ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है

'कोड ब्लैक' की अवधारणा को समझने के लिए सबसे पहले 'ट्राएज' की अवधारणा को समझना आवश्यक है। ट्राइएज एक ऐसी प्रणाली है जिसका उपयोग आपातकालीन विभागों और डीईए (आपातकालीन और स्वीकृति विभाग) में किया जाता है, ताकि चोटों की गंभीरता और उनकी नैदानिक तस्वीर के आधार पर तात्कालिकता/आपातकाल की बढ़ती कक्षाओं के अनुसार दुर्घटनाओं में शामिल लोगों का चयन किया जा सके।
अस्पताल ट्राइएज प्रत्येक व्यक्तिगत विषय के लिए उपचार की तात्कालिकता को सार्वभौमिक रूप से पहचानने योग्य बनाने के लिए एक रंग कोड का उपयोग करता है; गंभीरता के क्रम में रोगी पर विचार किया जाएगा:
- कोड लाल या 'आपातकालीन': जीवन-धमकी देने वाला रोगी जिसके पास चिकित्सा हस्तक्षेप की तत्काल पहुंच है;
- कोड पीला या 'अत्यावश्यकता': तत्काल रोगी को 10-15 मिनट के भीतर उपचार तक पहुंच;
- कोड हरा या 'आस्थगित तात्कालिकता' या 'मामूली तात्कालिकता': 120 मिनट (2 घंटे) के भीतर पहुंच के साथ, आसन्न जीवन-धमकी की स्थिति के कोई संकेत नहीं वाले रोगी;
- कोड सफेद या 'गैर-अत्यावश्यक': रोगी जो अपने सामान्य चिकित्सक को संदर्भित कर सकता है।
इटली में कोड ब्लैक अन्य रंग कोडों की तरह गंभीरता की स्थिति की पहचान नहीं करता है, बल्कि यह इंगित करता है कि रोगी की मृत्यु हो गई है और अब उसे पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता है।
इटली, कोड ब्लैक मरीज की निश्चित मौत से जुड़ा है
कुछ मामलों में, जैसा कि कोविड -19 के कारण हुई महामारी के दौरान हुआ था, काले कोड का संदर्भ दिया जाता है जब किसी दिए गए स्वास्थ्य सुविधा में डॉक्टर आने वाले रोगियों की अधिक संख्या का सामना नहीं कर सकते हैं, या जब नए के लिए बिस्तर उपलब्ध नहीं हैं। प्रवेश।
सबसे गंभीर मामलों में, गहन देखभाल इकाई में उपलब्ध बिस्तरों के भरे होने पर कोड को काला करने के लिए संदर्भ दिया जा सकता है, इसलिए डॉक्टर के लिए यह तय करना आवश्यक है - वास्तव में - कौन जीवित रहता है और कौन नहीं।
मान लीजिए, उदाहरण के लिए, तीन जानलेवा मरीज आते हैं जिन्हें गहन देखभाल के लिए नियत किया जाएगा, लेकिन इस वार्ड में (और पड़ोसी अस्पतालों के गहन देखभाल वार्डों में) केवल एक ही स्थान उपलब्ध है: इस मामले में, यह होगा यह तय करने के लिए डॉक्टर पर निर्भर है कि तीन में से कौन सा रोगी उस एक स्थान तक पहुँच सकता है और इस प्रकार उसके बचने की सबसे अच्छी संभावना है।
ट्राइएज में उपयोग किए जाने वाले अन्य रंग हैं
- कोड नारंगी: इंगित करता है कि रोगी दूषित है;
- कोड ब्लू या "डिफरेंशियल अर्जेंसी": कोड येलो और कोड ग्रीन के बीच मध्यवर्ती गंभीरता वाला एक मरीज है, जिसकी पहुंच 60 मिनट (1 घंटे) के भीतर है;
- कोड नीला: इंगित करता है कि रोगी ने अस्पताल के बाहर के वातावरण में महत्वपूर्ण कार्यों से समझौता किया है, जो आमतौर पर डॉक्टर की अनुपस्थिति में सक्रिय होता है।
कोड ब्लैक विदेश में और ग्रे'ज़ एनाटॉमी में
टीवी धारावाहिक ग्रेज़ एनाटॉमी के दूसरे सीज़न के एपिसोड 16 में, जिसे मूल रूप से 'इट्स द एंड ऑफ़ द वर्ल्ड' कहा जाता है और इतालवी 'एपोकैलिप्स (कोड ब्लैक)' में, एक मरीज को उसके शरीर के अंदर एक विस्फोटक उपकरण के साथ सिएटल ग्रेस लाया जाता है।
हार्ट सर्जन बर्क ने 'कोड ब्लैक' (मूल भाषा में 'कोड ब्लैक') की घोषणा की, जो सर्जिकल विंग में सभी गतिविधियों को रोकता है: इस मामले में 'कोड ब्लैक' का उपयोग इमारत में बम की उपस्थिति को इंगित करने के लिए किया जाता है, अर्थात एक संभावित विनाशकारी असाधारण घटना।
कोड ब्लैक, वास्तव में, विभिन्न राज्यों में अलग-अलग अर्थ लेता है
उदाहरण के लिए, कनाडा में इसका उपयोग इमारत में बम (या एक संदिग्ध पैकेज) की उपस्थिति को इंगित करने के लिए किया जाता है।
इंग्लैंड में - जैसे इटली में - इसका उपयोग नए प्रवेश के लिए उपलब्ध बिस्तरों की अनुपस्थिति को इंगित करने के लिए किया जाता है।
महिंद्रा थार
महिंद्रा थार 4 सीटर एसयूवी है। जिसकी प्राइस ₹ 13.58 - 16.28 लाख है। यह 10 वेरीएंट्स, 1997 to 2184 cc इंजन विकल्प और 2 ट्रैंस्मिशन विकल्पों में उपलब्ध है: मैनुअल और स्वचालित (टीसी)। थार के अन्य प्रमुख विशेषताओं में 219 mm का ग्राउंड क्लियरेंस शामिल है। थार 4 रंगों में उपलब्ध है। थार का माइलेज 0 किमी प्रति लीटर है।
सूट के इन कलर्स को बनाइए वार्डरोब का हिस्सा, हर मौके पर आप लगेंगे बेहद खास
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मेंस स्टाइल (Men’s Style) में सूट ऐसा अटायर (Attire) है, जिसके बिना मेंस वार्डरोब अधूरी है। ऑफिस की पार्टी हो या दोस्त की शादी, सूट ऐसा पहनावा है जिसको पहनकर स्मार्टनेस आना तय है।
कुछ लोग तो सूट पहनने के इतने शौकीन होते हैं कि वे सूट का दमदार कलेक्शन रखते हैं। सूट की लोकप्रियता को देखते हुए बाजार में भी अब पहले की तरह ब्लैक या व्हाइट सूट ही नहीं मिलते। अब तो हरे, पिंक और यलो कलर तक के सूट बाजार में मिल रहे हैं।
लेकिन सवाल यह है कि आप सूट के किन कलर्स को प्रायोरिटी (Priorities) दें। इसके लिए आपको उन कलर का सिलेक्शन करना है, जो वर्सेटाइल एवरग्रीन हों और किसी भी फंक्शन में रंग जमा दें।
अगर आप भी सूट के कलर का सिलेक्शन करने में कन्फ्यूज हैं तो परेशान न हो। आज हम आपको बताते हैं सूट के क्लासिक कलर के बारे में। आप भी सूट खरीदने का प्लान करने से पहले एक बार इस आर्टिकल को जरूर पढ़ लें।
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नेवी ब्लू है एवरग्रीन (Navy Blue is Evergreen)
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सूट के कलर्स में नेवी ब्लू को एवरग्रीन कलर माना जाता है। सूट का ये कलर वर्ल्ड वाइड (World Wide) सबसे ज्यादा फेवरेट है।
सूट के बड़े-बड़े स्टोर भले ही किसी कलर को बल्क (Bulk) में रखें या न रखें, लेकिन इसे तो बिल्कुल रखते हैं।
नेवी ब्लू कलर सिंपल और स्टेट फार्वर्ड (Straight Forward) है। इसे एक जेंटलमैन कलर (Gentleman Colour) भी कह सकते हैं।
नेवी ब्लू कोट-पेंट के साथ जरूरी नहीं कि आप ज्यादा महंगी शर्ट पहनें। यह कलर इतना कंपलीट (complete) और डोमिनेटिंग (Dominating) है कि इसके साथ कोई भी सिंपल मोनोक्रोम कलर (Simple Monochrome ) की शर्ट पहन सकते हैं।
वी-शेप बॉडी के ऊपर नेवी ब्लू कलर क्लासी लगता है। कारण है बॉडी के हिसाब से सूट की फिटिंग। फिट बॉडी और सूट की फिटिंग, दोनों ही बॉडी शेप को उभारते हैं।
नेवी ब्लू कलर में एक खासियत और है, वो ये कि यह कलर आपकी उम्र कम यानी आपको यंग दिखाता है।
चारकोल ग्रे सूट (Charcoal Grey Suit)
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चारकोल ग्रे और नेवी ब्लू कलर में पहले कॉम्पिटीशन था कि पसंद के मामले में पहले पायदान पर कौन है। बाजी भले ही नेवी ब्लू ने मारी हो लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि चारकोल ग्रे किसी मामले में कमतर है।
नेवी ब्लू के बाद सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला कलर चारकोल ग्रे ही है। वैसे ये कलर हर एज ग्रुप के लड़कों पर अच्छा लगता है। लेकिन अगर आप यंग है और अपनी पर्सनैलिटी को सीरियस दिखाना चाहते हैं तो यह कलर बेस्ट है।
चारकोल ग्रे ईजी टू मैच (Easy to Match) है। इसके साथ आप किसी भी कलर, किसी भी पैटर्न और किसी भी फैब्रिक की शर्ट पहन सकते हैं।
जब बात फार्मल क्लोथिंग (Formal Clothing) की हो तो चारकोल ग्रे बेस्ट ऑप्शन है। इसे आप ऑफिशियल-नॉन आफिशियल मीटिंग्स या किसी फैमिली फंक्शन में कैरी कर सकते हैं।
कैम्ब्रिज ग्रे या मीडियम ग्रे (Cambridge or Medium Grey Suit)
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ग्रे ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है कलर में कई ऑप्शन हैं। इसका एक शेड कैम्ब्रिज भी है। कैम्ब्रिज ग्रे, चारकोल ग्रे से थोड़ा हल्का होता है। लेकिन दिखने में यह भी चारकोल ग्रे जैसा ही स्टाइलिश है।
अगर आप कैम्ब्रिज ग्रे सूट पहनते हैं तो यह चारकोल ग्रे शेड से एक दो प्वाइंट हल्का ही रहेगा। इसलिए ग्रे के इन दोनों शेड्स में कनफ्यूज न हों।
वर्सेटिलिटी (Versatility) के मामले में भी ये चारकोल ग्रे जैसा ही वर्सेटाइल है। हालांकि यह नेवी ब्लू और चारकोल ग्रे जैसा फार्मल तो नहीं है, फिर भी इसे अलग-अलग मौकों पर पहना जा सकता है।
लाइट ग्रे सूट (Light Grey Suit)
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ग्रे के ऊपर बताए गए दोनों शेड के मुकाबले यह कलर लाइट है। लाइट ग्रे की खासियत यह है कि आप इसे हर मौसम में पहन सकते हैं।
लाइट ग्रे फार्मल की अपेक्षा कैजुअल ज्यादा है। सूट डिजाइनर्स का तो यह भी कहना है कि आपकी वार्डरोब में किसी कलर का सूट हो या न हो, लेकिन लाइट ग्रे होना चाहिए।
इसका कारण है कि लाइट ग्रे फार्मल और कैजुअल दोनों लुक दोनों देता है। ऑफिशियल मीटिंग में भी आप इसे कैरी कर सकते हैं। राउंड नेक टीशर्ट के साथ आप इसे ब्लेजर की तरह भी पहन सकते हैं।
लाइट ग्रे की दूसरी खूबी है कि यह बिल्कुल भी डोमीनेटिंग कलर नहीं है। इसके अंदर यदि आप चेक या पैटर्न शर्ट पहनेंगे तो वो भी उभर कर दिखेगी।
ब्लैक सूट (Black Suit)
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ब्लैक कलर काफी लोगों का पसंदीदा होता है, लेकिन ब्लैक सूट के मामले में ऐसा नहीं है। यही वजह है कि नेवी ब्लू की तरह ब्लैक सूट लोगों को ज्यादा पसंद नहीं होता।
ब्लैक कलर के सूट का ड्रॉ-बैक यह भी है कि यह हर स्किन टाइप और काले बालों पर सूट नहीं करता।
ब्लैक सूट बिल्कुल भी वर्सेटाइल नहीं है। आप इसके साथ जो भी पहनते हैं वो उभरकर आता है।
फार्मल इवेंट में ब्लैक सूट अच्छा लुक देता है। अगर आप किसी फंक्शन में टक्सिडो पहनने वाले हैं तो ब्लैक कलर का सूट अच्छा कॉम्बिनेशन है।
डार्क ब्राउन मेंस सूट (Dark Brown Men’s Suit)
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डार्क ब्राउन ऐसा कलर है, जो डार्क स्किन टोन पर अच्छा लगता है। ब्लान्ड हेयर (Blond Hair) या रेड हेयर (Red Hair) ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है पर भी डार्क ब्राउन अच्छा लगेगा।
अगर डार्क ब्राउन सूट सिलेक्ट कर रहे हैं तो यह ध्यान रखें कि वह पूरा फार्मल सूट न हो। फार्मल इंवेट या बिजनेस मीटिंग में ब्राउन कलर के सूट को बिल्कुल अवाइड करें।
ट्रू ब्लू सूट (True Blue Suit)
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नेवी ब्लू सूट के मुकाबले ट्रू ब्लू न तो बहुत ज्यादा फेमस है और न ही बाजार में आसानी से मिलता है। इसका कलर इतना वाइब्रेंट हैं कि लोगों की फेवरेट लिस्ट में नहीं आता।
यही कारण है कि यह कलर आसानी से बाजार में भी नहीं मिलता। लोग इस कलर को सूट के मुकाबले जैकेट में लेना पसंद करते हैं।
ऐसा नहीं कि यह कलर अच्छा नहीं है। कलर बेहतरीन है लेकिन आपके अंदर इस कलर को कैरी करने की स्मार्टनेस होनी चाहिए।
ब्रिटेन के राजकुमार प्रिंस विलियम्स हो या रूस के राष्ट्रपति पुतिन, दोनों ही इस कलर के सूट को कैरी करते हैं। और यह भी हकीकत है कि उनके ऊपर यह रंग फबता भी खूब है।
अगर आप दूसरों से अलग दिखना चाहते हैं तो इस कलर के सूट को अपनी वार्डरोब का हिस्सा बनाएं।
व्हाइट सूट (White Suit)
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कलर की इस रेस में व्हाइट सूट यानी सफेद सूट भी है। व्हाइट सूट हर कोई नहीं पहन सकता, इसकी वजह है इसका कलर। ट्रू ब्लू की तरह व्हाइट सूट को कैरी करना मुश्किल है।
लेकिन यकीन मानिए अगर आप सफेद सूट कैरी कर सकते हैं तो महफिल की जान बन सकते हैं। व्हाइट सूट पार्टी और फंक्शन में आपको अलग दिखा सकता है।
व्हाइट सूट आवश्यक या नेसेसिटी (Necessity) में नहीं आता। लेकिन यह आपके ऊपर है कि आप इसे अपनी वार्डरोब का हिस्सा बनाना चाहते हैं या नहीं।
क्रिकेट बेटिंग के 10 पॉपुलर टर्म्स जिसे समझना हर पंटर के लिए आवश्यक है
भारत में क्रिकेट बेटिंग लीगल ना होने के बावजूद भी ग्रे मार्केट में कई सारे लोग बेटिंग करते हैं। इसके साथ ही साथ भारत में विदेशी ऑनलाइन बुकमेकर लीगल तरीके से काम कर रहे हैं इसीलिए ऑनलाइन क्रिकेट बेटिंग की मांग भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही साथ ग्रे मार्केट/ब्लैक मार्केट में भी ऑनलाइन क्रिकेट बेटिंग की सुविधा दी जा रही है ताकि भारतीय पंटर्स को बेटिंग करने और इसके टर्म्स समझने में आसानी रहे। यदि आप पहली बार क्रिकेट बेटिंग शुरू करने जा रहे हैं तो आपको कुछ बेसिक टर्म्स समझना बहुत ही आवश्यक है। यहां हम आपको क्रिकेट बेटिंग के 10 पॉपुलर टर्म्स बताने जा रहे हैं।
क्रिकेट बेटिंग के 10 पॉपुलर टर्म्स:
जब आप क्रिकेट बेटिंग में शुरू करते हैं तो इसमें आपके सामने कुछ ऐसे टर्म्स से आते हैं, जिसे समझना बहुत ही आवश्यक है। क्योंकि इन टर्म्स को नहीं बिना समझे आपके लिए बेट लगाना मुश्किल होगा। तो चलिए अभ्मापको क्रिकेट बेटिंग के 10 पॉपुलर टर्म्स बताते हैं:
1. बुकमेकर (Bookmaker) क्या होता है ?
भारत में ऑनलाइन क्रिकेट बेटिंग के दौरान इस टर्म का अधिक नाम आता है। वह कंपनी जो बेटिंग की सुविधा उपलब्ध कराती है, उसे बुकमेकर कहते हैं। बुकमेकर दो प्रकार के हो सकते हैं: ऑनलाइन बुकमेकर और भूमि आधारित बुकमेकर। ऑनलाइन बुकमेकर अपनी सभी सुविधाएं ऑनलाइन देते हैं, जबकि भूमि आधारित बुकमेकर बेटिंग स्टॉल या क्षेत्रीय कार्यालयों के जरिए अपनी सुविधाएं देते हैं। उदाहरण के रूप में Betway, Bet365, PariMatch, इत्यादि भारत में ऑनलाइन बुकमेकर हैं, जबकि यहां पर भूमि आधारित बुकमेकर्स को काम करने की इजाजत नहीं है।
2. बुकी (Bookie) क्या होता है ?
भारत के ग्रे मार्केट में बेटिंग को ऑर्गेनाइज करने वाले व्यक्ति को बुकी कहा जाता है। बुकी का काम पंटर्स के बेट को एक्सेप्ट करना होता है और पैसे का लेनदेन करना होता है। हालांकि विदेशों में बेटिंग कंपनियों को भी बुकी कहा जाता है, क्योंकि वे आपको ऐसी सुविधा देते हैं। विदेशों में ऑनलाइन बेटिंग कंपनी को ऑनलाइन बुकी और ऑफलाइन काम करने वालों को सिर्फ बुकी कहा जाता है।
3. पंटर/ प्लेयर/ बेटर (Punter/ Player/ Bettor) क्या होता है ?
किसी भी बुकमेकर या बुकी के पास बेटिंग करने वाले व्यक्ति को पंटर या बेटर कहा जाता है। भारत में बेट लगाने वाले लोगों के किए पंटर या प्लेयर शब्द का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि विदेशों में इन शब्दों के साथ साथ बेटर (Bettor) शब्द का भी इस्तेमाल होता है।
4. फेवरेट और नॉन फेवरेट क्या होता है ?
किसी भी मैच के शुरू होने से पहले या मैच के दौरान मजबूत स्थिति में रहने वाली टीम फेवरेट होती है, जबकि कमजोर स्थिति में रहने वाली टीम नॉन फेवरेट होती है। मैच की स्थिति के अनुसार फेवरेट और नॉन फेवरेट टीम बदल सकती है।
5. भाव (Odds) क्या होता है ?
किसी भी मैच में मजबूत और कमजोर टीम के अनुसार एक भाव तय किया जाता है। मैच से पहले एक भाव दिया जाता है, लेकिन टॉस होने के बाद, प्लेइंग इलेवन घोषित होने के बाद या मैच में हो रही घटनाओं के अनुसार मैच के भाव बदलते रहते हैं। उदाहरण के रूप में भारत पाकिस्तान का मैच शुरू होने से पहले भाव 60-61 है और भारत फेवरेट है।
लेकिन यदि पाकिस्तान टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करता है तो यह भाव थोड़े ऊपर जा सकते हैं। इसके साथ ही साथ यदि पाकिस्तान टीम पहले 10 ओवरों में 2 विकेट लेकर मैच में मजबूत पकड़ बना लेता है तो या भाव बदल भी सकता है और पाकिस्तान फेवरेट होकर भारत नॉन फेवरेट हो सकती है। ऑनलाइन बेटिंग के दौरान डेसीमल ऑड्स होते हैं, यानी 60-61 के भाव को 1.60-1.61 दिखाया जाता है।
6. क्वार्टर, आधी गड्डी, एक गड्डी, आधी पेटी, एक पेटी, आधे खोखा और एक खोखा क्या होता है ?
भारत में इन शब्दों का अधिक इस्तेमाल होता है। क्वार्टर का मतलब ₹2,500, आधी गड्डी का मतलब ₹5हजार, एक गड्डी का मतलब ₹10 हजार, आधी पेटी का मतलब ₹50 हजार, एक पेटी का मतलब ₹1 लाख, आधा खोखा का मतलब ₹50 लाख और एक खोखा का मतलब ₹1 करोड़ होता है। इसी के अनुसार आप बेट के दौरान यूनिट बढ़ा सकते हैं, जैसे: 2 गड्डी (₹20,000) 3 गड्डी (₹30,000), इत्यादि।
7. खाई और लगाई (Back & Lay) क्या होता है ?
मान लीजिए कि भारत और पाकिस्तान का मैच चल रहा है जिसमें भारत फेवरेट और पाकिस्तान नॉन फेवरेट है। ऐसी स्थिति में यदि आप फेवरेट टीम भारत पर बेट लगाना चाहते हैं तो आपको लगाई (Back) करनी होगी, जबकि पाकिस्तान की जीत पर बेट लगाने के लिए खाई (Lay) करनी होगी।
यदि आपने फेवरेट टीम पर 1.60 (60 पैसे) के भाव (Odd) पर ₹10,000 लगाई की है और वह टीम मैच हार जाती है तो आपको ₹10,000 का नुकसान होगा, जबकि जीत की स्थिति में ₹6000 मिलेगा लेकिन यदि आप 1.60 (60p) के भाव पर ₹10,000 खाई करते हैं और वह टीम हार जाती है तो आपको ₹6000 का नुकसान होगा जबकि जीत मिलने पर ₹10,000 का मिलेगा।
8. लॉस कट (Loss Cut)/बुक सेट (Bookset) क्या होता है ?
मान लीजिए कि आपने जिस टीम पर बेट लगाया है और वह एकदम से जीत की ओर बढ़ रही है। मजबूत स्थिति में होने के कारण वह अच्छे से फेवरेट हो गई है और भाव काफी नीचे आ गया है, तो किसी भी जोखिम से बचने के लिए बुक सेट किया जाता है। क्योंकि क्रिकेट मैच में परिस्थिति कभी भी बदल सकती है और कभी भी मैच का रुख पलट सकता है।
क्रिकेट में कभी-कभी 3 पैसे पर नॉन फेवरेट रही टीम को जीतते भी देखा गया है। इसीलिए यदि आप किसी टीम पर कुछ राशि कन्फर्म जीत रहे हैं, तो भाव नीचे आने पर तुरंत बुक सेट कर लें, ताकि यदि किसी कारणवश मैच का रुख पलट गया तो आपको कोई नुकसान ना हो।
मान लीजिए आपने 80p के भाव पर किसी टीम पर ₹10,000 लगाई की है और वह टीम एकतरफा मैच जीत रही है, जिसके चलते भाव नीचे आकर 20p के आसपास हो गया है तो तुरंत आपको तुरंत ₹10,000 नॉन फेवरेट टीम पर खाई कर देनी चाहिए।
यानी यदि आपने पहले जिस फेवरेट टीम पर बेट लगाया था वह टीम मैच जीती तो आपको ₹6,000 का मुनाफ़ा होगा और यदि अचानक से मैच का रूख पलट गया और दूसरी टीम मैच जीत गई तो आपको कोई नुकसान नहीं होगा। बुक सेट करते समय हमेशा लगाई की गई राशि से अधिक बेट लगाएं, ताकि आपको दोनों तरफ से मुनाफा मिले। इसी प्रक्रिया को लॉस कट/बुक सेट कहा जाता है।
9. सेशन में Yes/Not (Yes/Not in Session) क्या होता है ?
किसी भी क्रिकेट मैच में मुख्यतः 6 ओवर, 10 ओवर, 15 ओवर और 20 ओवर के सेशन होते हैं। भारत के ग्रे मार्केट में फोन लाइन पर भी यही सेशन ऑपरेट किए जाते हैं। जैसे किसी मैच में 6 ओवर का सेशन 45-46 खुला हुआ है और आपको लग रहा है कि 46 या उससे अधिक रन बनेगा तो इसके लिए 46 Yes करना होगा। इसके बाद यदि 46 या उससे अधिक रन बना तो आप यह बेट जीत जायेंगे।
इसके अलावा यदि आप सोच रहे हैं कि 45 से कम इसको बनेगा तो इसके लिए आपको 45 नॉट करना होगा। ऐसी स्थिति में यदि 45 या उससे अधिक रन बन गए तो आप यह बेट हार जायेंगे। ऑनलाइन बेटिंग के दौरान Yes के लिए Back और Not के लिए Lay टर्म का इस्तेमाल होता है।
10. फैंसी बेट्स (Fancy Bets) क्या होता है ?
यदि आप भारत के ग्रे मार्केट में फोन के जरिए बेटिंग करते हैं तो आपको ऊपर बताए गए सेशन के अलावा अन्य फैंसी बेट्स लगाने को नहीं मिलेंगे। लेकिन ऑनलाइन बेटिंग के दौरान सेशन के अलावा भी कई फैंसी बेट्स उपलब्ध होते हैं, जैसे एक ओवर में रन कितने रन बनेंगे, किसी एक निर्धारित ओवर में कितना रन बनेगा, बल्लेबाज कितना रन बनाएगा, अगला विकेट कितने रन से पहले या बाद में गिरेगा, अगला विकेट कैच से गिरेगा या नहीं, गेंदबाज कितना रन खर्च करेगा, इत्यादि। इन सभी बेट्स में मैच की प्रगति के अनुसार संख्याएं बढ़ती-घटती रहती हैं, और आप सेशन की तरह कभी भी बेट लगा सकते हैं।
एफएटीएफ की ग्रे सूची में पाकिस्तान: क्या, क्यों और कैसे ?
नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को "रणनीतिक कमियों वाले क्षेत्राधिकार" की सूची में डाल दिया है, जिसे आमतौर पर ग्रे लिस्ट के नाम से जाना जाता है। इस फैसले के पीछे एफएटीएफ का तर्क है कि पाकिस्तान के पास आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए 'संरचनात्मक अभाव' (structural deficiencies) है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान के साथ ही इस सूची में इथियोपिया, सर्बिया, श्रीलंका, सीरिया, त्रिनिदाद और टोबैगो, ट्यूनीशिया और यमन को भी शामिल किया हुआ है।
हालांकि यह पहली बार नहीं हुआ है जब एफएटीएफ ( Financial Action Task Force ) ने पाकिस्तान को इस सूची डाला हो। इसके पहले भी पाकिस्तान 2008 में एफएटीएफ की सूची में रहा है। इसके बाद 2012 से 2015 तक भी पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में रहा है।
एफएटीएफ की इस लिस्ट में पाकिस्तान सबसे अहम नाम इसलिए भी बन जाता है क्योंकि पाकिस्तान इस सूची में से सबसे बड़ी आबादी और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के साथ-साथ सबसे बड़ी सेना भी रखता है।
एफएटीएफ ने अपने कानून में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद दिनों को एक साथ रखा है। इसके अनुसार मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद का वित्तपोषण दोनों वित्तीय अपराध हैं। साधारण शब्दों में, मनी लॉन्ड्रिंग का मतलब गलत तरीकों से अर्जित धन को वैध स्रोतों के माध्यम से अर्जित धन में बदलना है। इस तरह के अपराध की श्रेणी में भ्रष्टाचार, मादक पदार्थों की तस्करी, धोखाधड़ी या कर चोरी भी शामिल हो सकता है। जबकि आतंकवादी वित्तपोषण में आतंक या आतंकवादी संगठनों के समर्थन करने के लिए धन का जुटाना इसमें शामिल है।
दोनों के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर यह है कि, मनी लॉन्ड्रिंग में, अर्जित धन का स्रोत 'अपराध' होता है। वहीं आतंकवाद के वित्तपोषण में धन पूरी तरह से वैध स्रोतों से भी आ सकता है जैसे कि सामान्य नागरिकों से दान आदि से, लेकिन पैसे को इकठ्ठा करने के पीछे उद्देश्य एक आपराधिक गतिविधि को अंजाम देना होता है।
AML और CFT के अंतरराष्ट्रीय मानक
एफएटीएफ ने 40 सिफारिशों के आधार पर एएमएल ( anti-money laundering ) और सीएफटी ( combating financing of terrorism ) पर अंतर्राष्ट्रीय मानक बनाए हैं। हालांकि समय के साथ ये सूची अपडेट की जाती रही है। इस सूची में शामिल मानकों का किसी देश के पास होना आवश्यक है।
1- जोखिमों की पहचान करें, और नीतियों और घरेलू समन्वय का विकास करें
2- वित्तीय क्षेत्र और अन्य नामित क्षेत्रों के लिए निवारक उपाय लागू करें
3- सम्बंधित अधिकारियों (मुख्यतः कानून प्रवर्तन और निगरानी प्राधिकरण) और अन्य संस्थागत उपायों के लिए शक्तियों और जिम्मेदारियों को स्थापित करना
4- कानूनी व्यक्तियों और व्यवस्थाओं के लाभकारी स्वामित्व की जानकारी को पारदर्शी बनाए रखना
5- अंतरराष्ट्रीय सहयोग की सुविधा सुनिश्चित करना ।
FATF कैसे करता है किसी देश का मूल्याकंन?
एफएटीएफ अपने आकलन पद्धति के आधार पर किसी देश के प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है। इसमें तकनीकी अनुपालन, जो कानूनी और संस्थागत ढांचे और सक्षम अधिकारियों की शक्तियों और प्रक्रियाओं के बारे में होता है। इसके साथ प्रभावशीलता का आकलन, जो कि इस तथ्य पर आधारित है कि किसी देश के कानूनी और संस्थागत ढांचे किस प्रतिशत में अपेक्षित परिणाम दे रहे हैं।
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक मनी लॉन्ड्रर्स और आतंकवादी अपने अपराधों की रिपोर्ट नहीं करते हैं। इन अपराधों को सीधे मापना असंभव नहीं तो लेकिन बहुत मुश्किल है। एफएटीएफ और अन्य लोग कानूनों और उनके कार्यान्वयन का मूल्यांकन करके इन अपराधों के लिए एक देश की विश्वसनीयता को जानने की कोशिश करते हैं। लेकिन भिन्न-भिन्न संस्थाओं द्वारा पाकिस्तान का आकलन समान नहीं है।
उदाहरण के लिए बेसल एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग इंडेक्स द्वारा पाकिस्तान की रैंकिंग को देखना चाहिए। यह सूचकांक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण के जोखिम को मापने का प्रयास करता है। इस सूची में साल 2017 में पाकिस्तान को 146 देशों में से 46वें स्थान पर रखा गया है, वहीं ताजिकिस्तान (4), माली (7), केन्या (11), सिएरा लियोन (26), और पनामा (30) का भी नाम आता है लेकिन ये सभी वर्तमान में एफएटीएफ की निगरानी सूची में नहीं है।
इंस्टिट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस द्वारा ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स, जो खुद को "एक स्वतंत्र, गैर-पक्षपातपूर्ण, गैर-लाभकारी थिंक टैंक" के रूप में वर्णित करता है, यह पाकिस्तान को आतंकवाद से पांचवें सबसे प्रभावित देश के रूप में इराक, अफगानिस्तान, नाइजीरिया और सीरिया के पीछे शुमार करता है।
पकिस्तान को ग्रे सूची में रखे जाने से सबसे बड़ा खतरा यह है कि यदि पाकिस्तान ने अक्टूबर 2019 तक एफएटीएफ के मानकों को पूरा नहीं किया तो इसे ब्लैक लिस्ट में डालने की संभावना ग्रे या ब्लैक मार्केट क्या है बढ़ जाती है। फिलहाल इस ब्लैक लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं। फिलहाल पाकिस्तान पर कोई तात्कालिक खतरा नहीं है क्योंकि पाकिस्तान 2012 से 2015 तक एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में था और इसी समय वह न केवल आईएमएफ से कर्ज लेने में सफल रहा बल्कि अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड बाजारों से पैसा उठाने में उसे कामयाबी मिली थी ।
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