ट्रिपल टॉप पैटर्न
डबल बॉटम व ट्रिपल बॉटम पैटर्न
इनवर्टेड हेड एंड सोल्डर
कप एंड हैंडल
असेंडिंग ट्रेंगल व डिसेंडिंग ट्रेंगल
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे व नुकसान
Swing Trading के फायदे
कम समय में प्रॉफिट मिल जाता है।
कम प्रॉफिट का टारगेट होने के कारण टारगेट हिट होने की संभावना बढ़ जाती है।
स्टॉक में एंट्री करने के लिए स्टॉक के गिरने का इंतजार करना नहीं पड़ता।
स्टॉक के फंडामेंटल स्ट्रांग होने के कारण नुकसान होने की संभावना कम रहती है
यह एक कम तनाव वाली strategy है।
अगर आप शेयर बाजार में नए हैं तो इसको आप ट्राई कर सकते हैं।
Swing Trading के नुकसान
छोटे अवधि में ही स्टॉक से प्रॉफिट प्राप्त कर बाहर निकल जाने के कारण बड़ा प्रॉफिट नहीं मिल पाता है।
स्टॉक से जुड़ी रोजाना अच्छी व पूरी खबर आने के कारण स्टॉक में उतार-चढ़ाव व, गैप अप और गेप डाउन का खतरा रहता है।
ट्रेडिंग करने वालों को धैर्य के साथ स्टॉक को पकड़ कर रखे रहने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।