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कैसा है बाजार का वैल्‍युएशन

कैसा है बाजार का वैल्‍युएशन
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Repco Home Fin में तेजी और Metropolis में गिरावट की क्या है वजह, जानिए आगे कैसी रहेगी इनकी चाल

बाजार की हर खबर पर सीएनबीसी-आवाज़ की नजर है। आवाज़ की मार्केट मंडली हर उस शेयर की कुंडली खोलेगी जिसमें एक्शन है। हर दिन आवाज़ की टीम अपने सहयोगियों के साथ उन शेयरों पर चर्चा करेगी जिन पर बाजार का फोकस है। आज यहां हम खबरों के एक्शन और बाजार का रिएक्शन का विश्लेषण करते हुए फार्मा शेयरों में गिरावट और Repco Home Fin में आई तेजी पर।

आइए डालते है सबसे पहले एक नजर कि क्यों फार्मा शेयरों में गिरावट हो रही है?

सुमित मल्होत्रा का कहना है कि फार्मा कंपनियों के शेयर साल के निचले स्तर पर फिसल गई है। वैल्युएशन में कटौती से इस सेक्टर में बिकवाली आई है। इधर PharmEasy ने भी IPO वापस लिया है। कम वैल्युएशन पर रकम जुटाने की खबरों के बीच IPO वापस लिया है। पिछले साल के मुकाबले 25% कम वैल्युएशन पर रकम जुटाने की खबरें है। बढ़ते कंपटीशन, कमजोर मार्जिन का वैल्युएशन पर असर फार्मा स्टॉक्स पर दिख रहा है।

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Metropolis शेयर की चाल पर नजर डालें तो 1 हफ्ते में यह स्टॉक 8 फीसदी टूटा है जबकि 1 महीने 12 फीसदी और 1 साल में 50 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं 1 साल यह स्टॉक 50 फीसदी गिरा है। वहीं 1 साल में Thyrocare में 50 फीसदी और Dr Lal Pathlab में 36 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।

Repco Home Fin में तेजी क्यों , जानिए वजह

सुमित मल्होत्रा का कहना है कि Repco Home Fin के शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है। 1 हफ्ते में यह स्टॉक 59 फीसदी भागा है। दरअसल Omnis Investments ने कंपनी में हिस्सा खरीदा है। जिसके बाद इस स्टॉक में तेजी देखने को मिली है। Omnis Investments यूके की एसेट मैनेजमेंट कंपनी है। Omnis Investments ने 232 के भाव पर 4.77 लाख शेयर खरीदे है।

शेयर बाजार पर विदेशी निवेशकों का भरोसा बरकरार, खरीद डाले 30,385 करोड़ रुपए के शेयर

उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर बात की जाए, तो अमेरिका में महंगाई अनुमान से कम बढ़ी है, जिससे यह संभावना बनी है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में आक्रामक तरीके से बढ़ोतरी नहीं करेगा. इससे धारणा में सुधार हुआ है और भारतीय बाजार में FPI का निवेश बढ़ा है.

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) का भारतीय शेयर बाजारों में आक्रामक खरीदारी का सिलसिला जारी है. नवंबर में अबतक उन्होंने शेयरों में 30,385 करोड़ रुपए का निवेश किया है. भारतीय रुपए के स्थिर होने और दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत होने की वजह से विदेशी निवेशक एक बार फिर भारत पर दांव लगा रहे हैं.

FPI का रुख बहुत आक्रामक नहीं रहेगा

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा कि आगे चलकर FPI का रुख बहुत आक्रामक नहीं रहेगा, क्योंकि हाई वैल्युएशन की वजह से वे अधिक खरीदारी से बचेंगे. उन्होंने कहा कि इस समय चीन, दक्षिण कोरिया और ताइवान के बाजारों में वैल्युएशन काफी आकर्षक है. साथ ही FPI का पैसा उन बाजारों की ओर जा सकता है.

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से 18 नवंबर के दौरान FPI ने शेयरों में शुद्ध रूप से 30,385 करोड़ रुपए डाले हैं. इससे पहले पिछले महीने यानी अक्टूबर में उन्होंने भारतीय बाजारों से शुद्ध रूप से आठ करोड़ रुपए निकाले थे. सितंबर में उन्होंने 7,624 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी. सितंबर से पहले अगस्त कैसा है बाजार का वैल्‍युएशन में FPI ने 51,200 करोड़ रुपए की खरीदारी की थी. वहीं जुलाई में वे 5,000 करोड़ रुपए के खरीदारी रहे थे. इससे पहले पिछले साल अक्टूबर से लगातार नौ माह तक FPI बिकवाली बने रहे थे.

अन्य के मुकाबले भारत की स्थिति बेहतर

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि FPI के हालिया निवेश की वजह भारतीय शेयर बाजारों में तेजी, इकोनॉमी में स्थिरता और अन्य करेंसीज की तुलना में रुपए की स्थिति बेहतर रहना है.

उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर बात की जाए, तो अमेरिका में महंगाई अनुमान से कम बढ़ी है, जिससे यह संभावना बनी है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में आक्रामक तरीके से बढ़ोतरी नहीं करेगा. इससे धारणा में सुधार हुआ है और भारतीय बाजार में FPI का निवेश बढ़ा है.

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हालांकि, समीक्षाधीन अवधि में FPI ने डेट या बॉन्ड बाजार से 422 करोड़ रुपए निकाले हैं. इस महीने में भारत के अलावा फिलिपीन, दक्षिण कोरिया, ताइवान और थाइलैंड के बाजारों में भी FPI का फ्लो पॉजिटिव रहा है.

बाजार रोज बना रहा है रिकॉर्ड; मुनाफे की तैयारी कर लें म्यूचुअल फंड निवेशक, बनाएं सटीक स्ट्रैटेजी

शेयर बाजार जब रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है और बहुत से शेयरों में अच्छी खासी तेजी आ चुकी है. ऐसे में क्या म्यूचुअल फंड निवेशकों को दूसरे एसेट क्लास से पैसे निकालकर इक्विटी में लगाना चाहिए.

बाजार की रिकॉर्ड तेजी में म्यूचुअल फंड निवेशकों को मुनाफे कमाने के लिए सही स्ट्रैटेजी बनाकर कैसा है बाजार का वैल्‍युएशन निवेश करना जरूरी है. (image: pixabay)

Mutual Fund Strategy: शेयर बाजार लगातार रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बना रहा है और बाजार की इस तेजी में कई स्टॉक ने निवेशकों को मालामाल कर दिया है. इस साल अबतक सेंसेक्स ने जहां 16.5 फीसदी रिटर्न दिया है, वहीं निफ्टी में 18.5 फीसदी तेजी आई है. हालांकि इस तेजी में इक्विटी का वैल्युएशन भी बहुत ज्यादा हो चुका है. अब सवाल उठता है कि म्यूचुअल फंड के जरिए इक्विटी में पैसे लगाने वाले निवेशकों को आगे भी मोटा मुनाफा कमाने के लिए क्या करना चाहिए. क्या उन्हें डेट या दूसरे एसेट क्लास से पैसे इक्विटी में ट्रांसफर करने चाहिए. या ज्यादा लालच की बजाए कैसा है बाजार का वैल्‍युएशन एसेट अलोकेशन स्ट्रैटेजी पर चलना चाहिए. SIP निवेशकों को टॉप अप करना चाहिए या गिरावट पर निवेश बढ़ाना चाहिए.

क्या पूरा पैसा इक्विटी में ट्रांसफर करें

BPN फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि बाजार का वैल्युएशन हाई है. यहां अगर कोई भी निगेटिव सेंटीमेंट आता है तो बाजार में एक करेक्शन देखने को मिल कैसा है बाजार का वैल्‍युएशन सकता है. हालांकि अभी बाजार को लेकर बहुत ज्यादा चिंता नहीं दिख रही है, फिर भी निवेशकों को ज्यादा लालच में नहीं आना चाहिए. अगर पहले से एसेट अलोकेश स्ट्रैटेजीर पर चल रहे हैं तो उस पर फिलहाल बने रहें. ऐसा नहीं होना चाहिए कि डेट या एसेट क्लास में किसी गोल के तहत निवेश किया है तो उसमें से पैसे निकालकर इक्विटी में लगाएं. बाद में अगर बाजार करेक्शन के बाद सही वैल्युएशन पर आता है तो डेट या देसरे एसेट से धीरे धीरे इक्विटी में ट्रांसफर करें.

अगर आप ए म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स हैं तो एसेट अलोकेशन फंड में पैसे डाल सकते हैं. यहां आपका पैसा इक्विटी औ डेट के अलावा गोल्ड व दूसरे एसेट में भी निवेश होता है. इससे बाजार को जोखिम कम होगा. इक्विटी में करेक्शन कैसा है बाजार का वैल्‍युएशन आता भी है तो दूसरे एसेट क्लास में यह नुकसान कवर हो सकता है.

इमरजेंसी फंड को ना टच करें

अगर आप म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स हैं और शॉर्ट टर्म मेच्योरिटी वाली स्कीम में आपने इमरजेंसी फंड तैयार करने के लिए निवेश किया है, तो वह पैसा बिल्कुल ना टच करें. इमरजेंसी फंड को बने रहने दें और कीम के मेच्योर होने का इंतजार करें. अगर स्कीम मेच्योर हो चुकी है तो वापस आप उस फंड को इमरजेंसी फंड के रूप में इन्वेस्ट कर दें.

निगम का कहना है कि SIP में निवेश जारी रखें. लंबी अवधि का लक्ष्य लेकर ही चलें. वहीं अगर बाजार में कमजोरी आती है तो SIP को टॉप अप कराएं. इससे गिरावट के बाद बाजार में तेजी आने का आपको पूरा फायदा मिलेगा.

रिकॉर्ड हाई बाजार में कहां और कैसे करें निवेश, जानिए अगली दिपावली तक किन सेक्टर में मिलेगा शानदार रिटर्न

भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) की मजबूत शुरुआत

  • moneycontrol.com
  • Last Updated : November 03, 2021, 09:08 IST

मुंबई . भारतीय शेयर बाजार इस समय रिकॉर्ड हाई पर चल रहे हैं. ऐसी स्थिति में तमाम मार्केट एक्सपर्ट निवेशकों को सतर्क निवेश करने की सलाह दे रहे हैं. पिछले एक साल में भारतीय शेयर बाजार ने शानदार रिटर्न दिया है. पिछली दिपावली से इस बार तक निफ्टी ने 45 परसेंट का रिटर्न दिया है. सीएनबीसी-आवाज पर Envision Capital के MD & CEO निलेश शाह ने विशेष बातचीत की और निवेश के मंत्र बताए.

अगली दिवाली तक कैसा रहेगा बाजार
निलेश शाह ने कहा कि पिछला एक साल बाजार में तेजी की धूम रही. वर्तमान माहौल को देखते हुए लगता है कि बाजार में आगे भी तेजी जारी रहेगी क्योंकि बाजार में हर तरफ तेजी का माहौल है. निवेश के मामले में पूरी दुनिया को भारतीय इकोनॉमी पर काफी भरोसा है. वहीं इकोनॉमी में मजबूती से बाजार में तेजी का माहौल कायम है.

FIIs रहे नेट बॉयर्स

रिपोर्ट के अनुसार अक्‍टूबर में भारतीय बाजारों का प्रदर्शन ग्‍लोबल पियर्स की तुलना में बेहतर रहा है. FIIs की बात करें तो उन्‍होंने बाजार से 100 करोड़ डॉलर निवेश किए हैं. जबकि सितंबर में 160 करोड़ डॉलर निकाले थे. अक्‍टूबर में DIIs नेट बॉयर्स रहे. वहीं इस साल DIIs ने 3000 करोड़ डॉलर का निवेश किया.

अक्‍टूबर में भारत की बात करें तो PSU Banks इंडेक्‍स में 16 फीसदी तेजी रही, Capital Goods इंडेक्‍स में 7 फीसदी तेजी रही. टेक्‍नोलॉजी इंडेक्‍स में 6 फीसदी तेजी रही तो प्राइवेट बैंक इंडेक्‍स में 6 फीसदी तेजी रही है. जबकि कंज्‍यूमर और मीडिया इंडेक्‍स में कमजोरी रही.

कैसा है बाजार का वैल्‍युएशन

ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि बाजार का वैल्‍युएशन कंफर्टेबल है. निफ्टी के लिए 12 मंथ फारवर्ड P/E अभी 18.8के मल्‍टीपल पर है. जबकि 12 मंथ ट्रेलिंग P/E अभी 21.8 के मल्‍टीपल पर है जो LPA से 9 फीसदी ज्‍यादा है. मार्केट कैपिटलाइजेशन टु GDP रेश्‍यो FY22 के हाई से गिरा है, लेकिन 100 फीसदी लेवल के पार बना हुआ है.

2QFY23 में कॉरपोरेट अर्निंग नुमान के मुताबिक रहे हैं. हैवीवेट शेयरों में RIL, HDFC Bank, TCS, ICICI Bank और Infosys के नतीजे अनुमान के मुताबिक रहे हैं. ब्रोकरेज द्वारा कवर किए जाने वाले कंपनियों में 70 फीसदी की अर्निंग या तो उम्‍मीद के मुताबिक या बेहतर रही है. BFSI और ऑटो में अच्‍छी ग्रोथ देखने को मिल रही है. कमोडिटी की कीमतों में नरमी का फायदा कंपनियों की अर्निंग पर दिखा है. निफ्टी अभी 22x FY23E पर ट्रेड कर रहा है. यह कंफर्ट रूप से LPA के पार है और नियर टर्म में इसमें लिमिटेड तेजी की गुंजाइश है. ब्रोकरेज हाउस ने BFSI, ऑटो, कंज्‍यूमर और IT पर ओवरवेट रेटिंग दी है. जबकि एनर्जी, फार्मा और यूटिलिटीज पर अंडरवेट की.

टॉप लार्जकैप स्‍टॉक

रिलायंस इंडस्‍ट्रीज (RIL), Infosys, ICICI Bank, SBI, भारती एयरटेल (Bharti Airtel), ITC, Maruti Suzuki, Titan Company, अल्‍ट्राटेक साीमेंट, IndusInd Bank, Hindalco, अपोलो हॉस्पिटल्‍स, मैक्रोटेक डेवलपर्स

वरुण बेवरेजेज, Ashok Leyland, जुबिलेंट फूडवर्क्‍स, Metro Brands, विनाती ऑर्गेनिक्‍स, Cams Services, Angel One, लेमन ट्री होटल, VRL लॉजिस्टिक्‍स

(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

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