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डॉलर को क्या प्रभावित करता है

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अमृतसर में सोने का भाव: अमृतसर में 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने का भाव( 4th दिसंबर 2022)

सोने का निवेश, निवेश के पारंपरिक रूपों में से एक है। यहाँ तक ​​कि निवेश के अन्य विकल्पों की उपलब्धता ने भी सोने की माँग को कम नहीं किया है। सोने की माँग अमृतसर में सोने के भाव को बढ़ाती है। भारतीयों को पीली धातु बहुत पसंद होती है, जिसकी वजह से वे इसे शादियों और समारोह में पहनते हैं।

अमृतसर लाइव में आज के सोने के भाव के बारे में जानने के लिए यह लेख पढ़ें।

अमृतसर में आज का सोने का भाव क्या है?

अमृतसर सोने के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है, जहाँ कई बड़े आकार के आभूषण स्टोर हैं, जो सभी बजट और अवसरों को पूरा करने वाले सोने के गहने उपलब्ध हैं। अमृतसर में सोने की वर्तमान दर पर बार, सिक्के, आभूषण आदि के रूप में सोना उपलब्ध है।

हाल के महीनों में सोने की कीमतों में तेजी आई है। जुलाई 2020 के दौरान, कीमतों ने 50K का आँकड़ा पार कर लिया था। महामारी और धीमे बाजारों ने सोने की बढ़ती माँग में योगदान दिया। आइए देखें कि सोने के बाजार, कीमतों और शब्दावली को समझने के लिए कौन से कारक सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं।

अमृतसर में सोने का भाव कैसे निर्धारित होता है?

अमृतसर में आज का सोने का भाव ऑनलाइन और डॉलर को क्या प्रभावित करता है अखबारों में उपलब्ध है। सोने की दरें निम्न के बदलते मूल्यों से प्रभावित होती हैं:

रुपया बनाम अमेरिकी डॉलर- हमारे देश के निर्यात और आयात में होने वाले उतार-चढ़ाव सोने के भाव को प्रभावित करते हैं। भारत डॉलर में सोना आयात करता है। जब यह दर बढ़ती है, तो आयात लागत बढ़ जाती है और अमृतसर में सोने का भाव बढ़ जाता है।

मिश्र धातु की कीमतें- चाँदी, तांबा आदि की कीमतों की जांच करें, क्योंकि आमतौर पर इसे मजबूत बनाने के लिए सोने के साथ मिलाया जाता है।

सोने की दर की खबर- Khatabook जैसी प्रतिष्ठित साइटों पर लाभ और सर्वोत्तम सोने की दरों को अधिकतम करने में मदद मिल सकती है।

सोने में निवेश

आप निम्न तरीकों से निवेश के रूप में सोना खरीद सकते हैं;

फिजिकल गोल्ड- फिजिकल गोल्ड लगभग सभी को पता है। यह वह सोना है, जिसे आप छू सकते हैं और महसूस कर सकते हैं। फिजिकल गोल्ड आमतौर पर आभूषण, सिक्के और बार आदि के रूप में होता है।

गोल्ड मार्केट ट्रेड- गोल्ड स्टॉक का कारोबार ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) और स्पॉट कॉन्ट्रैक्ट्स में किया जाता है। पिछले दो वर्षों में ईटीएफ की माँग में लगातार गिरावट देखी गई है।

डिजिटल गोल्ड: यह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर खरीदा गया सोना है। Khatabook जैसे प्लेटफॉर्म से आप डिजिटल गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। आप छोटे और जमा होने वाले सोने को मैच्योरिटी तक बीमाकृत लॉकर में सहेजना शुरू कर सकते हैं। यदि आपको फिजिकल गोल्ड की आवश्यकता है, तो आप सोने के सिक्कों या बार के रूप में घर पर डिलीवरी का अनुरोध कर सकते हैं।

सोने में निवेश के लिए आवश्यक दस्तावेज:

  • 2 लाख रुपये का निवेश या उससे अधिक के लिए आपको एक पैन कार्ड और कोई अन्य पता का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।
  • गोल्ड ईटीएफ (इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडेड फंड) के लिए, किसी को ब्रोकरेज खाता और ईटीएफ विक्रेता फर्म के साथ एक डीमैट खाता खोलना होगा।
  • SGB ​​(सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड), डिजिटल गोल्ड आदि के लिए बहुत कम कागजी कार्रवाई और कोई डीमैट खाता शामिल नहीं है।
  • म्यूचुअल फंड के लिए आपको ब्रोकरेज और डीमैट अकाउंट की जरूरत होगी।

सोने के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों होता रहता है?

सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव को समझने के कुछ मुख्य कारक हैं;

माँग और आपूर्ति: माँग और आपूर्ति की स्थिति अमृतसर में आज के सोने के भाव को प्रभावित करती है। उच्च माँग और कम आपूर्ति के कारण अमृतसर में सोने के भाव में वृद्धि हुई है।

ब्याज दरें: सोने का भाव ब्याज के दरों पर निर्भर करती हैं और उनके साथ व्युत्क्रमानुपाती संबंध होता है। बढ़ती ब्याज दरें हमेशा सोने की कीमतों को प्रभावित करती हैं, जिससे सोने की खरीददारी में गिरावट देखी जाती है।

आभूषण बाजार: भारत शादियों और अन्य उत्सवों के लिए बहुत सारे सोने के गहनों का उपयोग करता है। विशेष रूप से पारंपरिक व्यवस्था में सोने के गहनों का एक बड़ा संग्रह है।

मुद्रास्फीति: बढ़ती मुद्रास्फीति दर का अर्थ है- गिरती मुद्रा दर और रुपये का अवमूल्यन। सोना मुद्रास्फीति के लिए एकदम सही पन्नी के रूप में कार्य करता है। यहाँ तक ​​कि जब यह लंबे समय तक चलता, तो यह बताता है कि उपभोक्ता सोने में निवेश क्यों करते हैं।

सरकारी भंडार: भारतीय सोने का भंडार भारत सरकार के पास होता है, जो भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से सोना बेचता और खरीदता है। सरकार द्वारा कारोबार किए जाने वाले सोने की कीमत और मात्रा के आधार पर डॉलर को क्या प्रभावित करता है सोने की कीमतों में वृद्धि या गिरावट देखी जाती है।

मुद्रा में उतार-चढ़ाव: अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने का कारोबार यूएसडी में होता है। आयात कीमतों की गणना USD (अमेरिकी डॉलर) को INR (भारतीय डॉलर को क्या प्रभावित करता है राष्ट्रीय रुपया) में परिवर्तित करके की जाती है। हालांकि, यूएसडी की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव होता है, जिससे यूएसडी और आईएनआर में कुल लागत प्रभावित होती है। इस प्रकार आयात मूल्य, बिक्री मूल्य आदि में दैनिक उतार-चढ़ाव मौजूद हैं।

आयात शुल्क: विश्व स्तर पर सोने के कुल उत्पादन में भारतीय हिस्सा 1% से भी कम है। फिर भी, अमृतसर में सोने की मांग बहुत अधिक है। भारत समग्र रूप से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोने का उपभोक्ता है। इस प्रकार सोने पर आयात शुल्क सीधे दैनिक बिक्री मूल्य को प्रभावित करता है।

अमृतसर में सोना खरीदते समय क्या चेक करना चाहिए?

कुछ आवश्यक जाँच कारक हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है:

शुद्धता का स्तर: 24K सोना शुद्ध सोना है, लेकिन यह लचीला नहीं है और इसलिए इसे अन्य धातुओं की थोड़ी मात्रा के साथ मिलाया जाता है। इस प्रकार 22K, 18K, 14K भी सोना है।

सोने की कीमत / ग्राम: सोने की दरों में न केवल दैनिक, बल्कि विभिन्न स्थानों पर भी उतार-चढ़ाव होता है। आपको सोना खरीदने से पहले अमृतसर में आज का 22 कैरेट सोने का भाव और अमृतसर में 18 कैरेट सोने का भाव प्रति ग्राम जैसे भाव को चेक कर लेना चाहिए।

बाय-बैक शर्तें: बदलते बाजारों में, ऐसे विक्रेताओं को खोजना महत्वपूर्ण है, जो आपको मौजूदा बाजार दरों पर बाय-बैक शर्तों का आश्वासन देते हैं। कई विक्रेता दिन के सोने की दरों को लॉक करने के लिए उसके वजन के आधार पर, मेकिंग चार्ज कम करके सोना खरीदते/बदलते हैं।

धातु का प्रमाणन: भारतीय मानक ब्यूरो सोने की शुद्धता को प्रमाणित करता है। सबसे लोकप्रिय 916 सोने का मतलब है कि हर 100 ग्राम सोने में 91.6 ग्राम शुद्ध सोना होता है। इसे 22K सोना भी कहा जाता है।

मेकिंग चार्ज: अमृतसर में आभूषण की अंतिम कीमत अमृतसर में आज का सोने का भाव 916 से अधिक है। इसकी गणना इस प्रकार की जा सकती है; अंतिम आभूषण मूल्य = (अमृतसर में सोने का वजन x 22-कैरेट सोने की दर) (मेकिंग शुल्क में अमृतसर में आज के सोने के भाव का लगभग 10 से 20%) (आज अमृतसर में 916 सोने के भाव पर खरीद मूल्य के 3% पर जीएसटी लागू)।

डॉलर को क्या प्रभावित करता है

कार्बन उत्सर्जन से अमेरिका ने 24 साल में भारत को 257 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचाया

शीर्ष कार्बन उत्सर्जक, अमेरिका ने 1990 से 2014 तक अन्य देशों की जलवायु को लेकर 1.9 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान पहुंचाया है।

By Dayanidhi

On: Thursday 14 July 2022

अमीर देशों के कारण जलवायु में हो रहे बदलाव के नुकसान भुगत रहे हैं गरीब देश: अध्ययन

वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में इस बात की गणना की गई है कि बड़े उत्सर्जकों ने अन्य देशों पर कितना आर्थिक प्रभाव डाला है। अध्ययन में कहा गया है कि आंकड़ों का इस्तेमाल अदालतों में और अंतरराष्ट्रीय जलवायु वार्ता में अमीर देशों से भुगतान के बारे में किया जा सकता है। ऐसे देश जो अधिक कोयला, तेल और गैस जलाते हैं जिसके उत्सर्जन से गरीब देश प्रभावित होते हैं।

आंकड़ों से पता चलता है कि समय के साथ शीर्ष कार्बन उत्सर्जक, अमेरिका ने 1990 से 2014 तक अन्य देशों की जलवायु को लेकर 1.9 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान पहुंचाया है। जिसमें सबसे ज्यादा ब्राजील को 310 अरब डॉलर तथा भारत को 257 अरब डॉलर का नुकसान हुआ।

वहीं इंडोनेशिया को 124 अरब डॉलर, वेनेजुएला को 104 अरब डॉलर और नाइजीरिया को 74 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। लेकिन साथ ही अमेरिका के अपने कार्बन प्रदूषण ने उसे 183 अरब डॉलर से अधिक का लाभ पहुंचाया।

डार्टमाउथ कॉलेज के जलवायु वैज्ञानिक और सह-अध्ययनकर्ता जस्टिन मैनकिन ने कहा कि हो सकता है सभी देश पुनर्स्थापन के लिए अमेरिका की ओर देख रहे हों। अमेरिका ने अपने उत्सर्जन से भारी मात्रा में आर्थिक नुकसान किया है और यह कुछ ऐसा है जिसके हमारे पास आंकड़े है।

प्रमुख अध्ययनकर्ता क्रिस्टोफर कैलाहन ने कहा कि विकासशील देशों ने अमीर देशों को भविष्य के लिए कार्बन उत्सर्जन को कम करने में आर्थिक रूप से मदद करने का वादा करने के लिए आश्वस्त किया है। लेकिन वैश्विक जलवायु वार्ता में क्षतिपूर्ति के बारे में कोई बात नहीं होती है। उन वार्ताओं में अमेरिका और चीन जैसे सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जक पर्दे के पीछे से मना कर रहे होते हैं। कैलाहन डार्टमाउथ में जलवायु प्रभाव शोधकर्ता हैं।

वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है कि नुकसान की भरपाई करने तथा अपने दायित्वों से बचने के लिए अधिक उत्सर्जन करने वाले अपनी भूमिका सही से नहीं निभा रहे हैं। तेजी से हो रहा भारी नुकसान विकासशील देशों को पंगु बना रहा है।

कैलहन ने बताया कि कार्बन उत्सर्जन को राष्ट्रीय स्तर पर दशकों से ट्रैक किया जा रहा है और नुकसान की गणना की गई है। उत्सर्जन करने वाले देशों के सभी बिंदुओं को इससे प्रभावित देशों से जोड़ने वाला यह पहला अध्ययन है। अध्ययन में फायदे भी शामिल हैं, जो मुख्य रूप से कनाडा और रूस जैसे उत्तरी देशों और अमेरिका और जर्मनी जैसे समृद्ध देशों में देखे जा सकते हैं।

कैलाहन ने कहा इनमें वे देश भी शामिल हैं जिन्होंने सबसे कम उत्सर्जन किया है और वे भी हैं जो ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि से नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए यह दोहरी असमानता एक मुख्य खोज है जिस पर हम जोर देना चाहते हैं।

अध्ययन में पहले कैलाहन ने पता लगाया कि प्रत्येक देश कितना कार्बन उत्सर्जित करता है और वैश्विक तापमान के लिए इसका क्या अर्थ है। बड़े जलवायु मॉडल का उपयोग करके और उस देश के कार्बन उत्सर्जन के साथ दुनिया का सिमुलेशन किया गया।

साथ ही चरम मौसम की घटनाओं के लिए उपयोग की जाने वाली वैज्ञानिक रूप से स्वीकृत एट्रिब्यूशन तकनीक का भी उपयोग किया गया। इसके बाद उन्होंने उस आर्थिक अध्ययन को जोड़ा जो प्रत्येक देश में तापमान वृद्धि और क्षति के बीच के संबंधों को दर्शाता है।

अमेरिका के बाद जिन देशों ने 1990 के बाद से सबसे अधिक नुकसान किया है अध्ययनकर्ताओं के अनुमान के मुताबिक उनमें चीन ने 1.8 ट्रिलियन डॉलर, रूस 986 अरब डॉलर, भारत 809 अरब डॉलर और ब्राजील 528 अरब डॉलर शामिल है। केवल संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन ने मिलकर दुनिया की एक तिहाई जलवायु को नुकसान पहुंचाया है।

कैलाहन ने कहा कि जिन पांच देशों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, उनमें ब्राजील, भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और इंडोनेशिया शामिल है, लेकिन ऐसा इसलिए है क्योंकि उनके पास सबसे गर्म इलाकों में रहने वाले गरीब लोगों की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं थीं।

लेकिन जिन देशों को जीडीपी के आधार पर सबसे बड़ी चोट पहुंची वे हैं यूएई, मॉरिटानिया, सऊदी अरब, ओमान और माली। ब्राजील और भारत भी उन देशों में से हैं जो सबसे अधिक उत्सर्जन और नुकसान करते हैं।

कुछ राष्ट्रों, स्थानीय समुदायों और जलवायु कार्यकर्ताओं ने सबसे बड़े ऐतिहासिक कार्बन उत्सर्जक से "जलवायु क्षतिपूर्ति" का भुगतान करने का आह्वान किया है। जिससे उनके आर्थिक लाभ के कारण उन देशों और समुदायों को नुकसान हुआ है जो पहले से ही उपनिवेशवाद और दासता जैसे उत्पीड़न से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक उत्सर्जन करने वाले देशों से नुकसान और इसके भुगतान के बारे में बहस हुई है, जो इस बात की चिंता करते हैं कि गरीब देश जलवायु वित्त का उपयोग नहीं करने जा रहे हैं।

मैनकिन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह अध्ययन शक्तिहीन और वैश्विक जलवायु परिवर्तन के सामने उन्हें सशक्त बनाने में मदद करेगा।

अध्ययन को पढ़ने वाले जलवायु समुदाय के अन्य लोगों ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए जानकारी से अधिक यह आवश्यकता है कि जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित लोगों को उनके नुकसान की भरपाई की जाए।

अध्ययन में जानकारी और आंकड़े मूल्यवान हैं, उन्होंने कहा लेकिन यह उन लोगों पर दबाव डालेगा जो जलवायु नीति को आकार देने के लिए जिम्मेदार हैं। वास्तव में अमीर देशों को उस नुकसान के लिए भुगतान करना चाहिए जो उन्होंने गरीब देशों को पहुंचाया है। यह अध्ययन क्लाइमेट चेंज नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

डॉलर को क्या प्रभावित करता है

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Alzheimer’s Association के बारे में

अल्ज़ाइमर देखभाल, सहायता एवं अनुसंधान के प्रति समर्पित विश्व के अग्रणी स्वैच्छिक स्वास्थ्य संगठन के रूप में, Alzheimer’s Association अल्ज़ाइमर रोग एवं अन्य डिमेंशिया रोगों से पीड़ित लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु प्रयास करता है। हम महत्वपूर्ण शोध वित्तपोषण प्रदान करते हैं; शिक्षण व संसाधन उपलब्ध कराते हैं; जागरूकता फैलाते हैं; और सरकारी, निजी एवं गैर-लाभकारी संस्थाओं की भागीदारी के साथ वैश्विक स्तर पर महामारी के रूप में व्याप्त अल्ज़ाइमर के समाधान के समर्थक हैं।

Alzheimer’s Association का मिशन है अनुसंधान को आगे बढ़ाने के माध्यम से अल्ज़ाइमर रोग का उन्मूलन; सभी प्रभावित लोगों को देखभाल प्रदान करना और देखभाल को परिष्कृत करना; और मस्तिष्क स्वास्थ्य में सुधार के माध्यम से डिमेंशिया के जोखिम को कम करना।

हमारा विज़न है अल्ज़ाइमर रोग से मुक्त विश्व।

हम उन लोगों को शिक्षण व संसाधन उपलब्ध कराते हैं जो अल्ज़ाइमर और डिमेंशिया से पीड़ित हैं।

अनुसंधानकर्ता स्पॉटलाइट

Alzheimer’s Association के 2013 के अनुसंधान अनुदान के वित्तपोषण की मदद से, डोलोरेस ई. गैलेगर थॉम्पसन (Dolores E. Gallagher-Thompson), पीएचडी, और स्टैनफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के उनके साथी एक वेब-आधारित देखभालकर्ता सहायता उपकरण (caregiver support tool).विकसित करने हेतु विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इस टीम को भारत के बंगलौर में, जहाँ इंटरनेट डॉलर को क्या प्रभावित करता है की पहुँच अधिक है, 430 उपयोगकर्ताओं के साथ एक परीक्षण संचालित किए जाने की उम्मीद है और निमहांस (NIMHANS) अल्ज़ाइमर रिसर्च सेंटर के साथ सहयोग प्राप्त किया गया है।

हम अल्ज़ाइमर और डिमेंशिया के अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय हैं।

  • अल्ज़ाइमर अनुसंधान में विश्व के सबसे बड़े गैर-लाभकारी वित्तपोषक के रूप में, Alzheimer’s Association अधिक प्रभावशाली उपचारों व, अंततः पूर्ण इलाज ढूँढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे मस्तिष्क स्वास्थ्य एवं रोग के बचाव संबंधी हमारे ज्ञान में गहराई आएगी।
  • Alzheimer’s Association ने 350 करोड़ डॉलर से अधिक की धनराशि अल्ज़ाइमर अनुसंधान के लिए आवंटित की है; दुनिया भर में 2,300 से अधिक वैज्ञानिकों ने हमारे International Research Grant Program (अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान सहायता कार्यक्रम).के माध्यम से वित्तपोषण प्राप्त किया है। और Italian National Centre for Alzheimer’s Disease (इटैलियन नेशनल सेंटर फ़ॉर अल्ज़ाइमर्स डिज़ीज), > की सहभागिता के साथ Alzheimer's Association ने Global Alzheimer’s Association Interactive Network (GAAIN) (ग्लोबल अल्ज़ाइमर्स एसोसिएशन इंटरेक्टिव नेटवर्क (GAAIN)), को शुरू किया है, जो कि अल्ज़ाइमर एवं डिमेंशिया अनुसंधान को गति प्रदान करने हेतु एक साझा तंत्रिकाविज्ञान ज्ञान-संग्रह केंद्र है।
  • Alzheimer's Association वर्ल्ड वाइड अल्ज़ाइमर्स डिज़ीज न्यूरोइमेज़िंग इनीशिएटिव (WW-ADNI) का एक प्रायोजक है, जो दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान समुदायों के साथ अनुसंधानों को साझा करने हेतु सहयोग से कार्य करता है और निदान के मानकों को स्थापित करता है। प्रत्येक WW-ADNI साइट से ब्रेन इमेज़िंग स्कैनों संबंधी जानकारी को इकट्ठा किया जाता है। European ADNI (E-ADNI) (यूरोपियन एडीएनआई [E-ADNI]) प्रयास के बारे में अधिक जानकारी आप Centroalzheimer.org पर प्राप्त कर सकते हैं।.
  • वार्षिक Alzheimer's Association International Conference ® (AAIC ® ), के मेजबान के रूप में हम विचारों और नए निष्कर्षों को साझा करने हेतु डिमेंशिया अनुसंधान के क्षेत्र में विश्व के अग्रणी व्यक्तियों एवं संस्थाओं को एक साथ एक मंच पर लाते हैं। विश्व के अलग-अलग स्थानों पर होने वाला यह आयोजन 65 से अधिक देशों के हजारों अनुसंधानकर्ताओं को आपस में जोड़ता है। ,के गठन द्वारा, हम उन पेशेवरों के समक्ष आपस में जुड़ने एवं साझेदारी करने की एक रूपरेखा उपलब्ध कराते हैं जो अल्ज़ाइमर एवं डिमेंशिया विज्ञान के प्रति समर्पित हैं।
  • हमारे द्वैमासिक वैज्ञानिक जर्नल Alzheimer's & Dementia, > में आलेख व अध्ययन प्रकाशित होते हैं जो डिमेंशिया के कारणों, जोखिमों, पता लगाने, रोग-सुधार करने वाले उपचारों एवं बचाव पर केंद्रित होते हैं।

हम कार्य करते हैं

  • अल्ज़ाइमर रोग इतनी विकराल समस्या है कि किसी एक संस्था या सरकार के प्रयास नाकाफी हैं। हम अल्ज़ाइमर को वैश्विक महामारी के रूप में लेते हुए जागरूकता फैलाने हेतु कार्य करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों, जिनमें गैर-लाभकारी संगठन, सरकारी एवं निजी संस्थानों के अग्रणी लोग शामिल हैं, के साथ आपसी सहयोग से काम करते हैं।
  • हम पैसा जुटाते हैं ताकि अल्ज़ाइमर अनुसंधान, देखभाल एवं सहायता में निवेश करते रहें। हमारा अंतर्राष्ट्रीय फ़ंडरेज़र, Alzheimer's Association The Longest Day®, विश्व भर की टीमों को एक साथ एक मंच पर लाता है ताकि अल्ज़ाइमर से जूझ रहे लोगों को सम्मानित किया जाए और साथ ही अभियान के लिए पैसा जुटाया डॉलर को क्या प्रभावित करता है जाए। जानें कि कैसे भागीदारी हो सकती है।
  • हम अल्ज़ाइमर से ग्रस्त लोगों के अधिकारों एवं आवश्यकताओं के पैरोकार हैं; हम इसके लिए यूनाइटेड स्टेट्स में अल्ज़ाइमर रोग के चलते होने वाली आर्थिक एवं भावनात्मक लागतों के बारे में चुने हुए पदाधिकारियों को अवगत कराते हैं, और आवाज़ उठाते हैं कि अल्ज़ाइमर अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी सरकार अधिक धनराशि उपलब्ध कराए।

Alzheimer's Association का इतिहास

अल्ज़ाइमर संबंधी तथ्य
पहले से ही विशाल जनसंख्या वाला होने के साथ-साथ जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, भारत में अल्ज़ाइमर तेजी से एक आम रोग बनता जा रहा है। डिमेंशिया वाले 60 प्रतिशत से अधिक लोग भारत जैसे निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों से हैं। यह संख्या 2050 तक 70% से अधिक हो जाएगी।

Alzheimer's Association का गठन 1980 में डॉलर को क्या प्रभावित करता है जीरोम स्टोन और ऐसे कई परिवारों के प्रतिनिधियों द्वारा किया गया था जो मानते थे कि अल्ज़ाइमर रोग से ग्रस्त लोगों की सहायता के लिए एक गैर-लाभकारी संगठन की आवश्यकता है।

लगभग तीन दशक से अधिक के बाद Alzheimer’s Association की विश्व भर में अल्ज़ाइमर से पीड़ित लाखों लोगों तक पहुँच है। अल्ज़ाइमर और अन्य डिमेंशिया रोगियों के हितों हेतु समर्पित विश्व के अग्रणी स्वैच्छिक स्वास्थ्य संगठन होने के रूप में, Alzheimer’s Association अल्ज़ाइमर अनुसंधानों को आगे बढ़ाने, कार्यक्रमों और रोगग्रस्त सभी लोगों की देखभाल में सुधार लाने में सबसे आगे है।

अमेरिका स्थित Alzheimer's Association के सह-संस्थापक होने के अलावा, श्री स्टोन Alzheimer's Disease International (अल्ज़ाइमर डिजीज़ इंटरनेश्नल) के मानद वाइस प्रेज़िडेंट के रूप में भी अपनी सेवाएँ देते हैं।.

रिजर्व बैंक ने श्रीलंका के साथ 400 मिलियन डॉलर की मुद्रा अदला-बदली के समझौते पर किए हस्ताक्षर

रिजर्व बैंक ने श्रीलंका के साथ 400 मिलियन डॉलर की मुद्रा अदला-बदली के समझौते पर किए हस्ताक्षर |_40.1

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा श्रीलंका के साथ 400 मिलियन डॉलर की मुद्रा अदला-बदली के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस विनिमय का उपयोग विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने और देश की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए जाएगा, जो COVID-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित है। यह मुद्रा अदला-बदली समझौता नवंबर 2022 तक मान्य होगा। श्रीलंका ने RBI के साथ 400 मिलियन डॉलर की मुद्रा स्वैप के समझौते पर हस्ताक्षर दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के फ्रेमवर्क तहत किए है।

क्या होता है मुद्रा अदला-बदली (Currency Swap)?


मुद्रा अदला-बदली व्यवस्था में, किसी देश का केंद्रीय बैंक, किसी अन्य देश के केंद्रीय बैंक को डॉलर प्रदान करता है, जिसे विदेशी केंद्रीय बैंक निर्धारित समय में बाजार विनिमय दर के अनुसार उस देश की मुद्रा के समान धनराशि लौटा देता है। यह समझौता दो पक्षों के बीच एक मुद्रा के बदले दूसरी मुद्रा प्राप्त करने हेतु एक निश्चित समय के लिये किया जाता है, जिसमे स्वैप करने की तिथि अगले दिन अथवा दो साल बाद की भी हो सकती हैं, हालाँकि ये लेन-देन समझौते के तहत तय की गई विनिमय दर पर ही किया जाता है।

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