ADR क्या है

Gujarat Chunav 2022: गुजरात चुनाव के पहले फेज में 21% उम्मीदवार 'दागी', AAP के सबसे ज्यादा, ADR रिपोर्ट में दावा
Gujarat Election News: ADR क्या है गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण में 89 सीटों पर चुनाव होना है। इसमें कुल 788 उम्मीदवार मैदान में हैं। पहले फेज में 167 प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 100 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर आरोप हैं। आम आदमी पार्टी पहले और कांग्रेस इसमें दूसरे नंबर पर है।
हाइलाइट्स
- गुजरात विधानसभा के लिए पहले चरण में 89 सीटों पर चुनाव
- पहले फेज में कुल 788 उम्मीदवार मैदान में, 167 प्रत्याशी दागी
- 100 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर आरोप
बीजेपी के 16 प्रतिशत उम्मीदवारों पर क्रिमिनल चार्ज
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी पहले चरण के चुनाव में सभी सीट पर चुनाव लड़ रही है। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी ने आपराधिक अतीत वाले 14 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। प्रतिशत के लिहाज से यह संख्या 16 प्रतिशत है। भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) पहले चरण में 14 सीट पर चुनाव लड़ रही है और उसके चार उम्मीदवारों (29 प्रतिशत) के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। उसके सात प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं।
इन उम्मीदवारों पर गंभीर मामले
रिपोर्ट के ADR क्या है अनुसार 2017 के विधानसभा चुनावों में, पहले चरण के 15 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले थे, जबकि आठ प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले थे। गंभीर आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों में जनक तलविया (बीजेपी), वसंत पटेल (कांग्रेस), अमरदास देसानी (स्वतंत्र) शामिल हैं। आपराधिक रिकॉर्ड वाले अन्य उम्मीदवारों में बीजेपी के पुरुषोत्तम सोलंकी, कांग्रेस के गनीबेन ठाकोर और जिग्नेश मेवानी, आप के गोपाल इटालिया और अल्पेश कठेरिया शामिल हैं।
वर्ष 2017 के ADR क्या है विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, बीजेपी और बीटीपी ने पहले चरण में क्रमश: 36, 25 और 67 प्रतिशत ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था जिनके खिलाफ आपराधिक मामले थे। सुप्रीम कोर्ट के 25 सितंबर, 2018 के आदेश के पालन में निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार, सभी राजनीतिक दलों के लिए लंबित आपराधिक मामलों और ऐसे उम्मीदवारों के चयन की वजहों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य है।
इसके साथ ही जानकारी को एक स्थानीय और एक राष्ट्रीय दैनिक में प्रकाशित करने एवं आधिकारिक सोशल मीडिया मंच पर अपलोड करने की भी आवश्यकता होती है। एडीआर के प्रमुख अनिल वर्मा ने वीडियो लिंक के जरिए एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इन निर्देशों का ठीक से ADR क्या है पालन नहीं किया जा रहा है. हमने गौर किया है कि स्थानीय समाचार पत्रों में गुजराती में जानकारी प्रकाशित की जाती है, लेकिन घोषणाएं अंग्रेजी में होती हैं। साथ ही, ऐसी जानकारी का ‘फ़ॉन्ट’ आकार 12 होना चाहिए, लेकिन उन्हें बहुत छोटे फ़ॉन्ट आकार में प्रकाशित किया गया है।
Mediation Bill: क्या है मध्यस्थता कानून? कम हो जाएगा कोर्ट कचहरी का चक्कर
कानून में ऐसे प्रावधान हैं कि विवादों का निपटारा ऑनलाइन भी हो सकता है
राज्यसभा में 20 दिसंबर, 2021 को मध्यस्थता बिल, 2021 (Mediation Bill, 2021) पेश किया गया. मध्यस्थता एक किस्म का ऑल्टर्नेटिव डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन (ADR) होता है यानी वैकल्पिक विवाद समाधान जिसमें एक स्वतंत्रत व्यक्ति (मध्यस्थ) की मदद से अलग-अलग पक्ष अपने विवादों को निपटा सकते हैं. भारत में पहले से ही आर्बिट्रेशन और कंसीलिएशन एक्ट, 1996 लागू है लेकिन अब ये बिल मीडिएशन यानी मध्यस्थता के नाम से होगा.
मध्यस्थता की सारी प्रक्रिया अदालत के बाहर होती है. इस बिल में ऑनलाइन मध्यस्थता को बढ़ावा देने के लिए भी प्रावधान किए गए हैं.
हमेशा होता ये है कि दो पार्टियों के बीच मतभेद होने पर वो ADR क्या है सीधे कोर्ट पहुंच जाते हैं, कोर्ट पर पहले से ही कई सारे पेंडिंग मामले हैं, मध्यस्थता कानून उन दोनों पार्टियों को कोर्ट जाने से बचने का विकल्प देता है. दोनों पार्टी किसी तीसरी स्वतंत्र पार्टी के जरिए कोर्ट के बाहर मामला सुलझा सकते हैं. फिर भी बात नहीं ADR क्या है बने तो अदालत जा सकते हैं. इससे कोर्ट पर पड़ने वाला भार हल्का हो सकता है.
मध्यस्थता कानून कई देशों में प्रचलित हैं. खासकर ये कमर्शियल मामलों को सुलझाने में काम आता है. भारत में मध्यस्थता के नाम से पहली बार कानून बनने जा रहा है. इससे पहले भी ऐसा कानून बना है लेकिन उसमें कई पेंच हैं.
इस कानून के पीछे का उद्देश्य है कि अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, प्रादेशिक विवादों को सुलझाने में मध्यस्थता के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए. इस अधिनियम में कुल 86 धाराएं हैं जिसे अलग-अलग भागों में बांटा गया है.
इसके पहले ADR क्या है जो मध्यस्थता अधिनियम 1940 था उसमें अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता संबंधी कोई प्रावधान नहीं था. उसके अनुसार केवल भारत के अंदर के मसले ही मध्यस्थता के जरिए सुलझाए जा सकते थे. आगे चल कर इसमें संशोधन हुए लेकिन कई पेंच के साथ.
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TNNLU: 4th National Mediation-Arbitration Competition 2022 [April 22-24, 2022]
The Tamil Nadu National Law University, Alternative Dispute Resolution Committee, is pleased to announce that the competition problem has been released for the 4th National.
ADR PvPI मोबाइल एप यहां से डाउनलोड करें, दवाओं के रिएक्शन की रिपोर्ट करें
दवाओं के साइड इफेक्ट से शरीर को नुकसान होने के साथ ही जान तक जाने का खतरा रहता है। इसलिए दवाओं के प्रभाव के साथ ही उनके दुष्प्रभाव ADR क्या है की जांच भी बेहद जरूरी है। संभव है कि अगर ऐसी दवाएं बाजार में रही तो दूसरे मरीज भी इसके शिकार हो हो सकते हैं। एेसी ही दवाओं की शिकायत के लिए भारत सरकार द्वारा एडीआर रिपोर्टिंग एप लॉन्च किया गया है। सिर्फ एक क्लिक में शिकायत एडवर्ड ड्रग्स रिएक्शन मॉनिटरिंग सेंटर को भेजी जा सकती है।
सर्दी, खांसी, बुखार, खुजली, अस्थमा या किसी और बीमारी की दवा खाने के बाद भी अगर आप ठीक नहीं हो रहे हैं या फिर दवा खाने के बाद के बाद शरीर पर लाल चकते बन रहे हैं एवं खुजली हो रही है। इस दोनों ही स्थितियों को नजर अंदाज नहीं करें। इलाज के दौरान अगर ये स्थितियां बन रही तो इसका क्या कारण है ADR क्या है और दवा में मौजूद किस साल्ट की वजह से ऐसा हो रहा है।
डॉक्टरों और नर्सिंग कर्मियों को मिले निर्देश
एडवर्स ड्रग्स रिएक्शन मॉनिटरिंग सेंटर के डॉक्टरों के अनुसार रिएक्शन रिपोर्टिंग करने वाले मरीजों को एक एडीआर कार्ड दिया जाएगा। इसमें मरीज की आवश्यक डिटेल समेत दवा के ब्रांड नाम, जैनरिक नाम, मैन्यूफैक्चिरिंग डेट, बैच नंबर, एक्सपायरी डेट और दवा को यूज करने की दिनांक समेत उस दवा से मरीज को क्या साइड इफेक्ट हुआ जैसी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां दर्ज होगी। इसे मरीज अपने पास रखेगा। ताकि आने वाले समय में यदि वह किसी इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाता है तो उस कार्ड को दिखाए जिससे उसी दवा के सेवन से होले वाले रिएक्शन से उसका बचाव हो सके।
टोलफ्री नंबर पर भी दे सकते हैं जानकारी
आॅनलाइन शिकायत ऐसे करें
एडीआर रिपोर्टिंग एप को लोड करें। इसे लोड करने के बाद एक फॉर्म ओपन होगा, जिसमें दवा के बारे में जानकारी मांगी जाएगी इसे भरकर भेजा जा सकता है।