एक ब्रोकर में निवेश करें

- प्रसिद्ध कंपनियों की सहायक कंपनियां है। मुख्यतः ये सहायक कंपनियां मूल कंपनी के भाग होते है, जैसे एचडीएफसी सिक्योरिटीज अनलिस्टेड स्टॉक्स है परन्तु यह एचडीएफसी बैंक का हिस्सा है।
- अन्य प्रकार के अनलिस्टेड कंपनियां जो मुख्यतः वित्तीय, तकनिकी या संचार आदि क्षेत्र में शामिल है जैसे ड्रीम 11 कंपनी शामिल है।
ETF की सीमाएं क्या हैं?
ETF निष्क्रिय(पैसिव) निवेश के साधन होते हैं जो मुख्य इंडेक्स को ट्रैक करते हैं और एक्सचेंज में शेयरों की तरह उनमें कारोबार होता है। लेकिन एक्सचेंज में किसी ब्रोकर के माध्यम से ETFs खरीदे या बेचे जाने चाहिए। ETFs में कारोबार करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना ज़रूरी है और आपको हर ट्रांज़ैक्शन के लिए ब्रोकर को कमीशन देनी होगी। अगर आप ETFs की रीयल-टाइम ट्रेडिंग का फ़ायदा उठाने के लिए उनमें कारोबार करने की इच्छा रखते हैं, तो कमीशन से जुड़ा खर्च समय के साथ आपके रिटर्न को कम कर सकता है।
दूसरी बात, ETF रुपया-लागत औसत का लाभ पेश नहीं करते जो म्यूचुअल फंड्स में SIP के माध्यम से उपलब्ध होता है। अगर आप ETFs में नियमित रूप से निवेश करना चाहते हैं, तो आपको हर ट्रांज़ैक्शन पर कमीशन से जुड़ा खर्च उठाना होगा। ETF ग्रोथ और डिविडेंड जैसी विशेषताएं पेश नहीं करते जहाँ निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्यों के लिए सबसे अच्छा विकल्प चुन सकते हैं। उदाहरण के लिए, ETFs नियमित आमदनी चाहने वाले किसी सेवानिवृत्त व्यक्ति या नियमित रूप से डिविडेंड का भुगतान चाहने वाले किसी व्यक्ति की ज़रूरतों को पूरा नहीं कर सकते।
कुछ ETF विशेष या सेक्टर विशिष्ट होते हैं और उनमें कम कारोबार होता है। ETF में ट्रांज़ैक्शन करते हुए निवेशक बोली/मांग(bid/ask) के व्यापक प्रसार (ETF की मौजूदा कीमत और उसकी NAV में अंतर) का सामना कर सकते हैं। यद्यपि ETFs इंट्राडे ट्रेडिंग के मौके पेश करते हैं जो छोटी अवधि में आकर्षक हो सकते हैं, वे किसी लंबी-अवधि की वित्तीय योजना के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।
एक ब्रोकर में निवेश करें
Written by Web Desk Team | Published :November 17, 2022 , 12:46 pm IST
महंगाई का मुकाबला करने के लिए, शेयर बाजारों और अन्य फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट में निवेश और ट्रेडिंग पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है. यदि आप अपनी गाढ़ी कमाई को केवल फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे ट्रेडिशनल फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट (traditional financial instrument) में सेव करते हैं, तो आप अपने फाइनेंशियल गोल को पूरा करने से पीछे रह सकते हैं.
एक बिगिनर के रूप में आपको शेयर बाजार चुनौतीपूर्ण लग सकता है, हालांकि हम आपको आश्वस्त करते हैं कि ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखना बहुत आसान है. ऑनलाइन ट्रेडिंग के आने से पहले, जो व्यक्ति बॉन्ड, शेयर, या अन्य सिक्योरिटीज जैसे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट को खरीदना या बेचना चाहते थे, उन्हें अपनी ब्रोकरेज फर्मों से संपर्क करना पड़ता था और उन्हें उनकी ओर से लेनदेन की व्यवस्था करने के लिए कहना पड़ता था. इसके बाद, प्राइस चेक करने, कॉन्ट्रैक्ट वेरीफाई करने और अंत में ट्रेड की पुष्टि करने की एक लंबी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता एक ब्रोकर में निवेश करें था. हमें उस फीस को नहीं भूलना चाहिए जो ये ट्रेडिशनल ब्रोकर सर्विस के लिए मांगते थे. फिर आया डिस्काउंट ब्रोकर्स या ऑनलाइन ब्रोकर्स का युग, जिसने खेल को पूरी तरह से बदल दिया. इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग जो पहले कुछ चुनिंदा लोगों के लिए विशेष रूप से उपलब्ध थी अब बहुत बड़ी संख्या में आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया है.
ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है?
ऑनलाइन ट्रेडिंग फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट को ऑनलाइन खरीदने और बेचने का एक सुविधाजनक तरीका है. इन लेन-देन को ऑनलाइन ब्रोकर्स के माध्यम से आसान बनाया जा सकता है जो इक्विटी, कमोडिटीज, बॉन्ड, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड, फ्यूचर्स आदि जैसे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश करते हैं.
ऑनलाइन ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं?
किसी भी समय कहीं से भी ट्रेड करने की सुविधा: यदि आपके पास स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन तक पहुंच है तो आप अपने मोबाइल ट्रेडिंग ऐप से किसी भी समय (बाजार के घंटों के दौरान) कहीं से भी ट्रेड/निवेश कर सकते हैं.
अपने निवेश को रियल-टाइम के आधार पर ट्रैक करें और निवेश का निर्णय आसानी से लें: आप अपने निवेश और ट्रेंड्स को एक ही प्लेटफॉर्म पर ट्रैक कर सकते हैं. अधिकांश प्लेटफ़ॉर्म ढेर सारे डेटा पॉइंट भी प्रदान करते हैं जिनसे आप खुद भी रिसर्च कर स्टॉक और अन्य वित्तीय साधनों में ट्रेड कर सकते हैं. यह आपको स्मार्ट निवेश और ट्रेडिंग डिसीजन लेने में मदद कर सकता है. जब भी आप अपने फोन या कंप्यूटर से लॉग इन करते हैं तो आप रीयल-टाइम प्रॉफिट या लॉस देख सकते हैं.
ट्रेड करने से पहले अपने ब्रोकर से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं: आपको कोई भी लेनदेन करने से पहले अपने ब्रोकर से बात करने की भी आवश्यकता नहीं है. इनफॉर्म्ड इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग डिसीजन लेने के लिए, आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखनी चाहिए और डेटा पॉइंट, पैटर्न, ट्रेंड और प्राइस मूवमेंट की समझ प्राप्त करनी चाहिए.
शुरुआती लोग ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते हैं?
1) ब्रोकर का चयन करें: शुरुआती लोगों के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग में पहला कदम यह निर्धारित करना है कि ब्रोकर वैध है या नहीं. यह देखना होगा कि यह सेबी पंजीकृत ब्रोकर है या नहीं. हर एक ब्रोकर में निवेश करें एक ब्रोकर को अपनी सेबी पंजीकृत आईडी को अपनी आधिकारिक वेबसाइटों पर डिस्प्ले करना जरूरी है. एक बार जब आप ब्रोकर की वैधता चेक कर लेते हैं, तो आपको दो प्रकार के ऑनलाइन ब्रोकरों में से चुनना होगा:
– डिस्काउंट ब्रोकर या
– फुल-सर्विस ब्रोकर्स
एक डिस्काउंट ब्रोकर आपको कम शुल्क में सभी आवश्यक ट्रेडिंग टूल प्रदान करेगा, एक फुल-सर्विस ब्रोकरेज फर्म आपको उच्च शुल्क में निवेश सलाह प्रदान करेगी. इस प्रकार आपकी आवश्यकताओं के आधार पर, आप यह तय कर सकते हैं कि आप डिस्काउंट ब्रोकर या फुल-सर्विस ब्रोकर के साथ जाना चाहते हैं. असल में, डी-आई-वाई ट्रेडर बनने के लिए इंटरनेट पर कई संसाधन उपलब्ध हैं जिनके माध्यम से आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और शेयर बाजारों के बारे में सीख सकते हैं. आप डिस्काउंट ब्रोकरेज चुन सकते हैं. यदि आपके पास अपने दम पर ट्रेड करने का ज्ञान है, यदि आप निवेश करना चाहते हैं, लेकिन आपके पास बाज़ार का समय या समझ नहीं है, तो एक फुल-सर्विस ब्रोकरेज अकाउंट एक बेहतर विकल्प हो सकता है.
2) डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलें: शुरुआती लोगों के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए अगला कदम और आरंभ करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना है. डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है जहां यह आपके स्टॉक, एमएफ इत्यादि को डीमैटरियलाइज्ड रूप में रखता है जैसे बैंक आपकी नकदी रखता है. जबकि, ट्रेडिंग अकाउंट एक इंटरफ़ेस है जिससे आप एक्चुअल ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. इन दिनों डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना बेहद सहज, तेज और पेपरलेस हो गया है. एक बार जब आप कुछ बेसिक डॉक्यूमेंट प्रस्तुत कर देते हैं तो आप उसी दिन से ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.
3) ट्रेडिंग शुरू करें: निवेश या ट्रेडिंग शुरू करने से पहले, ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखना, शेयर बाजारों का कुछ ज्ञान हासिल करना और वर्चुअल ट्रेडिंग का अभ्यास करना एक अच्छा आईडिया है. एक बार जब आप इसे जान लें तो अपने ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से ट्रेडिंग शुरू करें. D-I-Y (do-it-yourself) इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग को आसान बनाने के लिए अपने ब्रोकर के प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध विभिन्न टूल्स का उपयोग करें.
निष्कर्ष ये है कि शेयर बाजार में शुरुआत करने के लिए आपको एक ऑनलाइन ब्रोकर का चयन करना होगा, एक डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलना होगा और ट्रेडिंग शुरू करनी होगी. सुनिश्चित करें कि आप अपने ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म और वेब पर उपलब्ध लर्निंग मटेरियल और टूल्स का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करते हैं
स्टॉक मार्किट में निवेश कैसे करें? How to invest in Stock Market in India.
स्टॉक मार्किट में निवेश करने वाले इच्छुक व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के documents और प्रक्रियाएं करनी पड़ती हैं जिनका वर्णन हम Step by step निम्नवत करेंगे। लेकिन उससे पहले व्यक्ति को शेयर बाज़ार की परिभाषा और शेयरों के प्रकार को समझना अति आवश्यक है। हमने तो अपने दैनिक जीवन में बहुत बार सुना है, शायद आपने भी अनेक लोगों के मुहं से सुना होगा की ‘’आज क्या हाल है शेयर बाज़ार का’’ ये सभी वे लोग होते हैं जिनका पैसा शेयर मार्किट में लगा होता है।
यदि आप भी इनमे से एक बनना चाहते हैं और जानना चाहते हैं की स्टॉक मार्किट में निवेश कैसे करें। तो आज हम आपको बताने वाले हैं कुछ Simple se steps जिनका अनुसरण करके एक सामान्य व्यक्ति भी stock market me invest कर सकता है।
स्टॉक मार्किट में निवेश करने के आसान कदम
स्टॉक मार्किट में निवेश कैसे करें (How to invest in stock market in Hindi):
स्टॉक मार्किट में निवेश करने से पहले एक ब्रोकर में निवेश करें व्यक्ति को यह जान लेना बेहद जरुरी है की जिस प्रकार या जितनी जल्दी इससे Kamai होती है । ठीक उसी प्रकार एक छोटी सी गलती इसमें व्यक्ति के पैसों को डूबा भी सकती है। इसलिए व्यक्ति को शेयर बाज़ार के रिस्क के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।
1. बैंक खाता ओपन करें
वैसे तो आज के समय में हर व्यक्ति का किसी न किसी बैंक में कोई न कोई बैंक खाता अवश्य होता है लेकिन यदि नहीं है तो स्टॉक मार्किट में निवेश करने वाले व्यक्ति को सबसे पहले किसी बैंक में अपना खाता खुलवाना होगा। क्योंकि Brokerage Company से व्यक्ति को कमाए गए पैसे चेक के रूप में दिए जा सकते हैं। और व्यक्ति तभी cheque clear कर पायेगा जब उसका किसी बैंक में खाता होगा।
2. पैन कार्ड बनवाइए
Permanent account number (PAN) किसी भी प्रकार की कोई भी वित्तीय Transaction के लिए बेहद जरुरी होता है, इस 10 digit के नंबर को भारत सरकार का आयकर विभाग जारी करता है। हालाँकि PAN Card विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे बैंक में खाता खोलने के लिए, Mutual fund में Invest करने के लिए एवं बहुत सारे वित्तीय कार्य करने के लिए चाहिए होता है। इसलिए Stock market me invest करने के लिए भी PAN की आवश्यकता होती है।
3. ब्रोकर सेलेक्ट कीजिये
शेयर खरीदना और बेचना किसी अन्य वस्तु को खरीदने जैसा आसान बिलकुल नहीं है, की गए और खरीद लिए । इसके लिए स्टॉक मार्किट में निवेश करने वाले व्यक्ति को Broker का चयन करना होगा। Broker कोई व्यक्ति या कंपनी होती है जिन्होंने SEBI, NSE, BSE इत्यादि से यह कार्य करने के लिए License लिए हुए होते हैं। व्यक्ति को चाहिए की वह किसी विश्वसनीय व्यक्तिगत broker या कंपनी को चुने। इसके अलावा व्यक्ति विभिन्न कंपनीयों के साथ जुड़कर ऑनलाइन भी ट्रेडिंग कर सकता है।
4. डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करें
यदि व्यक्ति ने Broker का चयन कर लिया हो तो अगला Step स्टॉक मार्किट में निवेश करने के लिए Demat aur Trading account खोलने का है। Demat account में व्यक्ति के द्वारा ख़रीदे गए share stock करके रखे जायेंगे, और जो व्यक्ति के Stock portfolio में प्रकट होंगे। कोई भी व्यक्ति शेयर को भौतिक रूप से अपने पास नहीं रख सकता अर्थात इन्हें छू नहीं सकता ।
वे डीमेट के रूप में रखे जाते हैं इसलिए broker के माध्यम से ख़रीदे/बेचे जाने वाले Shares को रखने के लिए demat account की आवश्यकता पड़ती है। इसमें व्यक्ति को कभी भी भौतिक रूप से शेयर का प्रमाण पत्र नहीं मिलता है, लेन देन का Transaction केवल और केवल Demat account में ही reflect होता है।
5. डीपोजटरी के बारे में जानें
India में 1992 में हुए शेयर घोटाले के बाद सन 1996 के depository act के अंतर्गत भारत सरकार ने Demat accounts पर नज़र रखने हेतु दो depository companies National Security depository limited (NSDL) और Central depository services India limited (CDSL) को पंजीकृत किया हुआ है।
हालाँकि निवेशक को यह सेवा Broker द्वारा प्रदान की जाती है, लेकिन फिर भी स्टॉक मार्किट में निवेश करने वाले निवेशक को DP के बारे में जानना चाहिए। Bombay stock exchange (BSE) द्वारा प्रमोट की जाने वाली depository CDSL और National stock exchange द्वारा NSDL को प्रमोट किया जाता है । इन दोनों के साथ depositary participant के तौर पर विभिन्न छोटे मोटे Broker कंपनियां और बैंक जुड़े हुए हैं ।
6. बड़े निवेश के लिए UIN की आवश्यकता
स्टॉक मार्किट में निवेश करने वाला व्यक्ति यदि एक बार में 100000 रूपये से अधिक का Trade करना चाहता है तो उसे unique identification number की आवश्यकता हो सकती है । और एक लाख से कम का Trade करने वाले नियमित निवेशक बिना UIN के भी Trade कर सकते हैं।
7. शेयर खरीदना और बेचना
शेयर खरीदने और बेचने के लिए स्टॉक मार्किट में निवेश कर चुके व्यक्ति को चाहिए की वह अपनी आवश्यकतानुसार Broker को फ़ोन करके शेयर खरीदने और बेचने को कहे। उदाहरणार्थ: माना ABC कंपनी के शेयर का मूल्य 450 रूपये प्रति शेयर है, और व्यक्ति चाहता है की जब यह Share का मूल्य 425 हो जाय तो वह उसे ख़रीदे।
इस स्थिति में व्यक्ति अपने Broker को फ़ोन करके कंपनी का नाम, ख़रीदे जाने वाली शेयरों की संख्या और प्रति शेयर मूल्य ब्रोकर को बताकर उसके लिए शेयर खरीदने को कह सकता है। और यही क्रिया शेयर बेचने के लिए भी की जा सकती है । इसमें स्टॉक मार्किट में निवेश करने वाला व्यक्ति ब्रोकर को एक निश्चित मूल्य बताकर कह सकता है की जब उसके शेयर का मूल्य यहाँ तक पहुँच जाये तो वह उन्हें बेच दे।
मोबाइल एप्प के माध्यम से स्टॉक मार्किट में निवेश करना
वर्तमान में टेक्नोलॉजी ने स्टॉक मार्किट में निवेश करना भी काफी आसान कर दिया है । क्योंकि आज के इस दौर में कोई भी इच्छुक व्यक्ति घर बैठे ही अपने मोबाइल एप्प के माध्यम से आसानी से स्टॉक मार्किट में निवेश कर सकता है। जेरोधा, पेटीएम मनी एवं अन्य भी कई ऐसी मोबाइल एप्प हैं, जो बेहद कम ब्रोकरेज पर लोगों को स्टॉक खरीदने और बेचने की सुविधा घर बैठे उनके मोबाइल में प्रदान कर रही हैं।
इस तरह की मोबाइल एप्प के माध्यम से भी स्टॉक मार्किट में निवेश करने के लिए बैंक खाता, पैन कार्ड, आधार कार्ड इत्यादि का होना नितांत आवश्यक है। टेक्नोलॉजी की बदौलत वर्तमान में शेयर मार्किट से पैसे कमाने का इच्छुक व्यक्ति आसानी से घर बैठे स्टॉक मार्किट में निवेश कर सकता है।
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इनका नाम महेंद्र रावत है। इनकी रूचि बिजनेस, फाइनेंस, करियर जैसे विषयों पर लेख लिखना रही है। इन विषयों पर अब तक ये विभिन्न वेबसाइटो एवं पत्रिकाओं के लिए, पिछले 7 वर्षों में 1000 से ज्यादा लेख लिख चुके हैं। इनके द्वारा लिखे हुए कंटेंट को सपोर्ट करने के लिए इनके सोशल मीडिया हैंडल से अवश्य जुड़ें।
गैर सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर में निवेश करने की जानकारी।
दोस्तों, आप शेयर बाजार में शेयर या स्टॉक कई बार ख़रीदा या बेचा है, लेकिन क्या आप जानते है कि शेयर बाजार में विभिन्न कम्पनियाँ सूचीबद्ध कैसे होती है ? आप कौन से मार्किट या स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) से शेयर खरीद या बेच सकते है ? आईये इसका उत्तर जानते है।
किसी भी शेयर या स्टॉक का क्रय या विक्रय प्रतिभूति बाज़ार (Security Market) के अंतर्गत आता है और प्राथमिक बाज़ार (Primary Market) और द्वितीयक बाज़ार (Secondary Market) इसके दो प्रकार है। प्रतिभूति बाज़ार में एनएसई या बीएसई दो प्रसिद्ध स्टॉक एक्सचेंज है। कोई भी कंपनी आईपीओ (IPO) के माध्यम से शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध होता है और निवेशक प्राथमिक बाज़ार से कंपनी के शेयर सीधे खरीदते है। जब कंपनी द्वितीयक बाज़ार में सूचीबद्ध हो जाता है तो निवेशक या ट्रेडर्स उसके शेयर आपस में खरीदते या बेचते है।
क्या अपने गैर सूचीबद्ध स्टॉक (Unlisted Stock) के बारें में सुना है ? गैर सूचीबद्ध कंपनी के शेयर को कैसे खरीद सकते है, कहाँ खरीद सकते है ? आईये गैर सूचीबद्ध स्टॉक के बारें में विस्तार से समझते है।
स्टॉक या शेयर जो आधिकारिक तौर पर शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध नहीं है, इन्हे अनलिस्टेड स्टॉक कहते है। साधारणतः स्टार्टअप या नयी कंपनी यह व्यवसाय इस श्रेणी में आते है, जिसमे इंस्टीटूशनल निवेशक या वेंचर कैपिटल आदि निवेश करते है। यह प्रक्रिया सूचीबद्ध कंपनी के शेयर खरीदने जितना आसान होता है।
स्टॉक या शेयर जो आधिकारिक तौर पर शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध नहीं है, इन्हे अनलिस्टेड स्टॉक कहते है। साधारणतः स्टार्टअप या नयी कंपनी यह एक ब्रोकर में निवेश करें व्यवसाय इस श्रेणी में आते है, जिसमे इंस्टीटूशनल निवेशक या वेंचर कैपिटल आदि निवेश करते है। यह प्रक्रिया सूचीबद्ध कंपनी के शेयर खरीदने जितना आसान होता है।
आईये एक कंपनी "Y" का उदाहरण लेते है। "Y" एक स्टार्टअप कंपनी है और यह किसी भी स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई या बीएसई) में सूचीबद्ध नहीं है। इस कंपनी के स्टॉक को अनलिस्टेड स्टॉक (unlisted stock) कहते है। यदि निवेशक को कंपनी "Y" का व्यावसायिक पद्धति पसंद आता है और उन्होंने कंपनी "Y" में अपने पैसे निवेश करके उस कंपनी के शेयर खरीदते है तो ऐसे स्टॉक को अनलिस्टेड स्टॉक कहते है।
रिलायंस रिटेल, ओला, लावा अदि प्रसिद्ध अनलिस्टेड स्टॉक के उदाहरण है। ये कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज में आधिकारिक रूप से पंकजीकृत नहीं है लेकिन ट्रेडर्स इस कंपनियों में ट्रेड करते है। एक निवेशक या ट्रेडर्स के रूप में, यदि आप भी स्टार्टअप कंपनियों में निवेश करना चाहते है तो अनलिस्टेड स्टॉक एक अच्छा विकल्प है।। आईये जानते है की अनलिस्टेड स्टॉक्स या शेयर में कैसे निवेश करे।
अनलिस्टेड स्टॉक्स लिस्ट्स
आपके मन में एक प्रश्न उठ रहा है कि यदि अनलिस्टेड स्टॉक्स एनएसई या बीएसई स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत नहीं है तो ऐसे स्टॉक्स कैसे ख़रीदे ?
इसका उत्तर है कि अनलिस्टेड स्टॉक्स आप किसी ब्रोकर्स कंपनियों से खरीद सकते है, जैसे Unlisted Zone, Unlisted deals, Buy Sell Unlisted Shares आदि। इसके अलावा अन्य ब्रोकर का सूचि आपको इंटरनेट के माध्यम से मिल जायेगा।
अनलिस्टेड स्टॉक्स कि श्रेणी में भिन्न-2 प्रकार के कंपनियां शामिल है जो निम्नलिखित है।
- प्रसिद्ध कंपनियों की सहायक कंपनियां है। मुख्यतः ये सहायक कंपनियां मूल कंपनी के भाग होते है, जैसे एचडीएफसी सिक्योरिटीज अनलिस्टेड स्टॉक्स है परन्तु यह एचडीएफसी बैंक का हिस्सा है।
- अन्य प्रकार के अनलिस्टेड कंपनियां जो मुख्यतः वित्तीय, तकनिकी या संचार आदि क्षेत्र में शामिल है जैसे ड्रीम 11 कंपनी शामिल है।
अनलिस्टेड स्टॉक्स में कैसे इन्वेस्ट करें
यदि आप भी अन्य निवेशक की तरह अनलिस्टेड शेयर में निवेश करना चाहते है, तो बहुत से माध्यम है जिसके द्वारा आप गैर सूचीबद्ध शेयर में निवेश कर सकते है।
स्टार्टअप से शुरू करें
आप किसी स्टार्टअप कंपनी के शेयर में निवेश करके शुरुवात कर सकते है। स्टार्टअप और छोटी कंपनियां शेयर की बिक्री की गारंटी नहीं देती हैं। स्टार्टअप कंपनी जल्दी और अग्रिम भुगतान करने के लिए पैसे की मांग करती है और ट्रेड के दिन से तीन दिन बाद ही डिलीवरी होती है। इसे आम तौर पर टी+3 डिलीवरी कहा जाता है।
ईसॉप शेयर
ईसॉप शेयर एक अनलिस्टेड स्टॉक है, इस शेयर को खरीदने की अनुमति सिर्फ कंपनी के आंतरिक कर्मचारियों को होता है। ईसॉप शेयर भी अन्य शेयर बाजार के शेयर के सामान होता है। एक ब्रोकर आपके लिए सही अनलिस्टेड स्टॉक खोजने में आपकी मदद कर सकता है।
प्रमोटर्स
आप गैर सूचीबद्ध शेयर में निवेश करना चाहते है तो आप सीधे प्रोमोटर्स (Promotors) से खरीद सकते है। कई निवेश बैंक और निजी प्लेसमेंट निजी या नॉन-लिस्टेड शेयरों को खरीदने में मदद प्रदान कर सकते हैं।
अपने सूचीबद्ध और गैर सूचीबद्ध स्टॉक/शेयर के बारें और उसके अंतर को विस्तृत रूप से समझा। इसके साथ साथ अनलिस्टेड स्टॉक को कैसे ख़रीदे सकते है, कौन -2 से माध्यम से खरीद सकते है इसके बारें में जानकारी हासिल किये।
सिक्योरिटी मार्किट (Security Market) में ऐसे कई तरीके हैं जहा आप एक गैर-सूचीबद्ध स्टॉक खरीद सकते हैं। जैसे स्टार्टअप के शेयर, ईसॉप शेयर और प्रमोटर्स के शेयर को खरीद कर गैर सूचीबद्ध शेयर को खरीद सकते है।
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Share Market For Beginners Full Details In Hindi
नया निवेशक शेयर बाजार में कैसे निवेश प्रारम्भ कर सकता है?
बहुत से लोग हैं जो निवेश करने के इच्छुक हैं, किन्तु शेयर बाजार में निवेश करना नहीं जानते हैं। Share Market For Beginners लेख के माध्यम से, वे शेयर बाजार में निवेश की प्रक्रिया को सीख सीखेंगे कि एक शुरुआत करने वाला शेयर बाजार में निवेश कैसे प्रारम्भ कर सकता है। यह पोस्ट थोड़ी लंबी हो सकती है क्योंकि हम उन सभी बुनियादी बातों को बताने की कोशिश कर रहे हैं जो एक शुरुआती निवेशक को एक ब्रोकर में निवेश करें निवेश करने से पहले पता होनी चाहिए। सुनिश्चित करें कि आप लेख को अंत तक पढे। Share Market In Hindi के बारे में सभी ने सुना होगा मगर वहां क्या होता है इसका ज्ञान हर किसी को नहीं है। इसलिए मैं आज आपको शेयर बाजार क्या है और Share Market For Beginners In Hindi के बारे में बताने जा रहा हूँ।
Share Market में निवेश शुरू करने के लिए आवश्यक है-
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपको जिन चीजों की आवश्यकता होगी, वे हैं:
- बैंक बचत खाता (Saving Account)
- ट्रेडिंग और डीमैट खाता (Demat Account)
- कंप्यूटर/लैपटॉप/मोबाइल (Computer/Laptop/Mobile)
- इंटरनेट कनेक्शन (Internet)
हम उम्मीद करते है कि आप सब के पास अपना Saving Account जरूर होगा और Computer, Laptop या Mobile में से एक चीज़ आप के पास जरूर होगी।
Demat खाता खोलने के लिए किन-किन दस्तावेजों की जरुरत होती है:
- पैन कार्ड ( Pancard)
- आधार कार्ड (Adhaar Card For Address Proof)
- रद्द चेक/बैंक स्टेटमेंट/पासबुक (Cheque/Bank Statement/Passbook)
- पासपोर्ट साइज फोटो (Passport Photo)
आप अपना बचत खाता किसी भी निजी/सार्वजनिक भारतीय बैंक में खुलवा सकते हैं।
ये समस्त दस्तावेज आपके पास होने चाहिये अन्यथा आपको Demat Account को Open करने में बाधा आयेगी।
नए निवेशकों के लिए सलाह (Advice For The Beginners) :
जो अभी-अभी निवेश की दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं, उन्हें कुछ बातों में सावधान रहना चाहिए।
A) केवल अपने अतिरिक्त/सरप्लस फंड का निवेश करें :-
केवल उस राशि का निवेश करें जो आपके दैनिक जीवन को प्रभावित न करे। जितनी हानि उठाने की क्षमता हो उतना ही निवेश करें, खासकर जब आप नए हों और शेयर बाजार में निवेश करना सीख रहे हों।
B) कुछ नकदी (Cash) हाथ में रखें :-
अपना सारा पैसा निवेश करके, अपनी आजादी खोकर फंसें नहीं। वित्तीय स्वतंत्रता के नाम पर अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का त्याग न करें।
अब आप तैयार हैं, तो शेयर बाजार मे निवेश करना सीखने के लिए यहां सात चरण दिए गए हैं।
शेयर बाजार में निवेश कैसे करें? How To Invest In Share Market?
Step 1- अपने निवेश लक्ष्यों को स्पष्ट रखें :-
लक्ष्यों को ध्यान में रखकर शुरुआत करें। जानिए आप निवेश से क्या चाहते हैं?
क्या आप उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए अपने धन को बढ़ाना चाहते हैं? क्या आप किसी खास लक्ष्य के लिए निवेश करना चाहते हैं? या क्या आप दौलत बनाने के साथ-साथ शेयर बाजार के बारे में सीखना चाहते हैं?
यदि आप लक्ष्य-आधारित निवेश की शुरुआत कर रहे हैं, तो विभिन्न निवेश लक्ष्यों के लिए समय सीमा अलग-अलग होगी। आपका लक्ष्य हो सकता है नया घर खरीदना, नई कार, अपनी उच्च शिक्षा के लिए फंडिंग, बच्चों की शादी आदि। जब आप लक्ष्यों को जानते हैं, तो आप तय करते हैं कि आपको कितना मुनाफा चाहिए और आपको कितने समय तक निवेशित रहना है।
Step 2- योजना बनाएं :-
अब आप अपने लक्ष्यों को जानते हैं, तो आपको अपनी रणनीतियों को पर विचार करने की जरूरत है। आपको यह पता लगाने की आवश्यकता हो सकती है कि शेयर बाज़ार में आप एकमुश्त में निवेश करना चाहते हैं या एसआईपी (SIP) में निवेश करना चाहते हैं। यदि आप छोटे आवधिक निवेश की योजना बना रहे हैं, तो विश्लेषण करें कि आप मासिक कितना निवेश करना चाहते हैं।एक आम धारणा है कि निवेश आरंभ करने के लिए एक ब्रोकर में निवेश करें आपको बड़ी बचत की आवश्यकता होती है। आप छोटी मात्रा में धन से भी सुरूआत कर सकते हैं, यह निवेश की आदत बनाने के लिए पर्याप्त है।
Step 3- कुछ निवेश पुस्तकें पढ़े :-
शेयर बाजार में निवेश (Invest In Share Market For Beginners In Hindi) करने से पहले हर निवेशक को शेयर बाजार से सम्बंधित पुस्तकों को पढ़ना चाहिए। ये निवेशक को जागरूक और सावधान करने में सहायक हैं।
Step 4- सही स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker) चुनें :-
ब्रोकर चुनना सबसे बड़े कदमों में से एक है जिसे आपको लेने की आवश्यकता है। भारत में दो प्रकार के स्टॉक ब्रोकर हैं:
- पूर्ण-सेवा दलाल (Traditional Broker)
- डिस्काउंट दलाल (Discount Broker)
A) पूर्ण-सेवा दलाल (Traditional Broker)-
जो स्टॉक, वस्तुओं और मुद्रा के लिए व्यापार, रिसर्च और सलाह सुविधा प्रदान करते हैं। ये ब्रोकर अपने क्लाइंट द्वारा किए जाने वाले प्रत्येक ट्रेड पर कमीशन लेते हैं। वे विदेशी मुद्रा,mutual fund, IPO, FD, BOND और बीमा में निवेश की सुविधा भी देते हैं।
Ex- Icici direct, Kotak Security, Hdfc, Motilal Oswal आदि हैं।
B) डिस्काउंट ब्रोकर्स (Discount Broker)-
डिस्काउंट ब्रोकर सिर्फ अपने ग्राहकों के लिए ट्रेडिंग सुविधा प्रदान करते हैं। वे सलाह नहीं देते। वे कम ब्रोकरेज, Quick Service और Stock, Commodity और Dervatives में व्यापार के लिए एक अच्छा मंच प्रदान करते हैं।
Ex- Zerodha, Upstox, Angel Broking, 5 Paisa, Paytm Money, Groww आदि हैं।
आजकल ज्यादातर लोग डिस्काउंट ब्रोकर चुनने की सलाह देते है क्योंकि यह आपको बहुत सारे ब्रोकरेज शुल्क से बचाता है।
यदि आप एक नया ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की योजना बना रहे हैं तो आप Zerodha में अकाउंट खोल सकते हैं।
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Step 5- शेयरों पर रिसर्च करना शुरू करें और निवेश करें :-
यदि आप किसी कंपनी के उत्पाद या सेवाओं को पसंद करते हैं, तो उसकी मूल कंपनी के बारे में अधिक जानने के लिए रिसर्च करें, जैसे कि यह स्टॉक एक्सचेंज में Listed है या नहीं, इसकी वर्तमान शेयर कीमत क्या है, आदि। अधिकांश उत्पाद या सेवाएं जो आप दैनिक जीवन में उपयोग करते हैं – साबुन, शैम्पू, सिगरेट, बैंक, पेट्रोल पंप, सिम या आपके वस्त्रों से, सभी के पीछे एक कंपनी है। उनके बारे में रिसर्च करना शुरू करे। भारत में सभी सूचीबद्ध कंपनियों की जानकारी सार्वजनिक रूप से इन्टरनेट पर उपलब्ध है।
लोकप्रिय Large-Cap कंपनियों से शुरुआत करें। और एक बार जब आप बाजार में सहज हों, तो Mid-Cap और Small-Cap Comapanies में निवेश करें।
Step 6- अपने प्रदर्शन का Analysis करें :-
आप अपने स्टॉक को ट्रैक करने के लिए Excel या Google का उपयोग कर सकते हैं। इन्टरनेट पर अनेक Paltform उपलब्ध है जो शेयर बाज़ार (Share Market For Beginners In Hindi) में आपका Stock Analysis का काम आसान कर सकते है। किंतु आपको अपने पसंदीदा स्टॉक का गहन अध्ययन करना चाहिए जिससे आप सही स्टॉक को चुनने में सफल हो। इस टॉपिक पर हम आपको अपने अगले आर्टिकल में और विस्तृत जानकारी देने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा, कई वित्तीय वेबसाइट और मोबाइल ऐप भी हैं जिनका उपयोग आप स्टॉक पर नज़र रखने के लिए कर सकते हैं।
Step 7- Exit Plan की योजना :-
स्टॉक से बाहर निकलने के दो तरीके हैं। या एक ब्रोकर में निवेश करें तो प्रॉफिट बुक करके या लॉस में कटौती करके। केवल चार परिस्थितियों में आपको अपने पोर्टफोलियो में एक अच्छा स्टॉक बेचना चाहिए:
- जब आपको पैसों की सख्त जरूरत हो ।
- जब स्टॉक के फंडामेंटल बदल गए हों ।
- जब आपको निवेश का बेहतर अवसर मिले।
- जब आप अपने निवेश लक्ष्यों को प्राप्त कर लें।
अगर आपके निवेश लक्ष्य पूरे हो गए हैं, तो आप शेयरों से बाहर निकल सकते हैं। दूसरी ओर, यदि स्टॉक आपके जोखिम उठाने के स्तर के नीचे गिर गया है, तो स्टॉक से बाहर निकलें।