बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं

Written by: India TV Paisa Desk
Published on: January 19, 2018 12:32 IST
Explainer: क्या है बिटकॉइन सिटी, क्या होगी इसकी खासियत, इन्वेस्टर्स को कैसे होगा फायदा?
प्रतीकात्मक तस्वीर
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 23 नवंबर 2021,
- (Updated 23 नवंबर 2021, 8:34 PM IST)
सबसे पहले अल सल्वाडोर ने दी बिटकॉइन को क़ानूनी मान्यता
जरा सोचिये 13 साल पहले एक आइडिया जो केवल एक इंसान के दिमाग में था आज लाखों लोगों द्वारा ट्रेडिंग का एक जरिया बन गया है. ये है अल्टरनेट फाइनेंशियल सिस्टम, बिटकॉइन. अब इसका एक शहर बनने जा रहा है. जी हां, मध्य अमेरिका का देश अल सल्वाडोर दुनिया की पहली बिटकॉइन सिटी बनाने वाला है. ये एक अलग शहर होगा जहां लोग इन्वेस्ट कर सकेंगे.
इस शहर को बिटक्वाइन पर आधारित बॉन्ड्स के जरिए फंड किया जाएगा. अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने इसकी घोषणा की है. उन्होंने अपने देश की इकोनॉमी में निवेश बढ़ाने के लिए क्रिप्टो करेंसी पर ये बड़ा दांव लगाने का ऐलान किया है. दुनिया का पहला बिटकॉइन शहर ला यूनियन के ईस्टर्न रीजन में बनाया जाएगा वैट (Value Added Tax) के अलावा दूसरा किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना होगा. बुकेले ने इस शहर में निवेश करने के लिए लोगों को आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा कि “यहां निवेश करिए और भरपूर रिटर्न हासिल करिए.”
क्रिप्टोकरेंसी है क्या?
क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल डिजिटल करेंसी है। चलन के लिहाज से ये रुपया, डॉलर या पाउंड जैसी ही होती है। क्रिप्टोग्राफी के सिद्धांत पर काम करने वाली ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से यह वर्चुअल करेंसी बनी है। इसी वजह से इसे क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं। फर्क ये है कि रुपया, डॉलर या पाउंड को देश के केंद्रीय बैंक जारी और नियंत्रित करते हैं, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी पर किसी का कोई कंट्रोल नहीं होता है। यह पूरी तरह से विकेंद्रीकृत व्यवस्था है। कोई भी सरकार या कंपनी इस पर नियंत्रण नहीं करती। इसी वजह से इसमें अस्थिरता भी है। यह जिस डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम पर काम करती है, उसे न तो कोई हैक कर सकता है और न ही किसी तरह की छेड़छाड़ कर सकता है।
दुनियाभर में कई क्रिप्टोकरेंसी हैं, जिनका लेनदेन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और एक्सचेंज पर किया जा सकता है। इनमें सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन है। अगर आप क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने का सोच रहे हैं तो आपको क्रिप्टो वॉलेट खोलना पड़ेगा। यह वैसा ही है, जैसा आप स्टॉक ट्रेडिंग करने के लिए डीमैट अकाउंट खोलते हैं। क्वॉइनस्विच कुबेर, उनोकॉइन, वजीरएक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर कोई भी क्रिप्टो वॉलेट खोल सकता है। इसके लिए KYC समेत अन्य औपचारिकताओं को पूरा करना होगा। इसके बाद आपको क्रिप्टो में निवेश करने के लिए अपने बैंक से पैसा डिपॉजिट करना होगा।
क्रिप्टो और अधिकृत डिजिटल करेंसी में क्या फर्क है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी जारी करेगा। कोई भी मुद्रा 'करेंसी' तभी कहलाती है, जब केंद्रीय बैंक उसे जारी करता है। जो भी केंद्रीय बैंक के दायरे से बाहर है, उसे हम करेंसी नहीं कहेंगे। हम ऐसी 'करेंसी' पर टैक्स नहीं लगा रहे हैं, जिसे अभी जारी होना बाकी है। डिजिटल रुपये को RBI जारी करेगा, यही डिजिटल करेंसी कहलाएगी। इसके अलावा वर्चुअल डिजिटल दुनिया में जो कुछ है, वो संपत्तियां हैं। इसी तरह वित्त सचिव टीवी सोमनाथन कहते हैं कि भले ही क्रिप्टो पर टैक्स लेने का नियम बना है, तब भी ये वैध मुद्रा नहीं होगी।
आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी देश के केंद्रीय बैंक का नियंत्रण नहीं है। वहीं, भारत में जारी होने वाली डिजिटल करेंसी को भारतीय रिजर्व बैंक नियंत्रित करेगा।
तो क्या क्रिप्टो में किए पूरे निवेश पर टैक्स देना होगा?
ऐसा नहीं है। आपको केवल क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर टैक्स बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं देना होगा। उदाहरण के लिए अगर आपने पांच हजार रुपये की क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं खरीदी और उसे पांच हजार 500 रुपये में बेच दिया, तो आपको बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं केवल 500 रुपये पर 30 फीसदी यानी 150 रुपये टैक्स देना होगा।
नहीं। वित्त मंत्री ने साफ कहा है कि जिसे क्रिप्टोकरेंसी मिलेगी उसे टैक्स देना होगा। यानी, अगर आप अपने किसी मित्र को एक बिटकॉइन गिफ्ट करेंगे तो उसे टैक्स देना होगा। हालांकि, अभी ये साफ नहीं है कि विरासत में मिली क्रिप्टोकरेंसी पर ये टैक्स लगेगा या नहीं। कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यह नियम गिफ्ट टैक्स के तहत लगेगा। गिफ्ट टैक्स के नियम साफ हैं कि निकट रिश्तेदार यानी बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं भाई-बहन को दिये तोहफे पर टैक्स नहीं चुकाना होता।
1% टीडीएस की बात भी तो कही गई है वो कैसे लगेगा?
वित्त मंत्री ने बजट पेश करने बाद की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हर क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर 1% का टीडीएस लगेगा। ये टीडीएस ट्रांसफर करने वाले को देना होगा।
दरअसल, सरकार इतना टैक्स लगाकर कर क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले निवेश को हतोत्साहित करना चाहती है। हालांकि, क्रिप्टो वर्ल्ड से जुड़े लोग सरकार के इस कदम को डिजिटल असेट को मुख्यधारा में शामिल करने के एक कदम के रूप में देख रहे हैं। वहीं, कॉइनस्विच के आशीष सिंघल इसे पूरे क्रिप्टो वर्ल्ड के लिए एक सकारात्मक कदम मानते हैं।
Cryptocurrency में नुकसान से बचने के तरीके
क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के बीच में बहुत ही पॉपुलर इन्वेस्टमेंट का जरिया बन चुका है. इसमें अनिश्चितता और उतार-चढ़ाव रहने के बावजूद इसमें लगातार निवेश बढ़ रहा है. इसके पीछे कारण है कि क्रिप्टो में निवेश अच्छा रिटर्न भी देता है। इसलिए आज हम बात करेंगे कि क्रिप्टो करेंसी में सुरक्षित निवेश कैसे बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं करें और क्या क्या सावधानियां बरतें जिससे कि हमें नुकसान का सामना ना करना पड़े।
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Crypto currency |
Cryptocurrency क्या है? ट्रेडिंग से पहले जान लें जरूरी बातें
- Paurav Joshi
- Publish Date - August 11, 2021 / 02:48 PM IST
बिटकॉइन एक किस्म की वर्चुअल करेंसी है. जो 2009 मं शुरू हुई थी. फिलहाल बिटकॉइन तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं.
एक वक्त था, जब दुनिया में कोई मुद्रा (Currency) नहीं थी. सिर्फ वस्तुओं के बदले वस्तुओं का लेन-देन होता था. लेकिन उसके बाद नोट और सिक्के अस्तित्व में आए. आज यही नोट और सिक्के हमारी मुख्य Currency हैं. लेकिन इसके अलावा भी एक करेंसी है, जो पूरी तरह Digital है. इसे Cryptocurrency कहा जाता है.
आखिर क्या है क्रिप्टो करेंसी?
बिटकॉइन क्या है?
बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी का एक प्रकार है, यह एक डिजिटल करेंसी है और करेंसी की यूनिट निर्माण को रेगूलेट करने तथा फंड ट्रांसफर को प्रमाणित करने के लिए इसमें एनक्रिप्शन टेक्निक का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक ऐसा धन है, जिसका कोई भौतिक स्वरूप नहीं होता लेकिन इसमें कई सारे कोड होते हैं। बिटकॉइन के बारे में सबसे ज्यादा रोचक बात यह है कि दुनियाभर बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं के बहुत से केंद्रीय बैंकों ने इसे कानूनी मान्यता प्रदान नहीं की है। संक्षेप में कहें तो बिटकॉइन एक ऐसा धन है जिसकी कोई भौतिक उपस्थिति नहीं हैं और इसकी कोई सॉवरेन वैल्यू भी नहीं है। यह केवल एक डिजिटल और प्राइवेट करेंसी है।
किसने की Bitcoin की खोज?
इसके बारे में किसी को कुछ भी स्पष्ट तौर पर पता नहीं है। एक व्यक्ति जिसका नाम सतोशी नाकामोतो है उसने 2009 में बिटकॉइन की शुरुआत की। शायद यह सरकारी रेगूलेशन से मुक्त एक बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं समानांतर करेंसी सिस्टम बनाने का एक प्रयास था। सतोशी नाकामोतो के पास वर्तमान में लगभग 7.5 अरब डॉलर की करेंसी होने का अनुमान है।