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सही निवेश सलाहकार का चयन कैसे करें?

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भारत में म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?

म्यूचुअल फंड उद्योग एक प्रकार का निवेश वाहन है जो कई निवेशकों से स्टॉक, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट आदि जैसी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए धन एकत्र करता है। पेशेवर मनी मैनेजर म्यूचुअल फंड का प्रबंधन करते हैं, संपत्ति आवंटित करते हैं और निवेशकों के लिए पूंजीगत लाभ का उत्पादन करने का प्रयास करते हैं। म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो संरचित और उनके प्रॉस्पेक्टस में उल्लिखित निवेश उद्देश्यों से मेल खाने के लिए प्रबंधित होते हैं। व्यक्ति और छोटे व्यवसाय म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, जो उन्हें स्टॉक, बॉन्ड आदि के पेशेवर रूप से प्रबंधित पोर्टफोलियो तक पहुंच प्रदान करते हैं। शेयरधारक फंड के लाभ या हानि को आनुपातिक रूप से साझा करते हैं। आम तौर पर, म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन फंड के कुल मार्केट कैप में बदलाव पर आधारित होता है, जो फंड के अंतर्निहित निवेश के प्रदर्शन को जोड़कर प्राप्त किया जाता है।

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SIP Power: 500 से करें निवेश की शुरुआत, 5 साल में बदल जाएगी चाल, फिर देखते ही देखते बन जाएंगे करोड़पति!

बेहतर रिटर्न को देखते हुए आज के दौर में वित्तीय सलाहकार निवेशकों को म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश की सलाह देते हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहद आसान है. किसी भी उम्र के लोग म्‍यूचुअल फंड में SIP कर सकते हैं.

बचत का फॉर्मूला

अमित कुमार दुबे

  • नई दिल्ली,
  • 12 अक्टूबर 2022,
  • (अपडेटेड 12 अक्टूबर 2022, 12:36 PM IST)

मेरी सैलरी (Salary) बहुत कम है, मैं करोड़पति (Crorepati) कभी नहीं बन सकता. 10-20 हजार रुपये महीने कमाने वाले कैसे करोड़पति बन सकता है? अधिकतर लोगों की यही शिकायतें होती हैं. हालांकि हर कोई चाहता है कि उसके पास रिटायरमेंट के सही निवेश सलाहकार का चयन कैसे करें? बाद बड़ा फंड हो. लेकिन ये तभी संभव हो पाएगा जब आप निवेश की राह पर चलेंगे.

निवेश के लिए पहला कदम बढ़ाने के लिए मोटी रकम की जरूरत नहीं होती है. आप हर महीने नियमित तौर पर एक छोटी राशि निवेश कर बड़ा फंड जुटा सकते हैं. क्योंकि कुछ लोग निवेश की बात आते ही कहते हैं कि सैलरी थोड़ी बढ़ जाएगी, तब निवेश करेंगे. लेकिन उनके लिए वो वक्त कभी नहीं आता. वहीं कुछ लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि निवेश की शुरुआत कैसे करें, बेहतर रिटर्न के लिए कहां पैसे लगाएं?

500 रुपये से करें निवेश की शुरुआत

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अगर आप भी घर, गाड़ी, बच्चों की पढ़ाई, उनकी शादी या फिर अपने रिटायरमेंट के लिए प्लान कर रहे हैं, तो केवल 500 रुपये से निवेश की शुरुआत कर लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए आपको लगातार वर्षों तक निवेश करना होगा.

दरअलस, बेहतर रिटर्न को देखते हुए आज के दौर में वित्तीय सलाहकार निवेशकों को म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश की सलाह देते हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेहद आसान है. किसी भी उम्र के लोग म्‍यूचुअल फंड में SIP कर सकते हैं. लेकिन कम उम्र में निवेश की शुरुआत करने पर लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है. म्यूचुअल फंड में SIP तीन तरीके से शुरू कर सकते हैं.

पहला- म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) एजेंट के जरिये.
दूसरा- ब्रोकर से ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोलकर SIP सही निवेश सलाहकार का चयन कैसे करें? करें.
तीसरा- म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान में निवेश.

सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान (SIP) म्यूचुअल फंड में निवेश का एक तरीका है. इसके जरिये निवेश पर अच्छा रिटर्न (Return) पाना आसान हो जाता है. SIP के जरिए किसी भी डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड (Diversified Mutual fund) में निवेश किया जा सकता है.

अगर आपको बड़ा फंड चाहिए तो निवेश को हर महीने जारी रखना पड़ेगा. इसके अलावा आमदनी बढ़ने के साथ निवेश की राशि को भी बढ़ाने की जरूरत होगी. उदाहरण के तौर के अगर कोई 25 साल का युवा 500 रुपये से म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत करता है, तो उसे हर 6 महीने में कम से कम 500 रुपये का निवेश बढ़ाना होगा.

कैसे बनें करोड़पति?

इस तरह से 5 साल के बाद यानी 30 की उम्र में निवेश की राशि बढ़कर 5000 रुपये महीने हो जाएगी. जब आप शुरुआती दो साल के रिटर्न को देखेंगे तो उससे आपका निवेश के प्रति उत्साह बढ़ेगा.

उदाहरण के लिए अगर कोई 30 की उम्र से म्यूचुअल फंड में अगले 30 साल तक हर महीने 5000 रुपये का निवेश करता है, तो उसे 60 साल की उम्र में 1,76,49,569 रुपये मिलेगा. यह आंकलन 5 हजार रुपये महीने के निवेश पर 12% ब्याज हिसाब से लगाया गया है. अगर उसपर 15 फीसदी का ब्याज मिलता है तो फिर रिटर्न बढ़कर 3,50,49,103 रुपये हो जाएगा. वहीं अगर ब्याज 10 फीसदी भी मिलता है तो 5 हजार रुपये महीने के निवेश पर 30 साल के बाद कुल 1,13,96,627 रुपये रिटर्न मिलेगा.

गिरावट में घबराएं नहीं

एक्सपर्ट की मानें तो अगर नजरिया लंबा (Long Term) है तो फिर म्यूचुअल फंड निवेशक को नहीं घबराना चाहिए. शेयर बाजार में गिरावट का असर आपके पोर्टफोलियो पर दिखेगा. लेकिन ये शॉर्ट टर्म के लिए होता है.

हालांकि कुछ म्यूचुअल फंड ने उम्मीद के मुताबिक रिटर्न (Return) नहीं दिए हैं. छोटे निवेशकों के लिए फंड का चुनाव करना सबसे मुश्किल काम होता है, क्योंकि सही फंड का चयन करने के लिए काफी शोध की जरूरत होती है. इसलिए सही निवेश सलाहकार का चयन कैसे करें? म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले सभी पहलुओं पर विचार करें. किसी वित्तीय जानकार से सलाह जरूर लें. क्योंकि म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन होता है.

म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं और उसका एक बड़ा हिस्सा शेयर बाजारों में निवेश करती हैं. इसके बदले म्यूचुअल फंड निवेशकों से चार्ज लेती हैं. खासकर जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प है.

निवेश सलाहकार: पैसे के सही उपयोग का विशेषज्ञ

निवेश सलाहकार क्वालिफाइड फाइनेंस प्रोफेशनल होते हैं, जो कॉरपोरेट तथा व्यक्तिगत ग्राहकों को सलाह देते हैं। इनके काम में शामिल होता है एसेट का चयन, सही निवेश का विकल्प चुनना, जैसे- म्यूचुअल फंड.

निवेश सलाहकार: पैसे के सही उपयोग का विशेषज्ञ

निवेश सलाहकार क्वालिफाइड फाइनेंस प्रोफेशनल होते हैं, जो कॉरपोरेट तथा व्यक्तिगत ग्राहकों को सलाह देते हैं। इनके काम में शामिल होता है एसेट का चयन, सही निवेश का विकल्प चुनना, जैसे- म्यूचुअल फंड, इक्विटी शेयर, बांड, डिबेंचर, बीमा पॉलिसी, कमोडिटी तथा रियल एस्टेट इत्यादि। वे क्लाइंट को पूंजी जुटाने में मदद करते हैं, जैसे-प्राइवेट इक्विटी, डेट सिंडिकेशन, वेंचर कैपिटल, वेंचर डेट तथा स्ट्रक्चर्ड डेट इत्यादि। इनके कार्य में प्रत्येक निवेश विकल्प से जुड़े जोखिम तथा रिटर्न, क्लाइंट के बिजनेस की ग्रोथ की संभावना, लाभप्रदता, प्रतियोगी परिदृश्य, उसकी टीम की ताकत और चुनौतियों के बारे में पूरी समझ होना जरूरी है।

कार्य का समय
सुबह सही निवेश सलाहकार का चयन कैसे करें? 9.30 बजे:
दफ्तर पहुंच मेल चेक करना
सुबह 10 बजे: निवेश की सलाह देने वाले सौदों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए अखबारों का सही निवेश सलाहकार का चयन कैसे करें? अवलोकन करना।
सुबह 10.30 बजे: क्लाइंट के साथ कांफ्रेंस कॉल।
सुबह 11.30 बजे: पूरी टीम के साथ विचार-विमर्श
दोपहर 12.30 बजे: पहली बार उद्यमी बने

क्लाइंट से मुलाकात
दोपहर 1.30 बजे:
लंच पर मीटिंग
दोपहर 2.30 बजे: एक फाइनेंशियल फोरकास्टिंग मॉडल को अंतिम रूप और मंजूरी देना
दोपहर 4 बजे: वकीलों से बातचीत करना
सायं 5.30 बजे: प्राइवेट इक्विटी निवेशकों से फोन पर बात करना।
सायं 6.30 बजे: नवीकरणीय ऊर्जा पर रिसर्च रिपोर्ट पढ़ना
सायं 7.30 बजे: दिन के कार्य की समाप्ति

वेतन तथा पारिश्रमिक
वैसे तो इस क्षेत्र में वेतन का नियत भाग काफी औसत होता है, सही निवेश सलाहकार का चयन कैसे करें? लेकिन सौदों के परवान चढ़ने की संख्या पर वेरिएबल पे जुड़ी होने से काफी बेहतर आय हो सकती है। यहां तक कि नियत वेतन से 100 फीसदी या उससे भी ज्यादा कमाया जा सकता है।

दक्षता तथा योग्यता

मजबूत विश्लेषणात्मक क्षमता
वित्तीय आंकड़ों की बेहतर समझ
मार्केटिंग तथा रिलेशनशिप बनाने में माहिर हों
नियमों की जानकारी

कैसे हासिल करें मुकाम
पर्सनल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर बनने के लिए एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया का सर्टिफिकेशन टेस्ट पास करना अनिवार्य है। सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर सर्टिफिकेशन एक विशेष योग्यता होती है। कॉरपोरेट एडवाइजर बनने के लिए फाइनेंस में ग्रेजुएशन तथा पोस्टग्रेजुएशन अनिवार्य है।

फैक्ट फाइल
संस्थान तथा वेबसाइट

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट
www.catiim.in
फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली
www.fms.edu
नरसी मोंजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई
www.nmims.edu
इंटरनेशनल कॉलेज ऑफ फाइनेंशियल प्लानिंग, नई दिल्ली
www.icofp.org
जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई
www.jbims.edu
जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, जमशेदपुर, झारखंड
www.xlri.ac.in

फायदे एवं नुकसान
बेहतरीन पारिश्रमिक तथा कार्य संतुष्टि
कार्य के लंबे घंटे तथा कार्य में शामिल लोगों की बहुत ज्यादा अपेक्षाएं

बचत करना सीखें

एक वित्तीय सलहकार की नियुक्ति—अवश्यकता, कैसे , क्यों आदि।

परिचय

क्या आपको पता था कि एक वित्तीय सलाहकार है जो सभी प्रकार के बजट व वित्तीय समाधानों हेतु उपयुक्त है। यदि आप अपने लक्ष्यों के लिए किसी वित्तीय उत्पाद या योजना में बचत करने, निवेश करने, खरीदने की सोच रहे हैं या आपको केवल आर्थिक सलाह की आवश्यकता है, तो यह एक वित्तीय सलाहकार की नियुक्ति में आपकी सहायता कर सकता है।

एक विटीय सलाहकार आपकी अपने धन के अप्रबन्धन व आर्थिक लक्ष्यों तक पहुँचने में सहायता कर सकता है। यह पेशेवर व्यक्ति बजट निर्माण मार्गदर्शन, निवेश प्रबंधन से लेकर आपकी संपत्ति हेतु योजना बनाने तक सेवाओं की एक विस्तृत शृंखला प्रदान करते हैं। आपकी आर्थिक स्थिति, आप जो उत्पाद खोज रहे हैं, अल्प व दीर्घकालीन लक्ष्यों, आपके वित्त की वर्तमान स्थिति व व्यक्तिगत परिस्थितियों के आधार पर आप एक वित्तीय सलाहकार चुन सकते हैं।

वित्तीय सलाहकारों के प्रकार

वित्तीय सलाहकारों के अंतर्गत अनेक विकल्प होते हैं। यहाँ, परंपरागत सलाहकारों से आगे बढ़ते हुए रोबो सलाहकार के नाम से जानी जाने वाली डिजिटल सेवाओं तक आप विभिन्न प्रकार के सलाहकारों से वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं। आइये प्रत्येक प्रकार को समझें।

रोबो सलाहकार: ये डिजिटल सेवाएँ है जो सरलीकृत विकल्पों द्वारा कम लागत में निवेश प्रबंधन प्रदान करती हैं। अधिकांश बैंक, प्रमुख स्टॉकब्रोकर एवं म्यूचुअल फ़ंड हाउस रोबो सलाह सेवाएँ प्रदान करते हैं। इसके माध्यम से, आप एक ऑनलाइन फॉर्म में प्रश्नों के उत्तर देते हैं, जिससे कम्प्यूटर की आंकलन प्रणाली को आपके लक्ष्यों व जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर निवेश पोर्टफोलियो बनाने में सहायता मिलती है। अधिकांश रोबो सलाहकार शून्य से न्यूनतम प्रवेश शुल्क लेते हैं, और इस लिए एक छोटी मात्रा में धन निवेश रोबो एड्वाइज़र (सलाहकार) के माध्यम से करना एक अच्छा विचार हो सकता है। इसके अतिरिक्त, यदि आपको रिटायरमेंट जैसे आर्थिक उद्देश्यों के लिए योजना बनाने में सहायता की आवश्यकता है लेकिन आप एक सम्पूर्ण वित्तीय योजना नहीं चाहते, तो रोबो सलाह का तरीका मददगार हो सकता है।

ऑनलाइन वित्तीय योजना निर्माण सेवाएँ:रोबो सलाह सेवाओं के विकसित रूप में, ऑनलाइन फाइनेंशियल प्लानिंग सेवाएँ जो आपके धन को वर्चुअल एक्सेस प्रदान करती हैं, सर्वश्रेष्ट विकल्प हो सकती हैं। यहाँ, हालांकि, यदि आपके विशेष प्रश्न हैं तो आपको विविध प्रकार के वित्तीय सलाहकारों से परामर्श करने का अधिकार मिल सकता है। ये फाइनेंशियल प्लैनर आपको एक समग्र वित्तीय योजना प्रदान कर सकते हैं ओर ये परंपरागत वैयक्तिक रूप से सलाह से अधिक सस्ते हो सकते हैं।

परंपरागत वित्तीय सलाहकार: प्रामाणिक वैल्थ मैनेजर (वित्त प्रबन्धक), आर्थिक सलाहकार, स्टॉक ब्रोकर, पंजीकृत निवेश सलाहकार व आर्थिक योजना निर्माता (फाइनेंशियल प्लैनर) परंपरागत वित्तीय सलाहकारों के रूप में माने जाते हैं। यह विकल्प महंगा माना जाता है किन्तु ये स्लाहकार जटिल सही निवेश सलाहकार का चयन कैसे करें? परिस्थितियों के लिए अथवा यदि आप किसी सलाहकार से व्यक्तिगत रूप से सलाह लेना चाहें तो विशिष्ट सेवाएँ प्रदान करते हैं।

वित्तीय सलाहकार को नियुक्त करने के लाभ

जब आप ठोस वित्तीय सलाह व सुझावों के आधार पर एक निवेश प्रोजेक्ट ख़रीदते हैं तो आपको, अवश्य ही ऐसा उत्पाद मिलता है जो आपकी अवश्यकताओं को पूरा करता है और आपकी विशेष परिस्थितियों से संबन्धित होता है। एक वित्तीय सलाहकार आपको आप स्वयं जितना कर पाएँ उससे अधिक चयन की व्यापक श्रेणी प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, एक वित्तीय सलाहकार आपको आपके आर्थिक जोखिम को कम करने में सहायता कर सकता है, आपके निवेशों में मुद्रा स्फीति के जोखिम को घटा सकता है, आपके सही निवेश सलाहकार का चयन कैसे करें? पोर्टफोलियो का समय समय पर पुनरावलोकन कर सकता है और यह सुनिश्चित कर सकता है कि आपके निवेश अपने पूरे समय में बढ़ते रहें।

सही वित्तीय सलाहकार का चयन

सटीक व ज्ञानपूर्ण आर्थिक सलाह को पाना बहुत मुश्किल हो सकता है। एक सलाहकार को नियुक्त करते समय उसकी योग्यता व ज्ञान पर व उसके परामर्श शुल्क पर ध्यान दें। आपको आत्मनिर्भर सलाहकार भी मिल सकते हैं --अर्थात वे जो बाज़ार में उपलब्ध सभी आर्थिक उत्पादों के विषय में विशेषज्ञता पूर्ण परामर्श देते हैं। दूसरी और, कुछ वित्तीय सलाहकार वे हैं जो एक निश्चित संख्या में प्रदाताओं से आने वाले आर्थिक उत्पादों के विषय में केवल एक विशिष्ट या सीमित सेवा प्रदान करते हैं। विभिन्न प्रकार के वित्तीय सलाहकारों को यह जानने के लिए कि वे आपके लिए क्या कर सकते हैं समझें। अपने लिए सही व्यक्ति को चुनने के लिए वह व्यक्ति जिसके विषय में आप विचार कर रहे हैं, उसका विवरण देखें या उस कंपनी की पड़ताल करें जिससे वह व्यक्ति जुड़ा हुआ है।

निष्कर्ष

​​​​​​​ऐसे वित्तीय सलाहकार को ढूंढें जो सही निवेश सलाहकार का चयन कैसे करें? आपको बाज़ार का संतुष्टिप्रद विश्लेषण और सभी क्षेत्रों व व्यवसायों के समस्त आर्थिक उत्पादों के विषय में सलाह देता हो। एक वित्तीय सलाहकार के होने से आपको वह महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकती है जिसकी आपको अपने धन के विषय में योजना बनाने, उसे प्रबंधित करने और आपके वित्त को बढ़ाने हेतु आवश्यकता है।

स्कीम के चयन प्रक्रिया में एक निवेश सलाहकार या म्यूच्यूअल फंड वितरक की क्या भूमिका है ?

स्कीम के चयन प्रक्रिया में एक निवेश सलाहकार या म्यूच्यूअल फंड वितरक की क्या भूमिका है ?

सामान्यतः, जब लोग स्वतः स्कीम का चयन करते हैं, उस स्कीम के प्रदर्शन को मद्देनज़र रख करते हैं| इस बात पर तवज्जो नहीं होती कि पिछले प्रदर्शन उसी तरह जारी नहीं भी रह सकते हैं| निहित गुन्वत्ताओं द्वारा जैसे स्कीम का उद्देश्य, निवेशजगत, फंड द्वारा लिए गए जोखिम आदि, स्कीम विशेष की कार्यप्रणाली को जांचने में सहायक होते हैं| इन सबके लिए निवेशक को वक़्त और कोशिश दोनों लगाने पड़ते हैं| अलावा इसके, एक निवेशक के पास प्रयोजनीय दक्षता भी होनी चाहिए जो उसे स्कीम की विशेषताओं और बारीकियों को समझने में मददगार साबित हों, उसमे ये क्षमता भी हो जिससे वो विभिन्न विकल्पों का तुलनात्मक विश्लेषण भी कर पाए| निवेश सलाहकार और म्यूच्यूअल फंड वितरक इस कार्य को अंजाम देने के काबिल हैं और प्रशिक्षित भी|

दूसरे, सबसे बेहतर स्कीम में निवेश से भी ज़्यादा ज़रूरी है उस स्कीम में निवेश हो जो निवेशक के मौजूदा हालात में ज़्यादा उपयुक्त सिद्ध हों| यद्यपि निवेशक की अवस्था उससे बेहतर और कोई नहीं जानता, एक अच्छा सलाहकार या वितरक सही प्रश्नों की मदद से हालत को सही परिपेक्ष्य में प्रस्तुत करता है|

एक बार पोर्टफोलियो बन जाने पर, पोर्टफोलियो और स्कीम की विशेषताओं पर नियमित निगरानी ज़रूरी है, जो एक अविरत कार्य है| एक सलाहकार/वितरक इन स्कीमों की समीक्षा में भी सहायक होता है|

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