व्यापार मार्ग

व्यापार मार्ग में बाधा डालने वाले भेजे जाएंगे जेल
भारत-बांग्लादेश व्यापार मार्ग के जरिए होने वाले व्यापार में अड़चन डालना रंगदारों को अब महंगा पड़ेगा। पुलिस प्रशासन की नजरें ऐसे लोगों पर टेढ़ी हो गई हैं और उन्हें चिन्हित करके जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने की कवायद शुरु होने जा रही है।
जलपाईगुड़ी के एसपी आनंद कुमार का कहना है कि आयात निर्यात संघ की ओर से जो शिकायतें मिली है उसके आधार पर इसमें कोई भी दोषी पाया गया तो उसे जेल भेजा जाएगा। पुलिस जिले में किसी प्रकार की रंगदारी बर्दाश्त नहीं करने वाली। इसके लिए वह स्वयं व्यापार मार्ग का दौरा कर रहे हैं। रंगदारों को चिन्हित किया जा रहा है। पुलिस ने व्यापारियों से स्पष्ट कह दिया है कि अगर उन्हें किसी रंगदार की भनक भी लगे वह तुरंत पुलिस को सूचित करें। आयात निर्यात संघ के पदाधिकारी रमानंद प्रसाद कहते हैं कि संघ के द्वारा इसकी शिकायत किए जाने के बाद पुलिस ने मुस्तैदी बढ़ा दी है और फिलहाल कोई परेशानी नहीं आ रही है। रंगदार अगर फिर से सक्रिय होते हैं तो दोबारा पुलिस की मद्द ली जाएगी। मालूम हो कि भारत-बांग्लादेश व्यापार मार्ग के चालू होते ही यहां रंगदार सक्रिय हो गए थे, जो व्यापारियों से व्यापार करने के एवज में रंगदारी की मांग करने लगे थे। जिसकी वजह से इस मार्ग पर तीन दिनों तक व्यापार भी ठप हो गया था।
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व्यापार मार्ग (vyapara marga) का अंग्रेजी अर्थ
नौभार (कार्गो) के लाने-ले जाने के लिये प्रयुक्त मार्गों के नेटवर्क को व्यापार मार्ग कहते हैं। कुछ प्रसिद्ध व्यापार मार्ग ये थे, अम्बर माभारत रोमन पाठ , मसाला मार्ग, पुर्तगालियों द्वारा खोजा गया यूरोप से भारत पहुँचने का समुद्री मार्ग, रेशम मार्ग, रोमन-भारत मार्ग, ग्रैंड ट्रंक रोड आदि।
A trade route is a logistical network identified as a series of pathways and stoppages used for the commercial transport of cargo. The term can also be used to refer to trade over bodies व्यापार मार्ग of water. Allowing goods to reach distant markets, a single trade route contains long-distance arteries, which may further be connected to smaller networks of commercial and noncommercial transportation routes. Among notable trade routes was the Amber Road, which served as a dependable network for long-distance trade. Maritime trade along the Spice Route became prominent during the Middle Ages, when nations resorted to military means for control of this influential route. During the Middle Ages, organizations such as the Hanseatic League, aimed at protecting interests of the merchants and trade became increasingly prominent.
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व्यापार मार्ग का अंग्रेजी मतलब
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"व्यापार मार्ग" के बारे में
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नैगम कार्य मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई है। कंपनी विधि निपटान योजना, योजना की समय अवधि, सीएलएसएस के अंतर्गत उपलब्ध लाभ और सीएलएसएस के अंतर्गत उन्मुक्ति के अनुदान के लिए आवेदन पत्र भरने के लिए शुल्क से सम्बंधित जानकारी व्यापार मार्ग प्रदान की गई है। पूछे जाने वाले प्रश्न के जवाब भी यहाँ से प्राप्त किये जा सकते हैं।
चंडीगढ़ के उद्योग विभाग के बारे में जानकारी प्राप्त करें
गृह सचिव के अंतर्गत आने वाला उद्योग विभाग, चंडीगढ़ के औद्योगिक और वाणिज्यिक विकास के लिए कार्य करता है। विभाग के कार्यों, नियमों, वाणिज्यिक विकास और कानूनों इत्यादि के बारे में व्यापार मार्ग जानकारी उपलब्ध कराई गई है। प्रयोक्ताा छोटी और बड़ी इकाइयों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इंजीनियरिंग उत्पादों, दवाइयों, प्लास्टिक के सामान, सेनेटरी फिटिंग और खाद्य उत्पादों के उत्पादन के बारे में जानकारी दी.
विदेश व्यापार (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम 2010
विदेश व्यापार (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2010 के अंतर्गत विदेश व्यापार (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1992 की धारा 2, 3 और 5 और उसके द्वितीय अध्याय में किये गये संशोधन की जानकारी उपलब्ध कराई गई है। उपयोगकर्ता अधिनियम, उसके लघु शीर्षक, उद्देश्यों और लागू होने से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अधिनियम के अनुभागों और संशोधन से सम्बन्धित विवरण प्रदान किये गये है।
औद्योगिक मॉडल टाउन या पार्क या विकास व्यापार मार्ग व्यापार मार्ग केंद्र स्थापित करने के लिए आवेदन प्रपत्र II
उपक्रमों द्वारा प्रपत्र आईपीएस - 2 का उपयोग औद्योगिक पार्क या शहर / विकास केंद्र की स्थापना के लिए आवेदन करने के लिए किया जा सकता है। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग में आवेदन करते समय प्रपत्र आईपीएस - 1 और आईपीएस - 2 दोनों एक साथ भरे जाते हैं।
औद्योगिक मॉडल टाउन या औद्योगिक पार्क या विकास केंद्र स्थापित करने के लिए आवेदन प्रपत्र
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गए प्रपत्र आईपीएस - 1 का उपयोग औद्योगिक पार्क या शहर / विकास केंद्र की स्थापना के लिए आवेदन करने के लिए किया जा सकता है। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग में आवेदन करते समय प्रपत्र आईपीएस - 1 और आईपीएस - 2 दोनों एक साथ भरे जाते हैं।
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग का ई-बिज़ पोर्टल
ईबिज़ भारत सरकार की ऐसी सुविधा है जहाँ एक ही जगह पर सरकार से व्यवसाय (जी 2 बी) सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। उपयोगकर्ताओं को विभिन्न ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए एक खाता बनाने की जरूरत है। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग की इस पोर्टल की मदद सेउपयोगकर्ता अपने सभी लाइसेंस, मंजूरी, पंजीकरण और नियामक फाइलिंग के लिए आवेदन और प्रबंधन कर सकते हैं। व्यवसाय शुरू करने और इसे चलाने से संबंधित.
राष्ट्रीय व्यापार सूचना केन्द्र की जानकारी
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय व्यापार सूचना केन्द्र (एनसीटीआई) की स्थापना व्यापार डेटा के संग्रह और प्रसार और व्यापार सूचना सेवा में सुधार के लिए संस्थागत तंत्र बनाने के लिए की गई है। सदस्य लॉग इन कर भारत में व्यापार करने संबंधी विभिन्न जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। केंद्र द्वारा दी जाने वाली सेवाओं, व्यापार, सहयोग पर भी जानकारी दी गई है।
प्रमाणन और पेटेंट योजना संबंधी उद्योगों के लिए गोवा राज्य वित्तीय प्रोत्साहन पर जानकारी
गोवा के उद्योग, व्यापार और वाणिज्य (जीडीआइटीसी) निदेशालय द्वारा शुरू की गई राज्य वित्तीय प्रोत्साहन के लिए वर्ष 2003 की उद्योगों की प्रमाणन और पेटेंट योजना से सम्बन्धित जानकारी उपलब्ध कराई गई है। उपयोगकर्ता योजना, उसके उद्देश्यों, पात्रता, सहायता की मात्रा, निगरानी और संवितरण के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया और वितरण प्रक्रिया से भी सम्बन्धित जानकारी उपलब्ध कराई गई.
वाणिज्य विभाग का नागरिक चार्टर
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के नागरिक अधिकार-पत्र उपलब्ध कराए गए हैं। उपयोगकर्ता विभाग के उद्देश्यों, दूरदृष्टि, प्रतिबद्धता, शिकायत प्रकोष्ठ और जनसंपर्क कार्यालय के संपर्क विवरण से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
विदेशी सहयोग और औद्योगिक लाइसेंस के लिए समग्र प्रपत्र
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा उद्यमियों के लिए एक समग्र प्रपत्र उपलब्ध कराया गया है जिसके द्वारा वे औद्योगिक लाइसेंस और विदेशी सहयोग प्राप्त कर सकते हैं। प्रपत्र दो भागों में बांटा गया है। भाग ए विदेशी सहयोग और भाग बी औद्योगिक लाइसेंस के लिए है।
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग का नागरिक चार्टर
उपयोगकर्ता वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग का नागरिक अधिकार-पत्र देख सकते हैं। इस विभाग, इसके मिशन, मूल्यों, औद्योगिक अनुमोदन के मानकों, मुख्य सेवाओं, लेन-देन, हितधारकों आदि के बारे में जानकारी दी गई है। 2010 के बाद के नागरिक अधिकार-पत्र डाउनलोड किये जा सकते हैं।
विदेशी व्यापार से संबंधित जानकारी प्राप्त करें
आप विदेश मंत्रालय के निवेश एवं प्रौद्योगिकी संवर्धन (आईटीपी) प्रभाग द्वारा व्यापार पर दी गई जानकारी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। आप विदेश व्यापार नीति, इसकी प्रवृत्तियों, प्रक्रियाओं, क्षेत्रीय एवं द्विपक्षीय वाणिज्यिक संबंधों इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। क्रेडिट लाइन एवं निर्यात परियोजना के बारे में जानकारी दी गई है। विदेश व्यापार महानिदेशालय, भारत - विश्व व्यापार संगठन.
द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुक्त व्यापार समझौतों के बारे में जानकारी प्राप्त करें
विदेश मंत्रालय के निवेश और प्रौद्योगिकी संवर्धन (आईटीपी) प्रभाग द्वारा द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुक्त व्यापार समझौतों पर प्रदान की गई जानकारी देखें। आप रसायन और उर्वरक, फार्मास्यूटिकल्स और जीवन विज्ञान, ऊर्जा, बैंकिंग और वित्त आदि विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित व्यापार समझौतों पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
विदेश व्यापार नीति के बारे में जानकारी प्राप्त करें
आप विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) के बारे में विस्तृत जानकारी यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं। पर जानकारी प्राप्त करें। आप वर्षों के आधार पर विभिन्न नीतियों, जैसे - विदेश व्यापार नीति 2008-09, विदेश व्यापार नीति 2005-06, विदेश व्यापार नीति 2010-11 के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
व्यापार मार्ग
विन्ध्याचल पर्वत श्रेणी की गोद में फैले हुए विंध्य प्रदेश के मध्य भाग में बसा हुआ रीवा शहर जो मधुर गान से मुग्ध तथा बादशाह अकबर के नवरत्न जैसे – तानसेन एवं बीरबल जैसे व्यापार मार्ग व्यापार मार्ग महान विभूतियों की जन्मस्थली रही है। कलकल करती बीहर एवं बिछिया नदी के आंचल मेें बसा हुआ रीवा शहर बघेल वंश के शासकों की राजधानी के साथ-साथ विंध्य प्रदेश की भी राजधानी रही है। ऐतिहासिक प्रदेश रीवा विश्व जगत में सफेद शेरों की धरती के रूप में भी जाना जाता रहा है। रीवा शहर का नाम रेवा नदी के नाम पर पड़ा जो कि नर्मदा नदी का पौराणिक नाम कहलाता है। पुरातन काल से ही यह एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग रहा है। जो कि कौशाबी, प्रयाग, बनारस, पाटलिपुत्र, इत्यादि को पश्चिमी और दक्षिणी भारत को जोड़ता रहा है। बघेल वंष के पहले अन्य शासकों के शासनकाल जैसे गुप्तकाल कल्चुरि वंश, चन्देल एवं प्रतिहार का भी नाम संजोये है।
रीवा विन्ध्य प्रदेश की राजधानी थी, एवं संभागीय मुख्यालय होने के कारण इस क्षेत्र को एक प्रमुख नगर के रूप मे जाना जाता रहा है, तथा संभागीय मुख्यालय के साथ ही इस क्षेत्र का एक प्रमुख ऐतिहासिक नगर है। रीवा नगर पालिक निगम सन 1950 के पूर्व नगर पालिका के रूप में गठित हुई थी, जनवरी 1981 में मध्यप्रदेश शासन द्वारा नगर पालिक निगम का दर्जा प्रदान किया गया। वर्तमान मे रीवा शहर में कुल 45 वार्ड है, जिसमे 6 वार्ड अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित है, जिसमें वार्ड क्रमांक 1 एवं 43 अनुसूचित जनजाति के लिये तथा वार्ड क्रमांक 28, 38, 39, 40 अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित है।