डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है?

आरबीआई जो रुपये का संरक्षक है, उसकी कोशिश थी कि यह 80 के स्तर को न पार करे. लेकिन आरबीआई अपनी कोशिश में कामयाब नहीं हो पाया और 22 सितंबर को रुपया 80.98 के अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच गया और 23 सितंबर 2022 को 81.25 का एक नया इंट्रा-डे लो बना दिया और आज यानी बुधवार को यह अभी तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. आज एक डॉलर की कीमत 81.93 रुपये हो गई है.
USD/INR - अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया
USD INR (अमरीकी डॉलर बनाम भारतीय रुपया) के बारे में जानकारी यहां उपलब्ध है। आपको ऐतिहासिक डेटा, चार्ट्स, कनवर्टर, तकनीकी विश्लेषण, समाचार आदि सहित इस पृष्ठ के अनुभागों में से किसी एक पर जाकर अधिक जानकारी मिल जाएगी।
समुदाय परिणामों को देखने के लिए वोट करें!
USD/INR - अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया समाचार
अंबर वारिक द्वारा Investing.com- अधिकांश एशियाई मुद्राएं सोमवार को लुढ़क गईं, युआन विशेष रूप से कठिन हो गया क्योंकि चीन ने दैनिक COVID मामलों में रिकॉर्ड छलांग लगाई, जबकि.
अंबर वारिक द्वारा Investing.com- अधिकांश एशियाई मुद्राएं बुधवार को डूब गईं क्योंकि पोलैंड पर संभावित रूसी मिसाइल हमले ने निवेशकों को जोखिम-संचालित संपत्तियों से दूर कर दिया, जबकि.
अंबर वारिक द्वारा Investing.com-- तीसरी तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था के अप्रत्याशित रूप से सिकुड़ने के बाद मंगलवार को जापानी येन सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली एशियाई मुद्राओं में.
USD/INR - अमरीकी डॉलर भारतीय रुपया विश्लेषण
भारत का बेंचमार्क स्टॉक इंडेक्स निफ्टी सोमवार को शुरुआती कारोबार में 18209.80 के आसपास फिसल गया, जो उच्च फेड टर्मिनल दर डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? की चिंता के बीच नकारात्मक वैश्विक संकेतों पर लगभग -140 अंक.
# USDINR दिन के लिए ट्रेडिंग रेंज 81.41-81.97 है।# रुपए में संघर्ष हुआ, क्योंकि फेड अधिकारियों की टिप्पणियां मोटे तौर पर इस संदेश में डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? सुसंगत थीं कि अमेरिकी दरों को और बढ़ने की.
# दिन के लिए USDINR ट्रेडिंग रेंज 81.31-81.95 है।# रुपये में गिरावट आई क्योंकि निवेशकों ने फेड की आक्रामक टिप्पणी और मजबूत अमेरिकी खुदरा बिक्री डेटा पर प्रतिक्रिया व्यक्त की।#.
तकनीकी सारांश
मैं आपको स्व-व्यापार के खिलाफ दृढ़ता से सलाह देता हूं, यह वास्तव में खतरनाक है और इसने बहुत सारे निवेशकों को नीचे ला दिया है, आपको ज्ञान और रणनीतियों के साथ किसी की आवश्यकता है, जो क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार व्यवसाय के लिए समर्पित है, और मैं विशेषज्ञ की सिफारिश करूंगा 🄼🄰🅃🄸🄻🄳🄰🄼🄴 🄸🄽🄷🄰🅁🄳_🄲🅁🅈🄿🅃🄾_🄴🅇🄿🄴🅁🅃 उसकी विश्वसनीयता और प्रभावशीलता के लिए। उस पर visit her @ 🅘🅝🅢🅣🅐🅖🅡🅐🅜
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है। इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
'डॉलर के मुकाबले दुनिया की बाकी मुद्राओं से रुपया मजबूत,' बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
aajtak.in
- पुणे,
- 24 सितंबर 2022,
- (अपडेटेड 24 सितंबर 2022, 10:50 PM IST)
डॉलर के मुकाबले रुपए में लगातार कमजोर होने पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि दुनिया की बाकी मुद्राओं की तुलना में रुपया अधिक मजबूती से खड़ा रहा है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया काफी मजबूत देखा जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं.
सम्बंधित ख़बरें
अचानक रुपये में भूचाल, डॉलर के मुकाबले गिरने का बना नया रिकॉर्ड
हर डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? रोज बन रहा है गिरने का रिकॉर्ड, आखिर कहां तक गिरेगा रुपया?
'यूएस डॉलर के मुकाबले इसलिए गिर डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? रहा भारतीय रुपया. ',
रुपया गिरा धड़ाम, डॉलर के मुकाबले बुरी तरह टूटा, पहली बार पहुंचा 83 के पार
रुपये ने बनाया गिरने का रिकॉर्ड, पहली बार 82 के पार, आप पर होगा ये असर
सम्बंधित ख़बरें
बता दें कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 81 रुपये के करीब पहुंच गया है. पिछले कुछ महीनों में रुपये की कीमत में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. इसे लेकर अलग-अलग तर्क दिए जा रहे हैं. शुक्रवार को 83 पैसे की गिरावट हुई, जिसे पिछले सात महीने में एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट मानी गई है. इससे पहले अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे गिरा था और 80.98 के निचले स्तर पर पहुंच गया था.
हर रोज बन रहा है रुपये के गिरने का रिकॉर्ड
अमेरिका में ब्याज दरें लगातार बढ़ (US Rate Hike) रही हैं. इस सप्ताह अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने लगातार तीसरी बार ब्याज दर में 0.75 फीसदी की भारी-भरकम बढ़ोतरी की. दरें बढ़ने की रफ्तार में सुस्ती नहीं आने का संकेत मिलने से दुनिया भर की करेंसीज डॉलर के मुकाबले तेजी से गिर रही हैं. फेडरल रिजर्व का संकेत मिलने के बाद इन्वेस्टर्स दुनिया भर के बाजरों से पैसे निकाल रहे हैं और सुरक्षा के लिहाज से अमेरिकी डॉलर में अपना इन्वेस्टमेंट झोंक रहे हैं. इस कारण भारतीय मुद्रा 'रुपया (INR)' समेत तमाम अन्य करेंसीज के लिए ये सबसे खराब दौर चल रहा है.
Rupees Vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू में आया उछाल, जानें कहां पहुंच गई भारतीय करेंसी
TV9 Bharatvarsh | Edited By: राघव वाधवा
Updated on: Sep 08, 2022 | 5:25 PM
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और घरेलू शेयर बाजारों में मजबूती के बीच रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 23 पैसे की तेजी के साथ 79.72 (अस्थायी) पर बंद हुआ है. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में स्थानीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 79.72 पर खुली है. दिन में कारोबार के दौरान इसने 79.65 का ऊपरी और 79.83 का निचला स्तर देखा है. कारोबार के आखिर में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 79.72 पर बंद हुआ है, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 23 पैसे की बढ़त है.
आप-हम पर क्या होता है रुपये का असर?
रुपये की गिरावट का असर आम जन डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? जीवन पर देखा जा सकता है. हाल के दिनों में महंगाई दर के रूप में यह देखा भी जा रहा है. रुपये में कमजोरी से अंतररराष्ट्रीय बाजार से आयात की गई कमोडिटी में किसी भी कमी का असर घट जाती है. ऐसे में कच्चे तेल में गिरावट का फायदा पाने में और समय लगेगा क्योंकि कीमतों में गिरावट के बीच रुपये में कमजोरी से आयात बिल बढ़ जाएगा और इससे सरकारी खजाने पर बोझ बना रहेगा. अभी विदेशी बाजारों में कच्चे तेल में गिरावट देखी जा रही है, लेकिन रुपया कमजोर होने के चलते इसका फायदा आम लोगों को नहीं मिल पा रहा है.
आम जन को फायदा तब मिलता है, जब विश्व बाजारों में कमॉडिटी के भाव गिरेंगे और रुपया, डॉलर के मुकाबले मजबूत स्थिति में आता है. आम लोगों को महंगाई के मोर्चे पर राहत तभी मिलती है, जब वैश्विक बाजार में कमॉडिटी के भाव गिरे और रुपया मजबूत हो. हालांकि हाल की गिरावटों को देखकर इतना जल्द रुपये में मजबूती की संभावना नहीं दिखती. रुपया लगातार कई दिनों से डॉलर के मुकाबले निचले स्तर पर चल रहा है.
डॉलर के मुकाबले क्यों गिरता जा रहा है रुपया, भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या होगा इसका असर? | Explained
Published: September 28, 2022 12:37 PM IST
Dollar Vs Rupee : अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया जुलाई 2022 से 79-80 के बीच उतार-चढ़ाव कर रहा है. डॉलर इंडेक्स 104.30 के स्तर से बढ़ रहा है. यूएस फेड ने अपनी पिछली बैठक में ब्याज दरों में 75 बीपीएस की बढ़ोतरी की और नवंबर में इसे 75 बीपीएस और दिसंबर में 50 बीपीएस बढ़ाने का संकेत दिया है.
Also Read:
डॉलर इंडेक्स जो उस समय 107 पर था, बढ़कर 111.60 पर पहुंच गया है. यूरो नीचे गिरकर 0.98 और GBP अपने 20 साल के निचले स्तर 1.12 पर आ गया. डॉलर इंडेक्स अभी भी 112 के स्तर की ओर तेजी से जाता हुआ देखा जा रहा है.
भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर?
रुपये के कमजोर होने का सबसे बड़ा असर मुद्रास्फीति पर पड़ता है, क्योंकि भारत अपने कच्चे तेल का 80% से अधिक आयात करता है, जो भारत का सबसे बड़ा आयात है.
तेल दो महीने से अधिक समय से 100 डॉलर प्रति बैरल के आसपास मंडरा रहा है और कमजोर रुपये से मुद्रास्फीति के दबाव में इजाफा होगा. भारत उर्वरकों और खाद्य तेलों के लिए भी अन्य देशों पर बहुत अधिक निर्भर है. क्रिसिल के अनुसार, देश का उर्वरक सब्सिडी बिल इस वित्त वर्ष में 1.9 ट्रिलियन रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचने के लिए तैयार है.
कमजोर रुपया जहां आयात को महंगा बनाता है, वहीं इसके कुछ फायदे भी हैं. यह हमारे निर्यातकों को सैद्धांतिक रूप से अधिक प्रतिस्पर्धी बनाता है.
भारत के प्रमुख निर्यात आइटम जैसे रत्न और आभूषण, पेट्रोलियम उत्पाद, जैविक रसायन और ऑटोमोबाइल, और मशीनरी आइटम में आयात की मात्रा काफी अधिक है. आपूर्ति की कमी के कारण कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ, निर्यातकों के लिए उत्पादन की लागत बढ़ जाएगी, जिससे उनके मार्जिन पर असर पड़ेगा.
लगातार काफी समय की गिरावट के बाद डॉलर के मुकाबले रुपये में नज़र आई मजबूती
राज एक्सप्रेस। आज पूरे विश्व में सिर्फ एक ही मामले की चर्चा है और वह है यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा युद्ध। इस युद्ध के चलते सबसे ज्यादा असर शेयर मार्केट पर देखने को मिला है पर इसमें लगातार काफी समय तक भारी गिरावट देखने को मिलती रही और शेयर मार्केट (Share Market) में दर्ज हुई गिरावट का असर भारत के रूपये पर पड़ता रहा है। डॉलर के मुकाबले इसमें अब तक रिकॉर्ड स्तर की गिरावट दर्ज हो चुकी है। हालांकि, आज गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती देखने को मिली है।
रुपये में दर्ज हुई मजबूती :